सो कलिकाल कठिन उर गारी। पाप परायन सब नर नारी। इस कलिकाल में मे आत्मा आधार शरीर को छोड़ दे तो सबको दफ़नाना पड़ेगा। नर नारी आधार आत्मा के द्वारा पाप कर्म मे संलग्न हैं
अवध प्रभाव जान तब प्रानी । जब उर बसहि राम धनु पानी। अयोध्या मे राम का प्रभाव तब तक था। जब तक आधार आत्मा जान था। आत्मा प्राण आधार ने शरीर को पानी मे रख दिया। आधार आत्मा जान ही शरीर का परि त्याग कर देता है।
Kalyan hota hai... Magar inshan uske layak hai vo us ke bad me chhal kar ne me intilagant ho jata hai. Vo galat tari ke se atma ghyan upyog kar ta hai kyo ki vo inshan hai.
तामस बहुत रजो गुन थोरा । क लि प्रभाव विरोध चहु ओरा। आत्मा आधार प्राण के द्वारा जीव अहंकारी बन चुका है। यदि अपने को मिट्टी समझता तो बात समझ मे आती। विरोध का कारण आत्मा को स्वयं मान लेना शरीर को भूल जाना।
कोटि कुटिल मन गुरु पढ़ाई।
आत्मा आधार जान प्राण पाँवर नहीं तो दुनिया मे कौन गुरु है जो मुर्दे को पढ़ाएगा।
गुरु भी मुर्दा चेला भी मुर्दा ही मिलेगा।
सो कलिकाल कठिन उर गारी।
पाप परायन सब नर नारी।
इस कलिकाल में मे आत्मा आधार शरीर को छोड़ दे तो सबको दफ़नाना पड़ेगा।
नर नारी आधार आत्मा के द्वारा पाप कर्म मे संलग्न हैं
विना आत्मा आधार के पाप पुण्य धर्म कर्म।
पल मे प्रलय होयगी जब प्राण जायेगा छूट।
Atma ghyan hone se kya hota hai.
सत प्रतिशत सिर्फ एक ही बोल सकता है।99प्रतिशत् सब झूठ।
अवध प्रभाव जान तब प्रानी ।
जब उर बसहि राम धनु पानी।
अयोध्या मे राम का प्रभाव तब तक था। जब तक आधार आत्मा जान था।
आत्मा प्राण आधार ने शरीर को पानी मे रख दिया।
आधार आत्मा जान ही शरीर का परि त्याग कर देता है।
Kalyan hota hai... Magar inshan uske layak hai vo us ke bad me chhal kar ne me intilagant ho jata hai. Vo galat tari ke se atma ghyan upyog kar ta hai kyo ki vo inshan hai.
तामस बहुत रजो गुन थोरा ।
क लि प्रभाव विरोध चहु ओरा।
आत्मा आधार प्राण के द्वारा जीव अहंकारी बन चुका है।
यदि अपने को मिट्टी समझता तो बात समझ मे आती।
विरोध का कारण आत्मा को स्वयं मान लेना शरीर को भूल जाना।