#इस्लाम_से_पहले_क्या_था प्रायः यह पूछा जाता है कि इस्लाम से पहले कौन सा धर्म था ? अगर इस्लाम ही सच्चा धर्म है तो क्या उससे पहले के व्यक्ति की मुक्ति नहीं होगी ? यह अक्सर प्रश्न गैर-मुस्लिम भाई पूछते रहते हैं. वैसे इसका एक मुख्य कारण है क्यूंकि वे समझते हैं कि इस्लाम मुहम्मद सल्ल० द्वारा बनाया गया मात्र 1400 साल पुराना धर्म है. यह प्रश्न भी इसी ग़लतफ़हमी के चलते ही लोगों के ज़ेहन में रचा बसा है कि, इस्लाम धर्म केवल 1400 साल पहले से है और मुहम्मद सल्ल० उसके संस्थापक हैं, जब कि मुहम्मद सल्ल० इस्लाम के संस्थापक नहीं बल्कि अंतिम प्रवर्तक यानि आखिरी रसूल है और स्पष्ट है कि जिसका कोई अंतिम हो उसका कोई पहला भी होगा.! तो वह पहला कौन है ? कुरआन में कई जगह इसका ज़िक्र है कि, आदम अलैह० ही वह प्रथम है. वही प्रथम प्रवर्तक यानि ईश्वर के प्रथम दूत भी थे, जिन्होंने अपनी संतानों को ईश्वरीय सन्देश पहुँचाया और ईश्वरीय शिक्षा दी, और जो कुछ भी उन्होंने बताया, वही उस वक़्त का इस्लाम था या यूँ कहें कि उन्हीं से इस्लाम धर्म का आरम्भ हुआ यहाँ यह प्रश्न उठता है कि वह आज के मुसलमान की तरह नमाज़, रोज़ा करते अथवा ज़कात आदि देते थे ? इसका स्पष्ट उत्तर है कि यह ज़रूरी नहीं कि, उन्हें भी हूबहू ऐसा ही करने का आदेश हो क्यूं कि मात्र रोज़ा नमाज़ आदि का नाम ही इस्लाम नहीं है, बल्कि ईश्वरीय आदेशों के पालन का Naam ही इस्लाम है ! अतः मुहम्मद सल्ल० से पहले जितने भी नबी अथवा रसूल अथवा सन्देश वाहक आये सब कुरआन के अनुसार अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषाओँ में उपदेश लेकर आये उन्होंने अपने अपने समय में, जो कुछ भी पेश किया वही उस समय का इस्लाम था यहाँ यह पुष्टि भी बेहद ज़रूरी है कि, कुरआन हमें यह बताता है कि दुनियां के, हर क्षेत्र में और राष्ट्र में ईश्वर ने अपना पैग़ाम पहुँचाने के लिए और सत्य मार्ग बतला ने के लिए मार्गदर्शक भेजे हैं वह अपने लोगों को जो पैग़ाम देते थे वही उस समय का इस्लाम था एक हिन्दू भाई ने कहा के तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे, तुम भी हिन्दू बन जाओ .. हाँ भाई ठीक कहा आपने... हो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो , *पत्थरों, * पेड़ों , * जानवरों, * सांप * बिच्छु * यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे. * पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे. * हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे.. * नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे... * शराब पीते थे.. * जुआ खेलते थे.. * औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे.. * एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने को मजबूर किया जाता था ❗लेकिन फिर ईश्वर ने हम पर दया की... और उसने अरब में एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें सिखाया के.. * ईश्वर एक है * 3 या 300 * या 33 करोड़ नहीं * सारे इन्सान बराबर है और * इन्सान अपने कर्म से बड़ा बनता है जन्म से नहीं. * बेटियो को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से पालो पोसो. * झूठ मत बोलो, * शराब मत पियो, * चोरी मत करो. * अपना शरीर ढँक कर रखो * सांप * बिछु * बन्दर * गाय * ये सब जानवर हैं * इनकी नहीं इनको बनाने वाले की पूजा करो.. * अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो.. * अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो.. * किसी को परेशान मत करो... *** और भी लाखों बातें हैं .. ** अब आप खुद फैसला लो, ** चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के, * वो सही वक़्त पर * इस्लाम क्यों नहीं लाये... * इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़ रहा है. ➖ अभी भी मौका है खुले दिमाग से सोचया फिर गुलाम बने रहो अपने बाप दादा के अंधविश्वासों और मनोहर कहानियों के... ➖आप सच से कितना भी भाग लो लेकिन याद रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से अँधेरा नहीं होता, ☝इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं है.. भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और हमारी आँखें खोली.. Mirza______✍️ (ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है...? मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं...? या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है...? तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो...। (क़ुरआन मजीद 46/4) और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों...? (क़ुरआन मजीद 46/5) और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएंगे तो वह (माबूद) उनके दुश्मन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे...। (क़ुरआन मजीद 46/6)
#इस्लाम_से_पहले_क्या_था प्रायः यह पूछा जाता है कि इस्लाम से पहले कौन सा धर्म था ? अगर इस्लाम ही सच्चा धर्म है तो क्या उससे पहले के व्यक्ति की मुक्ति नहीं होगी ? यह अक्सर प्रश्न गैर-मुस्लिम भाई पूछते रहते हैं. वैसे इसका एक मुख्य कारण है क्यूंकि वे समझते हैं कि इस्लाम मुहम्मद सल्ल० द्वारा बनाया गया मात्र 1400 साल पुराना धर्म है. यह प्रश्न भी इसी ग़लतफ़हमी के चलते ही लोगों के ज़ेहन में रचा बसा है कि, इस्लाम धर्म केवल 1400 साल पहले से है और मुहम्मद सल्ल० उसके संस्थापक हैं, जब कि मुहम्मद सल्ल० इस्लाम के संस्थापक नहीं बल्कि अंतिम प्रवर्तक यानि आखिरी रसूल है और स्पष्ट है कि जिसका कोई अंतिम हो उसका कोई पहला भी होगा.! तो वह पहला कौन है ? कुरआन में कई जगह इसका ज़िक्र है कि, आदम अलैह० ही वह प्रथम है. वही प्रथम प्रवर्तक यानि ईश्वर के प्रथम दूत भी थे, जिन्होंने अपनी संतानों को ईश्वरीय सन्देश पहुँचाया और ईश्वरीय शिक्षा दी, और जो कुछ भी उन्होंने बताया, वही उस वक़्त का इस्लाम था या यूँ कहें कि उन्हीं से इस्लाम धर्म का आरम्भ हुआ यहाँ यह प्रश्न उठता है कि वह आज के मुसलमान की तरह नमाज़, रोज़ा करते अथवा ज़कात आदि देते थे ? इसका स्पष्ट उत्तर है कि यह ज़रूरी नहीं कि, उन्हें भी हूबहू ऐसा ही करने का आदेश हो क्यूं कि मात्र रोज़ा नमाज़ आदि का नाम ही इस्लाम नहीं है, बल्कि ईश्वरीय आदेशों के पालन का Naam ही इस्लाम है ! अतः मुहम्मद सल्ल० से पहले जितने भी नबी अथवा रसूल अथवा सन्देश वाहक आये सब कुरआन के अनुसार अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषाओँ में उपदेश लेकर आये उन्होंने अपने अपने समय में, जो कुछ भी पेश किया वही उस समय का इस्लाम था यहाँ यह पुष्टि भी बेहद ज़रूरी है कि, कुरआन हमें यह बताता है कि दुनियां के, हर क्षेत्र में और राष्ट्र में ईश्वर ने अपना पैग़ाम पहुँचाने के लिए और सत्य मार्ग बतला ने के लिए मार्गदर्शक भेजे हैं वह अपने लोगों को जो पैग़ाम देते थे वही उस समय का इस्लाम था एक हिन्दू भाई ने कहा के तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे, तुम भी हिन्दू बन जाओ .. हाँ भाई ठीक कहा आपने... हो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो , *पत्थरों, * पेड़ों , * जानवरों, * सांप * बिच्छु * यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे. * पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे. * हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे.. * नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे... * शराब पीते थे.. * जुआ खेलते थे.. * औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे.. * एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने को मजबूर किया जाता था ❗लेकिन फिर ईश्वर ने हम पर दया की... और उसने अरब में एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें सिखाया के.. * ईश्वर एक है * 3 या 300 * या 33 करोड़ नहीं * सारे इन्सान बराबर है और * इन्सान अपने कर्म से बड़ा बनता है जन्म से नहीं. * बेटियो को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से पालो पोसो. * झूठ मत बोलो, * शराब मत पियो, * चोरी मत करो. * अपना शरीर ढँक कर रखो * सांप * बिछु * बन्दर * गाय * ये सब जानवर हैं * इनकी नहीं इनको बनाने वाले की पूजा करो.. * अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो.. * अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो.. * किसी को परेशान मत करो... *** और भी लाखों बातें हैं .. ** अब आप खुद फैसला लो, ** चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के, * वो सही वक़्त पर * इस्लाम क्यों नहीं लाये... * इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़ रहा है. ➖ अभी भी मौका है खुले दिमाग से सोचया फिर गुलाम बने रहो अपने बाप दादा के अंधविश्वासों और मनोहर कहानियों के... ➖आप सच से कितना भी भाग लो लेकिन याद रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से अँधेरा नहीं होता, ☝इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं है.. भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और हमारी आँखें खोली.. Mirza______✍️ (ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है...? मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं...? या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है...? तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो...। (क़ुरआन मजीद 46/4) और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों...? (क़ुरआन मजीद 46/5) और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएंगे तो वह (माबूद) उनके दुश्मन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे...। (क़ुरआन मजीद 46/6)
Aapko is baat par jitne marks doon kam hai mere dost bas jitna lena hai bas le lo itna hi kah sakta hai wo bhi pure dil se. Kaisa hidustaan bana diya hai muthhi bhar logon ne.
@धर्म धुरी #इस्लाम_से_पहले_क्या_था प्रायः यह पूछा जाता है कि इस्लाम से पहले कौन सा धर्म था ? अगर इस्लाम ही सच्चा धर्म है तो क्या उससे पहले के व्यक्ति की मुक्ति नहीं होगी ? यह अक्सर प्रश्न गैर-मुस्लिम भाई पूछते रहते हैं. वैसे इसका एक मुख्य कारण है क्यूंकि वे समझते हैं कि इस्लाम मुहम्मद सल्ल० द्वारा बनाया गया मात्र 1400 साल पुराना धर्म है. यह प्रश्न भी इसी ग़लतफ़हमी के चलते ही लोगों के ज़ेहन में रचा बसा है कि, इस्लाम धर्म केवल 1400 साल पहले से है और मुहम्मद सल्ल० उसके संस्थापक हैं, जब कि मुहम्मद सल्ल० इस्लाम के संस्थापक नहीं बल्कि अंतिम प्रवर्तक यानि आखिरी रसूल है और स्पष्ट है कि जिसका कोई अंतिम हो उसका कोई पहला भी होगा.! तो वह पहला कौन है ? कुरआन में कई जगह इसका ज़िक्र है कि, आदम अलैह० ही वह प्रथम है. वही प्रथम प्रवर्तक यानि ईश्वर के प्रथम दूत भी थे, जिन्होंने अपनी संतानों को ईश्वरीय सन्देश पहुँचाया और ईश्वरीय शिक्षा दी, और जो कुछ भी उन्होंने बताया, वही उस वक़्त का इस्लाम था या यूँ कहें कि उन्हीं से इस्लाम धर्म का आरम्भ हुआ यहाँ यह प्रश्न उठता है कि वह आज के मुसलमान की तरह नमाज़, रोज़ा करते अथवा ज़कात आदि देते थे ? इसका स्पष्ट उत्तर है कि यह ज़रूरी नहीं कि, उन्हें भी हूबहू ऐसा ही करने का आदेश हो क्यूं कि मात्र रोज़ा नमाज़ आदि का नाम ही इस्लाम नहीं है, बल्कि ईश्वरीय आदेशों के पालन का Naam ही इस्लाम है ! अतः मुहम्मद सल्ल० से पहले जितने भी नबी अथवा रसूल अथवा सन्देश वाहक आये सब कुरआन के अनुसार अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषाओँ में उपदेश लेकर आये उन्होंने अपने अपने समय में, जो कुछ भी पेश किया वही उस समय का इस्लाम था यहाँ यह पुष्टि भी बेहद ज़रूरी है कि, कुरआन हमें यह बताता है कि दुनियां के, हर क्षेत्र में और राष्ट्र में ईश्वर ने अपना पैग़ाम पहुँचाने के लिए और सत्य मार्ग बतला ने के लिए मार्गदर्शक भेजे हैं वह अपने लोगों को जो पैग़ाम देते थे वही उस समय का इस्लाम था एक हिन्दू भाई ने कहा के तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे, तुम भी हिन्दू बन जाओ .. हाँ भाई ठीक कहा आपने... हो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो , *पत्थरों, * पेड़ों , * जानवरों, * सांप * बिच्छु * यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे. * पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे. * हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे.. * नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे... * शराब पीते थे.. * जुआ खेलते थे.. * औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे.. * एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने को मजबूर किया जाता था ❗लेकिन फिर ईश्वर ने हम पर दया की... और उसने अरब में एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें सिखाया के.. * ईश्वर एक है * 3 या 300 * या 33 करोड़ नहीं * सारे इन्सान बराबर है और * इन्सान अपने कर्म से बड़ा बनता है जन्म से नहीं. * बेटियो को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से पालो पोसो. * झूठ मत बोलो, * शराब मत पियो, * चोरी मत करो. * अपना शरीर ढँक कर रखो * सांप * बिछु * बन्दर * गाय * ये सब जानवर हैं * इनकी नहीं इनको बनाने वाले की पूजा करो.. * अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो.. * अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो.. * किसी को परेशान मत करो... *** और भी लाखों बातें हैं .. ** अब आप खुद फैसला लो, ** चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के, * वो सही वक़्त पर * इस्लाम क्यों नहीं लाये... * इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़ रहा है. ➖ अभी भी मौका है खुले दिमाग से सोचया फिर गुलाम बने रहो अपने बाप दादा के अंधविश्वासों और मनोहर कहानियों के... ➖आप सच से कितना भी भाग लो लेकिन याद रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से अँधेरा नहीं होता, ☝इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं है.. भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और हमारी आँखें खोली.. Mirza______✍️ (ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है...? मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं...? या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है...? तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो...। (क़ुरआन मजीद 46/4) और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों...? (क़ुरआन मजीद 46/5) और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएंगे तो वह (माबूद) उनके दुश्मन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे...। (क़ुरआन मजीद 46/6)
Kon Hindu kon mushlim sb to hmlog ne bnaya h aap ham milkr ye hindu muslim sikh jaise dharm ko bnaya h. Hm hindustani h. Hm bhartiye h. Na ki hindu na ki muslim na ki shikh agr mano to hm Bhai Bhai h. 💯 Ye BJP me hi log ko smjh aaya ki hindu muslim sikh jaise dharm h is India's me. Bura lga hoga to sorry bro 😊🙏.
आज पहली बार इमरान भाई का सुना हुं सुनकर सीना उँचा हो गया । भारत के गाँवों में हिन्दू मुसलमान एक परिवार की तरह रहते हैं । चाचा भतीजा का रिश्ता चलता है । आपस में मिलकर दुख सुख में साथ देता है । आज कुछ लोग इस रिश्ते को तोड़ने मे लगा है। लेकिन मेरा विश्वास है नहीं तोड़ पायेगा ।
Sahi Bat hai Imran Sir .. Bus Mushlmano Ki Rajniti me Prayog Kiya jata hai .... Desh Me Mushlmano ka Yogdan Hai . Desh ki Ajadi me Mushlmano Ne Apna Khun Diya hai ...... Bharat Mata ke 4 Sipahi Hindu Muslim Sikh Isai..... Bharat Mata ki Jai.......
