बक्सर मा भगदरि भै भारी, ,,, ,,,, बहुत सुन्दर फाग, ,,,, कृपया पूरी फाग की पंक्तिया, कमेंट्स में लिख भेजिए। बड़ी कृपा होगी। अन्यथा कोई फाग की पुस्तक अगर उपलब्ध हो, तो उस पुस्तक के प्रथम पृष्ठ की फोटो भेजने का कष्ट करें। या फिर किसी नोट बुक में अगर यह फाग लिखी मिले, तो उस पृष्ठ की फोटो भेजिए। सहर्ष आभार!
गंगा नहाने चले बक्सर को ले ले पूरी तरकारी पैदल नर नारी लिए सोहारी कोऊ कांधे कोऊ मुड़े धारी रथ पियान सुखपाल पालकी रथ रब्बा बहले गाड़ी जब सिर पर हौला लिहे सुनहौला लप लप लपके अंबारी। बक्सर मां... करि स्नान ध्यान विप्रन को चंडी जी की तैयारी भरी भरी दूना लिए मिठाई और गंगाजल की धारी झुकि रहे पताका तहलदास के घंटा बाजे अति भारी मेला का रेला बढ़ेउ मंडप मा दर्शन करते नर नारी। बक्सर मां .... चरण धोए चौका पर बैठे लै लै पूरी तरकारी पेड़ा और बर्फी तलक खटाई ऊपर से बुकनू डारी तब हल्ला हुआ डाक्टर आवा कहता है पिलेग जारी खान पान सब छूट गयो है छूट गई परसी थारी। बक्सर मां... भर भर भर भर मेला भागे छूट गई लुटिया थारी कितनन के बालक छूट गयो है जाइ हेराई महतारी कितनन के गहना लूट गयो है हाय-हाय देती गारी। बक्सर मां... घोड़न की जीनें बड़ी सपीने नंगी पिठिन की असवारी घर मां बैठे बड़े बलफत हैं सूदन इज्जत लै डारी धिक्कार है दाढ़ी मोछन का जो छाड़ भाग अपनी नारी। बक्सर मां... हुआं न कोऊ देखि परायहु झूठ ऊलम्मा बैपारी जब हाल सुनेउ रघुपाल शरण के तब से फाग कियो जारी बक्सर मां भगदरि भै भारी।
गायक बनबारी लाल कोठारी🎤बहुत सुंदर प्रस्तुति👌👌👌👌👌👌👌👌👌
अबकी वाली फाग नही अपलोड किहयो
बक्सर मा भगदरि भै भारी, ,,, ,,,, बहुत सुन्दर फाग, ,,,, कृपया पूरी फाग की पंक्तिया, कमेंट्स में लिख भेजिए। बड़ी कृपा होगी। अन्यथा कोई फाग की पुस्तक अगर उपलब्ध हो, तो उस पुस्तक के प्रथम पृष्ठ की फोटो भेजने का कष्ट करें।
या फिर किसी नोट बुक में अगर यह फाग लिखी मिले, तो उस पृष्ठ की फोटो भेजिए।
सहर्ष आभार!
P
Karwate hain
mere gaon se yeh phaag vilupt ho gayi hai, agar iske bol mil jaayen to bahut aabhar hoga
गंगा नहाने चले बक्सर को ले ले पूरी तरकारी
पैदल नर नारी लिए सोहारी कोऊ कांधे कोऊ मुड़े धारी
रथ पियान सुखपाल पालकी रथ रब्बा बहले गाड़ी
जब सिर पर हौला लिहे सुनहौला लप लप लपके अंबारी। बक्सर मां...
करि स्नान ध्यान विप्रन को चंडी जी की तैयारी
भरी भरी दूना लिए मिठाई और गंगाजल की धारी
झुकि रहे पताका तहलदास के घंटा बाजे अति भारी
मेला का रेला बढ़ेउ मंडप मा दर्शन करते नर नारी। बक्सर मां ....
चरण धोए चौका पर बैठे लै लै पूरी तरकारी
पेड़ा और बर्फी तलक खटाई ऊपर से बुकनू डारी
तब हल्ला हुआ डाक्टर आवा कहता है पिलेग जारी
खान पान सब छूट गयो है छूट गई परसी थारी। बक्सर मां...
भर भर भर भर मेला भागे छूट गई लुटिया थारी
कितनन के बालक छूट गयो है जाइ हेराई महतारी
कितनन के गहना लूट गयो है हाय-हाय देती गारी। बक्सर मां...
घोड़न की जीनें बड़ी सपीने नंगी पिठिन की असवारी
घर मां बैठे बड़े बलफत हैं सूदन इज्जत लै डारी
धिक्कार है दाढ़ी मोछन का जो छाड़ भाग अपनी नारी। बक्सर मां...
हुआं न कोऊ देखि परायहु झूठ ऊलम्मा बैपारी
जब हाल सुनेउ रघुपाल शरण के तब से फाग कियो जारी बक्सर मां भगदरि भै भारी।