शास्त्रों की दृष्टि में आत्मज्ञान का मार्ग(शास्त्रोक्त उदाहरण और विधियाँ )

Поділитися
Вставка
  • Опубліковано 2 жов 2024
  • (आत्मज्ञान: स्वयं से साक्षात्कार का दिव्य मार्ग" )
    आत्मज्ञान का मार्ग शास्त्रों में जीवन के सबसे ऊंचे लक्ष्यों में से एक माना गया है। यह मार्ग व्यक्ति को उसकी आत्मा और ब्रह्मांड की सच्चाई से परिचित कराता है। शास्त्रों के अनुसार, आत्मज्ञान का अर्थ है व्यक्ति का अपने वास्तविक स्वरूप को पहचानना और माया से परे जाकर आत्मा की शुद्धता को अनुभव करना।
    इस मार्ग पर चलने के लिए शास्त्रों में ध्यान, साधना, योग, और सेवा जैसे विभिन्न उपाय सुझाए गए हैं। शास्त्र यह भी बताते हैं कि आत्मज्ञान प्राप्ति के लिए निस्वार्थ कर्म और ज्ञान की खोज अत्यंत आवश्यक है। यह मार्ग न केवल व्यक्ति को शांति और आनंद की अनुभूति कराता है, बल्कि उसे सच्चे अर्थों में मुक्त करता है।
    इस यात्रा में, व्यक्ति को अपने भीतर के अज्ञान को मिटाकर आत्म-साक्षात्कार की दिशा में कदम बढ़ाना होता है। आत्मज्ञान प्राप्त होने पर व्यक्ति का जीवन समृद्ध और उद्दात्त हो जाता है, और वह जगत के प्रति नई दृष्टि से देखने लगता है।
    #आत्मज्ञान
    #आध्यात्मिकता
    #स्वयंकीखोज
    #शास्त्र
    #योग
    #साधना
    #दिव्यमार्ग
    #ज्ञानकीखोज
    #आध्यात्मिकमार्ग
    #शांति
    ‪@Satyasanaatan2.A‬
    ‪@ShriPrashant‬
    ‪@AtmajnanaSamarth‬
    ‪@Aatmnivedan‬
    ‪@Ashanupay‬
    #भक्तिsong
    #जयश्रीरामsong
    #cristianoronaldo

КОМЕНТАРІ •