मैं भी RTI कार्यकर्ता हूँ कलेक्टर के ऊपर IPC की धारा 506,507,499,500 के तहत मानहानी का दावा करे और उसके खिलाफ माननीय उच्चतम न्यायायलय में रिट फ़ाइल करे आप को जरूर न्याय मिलेगा कलेक्टर पहले यह तो साबित करना होगा कि ब्लैक मेल का साक्ष्य देना होगा आप एवेडेन्स act के दौर का इंतजार करें सब-दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।।।।।।।
@user-dd5rq9ny9n सर मेरे घर के पीछे की लगफग 3 फुट चौड़ी और 70 फुट लम्बी जगह पर मेरे पडोसी ने कब्जा कर लिया है यह हमारी पैतृक सम्पत्ति है इसपर RTI लगाकर किस प्रकार अपनी जगह कब्जे से छूडाए। please sir
शासन/प्रशासन खुलेआम भ्रष्टाचार करती है लेकिन जब कोई नागरिक इनके भ्रष्टाचार का खुलासा करता है तो ब्लैकमेल का झूठा आरोप लगाकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं ......
सूचना अधिकार के तहत कितनी भी सूचना मांगना प्रत्येक आदमी का मौलिक अधिकार है जिसका वह शुल्क पर करता है रही बात ब्लैकमेल करने की तो कहीं ना कहीं अधिकारी ही दोषी हैं तभी कोई ब्लैक मिल कर सकता है मिश्रा जी निर्दोष है उनके खिलाफ f.i.r. गलत है
कलेक्टर ही भ्रष्टाचार मे लिप्त है उसे छुपाने के लिए प्राथमिकी दर्ज करवाई है।जो नियमानुसार गलत है।कलेक्टर ही दोषी है।FIR shows that collector is corrupt.
भ्रष्टाचार में लिप्त कलेक्टर अधिकारी क्यों लुक रहे। अब ब्लेक मेकिंगकी क्यों बात कर रहे।प्रथम दृष्टया समस्या का सामना करें।खूब खाया कमीसन मिश्रा ने सही किया उजागर होना चाहिए।युवा मिश्रा जी के साथहै
इन्दौर कलेक्टर जब कोर्ट में ट्रायल शुरू होगी ?तभी जूठ पकड़ा जाएगा।क्यों की कोर्ट के बॉक्स में जूठ को याद रखना पड़ता है। सत्य को नहीं। कलेक्टर खुद फसेगा।😆😄
@@dhananjayagrawal1768 aisa nhi hain bro judge log sanki hote hain like hitler ke jaise kisi ko bhi daant denge...unki mazr mein ias ips or aam aadmi sab ek brabr hain...han koi 100 mein se 1 aadha apvad ho ushka kuch keh nhi skte apn
देश में सबसे ज्यादा भ्रस्टाचार ब्यूरोक्रेसी के स्तर पर है। सरकार से जो पैसा जनता के कार्य के लिए आता है, अधिकारी उसे जनता तक पहुँचने ही नहीं देते! Anti corruption team भी भ्रस्टाचार के मामले में अगर किसी को पकड़ती है तो सिर्फ कर्मचारियों को, अधिकारियों को नहीं!! यही कारण है कि हमारा देश आज भी ग़रीब है!!
भ्रष्ट पदाधिकारियों का आरोप बिल्कुल गलत हो सकता है, पहले तो वे सूचना देते नहीं, अगर उनके काम काज में भ्रष्टाचार नहीं है तो उसे ब्लैक मेल कोई कैसे कर सकता है?
(1) RTI में जानकारी न देने पर जुर्माने की राशि 25,000 से बढ़ाकर 1 लाख रू. होना चाहिए। (2) आवेदनकर्ता द्वारा प्रथम व द्वितीय अपील करने पर कोई चार्ज नहीं लगना चाहिए। (3) आवेदनकर्ता द्वारा सेवा पुस्तिका(Service Book) में दर्ज की जाने वाली शिकायत या आपत्ति पर संबंधित विभाग, कार्यालय , अधिकारी व कर्मचारी पर कठोर कार्यवाही व जुर्माना दोनों का नियम होना चाहिए।
Carry on Sanjay Mishra ! we are with you. I appeal to all the RTI activists to file RTIs to unearth irregularities done by DM Indore during his entire Govt Service. I will file one. S K Goyal President BRIBE FREE SERVICES SOCIETY REGD DELHI
2nd Appeal at CIC is delayed sometimes a year or more. And they disposes most RTIs and 1st Appeals with section-8 of the Act. Gross misuse of Act, Govt must take appropriate actions.
