आदरणीय प्रधान सर जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏 हिंदी साहित्य नवीन विचारों को आगे बढ़ाने का विचार देती है और स्त्रियों की भावनाओं से जुड़ी हुई बातों को भी सामने लाने का विचार रखती है और पुरानी रूढ़ी वादी धारणाएं को भी कम करने का प्रयास करती है हिंदी साहित्य जगत इसी तरह आगे बढ़ता रहे। 🙏🙏
असाधारण व्यक्तित्व के धनी परम आदरणीय डॉ मीनकेतन प्रधान ,जो विद्यार्थी जीवन से ही रचनात्मक प्रवृत्ति के रहे, ने वैश्विक स्तर पर अपनी रचना और रचनात्मक प्रवृत्तियों से ,व्यष्टि से समष्टि की ओर ले जाने वाली ,मानवीय चेतना को एक नई दिशा प्रदान करने वाली विचारधारा तथा राजनैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक उत्थान के लिए किया गया सराहनीय कदम के साथ ही आज का साक्षात्कार निश्चित रूप से युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक रहेगा । आपको बहुत-बहुत बधाई सादर प्रणाम🙏 निर्भय गुप्ता लिंजीर, रायगढ़ छत्तीसगढ़ ।
परम आदरणीय, प्रेरणा स्रोत एवं हिन्दी-साहित्य जगत को अपनी ज्ञान से आलोकित करने वाले डाॅक्टर मीनकेतन प्रधान सर को कोटि-कोटि बधाई एवं शुभकामनाएं।आपका साक्षात्कार बहुत सुन्दर, सार्थक एव॔ सफल रहा जी। वर्तमान में छायावाद के सौ वर्ष और मुकुटधर पाण्डेय विषयक द्वि-दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी द्वारा संपादक मीनकैतन प्रधान जी ने वैश्विक फलक पर फैलाया है। डाॅ.विनय कुमार पाठक,डाॅ.मीना कौशिक, डाॅ.बेठियार साहू एवं सौरभ सराफ ने अपना सहयोग फरमाया है। ये सभी बाते छोटी सी कविता के माध्यम से रविदत्त शर्मा,सांगानेर जयपुर ने बताया है। आओं मिलकर हिन्दी भाषा का यशोगान करें ,यह अंतर्मन की भाषा है। हिन्दी हमारी जननी है,यह सभ्यता,संस्कृति एवं संस्कारों की भाषा है। रविदत्त शर्मा,सांगानेर,जयपुर, सहायक प्राध्यापक (हिन्दी-विभाग) बगरू महिला पी.जी.महाविद्यालय बगरू,जयपुर,राजस्थान
मिनकेतन सर जी को मेरा सादर प्रणाम। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साहित्य को पहुंचना पर मुकूटघर पांडे छायावाद के सौ वर्ष पूर्ण होने पर एवं रायगढ़ को साहित्य के माध्यम से जोड़ना। आप साहित्य जगत के पुरोधा है।आपके सकारात्मक दृष्टिकोण और छायावाद को लेकर आप ने रायगढ़ क्षेत्र को कला एवं साहित्य के क्षेत्र में विदेशों तक पहचान दिलाने में आपका विशेष योगदान है।यह आपके विद्वतापूर्ण लंबे समय तक अनुभ का ही परिणाम है।
आदरणीय डॉ मिनकेतन प्रधान जी को सादर प्रणाम इस साक्षात्कार से काफी ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त हुई शासकीय महात्मा गांधी पीजी कॉलेज खरसिया छात्रा __ निशा सिदार कक्षा ___ एम. ए. प्रथम सेमेस्टर हिन्दी जिला ____ सक्ती ( छत्तीसगढ़)
आदरणीय सर का बहुत बहुत धन्यवाद, सर श्रेष्ठ व्यक्तित्व के धनी हैं,आप अच्छे मार्गदर्शक तो हैं ही साथ ही अच्छी वक्ता,कवि आलोचक भी हैं,आपसे बहुत सीखने को मिलता है। सदैव आपका स्नेहाशीष बना रहे सर🙏💐
माननीय प्रधान सर!साहित्य के प्रति आपका यह प्रयास निसंदेह युवा साहित्यकारों को नई दशा और दिशा प्रदान करेगी, आपके इस प्रयास से भावी पीढ़ी के साहित्यकार प्रेरित होंगे। हरिहर मालाकार अतिथि व्याख्याता (भूगोल) किरोड़ीमल शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रायगढ़
हिंदी साहित्य जगत को अपनी ज्ञान से आलोकित करने वाले डॉक्टर मीनकेत प्रधान सर को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं। आपके द्वारा साहित्य को एक नई दिशा प्रदान की जा रही है। हमारे प्रवासी भारतीयों को जो हिंदी जगत के प्रेमी है इनको भी ऑनलाइन के माध्यम से जोड़ने का प्रयास अद्वितीय रहा। आपके सफल मार्गदर्शन से हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रहे।🥰😍🙌🥳 जय हिन्द जय छत्तीसगढ़🙏 🥰😍🙌❣️ कक्षा - एम. ए. प्रथम सेमेस्टर, हिन्दी शासकीय महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरसिया, जिला रायगढ़, छत्तीसगढ़ नाम - मनोज कुमार बैगा तहसील - धरमजयगढ़ जिला - रायगढ़, छत्तीसगढ़
प्रणाम सर, आप सर, बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी और आप को हिन्दी साहित्य के युगीन प्रवाह की पर्याप्त समझ है आप ने मुकुटधर पाण्डेय: छायावाद के सौ वर्ष ग्रंथ प्रकाशित कर समय की पग- ध्वनियों को पकड़ कर अपनी समझ को सिध्द किया है औरइस कालखंड का रचना-संसार पर समीक्षा-जगत द्वारा उठाए गए प्रश्नों को उत्तरयुक्त तो किया ही है साथ ही वह अन्तराल भी भरने के प्रयास किए है जो अस्पर्श्य और अनदेखे रहे हैं।आप द्वारा प्रेरित-प्रवाहित संजीवनी हिन्दी-साहित्य के आभामंडल को देदीप्यमान करेगी और इस स्तुत्य कार्य के लिए अनन्त काल तक यशकाय बनाएगी। हिन्दी साहित्य के कालजयी अवदान के लिए साधुवाद 6:00
परम आदरणीय, प्रेरणा हिंदी साहित्य जगत को अपनी ज्ञान से अलौकिक करने वाले डॉक्टर में मीनकेतन प्रधान सर को कोटि कोटि बधाई एवं शुभकामनाएं आपका साक्षात्कार बहुत, सुन्दर सार्थक एवं सफल रहा मैं ज़ब कोरोना कॉल चल रहा था तब आपका ऑनलाइन कार्यशाला मे भी जुडा था अपने बहुत ही सुंदर सजा कर आपने हमें हमरे जीवन मे साहित्य को प्रकाशित किये साहित्य के प्रति आपका यह प्रयास निसंदेह युवा साहित्यकारों को नई दशा और दिशा प्रदान करेंगी आपके इस प्रयास से भावी पीढ़ी के साहित्यकार प्रेरित होंगे
आदरणीय डॉ मिनकेतन प्रधान जी को आदर पूर्वक नमन, जो हमे साहित्य को अपने जीवन में सार करके, खुद को और अपने आस-पास की दुनिया को बेहतर ढंग से समझने में मदद करने के लिए और मागदर्शन देने के लिए । साहित्य से मिलने से पहचान, कल्पना और सहानुभूति की अवधारणाएँ विकसित होती हैं। हमारी बढ़ती हुई अराजक दुनिया में, ये कौशल बहुत मायने रखते हैं। आपके प्रति साहित्य में योगदान जो है हमारे जीवन और औरों के जीवन को प्रेरणादायक रहेगी शासकीय महात्मा गांधी पीजी कॉलेज खरसिया छात्रा - जीतु जोशी कक्षा - एम . ए . प्रथम सेमेस्टर, हिंदी रायगढ़, छत्तीसगढ़
परम आदरणीय डॉ मीनकेतन प्रधान सर जी की रचनाएँ नि:संदेह हिन्दी साहित्य जगत में नये अध्याय के रूप में प्रारंभ होगी और हिंदी साहित्य के विद्यार्थियों के लिए सहायक सिद्ध होगी। आपका यह प्रयास आज के युवा साहित्यकारों को भी प्रोत्साहित करेगा। बहुत ही ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणास्पद साक्षात्कार हेतु को आदरणीय प्रधान सर जी को अनंत शुभकामनाओं के साथ हार्दिक बधाई। आप हमारे रायगढ़ क्षेत्र के गौरव हैं। डॉ सुधा पण्डा 'प्रज्ञा' सेवानिवृत्त व्याख्याता
आदरणीय प्रधान सर जी आपको प्रणाम, आपके द्वारा जो हिंदी साहित्य की सेवा किया जा रहा है हमारे लिए एवं हमारे आने वाले पीढ़ी के लिए निश्चित रूप से अतिमहत्वपूर्ण है। आपके प्रेरणादाई सुविचार हमारा हमेशा मार्गदर्शन करता रहेगा ।आपका सुविचार मुझे बहुत अच्छा लगा आपको बहुत -बहुत धन्यवाद।🙏 विवेक साहू शा.महाविद्यालय खरसिया जिला -रायगढ़ (छ.ग.)