#इस्लाम_से_पहले_क्या_था प्रायः यह पूछा जाता है कि इस्लाम से पहले कौन सा धर्म था ? अगर इस्लाम ही सच्चा धर्म है तो क्या उससे पहले के व्यक्ति की मुक्ति नहीं होगी ? यह अक्सर प्रश्न गैर-मुस्लिम भाई पूछते रहते हैं. वैसे इसका एक मुख्य कारण है क्यूंकि वे समझते हैं कि इस्लाम मुहम्मद सल्ल० द्वारा बनाया गया मात्र 1400 साल पुराना धर्म है. यह प्रश्न भी इसी ग़लतफ़हमी के चलते ही लोगों के ज़ेहन में रचा बसा है कि, इस्लाम धर्म केवल 1400 साल पहले से है और मुहम्मद सल्ल० उसके संस्थापक हैं, जब कि मुहम्मद सल्ल० इस्लाम के संस्थापक नहीं बल्कि अंतिम प्रवर्तक यानि आखिरी रसूल है और स्पष्ट है कि जिसका कोई अंतिम हो उसका कोई पहला भी होगा.! तो वह पहला कौन है ? कुरआन में कई जगह इसका ज़िक्र है कि, आदम अलैह० ही वह प्रथम है. वही प्रथम प्रवर्तक यानि ईश्वर के प्रथम दूत भी थे, जिन्होंने अपनी संतानों को ईश्वरीय सन्देश पहुँचाया और ईश्वरीय शिक्षा दी, और जो कुछ भी उन्होंने बताया, वही उस वक़्त का इस्लाम था या यूँ कहें कि उन्हीं से इस्लाम धर्म का आरम्भ हुआ यहाँ यह प्रश्न उठता है कि वह आज के मुसलमान की तरह नमाज़, रोज़ा करते अथवा ज़कात आदि देते थे ? इसका स्पष्ट उत्तर है कि यह ज़रूरी नहीं कि, उन्हें भी हूबहू ऐसा ही करने का आदेश हो क्यूं कि मात्र रोज़ा नमाज़ आदि का नाम ही इस्लाम नहीं है, बल्कि ईश्वरीय आदेशों के पालन का Naam ही इस्लाम है ! अतः मुहम्मद सल्ल० से पहले जितने भी नबी अथवा रसूल अथवा सन्देश वाहक आये सब कुरआन के अनुसार अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषाओँ में उपदेश लेकर आये उन्होंने अपने अपने समय में, जो कुछ भी पेश किया वही उस समय का इस्लाम था यहाँ यह पुष्टि भी बेहद ज़रूरी है कि, कुरआन हमें यह बताता है कि दुनियां के, हर क्षेत्र में और राष्ट्र में ईश्वर ने अपना पैग़ाम पहुँचाने के लिए और सत्य मार्ग बतला ने के लिए मार्गदर्शक भेजे हैं वह अपने लोगों को जो पैग़ाम देते थे वही उस समय का इस्लाम था एक हिन्दू भाई ने कहा के तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे, तुम भी हिन्दू बन जाओ .. हाँ भाई ठीक कहा आपने... हो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो , *पत्थरों, * पेड़ों , * जानवरों, * सांप * बिच्छु * यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे. * पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे. * हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे.. * नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे... * शराब पीते थे.. * जुआ खेलते थे.. * औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे.. * एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने को मजबूर किया जाता था ❗लेकिन फिर ईश्वर ने हम पर दया की... और उसने अरब में एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें सिखाया के.. * ईश्वर एक है * 3 या 300 * या 33 करोड़ नहीं * सारे इन्सान बराबर है और * इन्सान अपने कर्म से बड़ा बनता है जन्म से नहीं. * बेटियो को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से पालो पोसो. * झूठ मत बोलो, * शराब मत पियो, * चोरी मत करो. * अपना शरीर ढँक कर रखो * सांप * बिछु * बन्दर * गाय * ये सब जानवर हैं * इनकी नहीं इनको बनाने वाले की पूजा करो.. * अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो.. * अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो.. * किसी को परेशान मत करो... *** और भी लाखों बातें हैं .. ** अब आप खुद फैसला लो, ** चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के, * वो सही वक़्त पर * इस्लाम क्यों नहीं लाये... * इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़ रहा है. ➖ अभी भी मौका है खुले दिमाग से सोचया फिर गुलाम बने रहो अपने बाप दादा के अंधविश्वासों और मनोहर कहानियों के... ➖आप सच से कितना भी भाग लो लेकिन याद रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से अँधेरा नहीं होता, ☝इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं है.. भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और हमारी आँखें खोली.. Mirza______✍️ (ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है...? मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं...? या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है...? तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो...। (क़ुरआन मजीद 46/4) और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों...? (क़ुरआन मजीद 46/5) और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएंगे तो वह (माबूद) उनके दुश्मन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे...। (क़ुरआन मजीद 46/6)
#इस्लाम_से_पहले_क्या_था प्रायः यह पूछा जाता है कि इस्लाम से पहले कौन सा धर्म था ? अगर इस्लाम ही सच्चा धर्म है तो क्या उससे पहले के व्यक्ति की मुक्ति नहीं होगी ? यह अक्सर प्रश्न गैर-मुस्लिम भाई पूछते रहते हैं. वैसे इसका एक मुख्य कारण है क्यूंकि वे समझते हैं कि इस्लाम मुहम्मद सल्ल० द्वारा बनाया गया मात्र 1400 साल पुराना धर्म है. यह प्रश्न भी इसी ग़लतफ़हमी के चलते ही लोगों के ज़ेहन में रचा बसा है कि, इस्लाम धर्म केवल 1400 साल पहले से है और मुहम्मद सल्ल० उसके संस्थापक हैं, जब कि मुहम्मद सल्ल० इस्लाम के संस्थापक नहीं बल्कि अंतिम प्रवर्तक यानि आखिरी रसूल है और स्पष्ट है कि जिसका कोई अंतिम हो उसका कोई पहला भी होगा.! तो वह पहला कौन है ? कुरआन में कई जगह इसका ज़िक्र है कि, आदम अलैह० ही वह प्रथम है. वही प्रथम प्रवर्तक यानि ईश्वर के प्रथम दूत भी थे, जिन्होंने अपनी संतानों को ईश्वरीय सन्देश पहुँचाया और ईश्वरीय शिक्षा दी, और जो कुछ भी उन्होंने बताया, वही उस वक़्त का इस्लाम था या यूँ कहें कि उन्हीं से इस्लाम धर्म का आरम्भ हुआ यहाँ यह प्रश्न उठता है कि वह आज के मुसलमान की तरह नमाज़, रोज़ा करते अथवा ज़कात आदि देते थे ? इसका स्पष्ट उत्तर है कि यह ज़रूरी नहीं कि, उन्हें भी हूबहू ऐसा ही करने का आदेश हो क्यूं कि मात्र रोज़ा नमाज़ आदि का नाम ही इस्लाम नहीं है, बल्कि ईश्वरीय आदेशों के पालन का Naam ही इस्लाम है ! अतः मुहम्मद सल्ल० से पहले जितने भी नबी अथवा रसूल अथवा सन्देश वाहक आये सब कुरआन के अनुसार अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषाओँ में उपदेश लेकर आये उन्होंने अपने अपने समय में, जो कुछ भी पेश किया वही उस समय का इस्लाम था यहाँ यह पुष्टि भी बेहद ज़रूरी है कि, कुरआन हमें यह बताता है कि दुनियां के, हर क्षेत्र में और राष्ट्र में ईश्वर ने अपना पैग़ाम पहुँचाने के लिए और सत्य मार्ग बतला ने के लिए मार्गदर्शक भेजे हैं वह अपने लोगों को जो पैग़ाम देते थे वही उस समय का इस्लाम था एक हिन्दू भाई ने कहा के तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे, तुम भी हिन्दू बन जाओ .. हाँ भाई ठीक कहा आपने... हो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो , *पत्थरों, * पेड़ों , * जानवरों, * सांप * बिच्छु * यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे. * पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे. * हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे.. * नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे... * शराब पीते थे.. * जुआ खेलते थे.. * औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे.. * एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने को मजबूर किया जाता था ❗लेकिन फिर ईश्वर ने हम पर दया की... और उसने अरब में एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें सिखाया के.. * ईश्वर एक है * 3 या 300 * या 33 करोड़ नहीं * सारे इन्सान बराबर है और * इन्सान अपने कर्म से बड़ा बनता है जन्म से नहीं. * बेटियो को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से पालो पोसो. * झूठ मत बोलो, * शराब मत पियो, * चोरी मत करो. * अपना शरीर ढँक कर रखो * सांप * बिछु * बन्दर * गाय * ये सब जानवर हैं * इनकी नहीं इनको बनाने वाले की पूजा करो.. * अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो.. * अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो.. * किसी को परेशान मत करो... *** और भी लाखों बातें हैं .. ** अब आप खुद फैसला लो, ** चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के, * वो सही वक़्त पर * इस्लाम क्यों नहीं लाये... * इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़ रहा है. ➖ अभी भी मौका है खुले दिमाग से सोचया फिर गुलाम बने रहो अपने बाप दादा के अंधविश्वासों और मनोहर कहानियों के... ➖आप सच से कितना भी भाग लो लेकिन याद रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से अँधेरा नहीं होता, ☝इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं है.. भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और हमारी आँखें खोली.. Mirza______✍️ (ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है...? मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं...? या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है...? तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो...। (क़ुरआन मजीद 46/4) और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों...? (क़ुरआन मजीद 46/5) और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएंगे तो वह (माबूद) उनके दुश्मन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे...। (क़ुरआन मजीद 46/6)
@@Itzarif1729 अल्ला ने 3दिन में दुनिया बनाई। कुरान में लिखा है। 1 दिन में धरती दूसरे दिन चांद तीसरे दिन सूरज तो चुटियो ये बताओ जब सूरज चांद नही थे तो दिन रात केसे गिने।
#इस्लाम_से_पहले_क्या_था प्रायः यह पूछा जाता है कि इस्लाम से पहले कौन सा धर्म था ? अगर इस्लाम ही सच्चा धर्म है तो क्या उससे पहले के व्यक्ति की मुक्ति नहीं होगी ? यह अक्सर प्रश्न गैर-मुस्लिम भाई पूछते रहते हैं. वैसे इसका एक मुख्य कारण है क्यूंकि वे समझते हैं कि इस्लाम मुहम्मद सल्ल० द्वारा बनाया गया मात्र 1400 साल पुराना धर्म है. यह प्रश्न भी इसी ग़लतफ़हमी के चलते ही लोगों के ज़ेहन में रचा बसा है कि, इस्लाम धर्म केवल 1400 साल पहले से है और मुहम्मद सल्ल० उसके संस्थापक हैं, जब कि मुहम्मद सल्ल० इस्लाम के संस्थापक नहीं बल्कि अंतिम प्रवर्तक यानि आखिरी रसूल है और स्पष्ट है कि जिसका कोई अंतिम हो उसका कोई पहला भी होगा.! तो वह पहला कौन है ? कुरआन में कई जगह इसका ज़िक्र है कि, आदम अलैह० ही वह प्रथम है. वही प्रथम प्रवर्तक यानि ईश्वर के प्रथम दूत भी थे, जिन्होंने अपनी संतानों को ईश्वरीय सन्देश पहुँचाया और ईश्वरीय शिक्षा दी, और जो कुछ भी उन्होंने बताया, वही उस वक़्त का इस्लाम था या यूँ कहें कि उन्हीं से इस्लाम धर्म का आरम्भ हुआ यहाँ यह प्रश्न उठता है कि वह आज के मुसलमान की तरह नमाज़, रोज़ा करते अथवा ज़कात आदि देते थे ? इसका स्पष्ट उत्तर है कि यह ज़रूरी नहीं कि, उन्हें भी हूबहू ऐसा ही करने का आदेश हो क्यूं कि मात्र रोज़ा नमाज़ आदि का नाम ही इस्लाम नहीं है, बल्कि ईश्वरीय आदेशों के पालन का Naam ही इस्लाम है ! अतः मुहम्मद सल्ल० से पहले जितने भी नबी अथवा रसूल अथवा सन्देश वाहक आये सब कुरआन के अनुसार अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषाओँ में उपदेश लेकर आये उन्होंने अपने अपने समय में, जो कुछ भी पेश किया वही उस समय का इस्लाम था यहाँ यह पुष्टि भी बेहद ज़रूरी है कि, कुरआन हमें यह बताता है कि दुनियां के, हर क्षेत्र में और राष्ट्र में ईश्वर ने अपना पैग़ाम पहुँचाने के लिए और सत्य मार्ग बतला ने के लिए मार्गदर्शक भेजे हैं वह अपने लोगों को जो पैग़ाम देते थे वही उस समय का इस्लाम था एक हिन्दू भाई ने कहा के तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे, तुम भी हिन्दू बन जाओ .. हाँ भाई ठीक कहा आपने... हो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो , *पत्थरों, * पेड़ों , * जानवरों, * सांप * बिच्छु * यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे. * पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे. * हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे.. * नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे... * शराब पीते थे.. * जुआ खेलते थे.. * औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे.. * एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने को मजबूर किया जाता था ❗लेकिन फिर ईश्वर ने हम पर दया की... और उसने अरब में एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें सिखाया के.. * ईश्वर एक है * 3 या 300 * या 33 करोड़ नहीं * सारे इन्सान बराबर है और * इन्सान अपने कर्म से बड़ा बनता है जन्म से नहीं. * बेटियो को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से पालो पोसो. * झूठ मत बोलो, * शराब मत पियो, * चोरी मत करो. * अपना शरीर ढँक कर रखो * सांप * बिछु * बन्दर * गाय * ये सब जानवर हैं * इनकी नहीं इनको बनाने वाले की पूजा करो.. * अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो.. * अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो.. * किसी को परेशान मत करो... *** और भी लाखों बातें हैं .. ** अब आप खुद फैसला लो, ** चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के, * वो सही वक़्त पर * इस्लाम क्यों नहीं लाये... * इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़ रहा है. ➖ अभी भी मौका है खुले दिमाग से सोचया फिर गुलाम बने रहो अपने बाप दादा के अंधविश्वासों और मनोहर कहानियों के... ➖आप सच से कितना भी भाग लो लेकिन याद रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से अँधेरा नहीं होता, ☝इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं है.. भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और हमारी आँखें खोली.. Mirza______✍️ (ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है...? मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं...? या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है...? तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो...। (क़ुरआन मजीद 46/4) और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों...? (क़ुरआन मजीद 46/5) और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएंगे तो वह (माबूद) उनके दुश्मन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे...। (क़ुरआन मजीद 46/6)
mai 1st tym apko sun रही हूँ aur bht achha lga ... हाँ मैं हिन्दू हु और आप मुस्लमान हो पर सबसे पहले हम हिन्दुस्तानी हैं ।। और प्रत्येक भारतवासी आपस में bhai_bhai है ।। नफरत से कुछ नहीं होता और मोहब्बत से कुछ भी संभव है ।
@धर्म धुरी #इस्लाम_से_पहले_क्या_था प्रायः यह पूछा जाता है कि इस्लाम से पहले कौन सा धर्म था ? अगर इस्लाम ही सच्चा धर्म है तो क्या उससे पहले के व्यक्ति की मुक्ति नहीं होगी ? यह अक्सर प्रश्न गैर-मुस्लिम भाई पूछते रहते हैं. वैसे इसका एक मुख्य कारण है क्यूंकि वे समझते हैं कि इस्लाम मुहम्मद सल्ल० द्वारा बनाया गया मात्र 1400 साल पुराना धर्म है. यह प्रश्न भी इसी ग़लतफ़हमी के चलते ही लोगों के ज़ेहन में रचा बसा है कि, इस्लाम धर्म केवल 1400 साल पहले से है और मुहम्मद सल्ल० उसके संस्थापक हैं, जब कि मुहम्मद सल्ल० इस्लाम के संस्थापक नहीं बल्कि अंतिम प्रवर्तक यानि आखिरी रसूल है और स्पष्ट है कि जिसका कोई अंतिम हो उसका कोई पहला भी होगा.! तो वह पहला कौन है ? कुरआन में कई जगह इसका ज़िक्र है कि, आदम अलैह० ही वह प्रथम है. वही प्रथम प्रवर्तक यानि ईश्वर के प्रथम दूत भी थे, जिन्होंने अपनी संतानों को ईश्वरीय सन्देश पहुँचाया और ईश्वरीय शिक्षा दी, और जो कुछ भी उन्होंने बताया, वही उस वक़्त का इस्लाम था या यूँ कहें कि उन्हीं से इस्लाम धर्म का आरम्भ हुआ यहाँ यह प्रश्न उठता है कि वह आज के मुसलमान की तरह नमाज़, रोज़ा करते अथवा ज़कात आदि देते थे ? इसका स्पष्ट उत्तर है कि यह ज़रूरी नहीं कि, उन्हें भी हूबहू ऐसा ही करने का आदेश हो क्यूं कि मात्र रोज़ा नमाज़ आदि का नाम ही इस्लाम नहीं है, बल्कि ईश्वरीय आदेशों के पालन का Naam ही इस्लाम है ! अतः मुहम्मद सल्ल० से पहले जितने भी नबी अथवा रसूल अथवा सन्देश वाहक आये सब कुरआन के अनुसार अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषाओँ में उपदेश लेकर आये उन्होंने अपने अपने समय में, जो कुछ भी पेश किया वही उस समय का इस्लाम था यहाँ यह पुष्टि भी बेहद ज़रूरी है कि, कुरआन हमें यह बताता है कि दुनियां के, हर क्षेत्र में और राष्ट्र में ईश्वर ने अपना पैग़ाम पहुँचाने के लिए और सत्य मार्ग बतला ने के लिए मार्गदर्शक भेजे हैं वह अपने लोगों को जो पैग़ाम देते थे वही उस समय का इस्लाम था एक हिन्दू भाई ने कहा के तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे, तुम भी हिन्दू बन जाओ .. हाँ भाई ठीक कहा आपने... हो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो , *पत्थरों, * पेड़ों , * जानवरों, * सांप * बिच्छु * यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे. * पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे. * हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे.. * नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे... * शराब पीते थे.. * जुआ खेलते थे.. * औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे.. * एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने को मजबूर किया जाता था ❗लेकिन फिर ईश्वर ने हम पर दया की... और उसने अरब में एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें सिखाया के.. * ईश्वर एक है * 3 या 300 * या 33 करोड़ नहीं * सारे इन्सान बराबर है और * इन्सान अपने कर्म से बड़ा बनता है जन्म से नहीं. * बेटियो को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से पालो पोसो. * झूठ मत बोलो, * शराब मत पियो, * चोरी मत करो. * अपना शरीर ढँक कर रखो * सांप * बिछु * बन्दर * गाय * ये सब जानवर हैं * इनकी नहीं इनको बनाने वाले की पूजा करो.. * अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो.. * अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो.. * किसी को परेशान मत करो... *** और भी लाखों बातें हैं .. ** अब आप खुद फैसला लो, ** चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के, * वो सही वक़्त पर * इस्लाम क्यों नहीं लाये... * इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़ रहा है. ➖ अभी भी मौका है खुले दिमाग से सोचया फिर गुलाम बने रहो अपने बाप दादा के अंधविश्वासों और मनोहर कहानियों के... ➖आप सच से कितना भी भाग लो लेकिन याद रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से अँधेरा नहीं होता, ☝इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं है.. भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और हमारी आँखें खोली.. Mirza______✍️ (ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है...? मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं...? या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है...? तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो...। (क़ुरआन मजीद 46/4) और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों...? (क़ुरआन मजीद 46/5) और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएंगे तो वह (माबूद) उनके दुश्मन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे...। (क़ुरआन मजीद 46/6)
