धन्य है ये धरा , धन्य है वो माता जिन्होंने आप जैसे विद्वान, संतश्रीरोमनी , दिव्यत्व संत को इस समस्त संसार के उद्धार के लिए जन्म दिया। प्रणाम है गुरुजी आपको।
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!! श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!! श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!! श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!! श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!! श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!! श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!! श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!! श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!! श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!! 🙏🙏🌹🌹 श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!! श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!! श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!! श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!! श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!! श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!! श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!! श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!! श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!! श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!! 🙏🙏🌹🌹
आप के श्री चरणों में बार बार प्रणाम 🙏मेरी विनंति है सब संतों से, कि भक्ति के साथ साथ सभी में देशभक्ति भी जगानी अतिशय आवश्यक है,और सभी सनातनी एक ही है,वो बात उनके दिमाग में द्रडता से बैठनी ज़रूरी है।गौहत्या बंद कराने की ज़िम्मेदारी भी आपको ही लेनी चाहिए।आप संतों की एक हाकल से ही सभी एकजुट हो जायेंगे।अभी समय ऐसा आया है की कथा के साथ ये ज़िम्मेदारी भी आप लोगों को ही लेनी पड़ेगी।विधर्मी बड़े शैतान है,सनातन धर्म और हमारी बहू-बेटियाँ दोनों को ईनसे बड़ा खतरा है।गुस्ताखी के सिए माफ़ी चाहती हूँ।पर सभी संतों मिल के ईस बाबत पर ग़ौर करन ये मेरी विनंति है।जय सनातन धर्म जय भारत🙏
❤ बंगाल में एक अवतारी पुरूष प्रकट हुए थे - प्रभु जगद्बन्धु। राधा रानी ने उन्हें दीक्षा दी थीं। वे राधा शब्द सुन भी नहीं पाते थे। सुनते ही बेहोश हो जाते थे। एक बार नाव पर सवार थे कि किसी ने भजंन गाना शुरू किया जिसमें राधा शब्द आया और तभी बंधु प्रभु बेहोश हो कर नदी में गिर पड़े। हाहाकार मच गया। बड़ी मुश्किल से मल्लाहों ने जान बचाई। चैतन्य महाप्रभु के साथ भी ऐसा ही होता था। बस यही असली कारण है - भागवत में राधा शब्द नहीं लिखे जाने का। अपार प्रेम से देह से सुगंध निकलने लगती है। यह बात शास्त्रों में नहीं है पर महाप्रभु चैतन्यदेव के सम्प्रदाय के संत कहते हैं कि राधारानी की देह से केशरकमल के फूलों की दिव्य सुगंध निकलती थी। सिर्फ इतना ही क्यों --- वृषभानुनंदिनी राधा के मल मूत्र से भी दिव्य कमल की सुगंध निकलती थी। जब बालिका वृषभानुसुता गोद में हगमूत देती थी तो पूरा क्षेत्र दिव्य सुगंध से गुलजार हो जाता था। क्या यह कविकल्पना है या सत्य है - ???? ऐसा प्रश्न था मेरे हृदय में, परन्तु बंगाल के महान राधाभक्त और प्रभु जगद्बन्धु के महान प्रशिष्य (यानी शिष्य के शिष्य) तथा विश्वविख्यात विद्वान डॉक्टर महानामव्रत ब्रह्मचारीजी महाराज का मैंने दर्शन किया और एक दिन महाराज भी मंदिर प्रांगण में ही मलत्याग कर दिया था, तो पूरा मंदिर,उसके आसपास के इलाके, यहाँ तक कोलकाता के उस मंदिर के सामने के VIP Road तक दिव्य अद्भुत स्वर्गीय सुगंध से घंटों गमगमाता रहा। जब राधारानी के भक्तों की ऐसी दिव्यता है तो न जाने वो प्रेम की अगाध सागरिका कैसी होंगी - ??? 🌹🌹🌹🙏🙏🙏🕉🕉🕉
अक्षरश: सत्य सत्यानन्द परमानन्द, विशेषण छोटे पड़ जाते हैं, श्रील महाप्रभु के महिमा तौ अपरम्पार है उसकी पूर्णता केबिना अंत अधूरा रहैगा.. कि श्रीकृष्णचैतन्यचंद्र हैं ही मिलितविग्रह ठाकुरठकुरानी चन्द्र राधिके के, और अलग से आस्वादन किया श्रीगदाधरपण्डित महाशय ने सो निमाइगदाइ सदैव एक साथ रहे आए, द्वापर में राधिकेविरह का और विकास साथसाथ आस्वादन करने हेतु... सो पञ्चतत्व में श्रीश्रीगौरगदाधर ही मूल मौलिक महा तत्व हैं शेष महाविष्णु_शम्भु नारदादि अन्तरंग पार्षदगण 🙏🏼👣👣🙏🏼
दंडवत प्रोनाम अपका भक्ति दर्शन बहुत उन्नोत है। अपके महान पिता माता के चरणों में बहुत बहुत प्रोनम को जी सनातन के प्रोचत के लिए इतना महान आत्मा को जन्म दिया।❤
आदरणीय परम पूज्य गुरुदेव श्री के श्री चरणों में कोटि कोटि दंडवत प्रणाम 🙏🏻मैं जब भी आपकी कोई कथा श्रवण करता हूं तो मुझे ये गर्व होता है की मैं भाग्यशाली हूं कि आप जैसा सरस विद्वान् हमारे समय में इस धरती पर विद्यमान हैं मेरी बहुत बड़ी इच्छा है कि आप के श्री मुख से अपनी माता जी को श्री मद भागवत की कथा श्रवण करवाऊं लेकिन सैयद ये मेरे छमता में नही,,,,,कोटि कोटि दंडवत प्रणाम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