हिंदी साहित्य एक ऐसा विषय है जिसे कोई भी व्यक्ति साहित्य से प्रेम करना सीख सकता है और इसमें परम आदरणीय डॉ मीनकेतन प्रधान जी की हिंदी साहित्य के लिए आधुनिक रचनाएं प्रस्तुत है अपनी अपनी रचनाओं के माध्यम से आप हमें अपनी ओर आकर्षित किया है और हमें नहीं शिक्षा और नई साहित्य की जानकारी प्रदान की है इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। नाम - अर्चना राठौर पिता का नाम- श्री हंसामणी राठौर एमजी कॉलेज खरसिया पूर्व में हिंदी साहित्य की छात्रा🎉🎉
आदरणीय प्रधान सर जी को हार्दिक शुभकामनाएं ! डॉक्टर मिनकेतन प्रधान जी की रचनाएँ हिंदी साहित्य के लिए एक नई आधुनिक रचनाएँ प्रस्तुत है जो वास्तव में नई शिक्षा को जन्म देती हैं आपका जो स्थान हिंदी साहित्य जगत में आप का अमूल्य स्थान है अपनी रचनाओं के माध्यम से हमें अपनी ओर आकर्षित किया है और हमें नई शिक्षा और नई साहित्य की जानकारी प्रदान की है इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद. !... नाम - दुर्गेश पटेल कक्षा- एम. ए. प्रथम सेमेस्टर, हिंदी शासकीय महात्मा गांधी पीजी कॉलेज खरसिया रायगढ़, (छत्तीसगढ़)
साहित्य के क्षेत्र में अपना बहुमूल्य योगदान देने वाले परम आदरणीय 'मीन केतन सर जी' को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम। आपके साक्षात्कार के माध्यम से साहित्य के प्रति मेरी रुचि और प्रेम को और भी अधिक गहराई प्राप्त हुई है। आपने जिस तरह से साहित्य के विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट किया है वह अद्भुत है, आपकी बातें न केवल ज्ञानवर्धक है बल्कि साहित्य की गहराई को समझने में भी मददगार रही है। आपकी रचनाएँ और साहित्यिक योगदान इस क्षेत्र को समृद्ध करते हैं। आपके शब्दों में गहरी सोच, संवेदनशीलता और सच्चाई की झलक है, जो पाठकों के दिलों में गहरे स्थान बना लेती है। आपकी रचनाएँ सिर्फ साहित्यिक दृष्टिकोण से ही नहीं बल्कि जीवन की सच्चाइयों और संघर्षों को उजागर करने का एक सशक्त माध्यम बनती है। जैसे एक कुशल बाग़बान अपने बाग में हर रंग और रूप का ध्यान रखता है वैसे ही आपने अपनी रचनाओं में हर भाव और विचार को सुंदर और संतुलित रूप में पिरोया है। नेहा कुमारी छात्रा , हिन्दी विभाग जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय
श्री प्रधान सर जी हिन्दी के अद्भुत प्रतिभाशाली युग पुरुष हैं इनकी रचनाएं हिन्दी के लिए आधारस्तम्भ है । मुकुटधर पाण्डेय के छायावाद पर इन्होंने जो विश्लेषण किया है इनका कोई सानी नहीं है। डॉ राजेश कुमार शर्मा जयपुर राजस्थान
किशोर कुमार शर्मा शोधर्थी हिंदी, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर (छत्तीसगढ़ ) मुकुटधर पाण्डेय हमारे दक्षिण कोसल के निवासियों के लिए बेहद गर्व की बात है जिन्होंने छायावाद की शुरुआत में अपनी अहम् योगदान दिये. हमारे अंचल के महत्वपूर्ण विभूतियों के योगदान की चर्चा निश्चित होते रहनी चाहिए. ताकि भावी पीढ़ी इससे सिख लेकर अपने साहित्यकार भविष्य को सवार सके. धन्यवाद 🙏🙏
आदरणीय प्रधान सर आपके रचनाएं साहित्य जगत मे नई उजाला नई दिशा लहर लेकर आया हे आपको सुनते रहना का मन करता है मन मंत्र मुग्ध हो जाता ह कीर्तन अजय Mg college kharsiya
हिंदी साहित्य जगत को अपनी ज्ञान से आलोकित करने वाले डॉक्टर मीनकेत प्रधान सर को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं। आपके द्वारा साहित्य को एक नई दिशा प्रदान की जा रही है। हमारे प्रवासी भारतीयों को जो हिंदी जगत के प्रेमी है इनको भी ऑनलाइन के माध्यम से जोड़ने का प्रयास अद्वितीय रहा। आपके सफल मार्गदर्शन से हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रहे। डॉ. गायत्री साहू नगरी, सिहावा जिला धमतरी (छ. ग.)
आदरणीय प्रधान सर जी को मेरा प्रणाम आपके साथ काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ जो मेरे जीवन में सदैव प्रेरणादायक रहा | आपका सु विचार मुझे बहुत अच्छा लगा बहुत बहुत धन्यवाद नाम अशोक टोप्पो शाहिद नंदकुमार पटेल वि. वि.रायगढ़ कार्यालय सहायक (शारीरिक खेल एवं शिक्षा)
प्रतिभा के धनी एवं प्रेरणा स्रोत मीन केतन सर जी को मेरा प्रणाम। आपके इस ज्ञानवर्धक साक्षात्कार ने साहित्य जगत के अन्य प्रेमियों तथा हमारे समाज को प्रेरित और प्रोत्साहित किया है। आपके द्वारा कहे गए व्यक्तित्व की परिभाषा स्वयं आपके ही व्यक्तित्व से परिभाषित हो रही है। आपका वक्तव्य तथा आपके सुविचारों ने हम जैसी नई पीढ़ी को साहित्य से प्रेम करने की लालसा और अधिक उजागर कर दी है। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सर । नीतू तिवारी सहायक शिक्षिका , हिंदी विभाग (2023-2024) जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी जमशेदपुर झारखंड
आदरणीय गुरुवर प्रधान सर को सादर प्रणाम करते हुए मैं इस कार्यक्रम के बारे में कहना चाहूंगा कि निश्चित ही यह साक्षात्कार का कार्यक्रम साहित्य को जानने एवं मानने वाले लोगों के लिए बेहद लाभवर्धक है। सर ने साहित्य के विविध पहलुओं को लेकर बहुत सारी बातें बताई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह कार्यक्रम बहुत ही काबीलेतारीफ है।
परम आदरणीय प्रेरणास्रोत प्रधान सर जी को सादर प्रणाम, इस साक्षात्कार के माध्यम से काफ़ी ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त हुई। साक्षात्कार बहुत ही उत्तम रहा। शासकीय महात्मा गांधी पीजी कॉलेज खरसिया छात्रा -कुन्ती सिदार कक्षा - एम. ए. प्रथम सेमेस्टर हिन्दी जिला - सक्ती(छत्तीसगढ़) ।
आपके सकारात्मक दृष्टिकोण और छायावाद युग की गहराई ने साक्षात्कार को आनंदमय बना दिया। आप हिंदी साहित्य का सार हैं और साक्षात्कार में संबंधित विषय के बारे में जानकारी रखना और क्षेत्र में विशेषज्ञता प्रदर्शित करना केवल आपके लिए ही संभव है सर। आप अनंत ज्ञान के सागर और हिंदी क्षेत्र की आकाशगंगा हैं। आपने प्रभावी ढंग से संवाद किया और छायावाद के प्रत्येक पहलू पर स्पष्ट और संक्षिप्त प्रकाश डाला। प्रत्येक रचनाकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए आपके माध्यम से विश्व में हिंदी का प्रचार वास्तव में सराहनीय है। आप सदैव हिंदी क्षेत्र के अनमोल रत्न रहेंगे, डॉ. मिनकेतन जी🙏🙏 प्रेषक: अनिल, पीएच.डी विद्वान दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा, धारवाड़ (कर्नाटक)
हिंदी साहित्य एक ऐसा विषय है जिसे कोई भी व्यक्ति साहित्य से प्रेम करना सीख सकता है और इसमें परम आदरणीय डॉ डॉक्टर मिनिकेतन प्रधान जी की रचनाएँ हिंदी साहित्य के लिए एक नई आधुनिक रचनाएँ प्रस्तुत है जो वास्तव में नई शिक्षा को जन्म देती हैं आपका जो स्थान हिंदी साहित्य जगत में आप का अमूल्य प्राप्त स्थान है अपनी रचनाओं के माध्यम से हमें अपनी ओर आकर्षित किया है और हमें नई शिक्षा और नई साहित्य की जानकारी प्रदान की है इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद नाम -छाया कुमारी डनसेना पिता का नाम -श्री राजेश कुमार डनसेना एमजी कॉलेज खरसिया पूर्व में हिंदी साहित्य की छात्रा🎉🎉🎉🎉👏👏👏👏👏👏👏👏👏😍👏👏👏😄👍👍👍👍👍
कक्षा - एम ए प्रथम सेमेस्टर, हिन्दी शासकीय महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरसिया,रायगढ़ नाम- धनराज चंद्रा आदरणीय डॉ. मीनकेत प्रधान जी को ज्ञान से संबोधित करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। मेरी तरफ से आपको सदर प्रणाम आप हमे इसी तरह ज्ञान से संबोधित करते रहिएगा।
सुरेंद्र कुमार साहू ग्राम सुरसी पोस्ट नदीगांव जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ छत्तीसगढ़ आदरणीय भैया प्रणाम आपका साक्षात्कार बहुत ही प्रेरणादायक रहा भावी पीढ़ी को मार्ग दिखायेगा
परम आदरणीय गुरुदेव डाँ. प्रधान सर को सादर नमन रायगढ़ क्षेत्र को कला एवं साहित्य के क्षेत्र में विदेशों तक पहचान दिलाने में आपका विशेष योगदान है यह आपके विद्वतापूर्ण लंबी अवधि तक अनुभव का सुपरिणाम है। निश्चित रुप से यह आने वाली पीढी़ को नई दिशा देगी धन्यवाद दासरथी जांगडे़ शोधार्थी अटल विहारी वाजपेयी विवि बिलासपुर छग
आदरणीय डॉ श्री मीनकेतन प्रधान सर को सादर प्रणाम, शासकीय सेवा काल के दौरान आपके द्वारा अध्येताओं को साहित्य के माध्यम से नैतिक जीवन मूल्यों, सामाजिक उत्थान, समाज और राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्वों को साहित्य की संचार से जो बीज आपके द्वारा अध्येताओं के विचारधारा, चिंतन में बोया गया है सेवानिवृति के पश्चात भी आपके द्वारा साहित्य को एक नई ऊर्जा प्रदान करते हुए लोगों के मन मस्तिस्क पर अमिट छाप छोड़ने का कार्य करते आ रहे हैं l चाहे पत्र, पत्रिका हो या फिर ऑनलाइन के माध्यम से देश, विदेश के लोगों को जोड़कर हिंदी साहित्य को विश्व पटल पर रखा है l साहित्य की तरह आप पूरे विश्व में आलोकित होते रहें यही मेरी कामना है l (जगदीश यादव ,जिला - रायगढ़ छत्तीसगढ़,भारत)
परम आदरणीय डॉ मिनकेतन प्रधान जी को बहुत बहुत हार्दिक बधाई,आपके साहित्य सेवा को विश्व साहित्य संस्थान में साक्षात्कार सुन अच्छा लगा बसंत पंडा, स्टेट बैंक से सेवानिवृत अधिकारी
बहुत ही सार्थक, ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणादायक साक्षात्कार रहा। श्रद्धेय प्रधान सर की उच्च मानवीय संवेदना एवं विश्व बंधुता के भाव को साहित्य के माध्यम से साधने हेतु योगदान सिद्ध करने के प्रयास एवं भावी स्वप्न सराहनीय हैं। हम अपनी शुभकामनाओं सहित सर के साथ हैं। आदरणीया अनुसूया मैम का संचालन बहुत ही व्यवस्थित और समझदारीयुक्त रहा। आपकी संतुलित भाषा शैली एवं कार्य के प्रति प्राथमिकताप्रधान सोच याद रहेगी मैम। आप दोनों का सादर साधुवाद! प्रणाम 🙏 - डॉ. बी. एस. साहू सहायक प्राध्यापक, हिन्दी राजेन्द्र कॉलेज, जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा, बिहार, भारत
आदरणीय प्रधान सर जी हार्दिक शुभकामनाएं आपकी साहित्य कामनाएं लोगों के लिए हमेशा प्रेरणा का कार्य करती है शब्दों को ब्रह्म कहा गया है शब्दों से सही साहित्य की संरचना होती है शब्द के बिना संवाद भी संभव नहीं है प्रधान सर जी ने अपनी कृति छायावाद के 100 वर्ष मैं शब्दों की अपरिमित शक्ति का अनुभव कराया है उन्होंने मात्र शुद्ध शब्द प्रयोग और उनके व्यवहार को सा उदाहरण समझाया है बल्कि शब्द प्रयोग के सैद्धांतिक पक्ष को भी बतलाया है मूल शब्द उत्पत्ति की विस्तृत विवेचना की है लेखक ने शुद्ध लेखन के साथ शुद्ध उच्चारण पर भी ध्यान दिया है मैं पुनः प्रधान सर जी को उनके इस ग्रंथ के लिए हार्दिक बधाई देता हूं डॉ आशीष श्रीवास्तव असिस्टेंट प्रोफेसर RSY महाविद्यालय पूछ जालौनjhansi
बहुत सुंदर आदरणीय सर जी साहित्य के विभिन्न रचना करके युवा पीढ़ी ही नहीं वरन हर वर्ग के लोगों को साहित्य पत्रिका साहित्य एवं लेखन से सभी को पढ़ाई के ओर अग्रसर किये तथा सभी को प्रोसाहित किए बहुत-बहुत धन्यवाद
बहुत सुंदर डॉ प्रधान सर। हिंदी साहित्य के क्षेत्र में आपका योगदान😢 अतुलनीय है। हिंदी भाषा के विद्वान प्राध्यापक के रूप में आपने हिंदी साहित्य एवं मातृ भाषा की सेवा की। बेहद ज्ञानवर्धक और सार्थक जानकारी आपने दी। निश्चित रूप से समाज को और नई पीढ़ी को एक दिशा मिलेगी। डॉ राजेंद्र सिंह , प्राचार्य
रायगढ़ क्षेत्र को कला एवं साहित्य की नगरी के रूप में आप जैसे विद्वान एवं प्रतिभावान मनीषियों के कारण ही जाना जाता है। आपको कोटिशः प्रणाम गुरुदेव 🙏💐 शोधार्थी - बेलमती पटेल हेमचंद विश्वविद्यालय दुर्ग, (छ. ग.)