कट्टर होना बुरा नही है आप अपने धर्म के नियमो अच्छे से माने लेकिन जो कट्टरता परोसी जा रही कि किसी धर्म को गाली देना किसी को दाढ़ी की बजह से किसी को पगड़ी की वजह से या दलित होने की वजह से मार दिया जाए ये कट्टरता नही हो सकती
क्या आरजू करूं मैं तेरी आरजू के बाद कुछ भी नहीं बचेगा मेरी गुफ्तगू के बाद दुनिया का कोई खौफ मुझे क्या डराएगा मां ने है मुझको दूध पिलाया वजू के बाद Mashallah Imran Bhai Allah bless you
#इस्लाम_से_पहले_क्या_था प्रायः यह पूछा जाता है कि इस्लाम से पहले कौन सा धर्म था ? अगर इस्लाम ही सच्चा धर्म है तो क्या उससे पहले के व्यक्ति की मुक्ति नहीं होगी ? यह अक्सर प्रश्न गैर-मुस्लिम भाई पूछते रहते हैं. वैसे इसका एक मुख्य कारण है क्यूंकि वे समझते हैं कि इस्लाम मुहम्मद सल्ल० द्वारा बनाया गया मात्र 1400 साल पुराना धर्म है. यह प्रश्न भी इसी ग़लतफ़हमी के चलते ही लोगों के ज़ेहन में रचा बसा है कि, इस्लाम धर्म केवल 1400 साल पहले से है और मुहम्मद सल्ल० उसके संस्थापक हैं, जब कि मुहम्मद सल्ल० इस्लाम के संस्थापक नहीं बल्कि अंतिम प्रवर्तक यानि आखिरी रसूल है और स्पष्ट है कि जिसका कोई अंतिम हो उसका कोई पहला भी होगा.! तो वह पहला कौन है ? कुरआन में कई जगह इसका ज़िक्र है कि, आदम अलैह० ही वह प्रथम है. वही प्रथम प्रवर्तक यानि ईश्वर के प्रथम दूत भी थे, जिन्होंने अपनी संतानों को ईश्वरीय सन्देश पहुँचाया और ईश्वरीय शिक्षा दी, और जो कुछ भी उन्होंने बताया, वही उस वक़्त का इस्लाम था या यूँ कहें कि उन्हीं से इस्लाम धर्म का आरम्भ हुआ यहाँ यह प्रश्न उठता है कि वह आज के मुसलमान की तरह नमाज़, रोज़ा करते अथवा ज़कात आदि देते थे ? इसका स्पष्ट उत्तर है कि यह ज़रूरी नहीं कि, उन्हें भी हूबहू ऐसा ही करने का आदेश हो क्यूं कि मात्र रोज़ा नमाज़ आदि का नाम ही इस्लाम नहीं है, बल्कि ईश्वरीय आदेशों के पालन का Naam ही इस्लाम है ! अतः मुहम्मद सल्ल० से पहले जितने भी नबी अथवा रसूल अथवा सन्देश वाहक आये सब कुरआन के अनुसार अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषाओँ में उपदेश लेकर आये उन्होंने अपने अपने समय में, जो कुछ भी पेश किया वही उस समय का इस्लाम था यहाँ यह पुष्टि भी बेहद ज़रूरी है कि, कुरआन हमें यह बताता है कि दुनियां के, हर क्षेत्र में और राष्ट्र में ईश्वर ने अपना पैग़ाम पहुँचाने के लिए और सत्य मार्ग बतला ने के लिए मार्गदर्शक भेजे हैं वह अपने लोगों को जो पैग़ाम देते थे वही उस समय का इस्लाम था एक हिन्दू भाई ने कहा के तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे, तुम भी हिन्दू बन जाओ .. हाँ भाई ठीक कहा आपने... हो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो , *पत्थरों, * पेड़ों , * जानवरों, * सांप * बिच्छु * यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे. * पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे. * हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे.. * नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे... * शराब पीते थे.. * जुआ खेलते थे.. * औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे.. * एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने को मजबूर किया जाता था ❗लेकिन फिर ईश्वर ने हम पर दया की... और उसने अरब में एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें सिखाया के.. * ईश्वर एक है * 3 या 300 * या 33 करोड़ नहीं * सारे इन्सान बराबर है और * इन्सान अपने कर्म से बड़ा बनता है जन्म से नहीं. * बेटियो को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से पालो पोसो. * झूठ मत बोलो, * शराब मत पियो, * चोरी मत करो. * अपना शरीर ढँक कर रखो * सांप * बिछु * बन्दर * गाय * ये सब जानवर हैं * इनकी नहीं इनको बनाने वाले की पूजा करो.. * अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो.. * अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो.. * किसी को परेशान मत करो... *** और भी लाखों बातें हैं .. ** अब आप खुद फैसला लो, ** चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के, * वो सही वक़्त पर * इस्लाम क्यों नहीं लाये... * इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़ रहा है. ➖ अभी भी मौका है खुले दिमाग से सोचया फिर गुलाम बने रहो अपने बाप दादा के अंधविश्वासों और मनोहर कहानियों के... ➖आप सच से कितना भी भाग लो लेकिन याद रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से अँधेरा नहीं होता, ☝इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं है.. भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और हमारी आँखें खोली.. Mirza______✍️ (ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है...? मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं...? या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है...? तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो...। (क़ुरआन मजीद 46/4) और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों...? (क़ुरआन मजीद 46/5) और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएंगे तो वह (माबूद) उनके दुश्मन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे...। (क़ुरआन मजीद 46/6)
इमरान भाई आप बेफिक्र होकर सच बातें और सच्ची नजमा पढ़ते रहे सच से कभी भी पीछे ना हटें इंशा अल्लाह पूरा हिंदुस्तान हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सभी आपके साथ हैं बेफिक्र होकर आप नाजीम एकता की पड़ती है
मे एक गोर बंजारा हू मेरे बहुत मुस्लिम भाई दोस्त हे हम सब भाई भाई जैसे रहते हे लेकिन भारत मे कूच लोक सत्ता के लिय हिंदू मुस्लिम मे लढाई लगा रहे हे भाहीयो ये बात ध्यान मे रोको इन लोगो से दूर रहो
#इस्लाम_से_पहले_क्या_था प्रायः यह पूछा जाता है कि इस्लाम से पहले कौन सा धर्म था ? अगर इस्लाम ही सच्चा धर्म है तो क्या उससे पहले के व्यक्ति की मुक्ति नहीं होगी ? यह अक्सर प्रश्न गैर-मुस्लिम भाई पूछते रहते हैं. वैसे इसका एक मुख्य कारण है क्यूंकि वे समझते हैं कि इस्लाम मुहम्मद सल्ल० द्वारा बनाया गया मात्र 1400 साल पुराना धर्म है. यह प्रश्न भी इसी ग़लतफ़हमी के चलते ही लोगों के ज़ेहन में रचा बसा है कि, इस्लाम धर्म केवल 1400 साल पहले से है और मुहम्मद सल्ल० उसके संस्थापक हैं, जब कि मुहम्मद सल्ल० इस्लाम के संस्थापक नहीं बल्कि अंतिम प्रवर्तक यानि आखिरी रसूल है और स्पष्ट है कि जिसका कोई अंतिम हो उसका कोई पहला भी होगा.! तो वह पहला कौन है ? कुरआन में कई जगह इसका ज़िक्र है कि, आदम अलैह० ही वह प्रथम है. वही प्रथम प्रवर्तक यानि ईश्वर के प्रथम दूत भी थे, जिन्होंने अपनी संतानों को ईश्वरीय सन्देश पहुँचाया और ईश्वरीय शिक्षा दी, और जो कुछ भी उन्होंने बताया, वही उस वक़्त का इस्लाम था या यूँ कहें कि उन्हीं से इस्लाम धर्म का आरम्भ हुआ यहाँ यह प्रश्न उठता है कि वह आज के मुसलमान की तरह नमाज़, रोज़ा करते अथवा ज़कात आदि देते थे ? इसका स्पष्ट उत्तर है कि यह ज़रूरी नहीं कि, उन्हें भी हूबहू ऐसा ही करने का आदेश हो क्यूं कि मात्र रोज़ा नमाज़ आदि का नाम ही इस्लाम नहीं है, बल्कि ईश्वरीय आदेशों के पालन का Naam ही इस्लाम है ! अतः मुहम्मद सल्ल० से पहले जितने भी नबी अथवा रसूल अथवा सन्देश वाहक आये सब कुरआन के अनुसार अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषाओँ में उपदेश लेकर आये उन्होंने अपने अपने समय में, जो कुछ भी पेश किया वही उस समय का इस्लाम था यहाँ यह पुष्टि भी बेहद ज़रूरी है कि, कुरआन हमें यह बताता है कि दुनियां के, हर क्षेत्र में और राष्ट्र में ईश्वर ने अपना पैग़ाम पहुँचाने के लिए और सत्य मार्ग बतला ने के लिए मार्गदर्शक भेजे हैं वह अपने लोगों को जो पैग़ाम देते थे वही उस समय का इस्लाम था एक हिन्दू भाई ने कहा के तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे, तुम भी हिन्दू बन जाओ .. हाँ भाई ठीक कहा आपने... हो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो , *पत्थरों, * पेड़ों , * जानवरों, * सांप * बिच्छु * यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे. * पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे. * हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे.. * नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे... * शराब पीते थे.. * जुआ खेलते थे.. * औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे.. * एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने को मजबूर किया जाता था ❗लेकिन फिर ईश्वर ने हम पर दया की... और उसने अरब में एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें सिखाया के.. * ईश्वर एक है * 3 या 300 * या 33 करोड़ नहीं * सारे इन्सान बराबर है और * इन्सान अपने कर्म से बड़ा बनता है जन्म से नहीं. * बेटियो को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से पालो पोसो. * झूठ मत बोलो, * शराब मत पियो, * चोरी मत करो. * अपना शरीर ढँक कर रखो * सांप * बिछु * बन्दर * गाय * ये सब जानवर हैं * इनकी नहीं इनको बनाने वाले की पूजा करो.. * अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो.. * अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो.. * किसी को परेशान मत करो... *** और भी लाखों बातें हैं .. ** अब आप खुद फैसला लो, ** चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के, * वो सही वक़्त पर * इस्लाम क्यों नहीं लाये... * इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़ रहा है. ➖ अभी भी मौका है खुले दिमाग से सोचया फिर गुलाम बने रहो अपने बाप दादा के अंधविश्वासों और मनोहर कहानियों के... ➖आप सच से कितना भी भाग लो लेकिन याद रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से अँधेरा नहीं होता, ☝इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं है.. भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और हमारी आँखें खोली.. Mirza______✍️ (ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है...? मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं...? या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है...? तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो...। (क़ुरआन मजीद 46/4) और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों...? (क़ुरआन मजीद 46/5) और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएंगे तो वह (माबूद) उनके दुश्मन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे...। (क़ुरआन मजीद 46/6)
#इस्लाम_से_पहले_क्या_था प्रायः यह पूछा जाता है कि इस्लाम से पहले कौन सा धर्म था ? अगर इस्लाम ही सच्चा धर्म है तो क्या उससे पहले के व्यक्ति की मुक्ति नहीं होगी ? यह अक्सर प्रश्न गैर-मुस्लिम भाई पूछते रहते हैं. वैसे इसका एक मुख्य कारण है क्यूंकि वे समझते हैं कि इस्लाम मुहम्मद सल्ल० द्वारा बनाया गया मात्र 1400 साल पुराना धर्म है. यह प्रश्न भी इसी ग़लतफ़हमी के चलते ही लोगों के ज़ेहन में रचा बसा है कि, इस्लाम धर्म केवल 1400 साल पहले से है और मुहम्मद सल्ल० उसके संस्थापक हैं, जब कि मुहम्मद सल्ल० इस्लाम के संस्थापक नहीं बल्कि अंतिम प्रवर्तक यानि आखिरी रसूल है और स्पष्ट है कि जिसका कोई अंतिम हो उसका कोई पहला भी होगा.! तो वह पहला कौन है ? कुरआन में कई जगह इसका ज़िक्र है कि, आदम अलैह० ही वह प्रथम है. वही प्रथम प्रवर्तक यानि ईश्वर के प्रथम दूत भी थे, जिन्होंने अपनी संतानों को ईश्वरीय सन्देश पहुँचाया और ईश्वरीय शिक्षा दी, और जो कुछ भी उन्होंने बताया, वही उस वक़्त का इस्लाम था या यूँ कहें कि उन्हीं से इस्लाम धर्म का आरम्भ हुआ यहाँ यह प्रश्न उठता है कि वह आज के मुसलमान की तरह नमाज़, रोज़ा करते अथवा ज़कात आदि देते थे ? इसका स्पष्ट उत्तर है कि यह ज़रूरी नहीं कि, उन्हें भी हूबहू ऐसा ही करने का आदेश हो क्यूं कि मात्र रोज़ा नमाज़ आदि का नाम ही इस्लाम नहीं है, बल्कि ईश्वरीय आदेशों के पालन का Naam ही इस्लाम है ! अतः मुहम्मद सल्ल० से पहले जितने भी नबी अथवा रसूल अथवा सन्देश वाहक आये सब कुरआन के अनुसार अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषाओँ में उपदेश लेकर आये उन्होंने अपने अपने समय में, जो कुछ भी पेश किया वही उस समय का इस्लाम था यहाँ यह पुष्टि भी बेहद ज़रूरी है कि, कुरआन हमें यह बताता है कि दुनियां के, हर क्षेत्र में और राष्ट्र में ईश्वर ने अपना पैग़ाम पहुँचाने के लिए और सत्य मार्ग बतला ने के लिए मार्गदर्शक भेजे हैं वह अपने लोगों को जो पैग़ाम देते थे वही उस समय का इस्लाम था एक हिन्दू भाई ने कहा के तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे, तुम भी हिन्दू बन जाओ .. हाँ भाई ठीक कहा आपने... हो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो , *पत्थरों, * पेड़ों , * जानवरों, * सांप * बिच्छु * यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे. * पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे. * हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे.. * नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे... * शराब पीते थे.. * जुआ खेलते थे.. * औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे.. * एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने को मजबूर किया जाता था ❗लेकिन फिर ईश्वर ने हम पर दया की... और उसने अरब में एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें सिखाया के.. * ईश्वर एक है * 3 या 300 * या 33 करोड़ नहीं * सारे इन्सान बराबर है और * इन्सान अपने कर्म से बड़ा बनता है जन्म से नहीं. * बेटियो को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से पालो पोसो. * झूठ मत बोलो, * शराब मत पियो, * चोरी मत करो. * अपना शरीर ढँक कर रखो * सांप * बिछु * बन्दर * गाय * ये सब जानवर हैं * इनकी नहीं इनको बनाने वाले की पूजा करो.. * अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो.. * अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो.. * किसी को परेशान मत करो... *** और भी लाखों बातें हैं .. ** अब आप खुद फैसला लो, ** चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के, * वो सही वक़्त पर * इस्लाम क्यों नहीं लाये... * इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़ रहा है. ➖ अभी भी मौका है खुले दिमाग से सोचया फिर गुलाम बने रहो अपने बाप दादा के अंधविश्वासों और मनोहर कहानियों के... ➖आप सच से कितना भी भाग लो लेकिन याद रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से अँधेरा नहीं होता, ☝इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं है.. भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और हमारी आँखें खोली.. Mirza______✍️ (ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है...? मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं...? या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है...? तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो...। (क़ुरआन मजीद 46/4) और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों...? (क़ुरआन मजीद 46/5) और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएंगे तो वह (माबूद) उनके दुश्मन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे...। (क़ुरआन मजीद 46/6).