@@shalisaxena1498According to durga saptsati Mahalakshmi ka he roop h saari deviya Laksmi maa, parvati maa , sarsvati maa And fir baaki avtar iin 3 deviyo ke h overall sab ek he h
स्वामी जी को असंख्य बार नतमस्तक हो सादर सविनय करबद्ध प्रणाम......✍️🌹🙏 मैं धन्य हूं आपके कनखल में दो बार साक्षात दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है , और आपके आदेश आग्रह पर भोजन भी ग्रहण किया 🌹🙏
श्रीराधा मैं सभी संत भगवान् में आदर भाव रखता हूँ परन्तु श्रद्धा सिर्फ गुरुजनों में पूज्य पाद श्री प्रेमानंद जी में और आज जो अनायाश ही आपके प्रति श्री राधा कृष्ण🙏🙏🙏🙏🙏
श्री जी पर कोई अन्तर नहीं पड़ता कि भागवत में नाम है कि और ना ही भक्तों पर परन्तु पालघर में संतों की वीभत्स हत्या करने वाले अभी भी अचिन्हित क्यों है इससे हमारा कलेजा दरकता है।
महाराज जी को नमन । श्री गीता जी में योग पर बोला गया । जब योग सिद्ध हुआ तो कोई किसी से अलग नहीं रह गया । क्या राधा , क्या कृष्ण , क्या आप ओर क्या मैं । बोलने वाले ने कुछ इस तरह बोला जैसे कुछ भी मुझसे अलग ही नहीं । जिस व्यक्ति के सामने वो बोले , उसके बारे में बोले , योग के बारे में बोले तो जैसे किसी के बारे में बोलना ही ना बचा । वो आप भी का रहे हो वो सांकेतिक भाषा में बोले । धन्यवाद श्री महाराज जी ।
@@RaviKumar-so7eh yaha pratima ka matlab murti se nhi hai pura shlok padha karo bo ye hai न तस्य प्रतिमाऽअस्ति यस्य नाम्नं महद्य:।हिरण्यगर्भभऽ- इत्येष मा मां हि सीदित्येषा यस्मान्न जात इत्येषः Yaha pratima ka arch unke saman koi nhi hai and ramayana me likha hai ki jab bhakto ko sagon roop ke darshan chahiye to bhagwan roop bhi dharan karte hai Radhe Radhe ❤
प्रिय आत्मीयजनों यदि कोई हरि:भक्त है तो उसे किसी अन्य को मानने या न मानने का कोई अर्थ नहीं है!क्योंकि सभी अन्य जो अन्य प्रतीत मात्र होते हैं,वह हरि:नारायण के ही विभिन्न रुप हैं!नाम हैं,इसलिए यदि कोई आपसे कहे के इनका नाम नहीं लिया या उनका नाम नहीं लिया तो दोष है या पाप है तो उस मूढ की बातें न सुनें न माने पर किसी का अपमान भी न करें!कोई कहता है के मैं मात्र हरि: को नहीं मानता उनके साथ राधा या लक्ष्मी आदि को भी मानता हुँ तो उसे मानने दो क्योंकि वह अज्ञानी है वह नारायण को उनके अन्य रुपों से भिन्न देखता है इसलिए एैसा कहता है!पर सत्यनारायण तो अनंतरुपधारी होकर भी एक ही हैं!इसलिए राधा नारायण कहने वाले भी सही हैं,और मात्र नारायण कहने वाले भी सही हैं,दोनों को एक ही परमधाम प्राप्त होता है...हरि:ऊँ तत् सत्
manishzzak2336 वेद और उपनिषद जिसके विषय में चर्चा कर रहे हैं ना हम वही हैं,पर तुम्हारी समझ के स्तर पर आकर कहें तो हमें वेद व उपनिषद को लिपिबद्ध करने करवाने वालों के समान उसी हरि: ने यह अधिकार दिया है!जिसने वेदों उपनिषदों के रिषियों को दिया था!इसलिए वेद वेद कूराण कूराण का जप करने से अच्छा है!हरि: हरि: का जप करो!अन्यथा भटकने के अतिरिक्त अबतक तो कुछ पाया नहीं है!आगे भी खाली हाथ ही जाने वाले बने रह जाओगे!
@@Swayampradeept arjun hari hari kartey reh jatey or duryodhana yudha jeet ta .... hari ko yudha me geeta ka gyaan arjuna ko dena pada jisme karmayog bhakti yog or sankhya yog bhi hai hanuman chalisa bhi jai Hanuman gyaan gun sagar se shuru hota h na ki hanuman isliye mahaan they ke vo ram ka naam japtey they ...aap apne hari ko apne parishram or gyaan se prapt karo na ki kisi parampara se naam rat kar warna vedvyas ne puri book hari ka naam liya h vyaas ki puja bhi hoti duniya me
@@manishzzak2336 जी हमने कहाँ न वत्स अपनी योग्यता से अधिक सोचना व्यर्थ सोचना है!मानना तो और भी बडी़ मूढता है!अर्जुन कृष्ण संवाद किसी संसारिक युद्ध के लिए नहीं है!यथार्थ गीता को पढो़ इसे समझने के लिए या फिर हमारी शरण में आओ तब हम समझायेंगे!कहोगे तो फोन नम्बर दे देंगे!और यदि आपको लगता है के आप स्वयं ज्ञानी हैं तो हम ज्ञानी लोगों को ज्ञान नहीं देते!क्योंकि ज्ञानी हमें नहीं जान सकता!क्योंकि उसमें हमें जानने का अहम् रहता है!पर यदि आप उसे सांसारिक युद्ध समझो तो भी हरि: ने ही वह युद्ध कृष्ण के रुप में आकर धर्म के पक्ष में किया!यह तो कृष्ण रुपी हरि: का ही कार्य है!उसे अर्जुन या किसी और का कार्य मानना शुद्ध अज्ञान है!क्योंकि अपौरुषेय कर्म कोई भी जीव नहीं कर सकता!न किया है कभी!जबभी कोई आश्चर्यजनक कर्म होता है तो समझना के वह नारायण ही कर रहे हैं!पर समस्या यह है के किताब के बंदी लोग यह बातें नहीं समझ सकते!इसके लिए अपने अपने किताबी कुएँ से बाहर आकर चैतन्य के सागर में डुबकी लगानी होगी!अर्थात प्रथम तो अपने आत्मा से पश्चात परमात्मा से एकरुप होना होगा!तभी समझ सकोगे!के अर्जुन कृष्ण का अनुरागी मन है,और अर्जुन रुपी अनुरागी मन के आत्मा हैं कृष्ण!और परमात्मा तो नारायण रुप हरि: रुप हैं ही सबके आधार उनकी तो बात ही निराली है!
