NI Act- Sec 87, 138, putting cheque without consent of Maker dont make liability of payee-Bombey HC

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  • Опубліковано 12 гру 2024

КОМЕНТАРІ • 646

  • @MangalKumar-wg4zi
    @MangalKumar-wg4zi Рік тому +17

    लोग लोग बात बात में बदलते हैं जज साहेब जी इस लिए पुनः इस फैसले पर न्यायालय को विचार करना चाहिए जय हिंद जय भारत

    • @shankarraorajigare3030
      @shankarraorajigare3030 Рік тому

      क्या ये जज मोदी का पिट्ठू है भाई ॽ

    • @AdvChauhan315
      @AdvChauhan315 9 місяців тому +1

      Bhai finance company blank check leke bahut froud karti hai intrest rate barati kuchh hai aur laga kuchh deti hai
      Isliye ye judgement bahut achha hai

  • @kapilnamdev9569
    @kapilnamdev9569 Рік тому +22

    हृदय की गहराइयों से सर आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

  • @agarwalveena8796
    @agarwalveena8796 2 роки тому +57

    दूबे जी आपने अच्छी जानकारी दी, आप का धन्यवाद।🙏

  • @RohitThakur-fh3zx
    @RohitThakur-fh3zx Рік тому +41

    इस कानून में संशोधन होना जरूरी है। पैसा भरोसे पर दिया जाता है, और कई बार पैसा लेनेवाला डुबाने की तैयारी से ही लेता है।

    • @Aarifkhan-bs3do
      @Aarifkhan-bs3do Рік тому +2

      Sahi bole thakur bhai

    • @RashidRashid-mm5lf
      @RashidRashid-mm5lf 5 місяців тому

      Bank wale ho tm shyd isliye keh rahe ho

    • @UdaySingh-wt9yl
      @UdaySingh-wt9yl 3 місяці тому

      Koi jarurat nhi hai, aap paisa agar sach mein hakdaar hain to liability prove kriye , bank statement ya written agreement se

    • @pravinkamble2467
      @pravinkamble2467 3 місяці тому

      कोर्ट ने यह भी कहा है देनदार लगते हो तभी तो चेक दिए हो किसने क्या लिखा महत्वपूर्ण नही है

    • @mahatoboy6259
      @mahatoboy6259 3 місяці тому

      Check se bada agreement kya hoga

  • @deviduttdhyani1551
    @deviduttdhyani1551 Рік тому +8

    सर आप, समझाते बहुत अच्छा हैं,ऐसे ही लोगो की मदद करते रहिए ।धन्यवाद सर

  • @shyamsoni8394
    @shyamsoni8394 2 роки тому +14

    बहुत महत्वपूर्ण बात है, सबकी हित का चीज़ है धन्यवाद

  • @hansrajrathee06.
    @hansrajrathee06. Рік тому +28

    मेरा भी पैसा डूब गया है उधार दिया था, मांगने पर उसने बुरा व्यवहार किया था और घर गया तो उसकी पत्नी ने लठ दिखाया तो चेक बाउंस कराके केस दर्ज किया है और तारिक पे तारिक चल रही है,, धन्य है भारत माता का कानून

    • @karanveer501
      @karanveer501 9 місяців тому +1

      Kabhi bhi paisa do to cheque ke sath video banao aur cheque hamesa uske ghar ki kisi mahila jaise Maa bahen biwi ke Naam Ki lo aur jo pen use kiya ho likhte time vo pen safe rakho jb tk paisa mil na jaye

    • @amansaxena2996
      @amansaxena2996 2 місяці тому +1

      Same bhai

  • @indragope8571
    @indragope8571 Рік тому +12

    इस फैसले के बाद तो धोखाधड़ी करने वालों कि चांदी हो जायेगा। धन्य है वो जज साहेब जिसने धोखाधड़ी करने वालों कि चांदी कर दी। अब कोई भी किसी जरूरत मंद को चेक के बिना पर कोई भी लेन देन नहीं करेगा।

  • @anupkumar-rq3hz
    @anupkumar-rq3hz Рік тому +33

    4 करोड़ मामले पेंडिग है। 200 साल पुराने कानून 4 पीढी तक फैसला नहीं आता है।

  • @InfotainmentNowIndia
    @InfotainmentNowIndia Рік тому +28

    म्यूचुअल सहमति तो एग्रीमेंट के वक्त ही हो जाती है जब चैक देता ही इसलिए है। ये क्या फैसला देते हैं,इसे चैलेंज करना चाहिए ऊपरी अदालत में,ऐसे तो चेक की कोई वैल्यू नहीं रहेगी।

