मगलाष्टक
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- Опубліковано 25 вер 2018
- इन्द्रों द्वारा जिनकी पूजा की गई, ऐसे अरिहन्त भगवान्, सिद्ध-पद के स्वामी सिद्ध भगवान् जिनशासन को समुन्नत करनेवाले आचार्य जैन-सिद्धांत पढ़ानेवाले उपाध्याय रत्नत्रय के आराधक साधु,ये पाँचोंपरमेष्ठी प्रतिदिन मंगल करें
मंगलाष्टक अर्थ सहित
अर्हन्तो भगवत इन्द्रमहिताः, सिद्धाश्च सिद्धीश्वरा,
आचार्याः जिनशासनोन्नतिकराः, पूज्या उपाध्यायकाः
श्रीसिद्धान्तसुपाठकाः, मुनिवरा रत्नत्रयाराधकाः,
पञ्चैते परमेष्ठिनः प्रतिदिनं, कुर्वन्तु नः मंगलम्
इन्द्रों द्वारा जिनकी पूजा की गई, ऐसे अरिहन्त भगवान, सिद्ध पद के स्वामीऐसे सिद्ध भगवान, जिन शासन को प्रकाशित करने वाले ऐसे आचार्य, जैन सिद्धांत कोसुव्यवस्थित पढ़ाने वाले ऐसे उपाध्याय, रत्नत्रय के आराधक ऐसे साधु, ये पाँचोंमरमेष्ठी प्रतिदिन हमारे पापों को नष्ट करें और हमें सुखी करे!
श्रीमन्नम्र - सुरासुरेन्द्र - मुकुट - प्रद्योत - रत्नप्रभा-
भास्वत्पादनखेन्दवः प्रवचनाम्भोधीन्दवः स्थायिनः
ये सर्वे जिन-सिद्ध-सूर्यनुगतास्ते पाठकाः साधवः
स्तुत्या योगीजनैश्च पञ्चगुरवः कुर्वन्तु नः मंगलम्
शोभायुक्त और नमस्कार करते हुए देवेन्द्रों और असुरेन्द्रो के मुकुटों केचमकदार रत्नों की कान्ति से जिनके श्री चरणों के नखरुपी चन्द्रमा की ज्योति स्फुरायमानहो रही है, और जो प्रवचन रुप सागर की वृद्धि करने के लिए स्थायी चन्द्रमा हैं एवंयोगीजन जिनकी स्तुति करते रहते हैं, ऐसे अरिहन्त, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और साधुये पांचों परमेष्ठी हमारे पापों को क्षय करें और हमें सुखी करें!
सम्यग्दर्शन-बोध-व्रत्तममलं, रत्नत्रयं पावनं,
मुक्ति श्रीनगराधिनाथ - जिनपत्युक्तोऽपवर्गप्रदः
धर्म सूक्तिसुधा च चैत्यमखिलं, चैत्यालयं श्रयालयं,
प्रोक्तं च त्रिविधं चतुर्विधममी, कुर्वन्तु नः मंगलम्
निर्मल सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान और सम्यक्चारित्र ये पवित्र रत्नत्रय हैंश्रीसम्पन्न मुक्तिनगर के स्वामी भगवान् जिनदेव ने इसे अपवर्ग (मोक्ष) को देनेवाला कहा है इस त्रयी के साथ धर्म सूक्तिसुधा (जिनागम), समस्त जिन-प्रतिमा और लक्ष्मीका आकारभूत जिनालय मिलकर चार प्रकार का धर्म कहा गया है वह हमारे पापों का क्षयकरें और हमें सुखी करे!
नाभेयादिजिनाः प्रशस्त-वदनाः ख्याताश्चतुर्विंशतिः,
श्रीमन्तो भरतेश्वर-प्रभृतयो ये चक्रिणो द्वादश
ये विष्णु-प्रतिविष्णु-लांगलधराः सप्तोत्तराविंशतिः,
त्रैकाल्ये प्रथितास्त्रिषष्टि-पुरुषाः कुर्वन्तु नः मंगलम्
तीनों लोकों में विख्यात और बाह्य तथा अभ्यन्तर लक्ष्मी सम्पन्न ऋषभनाथभगवान आदि 24 तीर्थंकर, श्रीमान् भरतेश्वर आदि 12 चक्रवर्ती, 9 नारायण, 9 प्रतिनारायणऔर 9 बलभद्र, ये 63 शलाका महापुरुष हमारे पापों का क्षय करें और हमें सुखी करे!