Shi bole Usha ji aap aapne jo line likhi h wo vindeswari chalisa ki line h And sabhi mata Devi ek he h Durga saptsati ke according Mahalakshmi ke he roop h saari deviya Par ye sab pade bas yt par iska aada video dekha uska video dekha fir log yha vha ulta sidha comment karte firte h na padte h na likhte h
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम हरे राम हरे राम हरे राम हरे राम हरे राम हरे राम हरे राम हरे राम हरे राम हरे राम हरे राम हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे
Avdeshanand Giri ji Maharaj ki jai! His excellency's Katha is better than the best music. He transports me into a beautiful world. Love and prayers at His lotus feet
आप को नमन करता हुँ और प्रार्थना हैं, आप जैसा समय के महापुरुष हम सभी को ये क्यू नहीं समझा पाते शिव पार्वती, लक्ष्मी नारायण, राधाकृष्ण और संसार के सारे सृष्टि एक ही हैं, जो नाम और फल की भिन्नता की चर्चा कर इस विवाद रहता हैं वहीं माया के वशीभूत हैं, जो अनेकता मे एक हैं भाव मे रह सकता हैं उन्हें ईश्वर की कृपा से ही सदगुरु मिल जाता हैं और उनकी दया से वो माया टुट जाता हैं और ज्ञान प्राप्त आनन्द मे रहता है।
ऊँ। नमन। आखिर राधा शब्द नहीं है श्रीमद्भागवत में, इससे क्या साबित करना चाहते हैं। कौनसा सबसे बड़ा खोज हो गया जिससे नोबेल पुरस्कार मिल जायेगा। स्वामी जी ने बहुत ही मार्मिक तरीके से समझा दिया पर बहुत लोग जिन पर मूढ़ता छायी है वो इसे नहीं मानेंगे। मर्यादा भी है समाज में लोग अपने पूज्य का नाम नहीं लेते हैं। वनवास काल में माता सीता जी ने भी रामजी का नाम भी नहीं लिया था वनवासियों को तो क्या वहाँ रामजी नहीं थे। बहुत माता बहनें अपने पति, जेठ, ससुर का नाम नहीं लेते जबतक शरीर में प्राण रहता है तो क्या उनकी उपस्थिति नहीं होती। जिन्होंने ये प्रश्न उठाया है वो भी अपनी पूजनीया माँ या बहनों से पूछ लेता तो वो समझा देती। कुतर्क की अपेक्षा अपने भीतर उतर कर उत्तर खोजता तो मिल जाता। वृद्ध संतों की कुछ दिन सेवा करे तो उत्तर मिल सकता है। पर वाग्विलास ही करना है तो फिर भगवती ही जाने। धन्यवाद।
श्री राधा रानी श्री लाडली जी आपको रसिक संतो का संग करवाएं जिससे आपके सब भ्रम दूर हो गीता प्रेस श्री राधा बाबाजी के जीवन चरित्र और भाई जी के राधा माधव चिंतन को पढ़ें
संत का कर्तव्य है की वह जन सामान्य को सत्य उपदेश दे वेदों अखिलोधर्म मूलम अर्थात वेद ही सब सत्य विद्या का पुस्तक है । मंच पर बैठकर भागवत आदि की या इधर उधर की बात कर जनता को भ्रमित नहीं करना चाहिए
Kya batt Swami Ji Maharaj. We generally see the physical items but not the subtle or casual items. Like Atamic Swaroop-AA=No Tama=No Desire. We, every body is without Desire to have a divine life journey.
❤🎉प्रणामगुरूदैव। राम राम राम गुरूदेव प्रणाम ❤ ❤राम राम राम राम राम राम राम राम राम ❤ ❤राम राम राम राम राम राम राम राम राम ❤ ❤राम राम राम राम राम राम राम राम राम ❤
चरणों में प्रणाम गुरुवर श्री राधा रानी जी का नाम इसलिए भागवत में नहीं आया है क्योंकि क्योशश जो सुखदेव जी महाराज थे वह अगर राधा नाम लेते तो वह कथा भूल जाते भाव विभोर होकर जो वह परीक्षित जी को सुना रहे थे इसीलिए उन्होंने संकेत में राधा रानी का नाम लिया पंडित दिव्यांशु
I recited the Gita only when sri Mahakrisna revealed to to recite and I completed 15 years. Mahavishnu guided me along Now again I have taken another course for interpretation the Gita.
जय हो श्री श्री 1108 श्री महामंडलेशर श्री महन्त अवधेशानंद जी महाराज आपको साष्टांग दंडवत।
आप द्वारा राधा जी का वर्णन अत्यंत सारगर्भित है❤
Mera parnam is managing jee ko.