  • @kapilprakashsharma9929
    @kapilprakashsharma9929 Рік тому +17

    ऐसे judgement ही काॅलेजियम के दुष्परिणाम के रूप में सामने आते है।

    • @vinodkumaryadav584
      @vinodkumaryadav584 Рік тому +2

      You are right

    • @teravya1301
      @teravya1301 Рік тому

      ​@@vinodkumaryadav584हमारे लोकल लँग्वेज मे कहते है ' कायदा गाढव असतो '(Law is donkey) .मगर यह बहस ऑर कोर्ट डिसिजन सुंनने पर लागता हे Judge is donkey.😂

  • @uttamnarayansharma7622
    @uttamnarayansharma7622 2 роки тому +1

    नमस्ते सदा वत्सले मातृभू में। जय भारत वंदेमातरम।

  • @brijendrasingh4749
    @brijendrasingh4749 2 роки тому +3

    नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे

  • @rakeshsaxena4575
    @rakeshsaxena4575 Рік тому +10

    सरकार ने बहुत अच्छा निर्णय लिया ब्याज वालों की ऐसी तैसी हो जाएगी। Shukaree बंद होने चाहिए साहूकार लोग ब्लैंक चेक लेकर गरीब लोगों को ब्लैकमेल करते हैं

    • @justfun6909
      @justfun6909 9 місяців тому +1

      कर्ज फिर लेते क्यों हो fraud

    • @Rajansharma.0007
      @Rajansharma.0007 9 місяців тому

      ​. Gnd fati hoti h faas jate h log es liye lete h majburi ho jati h kuch b ho sakti h

    • @NileshLanghe
      @NileshLanghe 4 місяці тому

      ​@@justfun6909चेक डेट लगाने के लिए दो ना फिर

    • @mahatoboy6259
      @mahatoboy6259 3 місяці тому

      Koi admi badmasi nhi karta h

  • @anandsawhney4805
    @anandsawhney4805 Рік тому +16

    By passing this order high court has rendered NI Act u/s 138 as almost useless ...it favours the defaulter

  • @ashoksharma1629
    @ashoksharma1629 2 роки тому +8

    बहुत ही अच्छी जानकारी सर जी। धन्यवाद। 🙏

  • @pooranchandrapandey9486
    @pooranchandrapandey9486 2 роки тому +15

    Very useful for all of us and the excellent explaination and presented in a beautiful way thanks the learned scholars and lawyer

    • @moazzamali430
      @moazzamali430 Рік тому

      Please give your valuable suggestion if trial court does not follow the authorities of Apex courts Apart from available remedies

  • @shilwantsankhla1461
    @shilwantsankhla1461 Рік тому +4

    कोर्ट का यह फैसला कर्जदार के पक्ष में बहुत ही चमत्कारी है क्योंकि अधिकांश कर्जदार उधार लिए गए धन को चुकाना नहीं चाहते हैं तो वह चेक भुगतान की दिनांक और समय पर अपनी सहमति क्यों देगा।
    इस फैसले से क़र्ज़ देने वाली संस्था को क़र्ज़ वसूली में बहुत अधिक कष्ट होगा।

  • @DineshGupta-wk8gk
    @DineshGupta-wk8gk 2 роки тому +20

    जो बेगर तारीख के चेक दे रहा है उसका कोई कसूर नहीं वो ती साहूकार बन गया ।उसकी भी ती सहमति हे। तभी तो वह undated चेक दे रहा है। जज ने undated चेक दे रखे हे। जिससे भुगतान नहीं करना पड़े

  • @AnjaliKulkarni-y3b
    @AnjaliKulkarni-y3b Рік тому +1

    Ek number guidance किया आपने. Eaisehi औंर vdos का wait करते है. धन्यवाद.

  • @ShivShankar-vv9sb
    @ShivShankar-vv9sb 2 роки тому +6

    Jai Bharat... Bilkul sahmati hona jaruri hai..

  • @RoyalG39
    @RoyalG39 Рік тому +130

    जिस का पैसा डूबता है वही परेशान होता है जज को कोई फर्क नही पड़ता है।

    • @mastitimekids3132
      @mastitimekids3132 Рік тому +1

      Koi dhake se jyada paise dalte hai
      Private financer jaise

    • @rameshchandak5698
      @rameshchandak5698 Рік тому +1

      Korechi leke sahukar log majburi ka fayda utha rahe hain

    • @naveenkumar9924
      @naveenkumar9924 Рік тому +2

      V good decision .