समस्या यह है कि सूचना का आवेदन देने के बाद सूचना की बजाय फेवर लेकर लिख दिया जाता है कि सूचना मिल गई। कुछ आवेदकों का उद्देश्य सूचना लेना होता ही नहीं। उनका उद्देश्य सरकारी काम में हुई खामी को उजागर करने की अपेक्षा व्यक्तिगत स्वार्थ साधने में है। जब स्वार्थ पूर्ति हो जाती है तो आवेदन फाईल करवा दिया जाता है ।
महोदय जब मैंने RTI में आवेदन किया तो अधिकारी ने सरकारी रिकॉर्ड में कितने पन्ने है उसको उजागर नही किया मुझे डायरेक्ट पैसे भरने के निर्देश दिए ताकि पैसे भरने के बाद मानसिक शोषण कर सके।
to shri maan, us khaami ko door ker dia jaye ta jo information maangne wala insaan us ka faida na utha paye. aapka logic theek nhi hai. ghaplebaaji kro hi mat ta jo koi insaan us ka faida utha ske or shi kaam kerna sarkari adhikaari ka kaam hai na ki ehsaan.
कानून के विरुद्ध जो भी कार्य हो रहे हैं या हो गए हैं उन सब पर नियमानुसार कार्रवाई कर दी जाए आईटीआई अपने आप समाप्त हो जाएगी कंपलेनर भी अपने आप समाप्त हो जायेंगे
माननीय संजय मिश्रा जी , आपको बहुत बहुत बधाई हो ।माननीय श्री राहुल सिंह जी ने बहुत ही अच्छी तरह से दूध का दूध और पानी का पानी अलग करके सही उत्तर दिया हैं ।यदि कोई अधिकारी सही हैं और भष्ट्राचार में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल नही है तो फिर सांच को आंच कैसे । माननीय कलेक्टर महोदय जी से सविनय अनुरोध है कि जिन अधिकारियों को ब्लैक मेल कर रहे है उनकी भी तो बैंक खाते एवम चल और अचल संपत्ति की जांच करवाने की कृपा करें ।जब तक माननीय श्री राहुल सिंह जी और माननीय श्री शैलेश ग़ांधी जी सामान्य महापुरुष है , आर टी आई पूरी तरह से मजबूत होगी और भ्रष्टाचार समाप्त होगा ।आर टी आई जिंदाबाद ।
सभी आरटीआई कार्यकर्ता का एक ग्रुप होना चाहिए क्योंकि हर प्रदेश व जिला व ब्लाक में आरटीआई कार्यकर्ता को जानबूझकर कर फर्जी एफआईआर दर्ज कराई जाती है इस प्रकरण में श्री मिश्रा जी से निवेदन है कि एक ग्रुप बनाने के लिए कष्ट करें
यदि ये आरटीआई कार्यकर्ता ब्लैकमेल कर रहा है तो जिन्होंने इसके विरुद्ध शिकायत की है वो स्पष्ट रूप इस बात को स्वीकार का रहे हैं की उन्होंने कोई ऐसा अनुचित कार्य किया है जिससे उन्हें ब्लैकमेल होना पर रहा है, ये तो वही बात हो गई " उल्टा चोर कोतवाल को डांटे"😂😂😂
भ्रष्टाचार के समर्थन में कलेक्टर आ गए इससे बड़ा भारत का दुर्भाग्य क्या हो सकता है कलेक्टर जी यदि आप भ्रष्टाचार से सामिल नही हो तो नागरिकों द्वारा मांगे जा रहे यदि सभी दस्तावेज को बेबसाईट पर डालने का आदेश दे दीजिये हमें लगता है कि- यह कलेक्टर बिकाऊ और भ्रष्टाचारी है इसीलिए इसने भ्रष्टाचार को छुपाने में भ्रष्टाचारीयों का सहयोग किया है
