🙏🙏🙏 हार्दिक साधुवाद मान्यवर सिंह साहब जी आपने बहुत अच्छी जानकारी से अवगत करवाया है, हर उपासक और उपासिका को इन नियमों की जानकारी होनी चाहिए और उपासक और उपासिकाओं के लिए भी एक भिक्षु के प्रति नियम भी भलीभाँति जानने चाहिए। इन सबकी जानकारी आप अच्छी तरह से बता सकते हैं।
नव बुध नहीं बल्कि वास्तविक बुध के वंशज है। इस देश के हर मूल निवासी में बुध का ज्ञान झलकता है। महायानियों का विकृत स्वरूप , वज्रयानियों के रूप में हुआ। फिर वज्रयानियों से नाथ संप्रदाय, नाथ संप्रदाय से शैव, वैष्णव और साक्त आदि। फिर संप्रदायों का सबसे ज्यादा विकृत स्वरूप आज का विभिन्न पंथ है। जिसका कोई मकसद समझ नहीं आता। बुध के "कोर फिलासॉफी"थेरवाद (हिनयान) में है। जो कि किसी भी बाह्य काल्पनिक "आत्म _परमात्मा"को नकारता है। केवल "प्राकृतिक शक्ति"को ही वास्तविक शक्ति मानता है। आत्म_परमात्मा के पीछे आप कितनी भी बौद्धिक शक्ति का इस्तेमाल करें, कोई परिणाम नहीं आता है क्योंकि जिसका कोई वजूद ही नहीं उस पर कितना भी ऊर्जा लगाए व्यर्थ ही साबित होगा। इसमें लोभ, छलावा, पाखण्ड और आडम्बर के अलावा और कुछ भी नहीं। उसके पीछे प्रयास का परिणाम शून्य ही साबित होता है।🙏
नमो बुद्धाय
संघं नमामि संघं नमामि संघं नमामि ।जय भीम नमो बुद्धाय 🙏👍👌🌹
"जनन शक्ति" पृथ्वी के हर जीव का प्रबल प्राकृतिक शक्ति होता है।
जय भीम 🙏
नमो बुधाय 🙏
Namo Buddhay, Jai Bhim, Jai Bharat, Jai mulnivasi, Jai savidhaan
🙏🙏🙏 हार्दिक साधुवाद मान्यवर सिंह साहब जी
आपने बहुत अच्छी जानकारी से अवगत करवाया है, हर उपासक और उपासिका को इन नियमों की जानकारी होनी चाहिए और उपासक और उपासिकाओं के लिए भी एक भिक्षु के प्रति नियम भी भलीभाँति जानने चाहिए। इन सबकी जानकारी आप अच्छी तरह से बता सकते हैं।
Jai Bhim Jai Bharat Namo Buddhay
शुरुवात में जो त्रिशरण पंचशील गा रहे है कृपया उनका नाम बताए, में वो पूरा सुनना चाहता हु।
धन्यवाद।
हर video के अंत में गाया जाता है आप सुन सकते है
Namo Buddhay
Jai Bhim
Namo Bhudhay 🙏🙏🙏🙏🙏
Jai bheem namo budhay Jai sambidhan
Sangam Namami sangam Namami sangam Namami
Namo Buddhay
Namoh budhay Jai Bhim ❤❤
Thank you so much
Sanghm nmami jài bhim nmo butha
Thanks
Thanks you guruji 🙏
Namo buddhaya 🌷🌷🌷🪷
Right rule
Ashok ki poonch pakad Lee hai.
Nav baudhho ne.
Poonch mp ka baniya hai
Ashok singhaniya
kahna kya chate ho
नव बुध नहीं बल्कि वास्तविक बुध के वंशज है। इस देश के हर मूल निवासी में बुध का ज्ञान झलकता है।
महायानियों का विकृत स्वरूप , वज्रयानियों के रूप में हुआ। फिर वज्रयानियों से नाथ संप्रदाय, नाथ संप्रदाय से शैव, वैष्णव और साक्त आदि। फिर संप्रदायों का सबसे ज्यादा विकृत स्वरूप आज का विभिन्न पंथ है। जिसका कोई मकसद समझ नहीं आता।
बुध के "कोर फिलासॉफी"थेरवाद (हिनयान) में है। जो कि किसी भी बाह्य काल्पनिक "आत्म _परमात्मा"को नकारता है। केवल "प्राकृतिक शक्ति"को ही वास्तविक शक्ति मानता है।
आत्म_परमात्मा के पीछे आप कितनी भी बौद्धिक शक्ति का इस्तेमाल करें, कोई परिणाम नहीं आता है क्योंकि जिसका कोई वजूद ही नहीं उस पर कितना भी ऊर्जा लगाए व्यर्थ ही साबित होगा। इसमें लोभ, छलावा, पाखण्ड और आडम्बर के अलावा और कुछ भी नहीं। उसके पीछे प्रयास का परिणाम शून्य ही साबित होता है।🙏