नाभि चक्र को कैसे जागृत करे। Nabhi chakra ko kaise jagrit kare। Solar plexus chakra। Manipura chakr।
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- Опубліковано 6 вер 2024
- Everything about Manipur chakra।
नाभि चक्र को कैसे जागृत करे। Nabhi chakra ko kaise jagrit kare। Solar plexus chakra। Manipura chakr।
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Nice sir
Bahut acha channel he guruji..sabhi ko bohot help milegi
Nice
Thanks you
Bahut accha aapne samjaya hai🙏
ओम शांति 💐
बेमिसाल जानकारी ।
Koti Koti Naman
Bahut hi sunder gyan
Thanks alott Guruji🙏
Bahut asha Guyan diya ap NE
Aapka video hamesha hi upyogi hota hai
Bahut bahut dhynwad apka ye jankari youtube kahi nhi mili aj tak....bahut hi adbhut Gyan
प्रनांग्र गुरुजी🙏🙏🙏
Guru ji namaskar
Sir aap kriya bhi btaiye or apne jo bhi reply diya hai dusron ko wo erase ho rakhe hai
बहुत उपयोगी जानकारी बहुत बहुत आभार। जो संकेत बताएं उसके अनुसार तो मणिपुर चक्र बैलेंस है बस नाभि की समस्या ही अभी साधना काल में आ रही है उसमें सुधार होगा
Namskar guruji mera apko sadar pranam mai aapse pahale ye baat share karna chah raha hu abhi abhi mai dhyan se utha hu aur mujhe aaj pahali baar mere sath ye hua ki mera dhyan gehara laga aur mera sir automatic piche hua deewar se takaraya aur phir aage hua phir piche hua ye cycle pure 20 25 baar chala guruji aisa hi hote raha aur phir baad mai maine aakhe khol di bahut der baad krupaya kya ye sahi ye ya koi problem hai krupaya margadarshan kare .
नहीं नहीं, प्रॉब्लम तो बिल्कुल भी नहीं है, बल्कि य़ह एक शुभ संकेत है जोकि य़ह दर्शाता है की आपकी प्राण ऊर्जा ऊर्ध्व गमन करके नीचे के चक्रों से यात्रा करके उपर के चक्रों तक यानि मस्तिष्क तक पहुचने लग गई है, उसी ऊर्जा वृद्धि के कारण आपका सिर आगे पीछे गति कर रहा था, य़ह एक सकरात्मक व अच्छा अनुभव है अतः आप चिंता ना करे बल्कि प्रसन्न हो और परमात्मा का धन्यवाद करे।
@@Dhyankagyan777 bahut bahut dhanywad guruji aapka bahut abhari hu 🙏🙏🙏🙏🙏
Navi ke charo tarph sue chuvne jeasa dard ho ke ky karn hy sadhna ke samy me hota hy kirpA batay
य़ह अच्छा लक्षण है, ऐसा इसलिए होता है क्युकी आपकी प्राण ऊर्जा नाभि मे बढ़ रही है और पुराने ब्लॉक को तोड़ रहीं हैं जिस वजह से यहां दर्द होता है, एक बार जब क्लियरेंस पूरी हो जायेगी तो दर्द होना बंद हो जाएगा।
Guruji parnam mai nepile ka Rainawalla hu mai Hotel mai kaam karta hu mughai time Nahi Milta dhayan karna mai morrning mai thanda bahut hai kucha day dhayan kiya far Banda karna pada kucha galat huwa kaya guruji
Dhayan ki ghatna roj jaap karnai se bhi ghatit horahai Aasha kiuw horahai guruji
हालांकि मैं आपका प्रश्न पूरी तरह से समझ नहीं पाया हू लेकिन शायद आप यह कह रहे हैं कि आपको ध्यान करने का समय नहीं मिल पा रहा है तो क्या करे, तो ऐसी स्थिति मे आपको अलग से समय निकालने की जरूरत नहीं है, आपको जब भी अपने काम के दौरान समय मिले और जितना भी समय मिले आप उस समय के दौरान खुली आँखों से ही मंत्र जाप अथवा ध्यान कर सकते है।