आदरणीय मीनकेतन प्रधान जी द्वारा साहित्य की सेवा वर्तमान साहित्य प्रेमियों के साथ साथ आने वाली साहित्य प्रेमियों को मार्ग दर्शन कर सामाजिक एवं नैतिक सृजनशीलता की एक नया आयाम गढ़ेगी। साहित्य सेवा के लिए मेरे तरफ से आत्मिक आभार। आप निश्चित रूप से बधाई के पात्र हैं। एक बार पुनः हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।❤🎉 कक्षा - एम. ए. प्रथम सेमेस्टर, हिन्दी शासकीय महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरसिया, जिला रायगढ़, छत्तीसगढ़ नाम - कौशल दास तहसील - धरमजयगढ़ जिला - रायगढ़, छत्तीसगढ़
परम आदरणीय डॉक्टर मीनकेतन प्रधान सर को मेरा कोटि कोटि धन्यवाद। जिन की रचनाएं हिंदी साहित्य जगत में एक नए अध्याय का प्रारंभ करेगी। और हिंदी साहित्य को अपने ज्ञान रूपी प्रकाश से हमेशा प्रकाशित करती रहेगी। छायावादी युग वास्तव में हमारे हिंदी साहित्य का एक महत्वपूर्ण युग रहा है। इसके सभी स्तंभ महत्वपूर्ण थे। विजयलक्ष्मी शर्मा वरिष्ठ अध्यापक हनुमानगढ़
आदरणीय डॉ. मीनकेत प्रधान जी द्वारा साहित्य सेवा का जो प्रतिमान स्थापित किया गया है, वह निश्चित रूप से इस पीढ़ी के साहित्य प्रेमियों को प्रभावित करेगी, साथ ही आने वाली पीढ़ी को भी साहित्य सेवा के लिए प्रेरित करेगी। आपकी साहित्य सेवा समाज को एक नई दिशा प्रदान करेगी। आपका कार्य "वसुधैव कुटुंबकम" के आदर्श को लेकर प्रेरित है, जो हमारे साथ-साथ आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक एवं अनुकरणीय है। दिलीप सिंह राजपूत शोधार्थी पीएचडी हिन्दी मैट्स विश्वविद्यालय, रायपुर(छ.ग.)
"ज्ञान और प्रतिभा की कोई सीमा नहीं होती।" समय के साथ कदम से कदम मिलाते हुए ज्ञान के माध्यम से स्थानीय प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर अपनी पहचान दर्ज करा रहे हैं। इससे क्षेत्र के युवाओं के लिए नया मार्ग खुल रहा है। मार्गदर्शक डॉ मीनकेतन प्रधान की विचार और अनुशीलन से युवाओं को साहित्य में नया आयाम स्थापित करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। ताम्रध्वज साय पैंकरा सहायक प्राध्यापक(हिंदी) शासकीय पालूराम धनानिया वाणिज्य एवं कला महाविद्यालय रायगढ़,छत्तीसगढ़(भारत)
आदरणीय मीनकेतन प्रधान सर के द्वारा हिंदी साहित्य के लिए दिए गए योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता चाहे वह छायावादी काव्य की सर्वश्रेष्ठ रचनाओं एवं कवियों की जानकारी हो और पुरे हिंदी साहित्य कीआपके द्वारा जो ज्ञान हमें प्राप्त हुई वह हमारी अमूल्य निधि है धन्यवाद सर छायावाद के सौ वर्ष जैसे अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन आपकी दूरदृष्टी छवि का दर्शन करवाता है धन्यवाद प्रधान सर आपके योगदान से सम्पूर्ण पुर्वी छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित करेगा। द्वारा श्री राजेन्द्र गुप्ता अ सहायक प्राध्यापक हिंदी नवीन शासकीय कन्या महाविद्यालय सारंगढ़ जिला सारंगढ़ बिलाईगढ छत्तीसगढ़
आदरणीय डॉ प्रधान सर जी आपको मैं सादर प्रणाम करती हूं सर आपने कड़ी मेहनत की है और आप अपनी राह में आने वाली सभी सफलताओं के हकदार हैं ।हिंदी साहित्य के क्षेत्र में आपका बहुत ही सराहनीय योगदान है । हार्दिक बधाई सर जी🎉 🎉🎉🎉 नाम - छाया राठौर एम. ए. हिंदी पता - मकरी खरसिया जिला - रायगढ़ (छ. ग़.)
बहुत हीं ज्ञानवर्धक परिचर्चा, हिन्दी साहित्य प्रेमी केलिए अत्यंत लाभदायक | हार्दिक बधाई सर त्रिपुरारी मिश्र स्नातकोत्तर प्रशिक्षित हिन्दी भाषा शिक्षक, राजकीय कृत सतेंद्र नारायण सिंह उच्च माध्यमिक विद्यालय, नबीनगर रोड, औरंगाबाद, बिहार
Interview bahut shandar Hai,Mai Dr minketan Pradhan ki badhai dera hun,Unhine bahut vidvatapurna Sankari di Hai, Chhaya your mukutdhar Pandey par sar garbhit eaten kali gai Hai , Pro r k patel Krishna vatika colony ,raigarh
मीन केतन की सशक्त सृजनशीलता है। आप परिचय को मोहताज नहीं है। युवाओं को भी प्रेरित और प्रोत्साहित किया है। व्यक्तित्व निर्माण और सामाजिक सरोकारों पर आपने जोर दिया है। आपका ये साक्षात्कार प्रभावी लगा। बहुत धन्यवाद। साधुवाद।
हार्दिक बधाई आदरणीय सर,साहित्य सेवा में रत आप जैसे विरले ही ऐसे अनमोल रत्न हैं, जो अपनी अनन्य कर्मठता और साधना से समाज का उचित का मार्गदर्शन दर्शन करते हैं 💐💐-डॉ. ऋतु माथुर (प्रयागराज)
संवाद की परंपरा में विद्यार्थियों के लिए आपका संवाद सृजन के अनेक अनेक संभावना और मौकों से भरा हुआ है। विद्यार्थियों को निरंतर साहित्य के क्षेत्र में मौलिकता को बनाए रखने और अपने निजी जीवन अनुभव को लेखन के जरिए प्रस्तुत करने के प्रोत्साहन आपके द्वारा नए नए रास्ते उपलब्ध कराए जाते हैं। विद्यार्थियों में रचना शीलता का बने रहना उनके व्यक्तित्व विकास में किस प्रकार आवश्यक है इसके मूल कर्म पर आप विशेष रूप से जोर देते हैं। चंद्रभान काशी हिंदू विश्वविद्यालय
डॉ .मीनकेतन प्रधान जी का उद्देश्य बहुत अच्छा है । इससे साहित्य को नयी दिशा मिलेगी । उनका संस्थान भी अच्छा काम करेगा,उम्मीद की जा सकती है । बहुत प्रेरणा मिली । बहुत सुंदर । ------ अमित सदावर्ती
साहित्य के मूल उद्देश्य सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की ओर आज की युवा पीढी को प्रेरित करने के लिए आपका कोटिशः धन्यवाद। आपके निर्देशन, प्रोत्साहन ने कई कवि लेखकों के मन मे दबी रचना धर्मिता के बीज को अंकुरित कर साहित्य जगत मे लाया है।साहित्य, समाज व लोक से जन मन को जोडने वाली एक कडी के रूप में मैं आपको देखती हूँ।आपके।अनवरत साहित्य सेवा और सहज उदारता के साथ मानव सेवा को मै प्रणाम करती हूँ। डॉक्टर रोशनी मिश्रा दुर्गा कालेज रायपुर छत्तीसगढ़
परम आदरणीय एवं प्रेरणास्रोत प्रधान सर जी को सादर प्रणाम 🙏🙏 बहुत ही सुन्दर, सार्थक एवं सफल साक्षात्कार रहा। आदरणीय प्रधान सर जी को साधुवाद एवं शुभकामनाएं 👏👏 लक्ष्मीन चौहान शोधार्थी शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग (छ. ग.)
सादर प्रणाम गुरुदेव 🙏🏻🙏🏻 आपकी साहित्य के प्रति सतत प्रगतिशीलता, साहित्य के परंपरागत - नवीन प्रसंगों का आकलन नि:संदेह साहित्य प्रेमियों के लिए बहुत ही उपयोगी हैं। साहित्य के लिए आपके स्तुत्य प्रयास अविस्मरणीय हैं, जो कि हमारे लिए एक मार्गदर्शक रूप में नई दिशा प्रदान करते हैं।। आपका यह साक्षात्कार तथ्यपूर्ण और सार्थक है । 🙏🏻🙏🏻💐💐 डॉ. प्रियंका भट्ट (राजकीय महाविद्यालय मजरा महादेव, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड)
परम् आदरणीय डा.मीनकेतन प्रधान बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं, साहित्य के माध्यम से उनकी रचना मानव कल्याण, समग्र मानवीय मूल्यों का विकास, सामाजिक संचेतना तथा राष्ट्र के विकास को लेकर है । डा.प्रधान के विचार एवं उनका साहित्य मानव जीवन के श्रेष्ठता में अनुगमित होने के मार्ग को प्रशस्त करता है । उच्च मानवीय संवेदना एवं विश्व बंधुत्व की भावना को उन्होंने साहित्य के माध्यम से परोसा है, जो प्रेरणादायक,सराहनीय तथा अनुकरणीय है । मुरलीधर प्रधान मु.पो.हमीरपुर जिला रायगढ़ (छ.ग.)