    • @surajshukla2254
      @surajshukla2254 Рік тому +1

      Ha Bhai deje 10000 hajar aur blank check le kar 100000 bana dega tab Dubey ga he na bhaiya

    • @shailajadhule2
      @shailajadhule2 Рік тому +1

      Thank you Sir, for the valuable legai
      information. Jay Hind

  • @imparesh
    @imparesh 2 роки тому +11

    Very good video.
    I am in Bank and such judgement clarification makes our working more cautious.

  • @sureshjadhao5703
    @sureshjadhao5703 Рік тому +8

    भाई सुप्रीम कोर्ट अलग कहता है हायकोर्ट अलग कहता है कीसपर भरोसा करे सुप्रीमो कोन है सुप्रीम कोर्ट या हायकोर्ट कन्फ्युजन कन्फ्युजन कन्फ्युजन वकीलोने क्या करना चाहिये क्रमश......

  • @DineshGupta-wk8gk
    @DineshGupta-wk8gk 2 роки тому +28

    बेकार का नियम फिर चेक का मतलब ही किया रहा।

  • @tejbirdalal4517
    @tejbirdalal4517 Рік тому +1

    Kafi mehant ki apne smjhane m...Very good

  • @pardeepduggal3431
    @pardeepduggal3431 Рік тому +8

    Supreme court says accused sign on cheque is sufficient, for trial, if cheque is given blank,,

  • @YuvarajShamraoLahutePatil
    @YuvarajShamraoLahutePatil 11 місяців тому +2

    Very nice general knowledge and gross explanation. Thanks 👍

  • @jitubhaipatel5367
    @jitubhaipatel5367 Рік тому +1

    Bahot badiya jaankari dedi
    Dhanyavad

  • @shivaji2225
    @shivaji2225 5 місяців тому +2

    चेक लेन देन केवल धन हस्तानांतरण का सुगम साधन है न कि अपराधी बनाने का। आज चेक के कारण वैमनस्यता बढ़ी है

  • @rajshreeanandk1099
    @rajshreeanandk1099 Рік тому +1

    Ram Ram Ji
    Achchhi jaankari di hai. Dhanyawad Ji.

  • @ashokkumaraneja4299
    @ashokkumaraneja4299 Рік тому +1

    रॉयल गुरूजी ने बिल्कुल सही लिखा है, कि जिसका पैसा डूबता है, उसके दिल से पूछो, जज को क्या फर्क पड़ता है,कानून में संशोधन होना चाहिए।

  • @shrianiltiwaritiwari1403
    @shrianiltiwaritiwari1403 2 роки тому +2

    सुप्रीम कोर्ट के कई जजमेंट है जिसमें उन्होंने कहा है कि सिर्फ सिग्नेचर महत्त्व रखते हैं तो क्या हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट से बड़ी हो गई आप में सिग्नेचर करके अगर कोई चेक दे दिया है मन अब आप लोगों को आज कर दिया है

  • @dilipbajaj1714
    @dilipbajaj1714 Рік тому +2

    दुबे जी वहीं से बैठकर बता दिए दूसरी चेक मिल जाएगी ?
    एकाध बार चल चलते पार्टियों से चेक दिलवाने के लिए जब चेक की वैलिडिटी खत्म हो जाती है।
    दुबे जी कह रहे हैं 3 महीने तक पैसा नहीं देगा तो दूसरी चेक ले लीजिए और उसकी सहमति से डेट डलवा कर चेक लगाइए ऐसे जिंदगी में कभी चेक नहीं लगता जिंदगी भर टहलते रहिएगा

  • @PankajPandey-he1pt
    @PankajPandey-he1pt 7 місяців тому +1

    पैसे लेने वाला कभी सहमति नहीं देगा कोर्ट यह फैसला अन्याय पूर्ण है

  • @narharimore8657
    @narharimore8657 2 роки тому +5

    महत्वपूर्ण जानकारी साझा की, धन्यवाद, लेकिन हमारे देश में यह बीमारी पुरानी ही है, अभी पठानों की जगह फायनांस कंपनी ने ली है, मुझे लगा देश को अच्छे दिन आने के बाद यह बीमारी खत्म होगी, ___वैसे ही १९८० दरम्यान खाने पीने से लोग सुखी हो गए, लेकिन यह थोड़े दिन के लिए रहा__(क्या गड़बड़ी है)____

  • @shyamsundersharma6231
    @shyamsundersharma6231 Рік тому +3

    As a retired banker, I will say,"उस कस्टमर को चेक बुक जारी नहीं की जानी चाहिए जो अनपढ़ होऔर सिर्फ सिग्नेचर करना जानता हो। कोर्ट में जाकर मुकर जाएगा।"