ये सर्वौषध-ऋद्धयः सुतपसो वृद्धिंगताः पञ्च ये,
ये चाष्टाँग-महानिमित्तकुशलाः येऽष्टाविधाश्चारणाः
पञ्चज्ञानधरास्त्रयोऽपि बलिनो ये बुद्धिऋद्धिश्वराः,
सप्तैते सकलार्चिता मुनिवराः कुर्वन्तु नः मंगलम्
सभी औषधि ऋद्धिधारी, उत्तम तप से वृद्धिगत पांच, अष्टांग महानिमित्तज्ञानी,आठ प्रकार की चारण ऋद्धि के धारी, पांच प्रकार की ज्ञान ऋद्धियों के धारी, तीनप्रकार की बल ऋद्धियों के धारी, बुद्धि ऋद्धिधारी ऐसे सातों प्रकारों के जगत पूज्यगणनायक मुनिवर हमारा मंगल करे!
ज्योतिर्व्यन्तर-भावनामरग्रहे मेरौ कुलाद्रौ स्थिताः,
जम्बूशाल्मलि-चैत्य-शखिषु तथा वक्षार-रुप्याद्रिषु
इक्ष्वाकार-गिरौ च कुण्डलादि द्वीपे च नन्दीश्वरे,
शैले ये मनुजोत्तरे जिन-ग्रहाः कुर्वन्तु नः मंगलम्
ज्योतिषी, व्यंतर, भवनवासी और वैमानिकों केआवासों के, मेरुओं, कुलाचकों,जम्बू वृक्षों औरशाल्मलि वृक्षों, वक्षारों विजयार्धपर्वतों,इक्ष्वाकार पर्वतों,कुण्डलवर (तथा रुचिक वर), नन्दीश्वर द्वीप, और मानुषोत्तर पर्वत के सभी अकृत्रिमजिन चैत्यालय हमारे पापों काक्षयकरेंऔरहमें सुखी बनावें!
कैलाशे वृषभस्य निर्व्रतिमही वीरस्य पावापुरे
चम्पायां वसुपूज्यसुज्जिनपतेः सम्मेदशैलेऽर्हताम्
शेषाणामपि चोर्जयन्तशिखरे नेमीश्वरस्यार्हतः,
निर्वाणावनयः प्रसिद्धविभवाः कुर्वन्तु नः मंगलम्
भगवान ऋषभदेव की निर्वाणभूमि - कैलाश पर्वत, महावीर स्वामी कीपावापुर, वासुपूज्यस्वामी (राजा वसुपूज्य के पुत्र) की चम्पापुरी, नेमिनाथ स्वामी की ऊर्जयन्त पर्वतशिखर, और शेष बीस तीर्थंकरों की श्री सम्मेदशिखर पर्वत, जिनका अतिशय और वैभव विख्यातहै ऐसी ये सभी निर्वाण भूमियाँ हमें निष्पाप बनावें और हमें सुखी करें!
सर्पो हारलता भवत्यसिलता सत्पुष्पदामायते,
सम्पद्येत रसायनं विषमपि प्रीतिं विधत्ते रिपुः
देवाः यान्ति वशं प्रसन्नमनसः किं वा बहु ब्रूमहे,
धर्मादेव नभोऽपि वर्षति नगैः कुर्वन्तु नः मंगलम्
धर्म के प्रभाव से सर्प माला बन जाता है, तलवार फूलों के समान कोमल बन जातीहै, विष अमृत बन जाता है, शत्रु प्रेम करने वाला मित्र बन जाता है और देवता प्रसन्नमन से धर्मात्मा के वश में हो जाते हैं अधिक क्या कहें, धर्म से ही आकाश से रत्नोंकी वर्षा होने लगती है वही धर्म हम सबका कल्याणकरे!