गुरुदेव के श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम । हमारो धन राधा श्री राधा श्री राधा।
महाभारत में भी नाम नही है ।
धन्य है ये धरा , धन्य है वो माता जिन्होंने आप जैसे विद्वान, संतश्रीरोमनी , दिव्यत्व संत को इस समस्त संसार के उद्धार के लिए जन्म दिया। प्रणाम है गुरुजी आपको।
Doosron se sunkar bata rhe hai dkongi
@@dronteotia9907Aaa
@@dronteotia9907❤❤
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!!
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!!
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!!
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!!
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!!
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श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!!
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श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!!
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!!
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। !!!!!
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🙏🙏🙏🙏🙏
संतशिरोमणि जयश्री गुरुदेव महाराज 🙏
श्री राधावल्लभ श्री हरिवंश श्री वृन्दावन श्री
वन चन्द्र 🙏🙏
आप के श्री चरणों में बार बार प्रणाम 🙏मेरी विनंति है सब संतों से, कि भक्ति के साथ साथ सभी में देशभक्ति भी जगानी अतिशय आवश्यक है,और सभी सनातनी एक ही है,वो बात उनके दिमाग में द्रडता से बैठनी ज़रूरी है।गौहत्या बंद कराने की ज़िम्मेदारी भी आपको ही लेनी चाहिए।आप संतों की एक हाकल से ही सभी एकजुट हो जायेंगे।अभी समय ऐसा आया है की कथा के साथ ये ज़िम्मेदारी भी आप लोगों को ही लेनी पड़ेगी।विधर्मी बड़े शैतान है,सनातन धर्म और हमारी बहू-बेटियाँ दोनों को ईनसे बड़ा खतरा है।गुस्ताखी के सिए माफ़ी चाहती हूँ।पर सभी संतों मिल के ईस बाबत पर ग़ौर करन ये मेरी विनंति है।जय सनातन धर्म जय भारत🙏
बहुत सुंदर।👏👏👏
ऐसा मनमोहक वर्णन स्वामी जी के ही बस की बात है। सम्मोहित कर दिया स्वामीजी ने इस वर्णन को सुना कर। धन्य हैं।🙏🕉🙏
❤ बंगाल में एक अवतारी पुरूष प्रकट हुए थे - प्रभु जगद्बन्धु।
राधा रानी ने उन्हें दीक्षा दी थीं।
वे राधा शब्द सुन भी नहीं पाते थे।
सुनते ही बेहोश हो जाते थे। एक बार नाव पर सवार थे कि किसी ने भजंन गाना शुरू किया जिसमें राधा शब्द आया और तभी बंधु प्रभु बेहोश हो कर नदी में गिर पड़े। हाहाकार मच गया। बड़ी मुश्किल से मल्लाहों ने जान बचाई। चैतन्य महाप्रभु के साथ भी ऐसा ही होता था।
बस यही असली कारण है - भागवत में राधा शब्द नहीं लिखे जाने का।
अपार प्रेम से देह से सुगंध निकलने लगती है।
यह बात शास्त्रों में नहीं है पर महाप्रभु चैतन्यदेव के सम्प्रदाय के संत कहते हैं कि राधारानी की देह से केशरकमल के फूलों की दिव्य सुगंध निकलती थी। सिर्फ इतना ही क्यों --- वृषभानुनंदिनी राधा के मल मूत्र से भी दिव्य कमल की सुगंध निकलती थी।
जब बालिका वृषभानुसुता गोद में हगमूत देती थी तो पूरा क्षेत्र दिव्य सुगंध से गुलजार हो जाता था।
क्या यह कविकल्पना है या सत्य है - ????
ऐसा प्रश्न था मेरे हृदय में,
परन्तु बंगाल के महान राधाभक्त और प्रभु जगद्बन्धु के महान प्रशिष्य (यानी शिष्य के शिष्य) तथा विश्वविख्यात विद्वान डॉक्टर महानामव्रत ब्रह्मचारीजी महाराज का मैंने दर्शन किया और एक दिन महाराज भी मंदिर प्रांगण में ही मलत्याग कर दिया था, तो पूरा मंदिर,उसके आसपास के इलाके, यहाँ तक कोलकाता के उस मंदिर के सामने के VIP Road तक दिव्य अद्भुत स्वर्गीय सुगंध से घंटों गमगमाता रहा।
जब राधारानी के भक्तों की ऐसी दिव्यता है तो न जाने वो प्रेम की अगाध सागरिका कैसी होंगी - ???
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अक्षरश: सत्य सत्यानन्द परमानन्द, विशेषण छोटे पड़ जाते हैं, श्रील महाप्रभु के महिमा तौ अपरम्पार है उसकी पूर्णता केबिना अंत अधूरा रहैगा..
कि श्रीकृष्णचैतन्यचंद्र हैं ही मिलितविग्रह ठाकुरठकुरानी चन्द्र राधिके के, और अलग से आस्वादन किया श्रीगदाधरपण्डित महाशय ने सो निमाइगदाइ सदैव एक साथ रहे आए, द्वापर में राधिकेविरह का और विकास साथसाथ आस्वादन करने हेतु...