#इस्लाम_से_पहले_क्या_था प्रायः यह पूछा जाता है कि इस्लाम से पहले कौन सा धर्म था ? अगर इस्लाम ही सच्चा धर्म है तो क्या उससे पहले के व्यक्ति की मुक्ति नहीं होगी ? यह अक्सर प्रश्न गैर-मुस्लिम भाई पूछते रहते हैं. वैसे इसका एक मुख्य कारण है क्यूंकि वे समझते हैं कि इस्लाम मुहम्मद सल्ल० द्वारा बनाया गया मात्र 1400 साल पुराना धर्म है. यह प्रश्न भी इसी ग़लतफ़हमी के चलते ही लोगों के ज़ेहन में रचा बसा है कि, इस्लाम धर्म केवल 1400 साल पहले से है और मुहम्मद सल्ल० उसके संस्थापक हैं, जब कि मुहम्मद सल्ल० इस्लाम के संस्थापक नहीं बल्कि अंतिम प्रवर्तक यानि आखिरी रसूल है और स्पष्ट है कि जिसका कोई अंतिम हो उसका कोई पहला भी होगा.! तो वह पहला कौन है ? कुरआन में कई जगह इसका ज़िक्र है कि, आदम अलैह० ही वह प्रथम है. वही प्रथम प्रवर्तक यानि ईश्वर के प्रथम दूत भी थे, जिन्होंने अपनी संतानों को ईश्वरीय सन्देश पहुँचाया और ईश्वरीय शिक्षा दी, और जो कुछ भी उन्होंने बताया, वही उस वक़्त का इस्लाम था या यूँ कहें कि उन्हीं से इस्लाम धर्म का आरम्भ हुआ यहाँ यह प्रश्न उठता है कि वह आज के मुसलमान की तरह नमाज़, रोज़ा करते अथवा ज़कात आदि देते थे ? इसका स्पष्ट उत्तर है कि यह ज़रूरी नहीं कि, उन्हें भी हूबहू ऐसा ही करने का आदेश हो क्यूं कि मात्र रोज़ा नमाज़ आदि का नाम ही इस्लाम नहीं है, बल्कि ईश्वरीय आदेशों के पालन का Naam ही इस्लाम है ! अतः मुहम्मद सल्ल० से पहले जितने भी नबी अथवा रसूल अथवा सन्देश वाहक आये सब कुरआन के अनुसार अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषाओँ में उपदेश लेकर आये उन्होंने अपने अपने समय में, जो कुछ भी पेश किया वही उस समय का इस्लाम था यहाँ यह पुष्टि भी बेहद ज़रूरी है कि, कुरआन हमें यह बताता है कि दुनियां के, हर क्षेत्र में और राष्ट्र में ईश्वर ने अपना पैग़ाम पहुँचाने के लिए और सत्य मार्ग बतला ने के लिए मार्गदर्शक भेजे हैं वह अपने लोगों को जो पैग़ाम देते थे वही उस समय का इस्लाम था एक हिन्दू भाई ने कहा के तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे, तुम भी हिन्दू बन जाओ .. हाँ भाई ठीक कहा आपने... हो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो , *पत्थरों, * पेड़ों , * जानवरों, * सांप * बिच्छु * यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे. * पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे. * हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे.. * नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे... * शराब पीते थे.. * जुआ खेलते थे.. * औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे.. * एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने को मजबूर किया जाता था ❗लेकिन फिर ईश्वर ने हम पर दया की... और उसने अरब में एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें सिखाया के.. * ईश्वर एक है * 3 या 300 * या 33 करोड़ नहीं * सारे इन्सान बराबर है और * इन्सान अपने कर्म से बड़ा बनता है जन्म से नहीं. * बेटियो को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से पालो पोसो. * झूठ मत बोलो, * शराब मत पियो, * चोरी मत करो. * अपना शरीर ढँक कर रखो * सांप * बिछु * बन्दर * गाय * ये सब जानवर हैं * इनकी नहीं इनको बनाने वाले की पूजा करो.. * अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो.. * अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो.. * किसी को परेशान मत करो... *** और भी लाखों बातें हैं .. ** अब आप खुद फैसला लो, ** चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के, * वो सही वक़्त पर * इस्लाम क्यों नहीं लाये... * इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़ रहा है. ➖ अभी भी मौका है खुले दिमाग से सोचया फिर गुलाम बने रहो अपने बाप दादा के अंधविश्वासों और मनोहर कहानियों के... ➖आप सच से कितना भी भाग लो लेकिन याद रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से अँधेरा नहीं होता, ☝इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं है.. भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और हमारी आँखें खोली.. Mirza______✍️ (ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है...? मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं...? या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है...? तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो...। (क़ुरआन मजीद 46/4) और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों...? (क़ुरआन मजीद 46/5) और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएंगे तो वह (माबूद) उनके दुश्मन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे...। (क़ुरआन मजीद 46/6)
दी आजाने कभी यूरोप के गालिसाओ मे , कभी अफ्रीका के तपते हुए शह-राहो मे , दस तो दस दरिया भी ना छोड़े हमने , बेहरे जुलमात मे दौड़ा दिए घोड़े हमने ! -Allama Iqbal
Masha allah I love my india❤️❤️ I proud to be indian muslim I love this Islam & love my quraan majid I love Indian people I love my Indian country❤️❤️🇮🇳🇮🇳🇮🇳 nice voice Jay hind jay bharat
मै एक एनजीओ चलता हूं छोटा सा है 2 सालों में हमने 33 मुस्लिम और 28 हिन्दू बच्चो को संरक्षण दिया और उनकी जिममेदारी उठाते हैं। मेरे सभी बच्चे आप से मदद चाहते हैं और आप से मिलना चाहते हैं। मै उनको केसे बताऊं कि इमरान भाई एक व्यापारी हैं जो लोगो की भावनाओं का इस्तेमाल करते हैं। अगर आप एक सच्चे इंसान है तो हमारी मदद कीजिए और इन बच्चो पर कुछ तरस आए तो कभी इनके बाप की तरह इनको प्यार दीजिए।
मैं आदीवासी हुं लेकिन इमरान भाई जान की मुश्यारा सुनता हूं और कुछ सीखने भी मिलता है,इमरान भाई को सलाम
#इस्लाम_से_पहले_क्या_था
प्रायः यह पूछा जाता है कि इस्लाम से पहले कौन सा धर्म था ?
अगर इस्लाम ही सच्चा धर्म है तो क्या उससे पहले के व्यक्ति की मुक्ति नहीं
होगी ?
यह अक्सर प्रश्न गैर-मुस्लिम भाई पूछते रहते हैं.
वैसे इसका एक मुख्य कारण है
क्यूंकि वे समझते हैं कि इस्लाम मुहम्मद सल्ल० द्वारा बनाया गया मात्र 1400 साल पुराना धर्म है.
यह प्रश्न भी इसी ग़लतफ़हमी के चलते ही लोगों के ज़ेहन में रचा बसा है कि, इस्लाम धर्म केवल 1400 साल पहले से है और मुहम्मद सल्ल० उसके संस्थापक हैं,
जब कि मुहम्मद सल्ल० इस्लाम के संस्थापक नहीं बल्कि अंतिम प्रवर्तक यानि आखिरी रसूल है
और स्पष्ट है कि जिसका कोई अंतिम हो उसका कोई पहला भी होगा.!
तो वह पहला कौन है ?
कुरआन में कई जगह इसका ज़िक्र है कि, आदम अलैह० ही वह प्रथम है.
वही प्रथम प्रवर्तक यानि ईश्वर के प्रथम दूत भी थे,
जिन्होंने अपनी संतानों को ईश्वरीय सन्देश पहुँचाया और ईश्वरीय शिक्षा दी,
और जो कुछ भी उन्होंने बताया,
वही उस वक़्त का इस्लाम था
या यूँ कहें कि उन्हीं से इस्लाम धर्म का आरम्भ हुआ
यहाँ यह प्रश्न उठता है कि वह आज के मुसलमान की तरह
नमाज़, रोज़ा करते अथवा ज़कात आदि देते थे ?
इसका स्पष्ट उत्तर है कि यह ज़रूरी नहीं कि, उन्हें भी हूबहू ऐसा ही करने का आदेश हो क्यूं कि मात्र रोज़ा नमाज़ आदि का नाम ही इस्लाम नहीं है, बल्कि ईश्वरीय आदेशों के पालन का Naam ही इस्लाम है !
अतः मुहम्मद सल्ल० से पहले जितने भी नबी अथवा रसूल अथवा सन्देश वाहक आये सब कुरआन के अनुसार अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषाओँ में उपदेश लेकर आये उन्होंने अपने अपने समय में, जो कुछ भी पेश किया वही उस समय का इस्लाम था
यहाँ यह पुष्टि भी बेहद ज़रूरी है कि, कुरआन हमें यह बताता है कि दुनियां के,
हर क्षेत्र में और राष्ट्र में ईश्वर ने अपना पैग़ाम पहुँचाने के लिए और सत्य मार्ग बतला ने के लिए मार्गदर्शक भेजे हैं
वह अपने लोगों को जो पैग़ाम देते थे वही उस समय का इस्लाम था
एक हिन्दू भाई ने कहा के तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे, तुम भी हिन्दू बन जाओ ..
हाँ भाई ठीक कहा आपने...
हो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो ,
*पत्थरों,
* पेड़ों ,
* जानवरों,
* सांप
* बिच्छु
* यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे.
* पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे.
* हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे..
* नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे...
* शराब पीते थे..
* जुआ खेलते थे..
* औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे..
* एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने को मजबूर किया जाता था
❗लेकिन फिर ईश्वर ने हम पर दया की...
और उसने अरब में एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें सिखाया के..
* ईश्वर एक है
* 3 या 300
* या 33 करोड़ नहीं
* सारे इन्सान बराबर है और
* इन्सान अपने कर्म से बड़ा बनता है जन्म से नहीं.
* बेटियो को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से पालो पोसो.
* झूठ मत बोलो,
* शराब मत पियो,
* चोरी मत करो.
* अपना शरीर ढँक कर रखो
* सांप
* बिछु
* बन्दर
* गाय
* ये सब जानवर हैं
* इनकी नहीं इनको बनाने वाले की पूजा करो..
* अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो..
* अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो..
* किसी को परेशान मत करो...
*** और भी लाखों बातें हैं ..
** अब आप खुद फैसला लो,
** चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के,
* वो सही वक़्त पर
* इस्लाम क्यों नहीं लाये...
* इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़ रहा है.
➖ अभी भी मौका है खुले दिमाग से सोचया फिर गुलाम बने रहो अपने बाप दादा के अंधविश्वासों और मनोहर कहानियों के...
➖आप सच से कितना भी भाग लो लेकिन याद रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से अँधेरा नहीं होता,
☝इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं है.. भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की
हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और हमारी आँखें खोली..
Mirza______✍️
(ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है...? मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं...? या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है...? तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो...।
(क़ुरआन मजीद 46/4)
और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों...?
(क़ुरआन मजीद 46/5)
और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएंगे तो वह (माबूद) उनके दुश्मन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे...।
(क़ुरआन मजीद 46/6)
@@Itzarif1729 beshak
ماشاءاللہ میری جان
@@Itzarif1729 a
Ì hi
कुछ बात तो है मेरे इस्लाम में ✨🌟proud to be a Muslim i love islam
Fakar hy hume
Nice
इस्लाम तो महान है तुम्हारा जहां भैया भी सैया बना जा
@@sagarmittalroast397kisi ko kahenge aap ke dharm me bhi bhiya sainya ban rahe.🎉🎉🎉🎉
क्या बात है इमरान भाई ।हमें गर्व है आप पर।
Bhaijaan aapse request hai, ek baar Quran kaa translation padhe, insallah Allah aapko raastaa dikhaaygaa ameen
इमरान भाई, अल्लाहताला आपको लंबी उम्र दे, ढेर सारी ख़ुशियाँ दे, यही मंगलकामना करता हूँ। आपकी हक़बयानी को दिली सलाम। 😘❣️
#इस्लाम_से_पहले_क्या_था
प्रायः यह पूछा जाता है कि इस्लाम से पहले कौन सा धर्म था ?
अगर इस्लाम ही सच्चा धर्म है तो क्या उससे पहले के व्यक्ति की मुक्ति नहीं
होगी ?
यह अक्सर प्रश्न गैर-मुस्लिम भाई पूछते रहते हैं.
वैसे इसका एक मुख्य कारण है
क्यूंकि वे समझते हैं कि इस्लाम मुहम्मद सल्ल० द्वारा बनाया गया मात्र 1400 साल पुराना धर्म है.
यह प्रश्न भी इसी ग़लतफ़हमी के चलते ही लोगों के ज़ेहन में रचा बसा है कि, इस्लाम धर्म केवल 1400 साल पहले से है और मुहम्मद सल्ल० उसके संस्थापक हैं,
जब कि मुहम्मद सल्ल० इस्लाम के संस्थापक नहीं बल्कि अंतिम प्रवर्तक यानि आखिरी रसूल है
और स्पष्ट है कि जिसका कोई अंतिम हो उसका कोई पहला भी होगा.!
तो वह पहला कौन है ?
कुरआन में कई जगह इसका ज़िक्र है कि, आदम अलैह० ही वह प्रथम है.
वही प्रथम प्रवर्तक यानि ईश्वर के प्रथम दूत भी थे,
जिन्होंने अपनी संतानों को ईश्वरीय सन्देश पहुँचाया और ईश्वरीय शिक्षा दी,
और जो कुछ भी उन्होंने बताया,
वही उस वक़्त का इस्लाम था
या यूँ कहें कि उन्हीं से इस्लाम धर्म का आरम्भ हुआ
यहाँ यह प्रश्न उठता है कि वह आज के मुसलमान की तरह
नमाज़, रोज़ा करते अथवा ज़कात आदि देते थे ?
इसका स्पष्ट उत्तर है कि यह ज़रूरी नहीं कि, उन्हें भी हूबहू ऐसा ही करने का आदेश हो क्यूं कि मात्र रोज़ा नमाज़ आदि का नाम ही इस्लाम नहीं है, बल्कि ईश्वरीय आदेशों के पालन का Naam ही इस्लाम है !
अतः मुहम्मद सल्ल० से पहले जितने भी नबी अथवा रसूल अथवा सन्देश वाहक आये सब कुरआन के अनुसार अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषाओँ में उपदेश लेकर आये उन्होंने अपने अपने समय में, जो कुछ भी पेश किया वही उस समय का इस्लाम था
यहाँ यह पुष्टि भी बेहद ज़रूरी है कि, कुरआन हमें यह बताता है कि दुनियां के,
हर क्षेत्र में और राष्ट्र में ईश्वर ने अपना पैग़ाम पहुँचाने के लिए और सत्य मार्ग बतला ने के लिए मार्गदर्शक भेजे हैं
वह अपने लोगों को जो पैग़ाम देते थे वही उस समय का इस्लाम था
एक हिन्दू भाई ने कहा के तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे, तुम भी हिन्दू बन जाओ ..
हाँ भाई ठीक कहा आपने...
हो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो ,
*पत्थरों,
* पेड़ों ,
* जानवरों,
* सांप
* बिच्छु
* यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे.
* पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे.
* हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे..
* नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे...
* शराब पीते थे..
* जुआ खेलते थे..
* औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे..
* एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने को मजबूर किया जाता था
❗लेकिन फिर ईश्वर ने हम पर दया की...
और उसने अरब में एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें सिखाया के..
* ईश्वर एक है
* 3 या 300
* या 33 करोड़ नहीं
* सारे इन्सान बराबर है और
* इन्सान अपने कर्म से बड़ा बनता है जन्म से नहीं.
* बेटियो को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से पालो पोसो.
* झूठ मत बोलो,
* शराब मत पियो,
* चोरी मत करो.
* अपना शरीर ढँक कर रखो
* सांप
* बिछु
* बन्दर
* गाय
* ये सब जानवर हैं
* इनकी नहीं इनको बनाने वाले की पूजा करो..
* अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो..
* अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो..
* किसी को परेशान मत करो...
*** और भी लाखों बातें हैं ..
** अब आप खुद फैसला लो,
** चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के,
* वो सही वक़्त पर
* इस्लाम क्यों नहीं लाये...
* इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़ रहा है.
➖ अभी भी मौका है खुले दिमाग से सोचया फिर गुलाम बने रहो अपने बाप दादा के अंधविश्वासों और मनोहर कहानियों के...
