क्या आपके कोई प्रश्न है, क्या आप यहां पूछना चाहेंगी, आपके प्रश्नों से मुझे ये ज्ञान प्राप्त हो सकता है के मैंने किन बिंदुओं पर ध्यान नहीं दिया 🙏 अपना प्रश्न जरूर लिखें
To rape, murder, burgalry ye sab manushya nahi karta...to fir chinta aur pashchataaap bhi nahi hoga.. murder hua..ishwar ne kia, rape hua ishwar ne kia, ???
कर्म से बंधन नहीं होता उसके फल में आसक्ति होने से बंधन होता है। कर्म फल की इच्छा न रख़ उसे ईस्वर पर छोड़ने को कहा गया है। ईस्वर हमारे कर्मो का कर्ता तभी बनता है जब जीव 100% शरण ग्रहण करे मन बुद्धि से एक नव जात शिशु जैसे अपनी माता को समर्पित रहता है और माता उसका सब कार्य करती है उसके बिना कुछ कहे। और क्या इस अवस्था का कोई जीव गलत कार्य कर सकता है चोरी डकैती रेप इत्यादि तो बहुत दूर की बात है। पूर्ण शरनागति के बाद जीव् की स्थिति एक नवजात शिशु की होती है। ॐ ॐ ॐ
जो भी हो रहा है वह तुम नहीं कर रहे हो, यह सब कुछ पूर्व निर्धारित है और हो चुका है, अब तो तुम केवल अनुभव कर रहे हो, और यह अनुभव भी बहुत कम समय के लिए ही होता है, असल में बलात्कार के समय जो बलात्कारी और पीड़िता है वो बलात्कार के बाद वहां नहीं है उसी तरह सजा भी किसी और को ही मिलती है। गीता "फल तो तुम्हारे हाथ में है ही नही पार्थ, तुम्हारे हाथ में केवल कर्म है " अध्याय 3 यदि आप ध्यान दे तो कर्म भी हमारे हाथ में नही है लेकिन माया की रचना इतनी प्रभावी है की कर्म से अलग होना असम्भव जान पड़ता है इसलिए कृष्ण ने कहां है करोड़ों में कोई एक ऐसा योगी होता है जो कर्मों से भी मुक्त होता है।
Maharishi koti koti naman
हम लोगों को सीखने के लिए ही आप जैसे महापुरुषों को निमित्त बनाया जाता है
❤❤❤
*हरि ૐ तत्सत सद्गुरु श्री रमणमहर्षि साहेबजी नमः*🙏 *जय श्री परब्रह्म परमात्मा*🙏 *ओम ईश्वर सच्चिदानंद स्वरूप*🌹
Thank you very much sir keep posted
Bahut hi badhiya prawachan hai. Is ke Baad main kabhi bhai Sanam Teri kasam nahi dekhunga . Main unka shishya ban kar ke nach ke rahunga
गुरु शरणम्🙏🌺 🌷
Jay prbhu ji 🙏 ❤
Arth spasht karne ka thanks maharaj ji 💐🌹🌹🌺
8:45 दुनिया कैसे चलेगी, क्या दुनिया को हम चलाते है? यदि नहीं तो फिर यह हमें चिंतन करने की आवश्यकता क्यों है के दुनिया कैसे चलेगी। ☺️
महर्षि आपको कोटि कोटि नमन।
❤❤❤🙏🙏🙏
JAI BABAJI 🌸🌹🌷🌺💐🦚🪷🙏JAI MAA 🌸🌹🌷🌺💐🦚🪷🙏
Jay Jay Hari ♥️
🙏
ईश्वर हमारे अंदर है हम ईश्वर नहीं है।
गलत लेख
હૂં અને ઈષ્વર બે નથી.
Parnam guru ji🙏🙏🙏
Jay gurudev
सारे विश्व को जय प्रभु🙏🙏
Jai Ho Prabhu ji ki❤🙏🏻
❤आत्म निवेदन भगवन 🙏🕉🙏
Very nice guru ji
Arunachal shiva 🙏⚘️
धन्यवाद भाई जी..जय श्री राम
Guruji.aap.ke.charno.me.koti.koti.pranaam
🙏👏🌹🥰
❤❤❤
Bahut bahut dhanyawad 🙏❤️🤗
Bsr 💞🙏🌷
नाथ सकल सम्पदा तुम्हारी। मैं सेवक समेत सुत नारी।
Haei Om hati
आपके सत्संग में मजा आ गया
Prem Naman.