सो पञ्चतत्व में श्रीश्रीगौरगदाधर ही मूल मौलिक महा तत्व हैं शेष महाविष्णु_शम्भु नारदादि अन्तरंग पार्षदगण 🙏🏼👣👣🙏🏼
jai shri Radhe
दंडवत प्रोनाम अपका भक्ति दर्शन बहुत उन्नोत है। अपके महान पिता माता के चरणों में बहुत बहुत प्रोनम को जी सनातन के प्रोचत के लिए इतना महान आत्मा को जन्म दिया।❤
नाम महाधन है अपनौ , नहीं दूसरी सम्पति और कमानी ||
हमें औरन की परवाह नहीं , अपनी ठकुरानी श्री राधिका रानी || ”❤❤❤❤
radha naam hi hamara dhan hai or koi meri radha ji lpar prashn utaye vo hum katai bardash nhi karenge
@@lalitsharma8166right Radhe Krishn Radhe Ke bina hmare Krishna adhure hai pahle Radhe fir Krishn Radhe Krishn
❤❤❤
😍
Humari maharani shri Rukmani Mata
आदरणीय परम पूज्य गुरुदेव श्री के श्री चरणों में कोटि कोटि दंडवत प्रणाम 🙏🏻मैं जब भी आपकी कोई कथा श्रवण करता हूं तो मुझे ये गर्व होता है की मैं भाग्यशाली हूं कि आप जैसा सरस विद्वान् हमारे समय में इस धरती पर विद्यमान हैं मेरी बहुत बड़ी इच्छा है कि आप के श्री मुख से अपनी माता जी को श्री मद भागवत की कथा श्रवण करवाऊं लेकिन सैयद ये मेरे छमता में नही,,,,,कोटि कोटि दंडवत प्रणाम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Mobile phone kis liye hai
जय श्री राधे रानी सरकार जय श्री बांके बिहारी लाल तेरी सदा ही जय हो
अद्भुत व्याख्या करी है स्वामी जी ने
आज़ का प्रसंग सुनकर आत्मा भी धन्य हो गई महाराजji
राधा भक्ति का परम चैतन्य भाव है। जिसमे भक्त और भगवान मिल जाए और दोनो को अलग नही रख सकते।
Sastra mein iska koi bornan hein??
राधा तो राधा है कोई अंतर नहीं राधा सीता और पार्वती में ये सब एक ही है।
Funny.
Radha ,Laxmi and Sita ek he hi Parvati nahi.
@@shalisaxena1498According to durga saptsati Mahalakshmi ka he roop h saari deviya
Laksmi maa, parvati maa , sarsvati maa
And fir baaki avtar iin 3 deviyo ke h overall sab ek he h
Correct @@BharatSingh-vl6yu
अदरनिय परम पूज्यनीय स्वामी अवधेशानन्द जी
गुरु महाराज जी को कोटि कोटि प्रणाम कोटी कोटी नमन राधे राधे कृष्ण
❤️🙏राधावल्लभ श्रीहरिवंश प्रभु आपके चरणों में अनंत दंडवत्❤️🙏
स्वामी जी को असंख्य बार नतमस्तक हो सादर सविनय करबद्ध प्रणाम......✍️🌹🙏
मैं धन्य हूं आपके कनखल में दो बार साक्षात दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है , और आपके आदेश आग्रह पर भोजन भी ग्रहण किया 🌹🙏
Dhanya hai gurudev aap
श्रीराधा मैं सभी संत भगवान् में आदर भाव रखता हूँ परन्तु श्रद्धा सिर्फ गुरुजनों में पूज्य पाद श्री प्रेमानंद जी में और आज जो अनायाश ही आपके प्रति श्री राधा कृष्ण🙏🙏🙏🙏🙏
Apse shat pratishat sahmat hoo
ਬੁਹਤ ਹੀ ਸੂਖਸ਼ਮ ਵਿਚਾਰ ਹੈ
राधा जी , हमारी धड़कन हैं , सांसें हैं जो दिखाई नहीं देती बस एहसास रहता है । जय राधा वल्लभ जय हरिवंश जय राधे राधे ॐ
श्री जी पर कोई अन्तर नहीं पड़ता कि भागवत में नाम है कि और ना ही भक्तों पर परन्तु पालघर में संतों की वीभत्स हत्या करने वाले अभी भी अचिन्हित क्यों है इससे हमारा कलेजा दरकता है।
Ye brajwasi panchayat wale ye to sher hai awaj uthaye na ye nahi bolenge ak teachar ko darane koi bhi chala jata hai gunde ko darane koi nahi jata
दोषियों को फांसी होनी चाहिए
@@pradeepkarn7724p00😂
Kyo chotiya Bana rha he
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
Hari Om Narayan Hari Hari Radhe Krishna Radhe Krishna Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe
महाराज जी को मेरा.. कोटि कोटि नमन, वंदन, चरण स्पर्श..
श्री महाराज जी आपके चरणों में मेरा बारंबार प्रणाम आपके माता-पिता श्री गुरु जी के चरणोंमेरा बारंबार प्रणाम
महाराज जी को नमन । श्री गीता जी में योग पर बोला गया । जब योग सिद्ध हुआ तो कोई किसी से अलग नहीं रह गया । क्या राधा , क्या कृष्ण , क्या आप ओर क्या मैं । बोलने वाले ने कुछ इस तरह बोला जैसे कुछ भी मुझसे अलग ही नहीं । जिस व्यक्ति के सामने वो बोले , उसके बारे में बोले , योग के बारे में बोले तो जैसे किसी के बारे में बोलना ही ना बचा । वो आप भी का रहे हो वो सांकेतिक भाषा में बोले । धन्यवाद श्री महाराज जी ।
परम आनंद सर्वोत्कृष्ट सदगुरूदेव के चरणो मे कोटी कोटी प्रणाम जय सदगुरूदेव जय राधेश्याम अत्यंत आभार
Radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe
हे ज्ञानि श्रेष्ठ राधे राधे जय जय श्री राधे 🙏🙏🙏
श्री राधा तत्व अत्यंत गूढ़ है। जय श्री राधे 🙏🙏
🙏din rat radha radha korte hein our kiya gupta hein?? Asol mein jhuta hein
राधे कृष्णा राधे कृष्णा कृष्णा कृष्णा राधे राधे राधे राधे राधे राधे श्याम राधे श्याम श्याम
राधे कृष्ण राधे कृष्ण कृष्ण कृष्ण राधे राधे!! राधे श्याम राधे श्याम श्याम श्याम राधे राधे!!
