आदरणीय दादा ने सारा जीवन समाधिमय जिया और यही सीख हम सभी को दी। सहजतापूर्ण जीवन जीते हुए हम सभी को सहजता का पाठ पढ़ा गए दादा। आदरणीय दादा को कोटि कोटि बंदन🙏
❤ समाधि मरण सुर वीरों का कार्य है, और समाधि का सार सुनना समझना, जचाना पचाना और विश्वास करना, जिससे क्रमबद्ध पर्याय का दृढ़ निर्णय हो, यह अनंत शुरवीरता का मूल मंत्र है.
आज बहुत याद आ रही है दादाजी. 🙏🏼😔 आप जीवनभर सहजतासे समाधिमे हि रहे और अंतमे सहज हि मृत्युको भी सहे. कुछ भी गडबड गोंधळ नाही . ज्ञानी को कभी डर नही रहता. सहज कैसे रहना आपने प्रॅक्टीकल मे दिखाया. धन्य धन्य हो आप दादाजी. दशलक्षण और समाधिशतक आपने हमतक पहुचाया. आपके अनुपम साहित्य है.आपके अनंत ऊपकार है . जानसे भी संभालकर जीवनमे ऊतारेंगे. 🙏🏼
सनातन शब्द का अर्थ किसी समाज संस्कृती एवं परंपरा नही होता। सनातन शब्द का अर्थ जड वस्तु एवं सजीव वस्तु यह दो पदार्थ सनातन है। विचार संस्कृती परंपरा एवं एक नस्ल का समाज यह सनातन नही होता। सनातन जिव अजी द्रव्य सनातन है।हिंदु शब्द कि उत्पत्ति सदी 9 वी शताब्दी से प्रारंभ हुयी और भारत के संविधान ने हिंदु नाम का कोही धर्म स्वीकार किया नही क्यो की वैदिक साहित्य मे हिंदु नाम का कोही उल्लेख नही है। इसलिए सनातन एवं हिंदु यह दोनो शब्द धर्म का बोध नही करते है। आप को वैदीक धर्म कहना होगा। @@niruthapa8115
इसे सुनकर मेरे तीव्र आकुलता के भाव मंद पड़ जाते हैं। इसलिए इसे मैं हर दो से तीन दिन में एक बार सुनता हूं। इस अद्भुत रचना के लिए डा भारिल जी का और कर्ण प्रिय गायन के लिए दोनों गायकों का बहुत बहुत आभार। डा विपिन कुमार जैन भोपाल
बहुत सुन्दर परम आदरणीय व पूज्यनीय पं साहब रचित जीवन - मरण के वास्तविक सार समता भाव को आप दोनों प्रिय गौरव व दीप शिखा की बहुत ही अच्छी प्रस्तुति (exceptionally wonderful - heart touching ) के लिये बहुत बहुत साधुवाद 🙏👍👏👏 सबको मेरी व परिवार की और से वीर निर्माण महोत्सव व दीपावली की शुभकामनाएँ - 🙏जय जिनेन्द्र 🙏
इस रचना को सम्पूर्ण जैन दर्शन की सुंदरतम रचना कहे तो भी अतिशयोक्ति नही होगी,जिसमे कहा है कि केवल मरण ही नही अपितु पूरा जीवन समाधिमय यानी आकुलता रहित और सहज होना चाहिए🙏🙏🙏
समाधि और सहजता का पाठ पढ़ाया,🙏 और अपने जीवन में भी उसे अपनाया ,समाधि मय जीवन जीते हुए गुरुदेव की तत्व प्रभावना को देश विदेश में फैलाया😢और हम सबके बीच से चले गए 🙏😞उनका वियोग और उपकार कभी नहीं भूलेंगे😢
बहुत सुंदर, अमर रचना
अपने में अपना सब कुछ है, हम स्वयं स्वयं ही सब कुछ हैं।
अद्भुत रचना
Sundar rachna😊
आदरणीय दादा ने सारा जीवन समाधिमय जिया और यही सीख हम सभी को दी। सहजतापूर्ण जीवन जीते हुए हम सभी को सहजता का पाठ पढ़ा गए दादा। आदरणीय दादा को कोटि कोटि बंदन🙏
दादा का उपकार हम सभी पर हे 🙏🏾
स्वाध्याय chintan hi गुरु दक्षिणा he
प्रणाम प्रभु
सहज तत्त्वज्ञान बरसाया धन्य ऐसेज्ञानी ध्यानी महापुरुष को कोटी कोटी प्रणाम 🙏🙏🏳️🌈☀️
गागर में सागर सी यह रचना अद्भुत , आश्चर्य कारी, अनुपम इत्यादि भावों से भरी है
बहुत ही मीठी आवाज में समाधि सार थैंक यू जय जिनेंद्र
ऐसी रचना जीवन धन्य हो जावे यदि इस पर आचरण हो धन्य हैं आप
आदरनीय दादा जी के जीवन भर के तत्वचिंतन का सार "समाधि का सार" अद्भुत रचना कोटि कोटि प्रणाम🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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❤ समाधि मरण सुर वीरों का कार्य है, और समाधि का सार सुनना समझना, जचाना पचाना और विश्वास करना, जिससे क्रमबद्ध पर्याय का दृढ़ निर्णय हो, यह अनंत शुरवीरता का मूल मंत्र है.