गुरु मीनकेतन प्रधान सर को प्रणाम, आपको सुनना हमेशा मेरे लिए फलदायक रहा है । इस साक्षात्कार के माध्यम से आपका ज्ञान सभी साहित्य जगत के लोगों के लिए प्रेरणादायक रहेगा और मार्गदर्शन करता रहेगा । धन्यवाद ! अभिषेक सिंह सहायक प्राध्यापक , दिल्ली विश्वविद्यालय
आदरणीय मीनकेतन प्रधान जी द्वारा साहित्य की सेवा वर्तमान साहित्य प्रेमियों के साथ साथ आने वाली साहित्य प्रेमियों को मार्ग दर्शन कर सामाजिक एवं नैतिक सृजनशीलता की एक नया आयाम गढ़ेगी। साहित्य सेवा के लिए मेरे तरफ से आत्मिक आभार। आप निश्चित रूप से बधाई के पात्र हैं। एक बार पुनः हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। 🌹🌹 विजय कुमार पाठक " द्विज " स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक (TGT) हाई स्कूल गोबरदाहा गढ़वा। झारखंड
रायगढ़ को Chattisgarh का ही नही पूरे भारत में कला संस्कृति नगरी कहा जाता है ऐसे में आदरणीय प्रधान सर जी के पहल से साहित्य सेवा की दिशा में अंचल और पूरे विश्व में दूरगामी और सार्थक परिणाम प्राप्त होंगे साथ ही साथ सभी साहित्य सेवक भी इससे लाभान्वित होंगे सर जी को सादर साधुवाद 🙏🙏🙏🙏
परम आदरणीय डॉक्टर मीनकेतन प्रधान सर की रचनाएं वास्तव में हिंदी साहित्य जगत में एक नए अध्याय के रूप में प्रारंभ हो रही है निश्चित रूप से हिंदी साहित्य जगत को अपनी ज्ञान से वह एक नए आयाम की ओर ले जा रही है। आदरणीय सर को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं। डॉ. गायत्री साहू शासकीय सुखराम नागे महाविद्यालय नगरी, जिला धमतरी (छ. ग.)
मुझ जैसी साहित्य की युवा छात्रा के लिए डॉ मीनकेतन प्रधान जी एक प्रेरणास्रोत हैं। उनका यह कथन मैं अपने जीवन में उतारने की पूरी कोशिश करूंगी कि हमें साहित्य को केवल अध्ययन सामग्री नहीं, बाल्कि लोक कल्याण की भावना मन में जागृत करने का उपकरण बनाना चाहिए। मोंद्रिता चटर्जी छात्रा, स्नातक हिन्दी (तृतीय सत्र) जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय जमशेदपुर, झारखंड
प्रणाम सर, इस साक्षात्कार के माध्यम से काफ़ी ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त हुई। आपको सुनकर आपकी साहित्य साधना से परिचित होने का अवसर मिला इतना ही नहीं अपितु जिन्होंने इस साक्षात्कार को सुना उन सभी के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। साक्षात्कार बहुत ही उत्तम रहा।🙏 डॉ तितिक्षा जी वसावा सहायक अध्यापिका, श्री वी एम महेता आर्ट्स एंड कोमर्स कोलेज - जामनगर (गुजरात)
रायगढ़ को साहित्य के क्षेत्र में विश्व पटल पर स्थापित करने मे डॉ मीन केतन प्रधान सर का योगदान बहुत ही महत्व पूर्ण है... उनकी साहित्य साधना अनवरत जारी रहेगी, जय हिंद
श्रद्धेय प्रधान सर सादर प्रणाम आपके नेतृत्व में नव कलम साधकों को कुशल नेतृत्व एवं संबल मिलेगा। साहित्य साधकों के रचना कर्म को एक नई दिशा मिलेगी ।बहुत ही सार्थक साक्षात्कार । पुष्पांजलि दासे शास उच्च मा वि बड़े भंडार रायगढ़
नमस्ते, आदरणीय मिनकेतन जी, आप साहित्य के द्वारा सदैव लोक जीवन को साधने का अप्रतिम प्रयास निरंतर करते रहते हैं। नई पीढ़ी के प्रति आस्थावान होकर उन्हें जीवन के प्रति उदार बनाते रहे हैं।सादर-डॉ. सुषमा देवी, एसोसिएट प्रोफेसर, हिंदी विभाग, बद्रुका कॉलेज, हैदराबाद-27, तेलंगाना, भारत
आदरणीय डा मीनकेतन प्रधान निश्चित ही हिन्दी साहित्य जगत में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं इनकी रचनाएँ भी हिन्दी साहित्य को समृद्ध करेगी डा सीमा शर्मा डीएवी कालेज अमृतसर
Aadaraniya Pradhan sir ke Gyan ka mai kayal hoon';vo to guru ke. Guru ban gaye hai; Sakshatar ko pura suna ; sahitya ke bare me ve bahut jankari rakhate hai;singapur se unaki Vani Puri duniya me pahunch gai yah hamare liye gaurav ki bat hai; Madam ne bhi bahut achha puchha hai ; unako bhee dhanyavad; _- D s chandra Kelo vihar Raigarh Chhattisgarh
अति सुन्दर। सादर प्रणाम। हिंदी साहित्य के क्षेत्र में आपके द्वारा किया गया कार्य निस्संदेह युगों-युगों तक याद किया जाएगा। छायावाद के सौ वर्ष और मुकुटधर पांडेय को लेकर जिस तरह से नवीन आलोक में बृहद पुस्तक एवं अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित करके आपने जो नया मार्ग प्रशस्त किया है वह हिंदी साहित्य में स्तुत्य है। आपके बहुआयामी व्यक्तित्व को नमन। नई पीढ़ी आपको सदैव याद रखेगी। अनुज तिवारी उन्नाव उत्तर प्रदेश।
नाम - राजकुमारी सिदार कक्षा - एम. ए प्रथम सेमेस्टर हिन्दी शासकीय महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरसिया, जिला शक्ति छत्तीसगढ़ आदरणीय प्रधान सर को धन्यवाद!🙏🙏
डॉ मीनकेतन जी मेरे बचपन के साथी हैं, मैं इन्हे ब्यक्तिगत रूप से जानता हूँ । हमेशा मेधावी छात्र रहे हैं, साहित्य इनकी आत्मा है। साहित्य के बिना ये बिलकुल अधूरे हैं। मैं जब भी मिला हूँ तब हम केवल और केवल साहित्य पर ही बात करते हैं। साहित्य में ये नहीं बल्कि साहित्य इनमें समा गया है। मैं इनके उत्तरोत्तर उन्नति की कामना करता हूँ। युगल किशोर पंडा चक्रधर नगर, बंगलापारा, रायगढ़ (छ ग 13:34 )
परम आदरणीय डॉ मीनकेतन प्रधान सर जिनकी रचनाऍं वास्तव में हिंदी साहित्य जगत में एक नए अध्याय का प्रारंभ करेगी और निश्चित रूप से हिंदी साहित्य जगत को अपनी ज्ञान रूपी धारा से आलोकित करेगी। ले. डॉ शारदा घोघरे सहायक प्राध्यापक मनोविज्ञान कि. शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रायगढ़ छत्तीसगढ़
परम आदरणीय एवं प्रेरणास्रोत प्रधान सर जी को सादर प्रणाम बहुत ही सुन्दर, सार्थक एवं सफल साक्षात्कार रहा। आदरणीय प्रधान सर जी को साधुवाद एवं शुभकामनाएं,💐... नाम - दिग्विजय कुमार पटैल कक्षा - एम. ए. प्रथम सेमेस्टर हिन्दी शासकीय महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरसिया, जिला रायगढ़, छत्तीसगढ़
Bahut Sundar Pradhan sar aapane mahavidyalay jivan mein Hindi sahitya ko samriddh pari poshit Kiya Hai khas karke hamare Chhattisgarh ke mahapurush Mati Putra shradhay mukutdhar Pande ka chhayawadi Kavita Avam sahitya ka Navin shaili mein rachnaye ki hai vah vah vishwavidyalay Avam mahavidyalayo ke Chhatra chhatraon ke liye vah sahitya premiyon ke liye upyogi siddh hoga asha Karta Hun ki Chhattisgarh mein chhayawad ko vistar ke liye aap sadaiv samarpit rahenge Jay Chhattisgarh. S.P.Mehara Raigarh C.G.