जय श्री कृष्ण भगवान
राधा को तो रसखान ने पहली बार उस किया ताकि कृष्णा को बदनाम कर सके ।। राधा कोई नही थी राधा कल्पनिक है
Hamara man Radha Shri Radha Shri Radha Param dhan Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Shri Radha Shri Radha barsane wali🙏🌺🙏🙏🌺🙏🙏
जिसको पुरी सृष्टि बजती है वो कृष्ण है
और कृष्ण जिनको भजते है वो राधा जी है ❤🎉
कुछ भी.. कृष्णा ji राधा को bhajte हैं.. कैसी gappe हैं....
@@okayMrNBhagvan khud Bhakto ke das hote hai...Aur Sri Radha rani se bada bhakta koi nahi...
वेदों के अनुसार ईश्वर निराकार हैं नतस्य प्रतिमा अस्ति( उसकी कोई प्रतिमा नही है ) श्री राम,श्री कृष्ण ये सब महापुरुष थे ना की ईश्वर
Tum mahapurush he bankey dikha do shreeman g
@@RaviKumar-so7eh yaha pratima ka matlab murti se nhi hai pura shlok padha karo bo ye hai न तस्य प्रतिमाऽअस्ति यस्य नाम्नं महद्य:।हिरण्यगर्भभऽ-
इत्येष मा मां हि सीदित्येषा यस्मान्न जात इत्येषः
Yaha pratima ka arch unke saman koi nhi hai and ramayana me likha hai ki jab bhakto ko sagon roop ke darshan chahiye to bhagwan roop bhi dharan karte hai Radhe Radhe ❤
परम पूज्य गुरुदेव जी को मेरा कोटि कोटि प्रणाम सीता राम गुरुदेव जी🙏🙏
अति सुन्दर जयश्री राधे कृष्णा
धन्य हो गुरुदेव आज आपने श्री राधा रानी का मर्म भक्तों को बताया। 🙏जय श्री राधे जय श्री कृष्ण🙏
प्रिय आत्मीयजनों यदि कोई हरि:भक्त है तो उसे किसी अन्य को मानने या न मानने का कोई अर्थ नहीं है!क्योंकि सभी अन्य जो अन्य प्रतीत मात्र होते हैं,वह हरि:नारायण के ही विभिन्न रुप हैं!नाम हैं,इसलिए यदि कोई आपसे कहे के इनका नाम नहीं लिया या उनका नाम नहीं लिया तो दोष है या पाप है तो उस मूढ की बातें न सुनें न माने पर किसी का अपमान भी न करें!कोई कहता है के मैं मात्र हरि: को नहीं मानता उनके साथ राधा या लक्ष्मी आदि को भी मानता हुँ तो उसे मानने दो क्योंकि वह अज्ञानी है वह नारायण को उनके अन्य रुपों से भिन्न देखता है इसलिए एैसा कहता है!पर सत्यनारायण तो अनंतरुपधारी होकर भी एक ही हैं!इसलिए राधा नारायण कहने वाले भी सही हैं,और मात्र नारायण कहने वाले भी सही हैं,दोनों को एक ही परमधाम प्राप्त होता है...हरि:ऊँ तत् सत्
मन की बात कह दी वरना आज कल श्री कृष्ण का केवल नाम लो तो कहते हैं राधा का क्यू नही लिया क्या वो अलग है दोनों एक ही तो हैं फिर क्या फर्क पड़ता है
ye itta lamba gyaan vedon ki kis mandal se likha ya upnishad ke kis shlok se h😅😅
manishzzak2336 वेद और उपनिषद जिसके विषय में चर्चा कर रहे हैं ना हम वही हैं,पर तुम्हारी समझ के स्तर पर आकर कहें तो हमें वेद व उपनिषद को लिपिबद्ध करने करवाने वालों के समान उसी हरि: ने यह अधिकार दिया है!जिसने वेदों उपनिषदों के रिषियों को दिया था!इसलिए वेद वेद कूराण कूराण का जप करने से अच्छा है!हरि: हरि: का जप करो!अन्यथा भटकने के अतिरिक्त अबतक तो कुछ पाया नहीं है!आगे भी खाली हाथ ही जाने वाले बने रह जाओगे!
@@Swayampradeept arjun hari hari kartey reh jatey or duryodhana yudha jeet ta .... hari ko yudha me geeta ka gyaan arjuna ko dena pada jisme karmayog bhakti yog or sankhya yog bhi hai hanuman chalisa bhi jai Hanuman gyaan gun sagar se shuru hota h na ki hanuman isliye mahaan they ke vo ram ka naam japtey they ...aap apne hari ko apne parishram or gyaan se prapt karo na ki kisi parampara se naam rat kar warna vedvyas ne puri book hari ka naam liya h vyaas ki puja bhi hoti duniya me
@@manishzzak2336 जी हमने कहाँ न वत्स अपनी योग्यता से अधिक सोचना व्यर्थ सोचना है!मानना तो और भी बडी़ मूढता है!अर्जुन कृष्ण संवाद किसी संसारिक युद्ध के लिए नहीं है!यथार्थ गीता को पढो़ इसे समझने के लिए या फिर हमारी शरण में आओ तब हम समझायेंगे!कहोगे तो फोन नम्बर दे देंगे!और यदि आपको लगता है के आप स्वयं ज्ञानी हैं तो हम ज्ञानी लोगों को ज्ञान नहीं देते!क्योंकि ज्ञानी हमें नहीं जान सकता!क्योंकि उसमें हमें जानने का अहम् रहता है!पर यदि आप उसे सांसारिक युद्ध समझो तो भी हरि: ने ही वह युद्ध कृष्ण के रुप में आकर धर्म के पक्ष में किया!यह तो कृष्ण रुपी हरि: का ही कार्य है!उसे अर्जुन या किसी और का कार्य मानना शुद्ध अज्ञान है!क्योंकि अपौरुषेय कर्म कोई भी जीव नहीं कर सकता!न किया है कभी!जबभी कोई आश्चर्यजनक कर्म होता है तो समझना के वह नारायण ही कर रहे हैं!पर समस्या यह है के किताब के बंदी लोग यह बातें नहीं समझ सकते!इसके लिए अपने अपने किताबी कुएँ से बाहर आकर चैतन्य के सागर में डुबकी लगानी होगी!अर्थात प्रथम तो अपने आत्मा से पश्चात परमात्मा से एकरुप होना होगा!तभी समझ सकोगे!के अर्जुन कृष्ण का अनुरागी मन है,और अर्जुन रुपी अनुरागी मन के आत्मा हैं कृष्ण!और परमात्मा तो नारायण रुप हरि: रुप हैं ही सबके आधार उनकी तो बात ही निराली है!
Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey ❤❤❤👏👏
!!हरिॐ!! गुरूवें नम: राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे
हे महा मुनि हे संत श्रोमणी हे ब्यास मुनि जी आप कोटी कोटी नमन है बारम्बार प्रणाम सत सत नमन है
Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha
आप श्री द्वारा अद्भुत ज्ञान वर्धक जानकारी प्राप्त हुई।
परम पूज्य महाराज जी के श्री चरणों में सादर प्रणाम
महराज जी को साष्टांग प्रणाम। जय श्री राधे कृष्णा
आदरणीय परमपूजय अवधेशानंद महाराज कोटी कोटी प्रणाम
Radhe radhe
आगम निगम अगोचर श्री राधे।
Jai shree radhey krishna
🙏
" श्री राधाकृष्ण " ... 🙏
Radha Krishna Radha Krishna Radha Krishna Radha Krishna Radha Krishna Radha Krishna Radha Krishna Radha Krishna Radha Krishna Radha Krishna Radha Krishna Radha Krishna Radha Krishna Radha Krishna 🌷🙏
आदरनिय परम पूज्यनीय अवधेशांनद जी
महाराज को कोटी कोटी प्रणाम दंडवत
राधा नाम एक रहस्य है जो हर किसी को समझ में नहीं आने वाला ❤
रमा राधिका श्मामा काली मात तू ही सन्तन प्रति पाली देबि भागवत तो राधा ही दुर्गा का दूसरा रुप है जी सब मां पराम्बा भगवती के स्वरूप है जी हरि ऊं जी
मतलब कुछ भी बकवास मत करो हम भी माता राधा को मानते है पर माता दुर्गा का ही दूसरा रूप राधा नही है माता राधा माता मीरा बाई की तरह श्री कृष्ण की भक्त है
@@GhumakkadYogeshRajput bhai tatva me sab shaktiyan aur shaktiman ek hi hote hain unme bhed mat kijiye
Shi bole Usha ji aap aapne jo line likhi h wo vindeswari chalisa ki line h
And sabhi mata Devi ek he h
Durga saptsati ke according Mahalakshmi ke he roop h saari deviya
Par ye sab pade bas yt par iska aada video dekha uska video dekha fir log yha vha ulta sidha comment karte firte h na padte h na likhte h
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम हरे राम हरे राम हरे राम हरे राम हरे राम हरे राम हरे राम हरे राम हरे राम हरे राम हरे राम हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे
Radhy krishan radhy krishan radhy krishan radhy krishan radhy krishan radhy krishan radhy krishan❤❤❤❤❤
Avdeshanand Giri ji Maharaj ki jai! His excellency's Katha is better than the best music. He transports me into a beautiful world. Love and prayers at His lotus feet
आप को नमन करता हुँ और प्रार्थना हैं, आप जैसा समय के महापुरुष हम सभी को ये क्यू नहीं समझा पाते शिव पार्वती, लक्ष्मी नारायण, राधाकृष्ण और संसार के सारे सृष्टि एक ही हैं, जो नाम और फल की भिन्नता की चर्चा कर इस विवाद रहता हैं वहीं माया के वशीभूत हैं, जो अनेकता मे एक हैं भाव मे रह सकता हैं उन्हें ईश्वर की कृपा से ही सदगुरु मिल जाता हैं और उनकी दया से वो माया टुट जाता हैं और ज्ञान प्राप्त आनन्द मे रहता है।
ऊँ। नमन। आखिर राधा शब्द नहीं है श्रीमद्भागवत में, इससे क्या साबित करना चाहते हैं। कौनसा सबसे बड़ा खोज हो गया जिससे नोबेल पुरस्कार मिल जायेगा।
स्वामी जी ने बहुत ही मार्मिक तरीके से समझा दिया पर बहुत लोग जिन पर मूढ़ता छायी है वो इसे नहीं मानेंगे।
मर्यादा भी है समाज में लोग अपने पूज्य का नाम नहीं लेते हैं। वनवास काल में माता सीता जी ने भी रामजी का नाम भी नहीं लिया था वनवासियों को तो क्या वहाँ रामजी नहीं थे। बहुत माता बहनें अपने पति, जेठ, ससुर का नाम नहीं लेते जबतक शरीर में प्राण रहता है तो क्या उनकी उपस्थिति नहीं होती। जिन्होंने ये प्रश्न उठाया है वो भी अपनी पूजनीया माँ या बहनों से पूछ लेता तो वो समझा देती। कुतर्क की अपेक्षा अपने भीतर उतर कर उत्तर खोजता तो मिल जाता। वृद्ध संतों की कुछ दिन सेवा करे तो उत्तर मिल सकता है। पर वाग्विलास ही करना है तो फिर भगवती ही जाने। धन्यवाद।
