आपका प्रयास सराहनीय रहता है आप दूरदराज़ दूर्गम क्षेत्रों में जाकर हर प्रस्थित से अवगत कराते है जबाब इस समाज की सुध हर एक को लेनी चाहिए नहीं तो वाकई में ये समाज बिलुप्ट हो सकता है
बहुत अच्छा प्रयास यह कलाकार हमारी संस्कृति के लिए धरोहर है इनकी वास्तविक जिंदगी को देखकर मुझे भी दो आंसू आए इनको बचाने की हमारी मुहिम होनी चाहिए ताकि हमारे पहाड़ की संस्कृति भी बची रहे इस कार्यक्रम को इतना प्रचार-प्रसार दो कि हर पहाड़ी आदमी तक पहुंच जाए तक पहुंच जाए ताकि इन लोगों का जीवन भी सरलता से जीवन यापन हो सके और इनका पलायन रुक सके
आपका यह कार्य वास्तव में सराहनीय है। कुमाऊँनी संस्कृति के प्रचार प्रसार के साथ ही आप प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से कलाकारों को प्रोत्साहित करने का काम कर रहे हैं। स्वयं प्राकृतिक सौन्दर्य का आनन्द लेते हुए आप अपने दर्शकों को भी प्रकृति के समीप रहने व अपनी संस्कृति से जुड़े रहने की प्रेरणा देते हैं। शुभ कामनाओं के साथ धन्यवाद।
आपका यह ब्लाग प्रेरणादायक है।एक कलाकार भाई ने कहा था लोग ब्याह शादी मे नशाकरके जातिसूचक शब्दो का प्रयोग करते है उन्हे भी सुनना पडता है आप ने कहा खाना खाते समय उन्हे किनारा कर देते है। शिल्पकार समाज अपने विधाओ मे बडा कुशल था जातिवादी मानसिकता वालो ने नीच कर्मकह कह करके ऊचस्तर की कलाकारी को ही समाप्तकर दिया। आज इन कलाओं को सगरसण के लिये आप जैसे अच्छी सोच के लोगों को कार्य करना पड रहा है। बहुतबहुतसाधुवाद ।
आप बहुत सराहनीय कार्य कर रहे हैं हकीकत में ये कलाकार हमारे पहाड़ बागेश्वर से आगे दशोली गांव पड़ता है भगत छोलिया इनकी टीम नंदा राजजात यात्रा मैं नैनीताल में आती है।इनके पास कोई और रोजगार उपलब्ध नहीं है प्रशासन इनके लिए आगे आना चाहिए
उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र का एक प्रचलित लोकनृत्य है छलिया नृत्य। यह विशेष रूप से कुमाऊँ मण्डल के बागेश्वर, पिथौरागढ़, चम्पावत और अल्मोड़ा जिलों में लोकप्रिय है। यह एक तलवार नृत्य है, जो प्रमुखतः शादी-बारातों या अन्य शुभ अवसरों पर किया जाता है। विभिन्न अवसरों पर लोकगीतों और बाजों के सांथ छोलिया नृत्य अब मुख्य नृत्य बन गया है। पारंपरिक लोकनृत्यों में छोलिया ऐसा नृत्य है, जिसकी शुरुआत सैकड़ों वर्ष पूर्व की मानी जाती है। छोलिया नृत्य की विशेषता यह है कि इसमें एक साथ श्रृंगार और वीर रस, दोनों के दर्शन हो जाते हैं। छोलिया नृत्य में ढोल-दमाऊ की अहम भूमिका होती है। इस नृत्य में नर्तक युद्ध जैसे संगीत की धुन पर क्रमबद्ध तरीके से तलवार व ढाल चलाते हैं, जो कि अपने साथी नर्तकियों के साथ नकली लड़ाई जैसा प्रतीत होता है। नृत्य के समय नर्तकों के मुख पर प्रमुखतः उग्र भाव रहते हैं, जो युद्ध में जा रहे सैनिकों जैसे लगते हैं। छोलिया नृत्य को आत्मसम्मान, आत्मविश्वास और चपलता का प्रतीक माना जाता है।
आपका प्रयास सराहनीय है ये कलाकार जरूर है पर समाज में वो समयमान नहीं मिलता है जो इन्हें मिलना चाहिए इनका जीवन संयंत्र इनकी वास्तविकता बयां कर रही है सरकार को इनका जीवन स्तर में सुधार लाना चाहिए ताकि ये कलाकार भी अपना एवं अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित कर सकै🙏🙏
बहुत अच्छा लगा भाई बस यों ही कंपनी संस्कृति सभ्यता परम्परा साहित्य संस्कार खान पान देव प्रथा लोक प्रथा रिति रिवाज तमाम हमारी धरोहर रूपी विरासतों को अपने युवाओं तक पहुंचाने में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दो ❤❤❤❤❤❤❤जय देवभूमि उत्तराखंड