Doodh nath bhakti me lin.jai shri krishnay nmh.❤
प्रणाम ❤❤
Thanks!
धन्यवाद💗
बहुत बड़ा ज्ञान और प्रभावी आवाज
अमृत वाणी ❤
Waheguru ji
Gazab❤
इस प्रवचन से मुझे अच्छी तरह संतुष्टि मिल रही है इसके लिए कोटि-कोटि धन्यवाद 7:36
🙏🌼🙏
Very nice.
🙏🙏🙏🙏
🙏🏼♥️
Thanks vvvvvvvvv much for all imp other videos also
🙏🙏🙏🌺🌺
❤
🙏🏻
☺️☺️☺️🙏🙏🙏❤️❤️
Beautiful 🙏
Your voice is so powerful, seems God is talking. All the best to you!
जय महाराज जी की 🌺🌷🙏🙏
Perfect
Verrenic
इस प्रवचन से अनेक प्रश्नोके उत्तर मिले.पराभक्ती थोडी समझ आयी .अभी और समझना चाहती हूं.कृपया मार्गदर्शन करे.
क्या आपके कोई प्रश्न है, क्या आप यहां पूछना चाहेंगी, आपके प्रश्नों से मुझे ये ज्ञान प्राप्त हो सकता है के मैंने किन बिंदुओं पर ध्यान नहीं दिया 🙏 अपना प्रश्न जरूर लिखें
Sir ji aapki aawaj me ek Jadu hai
भगवान श्री कृष्ण गीता में कह चुके हैं के अर्जुन अगर कुछ भी समझ में नहीं आए सब धर्म को छोड़कर मेरी शरण में आ जाओ
जय श्री कृष्णा
योग क्षेम वहाम्याम प्रभु करने मे समर्थ है
Nice
नमस्कार जी
साहब यदि आप अपने वीडियो को एडिट करवाना चाहते है तो आप मुझसे संपर्क कर सकते है।
To rape, murder, burgalry ye sab manushya nahi karta...to fir chinta aur pashchataaap bhi nahi hoga.. murder hua..ishwar ne kia, rape hua ishwar ne kia, ???
कर्म से बंधन नहीं होता उसके फल में आसक्ति होने से बंधन होता है। कर्म फल की इच्छा न रख़ उसे ईस्वर पर छोड़ने को कहा गया है। ईस्वर हमारे कर्मो का कर्ता तभी बनता है जब जीव 100% शरण ग्रहण करे मन बुद्धि से एक नव जात शिशु जैसे अपनी माता को समर्पित रहता है और माता उसका सब कार्य करती है उसके बिना कुछ कहे। और क्या इस अवस्था का कोई जीव गलत कार्य कर सकता है चोरी डकैती रेप इत्यादि तो बहुत दूर की बात है। पूर्ण शरनागति के बाद जीव् की स्थिति एक नवजात शिशु की होती है। ॐ ॐ ॐ
Chinta usi ko hogi jo sach mai apne andar iswar ko dekha hoga, murder etc ignorance ke karan hote hai
जो भी हो रहा है वह तुम नहीं कर रहे हो, यह सब कुछ पूर्व निर्धारित है और हो चुका है, अब तो तुम केवल अनुभव कर रहे हो, और यह अनुभव भी बहुत कम समय के लिए ही होता है, असल में बलात्कार के समय जो बलात्कारी और पीड़िता है वो बलात्कार के बाद वहां नहीं है उसी तरह सजा भी किसी और को ही मिलती है।
गीता "फल तो तुम्हारे हाथ में है ही नही पार्थ, तुम्हारे हाथ में केवल कर्म है "
अध्याय 3 यदि आप ध्यान दे तो कर्म भी हमारे हाथ में नही है
लेकिन माया की रचना इतनी प्रभावी है की कर्म से अलग होना असम्भव जान पड़ता है इसलिए कृष्ण ने कहां है करोड़ों में कोई एक ऐसा योगी होता है जो कर्मों से भी मुक्त होता है।
Jab tum ishwar se jude hoge to ye sab hoga hi ni
🙏
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🙏🙏
🙏