ऐसे समय मे, जब आप कुछ नहीं कर रहे हैं, उस दौरान आप अपना ध्यान अपनी साँस पर ले आया करे और हर अंदर आती और बाहर जाती साँस के साथ मंत्र जाप करते रहे। उदाहरण के लिए हर अंदर आती साँस के साथ ओम का जाप और हर बाहर जाती साँस के साथ नमः शिवाय का जाप करते रहे, और इस दौरान यदि कोई काम आ जाये तो काम करने लग जाये और जब कोई काम ना हो तो फिर से जाप शुरू कर दे।
इस प्रकार से आप काम और ध्यान दोनों को बैलेन्स कर सकते हैं।
हालांकि मैं आपका प्रश्न पूरी तरह से समझ नहीं पाया हू लेकिन शायद आप यह कह रहे हैं कि आपको ध्यान करने का समय नहीं मिल पा रहा है तो क्या करे, तो ऐसी स्थिति मे आपको अलग से समय निकालने की जरूरत नहीं है, आपको जब भी अपने काम के दौरान समय मिले और जितना भी समय मिले आप उस समय के दौरान खुली आँखों से ही मंत्र जाप अथवा ध्यान कर सकते है।
ऐसे समय मे, जब आप कुछ नहीं कर रहे हैं, उस दौरान आप अपना ध्यान अपनी साँस पर ले आया करे और हर अंदर आती और बाहर जाती साँस के साथ मंत्र जाप करते रहे। उदाहरण के लिए हर अंदर आती साँस के साथ ओम का जाप और हर बाहर जाती साँस के साथ नमः शिवाय का जाप करते रहे, और इस दौरान यदि कोई काम आ जाये तो काम करने लग जाये और जब कोई काम ना हो तो फिर से जाप शुरू कर दे।
इस प्रकार से आप काम और ध्यान दोनों को बैलेन्स कर सकते हैं।
@@Dhyankagyan777 Aap ko koti koti parnam
G pranam gurudev
Gurudev mere ek mitra hai wo Jo bhi kaam karne jaate hai unke andar safalta asaflta aur heen bhawna utpann hone lagta hai aur wo us kaam ko chhor dete hai
Unki ghareloo situation bahut kharab hai
Kripya bataein ki wo kya karein please gurudev aapki ashirwaad se unka din badal jaye gurudev
इसका मतलब यह है की उनकी प्राण ऊर्जा की स्थिति ठीक नहीं है और उनके आधारभूत चक्र खासकर उनका मूलाधार चक्र असन्तुलित है अतः उनको अपने मूलाधार चक्र को एवं अपनी प्राण ऊर्जा को सबल करना चाहिए। एक बार जब उनकी इनर्जी स्ट्रॉन्ग हो गई तो उनकी हीन भावना दूर हो जायेगी और उनको सफ़लता भी मिलनी शुरू हो जायेगी।
अपनी प्राण उर्जा को रिचार्ज करने के लिये व अपनी सभी प्रकार की शक्तियों को पुनर्जीवित करने के लिये निम्न बातों का ध्यान रखे
1) नित्यं प्रति शारिरिक व्यायाम जैसे दौड़ लगाना, तैरना, खेलना, साईकल चलाना, सैर करना, योगासन करना, एक्सरसाइज़ करना, नाचना, हंसना आदि करना चाहिए । क्युकि विभिन्न तरह के शारिरिक व्यायाम करने से हमारे शरीर की नस नाड़िया खुलती है जिससे इन नाडियो मे रक्त का प्रवाह बढ़ कर प्राण उर्जा मे वृद्धि होती है ।
2) हमारे अंदर कितनी प्राण ऊर्जा है यह इस बात पर निर्भर करता है की हमारे शरीर व मन मे आक्सीजन की मात्रा कितनी है क्युकि आक्सीजन का ही दूसरा नाम प्राण ऊर्जा है। और आक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के लिये हर रोज प्रातः काल खुले स्थान पर कपालभाति, भस्त्रिका, अग्निसार, अनुलोम-विलोम आदि प्राणायाम का अभ्यास करे ।
3) हमारे आहार का हमारी प्राण ऊर्जा पर सीधा असर पड़ता है अतः अपने आहार मे शुद्ध सात्विक भोजन, हरी सब्जियां, सलाद, फल, दूध, दही, घी, अंकुरित अनाज, सुखे मेवे आदि शामिल करे और निषिद्ध आहार बिल्कुल बंद कर दे । कभी भी ठूस ठूस कर ना खाये । किसी प्रकार का कोई नशा या व्यसन ना करे ।