समाज की संस्कृति को बचाने वाले लोग एवं मनोरंजन से खुश करने वाले लोग स्वयं इतनी तकलीफ का जीवन यापन करते हैं। इस लेख को दिखाने के लिए आपके कोटि कोटि साधुवाद हैं।
Sir apke video bhut ache hote hai 🙏apne Jo enlogo ke liye bat kahi bhut sahi kahi apne bhut acha bola apki bat bhut achi lagi mai bhi apki esbat Ko sport karti hu🙏sab ko smaan darja milna chahiye
आप गरीब नहीं है आप उत्तराखंड की संस्कृति के सिपाही हैं लोगों की खुशियों को अपने कार्य से आनंद मय का माहोल बनाने के लिए समर्पित है , , आप महान हैं जन मोर्चा
वास्तव में हमारे क्षेत्र में भी पूर्व में छोलिया नृत्य के दल होते थे,जबसे ये ब्रास बैंड का जमाना आया,और पंजाबी भांगड़ा का दौर साथ ही लुकिट से सूरा से रम से व्हिस्की से छोटा पैक बियर आयी ,हम अपनी संस्कृति को हम खोते चले गये।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर, इतनी मेहनत करके आपने हमारे सामने इन कलाकारों का दर्द रखा, जो बाग की समस्या है वो बहुत बडी समस्या है , कभी भी हमला कर सकता है , ज्यादा दूर भी नही है घर के पीछे ही है , वन विभाग को जरूर जाना चाहिए , बाकी उम्मीद करते है ये छलिया दल, कभी विलुफ्ट ना हो इन कलाकारों को दिल से धनयबाद, जो छुआ छूत का सवाल आपने किया जनता को इस बारे ज़रुर सोचना चाहिए बाकी गांव के हाल बहुत खराब है , गरीबी के कराड,फिर से एक बार इन सभी कलाकारों को 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Gopal Da ki puri teem ko mera namskar bahut hi achche chaliye kalakar he ye log kyu ki ye log meri sadi me bhi aaye the 2007 Aaj puri Gopal da ki teem dekhakar achcha laga par bura esliye laga kyu ki baki samay ye log berojgar he ❤
पाण्डेय जी की इस प्रस्तुति से स्पष्ट हो जाता है कि पहाड़ी क्षेत्रों की वास्तविकता का आकलन किया जा सकता है पानी की व्यवस्था जस की तस थोड़ी सी गर्मी बढ़ने पर पीने का पानी भी नहीं रहता सिंचाई की बात तो छोड़ दो।ऐसे में सरकार के रिवर्स पलायन या पलायन रोकने के वादों का सहज ही अन्दाजा लगाया जा सकता है सरकार किसी भी दल की हो उत्तराखंड में ये आयोग जो बनते हैं वे सिर्फ अपना एक नेता लालबत्ती से नवाजा जाना मात्र ही मकसद है ये 20 साल के युवा उत्तराखंड की तस्वीर है।
इस विडी़यो कि जितनी तारिफ करें वो कम है ... इस विडी़यो में गरीबी का प्रदर्शन दिखाया गया है ....जैसा दिखाया है ऐसा ही है पुरा गांव ....🙏🙏🙏देखो और ज्यादा से ज्यादा शेयर करो ...धन्यवाद🙏🙏🙏🙏
छलिया कलाकारों की संस्कृति और दर्द दिखाने के लिए आपका आभार लेकिन नेता जी को नेशनल पुरस्कार और राष्ट्रीय पुरस्कार में अंतर लग रहा है, कह रहे हैं कि नही नही नेशनल पुरस्कार नहीं राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है ।
देव भूमि उत्तराखंड की जय कुमाऊं गढ़वाल की सान छलिया नृत्य को प्राथमिकता सरकार को चाहिए कलाकारों का मान सम्मान बढ़ाने के लिए इन्हें प्रति माह कम से कम₹2000 रुपया पेंशन योजना लागू की जाए जय श्री राम इंस्पेक्टर रिटायर्ड कुंवर सिंह रावत उत्तराखंड
My suggestion is this chhaliya music should be added in government job and booking should be through Govt.portal and recruitment may be made as per 2 yrs experience in chhaliya dance age limit from 18 to 45 yrs
Hamare yahan Pauri mein ek samajik kaaryakarta hain Shree sudhir sunderiyal ji. Unhone sabhi ko saraiyya sekhne aur khelne ka avsar pradaan karte huye ek team.taiyaar kiya hai jismein sabhi vargon ke bachhe hain. Bahut achha prayas hai unka is disha mein.