    • @yusufpaik2768
      @yusufpaik2768 Рік тому

      Yes

    • @lovechannel2866
      @lovechannel2866 Рік тому

      नहीं ऐसा नहीं है।केवल हस्ताक्षर करने वाला चेक बैंक से इश्यू हीं क्यों कराता है। इसका अर्थ है केवल हस्ताक्षर करने वाला निश्चित रूप से दूसरों से चेक भरा कर अपने खाता से रुपया निकालता है। बैंक चेक पर हस्ताक्षर को हीं जांच करता है। चेक किसके द्वारा भरा गया इससे बैंक को कोई मतलब नहीं है। बहुत से लोग पढ़ा लिखा नहीं है फिर भी बैंक ग्राहक को एटीएम कार्ड और चेक देता है।

  • @inderjitsharma8057
    @inderjitsharma8057 Рік тому +2

    इन्स्टूमैंट एक्ट एक फ्राड कानून है, जो चीटर को ही मौका प्रदान करता है।
    हां एक बात समझ में आई कि किसी को भी किसी हालात में उधार ना दें क्योंकि कानून ही उसकी मदद करता है।
    फैसला आने में दशक या दशकों लग सकते हैं।

  • @sandeshrathod5701
    @sandeshrathod5701 29 днів тому +1

    Police station ki investigation hona zaruri hai

  • @rajendrapurohit8941
    @rajendrapurohit8941 Рік тому +8

    चैक ही बद कर देना चाहिये बैको को डिजिटल पेमेट करो या की न्यायालय जज वकीलों की दुकानें बद हो करोडो केस का निपटारा हो जाये और चेक देनदेन बद हो

  • @kanhaiyakumardubey4729
    @kanhaiyakumardubey4729 2 роки тому +7

    You gave very useful and important information about NI Act, Dubey sir.
    Thank you so much sir

  • @AmitMishra-rg8rt
    @AmitMishra-rg8rt 2 роки тому +3

    Bahut he useful information.

  • @vijayr5778
    @vijayr5778 Рік тому +2

    सभी भाईयों को ये भी जानकारी होनी चाहिए कि नोटबंधी के बाद पुराने चेक सभी बैंकों के रद्द कर दिए गए थे उसके बाद नई चेकबुक जारी कि गई थी उन पुराने चेको की कोई वेल्यू नहीं रही अब अगर ये चेक लगाते भी हैं तो सिस्टम स्वीकार नहीं करेगा बाउंस कैसे होगा क्यों आप देखना नए चेक में एक काली पट्टी लाइट होती है उसमे बारकोट नंबर भी होते हैं ये नियम सबके लिए लागू होते हैं आपके पास अगर पुराना चेक पड़ा है भर कर लेजाओ बैंक नहीं लेगा बोलेगा नया चेक लेकर आओ ये चेक पुराना है रद्द कर दिए गए ये चेक????

  • @hkbjpss
    @hkbjpss 2 роки тому +12

    कई जज बिना दिमाग़ वाले होते हे, ऐसे जजमेंट के बाद कोन पैसा देगा?
    जब किसीने समय पर पैसा नहीं लौटाया तब तो दूसरे ने चेक डिपोसिट किया होगा।

  • @bjhonusa
    @bjhonusa 2 роки тому +5

    Very good judgement.
    लोन देने वाली कम्पनी अपने हिसाब से चार्ज ले लेती है और उसका कैलकुलेशन भी नही बताती। बाद में दिया हुआ चेक पर तारीख डाल कर पैसे काट लेती है।
    आम आदमी उस पर कुछ करता भी नहीं।
    अगर पैसे की इतनी पड़ी है तो डेट डलवा दो ना। उस तारीख को निकाल लेना। दोनो को पता रहेगा की इस तारीख को पैसे बैंक से निकलेंगे।
    वेरी गुड कोर्ट। इस एक्ट में सुधार कर के चेक अल्टरेशन करने वाले को ही जेल में डाल देना चाहिए।

  • @moonshinebags
    @moonshinebags Рік тому +2

    Aap ne bahut hi achcha Gyan Diya shukriya

  • @bherulalsuthar5749
    @bherulalsuthar5749 4 місяці тому

    Jai shree Ram ji Jai Sai Ram ji Jai Sai Ram ji Jai Sai Ram ji Jai Sai Ram ji Jai Sai Ram ji Jai Sai Ram ji Jai Sai Ram ji Jai Sai Ram ji Jai Sai Ram ji Jai Sai