आदरणीय प्रधान सर जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏 हिंदी साहित्य नवीन विचारों को आगे बढ़ाने का विचार देती है और स्त्रियों की भावनाओं से जुड़ी हुई बातों को भी सामने लाने का विचार रखती है और पुरानी रूढ़ी वादी धारणाएं को भी कम करने का प्रयास करती है हिंदी साहित्य जगत इसी तरह आगे बढ़ता रहे। 🙏🙏
परम आदरणीय डॉ मिनकेतन गुरुदेव आपकी छायावाद के प्रति विभिन्न रचनायें हिन्दी साहित्य जगत मे एक नया अध्याय का आरंभ किए है जो निश्चित ही नये पीढ़ी के साहित्य प्रेमियों के लिए दीपक की तरह पथ प्रदर्शित करेगी... आपको आपकी रचना के लिए हार्दिक शुभकामनायें!... जयंत पटेल (चपले)
आदरणीय प्रधान सर जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏
हिंदी साहित्य नवीन विचारों को आगे बढ़ाने का विचार देती है
और स्त्रियों की भावनाओं से जुड़ी हुई बातों को भी सामने लाने का विचार रखती है और पुरानी रूढ़ी वादी धारणाएं को भी कम करने का प्रयास करती है
हिंदी साहित्य जगत इसी तरह आगे बढ़ता रहे। 🙏🙏
असाधारण व्यक्तित्व के धनी परम आदरणीय डॉ मीनकेतन प्रधान ,जो विद्यार्थी जीवन से ही रचनात्मक प्रवृत्ति के रहे, ने वैश्विक स्तर पर अपनी रचना और रचनात्मक प्रवृत्तियों से ,व्यष्टि से समष्टि की ओर ले जाने वाली ,मानवीय चेतना को एक नई दिशा प्रदान करने वाली विचारधारा तथा राजनैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक उत्थान के लिए किया गया सराहनीय कदम के साथ ही आज का साक्षात्कार निश्चित रूप से युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक रहेगा ।
आपको बहुत-बहुत बधाई
सादर प्रणाम🙏
निर्भय गुप्ता लिंजीर, रायगढ़ छत्तीसगढ़ ।
परम आदरणीय, प्रेरणा स्रोत एवं हिन्दी-साहित्य जगत को अपनी ज्ञान से आलोकित करने वाले डाॅक्टर मीनकेतन प्रधान सर को कोटि-कोटि बधाई एवं शुभकामनाएं।आपका साक्षात्कार बहुत सुन्दर, सार्थक एव॔ सफल रहा जी।
वर्तमान में छायावाद के सौ वर्ष और मुकुटधर पाण्डेय विषयक द्वि-दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी द्वारा संपादक मीनकैतन प्रधान जी ने वैश्विक फलक पर फैलाया है।
डाॅ.विनय कुमार पाठक,डाॅ.मीना कौशिक, डाॅ.बेठियार साहू एवं सौरभ सराफ ने अपना सहयोग फरमाया है।
ये सभी बाते छोटी सी कविता के माध्यम से रविदत्त शर्मा,सांगानेर जयपुर ने बताया है।
आओं मिलकर हिन्दी भाषा का यशोगान करें ,यह अंतर्मन की भाषा है।
हिन्दी हमारी जननी है,यह सभ्यता,संस्कृति एवं संस्कारों की भाषा है।
रविदत्त शर्मा,सांगानेर,जयपुर,
सहायक प्राध्यापक (हिन्दी-विभाग)
बगरू महिला पी.जी.महाविद्यालय बगरू,जयपुर,राजस्थान
मिनकेतन सर जी को मेरा सादर प्रणाम।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साहित्य को पहुंचना पर मुकूटघर पांडे छायावाद के सौ वर्ष पूर्ण होने पर एवं रायगढ़ को साहित्य के माध्यम से जोड़ना। आप साहित्य जगत के पुरोधा है।आपके सकारात्मक दृष्टिकोण और छायावाद को लेकर आप ने रायगढ़ क्षेत्र को कला एवं साहित्य के क्षेत्र में विदेशों तक पहचान दिलाने में आपका विशेष योगदान है।यह आपके विद्वतापूर्ण लंबे समय तक अनुभ का ही परिणाम है।
आदरणीय डॉ मिनकेतन प्रधान जी को सादर प्रणाम इस साक्षात्कार से काफी ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त हुई
शासकीय महात्मा गांधी पीजी कॉलेज खरसिया
छात्रा __ निशा सिदार
कक्षा ___ एम. ए. प्रथम सेमेस्टर हिन्दी
जिला ____ सक्ती ( छत्तीसगढ़)
आदरणीय सर का बहुत बहुत धन्यवाद, सर श्रेष्ठ व्यक्तित्व के धनी हैं,आप अच्छे मार्गदर्शक तो हैं ही साथ ही अच्छी वक्ता,कवि आलोचक भी हैं,आपसे बहुत सीखने को मिलता है। सदैव आपका स्नेहाशीष बना रहे सर🙏💐
माननीय प्रधान सर!साहित्य के प्रति आपका यह प्रयास निसंदेह युवा साहित्यकारों को नई दशा और दिशा प्रदान करेगी, आपके इस प्रयास से भावी पीढ़ी के साहित्यकार प्रेरित होंगे।
हरिहर मालाकार
अतिथि व्याख्याता (भूगोल)
किरोड़ीमल शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रायगढ़
आदरणीय प्रधान सर जी ने साहित्य को नई दिशा प्रदान की है ।
नाम _ उमा साहू
आदर्श मिनकेतन प्रधान सर जी ने साहित्य के विषय बहुत अच्छा ज्ञान दिया है नाम नेहा महंत
हिंदी साहित्य जगत को अपनी ज्ञान से आलोकित करने वाले डॉक्टर मीनकेत प्रधान सर को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं। आपके द्वारा साहित्य को एक नई दिशा प्रदान की जा रही है। हमारे प्रवासी भारतीयों को जो हिंदी जगत के प्रेमी है इनको भी ऑनलाइन के माध्यम से जोड़ने का प्रयास अद्वितीय रहा। आपके सफल मार्गदर्शन से हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रहे।🥰😍🙌🥳 जय हिन्द जय छत्तीसगढ़🙏
🥰😍🙌❣️
कक्षा - एम. ए. प्रथम सेमेस्टर, हिन्दी
शासकीय महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरसिया, जिला रायगढ़, छत्तीसगढ़
नाम - मनोज कुमार बैगा
तहसील - धरमजयगढ़
जिला - रायगढ़, छत्तीसगढ़
प्रणाम सर, आप सर, बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी और आप को हिन्दी साहित्य के युगीन प्रवाह की पर्याप्त समझ है आप ने मुकुटधर पाण्डेय: छायावाद के सौ वर्ष ग्रंथ प्रकाशित कर समय की पग- ध्वनियों को पकड़ कर अपनी समझ को सिध्द किया है औरइस कालखंड का रचना-संसार पर समीक्षा-जगत द्वारा उठाए गए प्रश्नों को उत्तरयुक्त तो किया ही है साथ ही वह अन्तराल भी भरने के प्रयास किए है जो अस्पर्श्य और अनदेखे रहे हैं।आप द्वारा प्रेरित-प्रवाहित संजीवनी हिन्दी-साहित्य के आभामंडल को देदीप्यमान करेगी और इस स्तुत्य कार्य के लिए अनन्त काल तक यशकाय बनाएगी। हिन्दी साहित्य के कालजयी अवदान के लिए साधुवाद 6:00
परम आदरणीय, प्रेरणा हिंदी साहित्य जगत को अपनी ज्ञान से अलौकिक करने वाले डॉक्टर में मीनकेतन प्रधान सर को कोटि कोटि बधाई एवं शुभकामनाएं आपका साक्षात्कार बहुत, सुन्दर सार्थक एवं सफल रहा मैं ज़ब कोरोना कॉल चल रहा था तब आपका ऑनलाइन कार्यशाला मे भी जुडा था अपने बहुत ही सुंदर सजा कर आपने हमें हमरे जीवन मे साहित्य को प्रकाशित किये
साहित्य के प्रति आपका यह प्रयास निसंदेह युवा साहित्यकारों को नई दशा और दिशा प्रदान करेंगी आपके इस प्रयास से भावी पीढ़ी के साहित्यकार प्रेरित होंगे
आदरणीय डॉ मिनकेतन प्रधान जी को आदर पूर्वक नमन, जो हमे साहित्य को अपने जीवन में सार करके, खुद को और अपने आस-पास की दुनिया को बेहतर ढंग से समझने में मदद करने के लिए और मागदर्शन देने के लिए । साहित्य से मिलने से पहचान, कल्पना और सहानुभूति की अवधारणाएँ विकसित होती हैं। हमारी बढ़ती हुई अराजक दुनिया में, ये कौशल बहुत मायने रखते हैं।
आपके प्रति साहित्य में योगदान जो है हमारे जीवन और औरों के जीवन को प्रेरणादायक रहेगी
शासकीय महात्मा गांधी पीजी कॉलेज खरसिया
छात्रा - जीतु जोशी
कक्षा - एम . ए . प्रथम सेमेस्टर, हिंदी
रायगढ़, छत्तीसगढ़
परम आदरणीय डॉ मीनकेतन प्रधान सर जी की रचनाएँ नि:संदेह हिन्दी साहित्य जगत में नये अध्याय के रूप में प्रारंभ होगी और हिंदी साहित्य के विद्यार्थियों के लिए सहायक सिद्ध होगी। आपका यह प्रयास आज के युवा साहित्यकारों को भी प्रोत्साहित करेगा। बहुत ही ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणास्पद साक्षात्कार हेतु को आदरणीय प्रधान सर जी को अनंत शुभकामनाओं के साथ हार्दिक बधाई। आप हमारे रायगढ़ क्षेत्र के गौरव हैं।
डॉ सुधा पण्डा 'प्रज्ञा' सेवानिवृत्त व्याख्याता
आदरणीय प्रधान सर जी आपको प्रणाम, आपके द्वारा जो हिंदी साहित्य की सेवा किया जा रहा है हमारे लिए एवं हमारे आने वाले पीढ़ी के लिए निश्चित रूप से अतिमहत्वपूर्ण है। आपके प्रेरणादाई सुविचार हमारा हमेशा मार्गदर्शन करता रहेगा ।आपका सुविचार मुझे बहुत अच्छा लगा आपको बहुत -बहुत धन्यवाद।🙏
विवेक साहू
शा.महाविद्यालय खरसिया
जिला -रायगढ़ (छ.ग.)
हिंदी साहित्य एक ऐसा विषय है जिसे कोई भी व्यक्ति साहित्य से प्रेम करना सीख सकता है और इसमें परम आदरणीय डॉ मीनकेतन प्रधान जी की हिंदी साहित्य के लिए आधुनिक रचनाएं प्रस्तुत है अपनी अपनी रचनाओं के माध्यम से आप हमें अपनी ओर आकर्षित किया है और हमें नहीं शिक्षा और नई साहित्य की जानकारी प्रदान की है इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। नाम - अर्चना राठौर
पिता का नाम- श्री हंसामणी राठौर
एमजी कॉलेज खरसिया पूर्व में हिंदी साहित्य की छात्रा🎉🎉
आदरणीय प्रधान सर जी को हार्दिक शुभकामनाएं !
डॉक्टर मिनकेतन प्रधान जी की रचनाएँ हिंदी साहित्य के लिए एक नई आधुनिक रचनाएँ प्रस्तुत है जो वास्तव में नई शिक्षा को जन्म देती हैं आपका जो स्थान हिंदी साहित्य जगत में आप का अमूल्य स्थान है अपनी रचनाओं के माध्यम से हमें अपनी ओर आकर्षित किया है और हमें नई शिक्षा और नई साहित्य की जानकारी प्रदान की है इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद. !...
नाम - दुर्गेश पटेल
कक्षा- एम. ए. प्रथम सेमेस्टर, हिंदी
शासकीय महात्मा गांधी पीजी कॉलेज खरसिया
रायगढ़, (छत्तीसगढ़)
साहित्य के क्षेत्र में अपना बहुमूल्य योगदान देने वाले परम आदरणीय 'मीन केतन सर जी' को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम।
आपके साक्षात्कार के माध्यम से साहित्य के प्रति मेरी रुचि और प्रेम को और भी अधिक गहराई प्राप्त हुई है। आपने जिस तरह से साहित्य के विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट किया है वह अद्भुत है, आपकी बातें न केवल ज्ञानवर्धक है बल्कि साहित्य की गहराई को समझने में भी मददगार रही है। आपकी रचनाएँ और साहित्यिक योगदान इस क्षेत्र को समृद्ध करते हैं। आपके शब्दों में गहरी सोच, संवेदनशीलता और सच्चाई की झलक है, जो पाठकों के दिलों में गहरे स्थान बना लेती है। आपकी रचनाएँ सिर्फ साहित्यिक दृष्टिकोण से ही नहीं बल्कि जीवन की सच्चाइयों और संघर्षों को उजागर करने का एक सशक्त माध्यम बनती है। जैसे एक कुशल बाग़बान अपने बाग में हर रंग और रूप का ध्यान रखता है वैसे ही आपने अपनी रचनाओं में हर भाव और विचार को सुंदर और संतुलित रूप में पिरोया है।
नेहा कुमारी
छात्रा , हिन्दी विभाग
जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय
श्री प्रधान सर जी हिन्दी के अद्भुत प्रतिभाशाली युग पुरुष हैं इनकी रचनाएं हिन्दी के लिए आधारस्तम्भ है । मुकुटधर पाण्डेय के छायावाद पर इन्होंने जो विश्लेषण किया है इनका कोई सानी नहीं है। डॉ राजेश कुमार शर्मा जयपुर राजस्थान
किशोर कुमार शर्मा
शोधर्थी हिंदी, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर (छत्तीसगढ़ )
मुकुटधर पाण्डेय हमारे दक्षिण कोसल के निवासियों के लिए बेहद गर्व की बात है जिन्होंने छायावाद की शुरुआत में अपनी अहम् योगदान दिये. हमारे अंचल के महत्वपूर्ण विभूतियों के योगदान की चर्चा निश्चित होते रहनी चाहिए. ताकि भावी पीढ़ी इससे सिख लेकर अपने साहित्यकार भविष्य को सवार सके. धन्यवाद 🙏🙏
आदरणीय प्रधान सर आपके रचनाएं साहित्य जगत मे नई उजाला नई दिशा लहर लेकर आया हे आपको सुनते रहना का मन करता है मन मंत्र मुग्ध हो जाता ह
कीर्तन अजय
Mg college kharsiya
हिंदी साहित्य जगत को अपनी ज्ञान से आलोकित करने वाले डॉक्टर मीनकेत प्रधान सर को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं। आपके द्वारा साहित्य को एक नई दिशा प्रदान की जा रही है। हमारे प्रवासी भारतीयों को जो हिंदी जगत के प्रेमी है इनको भी ऑनलाइन के माध्यम से जोड़ने का प्रयास अद्वितीय रहा। आपके सफल मार्गदर्शन से हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रहे।
डॉ. गायत्री साहू
नगरी, सिहावा
जिला धमतरी (छ. ग.)