इन लोगों के लिए Reservation है लेकिन इनके बच्चे गांव में पढ़े हैं जो बच्चे शहरों में रहते वह Reservation का फायदा उठाते हैं इसलिए जरूरी है कि इसी जाति के जो लोग एक बार Reservation फायदा ले चुके हैं उन्हें Reservation नहीं मिलना चाहिए जिसको Reservation नहीं मिला है उसको मिलना चाहिए
काम तो काम होता है कलाकार के गुण सब नहीं होते इनकी कलाकारी को शत शत नमन खाने में भेद भाव नहीं होना चाहिए
नमन ऐसे कलाकारौ को.जो अभावो मै जीवन यापन करने बावजद समाज का मनोरंजन कर रहे है।
आपका प्रयास सराहनीय रहता है आप दूरदराज़ दूर्गम क्षेत्रों में जाकर हर प्रस्थित से अवगत कराते है जबाब इस समाज की सुध हर एक को लेनी चाहिए नहीं तो वाकई में ये समाज बिलुप्ट हो सकता है
बहुत अच्छा प्रयास यह कलाकार हमारी संस्कृति के लिए धरोहर है इनकी वास्तविक जिंदगी को देखकर मुझे भी दो आंसू आए इनको बचाने की हमारी मुहिम होनी चाहिए ताकि हमारे पहाड़ की संस्कृति भी बची रहे इस कार्यक्रम को इतना प्रचार-प्रसार दो कि हर पहाड़ी आदमी तक पहुंच जाए तक पहुंच जाए ताकि इन लोगों का जीवन भी सरलता से जीवन यापन हो सके और इनका पलायन रुक सके
आपका यह कार्य वास्तव में सराहनीय है। कुमाऊँनी संस्कृति के प्रचार प्रसार के साथ ही आप प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से कलाकारों को प्रोत्साहित करने का काम कर रहे हैं। स्वयं प्राकृतिक सौन्दर्य का आनन्द लेते हुए आप अपने दर्शकों को भी प्रकृति के समीप रहने व अपनी संस्कृति से जुड़े रहने की प्रेरणा देते हैं। शुभ कामनाओं के साथ धन्यवाद।
आपका यह ब्लाग प्रेरणादायक है।एक कलाकार भाई ने कहा था लोग ब्याह शादी मे नशाकरके जातिसूचक शब्दो का प्रयोग करते है उन्हे भी सुनना पडता है आप ने कहा खाना खाते समय उन्हे किनारा कर देते है। शिल्पकार समाज अपने विधाओ मे बडा कुशल था जातिवादी मानसिकता वालो ने नीच कर्मकह कह करके ऊचस्तर की कलाकारी को ही समाप्तकर दिया। आज
इन कलाओं को सगरसण के लिये आप जैसे अच्छी सोच के लोगों को कार्य करना पड रहा है। बहुतबहुतसाधुवाद ।
आप बहुत सराहनीय कार्य कर रहे हैं हकीकत में ये कलाकार हमारे पहाड़ बागेश्वर से आगे दशोली गांव पड़ता है भगत छोलिया इनकी टीम नंदा राजजात यात्रा मैं नैनीताल में आती है।इनके पास कोई और रोजगार उपलब्ध नहीं है प्रशासन इनके लिए आगे आना चाहिए
वाह बधाई के पात्र हो आप पांडे जी।। इन्ही कलाकारों ने हमारी संस्कृति को जीवित रखा है। सभी को नमन ❤❤❤❤👏👏👏👏👏👏
उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र का एक प्रचलित लोकनृत्य है छलिया नृत्य। यह विशेष रूप से कुमाऊँ मण्डल के बागेश्वर, पिथौरागढ़, चम्पावत और अल्मोड़ा जिलों में लोकप्रिय है। यह एक तलवार नृत्य है, जो प्रमुखतः शादी-बारातों या अन्य शुभ अवसरों पर किया जाता है। विभिन्न अवसरों पर लोकगीतों और बाजों के सांथ छोलिया नृत्य अब मुख्य नृत्य बन गया है। पारंपरिक लोकनृत्यों में छोलिया ऐसा नृत्य है, जिसकी शुरुआत सैकड़ों वर्ष पूर्व की मानी जाती है। छोलिया नृत्य की विशेषता यह