Baran Raj 🙏🙏🙏
आदरणीय छोटे दादा युग पुरुष को शत शत वंदन
❄️🌸❄️🌸❄️🌸❄️🌸❄️
🌸 मार्मिक ,भावपूर्ण रचना 👌👌👌👍👍🌸
❄️ आ.श्री . छोटे दादाजी को शतशत नमन🙏🙏🙏❄️
❄️🌸❄️🌸❄️🌸❄️🌸❄️
Om shanti
Jitni baar suno ek naya Anand he Anand aati sunder👌👌🙏🙏🥰🥰
आज बहुत याद आ रही है दादाजी. 🙏🏼😔
आप जीवनभर सहजतासे समाधिमे हि रहे और अंतमे सहज हि मृत्युको भी सहे. कुछ भी गडबड गोंधळ नाही . ज्ञानी को कभी डर नही रहता. सहज कैसे रहना आपने प्रॅक्टीकल मे दिखाया. धन्य धन्य हो आप दादाजी. दशलक्षण और समाधिशतक आपने हमतक पहुचाया. आपके अनुपम साहित्य है.आपके अनंत ऊपकार है . जानसे भी संभालकर जीवनमे ऊतारेंगे. 🙏🏼
बहुत बहुत अनुमोदना।शांति दायी पाठ
जय जिनेंद्र जी आदरणीय छोटे दादाजी. 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Aise tatvdarshi Sant ko Mera Pranam swikar Karen Bhagwan
बहोत बहोत धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏🙏 thank you very very much 🙏🙏🙏🙏🙏😶
जैन धर्म साहित्य के भीष्म पितामह मान्यवर हुकुमचंदजी भारील्ल को नमन।
प्रवचन का सार समाया हुआ है भजन 👌👌
1q😊😊😊😊😊😊😊q😊qqq😊q😊😊q
Bhout Bhout sunder 👌👌
👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼👏🏻 जय हो जय जिनेंद्र 🙏🏼👏🏻🙏🏼 रतीचद जैन सिंगोड़ी
Bhari ji ke charno mai naman
बहुत बहुत बहुत ही सुंदर दिव्य अलौकिक वानी आत्मा को कुंदकुंद कर देने वाली जय जिनेंद्र बहुत मीठी वाणी
Pandit Shri Ravi Ji ke pravachan
Is samadhi Shahar se Mera jivan Ho Santa
Jaijinendra Prabhu
तन्मयता से ही सुन और समझ रहा हूं। ध्यान करने लायक है।
दादा ने अमृत बरसाया है तत्वज्ञान व समाधि का जीव का सच्चा स्वरूप बताया है जीवन की दिशा व दशा का ज्ञान कराया है।
बहुत बहुत अनुमोदना
ATI hi sunder Rachna Thanks Bhag Chand Jain tijaria Delhi
जय सनातन हिन्दू धर्म
Anil Doshi Jai Jitendra Mumbai 🙏🙏🙏
सनातन शब्द का अर्थ किसी समाज संस्कृती एवं परंपरा नही होता। सनातन शब्द का अर्थ जड वस्तु एवं सजीव वस्तु यह दो पदार्थ सनातन है। विचार संस्कृती परंपरा एवं एक नस्ल का समाज यह सनातन नही होता। सनातन जिव अजी द्रव्य सनातन है।हिंदु शब्द कि उत्पत्ति सदी 9 वी शताब्दी से प्रारंभ हुयी और भारत के संविधान ने हिंदु नाम का कोही धर्म स्वीकार किया नही क्यो की वैदिक साहित्य मे हिंदु नाम का कोही उल्लेख नही है। इसलिए सनातन एवं हिंदु यह दोनो शब्द धर्म का बोध नही करते है। आप को वैदीक धर्म कहना होगा। @@niruthapa8115
इसे सुनकर मेरे तीव्र आकुलता के भाव मंद पड़ जाते हैं। इसलिए इसे मैं हर दो से तीन दिन में एक बार सुनता हूं।
इस अद्भुत रचना के लिए डा भारिल जी का और कर्ण प्रिय गायन के लिए दोनों गायकों का बहुत बहुत आभार।
डा विपिन कुमार जैन भोपाल
❤🙏very nice n cute Samay ka sar.