आदरणीय प्रधान सर जी को मेरा प्रणाम आपके साथ काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ जो मेरे जीवन में सदैव प्रेरणादायक रहा | आपका सु विचार मुझे बहुत अच्छा लगा बहुत बहुत धन्यवाद
नाम अशोक टोप्पो
शाहिद नंदकुमार पटेल वि. वि.रायगढ़
कार्यालय सहायक (शारीरिक खेल एवं शिक्षा)
प्रतिभा के धनी एवं प्रेरणा स्रोत मीन केतन सर जी को मेरा प्रणाम। आपके इस ज्ञानवर्धक साक्षात्कार ने साहित्य जगत के अन्य प्रेमियों तथा हमारे समाज को प्रेरित और प्रोत्साहित किया है। आपके द्वारा कहे गए व्यक्तित्व की परिभाषा स्वयं आपके ही व्यक्तित्व से परिभाषित हो रही है। आपका वक्तव्य तथा आपके सुविचारों ने हम जैसी नई पीढ़ी को साहित्य से प्रेम करने की लालसा और अधिक उजागर कर दी है। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सर ।
नीतू तिवारी
सहायक शिक्षिका , हिंदी विभाग (2023-2024)
जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी
जमशेदपुर झारखंड
आदरणीय गुरुवर प्रधान सर को सादर प्रणाम करते हुए मैं इस कार्यक्रम के बारे में कहना चाहूंगा कि निश्चित ही यह साक्षात्कार का कार्यक्रम साहित्य को जानने एवं मानने वाले लोगों के लिए बेहद लाभवर्धक है। सर ने साहित्य के विविध पहलुओं को लेकर बहुत सारी बातें बताई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह कार्यक्रम बहुत ही काबीलेतारीफ है।
परम आदरणीय प्रेरणास्रोत प्रधान सर जी को सादर प्रणाम, इस साक्षात्कार के माध्यम से काफ़ी ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त हुई। साक्षात्कार बहुत ही उत्तम रहा।
शासकीय महात्मा गांधी पीजी कॉलेज खरसिया
छात्रा -कुन्ती सिदार
कक्षा - एम. ए. प्रथम सेमेस्टर हिन्दी
जिला - सक्ती(छत्तीसगढ़) ।
आपके सकारात्मक दृष्टिकोण और छायावाद युग की गहराई ने साक्षात्कार को आनंदमय बना दिया। आप
हिंदी साहित्य का सार हैं और
साक्षात्कार में संबंधित विषय के बारे में जानकारी रखना और क्षेत्र में विशेषज्ञता प्रदर्शित करना केवल आपके लिए ही संभव है सर। आप अनंत ज्ञान के सागर और हिंदी क्षेत्र की आकाशगंगा हैं। आपने प्रभावी ढंग से संवाद किया और छायावाद के प्रत्येक पहलू पर स्पष्ट और संक्षिप्त प्रकाश डाला।
प्रत्येक रचनाकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए
आपके माध्यम से विश्व में हिंदी का प्रचार वास्तव में सराहनीय है। आप सदैव हिंदी क्षेत्र के अनमोल रत्न रहेंगे, डॉ. मिनकेतन जी🙏🙏
प्रेषक: अनिल, पीएच.डी विद्वान
दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा, धारवाड़ (कर्नाटक)
हिंदी साहित्य एक ऐसा विषय है जिसे कोई भी व्यक्ति साहित्य से प्रेम करना सीख सकता है और इसमें परम आदरणीय डॉ डॉक्टर मिनिकेतन प्रधान जी की रचनाएँ हिंदी साहित्य के लिए एक नई आधुनिक रचनाएँ प्रस्तुत है जो वास्तव में नई शिक्षा को जन्म देती हैं
आपका जो स्थान हिंदी साहित्य जगत में आप का अमूल्य प्राप्त स्थान है अपनी रचनाओं के माध्यम से हमें अपनी ओर आकर्षित किया है और हमें नई शिक्षा और नई साहित्य की जानकारी प्रदान की है इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
नाम -छाया कुमारी डनसेना
पिता का नाम -श्री राजेश कुमार डनसेना
एमजी कॉलेज खरसिया पूर्व में हिंदी साहित्य की छात्रा🎉🎉🎉🎉👏👏👏👏👏👏👏👏👏😍👏👏👏😄👍👍👍👍👍
कक्षा - एम ए प्रथम सेमेस्टर, हिन्दी
शासकीय महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरसिया,रायगढ़
नाम- धनराज चंद्रा
आदरणीय डॉ. मीनकेत प्रधान जी को ज्ञान से संबोधित करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। मेरी तरफ से आपको सदर प्रणाम
आप हमे इसी तरह ज्ञान से संबोधित करते रहिएगा।
सुरेंद्र कुमार साहू ग्राम सुरसी पोस्ट नदीगांव जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ छत्तीसगढ़ आदरणीय भैया प्रणाम आपका साक्षात्कार बहुत ही प्रेरणादायक रहा भावी पीढ़ी को मार्ग दिखायेगा
परम आदरणीय गुरुदेव डाँ. प्रधान सर को सादर नमन
रायगढ़ क्षेत्र को कला एवं साहित्य के क्षेत्र में विदेशों तक पहचान दिलाने में आपका विशेष योगदान है यह आपके विद्वतापूर्ण लंबी अवधि तक अनुभव का सुपरिणाम है। निश्चित रुप से यह आने वाली पीढी़ को नई दिशा देगी धन्यवाद
दासरथी जांगडे़ शोधार्थी
अटल विहारी वाजपेयी विवि बिलासपुर छग
आदरणीय डॉ श्री मीनकेतन प्रधान सर को सादर प्रणाम, शासकीय सेवा काल के दौरान आपके द्वारा अध्येताओं को साहित्य के माध्यम से नैतिक जीवन मूल्यों, सामाजिक उत्थान, समाज और राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्वों को साहित्य की संचार से जो बीज आपके द्वारा अध्येताओं के विचारधारा, चिंतन में बोया गया है सेवानिवृति के पश्चात भी आपके द्वारा साहित्य को एक नई ऊर्जा प्रदान करते हुए लोगों के मन मस्तिस्क पर अमिट छाप छोड़ने का कार्य करते आ रहे हैं l चाहे पत्र, पत्रिका हो या फिर ऑनलाइन के माध्यम से देश, विदेश के लोगों को जोड़कर हिंदी साहित्य को विश्व पटल पर रखा है l साहित्य की तरह आप पूरे विश्व में आलोकित होते रहें यही मेरी कामना है l (जगदीश यादव ,जिला - रायगढ़ छत्तीसगढ़,भारत)
परम आदरणीय डॉ मिनकेतन प्रधान जी को बहुत बहुत हार्दिक बधाई,आपके साहित्य सेवा को विश्व साहित्य संस्थान में साक्षात्कार सुन अच्छा लगा
बसंत पंडा, स्टेट बैंक से सेवानिवृत अधिकारी
बहुत ही सार्थक, ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणादायक साक्षात्कार रहा। श्रद्धेय प्रधान सर की उच्च मानवीय संवेदना एवं विश्व बंधुता के भाव को साहित्य के माध्यम से साधने हेतु योगदान सिद्ध करने के प्रयास एवं भावी स्वप्न सराहनीय हैं। हम अपनी शुभकामनाओं सहित सर के साथ हैं।
आदरणीया अनुसूया मैम का संचालन बहुत ही व्यवस्थित और समझदारीयुक्त रहा। आपकी संतुलित भाषा शैली एवं कार्य के प्रति प्राथमिकताप्रधान सोच याद रहेगी मैम। आप दोनों का सादर साधुवाद! प्रणाम 🙏
- डॉ. बी. एस. साहू
सहायक प्राध्यापक, हिन्दी
राजेन्द्र कॉलेज, जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा, बिहार, भारत
सधन्यवाद!🙏💐
सर्वश्रेष्ठ परम आदरणीय डॉ०मीनकेतन महोदय जी को सादर प्रणाम, नमस्ते सर, आपके बहुपयोगी एवं महत्वपूर्ण व्याख्यान से हम अति लाभान्वित हुए हैं। सादर धन्यवाद
आदरणीय प्रधान सर जी हार्दिक शुभकामनाएं आपकी साहित्य कामनाएं लोगों के लिए हमेशा प्रेरणा का कार्य करती है शब्दों को ब्रह्म कहा गया है शब्दों से सही साहित्य की संरचना होती है शब्द के बिना संवाद भी संभव नहीं है प्रधान सर जी ने अपनी कृति छायावाद के 100 वर्ष मैं शब्दों की अपरिमित शक्ति का अनुभव कराया है उन्होंने मात्र शुद्ध शब्द प्रयोग और उनके व्यवहार को सा उदाहरण समझाया है बल्कि शब्द प्रयोग के सैद्धांतिक पक्ष को भी बतलाया है मूल शब्द उत्पत्ति की विस्तृत विवेचना की है लेखक ने शुद्ध लेखन के साथ शुद्ध उच्चारण पर भी ध्यान दिया है मैं पुनः प्रधान सर जी को उनके इस ग्रंथ के लिए हार्दिक बधाई देता हूं
डॉ आशीष श्रीवास्तव
असिस्टेंट प्रोफेसर
RSY महाविद्यालय पूछ जालौनjhansi
नाम - नर्मदा राठिया
कक्षा -एम ए प्रथम सेमेस्टर हिंदी
ग्राम -चोढा
तहसील-खरसिया जिला- रायगढ़ छत्तीसगढ़
बहुत सुंदर आदरणीय सर जी साहित्य के विभिन्न रचना करके युवा पीढ़ी ही नहीं वरन हर वर्ग के लोगों को साहित्य पत्रिका साहित्य एवं लेखन से सभी को पढ़ाई के ओर अग्रसर किये तथा सभी को प्रोसाहित किए बहुत-बहुत धन्यवाद
बहुत सुंदर डॉ प्रधान सर। हिंदी साहित्य के क्षेत्र में आपका योगदान😢 अतुलनीय है। हिंदी भाषा के विद्वान प्राध्यापक के रूप में आपने हिंदी साहित्य एवं मातृ भाषा की सेवा की। बेहद ज्ञानवर्धक और सार्थक जानकारी आपने दी। निश्चित रूप से समाज को और नई पीढ़ी को एक दिशा मिलेगी।
डॉ राजेंद्र सिंह , प्राचार्य
रायगढ़ क्षेत्र को कला एवं साहित्य की नगरी के रूप में आप जैसे विद्वान एवं प्रतिभावान मनीषियों के कारण ही जाना जाता है।
आपको कोटिशः प्रणाम गुरुदेव 🙏💐
शोधार्थी - बेलमती पटेल
हेमचंद विश्वविद्यालय दुर्ग, (छ. ग.)