PERHAPS COLLECTOR INDORE DOES NOT HAVE THE KNOWLEDGE OF LEGAL PROVISIONS, REGARDING THE EXTORTION. EXTORTION IS A SERIOUS OFFENCE. MEANING OF EXTORTION AS PER SEC.383 OF IPC 1860 IS AS UNDER -"EXTORTION"-Whoever intentionally puts any person in fear of any injury to that person, or to any other, and thereby dishonestly induces the person so put in fear to deliver to any person any property or valuable security, or anything signed or sealed which may be converted into a valuable security, commits “extortion”. THUS FILLING OF SEVERAL RTIs DO NOT ITSELF FALL THIS ACT UNDER THE PROVISIONS OF EXTORTION ,UNLESS AND UNTIL THERE IS ANY EVIDENCE ON RECORD, THAT THERE ARE ANY UNLAWFUL DEMAND OF RTI ACTIVIST, AS MENTIONED IN ABOVE DEFINITION,IN MY HUMBEL VIEW THE THREATENING OF COLLECTOR TO LODGE A FIR AGAINST THE RTI ACTIVIST IS A PANEL OFFENCE IN THE EYE OF LAW.THE ACT OF COLLECTOR INDORE,AS STATED HERE ABOVE , IS PUNISHABLE UNDER THE SECTIONS 166 ,& 506 OF INDIAN PENAL CODE.COLLECTORS MUST BE TRAINED BY GOVT.THAT THEY ARE NOT THE MONARCH. THEY ARE ONLY PUBLIC SERVANT AND THEIR STATUS IS NOT THE ABOVE THE SUCH POSITION.IF THE COLLECTORS OF STATE BEHAVE LIKE MONARCH ,THEN IN FACT STATE GOVT.WOULD HAVE ALWAYS TO FACE AN AWKWARD POSITION,AND IT SHALL ALWAYS BE DISGRACEFUL FOR THE CONCERNED GOVT.THESE SITUATIONS MUST BE AVOIDED. SHASHI BHUSHAN PATHAK RETD.DISTRICT JUDGE.
अधिकारी अपना कुकर्म छिपाने के लिए एफआईआर किए! यही भारत का दुर्भाग्य है!
किस अधिकारी को ब्लैकमेल किया यह अभी तो खुलासा होना चाहिए एफ आई आर से पहले
मैं भी RTI कार्यकर्ता हूँ कलेक्टर के ऊपर IPC की धारा 506,507,499,500 के तहत मानहानी का दावा करे और उसके खिलाफ माननीय उच्चतम न्यायायलय में रिट फ़ाइल करे आप को जरूर न्याय मिलेगा कलेक्टर पहले यह तो साबित करना होगा कि ब्लैक मेल का साक्ष्य देना होगा आप एवेडेन्स act के दौर का इंतजार करें सब-दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।।।।।।।
Super bhai sahab
Writ kab file kar saktey hai?
Sir ji aapke mobile num mil sakte he kya
आपका कॉमेंट बिल्कुल सही है सर आई लाइक इट
@user-dd5rq9ny9n सर मेरे घर के पीछे की लगफग 3 फुट चौड़ी और 70 फुट लम्बी जगह पर मेरे पडोसी ने कब्जा कर लिया है यह हमारी पैतृक सम्पत्ति है इसपर RTI लगाकर किस प्रकार अपनी जगह कब्जे से छूडाए। please sir
संजय मिश्रा (आरटीआई एक्टिविस्ट) की जय हो
In activist ke number mil skte hai kya
Sir aapka sahyog chaiae. Plz no share karain
संजय मिश्रा के नंबर बताये प्लीज
सूचना के अधिकार का प्रयोग करने पर प्रताडना झेलना ही पडती है
Ye collector hi currupt lag raha h
शासन/प्रशासन खुलेआम भ्रष्टाचार करती है
लेकिन जब कोई नागरिक इनके भ्रष्टाचार का खुलासा करता है तो ब्लैकमेल का झूठा आरोप लगाकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं ......