😊
दादा का बहुत उपकार हे जय जिनेंद्र 🙏🏻🏳️🌈☀️
जय.हो.जय.हो.१०२.साल.बाद.मेरे.गुरु.देव. कुंथल.गिरी.पर. समाधिस्त.हो.गये.९००.दीन.साथ.थे.गुरु.११.विद्या.दिये.आज.भी.हम.साथ.होते.हैं. अथम.आत्मा.से.आत्मा.चिंतन.साधना.से.बात.होती.हैं.जाणो.या.न. मां नो.पर.ये.सत्य.हैं.जय.हो.
अनुपम रचना ,बहुत मधुर स्वर
सुनकर आकुलता शांत होती है ।
आकुल ह्र्दय को शांति मिलती है ।🙏🙏🙏
बहुत सुंदर रचना, मार्मिक चिंतन, गहन चिंतन, अद्भुत भाव भरे हैं आ. दादा ने
आदरणीय छोटे दादा और उनके सुयोग्य शिष्य डॉ संजीवकुमार जी गोधा ने मुमुक्षु समाज पर अनन्त उपकार किया है 👏🏻👏🏻
Very nice sahajta hi sachha Jivan hei dadaji ko Sadar jai jinendra
समाधी सार का इतना सुंदर अनुबोधन अनुमोदना अनुमोदना 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
अन्तः करण को सपरस्करने वाली भावमयि रचना का लिये दादा आपको भावमयि वन्दन।
जैसी रचना वैसा जीवन। अद्भुत सुंदर चिंतन, गागर मैं सागर।
Sabhi ko sadar Jai jindra
Bhut hi sarthak achna.
મંગલ સમાધીમરણ
Sahaj swabhabhi bhagwan aatma ki jai ho jai ho 🙏😇
बहुत ही अद्भुत रचना के लिये आदरणीय दादा जी कोटि कोटि आभार,,👌👌
अमृत वचनों के साथ ही बहुत ही मीठी आवाज आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जय जिनेंद्र
बहुत सुन्दर परम आदरणीय व पूज्यनीय पं साहब रचित जीवन - मरण के वास्तविक सार समता भाव को आप दोनों प्रिय गौरव व दीप शिखा की बहुत ही अच्छी प्रस्तुति (exceptionally wonderful - heart touching ) के लिये बहुत बहुत साधुवाद 🙏👍👏👏 सबको मेरी व परिवार की और से वीर निर्माण महोत्सव व दीपावली की शुभकामनाएँ - 🙏जय जिनेन्द्र 🙏
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आदरणीय दादा जी ने गजब का चिंतन भरा अद्भुत रचनाएं 🙏🙏🙏🙏
❤
Jinvani Mata ki Jai ho
See❤ बहुत बढ़िया बहुत बढ़िया
अती सुंदर🙏🙏🙏🙏🙏
धन्य धन्य
बहुत सुंदर रचना. समाधिका सार. आपके अविरत चलती ज्ञान धाराकी बहुत अनुमोदना और विनय. 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Thank you very much Very nice Chintan Chhote Dada ki. Sunder Rachana 🛕💐🥁
Sab sidhant bata diya.available bhuta achhi hei.
EXCELLENT. WHAT LIFE SHOULDN'T MEAN TO US, YOU EXPLAINED , THE BEST POSSIBLE EASY WAY.