आदरणीय मीनकेतन प्रधान जी द्वारा साहित्य की सेवा वर्तमान साहित्य प्रेमियों के साथ साथ आने वाली साहित्य प्रेमियों को मार्ग दर्शन कर सामाजिक एवं नैतिक सृजनशीलता की एक नया आयाम गढ़ेगी। साहित्य सेवा के लिए मेरे तरफ से आत्मिक आभार। आप निश्चित रूप से बधाई के पात्र हैं। एक बार पुनः हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।❤🎉
कक्षा - एम. ए. प्रथम सेमेस्टर, हिन्दी
शासकीय महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरसिया, जिला
रायगढ़, छत्तीसगढ़
नाम - कौशल दास
तहसील - धरमजयगढ़
जिला - रायगढ़, छत्तीसगढ़
परम आदरणीय डॉक्टर मीनकेतन प्रधान सर को मेरा कोटि कोटि धन्यवाद। जिन की रचनाएं हिंदी साहित्य जगत में एक नए अध्याय का प्रारंभ करेगी। और हिंदी साहित्य को अपने ज्ञान रूपी प्रकाश से हमेशा प्रकाशित करती रहेगी। छायावादी युग वास्तव में हमारे हिंदी साहित्य का एक महत्वपूर्ण युग रहा है। इसके सभी स्तंभ महत्वपूर्ण थे।
विजयलक्ष्मी शर्मा वरिष्ठ अध्यापक
हनुमानगढ़
आदरणीय डॉ. मीनकेत प्रधान जी द्वारा साहित्य सेवा का जो प्रतिमान स्थापित किया गया है, वह निश्चित रूप से इस पीढ़ी के साहित्य प्रेमियों को प्रभावित करेगी, साथ ही आने वाली पीढ़ी को भी साहित्य सेवा के लिए प्रेरित करेगी। आपकी साहित्य सेवा समाज को एक नई दिशा प्रदान करेगी। आपका कार्य "वसुधैव कुटुंबकम" के आदर्श को लेकर प्रेरित है, जो हमारे साथ-साथ आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक एवं अनुकरणीय है।
दिलीप सिंह राजपूत
शोधार्थी पीएचडी हिन्दी
मैट्स विश्वविद्यालय,
रायपुर(छ.ग.)
बहुत सुंदर परिचर्चा,अदभुत विचार 🙏🏻💐☺️
"ज्ञान और प्रतिभा की कोई सीमा नहीं होती।"
समय के साथ कदम से कदम मिलाते हुए ज्ञान के माध्यम से स्थानीय प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर अपनी पहचान दर्ज करा रहे हैं। इससे क्षेत्र के युवाओं के लिए नया मार्ग खुल रहा है। मार्गदर्शक डॉ मीनकेतन प्रधान की विचार और अनुशीलन से युवाओं को साहित्य में नया आयाम स्थापित करने का अवसर प्राप्त हो रहा है।
ताम्रध्वज साय पैंकरा
सहायक प्राध्यापक(हिंदी)
शासकीय पालूराम धनानिया वाणिज्य एवं कला महाविद्यालय रायगढ़,छत्तीसगढ़(भारत)
आदरणीय मीनकेतन प्रधान सर के द्वारा हिंदी साहित्य के लिए दिए गए योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता चाहे वह छायावादी काव्य की सर्वश्रेष्ठ रचनाओं एवं कवियों की जानकारी हो और पुरे हिंदी साहित्य कीआपके द्वारा जो ज्ञान हमें प्राप्त हुई वह हमारी अमूल्य निधि है धन्यवाद सर छायावाद के सौ वर्ष जैसे अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन आपकी दूरदृष्टी छवि का दर्शन करवाता है धन्यवाद प्रधान सर आपके योगदान से सम्पूर्ण पुर्वी छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित करेगा। द्वारा श्री राजेन्द्र गुप्ता अ सहायक प्राध्यापक हिंदी नवीन शासकीय कन्या महाविद्यालय सारंगढ़ जिला सारंगढ़ बिलाईगढ छत्तीसगढ़
आदरणीय डॉ प्रधान सर जी आपको मैं सादर प्रणाम करती हूं सर आपने कड़ी मेहनत की है और आप अपनी राह में आने वाली सभी सफलताओं के हकदार हैं ।हिंदी साहित्य के क्षेत्र में आपका बहुत ही सराहनीय योगदान है । हार्दिक बधाई सर जी🎉 🎉🎉🎉
नाम - छाया राठौर एम. ए. हिंदी
पता - मकरी खरसिया
जिला - रायगढ़ (छ. ग़.)
बहुत हीं ज्ञानवर्धक परिचर्चा, हिन्दी साहित्य प्रेमी केलिए अत्यंत लाभदायक |
हार्दिक बधाई सर
त्रिपुरारी मिश्र
स्नातकोत्तर प्रशिक्षित हिन्दी भाषा शिक्षक,
राजकीय कृत सतेंद्र नारायण सिंह उच्च माध्यमिक विद्यालय, नबीनगर रोड, औरंगाबाद, बिहार
Interview bahut shandar Hai,Mai Dr minketan Pradhan ki badhai dera hun,Unhine bahut vidvatapurna Sankari di Hai, Chhaya your mukutdhar Pandey par sar garbhit eaten kali gai Hai
,
Pro r k patel
Krishna vatika colony ,raigarh
मीन केतन की सशक्त सृजनशीलता है। आप परिचय को मोहताज नहीं है। युवाओं को भी प्रेरित और प्रोत्साहित किया है। व्यक्तित्व निर्माण और सामाजिक सरोकारों पर आपने जोर दिया है। आपका ये साक्षात्कार प्रभावी लगा। बहुत धन्यवाद। साधुवाद।
हार्दिक बधाई आदरणीय सर,साहित्य सेवा में रत आप जैसे विरले ही ऐसे अनमोल रत्न हैं, जो अपनी अनन्य कर्मठता और साधना से समाज का उचित का मार्गदर्शन दर्शन करते हैं 💐💐-डॉ. ऋतु माथुर (प्रयागराज)
संवाद की परंपरा में विद्यार्थियों के लिए आपका संवाद सृजन के अनेक अनेक संभावना और मौकों से भरा हुआ है। विद्यार्थियों को निरंतर साहित्य के क्षेत्र में मौलिकता को बनाए रखने और अपने निजी जीवन अनुभव को लेखन के जरिए प्रस्तुत करने के प्रोत्साहन आपके द्वारा नए नए रास्ते उपलब्ध कराए जाते हैं। विद्यार्थियों में रचना शीलता का बने रहना उनके व्यक्तित्व विकास में किस प्रकार आवश्यक है इसके मूल कर्म पर आप विशेष रूप से जोर देते हैं।
चंद्रभान
काशी हिंदू विश्वविद्यालय
रायगढ जैसे छोटे शहर का विदेशो में साहित्य का परचम लहराना निश्चित तौर पर आपकी प्रतिभा का परिचायक है गुरुदेव
डॉ .मीनकेतन प्रधान जी का उद्देश्य बहुत अच्छा है ।
इससे साहित्य को नयी दिशा मिलेगी ।
उनका संस्थान भी अच्छा काम करेगा,उम्मीद की जा सकती है ।
बहुत प्रेरणा मिली ।
बहुत सुंदर ।
------ अमित सदावर्ती
साहित्य के मूल उद्देश्य सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की ओर आज की युवा पीढी को प्रेरित करने के लिए आपका कोटिशः धन्यवाद। आपके निर्देशन, प्रोत्साहन ने कई कवि लेखकों के मन मे दबी रचना धर्मिता के बीज को अंकुरित कर साहित्य जगत मे लाया है।साहित्य, समाज व लोक से जन मन को जोडने वाली एक कडी के रूप में मैं आपको देखती हूँ।आपके।अनवरत साहित्य सेवा और सहज उदारता के साथ मानव सेवा को मै प्रणाम करती हूँ।
डॉक्टर रोशनी मिश्रा
दुर्गा कालेज रायपुर
छत्तीसगढ़
बहुत सुंदर, विचारवान, ज्ञानवर्धक परिचर्चा
परम आदरणीय एवं प्रेरणास्रोत प्रधान सर जी को सादर प्रणाम 🙏🙏 बहुत ही सुन्दर, सार्थक एवं सफल साक्षात्कार रहा। आदरणीय प्रधान सर जी को साधुवाद एवं शुभकामनाएं 👏👏
लक्ष्मीन चौहान
शोधार्थी
शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग (छ. ग.)
सादर प्रणाम गुरुदेव 🙏🏻🙏🏻 आपकी साहित्य के प्रति सतत प्रगतिशीलता, साहित्य के परंपरागत - नवीन प्रसंगों का आकलन नि:संदेह साहित्य प्रेमियों के लिए बहुत ही उपयोगी हैं। साहित्य के लिए आपके स्तुत्य प्रयास अविस्मरणीय हैं, जो कि हमारे लिए एक मार्गदर्शक रूप में नई दिशा प्रदान करते हैं।। आपका यह साक्षात्कार तथ्यपूर्ण और सार्थक है । 🙏🏻🙏🏻💐💐
डॉ. प्रियंका भट्ट (राजकीय महाविद्यालय मजरा महादेव, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड)
परम् आदरणीय डा.मीनकेतन प्रधान बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं, साहित्य के माध्यम से उनकी रचना मानव कल्याण, समग्र मानवीय मूल्यों का विकास, सामाजिक संचेतना तथा राष्ट्र के विकास को लेकर है । डा.प्रधान के विचार एवं उनका साहित्य मानव जीवन के श्रेष्ठता में अनुगमित होने के मार्ग को प्रशस्त करता है । उच्च मानवीय संवेदना एवं विश्व बंधुत्व की भावना को उन्होंने साहित्य के माध्यम से परोसा है, जो प्रेरणादायक,सराहनीय तथा अनुकरणीय है ।
मुरलीधर प्रधान
मु.पो.हमीरपुर
जिला रायगढ़ (छ.ग.)
गुरु मीनकेतन प्रधान सर को प्रणाम, आपको सुनना हमेशा मेरे लिए फलदायक रहा है । इस साक्षात्कार के माध्यम से आपका ज्ञान सभी साहित्य जगत के लोगों के लिए प्रेरणादायक रहेगा और मार्गदर्शन करता रहेगा । धन्यवाद !