Hamre yaha bhi pradhan khoob ghotale kar rhai hai
Salute to Sanjay Mishra's initiative & efforts. God bless
बहुत दुःखद मामला है, निस्पक्ष जाँच हो,
सूचना अधिकार के तहत कितनी भी सूचना मांगना प्रत्येक आदमी का मौलिक अधिकार है जिसका वह शुल्क पर करता है रही बात ब्लैकमेल करने की तो कहीं ना कहीं अधिकारी ही दोषी हैं तभी कोई ब्लैक मिल कर सकता है मिश्रा जी निर्दोष है उनके खिलाफ f.i.r. गलत है
बिल्कुल सही फरमाया सरकारी व्यवस्थाएं अधिनियम और संविधान के विरुद्ध जा रही है।
Not fundamental right it's legal right
Jab adhikari khudh doshi h to jankari to chupayenge na chor sale.
ये सरकारी नौकर कलेक्टर के पद पाके अपने आपको तोकचंद (सबका माईबाप) समझने लगते है।
कलेक्टर ही भ्रष्टाचार मे लिप्त है उसे छुपाने के लिए प्राथमिकी दर्ज करवाई है।जो नियमानुसार गलत है।कलेक्टर ही दोषी है।FIR shows that collector is corrupt.
Right now DC hi chor bharstachari hai
Sir tonk distric me bi yahi ho Raha h koi sujav jarur de
इसमें तो कलेक्टर साहब के ऊपर भी f.i.r. होनी चाहिए और कलेक्टर साहब के नाम से होनी चाहिए
Sir aap se baat kar hai number chahiye aap ka
Of course illegal order of collector. 😢😢
मिश्रा जी ने सही आरटीआई लगाई कलेक्टर पर कार्रवाई होनी चाहिए कोर्ट की शरण लेनी चाहिए
लगता है कलेक्टर साहब खुद भी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं वरना ऐसी गिरी हुई हरकत नहीं करते.
डीएम खुद अपनी संपत्ति सार्वजनिक नहीं कर सकते
आरटीआई कार्यकर्ता को विशेष न्याय मिलना चाहिए
भ्रष्टाचार में लिप्त कलेक्टर अधिकारी क्यों लुक रहे। अब ब्लेक मेकिंगकी क्यों बात कर रहे।प्रथम दृष्टया समस्या का सामना करें।खूब खाया कमीसन मिश्रा ने सही किया उजागर होना चाहिए।युवा मिश्रा जी के साथहै
असल में सभी विभाग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं जिस कारण विभागों की कारगुजारि दृसत करने की ब्जाए F.I.R करवा दी।
इन्दौर कलेक्टर जब कोर्ट में ट्रायल शुरू होगी ?तभी जूठ पकड़ा जाएगा।क्यों की कोर्ट के बॉक्स में जूठ को याद रखना पड़ता है। सत्य को नहीं। कलेक्टर खुद फसेगा।😆😄
Judge collector ke kareebi hote hai.
@@dhananjayagrawal1768 aisa nhi hain bro judge log sanki hote hain like hitler ke jaise kisi ko bhi daant denge...unki mazr mein ias ips or aam aadmi sab ek brabr hain...han koi 100 mein se 1 aadha apvad ho ushka kuch keh nhi skte apn
ये आम आदमी का अधिकार है भ्रस्ट अधिकारी को पद से मुक्त किया जाय। जय हिंद
कलेक्टर साहब बोखलाए🤣🤣 RTI का कानून है वो दस नहीं लाख बार लगाएगा।
वाह कोई अपना अधिकार का उपयोग करे तो बस FIR लगा दो। और ऐसा कौन सा कागज होगा जो ब्लैक मेल के केटेगरी में आता है। ये जानकारी लेने का हक सबका है।
वाह कलेक्टर महोदय यही उम्मीद थी आपसे जनहित मे और भी निर्णय ले सकते थे।
ऐसे एक्टिविस्टो को सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए जिससे लोगो का विस्वास बना रहे।
यह तो RTI कानून का उल्लंघन हैं सभी इसमे लिप्त हैं तभी जानकारी छुपाने के लिए यह नाटक किया जा रहा हैं