है कि इसमें एक साथ श्रृंगार और वीर रस, दोनों के दर्शन हो जाते हैं। छोलिया नृत्य में ढोल-दमाऊ की अहम भूमिका होती है। इस नृत्य में नर्तक युद्ध जैसे संगीत की धुन पर क्रमबद्ध तरीके से तलवार व ढाल चलाते हैं, जो कि अपने साथी नर्तकियों के साथ नकली लड़ाई जैसा प्रतीत होता है। नृत्य के समय नर्तकों के मुख पर प्रमुखतः उग्र भाव रहते हैं, जो युद्ध में जा रहे सैनिकों जैसे लगते हैं। छोलिया नृत्य को आत्मसम्मान, आत्मविश्वास और चपलता का प्रतीक माना जाता है।
बहुत अच्छा वीडियो। कलाकार और विधायक जी की बातों मै भेद है। कलाकारों का पूरा नहीं मिलता है
बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारी हमारे संस्कृति के बारे मैं। धन्यवाद ।😊
भाई जी आपका प्रयास सराहनीय है ,आप दबे, कुचले,उपेक्षित क्षेत्र की मूल भुत समस्याओ को उठा रहे है।
आपको बहुत साधुवाद
छलिया लोक कलाकारों के बारे में बताकर आपने बहुत अच्छा कार्य किया है इसके लिए आप बधाई के पात्र हैं
वाह बहुत सुन्दर प्रस्तुति पाण्डेय जी
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Bahut Sunder. This tradition must be preserved
हमारी संस्कृति सदैव जीवित रहे 🙏
बहुत सुन्दर blog ❤❤
छा गए गुरु
अपना गृह क्षेत्र देख कर बहुत हौस लगरही है।
बहुत अच्छा लगा आपका वीडियो देखी पंडित जी हमारी संस्कृति को आप ने दिखाया छलिया दल उत्तराखंड के सभी मेंबरों से रूबरू कराया आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
Nice work 👍👍👍👏👏👏
आपका प्रयास सराहनीय है ये कलाकार जरूर है पर समाज में वो समयमान नहीं मिलता है जो इन्हें मिलना चाहिए इनका जीवन संयंत्र इनकी वास्तविकता बयां कर रही है सरकार को इनका जीवन स्तर में सुधार लाना चाहिए ताकि ये कलाकार भी अपना एवं अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित कर सकै🙏🙏
👌👌👌👌Chholiya dance & beautiful pali gaon
धन्यवाद जी💐💐
आपका प्रयास सराहनीय है
Aap ka bahut he badiya prayas rhta h har insan ka kaam bahut mahnat ka hota h
बहुत सुन्दर video banai hai. 🌹
बहुत अच्छा लगा भाई बस यों ही कंपनी संस्कृति सभ्यता परम्परा साहित्य संस्कार खान पान देव प्रथा लोक प्रथा रिति रिवाज तमाम हमारी धरोहर रूपी विरासतों को अपने युवाओं तक पहुंचाने में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दो ❤❤❤❤❤❤❤जय देवभूमि उत्तराखंड
आप ने सराहनीय काम किया है। सरकार ने इस ़और ध्यान देना चाहिए।
समाज की संस्कृति को बचाने वाले लोग एवं मनोरंजन से खुश करने वाले लोग स्वयं इतनी तकलीफ का जीवन यापन करते हैं। इस लेख को दिखाने के लिए आपके कोटि कोटि साधुवाद हैं।
बहुत सुंदर प्रस्तुति बहुत अच्छा प्रयास
क्या गजब की वीडियो बना डाली
बहुत सुंदर वीडियो भाई
बहुत सुन्दर बढ़िया विडियो है
बहुत सुन्दर वीडियो
आपका प्रयास स्तुत्य है
इस बेहतरीन सांस्कृतिक वीडियो को सपोर्ट और प्यार देने के लिये आप सभी का धन्यवाद❤
आप इसे और आगे शेयर करके ज्यादा से ज्यादा
लोगों तक पहुँचाएं
बहुत सुंदर
Bahut hi sarahaneey prayas.