अभिषेक सिंह
सहायक प्राध्यापक , दिल्ली विश्वविद्यालय
आदरणीय मीनकेतन प्रधान जी द्वारा साहित्य की सेवा वर्तमान साहित्य प्रेमियों के साथ साथ आने वाली साहित्य प्रेमियों को मार्ग दर्शन कर सामाजिक एवं नैतिक सृजनशीलता की एक नया आयाम गढ़ेगी। साहित्य सेवा के लिए मेरे तरफ से आत्मिक आभार। आप निश्चित रूप से बधाई के पात्र हैं। एक बार पुनः हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। 🌹🌹
विजय कुमार पाठक " द्विज "
स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक (TGT)
हाई स्कूल गोबरदाहा
गढ़वा।
झारखंड
आपकी साहित्य साधना लोगों के लिए हमेशा प्रेरणा के रूप में काम करती है सर 🙏🙏🙏🙏
रायगढ़ को Chattisgarh का ही नही पूरे भारत में कला संस्कृति नगरी कहा जाता है ऐसे में आदरणीय प्रधान सर जी के पहल से साहित्य सेवा की दिशा में अंचल और पूरे विश्व में दूरगामी और सार्थक परिणाम प्राप्त होंगे साथ ही साथ सभी साहित्य सेवक भी इससे लाभान्वित होंगे सर जी को सादर साधुवाद 🙏🙏🙏🙏
परम आदरणीय डॉक्टर मीनकेतन प्रधान सर की रचनाएं वास्तव में हिंदी साहित्य जगत में एक नए अध्याय के रूप में प्रारंभ हो रही है निश्चित रूप से हिंदी साहित्य जगत को अपनी ज्ञान से वह एक नए आयाम की ओर ले जा रही है।
आदरणीय सर को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।
डॉ. गायत्री साहू
शासकीय सुखराम नागे महाविद्यालय नगरी, जिला धमतरी (छ. ग.)
आपका वक्तव्य अत्यंंत ही प्रेरणादायक रहा । प्रणाम सर जी.
मुझ जैसी साहित्य की युवा छात्रा के लिए डॉ मीनकेतन प्रधान जी एक प्रेरणास्रोत हैं। उनका यह कथन मैं अपने जीवन में उतारने की पूरी कोशिश करूंगी कि हमें साहित्य को केवल अध्ययन सामग्री नहीं, बाल्कि लोक कल्याण की भावना मन में जागृत करने का उपकरण बनाना चाहिए।
मोंद्रिता चटर्जी
छात्रा,
स्नातक हिन्दी (तृतीय सत्र)
जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय
जमशेदपुर, झारखंड
प्रणाम सर,
इस साक्षात्कार के माध्यम से काफ़ी ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त हुई। आपको सुनकर आपकी साहित्य साधना से परिचित होने का अवसर मिला इतना ही नहीं अपितु जिन्होंने इस साक्षात्कार को सुना उन सभी के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। साक्षात्कार बहुत ही उत्तम रहा।🙏
डॉ तितिक्षा जी वसावा
सहायक अध्यापिका,
श्री वी एम महेता आर्ट्स एंड कोमर्स कोलेज - जामनगर (गुजरात)
Bahut hi sundar prernadayak sakshatkar
रायगढ़ को साहित्य के क्षेत्र में विश्व पटल पर स्थापित करने मे डॉ मीन केतन प्रधान सर का योगदान बहुत ही महत्व पूर्ण है... उनकी साहित्य साधना अनवरत जारी रहेगी, जय हिंद
बहुत लाभदायक साक्षात्कार.... आदरणीय प्रधान सर को एवं मैम को प्रणाम
🙏💐
श्रद्धेय प्रधान सर सादर प्रणाम
आपके नेतृत्व में नव कलम साधकों को कुशल नेतृत्व एवं संबल मिलेगा। साहित्य साधकों के रचना कर्म को एक नई दिशा मिलेगी ।बहुत ही सार्थक साक्षात्कार ।
पुष्पांजलि दासे
शास उच्च मा वि बड़े भंडार
रायगढ़
नमस्ते, आदरणीय मिनकेतन जी, आप साहित्य के द्वारा सदैव लोक जीवन को साधने का अप्रतिम प्रयास निरंतर करते रहते हैं। नई पीढ़ी के प्रति आस्थावान होकर उन्हें जीवन के प्रति उदार बनाते रहे हैं।सादर-डॉ. सुषमा देवी, एसोसिएट प्रोफेसर, हिंदी विभाग, बद्रुका कॉलेज, हैदराबाद-27, तेलंगाना, भारत
आदरणीय डा मीनकेतन प्रधान निश्चित ही हिन्दी साहित्य जगत में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं इनकी रचनाएँ भी हिन्दी साहित्य को समृद्ध करेगी
डा सीमा शर्मा
डीएवी कालेज
अमृतसर
Bahut sarahaniy
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Vidya pradhan
Aadaraniya Pradhan sir ke Gyan ka mai kayal hoon';vo to guru ke. Guru ban gaye hai;
Sakshatar ko pura suna ; sahitya ke bare me ve bahut jankari rakhate hai;singapur se unaki Vani Puri duniya me pahunch gai yah hamare liye gaurav ki bat hai;
Madam ne bhi bahut achha puchha hai ; unako bhee dhanyavad;
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D s chandra
Kelo vihar
Raigarh
Chhattisgarh
अति सुन्दर। सादर प्रणाम।
हिंदी साहित्य के क्षेत्र में आपके द्वारा किया गया कार्य निस्संदेह युगों-युगों तक याद किया जाएगा।
छायावाद के सौ वर्ष और मुकुटधर पांडेय को लेकर जिस तरह से नवीन आलोक में बृहद पुस्तक एवं अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित करके आपने जो नया मार्ग प्रशस्त किया है वह हिंदी साहित्य में स्तुत्य है। आपके बहुआयामी व्यक्तित्व को नमन। नई पीढ़ी आपको सदैव याद रखेगी।
अनुज तिवारी उन्नाव उत्तर प्रदेश।
नाम - राजकुमारी सिदार
कक्षा - एम. ए प्रथम सेमेस्टर हिन्दी शासकीय महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरसिया, जिला शक्ति छत्तीसगढ़ आदरणीय प्रधान सर को धन्यवाद!🙏🙏
डॉ मीनकेतन जी मेरे बचपन के साथी हैं, मैं इन्हे ब्यक्तिगत रूप से जानता हूँ । हमेशा मेधावी छात्र रहे हैं, साहित्य इनकी आत्मा है। साहित्य के बिना ये बिलकुल अधूरे हैं।
मैं जब भी मिला हूँ तब हम केवल और केवल साहित्य पर ही बात करते हैं। साहित्य में ये नहीं बल्कि साहित्य इनमें समा गया है। मैं इनके उत्तरोत्तर उन्नति की कामना करता हूँ।
युगल किशोर पंडा
चक्रधर नगर, बंगलापारा, रायगढ़ (छ ग
13:34 )
अति सुंदतप्रधान जी, हार्दिक शुभकामनाएं
सादर प्रणाम सर जी
बहुत ही अच्छा वक्तव्य.
अति सुन्दर.. हार्दिक शुभकामनाएं 🌺
बहुत सुन्दर, सादर प्रणाम सर 🙏 मैडम का भी सादर अभिवादन एवं साधुवाद 🙏
धन्यवाद!
नाम अंजलि सिदार एम.ए. प्रथम सेमेस्टर हिंदी एम.जी.कॉलेज खरसिया ,आदर्शनिय सर आपका साक्षातकार अत्यन्त हि प्रणादक रहा 🙏
Bahut sundar!!!
परम आदरणीय एवं प्रेरणा स्रोत प्रधान सर जी को सादर प्रणाम बहुत ही सुंदर सार्थक एवं सफ़ल साक्षात्कार रहा। आदरणीय प्रधान सर जी को साधुवाद एवं शुभकामनाएं
नाम _सुमन टंडन
कक्षा _एम .ए. प्रथम सेमेस्टर हिन्दी
शासकीय महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरसिया, जिला रायगढ़ , छत्तीसगढ़
बहुत सुन्दर सादर प्रणाम मेडम सर
🙏💐
लिलेश्वरी साहू सोमनी महाविद्यालय सोमनी राजनांदगांव से हूं मैनै लिखीं मुझे मौका मिला बहुत अच्छा लगा
Bahut badhiya Sir 👏🏻
बहुत ही बढिया सर
परम आदरणीय डॉ मीनकेतन प्रधान सर जिनकी रचनाऍं वास्तव में हिंदी साहित्य जगत में एक नए अध्याय का प्रारंभ करेगी और निश्चित रूप से हिंदी साहित्य जगत को अपनी ज्ञान रूपी धारा से आलोकित करेगी।
ले. डॉ शारदा घोघरे
सहायक प्राध्यापक मनोविज्ञान
कि. शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रायगढ़ छत्तीसगढ़
बहुत अच्छा लगा 🎉
प्रेरणास्पद वक्तव्य
बहुत बढ़िया सर
Badiya sir ji!!
मीन केतन जी।
परम आदरणीय एवं प्रेरणास्रोत प्रधान सर जी को सादर प्रणाम बहुत ही सुन्दर, सार्थक एवं सफल साक्षात्कार रहा। आदरणीय प्रधान सर जी को साधुवाद एवं शुभकामनाएं,💐...
नाम - दिग्विजय कुमार पटैल
कक्षा - एम. ए. प्रथम सेमेस्टर हिन्दी
शासकीय महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरसिया, जिला
रायगढ़, छत्तीसगढ़
🙏🙏🙏
🙏💐
नाम हुलस राम निषाद। एम ए हिन्दी! पता ग्राम लेंधरा तहसील बरमकेला जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ !
Bahut Sundar Pradhan sar aapane mahavidyalay jivan mein Hindi sahitya ko samriddh pari poshit Kiya Hai khas karke hamare Chhattisgarh ke mahapurush Mati Putra shradhay mukutdhar Pande ka chhayawadi Kavita Avam sahitya ka Navin shaili mein rachnaye ki hai vah vah vishwavidyalay Avam mahavidyalayo ke Chhatra chhatraon ke liye vah sahitya premiyon ke liye upyogi siddh hoga asha Karta Hun ki Chhattisgarh mein chhayawad ko vistar ke liye aap sadaiv samarpit rahenge Jay Chhattisgarh. S.P.Mehara Raigarh C.G.
आदरणीय प्रधान सर जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏
हिंदी साहित्य नवीन विचारों को आगे बढ़ाने का विचार देती है
और स्त्रियों की भावनाओं से जुड़ी हुई बातों को भी सामने लाने का विचार रखती है और पुरानी रूढ़ी वादी धारणाएं को भी कम करने का प्रयास करती है
हिंदी साहित्य जगत इसी तरह आगे बढ़ता रहे। 🙏🙏
महात्मा गांधी कॉलेज खरसिया
एम ए साहित्य की छात्रा
Bubun ghritlahre
परम आदरणीय डॉ मिनकेतन गुरुदेव आपकी छायावाद के प्रति विभिन्न रचनायें हिन्दी साहित्य जगत मे एक नया अध्याय का आरंभ किए है जो निश्चित ही नये पीढ़ी के साहित्य प्रेमियों के लिए दीपक की तरह पथ प्रदर्शित करेगी... आपको आपकी रचना के लिए हार्दिक शुभकामनायें!...
जयंत पटेल (चपले)