➖आप सच से कितना भी भाग लो लेकिन याद रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से अँधेरा नहीं होता,
☝इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं है.. भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की
हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और हमारी आँखें खोली..
Mirza______✍️
(ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है...? मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं...? या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है...? तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो...।
(क़ुरआन मजीद 46/4)
और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों...?
(क़ुरआन मजीद 46/5)
और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएंगे तो वह (माबूद) उनके दुश्मन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे...।
(क़ुरआन मजीद 46/6)
Wa bahi apki soch ko
@@Itzarif1729 qq
@@Itzarif1729 9
IMRAN,THE BRAVE HEART,may AĹĹAH Bless you with HIS BEST of BLESSINGS to glorify ISLAM & its followers****ameen***summa ameen
मैं हिंदू किसान हूँ पर मुझे इमरान भाई की आवाज बहुत पसंद है.....
Bhaijaan aapse request hai, ek baar Quran kaa translation padhe, insallah Allah aapko raastaa dikhaaygaa ameen
To kya hua hindu hai🤣🤣🤣🤣
आदमी साफ दिल का होना चाहिए फिर क्या फर्क पड़ता है वो किसी भी मजहब का हो।
Aapko is baat par jitne marks doon kam hai mere dost bas jitna lena hai bas le lo itna hi kah sakta hai wo bhi pure dil se. Kaisa hidustaan bana diya hai muthhi bhar logon ne.
Salamat rahiye aap
@धर्म धुरी #इस्लाम_से_पहले_क्या_था
प्रायः यह पूछा जाता है कि इस्लाम से पहले कौन सा धर्म था ?
अगर इस्लाम ही सच्चा धर्म है तो क्या उससे पहले के व्यक्ति की मुक्ति नहीं
होगी ?
यह अक्सर प्रश्न गैर-मुस्लिम भाई पूछते रहते हैं.
वैसे इसका एक मुख्य कारण है
क्यूंकि वे समझते हैं कि इस्लाम मुहम्मद सल्ल० द्वारा बनाया गया मात्र 1400 साल पुराना धर्म है.
यह प्रश्न भी इसी ग़लतफ़हमी के चलते ही लोगों के ज़ेहन में रचा बसा है कि, इस्लाम धर्म केवल 1400 साल पहले से है और मुहम्मद सल्ल० उसके संस्थापक हैं,
जब कि मुहम्मद सल्ल० इस्लाम के संस्थापक नहीं बल्कि अंतिम प्रवर्तक यानि आखिरी रसूल है
और स्पष्ट है कि जिसका कोई अंतिम हो उसका कोई पहला भी होगा.!
तो वह पहला कौन है ?
कुरआन में कई जगह इसका ज़िक्र है कि, आदम अलैह० ही वह प्रथम है.
वही प्रथम प्रवर्तक यानि ईश्वर के प्रथम दूत भी थे,
जिन्होंने अपनी संतानों को ईश्वरीय सन्देश पहुँचाया और ईश्वरीय शिक्षा दी,
और जो कुछ भी उन्होंने बताया,
वही उस वक़्त का इस्लाम था
या यूँ कहें कि उन्हीं से इस्लाम धर्म का आरम्भ हुआ
यहाँ यह प्रश्न उठता है कि वह आज के मुसलमान की तरह
नमाज़, रोज़ा करते अथवा ज़कात आदि देते थे ?
इसका स्पष्ट उत्तर है कि यह ज़रूरी नहीं कि, उन्हें भी हूबहू ऐसा ही करने का आदेश हो क्यूं कि मात्र रोज़ा नमाज़ आदि का नाम ही इस्लाम नहीं है, बल्कि ईश्वरीय आदेशों के पालन का Naam ही इस्लाम है !
अतः मुहम्मद सल्ल० से पहले जितने भी नबी अथवा रसूल अथवा सन्देश वाहक आये सब कुरआन के अनुसार अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषाओँ में उपदेश लेकर आये उन्होंने अपने अपने समय में, जो कुछ भी पेश किया वही उस समय का इस्लाम था
यहाँ यह पुष्टि भी बेहद ज़रूरी है कि, कुरआन हमें यह बताता है कि दुनियां के,
हर क्षेत्र में और राष्ट्र में ईश्वर ने अपना पैग़ाम पहुँचाने के लिए और सत्य मार्ग बतला ने के लिए मार्गदर्शक भेजे हैं
वह अपने लोगों को जो पैग़ाम देते थे वही उस समय का इस्लाम था
एक हिन्दू भाई ने कहा के तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे, तुम भी हिन्दू बन जाओ ..
हाँ भाई ठीक कहा आपने...
हो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो ,
*पत्थरों,
* पेड़ों ,
* जानवरों,
* सांप
* बिच्छु
* यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे.
* पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे.
* हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे..
* नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे...
* शराब पीते थे..
* जुआ खेलते थे..
* औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे..
* एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने को मजबूर किया जाता था
❗लेकिन फिर ईश्वर ने हम पर दया की...
और उसने अरब में एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें सिखाया के..
* ईश्वर एक है
* 3 या 300
* या 33 करोड़ नहीं
* सारे इन्सान बराबर है और
* इन्सान अपने कर्म से बड़ा बनता है जन्म से नहीं.
* बेटियो को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से पालो पोसो.
* झूठ मत बोलो,
* शराब मत पियो,
* चोरी मत करो.
* अपना शरीर ढँक कर रखो
* सांप
* बिछु
* बन्दर
* गाय
* ये सब जानवर हैं
* इनकी नहीं इनको बनाने वाले की पूजा करो..
* अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो..
* अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो..
* किसी को परेशान मत करो...
*** और भी लाखों बातें हैं ..
** अब आप खुद फैसला लो,
** चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के,
* वो सही वक़्त पर
* इस्लाम क्यों नहीं लाये...
* इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़ रहा है.
➖ अभी भी मौका है खुले दिमाग से सोचया फिर गुलाम बने रहो अपने बाप दादा के अंधविश्वासों और मनोहर कहानियों के...
➖आप सच से कितना भी भाग लो लेकिन याद रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से अँधेरा नहीं होता,
☝इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं है.. भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की
हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और हमारी आँखें खोली..
Mirza______✍️
(ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है...? मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं...? या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है...? तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो...।
(क़ुरआन मजीद 46/4)
और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों...?
(क़ुरआन मजीद 46/5)
और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएंगे तो वह (माबूद) उनके दुश्मन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे...।
(क़ुरआन मजीद 46/6)
Yes
🤍
पहली बार सुन रही हूँ..... तारीफ़ के लिए शब्द कम पड़ गए ❤❤ incredible lines nd voice 🎉♥️
👍👍👍
Thanks
❤❤❤❤❤
Thankyou sister
Thank u syster🎉🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤
मैं हिन्दू हूं पर मुझे इमरान भाई का मुशायरा सुनने में मजा बहुत आता है जय हो भाई
Thanks🌹 mere bahi 🤼♂️
Bhai itne achhe h ke pathhar bhi mom ban jata hai
Thanks bhai
Kon Hindu kon mushlim sb to hmlog ne bnaya h aap ham milkr ye hindu muslim sikh jaise dharm ko bnaya h.
Hm hindustani h. Hm bhartiye h. Na ki hindu na ki muslim na ki shikh agr mano to hm Bhai Bhai h. 💯
Ye BJP me hi log ko smjh aaya ki hindu muslim sikh jaise dharm h is India's me.
Bura lga hoga to sorry bro 😊🙏.
@@alpmarko01 aapki baat sahi hai bhai sahab shukriya
माशाल्लाह। इतने खूबसूरत अल्फ़ाज़ और दिलकश नज़्म जिसका हर बोल एकता और वतन परस्ती को सलाम कह रहा है, उसे सुनकर आंखे नम हो गयी। 👏👏👏
Anurag Sharma hi
Ap mahan bhai anurag ap
Sahi bol rahe ho sir
Ji bilkul Sahi Bola hai apne
Anurag Sharma aap mosaira sonte hai masaalla
I am a Hindu...
But I love every religious...
I love you Imran bhai
App hidu ho isme koi fark nahi app insan hay mere bhai
Bhaijaan aapse request hai, ek baar Quran kaa translation padhe, insallah Allah aapko raastaa dikhaaygaa ameen
Salute
Aap Geeta pad lo bro ek baar 😅
@@Dukemishravlogs yes...
Ofcourse...every religion teaches humanity , peace and love
मैं एक इंसान हूं, ना हिन्दू न मुसलमान हूं... और इमरान भाई का बहुत बड़ा फैन हूं।
You are great
Bt imran bhai bol rhe "hmm musalman h".
Thanks bhaiya
Bhaijaan aapse request hai, ek baar Quran kaa translation padhe, insallah Allah aapko raastaa dikhaaygaa ameen
Ye badi Achi baat kahi aap ne
सच में यार जबसे मैं आपको देखा देखता रह गया, ब्राह्मण हूं संगठन क अध्यक्ष हूं लेकिन आपकी इन बातों ने दिल में आपके लिए जगह बना ली 🎉🎉
मेरे बचपन के दोस्त इमरान , असलम , अलताभ , जिगरी जब्बार याद आ गए।। सलाम आपकी जादूगरी भरी आवाज को।।
Asslam
bhai rula diya yar
md imran ansari वहा ईमरान भाई
md imran ansari वाके मे ही आप के दिल मे जज बा है
Bhai hamare BHI Vijay Ravi Deepu manesh Rahul pardeep Sonu ye sab hamare aajej Dost hai
आज पहली बार इमरान भाई का सुना हुं
सुनकर सीना उँचा हो गया ।
भारत के गाँवों में हिन्दू मुसलमान एक परिवार की तरह रहते हैं ।
चाचा भतीजा का रिश्ता चलता है ।
आपस में मिलकर दुख सुख में साथ देता है ।
आज कुछ लोग इस रिश्ते को तोड़ने मे लगा है।
लेकिन मेरा विश्वास है नहीं तोड़ पायेगा ।
Nice
Sahi Bat hai Imran Sir ..
Bus Mushlmano Ki Rajniti me Prayog Kiya jata hai ....
Desh Me Mushlmano ka Yogdan
Hai .
Desh ki Ajadi me Mushlmano Ne Apna Khun Diya hai ......
Bharat Mata ke 4 Sipahi Hindu Muslim Sikh Isai.....
Bharat Mata ki Jai.......
Very.nice.
@Suhail Manzoor vb ,
#इस्लाम_से_पहले_क्या_था
प्रायः यह पूछा जाता है कि इस्लाम से पहले कौन सा धर्म था ?
अगर इस्लाम ही सच्चा धर्म है तो क्या उससे पहले के व्यक्ति की मुक्ति नहीं
होगी ?
यह अक्सर प्रश्न गैर-मुस्लिम भाई पूछते रहते हैं.
वैसे इसका एक मुख्य कारण है
क्यूंकि वे समझते हैं कि इस्लाम मुहम्मद सल्ल० द्वारा बनाया गया मात्र 1400 साल पुराना धर्म है.
यह प्रश्न भी इसी ग़लतफ़हमी के चलते ही लोगों के ज़ेहन में रचा बसा है कि, इस्लाम धर्म केवल 1400 साल पहले से है और मुहम्मद सल्ल० उसके संस्थापक हैं,
जब कि मुहम्मद सल्ल० इस्लाम के संस्थापक नहीं बल्कि अंतिम प्रवर्तक यानि आखिरी रसूल है
और स्पष्ट है कि जिसका कोई अंतिम हो उसका कोई पहला भी होगा.!
तो वह पहला कौन है ?
कुरआन में कई जगह इसका ज़िक्र है कि, आदम अलैह० ही वह प्रथम है.
वही प्रथम प्रवर्तक यानि ईश्वर के प्रथम दूत भी थे,
जिन्होंने अपनी संतानों को ईश्वरीय सन्देश पहुँचाया और ईश्वरीय शिक्षा दी,
और जो कुछ भी उन्होंने बताया,
वही उस वक़्त का इस्लाम था
या यूँ कहें कि उन्हीं से इस्लाम धर्म का आरम्भ हुआ
यहाँ यह प्रश्न उठता है कि वह आज के मुसलमान की तरह
नमाज़, रोज़ा करते अथवा ज़कात आदि देते थे ?
इसका स्पष्ट उत्तर है कि यह ज़रूरी नहीं कि, उन्हें भी हूबहू ऐसा ही करने का आदेश हो क्यूं कि मात्र रोज़ा नमाज़ आदि का नाम ही इस्लाम नहीं है, बल्कि ईश्वरीय आदेशों के पालन का Naam ही इस्लाम है !
अतः मुहम्मद सल्ल० से पहले जितने भी नबी अथवा रसूल अथवा सन्देश वाहक आये सब कुरआन के अनुसार अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषाओँ में उपदेश लेकर आये उन्होंने अपने अपने समय में, जो कुछ भी पेश किया वही उस समय का इस्लाम था
यहाँ यह पुष्टि भी बेहद ज़रूरी है कि, कुरआन हमें यह बताता है कि दुनियां के,
हर क्षेत्र में और राष्ट्र में ईश्वर ने अपना पैग़ाम पहुँचाने के लिए और सत्य मार्ग बतला ने के लिए मार्गदर्शक भेजे हैं
वह अपने लोगों को जो पैग़ाम देते थे वही उस समय का इस्लाम था
एक हिन्दू भाई ने कहा के तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे, तुम भी हिन्दू बन जाओ ..
हाँ भाई ठीक कहा आपने...
हो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो ,
*पत्थरों,
* पेड़ों ,
* जानवरों,
* सांप
* बिच्छु
* यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे.
* पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे.
* हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे..
* नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे...
* शराब पीते थे..
* जुआ खेलते थे..
* औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे..
* एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने को मजबूर किया जाता था
❗लेकिन फिर ईश्वर ने हम पर दया की...
और उसने अरब में एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें सिखाया के..
* ईश्वर एक है
* 3 या 300
* या 33 करोड़ नहीं
* सारे इन्सान बराबर है और
* इन्सान अपने कर्म से बड़ा बनता है जन्म से नहीं.
* बेटियो को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से पालो पोसो.
* झूठ मत बोलो,
* शराब मत पियो,
* चोरी मत करो.
* अपना शरीर ढँक कर रखो
* सांप
* बिछु
* बन्दर
* गाय
* ये सब जानवर हैं
* इनकी नहीं इनको बनाने वाले की पूजा करो..
* अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो..
* अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो..
* किसी को परेशान मत करो...
*** और भी लाखों बातें हैं ..
** अब आप खुद फैसला लो,
** चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के,
* वो सही वक़्त पर
* इस्लाम क्यों नहीं लाये...
* इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़ रहा है.
➖ अभी भी मौका है खुले दिमाग से सोचया फिर गुलाम बने रहो अपने बाप दादा के अंधविश्वासों और मनोहर कहानियों के...
➖आप सच से कितना भी भाग लो लेकिन याद रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से अँधेरा नहीं होता,
☝इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं है.. भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की
हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और हमारी आँखें खोली..
Mirza______✍️
(ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है...? मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं...? या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है...? तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो...।
(क़ुरआन मजीद 46/4)
और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों...?
(क़ुरआन मजीद 46/5)
और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएंगे तो वह (माबूद) उनके दुश्मन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे...।
(क़ुरआन मजीद 46/6)
हिन्दू होकर भी मै आप से प्रभावित हू
इस्लाम प्यार का पैगाम है
आप सच्चाई के रास्ते पर चलते रहे गलत का साथ ना दे कभी झूठ मत बोलो
#इस्लाम_से_पहले_क्या_था
प्रायः यह पूछा जाता है कि इस्लाम से पहले कौन सा धर्म था ?
अगर इस्लाम ही सच्चा धर्म है तो क्या उससे पहले के व्यक्ति की मुक्ति नहीं
होगी ?
यह अक्सर प्रश्न गैर-मुस्लिम भाई पूछते रहते हैं.
वैसे इसका एक मुख्य कारण है
क्यूंकि वे समझते हैं कि इस्लाम मुहम्मद सल्ल० द्वारा बनाया गया मात्र 1400 साल पुराना धर्म है.
यह प्रश्न भी इसी ग़लतफ़हमी के चलते ही लोगों के ज़ेहन में रचा बसा है कि, इस्लाम धर्म केवल 1400 साल पहले से है और मुहम्मद सल्ल० उसके संस्थापक हैं,
जब कि मुहम्मद सल्ल० इस्लाम के संस्थापक नहीं बल्कि अंतिम प्रवर्तक यानि आखिरी रसूल है
और स्पष्ट है कि जिसका कोई अंतिम हो उसका कोई पहला भी होगा.!
तो वह पहला कौन है ?
कुरआन में कई जगह इसका ज़िक्र है कि, आदम अलैह० ही वह प्रथम है.