लगता है कि FIR का आदेश देने वाला अधिकारी ही चोर है ।
संजय मिश्रा जैसे लोग ही मनीष सिंह जैसे कलेक्टर और नेताओं पर नकेल कस सकते हैं।
संजय जी मिश्रा आपसे बहुत लोगों को ताकत मिलती है। 👍
मिश्रा जी।आपने जो किया वह सही है।में आपके कदम की सराहना करता हूँ।स्थान्तरण में बहुत भ्रस्टाचारी कार्य होता है।
Aise RTI Activist ko appreciation milne chahiye… Naman Sanjay Mishra ji ko🙏🏻
संजय मिश्र की संपत्ति की जांच होनी चाहिए
ठीक है
लेकिन साथ ही कलेक्टर महोदय को भी संपत्ति की भी जांच होनी चाहिए।
ਕਲੈਕਟਰ ਸਾਹਿਬ ਨੇ ਕਾਰਵਾਈ ਕਰਕੇ ਬਹੁਤ ਵਧੀਆ ਕੰਮ ਕੀਤਾ। ਮੇਰੇ ਹਿਸਾਬ ਨਾਲ ਕਲੈਕਟਰ ਸਾਹਿਬ ਨੂੰ ਸਾਰੇ ਵਿਭਾਗਾਂ ਨੂੰ ਪੱਤਰ ਲਿਖਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵੀ ਪੁਛਣਾ ਚਾਹੁੰਦਾ ਹੈ।ਕਿ ਦੇ ਕੋਈ ਬੰਦਾ ਹੋਰ ਵੀ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਬਾਰੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਹਾਸਲ ਕਰਕੇ ਹੋਰ ਵੀ ਲੋਕਾਂ ਉੱਤੇ ਕਾਰਵਾਈ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇ। ਐਵੇਂ ਚੋਧਰੀ ਬਣ ਜਾਂਦੇ ਨੇ। ਇਸ ਦਾ ਰਿਮਾਂਡ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ।ਤਾ ਕੀ ਪੱਤਾ ਲੱਗ ਸਕੇ ਕਿ ਇਹ ਜਾਣਕਾਰੀ ਕਿਉਂ ਮੰਗਦਾ ਇਸ ਨਾਲ ਕੋਈ ਹੋਰ ਬੰਦਾ ਵੀ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ
देश में सबसे ज्यादा भ्रस्टाचार ब्यूरोक्रेसी के स्तर पर है।
सरकार से जो पैसा जनता के कार्य के लिए आता है, अधिकारी उसे जनता तक पहुँचने ही नहीं देते!
Anti corruption team भी भ्रस्टाचार के मामले में अगर किसी को पकड़ती है तो सिर्फ कर्मचारियों को, अधिकारियों को नहीं!!
यही कारण है कि हमारा देश आज भी ग़रीब है!!
भ्रष्ट पदाधिकारियों का आरोप बिल्कुल गलत हो सकता है, पहले तो वे सूचना देते नहीं, अगर उनके काम काज में भ्रष्टाचार नहीं है तो उसे ब्लैक मेल कोई कैसे कर सकता है?
Hats off to Mr. Sanjay Mishra Ji..India strongly need citizens like you.
Ye sala ,,, neta banana chahta he😂😂😂
@@Naruto95722 tjhe kisne roka hai Bhofdike. Ban jaa tu bhi
सैल्यूट है सर आपको। बहुत बहुत साधुवाद आप दीर्घायु हो।
ऐसे प्रकरण में कोर्ट को अधिकारियो पर एक्शन लेना चाहिए
दुखद।
अगर अधिकारी सही है तो डर क्या।
Seeking information under RTI act doesn't mean extortion and base for FIR .
Collector is dirt bag.
(1) RTI में जानकारी न देने पर जुर्माने की राशि 25,000 से बढ़ाकर 1 लाख रू. होना चाहिए।
(2) आवेदनकर्ता द्वारा प्रथम व द्वितीय अपील करने पर कोई चार्ज नहीं लगना चाहिए।
(3) आवेदनकर्ता द्वारा सेवा पुस्तिका(Service Book) में दर्ज की जाने वाली शिकायत या आपत्ति पर संबंधित विभाग, कार्यालय , अधिकारी व कर्मचारी पर कठोर कार्यवाही व जुर्माना दोनों का नियम होना चाहिए।
RTI कार्यकर्ता परेशान न हो फाल्स fir के तहत इन पर उल्टा कार्यवाही हो जायेगी
Good bro
जानने का अधिकार भी छीन लेंगे यह भ्रष्ट अफसर 😔
उस कलेक्टर की सम्पत्ति की भी जांच कराई जाए।
We are all the Indian r proud of mishra sir
Sanjay ji we are with you
चोर की दाढ़ी में ही तिनका होता है,
RTI लगाने पर ब्लैकमेलिंग कैसा??