यो गर्भावतरोत्सवो भगवतां जन्माभिषेकोत्सवो,
यो जातः परिनिष्क्रमेण विभवो यः केवलज्ञानभाक्
यः कैवल्यपुर-प्रवेश-महिमा सम्पदितः स्वर्गिभिः
कल्याणानि च तानि पंच सततं कुर्वन्तु नः मंगलम्
तीर्थंकरों के गर्भकल्याणक, जन्माभिषेक कल्याणक, दीक्षा कल्याणक, केवलज्ञानकल्याणक और कैवल्यपुर प्रवेश (निर्वाण) कल्याणक के देवों द्वारा सम्पादित महोत्सवहमें सर्वदा मांगलिक रहें!
इत्थं श्रीजिन-मंगलाष्टकमिदं सौभाग्य-सम्पत्करम्,
कल्याणेषु महोत्सवेषु सुधियस्तीर्थंकराणामुषः
ये श्र्रण्वन्ति पठन्ति तैश्च सुजनैः धर्मार्थ-कामाविन्ताः,
लक्ष्मीराश्रयते व्यपाय-रहिता निर्वाण-लक्ष्मीरपि
सोभाग्यसम्पत्ति को प्रदान करने वाले इस श्री जिनेन्द्र मंगलाष्टक को जोसुधी तीर्थंकरों के पंच कल्याणक के महोत्सवों के अवसर पर तथा प्रभातकाल में भावपूर्वकसुनते और पढ़ते हैं, वे सज्जन धर्म, अर्थ और काम से समन्वित लक्ष्मी के आश्रय बनतेहैं और पश्चात् अविनश्वर मुक्तिलक्ष्मी को भी प्राप्त करते हैं!
Vandami mataji
वन्दामी माताजी
वन्दामि माता जी 🙏🙏
Vandami mata g k charno me koti koti naman
Vandami mata g k charno me 🙏🙏🙏
Om Arham Om Shanti Sardarshahr Chennai
जय...हो...माता...जी...जय.हो...मंगल..अस्टक.मे..बदलाव..हो..चुके..हैं.(३६)गुण..(१२).पर.चल..रहे..हैं.. अर्थ..पूर्ण.हैं. समझ.कर.. चलणा.जरुरी.हैं.जय.हो.
Namostu bhagwan vandami mataji
वन्दामि माताजी 🙏🙏🙏
वंदामी माताजी👏👏👏
Om Arham Om Shanti sardarshahr
Vandami माताजीकोटिकोटिनमन
Om Arham OmShanti sardarshahr
Vandhmi mataji
Om Arham Om Shanti Sardarshahr
Vandami mata g k charno me koti koti vandami 🙏🙏🙏
105🙏🙏🙏 प पु श्री 🙏🙏🙏पुर्णमती🙏🙏🙏 माताजी 🙏🙏🙏की जय। वंदामी🙏🙏🙏 वंदामी 🙏🙏🙏वंदामी माताजी 🙏🙏🙏
👏👏👏
Vandami Mataji
BHOUT BHOUT BHAGWANĢÙŔUĎEV JAI Ho🙏🙏🙏
Vandami माताजी के चरणों में कोटि कोटि नमन
वंदामि माताजी.
अत्यंत सुंदर मन्त्र मुग्ध
बंदामि माताश्री,🙏🙏🙏
VANDAMI VANDAMI VANDAMI MATAJI 🙏🙏🙏
Mata ji Namostu Namostu 🙏🙏
मन भाव विभोर हो गया
वंदामि माताजी🙏🙏🙏
Vandami Mataji.
पूज्य माताजी के चरणों में बादामी
VÀNDAMI VÀNDAMI MATAJI 🙏🙏🙏🙏🙏
वंदनामी माताजी
🙏🙏🙏वंदामी वंदामी वंदामी माताजी वंदामी वंदामी वंदामी 🙏🙏🙏
माता जी के चरणो में शत शत नमन नमन
Nmostu gurudev
Vandami mata ji
So peace givingandmelodious as attractive as heavnly.namostu mataji. Bandanami.so fortunate to have you om our earth.heartly banadana.