वही प्रथम प्रवर्तक यानि ईश्वर के प्रथम दूत भी थे,
जिन्होंने अपनी संतानों को ईश्वरीय सन्देश पहुँचाया और ईश्वरीय शिक्षा दी,
और जो कुछ भी उन्होंने बताया,
वही उस वक़्त का इस्लाम था
या यूँ कहें कि उन्हीं से इस्लाम धर्म का आरम्भ हुआ
यहाँ यह प्रश्न उठता है कि वह आज के मुसलमान की तरह
नमाज़, रोज़ा करते अथवा ज़कात आदि देते थे ?
इसका स्पष्ट उत्तर है कि यह ज़रूरी नहीं कि, उन्हें भी हूबहू ऐसा ही करने का आदेश हो क्यूं कि मात्र रोज़ा नमाज़ आदि का नाम ही इस्लाम नहीं है, बल्कि ईश्वरीय आदेशों के पालन का Naam ही इस्लाम है !
अतः मुहम्मद सल्ल० से पहले जितने भी नबी अथवा रसूल अथवा सन्देश वाहक आये सब कुरआन के अनुसार अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषाओँ में उपदेश लेकर आये उन्होंने अपने अपने समय में, जो कुछ भी पेश किया वही उस समय का इस्लाम था
यहाँ यह पुष्टि भी बेहद ज़रूरी है कि, कुरआन हमें यह बताता है कि दुनियां के,
हर क्षेत्र में और राष्ट्र में ईश्वर ने अपना पैग़ाम पहुँचाने के लिए और सत्य मार्ग बतला ने के लिए मार्गदर्शक भेजे हैं
वह अपने लोगों को जो पैग़ाम देते थे वही उस समय का इस्लाम था
एक हिन्दू भाई ने कहा के तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे, तुम भी हिन्दू बन जाओ ..
हाँ भाई ठीक कहा आपने...
हो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो ,
*पत्थरों,
* पेड़ों ,
* जानवरों,
* सांप
* बिच्छु
* यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे.
* पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे.
* हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे..
* नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे...
* शराब पीते थे..
* जुआ खेलते थे..
* औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे..
* एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने को मजबूर किया जाता था
❗लेकिन फिर ईश्वर ने हम पर दया की...
और उसने अरब में एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें सिखाया के..
* ईश्वर एक है
* 3 या 300
* या 33 करोड़ नहीं
* सारे इन्सान बराबर है और
* इन्सान अपने कर्म से बड़ा बनता है जन्म से नहीं.
* बेटियो को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से पालो पोसो.
* झूठ मत बोलो,
* शराब मत पियो,
* चोरी मत करो.
* अपना शरीर ढँक कर रखो
* सांप
* बिछु
* बन्दर
* गाय
* ये सब जानवर हैं
* इनकी नहीं इनको बनाने वाले की पूजा करो..
* अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो..
* अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो..
* किसी को परेशान मत करो...
*** और भी लाखों बातें हैं ..
** अब आप खुद फैसला लो,
** चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के,
* वो सही वक़्त पर
* इस्लाम क्यों नहीं लाये...
* इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़ रहा है.
➖ अभी भी मौका है खुले दिमाग से सोचया फिर गुलाम बने रहो अपने बाप दादा के अंधविश्वासों और मनोहर कहानियों के...
➖आप सच से कितना भी भाग लो लेकिन याद रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से अँधेरा नहीं होता,
☝इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं है.. भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की
हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और हमारी आँखें खोली..
Mirza______✍️
(ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है...? मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं...? या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है...? तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो...।
(क़ुरआन मजीद 46/4)
और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों...?
(क़ुरआन मजीद 46/5)
और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएंगे तो वह (माबूद) उनके दुश्मन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे...।
(क़ुरआन मजीद 46/6)
@@Itzarif1729 अल्ला ने 3दिन में दुनिया बनाई। कुरान में लिखा है।
1 दिन में धरती
दूसरे दिन चांद
तीसरे दिन सूरज
तो चुटियो ये बताओ जब सूरज चांद नही थे तो दिन रात केसे गिने।
@@raghvendraprajapati7310 kaha likha hai batana jara
इमरान भाई गर्व है तुझ मुसलमान भाई पर
Hme bhi garv hai aap par ki aap sacche Hindu hai
Subanalaah
Bhai yehi to bharat h love you bro
Nyc
Thanks bro
इमरान भाई आपकी उम्र मे अल्लाह बरकत फरमाऐ
Aameen 🤲🤲
Aameen
Aameen 😭 Allah bless you always aameen summa ameen
अल्लाह अपने मेहबूब के सदके इमरान को लंबी उम्र d
Aamin
कुछ बात तो है हमारे इस्लाम में.... माशाअल्लाह इमरान सर जी.... आपकी नज़्म सुनकर निशब्द हो जाती हूँ 👌👌👌👌
Hello dear super Ho app
Ha kuc baat ha hamra eeslam ma
Good bro
Aaca ji
Bhaijaan aapse request hai, ek baar Quran kaa translation padhe, insallah Allah aapko raastaa dikhaaygaa ameen
itne hindu bhaiyo ka comnt dekh kar dil khush ho gaya
i proud be a indian muslim
Imran Bhai bahut bahut badhai Aap Ki Mushaira ke hum Deewane Ho Gaya
#इस्लाम_से_पहले_क्या_था
प्रायः यह पूछा जाता है कि इस्लाम से पहले कौन सा धर्म था ?
अगर इस्लाम ही सच्चा धर्म है तो क्या उससे पहले के व्यक्ति की मुक्ति नहीं
होगी ?
यह अक्सर प्रश्न गैर-मुस्लिम भाई पूछते रहते हैं.
वैसे इसका एक मुख्य कारण है
क्यूंकि वे समझते हैं कि इस्लाम मुहम्मद सल्ल० द्वारा बनाया गया मात्र 1400 साल पुराना धर्म है.
यह प्रश्न भी इसी ग़लतफ़हमी के चलते ही लोगों के ज़ेहन में रचा बसा है कि, इस्लाम धर्म केवल 1400 साल पहले से है और मुहम्मद सल्ल० उसके संस्थापक हैं,
जब कि मुहम्मद सल्ल० इस्लाम के संस्थापक नहीं बल्कि अंतिम प्रवर्तक यानि आखिरी रसूल है
और स्पष्ट है कि जिसका कोई अंतिम हो उसका कोई पहला भी होगा.!
तो वह पहला कौन है ?
कुरआन में कई जगह इसका ज़िक्र है कि, आदम अलैह० ही वह प्रथम है.
वही प्रथम प्रवर्तक यानि ईश्वर के प्रथम दूत भी थे,
जिन्होंने अपनी संतानों को ईश्वरीय सन्देश पहुँचाया और ईश्वरीय शिक्षा दी,
और जो कुछ भी उन्होंने बताया,
वही उस वक़्त का इस्लाम था
या यूँ कहें कि उन्हीं से इस्लाम धर्म का आरम्भ हुआ
यहाँ यह प्रश्न उठता है कि वह आज के मुसलमान की तरह
नमाज़, रोज़ा करते अथवा ज़कात आदि देते थे ?
इसका स्पष्ट उत्तर है कि यह ज़रूरी नहीं कि, उन्हें भी हूबहू ऐसा ही करने का आदेश हो क्यूं कि मात्र रोज़ा नमाज़ आदि का नाम ही इस्लाम नहीं है, बल्कि ईश्वरीय आदेशों के पालन का Naam ही इस्लाम है !
अतः मुहम्मद सल्ल० से पहले जितने भी नबी अथवा रसूल अथवा सन्देश वाहक आये सब कुरआन के अनुसार अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषाओँ में उपदेश लेकर आये उन्होंने अपने अपने समय में, जो कुछ भी पेश किया वही उस समय का इस्लाम था
यहाँ यह पुष्टि भी बेहद ज़रूरी है कि, कुरआन हमें यह बताता है कि दुनियां के,
हर क्षेत्र में और राष्ट्र में ईश्वर ने अपना पैग़ाम पहुँचाने के लिए और सत्य मार्ग बतला ने के लिए मार्गदर्शक भेजे हैं
वह अपने लोगों को जो पैग़ाम देते थे वही उस समय का इस्लाम था
एक हिन्दू भाई ने कहा के तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे, तुम भी हिन्दू बन जाओ ..
हाँ भाई ठीक कहा आपने...
हो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो ,
*पत्थरों,
* पेड़ों ,
* जानवरों,
* सांप
* बिच्छु
* यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे.
* पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे.
* हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे..
* नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे...
* शराब पीते थे..
* जुआ खेलते थे..
* औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे..
* एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने को मजबूर किया जाता था
❗लेकिन फिर ईश्वर ने हम पर दया की...
और उसने अरब में एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें सिखाया के..
* ईश्वर एक है
* 3 या 300
* या 33 करोड़ नहीं
* सारे इन्सान बराबर है और
* इन्सान अपने कर्म से बड़ा बनता है जन्म से नहीं.
* बेटियो को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से पालो पोसो.
* झूठ मत बोलो,
* शराब मत पियो,
* चोरी मत करो.
* अपना शरीर ढँक कर रखो
* सांप
* बिछु
* बन्दर
* गाय
* ये सब जानवर हैं
* इनकी नहीं इनको बनाने वाले की पूजा करो..
* अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो..
* अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो..
* किसी को परेशान मत करो...
*** और भी लाखों बातें हैं ..
** अब आप खुद फैसला लो,
** चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के,
* वो सही वक़्त पर
* इस्लाम क्यों नहीं लाये...
* इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़ रहा है.
➖ अभी भी मौका है खुले दिमाग से सोचया फिर गुलाम बने रहो अपने बाप दादा के अंधविश्वासों और मनोहर कहानियों के...
➖आप सच से कितना भी भाग लो लेकिन याद रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से अँधेरा नहीं होता,
☝इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं है.. भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की
हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और हमारी आँखें खोली..
Mirza______✍️
(ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है...? मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं...? या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है...? तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो...।
(क़ुरआन मजीद 46/4)
और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों...?
(क़ुरआन मजीद 46/5)
और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएंगे तो वह (माबूद) उनके दुश्मन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे...।
(क़ुरआन मजीद 46/6)
mai 1st tym apko sun रही हूँ aur bht achha lga ... हाँ मैं हिन्दू हु और आप मुस्लमान हो पर सबसे पहले हम हिन्दुस्तानी हैं ।।
और प्रत्येक भारतवासी आपस में bhai_bhai है ।।
नफरत से कुछ नहीं होता और मोहब्बत से कुछ भी संभव है ।
Good sister
@@farazrana67 tq
Ryt mai bhi ek musalman hu par pehle hindustani hu
Thanks dear
Pagli ho kaa yh bhi sirf ek bhasan hai 3 lakh le ke suna rha hai
Hum musalman hain Allah huakbar
Very good👍
bhot pyara bhai
Ryhffcbi
@@AasifKhan-bs6fv oop
😭😭😭😭😭
एक ही देश है िजसमे हिन्दु ,मु्सलिम,सिख ़़़़़ भाई -भाई है अल्लाह का कर्म है
b
Bhai tu saccha musalman h.....salute krta hu teko bhai mai
Besaq
arpit pandey ha hai
Lekin tu arpit sacha hindu nhi he
Bhai sscha musslman SB lekin hame smjna hoga
Wow
एक बात तो है इमरान की मुशायरा सुनने से आंख में आंसू आ जाते है
I love you brother
Ur Right Bro
Love you brother
@धर्म धुरी #इस्लाम_से_पहले_क्या_था
प्रायः यह पूछा जाता है कि इस्लाम से पहले कौन सा धर्म था ?
अगर इस्लाम ही सच्चा धर्म है तो क्या उससे पहले के व्यक्ति की मुक्ति नहीं
होगी ?
यह अक्सर प्रश्न गैर-मुस्लिम भाई पूछते रहते हैं.
वैसे इसका एक मुख्य कारण है
क्यूंकि वे समझते हैं कि इस्लाम मुहम्मद सल्ल० द्वारा बनाया गया मात्र 1400 साल पुराना धर्म है.
यह प्रश्न भी इसी ग़लतफ़हमी के चलते ही लोगों के ज़ेहन में रचा बसा है कि, इस्लाम धर्म केवल 1400 साल पहले से है और मुहम्मद सल्ल० उसके संस्थापक हैं,
जब कि मुहम्मद सल्ल० इस्लाम के संस्थापक नहीं बल्कि अंतिम प्रवर्तक यानि आखिरी रसूल है
और स्पष्ट है कि जिसका कोई अंतिम हो उसका कोई पहला भी होगा.!
तो वह पहला कौन है ?
कुरआन में कई जगह इसका ज़िक्र है कि, आदम अलैह० ही वह प्रथम है.
वही प्रथम प्रवर्तक यानि ईश्वर के प्रथम दूत भी थे,
जिन्होंने अपनी संतानों को ईश्वरीय सन्देश पहुँचाया और ईश्वरीय शिक्षा दी,
और जो कुछ भी उन्होंने बताया,
वही उस वक़्त का इस्लाम था
या यूँ कहें कि उन्हीं से इस्लाम धर्म का आरम्भ हुआ
यहाँ यह प्रश्न उठता है कि वह आज के मुसलमान की तरह
नमाज़, रोज़ा करते अथवा ज़कात आदि देते थे ?
इसका स्पष्ट उत्तर है कि यह ज़रूरी नहीं कि, उन्हें भी हूबहू ऐसा ही करने का आदेश हो क्यूं कि मात्र रोज़ा नमाज़ आदि का नाम ही इस्लाम नहीं है, बल्कि ईश्वरीय आदेशों के पालन का Naam ही इस्लाम है !
अतः मुहम्मद सल्ल० से पहले जितने भी नबी अथवा रसूल अथवा सन्देश वाहक आये सब कुरआन के अनुसार अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषाओँ में उपदेश लेकर आये उन्होंने अपने अपने समय में, जो कुछ भी पेश किया वही उस समय का इस्लाम था
यहाँ यह पुष्टि भी बेहद ज़रूरी है कि, कुरआन हमें यह बताता है कि दुनियां के,
हर क्षेत्र में और राष्ट्र में ईश्वर ने अपना पैग़ाम पहुँचाने के लिए और सत्य मार्ग बतला ने के लिए मार्गदर्शक भेजे हैं
वह अपने लोगों को जो पैग़ाम देते थे वही उस समय का इस्लाम था
एक हिन्दू भाई ने कहा के तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे, तुम भी हिन्दू बन जाओ ..
हाँ भाई ठीक कहा आपने...
हो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो ,
*पत्थरों,
* पेड़ों ,
* जानवरों,
* सांप
* बिच्छु
* यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे.
* पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे.
* हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे..
* नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे...
* शराब पीते थे..
* जुआ खेलते थे..
* औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे..
* एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने को मजबूर किया जाता था
❗लेकिन फिर ईश्वर ने हम पर दया की...
और उसने अरब में एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें सिखाया के..
* ईश्वर एक है
* 3 या 300
* या 33 करोड़ नहीं
* सारे इन्सान बराबर है और
* इन्सान अपने कर्म से बड़ा बनता है जन्म से नहीं.
* बेटियो को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से पालो पोसो.
* झूठ मत बोलो,
* शराब मत पियो,
* चोरी मत करो.
* अपना शरीर ढँक कर रखो
* सांप
* बिछु
* बन्दर
* गाय
* ये सब जानवर हैं
* इनकी नहीं इनको बनाने वाले की पूजा करो..
* अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो..
* अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो..
* किसी को परेशान मत करो...
*** और भी लाखों बातें हैं ..
** अब आप खुद फैसला लो,
** चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के,
* वो सही वक़्त पर
* इस्लाम क्यों नहीं लाये...
* इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़ रहा है.
➖ अभी भी मौका है खुले दिमाग से सोचया फिर गुलाम बने रहो अपने बाप दादा के अंधविश्वासों और मनोहर कहानियों के...
➖आप सच से कितना भी भाग लो लेकिन याद रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से अँधेरा नहीं होता,
☝इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं है.. भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की
हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और हमारी आँखें खोली..
Mirza______✍️
(ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है...? मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं...? या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है...? तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो...।
(क़ुरआन मजीद 46/4)
और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों...?
(क़ुरआन मजीद 46/5)
और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएंगे तो वह (माबूद) उनके दुश्मन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे...।
(क़ुरआन मजीद 46/6)
@@rizwanejannat7640 0
Sir mai pratapgarh ka hu nd i m your big fan ...sir really proud of you tht you r representing our pratapgarh globally
Mai bhi yahi se hu
Bhaijaan aapse request hai, ek baar Quran kaa translation padhe, insallah Allah aapko raastaa dikhaaygaa ameen
Mujhe khusi hai ki mai musalmaan hu aour mujhe garv hai ki mai (S A W) ka ummati hu🥰🥰🥰
Main bhi musalman hun
mai bhi
'Katter' bano 'Patthar' nhi
'Bhakt' bano 'Andhbakht' nhi
'Khush' rahe sabhi ye 'Dua' kro
'Insan' bano 'Shaitan' nhi.. 🙏
#WonderWrinkle
AAP ki baat bahut achaa laga
Sb comment pr njr daliye mohtrma.ya fir bilkul hi andhbakt ho
Aapka comments bahut acha laga 👍
इमरान भाई बहुत अछे अललाह आपको सलामत रखें
Sala. Musayara. Ke. 3. Lakh.
