पांचों इन्द्रियों से कुछ भी दिखता है उसके बाद उसके प्रति शब्द मन में आते है। वो शब्द भी दिखते है। लेकिन पता नही कब में यह सब दिखाई देना बंद हो जाता है और सिर्फ सोच रहा जाती है और जब सोच से बाहर निकलते है फिर से इंद्रियों से दुनिया दिखाई देने लगती है।
लोग दर्द और मज़े को सुख दुख समझ लेते हैं और खुद को सारी जिंदगी torture करके जीते हैं। दर्द और मज़ा तो हैं ही पर उसे देखने वाला कोन हैं वहाँ देख पाना ही मुक्ति हैं।
सुख दुख किस्मत किस्मत में नहीं लिखे होते। हम खुद ही अपने दुख का कारण खोज लेते है , सुख की चाहत रखकर। और आध्यात्मिक का मतलब खुद का अध्ययन करने से है। जैसे जैसे इंसान खुद का अध्ययन करने लग जाता है उसकी नजरों से अज्ञान का परदा हटने लग जाता है।
क्यू spirituality मेरा tension हो गया है. मुझे सब चीज़ खोने का डर रहता हे. कोइ मेरा 😢 मदत करो. मैने बहुत सुनलिया Osho,budhha,archrya prasant, krishnamurti. लेकिन कोइ बदलाब घटित नही हुआ आज तक
Keval sunna hi nhi hai, un sabhi chizo ko apne jeevan me utarna hai.. Osho hosh ko sadhne ki bat kr rhe hai, ap usko jeevan me utariye.. din bhar k jo bhi apke karya hai unko hosh purvak kijiye.. yadi baar baar bhule to fir jab yad aye tab hosh me aa jye.. sare kamo ko dhere dhere kre hosh me sajag hokr.. fir dekhiye apko chize samjh ane lagegi swaim..
@@RelaxxxMind hosh bhul Jana koi buri baat nhi hai, par jaise hi apko yad aye ap hosh me aa jaye, ap kisi alarm ka use bhi kr skte hai, shuwat me ye bar bar hoga par jaise jaise hosh me rhne ki aadat hogi, hosh sadhne lgega.
Toh basically dukh hoga but ham self pity nahi karenge ki "itna dukh hai"?kya ye ek anand ki nishani hai?Kya uss dukh ko door se dekh paana ki ham vo dukh nahi hain..ye anand hai? Kya mai aapki baat ko samajh paa raha hun?
Sukh k sath dukh bhi ayega ye m dekh nhi para hu kuch chizo m jese m jis ladki ko like krta hu vo mil gyi to ok sukh agyaa lekin dukh isme dukh kese aya kripya koi samjhaye
Ek pehlu mrityu aur dusra jeewan, mrityu ka pata nhi aur jeewan ko man jee raha he mai bankar vo mai jo samaj ne banaya. Satya kya he lekin use kaha ni ja sakta samjha bhi ni ja sakta samjne wala to man hi he jana he man ke par, rasta bhi ni pta, kya keval swyam ko bhitar se dekhta rahun lagatar to yah sambhav he?
Kya aap mujhe koi technique bta skte hai jo hosh mei rehene mei madat kre . Mai ye nhi kehrha ki wo meditation hai , par bass jo mujhe aur smjhne mei help kre kyunki mere liye hosh rkhna din bhar mei bohot mushkil kaam hai .@@StateOfStillness
होश दिन भर रखना होता है ये आपके दिमाग की उपज है, आप अपनी समझ से मुश्किल कर रहे है चीजों को, अभी इसी पल की चिंता करें, जो बीत गया वो अतीत, जो आएगा वो कल्पना। अभी जो करे होशपूर्वक करे कल होश में नहीं थे आज को मत खाएं।