  • @HarishankarDixit-s1m
    @HarishankarDixit-s1m Місяць тому

    Very good information sir ji, pranam

  • @sureshjoshi6701
    @sureshjoshi6701 Рік тому +2

    5 से 10 लोग को व्याज का लालच देके पैसे लेने वाला गुनेगार या देने वाला गुनेगार ? पैसे देने वाला जबरजस्ती पैसा देता नहीं लेने वाला हाथ जोड़ के ब्याज की लालच देके कई लोगो से पैसा लेता है ।

  • @hhhhh3354da
    @hhhhh3354da 2 роки тому +37

    भाई मुंबई को फॉलो करना है या सुप्रीम को ? सुप्रीम का जजमेंट कहता है की डेट चेक ऑनर ने ना लिखी हो फिर भी वैध है

    • @vinodkumaryadav584
      @vinodkumaryadav584 Рік тому +2

      You are right

    • @bharatarora6865
      @bharatarora6865 Рік тому

      Is it so. Dear

    • @DODEEWANE
      @DODEEWANE Рік тому

      Kiski baat maane ??

    • @purushottamr.maradia9723
      @purushottamr.maradia9723 Рік тому

      In SC all judges r committed to save his Godfather and order to save

    • @JaagoBhaarat
      @JaagoBhaarat Рік тому +2

      Bhai aapki aadhi baat sahi hai. Date agar owner ne nahi likhi ho aur cheque lene wala likhta hai date to owner se puch kar likha jana chahiye.

  • @naveen_k_agrawal
    @naveen_k_agrawal Рік тому +12

    दूबे सर, प्लीज रिप्लाई कीजिए...
    यदि कोई कर्ज लेते समय चेक दे लेकिन कर्ज अदायगी की कोई डेट फिक्स न करे और बाद में न तो डेट के लिए सहमति दे और न ही नई डेट का चेक दे.... (आमतौर पर जिनको कर्ज वापस न करना हो वे डिफॉल्टर ऐसा ही करते हैं) तो उनसे कैसे डील की जाए.... क्या शुरू में कर्ज देते समय इतना लिखवाना काफी नहीं है की इस चेक को कभी भी रकम अदायगी के लिए उपयोग किया जा सकता है?

    • @arvindkumarrathor5393
      @arvindkumarrathor5393 Рік тому

      Yes mere saath bhi esa hi huwa h

    • @pushkarchaturvedi4201
      @pushkarchaturvedi4201 Рік тому

      बहुत ही अच्छा प्रश्न है

    • @Fitandtravelvlogs
      @Fitandtravelvlogs Рік тому

      Jise paisa nahi Dena hoga ..wo baat me muh mod lete hai sign kaha karte hai..jiski niyat me khot a Jaye wo sign kaha karke dega dubara..

    • @dharamgupta431
      @dharamgupta431 Рік тому

      Pehle court se ak notice bhej dijiye

  • @dileepjaiswaljaiswal6962
    @dileepjaiswaljaiswal6962 Рік тому +63

    भारतीय कानून हमेशा अपराधी का ही अधिकांश साथ देने जैसा फैसला देता है 😭😭

  • @RamRam-vs3dz
    @RamRam-vs3dz Рік тому +4

    चेक जारीकर्ता अपने साइन करके किसी को चेक देता है तो आपने सारे अधिकार जैसे चेक अमाउंट दिनांक भरने का अधिकार भी धारक को दे देता है।

    • @jigyasuarun1729
      @jigyasuarun1729 Рік тому

      Ye ruelings kahan milengi sir

    • @RamRam-vs3dz
      @RamRam-vs3dz Рік тому

      @@jigyasuarun1729 इस संबंध माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय के द्वारा न्याय दृष्टांत.-Vijender Singh vs M/S Eicher Motors Limited & Anr. on CRL. M.C. No. 1454 / 2011 on 5 May, 2011

  • @rajendrakarekar9796
    @rajendrakarekar9796 Рік тому +3

    Very important and knowledgeable information Sir

  • @rohitrai9327
    @rohitrai9327 7 місяців тому

    Sir ji bahut bahut dhanybad ye jankari dene ke liye

  • @Sunil74-j2n
    @Sunil74-j2n Рік тому +2

    Useful information

  • @jaywantdabholkar6285
    @jaywantdabholkar6285 Рік тому +1

    मेरी क्रेडिटर बँक ने प्रो -नोट में मेरे कॅनसेन्ट के बिना कॉन्ट्रॅटेड रेट युनिल्टेराल बदल दी. केस सिविल कोर्ट में गयी. मैंने बिना मेरे कॉन्सेन्ट मटेरियल चेंज को चॅलेंज किया. आखिर मै केस जीत गया. 👍

