हरे कृष्णा सर एक करना होता है और एक होता हैं जो करते है वो क्रिया है और जो अपने आप होता है वो स्मरण होता है भगवान् मेरे है और मे भगवान् का हूँ भगवान् में अपनापन होने से स्वतः भगवान् मे प्रेम होता है और जिससे प्रेम होता है उनका स्मरण अपने आप और नित्य निरंतर होता है ऐसा प्रभुपाद जी ने गीता के किसी purport मे कहा है
हरे कृष्णा सर एक करना होता है और एक होता हैं जो करते है वो क्रिया है और जो अपने आप होता है वो स्मरण होता है भगवान् मेरे है और मे भगवान् का हूँ भगवान् में अपनापन होने से स्वतः भगवान् मे प्रेम होता है और जिससे प्रेम होता है उनका स्मरण अपने आप और नित्य निरंतर होता है ऐसा प्रभुपाद जी ने गीता के किसी purport मे कहा है
Aise questions karenge to hm aapka answer nhi de payenge
Aap gita padhiye na
@servant_of_krishna ok
अम्बरीश महाराज ने कान को भगवान् की कथा सुनने मे लगाया जीभा को भगवान् के कीर्तन मे और मन को भगवान् के चरणो मे कैसे लगाया ये थोड़ा बताना
हरे कृष्णा जैसे अष्टांग योग की समाधि होती है क्या भक्ति योग की भी समाधि होती है
Ha hoti hai
@servant_of_krishna समाधि का मतलब क्या हुआ
समाधि का मतलब क्या हुआ
Level of yoga hai
Last stage ie. Upper most of yoga,
Jha se bhagwan me chetna leen ho jaye,
Bhagwan ke lila ka anubhuti ho