kuch question the mere -: Q1 .maout ke baad to ( मैं )mit hi jata hai to phir pahele mitane se kya fayada Q 2. hosh kya hai ? or ye jaruri kyu hai or normal vyakti kaha se start kare or 24 ghante hosh kaise sadha ja sakata hai Q 3. dhyan me baith na sahi kyu nhi hai bhagwan bhudh ne bhi to jungle me baith kar dhyan kiya tha bo ghar par rehker bhi to hosh sadh sakte the kyu vipassna ki khoj ki kyuki mai dekhta hu kai sare log youtube per meditation karne ko bekaar batae hai unse puch lo to kehte hai hosh ko sadho ye better hai or mai unhen dekhta hu to bo khud hosh me nhi hote mujhe gyaan dete hai na khud kuch karte hai or na dusro ko kuch karne dete hai or mai ap ke upar ye baat nhi kah raha maine bahut sare logo ke paid course liye hai mai unki baat kar raha hu ap apne upar ye baat mat lena ap to free me hi bahut kuch batate ho koi paid course wala bhi nhi batata ye sari cheeze *Q 4. and ka ek or swaal meditation bekar hai* *or hosh hi sahi hai to batao mai abhi just now ishi moment me apna hosh kaise sadh sakta* *hu? or ap apna hosh kaise sadhte ho ?* *shurbaat kaha se kari thi apne mai kaha se* *start karu? koi trick batta do* please ignore mat karna meri comment ko mai apka wait karuga
पहले सवाल का जवाब : बात मैं को मिटाने को भी नही वो तो है ही नही तुमने मान रखा है, विचार उसे जिंदा रखते है। दूसरा : 24 घंटे की बात बहुत भ्रम में डालती है आप फिकर ही छोड़ दे 24 घंटे की इस पल, इसी छण को देखे, 24 घंटे दिमागी उपज है। 3. आप ने ध्यान से देखा तो इस channel पे ध्यान को गलत नही ठहराया लेकिन कोई विधि ध्यान नहीं हो सकती चाहे वो भगवान बुध ने दी हो किसी और भगवान ने. ध्यान किया नही जा सकता है लेकिन ध्यान है बस देखने की जरूरत है। जीवन को आप पैदा नहीं कर सकते वो है। रही बात Courses की वो ना तो खुद जानते है कुछ लोगो को भी भरमा रहे है उनसे सावधान, आप उनके घर के AC का bill भर रहे है बस। 4. काश में आपसे झूठ कह पाता तो में आपको Trick बता देता, क्या आपको नहीं लगता अगर में trick पे Video बनाऊंगा तो बहुत से Views नही आयेंगे ? क्या कोई तुम्हे सच्मे श्वास सीखा सकता है कैसे लेनी है ? बड़ी मजाक की बात है ये। अगर तुम्हारे प्यार अस्तित्व ने श्वास पे Concentration करने को ही ध्यान मान लिया तो सत्य की खोज कैसे होगी ? तुम श्वास को देखो या ना देखो मृत्यु तक वो चलेगी। तुम बाकी जीवन से अछूते रह जाओगे। हर समय स्वास पे ध्यान रखने से कही तुम सड़क पे किसी गाड़ी के नीचे आ गए तो ?
@@StateOfStillness ok you are right but मैं अभी भी confusion में ही हु?मुझे मेरा जबाब नहीं मिला नही मैने ऐसा तो बिल्कुल ही नहीं कहा की ध्यान की विधि ही meditation है शायद मेरी बातो से indirectly ऐसा ही समझ मे आ रहा हो लेकिन मै तो कुछ और ही कह रहा हु बल्कि मै तो यह कहता हूं meditation तो ( focus, concentration, विधि ) इस सब से परेऐ की बात है अब मै आपको अपना personal अनुभव बताता हु मै daily सुबह अपनी छत पर बैठ कर कुछ minute आंखों को बंद करके अपनी सांसो पर focus करता हू तो 10 -15 मिनट बाद मैं ये तक भुल जाता हु की मै श्वास पर focus कर रहा था मुझे खुद नहीं पता मैं कहां चला जाता हुं जहां मेरा मै गायब हो जाता है मेरा एक भी विचार नहीं रहता उस क्षण मेरा सारा अस्तित्व ही मिट जाता है even मेरी सोच तक मिट जाती है कुछ बचता ही नहीं मेरे पास मेरा अभी आप से बात कर रहा हू मेरे पास अभी मेरा एक मै है जिसके दम पर ये बात कह पा रहा हु लेकिन ये मै भी विलीन हो जाता है क्या अभी भी ये मानना सही है कि ये meditation नही होता ये एक illusion होता है लेकिन मेरा आपसे एक सवाल है अगर इल्यूजन होता है तो illusion में मैं का होना भी तो जरूरी है क्योंकि मैं के बिना तो illusion creat ही नहीं हो