Its real RTI ,Support Mishra ji
Carry on Sanjay Mishra ! we are with you. I appeal to all the RTI activists to file RTIs to unearth irregularities done by DM Indore during his entire Govt Service. I will file one. S K Goyal President BRIBE FREE SERVICES SOCIETY REGD DELHI
Keep it up I'm also filling rti now.Thanxxx for the motivation 💥💥💥
संजय मिश्राजी को बहोत बधाइ हो
जिला अधिकारी खुद ही भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं क्योंकि उनके और कर्मचारी और उनके अधीनस्थ जो भी विभाग हैं सब की जांच होनी चाहिए हिम्मत है जिलाधिकारी को
ग्रेट मिश्रा जी
आरटीआई को भी कुछ लोगो ने बिजनेश बना लिया 500 आरटीआई मांगना ऐसा हो प्रतीत होता आरटीआई के बदले कोई चाय पीए या न पीए पर दाम अच्छे,,,,,,,
कलेक्टर को तथ्यों पर बात करनी चाहिए अगर अधिकारी गलत करेंगे तभी ब्लैकमेल होंगे।
Thank thank u sar
Great work Sanjay ji 👏👏👏
2nd Appeal at CIC is delayed sometimes a year or more. And they disposes most RTIs and 1st Appeals with section-8 of the Act. Gross misuse of Act, Govt must take appropriate actions.
RTI act ही एक blackmailing Act है तो फिर RTI activist black mail क्यू करेगा ।
अधिकारियों को कोई ब्लैकमेल नहीं कर सकता है,अधिकारी ही किसी सूचना को छुपाना चहते है जिससे उनका फायदाहो या किसी गलत को बचाना चाहते हों
RTI वाले सपोर्ट में 👍👍👍👍
RTI के नुकीले दांत को भोथरा करने की दिशा में है ये कदम।
माननीय सूचना आयुक्त को साधुवाद।
सवाल से डरना ही सबसे बड़ा सवाल है।
ऐसा इंसान समाज़ मे होना चाहिए
कलेक्टर को बर्खास्त कर देना चाहिए
हम संजय का समर्थन करते हैं।
संजय जी को अग्रिम जमानत के लिए आवेदन करना चाहिए।
Hum mishra ji ke sath hi
समस्या यह है कि सूचना का आवेदन देने के बाद सूचना की बजाय फेवर लेकर लिख दिया जाता है कि सूचना मिल गई। कुछ आवेदकों का उद्देश्य सूचना लेना होता ही नहीं। उनका उद्देश्य सरकारी काम में हुई खामी को उजागर करने की अपेक्षा व्यक्तिगत स्वार्थ साधने में है। जब स्वार्थ पूर्ति हो जाती है तो आवेदन फाईल करवा दिया जाता है ।
महोदय जब मैंने RTI में आवेदन किया तो अधिकारी ने सरकारी रिकॉर्ड में कितने पन्ने है उसको उजागर नही किया मुझे डायरेक्ट पैसे भरने के निर्देश दिए ताकि पैसे भरने के बाद मानसिक शोषण कर सके।
to shri maan, us khaami ko door ker dia jaye ta jo information maangne wala insaan us ka faida na utha paye. aapka logic theek nhi hai. ghaplebaaji kro hi mat ta jo koi insaan us ka faida utha ske or shi kaam kerna sarkari adhikaari ka kaam hai na ki ehsaan.
भ्रष्टाचारियों/राष्ट्र द्रोहियों की शतप्रतिशत जांच की जाए तथा आवेदक द्वारा मांगी जा रही वांछित सूचनाएं उपलब्ध नहीं जाते ऐसा क्यों??
Bahut hi aachha kary kar rhe hai sirji 🙏🙏🙏🙏
That Collector should face action for his hasty decision.It is the other way round,the Collector is blackmailing the RTI Activist.