  • @deadmind1181
    @deadmind1181 Рік тому +1

    भारत में व्यापार तथा लेनदेन को खत्म कर भारत की तरक्की में ऱुकावट अथवा व्यापार को धीमा करने का प्रयास है। अब कोई डर के कारण लेन देन नहीं करेगा।

  • @nandchauhan8448
    @nandchauhan8448 2 роки тому +20

    Nonsense judgement

  • @surendraburad2479
    @surendraburad2479 Рік тому

    सबसे कठिन कार्य न्याय पन्ना

  • @maheshshah1314
    @maheshshah1314 2 роки тому +4

    It is radiculous law. If one has to follow such law it will be impossible to secure your payment.
    Why is is not mendetory for issuer to give new cheque.
    Issuer knows that he has given cheque towards his obligations.
    All laws are in favour of criminals.

  • @raman9482
    @raman9482 Рік тому +7

    एक बार किसीने चेक दिया मतलब उसने पैसा देना है l भले ही तारीख कोई भी डाले l ऐसे मुर्ख जज है इसलिए। कोर्ट में लाखो केस पेंडिंग है l

    • @dineshkm7832
      @dineshkm7832 Рік тому

      Shi kha aapne

    • @bharatarora6865
      @bharatarora6865 Рік тому

      सहमत हैं
      इन कानून बनाने वालों का अपना पैसा डूबे तो अहसास हो

  • @rakeshkardam5644
    @rakeshkardam5644 Рік тому +3

    Jay bhim sir aap ne bahut accha bola thanks so much 🙏

  • @omprakashmishra5351
    @omprakashmishra5351 Рік тому

    जज लोग बेइमानी को प्रोत्साहन देने वाला ही फैसला क्यों देते हैं?
    अपराधी, आतंकी के बचाव में। Encroachement, घुसपैठ के पक्ष में। यह प्रतिभा पीड़ित को न्याय दिलाने में कम और अपराधी को बचाने में ज्यादा प्रयोग हो रही है। कारण?

  • @RoyalG39
    @RoyalG39 Рік тому +5

    🙏नमस्कार जी🙏
    खुद ही चेक लगवा कर बाउंस करवाते है और बाद में कोर्ट में जाकर मुकर जाते है ऐसे में तो बईमान लोगो की हिमत और बढ़ जाएगी।
    फिर कोर्ट से किया उमीद की जाए।

  • @rakeshsaxena4575
    @rakeshsaxena4575 Рік тому +2

    मोदी सरकार ने बहुत अच्छा निर्णय लिया है इसके लिए मोदी सरकार के हम शुक्रगुजार हैं

  • @biceps2007
    @biceps2007 2 роки тому +9

    Looks as if the judgement is customised to suit the defaulter. Was the issuer forced to issue undated cheque? If not the consent is proved.

  • @dharadave3399
    @dharadave3399 11 місяців тому

    बहुत ही शानदार बात बताई सर जी

  • @khemchandchourotia3130
    @khemchandchourotia3130 4 місяці тому

    अति सुंदर जानकारी

  • @shahnajstudy
    @shahnajstudy Рік тому +3

    जज का फैसला बिल्कुल ठीक है।

  • @सोमनैथानी

    धन्यवाद जानकारी हेतु 🙏🕉️

  • @jogendrashekhawat3052
    @jogendrashekhawat3052 2 роки тому +4

    बहुत अच्छा निर्णय किया है

    • @manojpri2002
      @manojpri2002 Рік тому

      Bakwas, jisko pesa lautana hi nahi hai,wo consent Kyo dega

  • @cryptonewindia
    @cryptonewindia Рік тому

    बहुत अच्छा डिसीजन लिया हाईकोर्ट ने

  • @varinderbhardwaj7559
    @varinderbhardwaj7559 Рік тому +1

    Good judgement

  • @prashantbhujbal6718
    @prashantbhujbal6718 Рік тому +6

    चेक देते waqut कर्जदार को जाणकारि थी की उसने चेक दिया है और किसलीये दिया है,इसलीये उसें पुच्छनेकीं क्या आवश्यकता?consent नही थी तो चेक दिये क्यू?

    • @jayvantpatel6651
      @jayvantpatel6651 Рік тому

      Right 👍🏽 chq Dene wala pesa na Dene ka tarika dhundh leta he jutha bolke paresani me padta he. Or sahe aadme sahe bat kare to thode Rahat ho jate he.