सकता जब मैं ही नहीं बचता तो illusion creat कैसे हो सकता है बताओ ये focus, concentration, या विधि होती बल्कि मेरे देखे तो इन सब का अस्तित्व ही नहीं रहता बहा पर विधि तो एक सहारा है मेडिटेशन तक पहुंचाने का यह लेकिन विधि मेडिटेशन नहीं है मेरी बात पूर्ण हुई अब आप अपनी राय दे क्या मै इसे meditation ना मानू ? क्या मैं यह प्रक्रिया छोड़ दूं और होश ही साधने का प्रयास ? क्या मैं ऐसा meditation करने से किसी गलत दिशा में जा रहा हूं ? कृपया मुझे बताएं🙏 mai wait kar raha hu apka
आप विधि कर सकते है अगर आपको कुछ सहायता मिले, Yog के बहुत से शारीरिक लाभ है। अगर विधि को कोई ध्यान ही घोषित करदे तो भूल है बड़ी फिर वो व्यक्ति अटक जाएगा, साधारण सी बात है।
@@StateOfStillnessआज मुझे मेरा उत्तर मिल गया और मेरी confusion भी दूर हुई काफी लंबे समय से confuse था इस बारे में और मैं आपकी बात भी मानूंगा साथ ही साथ दैनिक जीवन में भी होश साधने का प्रयास करूंगा बस आप मेरा साथ देना है 🙏
Tumhara astitva nhi mitt jata hai balki tum jab Sans pei dhyan de rhe ho ya vaise hi hosh mei ho to uss moment hi tum existence mei aate ho warna to tum so hi rahe hote ho kyunki mann shunyata ki kalpana nhi kar skta isliye aapko lagg rha hai aapka astitva mitt jata hai@@RelaxxxMind
Samjhane ke liye dhanyawaad me samajh gayi...
🙏
पांचों इन्द्रियों से कुछ भी दिखता है उसके बाद उसके प्रति शब्द मन में आते है। वो शब्द भी दिखते है। लेकिन पता नही कब में यह सब दिखाई देना बंद हो जाता है और सिर्फ सोच रहा जाती है और जब सोच से बाहर निकलते है फिर से इंद्रियों से दुनिया दिखाई देने लगती है।
1:52 exactly exactly
Bhut sunder 🌹🙏🏻🙏🏻🙏🏻
सर जी, वीडियो बनाने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं जी नमो बुद्धाय जी 🙏🙏🌹🌹
Deep inquiries Today : क्या सुख दुख किस्मत मे लिखे होते है ? क्या खुदकों Torture करना घुट घुट कर जीना ही Spirituality है ?
लोग दर्द और मज़े को सुख दुख समझ लेते हैं और खुद को सारी जिंदगी torture करके जीते हैं। दर्द और मज़ा तो हैं ही पर उसे देखने वाला कोन हैं वहाँ देख पाना ही मुक्ति हैं।
सुख दुख किस्मत किस्मत में नहीं लिखे होते। हम खुद ही अपने दुख का कारण खोज लेते है , सुख की चाहत रखकर। और आध्यात्मिक का मतलब खुद का अध्ययन करने से है। जैसे जैसे इंसान खुद का अध्ययन करने लग जाता है उसकी नजरों से अज्ञान का परदा हटने लग जाता है।
Thanks you 🙏🙏🙏🙏🙏
इसीलिए तो जीवन बहुत जी लिया हो उसे पूर्वक अब मौत को भी हॉर्स पूर्वक जीना है
❤❤❤❤❤
amazing Content 👍👍👍
Thanks bhai🙏❤
Sir mera bhut kuch clear ho chuka h swyam ko jana bhi h aur dekha bhi par fir bhi mai ab fas rha hu
Apse milna he mere dost ❤
जरूर
@@StateOfStillnessApse Kese Mil Sakte Hai Sir....???
क्यू spirituality मेरा tension हो गया है. मुझे सब चीज़ खोने का डर रहता हे. कोइ मेरा 😢 मदत करो. मैने बहुत सुनलिया Osho,budhha,archrya prasant, krishnamurti. लेकिन कोइ बदलाब घटित नही हुआ आज तक
Keval sunna hi nhi hai, un sabhi chizo ko apne jeevan me utarna hai.. Osho hosh ko sadhne ki bat kr rhe hai, ap usko jeevan me utariye.. din bhar k jo bhi apke karya hai unko hosh purvak kijiye.. yadi baar baar bhule to fir jab yad aye tab hosh me aa jye.. sare kamo ko dhere dhere kre hosh me sajag hokr.. fir dekhiye apko chize samjh ane lagegi swaim..