संजय मिश्रा क्या गलत कर रहे हैं। जिलाधिकारी के भी सम्पत्ति की जॉंच किया जाना चाहिय।मैं मिश्रा जी के साथ हूँ।
Right
सभी अधिकारी लिप्त है इसमें , अगर आप सही है तो आपको ब्लैकमेल कोई क्यो करेगा।
दाग अधिकारियो की कमीज़ पर है और स्याही संजय जी पर फेंकी जा रही है ।
कलेक्टर पर मान हानि तथा पद की आड कानूनी हक को कुचलने का केश ठोक दो मिश्रा जी ।
कलेक्टर की आय से अधिक संपत्ति की जाँच होना चहिये ताकि किसी के भी खिलाफ fir ना करवाये, कलेक्टर के खिलाफ भी fir हो तो उनको भी इसका मजा मिले
हर विभाग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं इस वजह से अधिकारी जानकारी नहीं देना चाहते और आरटीआई लगाने वाले पर ही भ्रष्टाचारी ठहरा प्रशासन का दबाव रहता है यही
जो ये कहता है कि ब्लैकमेल कर रहे हैं वह अपने अपराध का कन्फेशन करें क्योंकि सूचना मांगना किस प्रकार से ब्लैक मीनिंग होगी
श्री मान जी, मेरा आप से अनुरोध है कि आप इसे एकबार मोदी जी तक पहुँचाने का कष्ट करें ताकि उन्हें भी तो पता चले कि क्या हो रहा है ।
Maulana Modi kya krege 😂
Sanjay ji ki bahut bahut badhai . Ap bahut achha kam kar rahe hain.
कानून के विरुद्ध जो भी कार्य हो रहे हैं या हो गए हैं उन सब पर नियमानुसार कार्रवाई कर दी जाए आईटीआई अपने आप समाप्त हो जाएगी कंपलेनर भी अपने आप समाप्त हो जायेंगे
भ्रष्ट अधिकारियों की जो भी व्यक्ति भ्रष्टाचार की पोल खोलता है उनके खिलाफ सारे अधिकारी एक हो जाते हैं और बेचारे के खिलाफ भी कार्यवाही करते हैं
Adhikari to mohta hain iske peeche asal ka ghotalebaaj mama and uske ministers hain .ye system hai bhaiya yahan sacche logon ko ganda diya jaata hai
माननीय संजय मिश्रा जी , आपको बहुत बहुत बधाई हो ।माननीय श्री राहुल सिंह जी ने बहुत ही अच्छी तरह से दूध का दूध और पानी का पानी अलग करके सही उत्तर दिया हैं ।यदि कोई अधिकारी सही हैं और भष्ट्राचार में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल नही है तो फिर सांच को आंच कैसे । माननीय कलेक्टर महोदय जी से सविनय अनुरोध है कि जिन अधिकारियों को ब्लैक मेल कर रहे है उनकी भी तो बैंक खाते एवम चल और अचल संपत्ति की जांच करवाने की कृपा करें ।जब तक माननीय श्री राहुल सिंह जी और माननीय श्री शैलेश ग़ांधी जी सामान्य महापुरुष है , आर टी आई पूरी तरह से मजबूत होगी और भ्रष्टाचार समाप्त होगा ।आर टी आई जिंदाबाद ।
अरे भाई जब सरकारी कर्मचारी इमानदार हे तो गभराते क्यों है?
जिलाधिकारी पर ही प्रथम सुचना रिपोर्ट पंजीकृत होनी चाहिय। सरकारी विभाग खुद भ्र्स्टाचार मे लिप्त है।
आपका कार्य सराहनीय है सर लगे रहो
जब आरटीआई की जानकारी नहीं देनी होती हैं तो ब्लैकमेलिंग हो जाती हैं। भ्रष्ट है आरटीआई डिपार्टमेंट
सभी आरटीआई कार्यकर्ता का एक ग्रुप होना चाहिए क्योंकि हर प्रदेश व जिला व ब्लाक में आरटीआई कार्यकर्ता को जानबूझकर कर फर्जी एफआईआर दर्ज कराई जाती है इस प्रकरण में श्री मिश्रा जी से निवेदन है कि एक ग्रुप बनाने के लिए कष्ट करें
चोरों के सरदार को बुरा लग गया
कोर्ट है आपकी रक्षा के लिए
आप हार नहीं मानना
Jayhind sanjay ji.