    • @tarikkamer2003
      @tarikkamer2003 Рік тому

      Maine gadi per 130000 ka loan liya 80000 de chuka gadi gadi bhi utha Li hai check bounce ka case Laga deya h kya ye shi h

  • @parsottambhairangapariya9156
    @parsottambhairangapariya9156 2 роки тому +2

    Badi mehant se police millatry criminal ko apni jan jokham me dal ke pakdtihai unko supreme our high court riha kar deti hai

  • @RD-ij2sz
    @RD-ij2sz Рік тому +1

    Thanks for your informative video on the very important matter .

  • @navinambastha1253
    @navinambastha1253 Рік тому +5

    Indian law is full of loop hole. Most of the time on same case higher court judgement are inconsistent. In the absent of clear cut guidelines Judges give judgement as they wish. In india judiciary and traffic department requires urgently complete overhauling.

  • @manojsoni7810
    @manojsoni7810 Рік тому +1

    Great suggestion, thanku so much sir ji 🙏

  • @sureshgoenka6197
    @sureshgoenka6197 Рік тому +7

    Consent of drawer must be necessary on the date of presentation. Drawer may not give his consent for his presentation and in that case the drawee well knows the non consent.

  • @bijendersingh7862
    @bijendersingh7862 Рік тому

    कोर्ट पर विस्वास ही नहीं है
    कल अपने कहे पर ही पलट जाएंगे सिफारिश से लगे जज

  • @nashhavi22
    @nashhavi22 Рік тому +1

    It is nice video. The reason behind dec. 87 is that such alteration makes the instrument un reasonable.
    The provision relating to reasonability is attracted in respect of time and date.
    That makes the alteration doubly unreasonable..

  • @kumarrajendra800
    @kumarrajendra800 Рік тому +4

    यदि हम चेक के 1 साल की जगह पर एक्स्ट्रा समय 2 साल वाली तारीख डलवा दें तो उसमें क्या आपत्ति है, हमें बार बार चेक लेन-देन भी नहीं करने पड़ेंगे

  • @bhattadevsarma3389
    @bhattadevsarma3389 2 роки тому +4

    Thanks for the valuable information sir 👍

    • @DKDUBEY
      @DKDUBEY  2 роки тому +1

      Always welcome

  • @KrishnaSrivastav-g3p
    @KrishnaSrivastav-g3p Рік тому +1

    Sir, Plz. See the arrogant, indecent,detrimental attitude of Kapil Sibal , He is threading SG Sir before CJI Sir, which law protects -empowers him to do so. It appears KSibal is is in the hand &gloves with anti Nationals.
    H'nble SC must take conginizance of this fact & decide what to do to with KSibal &other alike him. So that dignity of rule of be uphold.

  • @ghanshyambhaipatel4829
    @ghanshyambhaipatel4829 Рік тому +1

    👍 Nice 👍 information 👍,Sir 👍 please 👍 Go 👍 ahead 👍 👍👍

  • @pmshah1946
    @pmshah1946 2 роки тому +26

    From my experience over 50+years of doing business and handling such transactions the practice is to ALWAYS take a "post dated cheque" and never an "undated cheque". Only way to avoid this situation is to date the instrument with a rubber stamp that has numbers that can be changed as needed. Banks use this all the time for stamping of deposit slip counterfoil or documents /papers receipt acknowledgements. Then it can't be disputed as to when or who by was the instrument "date stamped".

    • @sudeshsankhwar8642
      @sudeshsankhwar8642 Рік тому

      Respect sir...if any person picks money on interest in favour of without mention date cheque but mentioned signed/ammount...and giving interest regularly
      For long periods the basic amount is less than paid interest value..or may not be able to pay the basic amount...in this cond. what happened if the cheque bounced by the money provider...while mentioned date on instrument by another pen and hand writing..?

    • @mikesheth5370
      @mikesheth5370 Рік тому +1

      Also both debtor and creditor should agree what amount should be filled which has ball park figure of principal plus interests or a separate document. Looks like here debtor is pretty needy and creditor greedy . This is the reason blank check is given and interest is usurious about 25% a month . NIA act is pretty handy for both!
      Or it’s misused by both.

    • @pmshah1946
      @pmshah1946 Рік тому +3

      @@mikesheth5370 I think you are way off. The situation you describe will NEVER reach the court. There would be no cheques. It is called loansharking and the first missed /delayed instalment may result in only a blackeye but the second one will land the borrower in hospital with both tibias broken.

    • @mikesheth5370
      @mikesheth5370 Рік тому

      @@pmshah1946 That’s called using arm and leg as collateral! Many time debtor pays interest even after paying agreed amount and then gets beaten up if he stops!