4) आपकी मानसिकता का व भावनाओं का आपकी प्राण ऊर्जा पर पुरा प्रभाव पड़ता है यदि आप नकरात्मक गुणों वाले व्यक्ति है यानि आप अधिकतर उदास, बैचैन, तनाव ग्रस्त, निराश, उत्साहहिन, व दुखी रहते है तो आप की यह नकरात्मक्ता आपकी सारी प्राण ऊर्जा को खा जायेगी । किंतु यदि आप सकरात्मक व्यक्ति है और आप हमेशा खुश, उल्लासित, उत्साही व मस्त रहते है तो आपकी ऊर्जा अपने शिखर पर होगी ।
5) अपने अंदर की सभी तरह की विसंगतियों व असन्तुलन को दूर करने के लिये व प्राण ऊर्जा का स्तर त्रिव गति से बढ़ाने के लिये आपको नियमित रूप से ध्यान का अभ्यास करना चाहिए । ध्यान के अभ्यास से आपको सीधे परमात्मा की तरफ़ से उर्जा आशीर्वाद रूप मे मिलने लगती है ।
6) हर रोज पर्याप्त विश्राम करे व पर्याप्त नींद ले ।
इन उपायों को 15 दिन भी यदि लगातार कर लिया जाये तो 16 वे दिन से व्यक्ती मे प्राण ऊर्जा का स्तर बढ़ने लगता है और जीवन मे सफ़लता आनी शुरू हो जाती हैं।
Pranam GURUJI 🙏
Kya Rudraksh gale me dharan karne se dhyan me sahayta hoti hai ?
Agar sahayta hoti hai to konsa rudraksh dharan karna chahia ?
Kya rashi ke hisab se dharan krna chahia ?
मैं ज्योतिष या रत्न विशेषज्ञ नहीं हू इसलिए इस विषय पर ज्यादा कुछ नहीं बता सकता। लेकिन इतना मालूम है की रुद्राक्ष अच्छी चीज है और इसे धारण करना चाहिए।
Guru ji me mantra jaap karti hu par body me sensation tingling or head bi hil raha h so nahi pa rahi kya karana chahiye kripya mujhe maargdarshan kare 🙏🙏😌😌
Guru mantra jaap karu ya nahi please bataye mujhe is bare me janaa h apse me apko follow karti hu dhanyavaad 😌🙏🙏
साधना के दौरान सेंसेशन या कम्पन आदि होना एक अच्छा लक्षण है इसका मतलब आपकी प्राण ऊर्जा सक्रीय हो जाती हैं, अतः इसे होने दे।
किन्तु यदि इस वजह से आपको दिक्कत हो रहीं हैं तो आप कुछ दिन अनुलोम विलोम प्राणयाम का अभ्यास करे, इससे आपकी प्राण ऊर्जा संतुलित हो जायेगी और आपके शरीर का हिलना समान्य हो जाएगा।
@@Dhyankagyan777 thank you 🙏guru ji💐🙏🙂
sir thank you sir ji, sir plz बताइये सपने मे रोज दो - तिन, दिन लगातार मुझे साप काटता है, इसका मतलब क्या होता है sir मुझे बहुत डर लगता है sir. plz बताइये
इसके कई कारण हो सकते है, पहला कारण की आपके पूर्व जन्म मे आपको सर्प दंश हुआ हो, जिसकी स्मृति आपके अवचेतन मन मे छ्प गई और अब स्वप्न मे वही स्मृति फिर से जिंदा हो रहीं हैं।
दूसरी बात आपके मन मे सर्प के प्रति बचपन से डर बना हुआ हो।
तीसरी बात कुंडलिनी साधना, यदि आप ध्यान प्राणायाम पूजा आदि करती है तो उसके प्रभाव से कुंडलिनी शक्ति सक्रीय होने लगती हैं और जब य़ह शक्ति सक्रीय होती हैं तो पहले प्रतीकात्मक रूप मे सर्प के रूप मे स्वप्न मे आती हैं। ऐसा होना शुभ होता है अतः आप चिंता ना करे।
@@Dhyankagyan777 thanks sir ji, मुझे साप से बहुत डर लगता है sir ji, सपने मे हि नहीं, ऐसे bhi दिनचर्या में
Sir, kabhi aisa toh nahi hota ki nabhi dhyan se manipura chakra overenergetic ho ke imbalance ho jaye. 🙏🙏
ध्यान से हमेशा चक्र संतुलित होते हैं और कभी भी असन्तुलित नहीं होती बल्कि यदि किसी भी प्रकार से imbalanced हो तो बैलेन्स हो जाते है।