@@jagdishankush8026 Hiii
ameen
Aameen
Allah aapko salamat rakhe imran Bhai
Aameen
I am so proud to be a Muslim
Imran bhai bahut achha
We should really feel proud to be Indian as well
Hum garva krte hai imran bhai par...jisase hume insaniyat ki sikh milti h
Good
Reshma Singh
Yes bro
AAP ki Allah salamat rakkhe
You are right think about Islam
Mai hindu brahaman hu lekin musalma. Aur kuran sai bhut pyaar karta hu
Im paraud of you sir
bhagabat gita ar kuran me kaya he bata o
Mashaalllah bhai...hm apki bht izzt krti hn
Bhot accha bola bhai
Mukul Kumar I Love You Bro
जय हिन्द जय भारत
इमरान भाई अल्लाह आपको लंबी उमर अता फरमाए।
I love my India
Insaallha
Gold
Very good bhai
Aamin
Hvhdy bth rn4 4 dinghy you 6tnf
मैं हिंदू हूं मगर कट्टर नही और इस्लाम की इज्जत करता हू संविधान को दिल से सैल्यूट करता हूं जय भारत मेरा वतन जय भीम
Aap jaiseo se hindustan khibsurat h salam h bhai aapko
कट्टर होना बुरा नही है आप अपने धर्म के नियमो अच्छे से माने लेकिन जो कट्टरता परोसी जा रही कि किसी धर्म को गाली देना किसी को दाढ़ी की बजह से किसी को पगड़ी की वजह से या दलित होने की वजह से मार दिया जाए ये कट्टरता नही हो सकती
Shi kha
nice
Bhaijaan aapse request hai, ek baar Quran kaa translation padhe, insallah Allah aapko raastaa dikhaaygaa ameen
क्या आरजू करूं मैं तेरी आरजू के बाद
कुछ भी नहीं बचेगा मेरी गुफ्तगू के बाद दुनिया का कोई खौफ मुझे क्या डराएगा
मां ने है मुझको दूध पिलाया वजू के बाद
Mashallah Imran Bhai Allah bless you
माशाअल्लाह
Shahrukh Khan Thakur kiya bat h mere bhai subhanallah subhanallah zindabad zindabad
Kya baat he bro
Masha Allah
आछाहै
हिन्दू मुस्लिम सिख इशाई आपस में है भाई भाई
ये बचपन से हम सिख ते आये है यही सचाई है ।
Nice
Tip
very good bhai
Wahh ....great BHAI
Beshaq
इमरान भाई अस्सलाम वालेकुम लोगों को आप के बाद पर अमल करना चाहिए अल्हम्दुलिल्लाह
=
Masha allaha
Proud to be indian muslim alhamdulillah ❤❤
जय हिन्द
जरूरत है आप जैसे लोग की
Ritesh kumar sahi bola bhai aap ne
👌👌👌👌
Ritesh kumar o
Ritesh kumar ayaj Khan shi bol rhe ho bhai
Ritesh kumar ayaj Khan shi bol rhe ho bhai
Imran bhai jai hind
Zindabad
mashalla
Hi
Hoole
Imran Bhai jindabaad
hiiiii Aarif bhai
Ap bahut hi sachhe Insan h . I like your thout
Hiii
#इस्लाम_से_पहले_क्या_था
प्रायः यह पूछा जाता है कि इस्लाम से पहले कौन सा धर्म था ?
अगर इस्लाम ही सच्चा धर्म है तो क्या उससे पहले के व्यक्ति की मुक्ति नहीं
होगी ?
यह अक्सर प्रश्न गैर-मुस्लिम भाई पूछते रहते हैं.
वैसे इसका एक मुख्य कारण है
क्यूंकि वे समझते हैं कि इस्लाम मुहम्मद सल्ल० द्वारा बनाया गया मात्र 1400 साल पुराना धर्म है.
यह प्रश्न भी इसी ग़लतफ़हमी के चलते ही लोगों के ज़ेहन में रचा बसा है कि, इस्लाम धर्म केवल 1400 साल पहले से है और मुहम्मद सल्ल० उसके संस्थापक हैं,
जब कि मुहम्मद सल्ल० इस्लाम के संस्थापक नहीं बल्कि अंतिम प्रवर्तक यानि आखिरी रसूल है
और स्पष्ट है कि जिसका कोई अंतिम हो उसका कोई पहला भी होगा.!
तो वह पहला कौन है ?
कुरआन में कई जगह इसका ज़िक्र है कि, आदम अलैह० ही वह प्रथम है.
वही प्रथम प्रवर्तक यानि ईश्वर के प्रथम दूत भी थे,
जिन्होंने अपनी संतानों को ईश्वरीय सन्देश पहुँचाया और ईश्वरीय शिक्षा दी,
और जो कुछ भी उन्होंने बताया,
वही उस वक़्त का इस्लाम था
या यूँ कहें कि उन्हीं से इस्लाम धर्म का आरम्भ हुआ
यहाँ यह प्रश्न उठता है कि वह आज के मुसलमान की तरह
नमाज़, रोज़ा करते अथवा ज़कात आदि देते थे ?
इसका स्पष्ट उत्तर है कि यह ज़रूरी नहीं कि, उन्हें भी हूबहू ऐसा ही करने का आदेश हो क्यूं कि मात्र रोज़ा नमाज़ आदि का नाम ही इस्लाम नहीं है, बल्कि ईश्वरीय आदेशों के पालन का Naam ही इस्लाम है !
अतः मुहम्मद सल्ल० से पहले जितने भी नबी अथवा रसूल अथवा सन्देश वाहक आये सब कुरआन के अनुसार अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषाओँ में उपदेश लेकर आये उन्होंने अपने अपने समय में, जो कुछ भी पेश किया वही उस समय का इस्लाम था
यहाँ यह पुष्टि भी बेहद ज़रूरी है कि, कुरआन हमें यह बताता है कि दुनियां के,
हर क्षेत्र में और राष्ट्र में ईश्वर ने अपना पैग़ाम पहुँचाने के लिए और सत्य मार्ग बतला ने के लिए मार्गदर्शक भेजे हैं
वह अपने लोगों को जो पैग़ाम देते थे वही उस समय का इस्लाम था
एक हिन्दू भाई ने कहा के तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे, तुम भी हिन्दू बन जाओ ..
हाँ भाई ठीक कहा आपने...
हो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो ,
*पत्थरों,
* पेड़ों ,
* जानवरों,
* सांप
* बिच्छु
* यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे.
* पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे.
* हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे..
* नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे...
* शराब पीते थे..
* जुआ खेलते थे..
* औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे..
* एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने को मजबूर किया जाता था
❗लेकिन फिर ईश्वर ने हम पर दया की...
और उसने अरब में एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें सिखाया के..
* ईश्वर एक है
* 3 या 300
* या 33 करोड़ नहीं
* सारे इन्सान बराबर है और
* इन्सान अपने कर्म से बड़ा बनता है जन्म से नहीं.
* बेटियो को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से पालो पोसो.
* झूठ मत बोलो,
* शराब मत पियो,
* चोरी मत करो.
* अपना शरीर ढँक कर रखो
* सांप
* बिछु
* बन्दर
* गाय
* ये सब जानवर हैं
* इनकी नहीं इनको बनाने वाले की पूजा करो..
* अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो..
* अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो..
* किसी को परेशान मत करो...
*** और भी लाखों बातें हैं ..
** अब आप खुद फैसला लो,
** चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के,
* वो सही वक़्त पर
* इस्लाम क्यों नहीं लाये...
* इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़ रहा है.
➖ अभी भी मौका है खुले दिमाग से सोचया फिर गुलाम बने रहो अपने बाप दादा के अंधविश्वासों और मनोहर कहानियों के...
➖आप सच से कितना भी भाग लो लेकिन याद रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से अँधेरा नहीं होता,
☝इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं है.. भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की
हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और हमारी आँखें खोली..
Mirza______✍️
(ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है...? मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं...? या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है...? तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो...।
(क़ुरआन मजीद 46/4)
और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों...?
(क़ुरआन मजीद 46/5)
और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएंगे तो वह (माबूद) उनके दुश्मन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे...।
(क़ुरआन मजीद 46/6)
पहली बार इमरान सर को सुना माशाअल्लाह शानदार ❤️
इंसांनीयत की बहुत बडी मिसाल है सर आपकी बहुत बड़ी फैन हु
Ji bilkul
Aap kahan se hain
@@amanjaiswal.5214 ok
nisha solnki thanks
Right
इमरान भाई आप बेफिक्र होकर सच बातें और सच्ची नजमा पढ़ते रहे सच से कभी भी पीछे ना हटें इंशा अल्लाह पूरा हिंदुस्तान हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सभी आपके साथ हैं बेफिक्र होकर आप नाजीम एकता की पड़ती है
मे एक गोर बंजारा हू
मेरे बहुत मुस्लिम भाई दोस्त हे
हम सब भाई भाई जैसे रहते हे
लेकिन भारत मे कूच लोक सत्ता के लिय हिंदू मुस्लिम मे लढाई लगा रहे हे
भाहीयो ये बात ध्यान मे रोको
इन लोगो से दूर रहो
Rss zahar hai desh ke liye bhai....Iske sajisjh ko khtam karna hoga.
मुसलमान अपने को मुसलमान कहता है।
आप हिन्दू कहलाने में गर्व महसूस कीजिए।
बात बस इतनी है।
इससे लड़ाई क्यों होगी?
Masha allah
Jaysingrao Ade
Sahi kaha sir
सलाम इमरान भाई आप के जज्बे के मेरा पूरा परिवार आप के हर मुशायरों को बैठ कर सुनते हैं और दिल को छू लेने के कलाम को बरकत की दुआ करते हैं ,
बहुत खूब भाई जान अल्लाह आपको स ला म त रखाए
Right
हमारे भारत की सब से बड़ी मिसाल हैं भाई चारा हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई आपस मे सब भाई भाई
मैं बहुत बड़ा फैन हूं इमरान जी आपका हर नज़्म को बहुत गहराई से सुनता हूं समझता हूं ❤ यहां से जुड़ी हुई नजमे होती है आपकी बिग सैलुट आपको🙏
IMRAN sir salute apko grav h sir app par mujhe sache mahan purus h app
#इस्लाम_से_पहले_क्या_था
प्रायः यह पूछा जाता है कि इस्लाम से पहले कौन सा धर्म था ?
अगर इस्लाम ही सच्चा धर्म है तो क्या उससे पहले के व्यक्ति की मुक्ति नहीं
होगी ?
यह अक्सर प्रश्न गैर-मुस्लिम भाई पूछते रहते हैं.
वैसे इसका एक मुख्य कारण है
क्यूंकि वे समझते हैं कि इस्लाम मुहम्मद सल्ल० द्वारा बनाया गया मात्र 1400 साल पुराना धर्म है.
यह प्रश्न भी इसी ग़लतफ़हमी के चलते ही लोगों के ज़ेहन में रचा बसा है कि, इस्लाम धर्म केवल 1400 साल पहले से है और मुहम्मद सल्ल० उसके संस्थापक हैं,
जब कि मुहम्मद सल्ल० इस्लाम के संस्थापक नहीं बल्कि अंतिम प्रवर्तक यानि आखिरी रसूल है
और स्पष्ट है कि जिसका कोई अंतिम हो उसका कोई पहला भी होगा.!
तो वह पहला कौन है ?
कुरआन में कई जगह इसका ज़िक्र है कि, आदम अलैह० ही वह प्रथम है.
वही प्रथम प्रवर्तक यानि ईश्वर के प्रथम दूत भी थे,
जिन्होंने अपनी संतानों को ईश्वरीय सन्देश पहुँचाया और ईश्वरीय शिक्षा दी,
और जो कुछ भी उन्होंने बताया,
वही उस वक़्त का इस्लाम था
या यूँ कहें कि उन्हीं से इस्लाम धर्म का आरम्भ हुआ
यहाँ यह प्रश्न उठता है कि वह आज के मुसलमान की तरह
नमाज़, रोज़ा करते अथवा ज़कात आदि देते थे ?
इसका स्पष्ट उत्तर है कि यह ज़रूरी नहीं कि, उन्हें भी हूबहू ऐसा ही करने का आदेश हो क्यूं कि मात्र रोज़ा नमाज़ आदि का नाम ही इस्लाम नहीं है, बल्कि ईश्वरीय आदेशों के पालन का Naam ही इस्लाम है !
अतः मुहम्मद सल्ल० से पहले जितने भी नबी अथवा रसूल अथवा सन्देश वाहक आये सब कुरआन के अनुसार अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषाओँ में उपदेश लेकर आये उन्होंने अपने अपने समय में, जो कुछ भी पेश किया वही उस समय का इस्लाम था
यहाँ यह पुष्टि भी बेहद ज़रूरी है कि, कुरआन हमें यह बताता है कि दुनियां के,
हर क्षेत्र में और राष्ट्र में ईश्वर ने अपना पैग़ाम पहुँचाने के लिए और सत्य मार्ग बतला ने के लिए मार्गदर्शक भेजे हैं
वह अपने लोगों को जो पैग़ाम देते थे वही उस समय का इस्लाम था
एक हिन्दू भाई ने कहा के तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे, तुम भी हिन्दू बन जाओ ..
हाँ भाई ठीक कहा आपने...
हो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो ,
*पत्थरों,
* पेड़ों ,
* जानवरों,
* सांप
* बिच्छु
* यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे.
* पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे.
* हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे..
* नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे...
* शराब पीते थे..
* जुआ खेलते थे..
* औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे..
* एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने को मजबूर किया जाता था
❗लेकिन फिर ईश्वर ने हम पर दया की...
और उसने अरब में एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें सिखाया के..
* ईश्वर एक है
* 3 या 300
* या 33 करोड़ नहीं
* सारे इन्सान बराबर है और
* इन्सान अपने कर्म से बड़ा बनता है जन्म से नहीं.
* बेटियो को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से पालो पोसो.
* झूठ मत बोलो,
* शराब मत पियो,
* चोरी मत करो.
* अपना शरीर ढँक कर रखो
* सांप
* बिछु
* बन्दर
* गाय
* ये सब जानवर हैं
* इनकी नहीं इनको बनाने वाले की पूजा करो..
* अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो..
* अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो..
* किसी को परेशान मत करो...
*** और भी लाखों बातें हैं ..
** अब आप खुद फैसला लो,
** चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के,
* वो सही वक़्त पर
* इस्लाम क्यों नहीं लाये...
* इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़ रहा है.
➖ अभी भी मौका है खुले दिमाग से सोचया फिर गुलाम बने रहो अपने बाप दादा के अंधविश्वासों और मनोहर कहानियों के...
➖आप सच से कितना भी भाग लो लेकिन याद रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से अँधेरा नहीं होता,
☝इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं है.. भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की
हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और हमारी आँखें खोली..
Mirza______✍️
(ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है...? मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं...? या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है...? तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो...।
(क़ुरआन मजीद 46/4)
और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों...?
(क़ुरआन मजीद 46/5)
और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएंगे तो वह (माबूद) उनके दुश्मन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे...।
(क़ुरआन मजीद 46/6)
एक हि दिल.है साहब
कितनी बार जीतोगे
Yaar dil khush ho Gaya
Video dekh Kar 💙💙
India, is, great
Ghtz
Cut
hjiii
sehra khan e
Subhan allah
I agree from Imran sir and believe in religious unity
Bhaijaan aapse request hai, ek baar Quran kaa translation padhe, insallah Allah aapko raastaa dikhaaygaa ameen
Kya bat Hai bhaiya apki awaj bahut pyari hai.......Ek hi to Jan Hai imran Bhai kitti bar loge🙏🙏
Proud to be muslim
Alhamdulillah
5 din ki hukumat pe itna nasha,
Ham to wo hai jo sadiyon se Sultan hai.
Ham Musalman Hain
Ham Musalman Hain ❤️👍
मुजे बहुत अच्छा लगता है इमरान प्रतापगढ़ी का मुशायरा मैं सारे देख चुका
आपकी आवाज माशा अल्लाह है इमरान भाई 🌹
Hi
इमरान प्रताप गढ़ी को मेरा सलाम आगे शेयर करें हम मुस्लिम है ऐसी स्थिति में सरकार को सोचना चाहिए हम सब भारतीय हैं
Ohoooooo amazing voice SALUTE Masha Allah.........
Mai hindu brahman hu pratapgarh up se lekin Imran pratapgarhi ka bahut bda fan hu ❤❤
Bhai aap jaise Muslim ki jarurat hai
Apne Bharat me
अदाब अर्ज ईमरान प्रतापगढी साहब
🇮🇳🌹जिन्दाबाद 🌹🇮🇳जिन्दाबाद🌹🇮🇳
Masha ALLAH
🌷🌷🌷
Imran sb. U r the my best sayer
I like u so much
🎋🎋🎋🎋
Do you not like me?