समाधि ही तन्त्र अन्य न तंत्र न मंत्र
डा. दादा की यह भी महान रचना होगई👌🙏🏻
व्वाह व्वाह व्वाह !!!! अद्भुत अद्भुत अद्भुत 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
व्वाह व्वाह !! बहुत ही सुंदर भाव
आ.दादा जी ,आपके चरणों मे बन्दन 🙏🙏🙏
बहुत ही सुंदर रचना
बहुत hi sundar रचना
Soal feels peaceful life after listening this rachna😊
समाधि मरण केसे हो सकता है क्युकी मरण तो 1 समय की बात समाधिमय तो जीवन होना चाहिए 🙏🏻
सादर जय जिनेन्द्र
ये रचना जीवन भर के सार का सार है।
Vopilm
.mpjalm
बहुत ही सुंदर 🙏❤
आदरणीय छोटे दादा को कोटि कोटि प्रणाम
🙏🙏🙏🙏🙏
अद्भुत जीवन होय समाधि मय ,है जीवन का सार 🙏🙏🙏👌👌👌
मेरा भी सौभाग्य है कि दादा ने अशोकनगर में पाठशाला में णमोकार मंत्र सिखाया है
अपने में अपनापन करके समाधिमय जीवन जीना हीं हमें यह समझाता है!👌🏻
इस रचना को सम्पूर्ण जैन दर्शन की सुंदरतम रचना कहे तो भी अतिशयोक्ति नही होगी,जिसमे कहा है कि केवल मरण ही नही अपितु पूरा जीवन समाधिमय यानी आकुलता रहित और सहज होना चाहिए🙏🙏🙏
वाह! दादा ने अद्भुत रचना की है
😊❤l
😊😊😊😊😊
🙏🙏🙏परम आदरणीय छोटे दादा युग पुरुष को कोटि कोटि नमन
अदभुत रचना....दादा की कलम से ही निकल सकती है
Bahot sunder 🙏🙏🥰🥰
आदरणीय श्री छोटे दादा की जीवन को निरभार करने की शक्ति प्रदान करती है।🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Vitraag Dharm hai sahaj hai
जय जिनेंद्र गौरव जी बहुत ही अच्छी प्रस्तुति दी
Dada ko Sadar pranam.....bhut Sundar
इस रचना से ही मेरा जीवन बहुत ही सहज हुआ 🙏🙏🙏
मेरा भी ! दादा की अदभुत रचना है
😅😅@@MonikaJain-p1o
❤❤❤❤p000000000⁰000000000000000000000000000000😊
Bahut Sundar prastuti
छोटे दादा युग पुरुष थे
🙏👍👍🙏🙏👍👍🙏
Jaijinedr meramaname dhanmanekayheya aksr atadhapar dadajine sahajtabatalakarsahajjivanme smayktav batalaya sahj samadhi marn sikhaya sahajtase apni aor parki pehachan batae apneatamame rahaneki kala cikhaye apakahampr bhut upakar heyapakejanese. Hamara anmol rtan chalagaya ap hamareliye gandhrdhe apkisahajtaschi smadi marn sikhaya apko shat shat naman
Pujy bapuji ne sat sat vandan .khub j prenna male 6 .
Gwalior jai jinendra chote dada adbhut rachna
आदरणीय छोटे दादा युग पुरुष को कोटि कोटि प्रणाम
Adbhut krati
समाधि और सहजता का पाठ पढ़ाया,🙏 और अपने जीवन में भी उसे अपनाया ,समाधि मय जीवन जीते हुए गुरुदेव की तत्व प्रभावना को देश विदेश में फैलाया😢और हम सबके बीच से चले गए 🙏😞उनका वियोग और उपकार कभी नहीं भूलेंगे😢
🙏🏻🙏🏻👌अद्भुत 👌🙏🏻🙏🏻 बहुत खूब 👌
Jai jinendra
जब जीवन समाधीमय होता है तो मरण भी समाधीमय होता है.बिलकुल सच और सही है.आपको देखकर अनुभवमे आ रहा है.🙏🏼🙏🏼🙏🏼😌
1:35 😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢yog
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊
@@neerajjain8055😮😮 7:31 7:31 7:32
@@neerajjain8055 p
@@neerajjain8055 ppp
Paryay svabhav, dravya svabhav,akartapana,krambadhata etc.sab agaya hei.very nice.beauty axaras hei vo hei.jj.
By by
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Ati ati ati sunder rachna h vah an and aa gaya thanks chote dada sadaa jivant raho
Ati ati sunder rachna hi .
👏👏👏
Om Arham om shanti
Dadaji ko sadar pranam. We all are very very thankful to you.
Jay jinendra👏👏👏👏👏
छोटे दादा एक इतिहास पुरूष है । 85 वर्ष की उम्र में भी कलम नहीं रुकी है । अद्भुत !
ii8iiii8iiii8
बहुत ही सुंदर रचना है जिसे समझ मैं आ जाए उसका जीवन नेहाल हो जाए दादा को सादर प्रणाम
@@pritijain4655 1,
❤
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Sundar rachana hai aa.. Dada ko sadar pranam...
बहुत सुंदर भजन
बहुत ही सुन्दर
Dadaji ko jai jinendra