Very nice AAP achybolthaaheandthanksnamsakar🎉🎉
Sir apke video bhut ache hote hai 🙏apne Jo enlogo ke liye bat kahi bhut sahi kahi apne bhut acha bola apki bat bhut achi lagi mai bhi apki esbat Ko sport karti hu🙏sab ko smaan darja milna chahiye
आप गरीब नहीं है आप उत्तराखंड की संस्कृति के सिपाही हैं लोगों की खुशियों को अपने कार्य से आनंद मय का माहोल बनाने के लिए समर्पित है , , आप महान हैं जन मोर्चा
वास्तव में हमारे क्षेत्र में भी पूर्व में छोलिया नृत्य के दल होते थे,जबसे ये ब्रास बैंड का जमाना आया,और पंजाबी भांगड़ा का दौर साथ ही लुकिट से सूरा से रम से व्हिस्की से छोटा पैक बियर आयी ,हम अपनी संस्कृति को हम खोते चले गये।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर, इतनी मेहनत करके आपने हमारे सामने इन कलाकारों का दर्द रखा, जो बाग की समस्या है वो बहुत बडी समस्या है , कभी भी हमला कर सकता है , ज्यादा दूर भी नही है घर के पीछे ही है , वन विभाग को जरूर जाना चाहिए , बाकी उम्मीद करते है ये छलिया दल, कभी विलुफ्ट ना हो इन कलाकारों को दिल से धनयबाद, जो छुआ छूत का सवाल आपने किया जनता को इस बारे ज़रुर सोचना चाहिए बाकी गांव के हाल बहुत खराब है , गरीबी के कराड,फिर से एक बार इन सभी कलाकारों को 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत सुन्दर👌👌👌 वाह
Nice vlog bhai ji
Ati, sunder jankari
Aapka questions bahut achha hai
सराहनीय कार्य
Gopal Da ki puri teem ko mera namskar bahut hi achche chaliye kalakar he ye log kyu ki ye log meri sadi me bhi aaye the 2007
Aaj puri Gopal da ki teem dekhakar achcha laga par bura esliye laga kyu ki baki samay ye log berojgar he ❤
Pali gaun k dholi,chhaliya bhut hi prasiddh hai.
Bahut sundar
🙏🙏नमन ऐसे कलाकारौ को.जो अभावो मै जीवन यापन करने बावजद समाज का मनोरंजन कर रहे है।🙏🙏
Logo k dukh bahri jewan ko v show Kiya gya
Salute
सुन्दर प्रयास 👍
Aap ki ek ek baat bilkul sahih sir ji
पाण्डेय जी की इस प्रस्तुति से स्पष्ट हो जाता है कि पहाड़ी क्षेत्रों की वास्तविकता का आकलन किया जा सकता है पानी की व्यवस्था जस की तस थोड़ी सी गर्मी बढ़ने पर पीने का पानी भी नहीं रहता सिंचाई की बात तो छोड़ दो।ऐसे में सरकार के रिवर्स पलायन या पलायन रोकने के वादों का सहज ही अन्दाजा लगाया जा सकता है सरकार किसी भी दल की हो उत्तराखंड में ये आयोग जो बनते हैं वे सिर्फ अपना एक नेता लालबत्ती से नवाजा जाना मात्र ही मकसद है ये 20 साल के युवा उत्तराखंड की तस्वीर है।
बहुत ही बेहतरीन विडियो 👍👌🙏
kya khaas hai aisa
Bahut sunder jankari.Dhanyavad.