    • @mikesheth5370
      @mikesheth5370 Рік тому

      @@pmshah1946 Even loan sharks do use NIA ! All legal and can charge as much as they like with blank check!

  • @preetichaudhary1192
    @preetichaudhary1192 Рік тому

    Bahut badhiya knowledge aapney di.

  • @tn_s_1974
    @tn_s_1974 Рік тому

    इस फैसले पर पुनः विचार होना चाहिये

  • @narendrabhatt3623
    @narendrabhatt3623 Рік тому

    Jay shree Krishna dhanyawad

  • @rajendrachauhan9842
    @rajendrachauhan9842 2 роки тому +2

    *🇮🇳 जय हिन्द 🇮🇳 जय महाराष्ट्र 🇮🇳*

  • @LakhanVishkrama
    @LakhanVishkrama Рік тому

    Sir Cort ko Naman welcome sir karodo garibo bhla ho jayga mafiya log chek lekar rakam dete he basuli bhi kar lete he or fir salo chek ki baunsh ki dhamki dekar khun pasina ki kamai yith te rahte he Jay Hind lakhan viswa karma

  • @tyagifitnessclub4759
    @tyagifitnessclub4759 Рік тому

    कोर्ट में तो तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर,,,,,रकम नहीं मिलती ।जिन्दगी बेकार ।

  • @bainsvlog3647
    @bainsvlog3647 6 місяців тому

    Sidi baat jisne chek diya उसपर कारवाई होनी चाहिए, agar नही hota to kanoon bekar hai.. wapaar कैसे chalega

  • @sushiltiwari2779
    @sushiltiwari2779 2 роки тому +2

    Jai shree Ram 🙏 pranam sir 🙏

  • @सिनियरसिटीजन

    चेक बाउंस हुवा तो गुनाह गार ही है,एक महीने में पैसा देना ही होगा,अगर नही है तो दो महीने में ब्याज के साथ पैसा देना पड़ेगा,नहीतो जेल,पक्की
    बस कुछ लिखावट करनी पड़ेगी,चेक के पीछे ,दस्तखत,अनघुठेका निसान,ओर चेक पास करने की गेरंती लिखकर देनी होगी,साथ में पान नंबर

  • @rajendrakumaar3800
    @rajendrakumaar3800 2 роки тому +9

    Unless & until default in repayment is made a criminal offence, bad debts of banks will go on increasing unabated.
    The said case is clear cut case of wilful default. Such cases should be treated as criminal cases without any time bar limit.

    • @AC-en2oz
      @AC-en2oz Рік тому +1

      Banks should avoid giving unsecured loans. Simple

    • @rajendrakumaar3800
      @rajendrakumaar3800 Рік тому

      @@AC-en2oz Even a fully secured loan can't be recovered due to erosion of value.

    • @DisclosedbittertruthWhileAlive
      @DisclosedbittertruthWhileAlive 11 місяців тому

      Data says around 4.2 % loans are NPA. But while you deeply analyse the data, 3.9% are due to Corporate debts ( big loans like 1000 Crore to 100000 Crores of Rupees- Generally thease are protected by Politicians like Subhash Chandra, Sunny Deol are recently exposed example, Many more remains unexposed) .
      The common person borrowing between few thousands to 5 crores defaults non wilful (My personal Example: I lost everything in treatment , No assets or source of Income as children are students - My spouse have to teach tuition for earning some 4000-5000 for food etc). But its India boss, Subhash chandra have no case and I am facing a criminal case of NI 138 under wilful defaulter- Expecting Jail next month because I can't afford a lawyer, nor I can take bail as court decided the bail amount Rs. 2.50 L ( Which I wont be able to earn during my remaining entire life as I became permanently disabled after Covid Sufferings and its side effects.

  • @MaheshKumar-ek5ie
    @MaheshKumar-ek5ie 2 роки тому +4

    Cort k design ka Matlab h koi bhi vyakti Jyada se jyada lone lo ro mat chukao

  • @lalbabusah2981
    @lalbabusah2981 11 місяців тому

    Achchhi bat batai hai aapne.

  • @surendrachoudhary8272
    @surendrachoudhary8272 Рік тому +3

    सर एक चेक बाउस केस मे एक राय देने की कृपा करें जैसे कि चेक बैंक से रिटन कराया उसमे उसने खाली रिटन मीमो की स्लिप पेश की है लेकिन अकाउंट मे चेक रिटन भी नहीं हुआ न ही बैंक का जो चेक रिटन चार्ज होता कटा अकाउंट मे फिर भी उसने केस फाईल कर दिया कोर्ट मे क्या फिर भी केस चलेगा कृपया करके मदद करे ।