जय श्री कृष्णा राधे राधे❤❤
श्री राधा रानी श्री लाडली जी आपको रसिक संतो का संग करवाएं जिससे आपके सब भ्रम दूर हो गीता प्रेस श्री राधा बाबाजी के जीवन चरित्र और भाई जी के राधा माधव चिंतन को पढ़ें
राधा राधा श्री राधा राधा श्री राधा राधा श्री राधा राधा
गुरु देव के चरणों में कोटि कोटि नमन।🙏🙏
गुरुदेव जी को सत सत नमन। राधा नाम का महात्म्य सुनकर अति प्रसन्नता हुई।
जय जय श्री राधे 🙏🙏
श्री राधे हैं ही,, ब्रह्मांड धारिणी,, अनुपम सौंदर्य अद्भुत शक्तियां भला कोन जान सकता है 🙏🙏
Radhe Radhe
परम् पूज्य श्री गुरूदेव जी महाराज के पावन चरणों में सादर नमन वंदन 🙏
जय हो गुरु देव की चरणों में कोटि कोटि वंदन 🙏💐
Jai shree krishna guru ji
गुरूजी के चरणो मे कोटि कोटि पृणाम
संत का कर्तव्य है की वह जन सामान्य को सत्य उपदेश दे वेदों अखिलोधर्म मूलम अर्थात वेद ही सब सत्य विद्या का पुस्तक है ।
मंच पर बैठकर भागवत आदि की या इधर उधर की बात कर जनता को भ्रमित नहीं करना चाहिए
🙏🏻🌹🙏🏻जय श्री राधे कृष्णा🙏🏻🌹🙏🏻
जब प्रवचक के साथ वितर्क हुआ तब बोला जा रहा है, ये बात इतना दिन से पहले क्यों नहीं बोला गया? यही मेरा जिज्ञासा है... कोटि कोटि प्रणाम, 🙏🙏🙏
भाई राधा का कहीं वर्णन नहीं है यह तो आपको कहानी सुना कर भटकाने का प्रयास कर रहे हैं
Maharaj ka Radha ji pr pravachan Aaj se 5 year phle bhi diya gya hai aapke number do link send krta hu
गुरुजी Happy Thoughts, शुभेच्छा।।
आपलोग सनातन पथभ्रष्टक हो, अज्ञानियों को गोलमतोल बातों से उल्लू बनाने वाले 🚩🚩
Pranam
Radha radhe Krishna Radha 🎉🎉🎉❤❤❤❤🙏🙏🙏
अद्भुत, दिव्य, अनमोल जय सदगुरूदेव जय राधेश्याम जय सीताराम
Shri Radhe Radhe ji🙏🙏🌸🏵️🌷🌻🍯🌺🌹🌼
Kya batt Swami Ji Maharaj.
We generally see the physical items but not the subtle or casual items.
Like Atamic Swaroop-AA=No
Tama=No Desire.
We, every body is without Desire to have a divine life journey.
गुरूदेव कोटी कोटी प्रणाम 🙏🤗🌹🍀जय श्री राधे कृष्ण 🙏🌹🍀🌼
पूज्य स्वामी श्री के चरणों में साष्टांग दंडवत स्वीकार हो
ईश्वर की प्रेम की धारा ही राधा है 🙏😊
❤🎉प्रणामगुरूदैव। राम राम राम गुरूदेव प्रणाम ❤
❤राम राम राम राम राम राम राम राम राम ❤
❤राम राम राम राम राम राम राम राम राम ❤
❤राम राम राम राम राम राम राम राम राम ❤
Radhe radhe
चरणों में प्रणाम गुरुवर
श्री राधा रानी जी का नाम इसलिए भागवत में नहीं आया है क्योंकि क्योशश जो सुखदेव जी महाराज थे वह अगर राधा नाम लेते तो वह कथा भूल जाते भाव विभोर होकर जो वह परीक्षित जी को सुना रहे थे इसीलिए उन्होंने संकेत में राधा रानी का नाम लिया
पंडित दिव्यांशु
राधे राधे!महाराज जी के श्री चरणों में सादर प्रणाम!
हमारो मन, धन राधा श्री राधा श्री राधा 📿📿
Radhe Radhe
Radhe radhe ❤
Radhe Radhe guru ji 🙏
गुरुदेव के चरणों में प्रणाम 🌹🙏🌹
स्वामी जी, राधा भक्तिहरिर ग्यान कौन सा स्टोक है?
Koti koti naman guruji
🚩🔱🔔👌🌺🥀🌷💐🙏🏼 गुरु जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम ऊं नमों भगवते वासुदेवाय जय हो गुरुदेव जी।🙏🏼💐🌷🥀🌺👌🔔🔱🚩
Jai guru dev.jai siya Ram guru ji
महाराज जी के श्री चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
गुरुदेव सादर प्रणाम
श्रीहरिः.....श्रीगुरुभ्यो नमः....पूज्य गुरुदेव के चरणों में साष्टांग दण्डवत 🙏🙏
Jay ho Radha rani Radhe radhe 🙏🙏🙏🙏
Shri radha radha radha 🙏🙏🙏🙏🪷🪷🪷🪷🌷🌷🌷🌷
I recited the Gita only when sri Mahakrisna revealed to to recite and I completed 15 years. Mahavishnu guided me along Now again I have taken another course for interpretation the Gita.
How Sri Krishna appeared? Can you share your experience
सबसे अच्छे तरह गुरु अवधेशानंद जी ने समझाया है बाकी तो सारे संत हवा में बातें करते रहे जय गुरुदेव