Same
@@mansisingh3837same to you ye baat apke upar hi hai🤔
zaisa ki app ne baata to diya kya aap *hosh* me the abhi ya hume batta kar khud bhi bhool jaoge
@@RelaxxxMind hosh bhul Jana koi buri baat nhi hai, par jaise hi apko yad aye ap hosh me aa jaye, ap kisi alarm ka use bhi kr skte hai, shuwat me ye bar bar hoga par jaise jaise hosh me rhne ki aadat hogi, hosh sadhne lgega.
Toh basically dukh hoga but ham self pity nahi karenge ki "itna dukh hai"?kya ye ek anand ki nishani hai?Kya uss dukh ko door se dekh paana ki ham vo dukh nahi hain..ye anand hai?
Kya mai aapki baat ko samajh paa raha hun?
Sukh k sath dukh bhi ayega ye m dekh nhi para hu kuch chizo m jese m jis ladki ko like krta hu vo mil gyi to ok sukh agyaa lekin dukh isme dukh kese aya kripya koi samjhaye
Ek pehlu mrityu aur dusra jeewan, mrityu ka pata nhi aur jeewan ko man jee raha he mai bankar vo mai jo samaj ne banaya. Satya kya he lekin use kaha ni ja sakta samjha bhi ni ja sakta samjne wala to man hi he jana he man ke par, rasta bhi ni pta, kya keval swyam ko bhitar se dekhta rahun lagatar to yah sambhav he?
Ye krishnamurti insight ki baat krte hai , kya aap bta skte hai ki ye insight kya hota?
ua-cam.com/video/p72eguasEZQ/v-deo.html
Kya aap mujhe koi technique bta skte hai jo hosh mei rehene mei madat kre . Mai ye nhi kehrha ki wo meditation hai , par bass jo mujhe aur smjhne mei help kre kyunki mere liye hosh rkhna din bhar mei bohot mushkil kaam hai .@@StateOfStillness
होश दिन भर रखना होता है ये आपके दिमाग की उपज है, आप अपनी समझ से मुश्किल कर रहे है चीजों को,
अभी इसी पल की चिंता करें, जो बीत गया वो अतीत, जो आएगा वो कल्पना। अभी जो करे होशपूर्वक करे कल होश में नहीं थे आज को मत खाएं।
kuch question the mere -:
Q1 .maout ke baad to ( मैं )mit hi jata hai to phir pahele mitane se kya fayada
Q 2. hosh kya hai ? or ye jaruri kyu hai
or normal vyakti kaha se start kare or 24 ghante hosh kaise sadha ja sakata hai
Q 3. dhyan me baith na sahi kyu nhi hai bhagwan bhudh ne bhi to jungle me baith kar dhyan kiya tha
bo ghar par rehker bhi to hosh sadh sakte the kyu vipassna ki khoj ki
kyuki mai dekhta hu kai sare log youtube per meditation karne ko bekaar batae hai unse puch lo to kehte hai hosh ko sadho ye better hai
or mai unhen dekhta hu to bo khud hosh me nhi hote mujhe gyaan dete hai na khud kuch karte hai or na dusro ko kuch karne dete hai or mai ap ke upar ye baat nhi kah raha maine bahut sare logo ke paid course liye hai mai unki baat kar raha hu ap apne upar ye baat mat lena ap to free me hi bahut kuch batate ho koi paid course wala bhi nhi batata ye sari cheeze
*Q 4. and ka ek or swaal meditation bekar hai* *or hosh hi sahi hai to batao mai abhi just now ishi moment me apna hosh kaise sadh sakta* *hu? or ap apna hosh kaise sadhte ho ?* *shurbaat kaha se kari thi apne mai kaha se* *start karu? koi trick batta do*
please ignore mat karna meri comment ko mai apka wait karuga
पहले सवाल का जवाब : बात मैं को मिटाने को भी नही वो तो है ही नही तुमने मान रखा है, विचार उसे जिंदा रखते है।
दूसरा : 24 घंटे की बात बहुत भ्रम में डालती है आप फिकर ही छोड़ दे 24 घंटे की इस पल, इसी छण को देखे, 24 घंटे दिमागी उपज है।
3. आप ने ध्यान से देखा तो इस channel पे ध्यान को गलत नही ठहराया लेकिन कोई विधि ध्यान नहीं हो सकती चाहे वो भगवान बुध ने दी हो किसी और भगवान ने. ध्यान किया नही जा सकता है लेकिन ध्यान है बस देखने की जरूरत है। जीवन को आप पैदा नहीं कर सकते वो है।
रही बात Courses की वो ना तो खुद जानते है कुछ लोगो को भी भरमा रहे है उनसे सावधान, आप उनके घर के AC का bill भर रहे है बस।
4. काश में आपसे झूठ कह पाता तो में आपको Trick बता देता, क्या आपको नहीं लगता अगर में trick पे Video बनाऊंगा तो बहुत से Views नही आयेंगे ?