Good decision by information commissioner
मिश्रा जी एक डिफेमेशन का केस और एक्सटोर्शन की FlR आप भी दायर करें। किसी वकील की भी राय ले । दिमाग ठिकाने आ जाएगा भ्रष्टाचारियों का।
Rti आवेदन कर्ता कोभी अपनी सीमाओं में रहना चाहिए। कई लोग परेशान करते है।
Sahi h hum aapke saath h sanjay ji
Colectar hi chor lagta hai mai sanjay giri aap ke sath hun
संजय मिश्रा की जय हो आरटीआई लगाते रहो
यदि ये आरटीआई कार्यकर्ता ब्लैकमेल कर रहा है तो जिन्होंने इसके विरुद्ध शिकायत की है वो स्पष्ट रूप इस बात को स्वीकार का रहे हैं की उन्होंने कोई ऐसा अनुचित कार्य किया है जिससे उन्हें ब्लैकमेल होना पर रहा है,
ये तो वही बात हो गई " उल्टा चोर कोतवाल को डांटे"😂😂😂
जब अधिकारी सही जानकारी देते है। तो ब्लैक मेल कैसे हो जाते है। मुझे लग रहा है। की इस मामले को हाईलाइट करके कलेक्टर साहब फस गए है।
सांच को आंच का। कलक्टर का आदेश भ्र्ष्टाचार को छुपाने में सहायक होगा।
कलेक्टर को कानून नहीं मालूम है तभी तो एफआईआर की बात कह रहे हैं
Rti act का उपयोग जनहित के लिए होना चाहिए ,
बाकी मामले मे Rti का ज्यादातर दुरूपयोग के लिए किया जाता है
Bakwas...RTI ka durupyog kewal 5% matter mei hoti hai.
सूचना के जगह fir वाह 👍
भ्रष्टाचार के समर्थन में कलेक्टर आ गए इससे बड़ा भारत का दुर्भाग्य क्या हो सकता है
कलेक्टर जी यदि आप भ्रष्टाचार से सामिल नही हो तो नागरिकों द्वारा मांगे जा रहे यदि सभी दस्तावेज को बेबसाईट पर डालने का आदेश दे दीजिये
हमें लगता है कि- यह कलेक्टर बिकाऊ और भ्रष्टाचारी है इसीलिए इसने भ्रष्टाचार को छुपाने में भ्रष्टाचारीयों का सहयोग किया है
PERHAPS COLLECTOR INDORE DOES NOT HAVE THE KNOWLEDGE OF LEGAL PROVISIONS, REGARDING THE EXTORTION. EXTORTION IS A SERIOUS OFFENCE.
MEANING OF EXTORTION AS PER SEC.383 OF IPC 1860 IS AS UNDER -"EXTORTION"-Whoever intentionally puts any person in fear of any injury to that person, or to any other, and thereby dishonestly induces the person so put in fear to deliver to any person any property or valuable security, or anything signed or sealed which may be converted into a valuable security, commits “extortion”.
THUS FILLING OF SEVERAL RTIs DO NOT ITSELF FALL THIS ACT UNDER THE PROVISIONS OF EXTORTION ,UNLESS AND UNTIL THERE IS ANY EVIDENCE ON RECORD, THAT THERE ARE ANY UNLAWFUL DEMAND OF RTI ACTIVIST, AS MENTIONED IN ABOVE DEFINITION,IN MY HUMBEL VIEW THE THREATENING OF COLLECTOR TO LODGE A FIR AGAINST THE RTI ACTIVIST IS A PANEL OFFENCE IN THE EYE OF LAW.THE ACT OF COLLECTOR INDORE,AS STATED HERE ABOVE , IS PUNISHABLE UNDER THE SECTIONS 166 ,& 506 OF INDIAN PENAL CODE.COLLECTORS MUST BE TRAINED BY GOVT.THAT THEY ARE NOT THE MONARCH. THEY ARE ONLY PUBLIC SERVANT AND THEIR STATUS IS NOT THE ABOVE THE SUCH POSITION.IF THE COLLECTORS OF STATE BEHAVE LIKE MONARCH ,THEN IN FACT STATE GOVT.WOULD HAVE ALWAYS TO FACE AN AWKWARD POSITION,AND IT SHALL ALWAYS BE DISGRACEFUL FOR THE CONCERNED GOVT.THESE SITUATIONS MUST BE AVOIDED.
SHASHI BHUSHAN PATHAK
RETD.DISTRICT JUDGE.
सबसे पाहिले कलेक्टर को गिरप्तर करके जेल भेजो
Very good sir
Suchna aayukt 👌
Great person