Waa Ji good very good
Shandar video
Salute to everyone of Hill person
Bhut sunder jankari save ukd calture sanskirti save ukd land from destroyed any outer people who not a ukd
Nice Video ji
Koti koti naman hai esy mhan kalakaro ko
Bahut achha hai dhanya hai ye log
मोदी जी कम से कम मन की बात में इनको इन पारंमपरिक धरोहर को सजाने और आगे बढाने के लिए जिक्र करे और वित्तीय सहायता देकर इनके मनोबल को बढाये।।जय उत्तराखंड
आप भी आगे शेयर करें इस वीडियो को
Bhai aap bahut badiya Kam kar rahe ho in logon ki dukhdarsa samjhane ke liye in logon par bhed bhaw nhi karna chahiye
I love My pahadi Uttarakhandi sanshkriti ♥️🕉️🙏🕉️🌹
बहुत सुंदर❤❤❤❤
बहुत खूब ❤
Bahut badiya sir
PLEASE MAXIMUM SHARE KIJIYE
Nice blogging bhai
जय देवभूमि
आप निरंतर उन्नति करते रहे
इस विडी़यो कि जितनी तारिफ करें वो कम है ... इस विडी़यो में गरीबी का प्रदर्शन दिखाया गया है ....जैसा दिखाया है ऐसा ही है पुरा गांव ....🙏🙏🙏देखो और ज्यादा से ज्यादा शेयर करो ...धन्यवाद🙏🙏🙏🙏
Bahut badiya
Jai Ho Devbhoomi uttrakhand ki
पाली की टीम के नायक मदन राम जी हुआ करते थे सुन 1982-83 में जो कि रामगंगा पार तक आते थे उनको नहीं देख पाया आपके वीडियो में
Good job pandey जी🎉
Very nice.We should help them
please share the video and give your contact number
गोपाल राम जी की छोलिया टीम पूरे पिथौरागढ़,बागेश्वर,अल्मोड़ा मैं बहुत प्रसिद्ध है
Wah sir ji ✨✨✨✨✨❤️❤️❤️❤️✨✨❤️❤️
बहुत महान 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Good👍
Thanks
❤ very good sar
बढ़िया जय हो
Very nice 😍
nice one
Bhuth khubsurat
Yhi sanskriti hai ye log pride pr jiye hai e nko apnaeye or pride se proud mhsus kre yhi uttarakhand ki snskirti hai
छलिया कलाकारों की संस्कृति और दर्द दिखाने के लिए आपका आभार
लेकिन नेता जी को नेशनल पुरस्कार और राष्ट्रीय पुरस्कार में अंतर लग रहा है, कह रहे हैं कि नही नही नेशनल पुरस्कार नहीं राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है ।
हाँजी
तभी तो इन्हें भाजपाई कहा जाता है
कटहल वृक्षक वाला पुराना मकान कीर्ती भवन मेरे नाना जी का बनाया हुआ है अब मेरे मामा जी रहते हैं माकोट ननिहाल है मेरा ❤❤❤❤
देव भूमि उत्तराखंड की जय कुमाऊं गढ़वाल की सान छलिया नृत्य को प्राथमिकता सरकार को चाहिए कलाकारों का मान सम्मान बढ़ाने के लिए इन्हें प्रति माह कम से कम₹2000 रुपया पेंशन योजना लागू की जाए जय श्री राम इंस्पेक्टर रिटायर्ड कुंवर सिंह रावत उत्तराखंड
sir is video ko adhik se adhik share kijiye
Bhai sab aap ne ghar pahuncha diya
achha ji, kab pahunche aap ghar?
Gud 👍👍❤👌👌
My suggestion is this chhaliya music should be added in government job and booking should be through Govt.portal and recruitment may be made as per 2 yrs experience in chhaliya dance age limit from 18 to 45 yrs
Sundar
Hamare yahan Pauri mein ek samajik kaaryakarta hain Shree sudhir sunderiyal ji.
Unhone sabhi ko saraiyya sekhne aur khelne ka avsar pradaan karte huye ek team.taiyaar kiya hai jismein sabhi vargon ke bachhe hain.
Bahut achha prayas hai unka is disha mein.
In bhaiyune jokaha Sahikaha Aap ne jobola bilakul mere manpasand ki bat boli
इन लोगों के लिए Reservation है लेकिन इनके बच्चे गांव में पढ़े हैं जो बच्चे शहरों में रहते वह Reservation का फायदा उठाते हैं इसलिए जरूरी है कि इसी जाति के जो लोग एक बार Reservation फायदा ले चुके हैं उन्हें Reservation नहीं मिलना चाहिए जिसको Reservation नहीं मिला है उसको मिलना चाहिए
National और राष्ट्रीय पुरस्कार क्या ये दोनों अलग हैं
Verynice
आप शिखर भन्नार और संगाड़ भी जाइए भइया वहा बहुत बड़ी गुफा है शिखर मैं आप जाइए वहा
barsat ke baad zaroor jaunga