क्या कोई तुम्हे सच्मे श्वास सीखा सकता है कैसे लेनी है ? बड़ी मजाक की बात है ये। अगर तुम्हारे प्यार अस्तित्व ने श्वास पे Concentration करने को ही ध्यान मान लिया तो सत्य की खोज कैसे होगी ? तुम श्वास को देखो या ना देखो मृत्यु तक वो चलेगी। तुम बाकी जीवन से अछूते रह जाओगे। हर समय स्वास पे ध्यान रखने से कही तुम सड़क पे किसी गाड़ी के नीचे आ गए तो ?
@@StateOfStillness ok you are right but मैं अभी भी confusion में ही हु?मुझे मेरा जबाब नहीं मिला नही मैने ऐसा तो बिल्कुल ही नहीं कहा की ध्यान की विधि ही meditation है
शायद मेरी बातो से indirectly ऐसा ही समझ मे आ रहा हो लेकिन मै तो कुछ और ही कह रहा हु बल्कि मै तो यह कहता हूं meditation तो ( focus, concentration, विधि ) इस सब से परेऐ की बात है
अब मै आपको अपना personal अनुभव बताता हु मै daily सुबह अपनी छत पर बैठ कर कुछ minute आंखों को बंद करके अपनी सांसो पर focus करता हू तो 10 -15 मिनट बाद मैं ये तक भुल जाता हु की मै श्वास पर focus कर रहा था मुझे खुद नहीं पता मैं कहां चला जाता हुं जहां मेरा मै गायब हो जाता है मेरा एक भी विचार नहीं रहता उस क्षण मेरा सारा अस्तित्व ही मिट जाता है even मेरी सोच तक मिट जाती है कुछ बचता ही नहीं मेरे पास मेरा अभी आप से बात कर रहा हू मेरे पास अभी मेरा एक मै है जिसके दम पर ये बात कह पा रहा हु लेकिन ये मै भी विलीन हो जाता है क्या अभी भी ये मानना सही है कि ये meditation नही होता ये एक illusion होता है लेकिन मेरा आपसे एक सवाल है अगर इल्यूजन होता है तो illusion में मैं का होना भी तो जरूरी है क्योंकि मैं के बिना तो illusion creat ही नहीं हो सकता जब मैं ही नहीं बचता तो illusion creat कैसे हो सकता है बताओ
ये focus, concentration, या विधि होती
बल्कि मेरे देखे तो इन सब का अस्तित्व ही नहीं रहता बहा पर
विधि तो एक सहारा है मेडिटेशन तक पहुंचाने का यह लेकिन विधि मेडिटेशन नहीं है
मेरी बात पूर्ण हुई अब आप अपनी राय दे
क्या मै इसे meditation ना मानू ?
क्या मैं यह प्रक्रिया छोड़ दूं और होश ही साधने का प्रयास ?
क्या मैं ऐसा meditation करने से किसी गलत दिशा में जा रहा हूं ?
कृपया मुझे बताएं🙏 mai wait kar raha hu apka
आप विधि कर सकते है अगर आपको कुछ सहायता मिले, Yog के बहुत से शारीरिक लाभ है। अगर विधि को कोई ध्यान ही घोषित करदे तो भूल है बड़ी फिर वो व्यक्ति अटक जाएगा, साधारण सी बात है।
@@StateOfStillnessआज मुझे मेरा उत्तर मिल गया और मेरी confusion भी दूर हुई काफी लंबे समय से confuse था इस बारे में और मैं आपकी बात भी मानूंगा साथ ही साथ दैनिक जीवन में भी होश साधने का प्रयास करूंगा बस आप मेरा साथ देना है 🙏
Tumhara astitva nhi mitt jata hai balki tum jab Sans pei dhyan de rhe ho ya vaise hi hosh mei ho to uss moment hi tum existence mei aate ho warna to tum so hi rahe hote ho kyunki mann shunyata ki kalpana nhi kar skta isliye aapko lagg rha hai aapka astitva mitt jata hai@@RelaxxxMind