कौड़ी मंडी - हम बेचारियों का क्या होगा?
Вставка
- Опубліковано 5 лип 2024
- कौड़ी मंडी के बारे में क्या?
कौड़ी मंडी - हम बेचारियों का क्या होगा?
मुख्य कार्यालय - मैडम (एम) -अपर्णा
शाखा कार्यालय - कमली (क) - मौसमी
एम - क्या री कमली - तेरे ब्रांच से कुछ पैसा वैसा - कुछ भी तो नहीं आ रहा! क्या हुआ?
क- अब क्या बताओ मौसी- धंधा बहुत ही मंदा पड़ा है!
एम- क्या बात कर रही है! युग युगांतर से चले आ रहा प्रोफेशन कैसा ठप हो सकता है??
क-अर्रे हो गया है - कोई ग्राहक आ ही नहीं रहा! मैं क्या कर सकती हूँ?
एम- कोई स्कीम-वीम चला - एक खरीदो एक मुफ़्त पाओ…ऐसे कुछ करके देखो..
क- ऊफ - तुमको लगता है मैंने ऐसा कुछ नहीं किया होगा? - मैंने 1 खरीदो 3 मुफ़्त पाओ की भी स्कीम चलायी थी - वो भी फेल हो गया!
एम- ऐसा हो क्यों रहा है?
क- अब क्या बताओ...हर मुहल्ले में पर्सनल मसाज पार्लर, स्पा खुल गए हैं - और सब जानते हैं वहाँ क्या चल रहा है...तो कस्टमर भला इतनी दूर क्यों आएगा - अपने ही मुहल्ले में जाएगा ना...
एम- लेकिन वो तो रिस्की फैक्टर है - अपने मुहल्ले में जाएगा तो घर वालों को पता चल जाएगा..
क- अरे कम्बख्त कस्टमर में इतनी अक्कल तो है ही - अपने पड़ोस के मुहल्ले जाता होगा - और क्या…..वैसे भी आज कल तो पढ़ी-लिखी खाते पीते घर की औरतें भी यहीं काम कर रही हैं...फ़र्राटेदार अंग्रेज़ी बोलकर - अमीर ग्राहकों को तो वहीं लोग निगल रही हैं न …..
एम- लो कर लो बात! पढ़ लिख कर उनकी यही समझ में आया...कि हम जैसे बेचारियों की रोज़ी रोटी पर हमला करें??
क- हाँ - ऐसा ही लगता है - बहुत पढ़ लिखने के बाद उनकी ये समझ में आया कि हम लोग ही हैं जो उमदा काम कर रही हैं…..
एम- बताओ! कहा पढ़ लिख कर उन लोगों को हमारे उत्थान के लिए सोचना था - लेकिन वो लोग खुद ही इस गंदी नाली में तैरने चली आई….
क- हम्म...घोर कलयुग और लम्पट पुरुष तांत्रिक दुनिया में और हो भी ही क्या सकता है.....
एम- हम्म..सही है...
वीडियो में वार्तालाप जारी है - वीडियो ज़रूर देखिये
Wonderful acting by both of you. A serious problem of our present society has been highlighted with satire. 👍👏🏼🙏🏻