वन्दामि माताजी 🙏🙏🙏 आपको और आपकी मधुर वाणी को अनंत बार नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏
Vandnami Mataji
💟
वन्दामि माता जी
Vandami mata ji
Vandami mata g के चरणों me koti koti naman
Vandami mata g k charno me koti koti naman
🙏🙏🙏
शत-शत वन्दामि पूज्य वंदनीय माँ
राजेन्द्र-सपना शाह,उदयपुर
❤🧡🧡💛💛💛💚💚💙💜🖤🤍🤎❣️💕💞💓🖤💗💖💘💝💟
माता जी के चरणो में शत-शत नमन
Treei bar Bandamein Mata Ji
00
Vandami mataji.
जय माँ पूर्णमति माताजी
Bhoot hi sunder hai hum Sabhi Subha Aveseya path kartey hai ,,,,
वंदामी माताजी
Jai jinendra
VÀNDAMI VAĎAMI MATAJI 🙏🙏🙏
वंदामी माताजी वंदामी माताजी
जय जीनैद़र
माता जी कै चरणौमै चरण वंदन
Vandami Mataji ,Guruma
Aa
🙏🙏🙏🙏🙏 वंदामी माताजी, वंदामी माताजी, वंदामी माताजी 🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
વંદામી માતાજી 🙏🙏🙏.
वंदामि माताजी🙏 आपके आवाज मे गाये हुये मंगलाष्टक, भक्तांमर स्तोत्र, इत्यादी सुननेसे बहोत ही प्रसन्न लगता है और पूरा दिन अच्छा जाता है. आपकी आवाज मे 'सुप्रभात स्तोत्र' सुनने की इच्छा है.
वंदामी माताजी 🙏🙏🙏
Vandami mata ji 🙏
Verymelodious.Such an amazing Mangalashatk.very lovely andheart touching. Namo Mataji.
बन्दामी माताजी बहुत ही अच्छा 👍🏻 लगा सुनकर
वंदनी माताजी
वंदनामी माता जी
Vandami . Mataji 🙇🙏
🙏🙏🙏
👋👋👋👋👋 वन्दामी वन्दामी वन्दामी
Wonder mein Mata Ji
Bahut sunder
ವಂದಾಮಿ ಮಾತಾಜಿ ವಂದಾಮಿ 🙏🙏🙏
Bhaskar tridhuvan
Bandnami mataji
Vandami mataji 🙏🙏🙏
Vandami mataji
Mata ji ki aavaj koyal se bhi jyada madhur hai 👌👌👌👌
T
Vastav Mai lgta Hai nonstop sunte hi rhe
Marathi kha viraj man hai
Vandami... Mataji.. 🎉🙏🎉
Vandami mataji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Nice voice
@@namitajain6846 👋
Vandami mata ji 🙏 🙏 🙏
Vandami mataji
. 🙏 अनुपम शान्ति दायक 🤗
Sunder👌👌👌👌🙏🙏🙏
Vandami matajee
Shree mata ji charno tri bar vadnami
माताश्री के चरणों में त्रिबार बंदामि बंदामि बंदामि🙏🙏🙏
V. Nice
,सलोख्याचे
Jain dharam ki jai ho
Vinayphat and pujapath
Vandnami mataji.such peace giving in such a melofioud voice.
Mww aàllp0p0p poo
vandnami mata ji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
बेस्ट
वदामी। माताजी
Bandami mataji
Jai jinendra 🙏🏻
Shree Mata ji charnoo tri bar vadnami
Madhur avaaj👌🏻👌🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🙏🙏आर्यिकाश्री पूर्ण मती को कोटिशः नमन है ।
Namostu
Vandami mataji
Namostu Matta ji
Vandami mata ji🙏🙏🙏
💟💟💟💟💟💟💟
Atmarthi bhavyo ke liye anupam uphar
By CGBhucup
Supper👌👌🙏🙏
Baneme mataji
ंं
Namostu Mataji.
माताजी के चरणों में कोटी सह नमन
Vandami Mata ji namasto bhawgan
Deepa jain
Vandami mathaji
Vandnami mataji 🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
Namostu mataji
Plz send yetswargavatotsave storta
जैन धर्म की जय