Rigt
Very nice app kasa ha app Mera friend banega Yas no ki gawib da
zeba tarannum fbdf
Hack
मुझे भी आपकी आवाज बहुत अच्छी लगती है इमरान भाई मैं एक इंसान हूं ना हिंदू हूं न मुसलमान हूं
Imran sir great , Allah aapki hifazat farmaye.
Masha Allah bhut khub brother
ماشاء اللہ بہت ہی عمدہ اشعار عمران بھائی
مجھے فخر ہے کہ عمران بھائی میرے علاقے کے شاعر ہیں 💪💪
Superb bro God bless you and your family.
#इस्लाम_से_पहले_क्या_था
प्रायः यह पूछा जाता है कि इस्लाम से पहले कौन सा धर्म था ?
अगर इस्लाम ही सच्चा धर्म है तो क्या उससे पहले के व्यक्ति की मुक्ति नहीं
होगी ?
यह अक्सर प्रश्न गैर-मुस्लिम भाई पूछते रहते हैं.
वैसे इसका एक मुख्य कारण है
क्यूंकि वे समझते हैं कि इस्लाम मुहम्मद सल्ल० द्वारा बनाया गया मात्र 1400 साल पुराना धर्म है.
यह प्रश्न भी इसी ग़लतफ़हमी के चलते ही लोगों के ज़ेहन में रचा बसा है कि, इस्लाम धर्म केवल 1400 साल पहले से है और मुहम्मद सल्ल० उसके संस्थापक हैं,
जब कि मुहम्मद सल्ल० इस्लाम के संस्थापक नहीं बल्कि अंतिम प्रवर्तक यानि आखिरी रसूल है
और स्पष्ट है कि जिसका कोई अंतिम हो उसका कोई पहला भी होगा.!
तो वह पहला कौन है ?
कुरआन में कई जगह इसका ज़िक्र है कि, आदम अलैह० ही वह प्रथम है.
वही प्रथम प्रवर्तक यानि ईश्वर के प्रथम दूत भी थे,
जिन्होंने अपनी संतानों को ईश्वरीय सन्देश पहुँचाया और ईश्वरीय शिक्षा दी,
और जो कुछ भी उन्होंने बताया,
वही उस वक़्त का इस्लाम था
या यूँ कहें कि उन्हीं से इस्लाम धर्म का आरम्भ हुआ
यहाँ यह प्रश्न उठता है कि वह आज के मुसलमान की तरह
नमाज़, रोज़ा करते अथवा ज़कात आदि देते थे ?
इसका स्पष्ट उत्तर है कि यह ज़रूरी नहीं कि, उन्हें भी हूबहू ऐसा ही करने का आदेश हो क्यूं कि मात्र रोज़ा नमाज़ आदि का नाम ही इस्लाम नहीं है, बल्कि ईश्वरीय आदेशों के पालन का Naam ही इस्लाम है !
अतः मुहम्मद सल्ल० से पहले जितने भी नबी अथवा रसूल अथवा सन्देश वाहक आये सब कुरआन के अनुसार अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषाओँ में उपदेश लेकर आये उन्होंने अपने अपने समय में, जो कुछ भी पेश किया वही उस समय का इस्लाम था
यहाँ यह पुष्टि भी बेहद ज़रूरी है कि, कुरआन हमें यह बताता है कि दुनियां के,
हर क्षेत्र में और राष्ट्र में ईश्वर ने अपना पैग़ाम पहुँचाने के लिए और सत्य मार्ग बतला ने के लिए मार्गदर्शक भेजे हैं
वह अपने लोगों को जो पैग़ाम देते थे वही उस समय का इस्लाम था
एक हिन्दू भाई ने कहा के तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे, तुम भी हिन्दू बन जाओ ..
हाँ भाई ठीक कहा आपने...
हो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो ,
*पत्थरों,
* पेड़ों ,
* जानवरों,
* सांप
* बिच्छु
* यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे.
* पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे.
* हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे..
* नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे...
* शराब पीते थे..
* जुआ खेलते थे..
* औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे..
* एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने को मजबूर किया जाता था
❗लेकिन फिर ईश्वर ने हम पर दया की...
और उसने अरब में एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें सिखाया के..
* ईश्वर एक है
* 3 या 300
* या 33 करोड़ नहीं
* सारे इन्सान बराबर है और
* इन्सान अपने कर्म से बड़ा बनता है जन्म से नहीं.
* बेटियो को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से पालो पोसो.
* झूठ मत बोलो,
* शराब मत पियो,
* चोरी मत करो.
* अपना शरीर ढँक कर रखो
* सांप
* बिछु
* बन्दर
* गाय
* ये सब जानवर हैं
* इनकी नहीं इनको बनाने वाले की पूजा करो..
* अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो..
* अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो..
* किसी को परेशान मत करो...
*** और भी लाखों बातें हैं ..
** अब आप खुद फैसला लो,
** चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के,
* वो सही वक़्त पर
* इस्लाम क्यों नहीं लाये...
* इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़ रहा है.
➖ अभी भी मौका है खुले दिमाग से सोचया फिर गुलाम बने रहो अपने बाप दादा के अंधविश्वासों और मनोहर कहानियों के...
➖आप सच से कितना भी भाग लो लेकिन याद रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से अँधेरा नहीं होता,
☝इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं है.. भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की
हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और हमारी आँखें खोली..
Mirza______✍️
(ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है...? मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं...? या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है...? तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो...।
(क़ुरआन मजीद 46/4)
और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों...?
(क़ुरआन मजीद 46/5)
और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएंगे तो वह (माबूद) उनके दुश्मन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे...।
(क़ुरआन मजीद 46/6).
Bhaijaan aapse request hai, ek baar Quran kaa translation padhe, insallah Allah aapko raastaa dikhaaygaa ameen
Mashaallah bahut achchha padte hain sir allah aapko.salamat rakhe or himmat de beshak Imran sir Zindabaad Zindabaad ❤❤❤❤❤
अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त आपको दोनों जहाँ में कामयाब करे...
AAmin
You have superb talent.,dont waste this ,please sir
#इस्लाम_से_पहले_क्या_था
प्रायः यह पूछा जाता है कि इस्लाम से पहले कौन सा धर्म था ?
अगर इस्लाम ही सच्चा धर्म है तो क्या उससे पहले के व्यक्ति की मुक्ति नहीं
होगी ?
यह अक्सर प्रश्न गैर-मुस्लिम भाई पूछते रहते हैं.
वैसे इसका एक मुख्य कारण है
क्यूंकि वे समझते हैं कि इस्लाम मुहम्मद सल्ल० द्वारा बनाया गया मात्र 1400 साल पुराना धर्म है.
यह प्रश्न भी इसी ग़लतफ़हमी के चलते ही लोगों के ज़ेहन में रचा बसा है कि, इस्लाम धर्म केवल 1400 साल पहले से है और मुहम्मद सल्ल० उसके संस्थापक हैं,
जब कि मुहम्मद सल्ल० इस्लाम के संस्थापक नहीं बल्कि अंतिम प्रवर्तक यानि आखिरी रसूल है
और स्पष्ट है कि जिसका कोई अंतिम हो उसका कोई पहला भी होगा.!
तो वह पहला कौन है ?
कुरआन में कई जगह इसका ज़िक्र है कि, आदम अलैह० ही वह प्रथम है.
वही प्रथम प्रवर्तक यानि ईश्वर के प्रथम दूत भी थे,
जिन्होंने अपनी संतानों को ईश्वरीय सन्देश पहुँचाया और ईश्वरीय शिक्षा दी,
और जो कुछ भी उन्होंने बताया,
वही उस वक़्त का इस्लाम था
या यूँ कहें कि उन्हीं से इस्लाम धर्म का आरम्भ हुआ
यहाँ यह प्रश्न उठता है कि वह आज के मुसलमान की तरह
नमाज़, रोज़ा करते अथवा ज़कात आदि देते थे ?
इसका स्पष्ट उत्तर है कि यह ज़रूरी नहीं कि, उन्हें भी हूबहू ऐसा ही करने का आदेश हो क्यूं कि मात्र रोज़ा नमाज़ आदि का नाम ही इस्लाम नहीं है, बल्कि ईश्वरीय आदेशों के पालन का Naam ही इस्लाम है !
अतः मुहम्मद सल्ल० से पहले जितने भी नबी अथवा रसूल अथवा सन्देश वाहक आये सब कुरआन के अनुसार अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषाओँ में उपदेश लेकर आये उन्होंने अपने अपने समय में, जो कुछ भी पेश किया वही उस समय का इस्लाम था
यहाँ यह पुष्टि भी बेहद ज़रूरी है कि, कुरआन हमें यह बताता है कि दुनियां के,
हर क्षेत्र में और राष्ट्र में ईश्वर ने अपना पैग़ाम पहुँचाने के लिए और सत्य मार्ग बतला ने के लिए मार्गदर्शक भेजे हैं
वह अपने लोगों को जो पैग़ाम देते थे वही उस समय का इस्लाम था
एक हिन्दू भाई ने कहा के तुम्हारे पूर्वज हिन्दू थे, तुम भी हिन्दू बन जाओ ..
हाँ भाई ठीक कहा आपने...
हो सकता है भारत के मुसलमान पहले हिन्दू रहे हों पर वो ,
*पत्थरों,
* पेड़ों ,
* जानवरों,
* सांप
* बिच्छु
* यहाँ तक की लिंग तक की पूजा करते थे.
* पत्नी को पति के साथ जिंदा जलाते थे.
* हमारे जैसे ही दुसरे इंसान को अछूत समझते थे..
* नंगे नंगे लोगों की मूर्तियों के आगे नाचते गाते थे...
* शराब पीते थे..
* जुआ खेलते थे..
* औरतों की इज्ज़त नहीं करते थे..
* एक औरत को 5-5 आदमियों से शादी करने को मजबूर किया जाता था
❗लेकिन फिर ईश्वर ने हम पर दया की...
और उसने अरब में एक ऐसे इन्सान को पैदा किया जिसने हमें सिखाया के..
* ईश्वर एक है
* 3 या 300
* या 33 करोड़ नहीं
* सारे इन्सान बराबर है और
* इन्सान अपने कर्म से बड़ा बनता है जन्म से नहीं.
* बेटियो को खुदा की नेमत समझो उन्हें अच्छे से पालो पोसो.
* झूठ मत बोलो,
* शराब मत पियो,
* चोरी मत करो.
* अपना शरीर ढँक कर रखो
* सांप
* बिछु
* बन्दर
* गाय
* ये सब जानवर हैं
* इनकी नहीं इनको बनाने वाले की पूजा करो..
* अपने पडोसी से प्यार करो और उसका ख्याल रखो..
* अपना व्यवहार अपने दुश्मन से भी अच्छा रखो..
* किसी को परेशान मत करो...
*** और भी लाखों बातें हैं ..
** अब आप खुद फैसला लो,
** चाहो अपने बाप दादा को कोस लो के,
* वो सही वक़्त पर
* इस्लाम क्यों नहीं लाये...
* इसी वजह से आप को आज अपने बाप- दादा के धर्म के समर्थन में बिना वजह यहाँ वहां पोस्ट करते फिरना पड़ रहा है.
➖ अभी भी मौका है खुले दिमाग से सोचया फिर गुलाम बने रहो अपने बाप दादा के अंधविश्वासों और मनोहर कहानियों के...
➖आप सच से कितना भी भाग लो लेकिन याद रखो बिल्ली के ऑंखें बंद करने से अँधेरा नहीं होता,
☝इस्लाम ही सबसे बेहतरीन धर्मं है.. भारत के हर मुस्लिम को गर्व है की
हमारे पूर्वजों ने इस्लाम अपनाया और हमारी आँखें खोली..
Mirza______✍️
(ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है...? मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं...? या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है...? तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो...।
(क़ुरआन मजीद 46/4)
और उस शख़्श से बढ़ कर कौन गुमराह हो सकता है जो ख़ुदा के सिवा ऐसे शख़्श को पुकारे जो उसे क़यामत तक जवाब ही न दे और उनको उनके पुकारने की ख़बरें तक न हों...?
(क़ुरआन मजीद 46/5)
और जब लोग (क़यामत) में जमा किये जाएंगे तो वह (माबूद) उनके दुश्मन हो जाएंगे और उनकी परसतिश से इन्कार करेंगे...।
(क़ुरआन मजीद 46/6)
Waah lajawab Bhai aapke fann hogye hum ... Loved your every nazm , lines of you .
❤❤❤
Me pandit hu lekin ye insaniyat ki sayri pdte jai ho imran bhai bhut acha pdte ho mza aa gya Ram ram
Aap jaise sachhe log ki jarurat hai bhai Jaan bharat ko
Next sansad muradawad sit shri imran paratap garahi ji winar of 2019
Ganesh kumar Mokim👈👈👈👈👈👈👈👈👈👈👈👈👈👈👈👈
दी आजाने कभी यूरोप के गालिसाओ मे , कभी अफ्रीका के तपते हुए शह-राहो मे , दस तो दस दरिया भी ना छोड़े हमने , बेहरे जुलमात मे दौड़ा दिए घोड़े हमने !
-Allama Iqbal
سبحان اللہ 🌹💐🌺
Ali
Asadudinkebare me keys khyal hai?
Galisao nhi bh. ... kalisaon me
ईमरान भाई अल्लाह पाक आपकी सलामती बरकरार रखे🤲🤲🤲
I love my big brother imraan your great man allah apki umar daraj farmay
kuch bat to he mere islam me.
kuch bat to he mere islam me. beshaq
Sayyed Umar brother mere yaha 8 April ko aa rAhe hia Imran Bhai
Beshak
Kuch baat to ha mara Islam ma
Kuch baat to ha mara Islam ma
Batao
Masha allah I love my india❤️❤️ I proud to be indian muslim I love this Islam & love my quraan majid I love Indian people I love my Indian country❤️❤️🇮🇳🇮🇳🇮🇳 nice voice Jay hind jay bharat
Mashallah
Mujhe आप बहुत अच्छे लगते हो भाई, love you Bhai
Bhai u R great mere bhai
Masahallah
Very.nice
Stay safe and blessed always dear brother
Love and respect for you and your fellow people
Imran sir u r great
⁷
But it doesn't make you think
P
@@masoomamullick9685 😀
Subhanallah allahokber
Masha Allah imran bhai Allah tala aapko lambi Umar de aur Sab musalmano ki hifazat farmay aamin summma aamin
मे राज मीसतरी मौ वकील इमरान भाईजान अससलामवालेकुम रहमतुलाहि वबराकातु अललापाक आपको सलामत रखे
bhut khoob bhai we are always one ek bharat sresth bharat .......jai hind
jai hind
abhishek sharma plan my beard mystic b_b yabb body by the bodies used by the end bobby's
abhishek sharma Baal Veer Baal Veer Baal Veer Baalveer Baalveer Baalveer Baalveer Baalveer
abhishek sharma good bro
Awesome
excellent expression in urdu poetry .god bless you
I miss you
D
@@uroosfatima9601 inna
Assalamuaikum
Mlmmmlll
Wow imu Bhai aap ki baatein dil ko chu jaati h
मै एक एनजीओ चलता हूं छोटा सा है 2 सालों में हमने 33 मुस्लिम और 28 हिन्दू बच्चो को संरक्षण दिया और उनकी जिममेदारी उठाते हैं।
मेरे सभी बच्चे आप से मदद चाहते हैं और आप से मिलना चाहते हैं।
मै उनको केसे बताऊं कि इमरान भाई एक व्यापारी हैं जो लोगो की भावनाओं का इस्तेमाल करते हैं।
अगर आप एक सच्चे इंसान है तो हमारी मदद कीजिए और इन बच्चो पर कुछ तरस आए तो कभी इनके बाप की तरह इनको प्यार दीजिए।
upendra kumar dwivedi tyum isana ho good
आप के इस काम सलाम करता हूँ भाई
इमरान भाई को आपकी मदद करनी चाहिए
अगर उनका ज़मीर ज़िंदा हे तो
Great work
Thanks for your support.
Good
Bhaijaan aap
Es desh m alag hi ho love u broo
اللہ تعالیٰ آپکو لمبی عمر دے
Tc
Aamin
Ya Allah pak lmran Bhai ko Hamesha Salamat Rakhna ❤❤❤❤❤❤❤❤
Imran bhai superb
Imran bhai Allah apke har jagha se hefaj farmave
khushi hui ye sunkar ki musalmaan logon mein kuch samajhdaar log bache hain
Tuto samjdar
yashdeep singh shayad aap bhi samajh dar he
بے شک آپ مسلمان ہیں۔ عظیم مسلمان ہیں۔ آپ ٹیپو سلطان کے وارث ہیں۔
मैं इमरान भाई को सलाम है आप पर और आप का पुरे परिवार पर
Proud to be Muslim ❤️❤️❤️👍👍👍