सिंह राशि 1 से 10 नवंबर का राशिफल | by Acharya Vikrmaditya | Singh Rashi | Leo Horoscope

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  • Опубліковано 31 жов 2024

КОМЕНТАРІ • 9

  • @SagarAstro6688
    @SagarAstro6688 3 дні тому +2

    सर 🙏आपकी भाषा बहुत सौम्य है विवेचना भी सटीक है

  • @mastansingh7319
    @mastansingh7319 3 дні тому +1

    Her her maha dev ji jai mata di thankyou guru ji jai laxmi mata di

  • @RohanTimsina-bg3pl
    @RohanTimsina-bg3pl 2 дні тому

    HARE Krishna dandavtparnam prabuji

  • @manjitbhullar-rg2fw
    @manjitbhullar-rg2fw День тому

    Jai shree Laxmi Narayan ji har har mahadev ji jai maa badarkali ji jai maa saraswati ji jai maa durga ji

  • @sarlabhansali3342
    @sarlabhansali3342 День тому

    Jay Shri Krishna Gurudev

  • @RathodMansungji-s5g
    @RathodMansungji-s5g 3 дні тому +1

    Tanks

  • @PadminiDas-r8k
    @PadminiDas-r8k 3 дні тому

    Thank you 🙏

  • @manjutyagi3523
    @manjutyagi3523 3 дні тому

    31 ki Diwali hai

    • @AcharyaVani
      @AcharyaVani  6 годин тому

      ua-cam.com/video/LtRgfWaKIIA/v-deo.htmlsi=-w240OBlvWUI7TzV
      *शास्त्र सम्मत लक्ष्मीपूजन (दीपावली) 1 नवंबर 2024, शुक्रवार के दिन* भारत में । परंतु दुबई, अफ़्रीका, यूरोप देश, अमेरिका एवं कनाडा में 31 को।
      इस वर्ष (संवत् 2081) में 31 अक्टूबर 2024 के दिन चतुर्दशी समाप्ति 15.53 है। चतुर्दशी समाप्ति के बाद अमावस्या शुरु होकर दूसरे दिन 1 नवंबर शुक्रवार के दिन सायं 18.17 को अमावस्या समाप्ति हो रही है। 31 अक्टूूबर को प्रदोषकाल में अमावस्याकी अधिकव्याप्ति है और दूसरे दिन 1 नवंबर शुक्रवार के दिन प्रदोषकाल में अमावस्या अल्पकाल है, फिर भी 1 नवंबर को लक्ष्मीपूजन करना ही उचित है। अतः भारत एवं जापान चीन ऑस्ट्रेलिया न्यूज़ीलैंड थाइलैंड आदि देशों में 1 नवंबर को मानना श्रेष्ठ है । परंतु दुबई, अफ़्रीका, यूरोप देश, अमेरिका एवं कनाडा में 31 अक्तूबर को माननी जानी चाहिए क्योंकि इन क्षेत्रों में 1 नवंबर को सूर्य अस्त से पहले ही अमावस्या समाप्त हो रही हैं। यही शास्त्र आज्ञा है।
      - परदिने एव दिंद्वयेपि वा प्रदोषव्याप्तौ परा। पूर्वत्रैव प्रदोषव्याप्तौ लक्ष्मीपूजनादौ पूर्वा। (धर्मसिंधु)
      - इयं प्रदोषव्यापिनी ग्राह्या, दिंद्वये सत्त्वाऽसत्त्वे परा। (तिथिनिर्णय)
      - यदा सायाह्मराभ्य प्रवृत्तोत्तरदिने किंचिन्युन्यामात्रयम् अमावस्या तदुत्तरदिने यामत्रायमिता प्रतिपत्तदाऽमावस्याप्रयुक्त दीपदानलक्ष्मीपूजादिकं पूर्वत्र। यदा तु द्वितीयदिने यामत्रयेममावस्या तदुत्तरदिने सार्धयामात्रयं प्रतिपत्तदा परा। (पुरुषार्थ चिंतामणि) अर्थात तीन प्रहर के उपरान्त पर अंत हो रही हो और दूसरे दिन प्रतिपदा साढितीन प्रहर के उपरान्त पर अंत हो रही हो ऐसी स्थिति में लक्ष्मीपूजनादि करें।
      धर्मसिंधु, पुरुषार्थ चिंतामणि, तिथिनिर्णय, व्रतपर्व विवेक आदि ग्रंथों में दिये हुए वचनों का विचार करके दोनों दिन प्रदोषकाल में अमावस्या की व्याप्ति कम या अधिक होनेपर दूसरे दिन अर्थात अमावस्या के दिन लक्ष्मीपूजन करना शास्त्रसंमत है।
      एक विशेष बिंदु यह भी है की जब प्रदोषकाल में अमावस्या अल्पकाल होती है तब उस दिन सायाह्नकाल और प्रदोषकाल इन दोनों कालों में अमावस्या रहती है तथा अमावस्या और प्रतिपदा का युग्म होने से युग्म को महत्त्व देकर प्रतिपदायुक्त अमावस्या के दिन लक्ष्मीपूजन करना चाहिए। उपर्युक्त सभी वचनों पर विचार कर हमारे अनुसार भारत आदि देशों के लिए 1 नवंबर 2024 शुक्रवार के दिन लक्ष्मीपूजन होना चाहिए। यद्यपि शुक्रवार के दिन सूर्यास्त के पश्चात् अमावस्या प्रदोष में अल्पकाल है, तथापि सायह्नकाल से प्रदोषकाल समाप्त होने तक अर्थात सूर्यास्त के बाद सामान्यतः 2 घंटे 24 मि. तक के कालावधी में लक्ष्मीपूजन कर सकते है।
      वही यदि भारत से आगे यदि देखे तो दुबई, अफ़्रीका, यूरोप देश, अमेरिका एवं कनाडा में 31 अक्तूबर को दिवाली की व्यवस्था रहेगी क्योंकि वहाँ 1 नवंबर को प्रदोष व्यापनी अमावस्या है ही नहीं। अत आप सब श्रेष्ठजन से अनुरोध है विचार कर संसार को दुविधा से बाहर निकले।
      ua-cam.com/video/LtRgfWaKIIA/v-deo.htmlsi=7EbG8qx69bGOUs9x
      आचार्य विक्रमादित्य