शिक्षक हुए गायब टोला सेवक चला रहे स्कूल ACS S Siddharth ने लिया फैसला
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- Опубліковано 14 гру 2024
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पूरे बिहार में यही हाल है सरकारी विद्यालय में सिर्फ खानापूर्ति करते हैं शिक्षक और घर चले जातेहैं बच्चों को शिक्षा से कुछ लेना देना नहीं है सबसे ज्यादा जिम्मेदार प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी है इनका संपत्ति जांच होना चाहिए
Sir शिक्षा सेवक तालिमी मरकज को स्कूल में समायोजन कर देना चाहिए
शिक्षा सेवक को विद्यालय में समायोजन किया जाए
सरकार को शिक्षा सेवक को स्कूल में संयोजित करना चाहिए Shiksha Sevak se bahut kam liya jata hai subah 8 se 9 tution 9:30 se char school
जिस विद्यालय में एक भी मुस्लिम छात्र नहीं हैं, उस विद्यालय में मुस्लिम शिक्षकों को भर कर विभाग शूक्रवार को भी बच्चों को शिक्षा से वंचित करना क्यों चाहती है?
शिक्षा सेवक विधालय में शिक्षक से ज्यादा समय देते हैं शिक्षा सेवक बिहार में सबसे ज्यादा समय 9 से 4 या 9 से 5 बजे तक विद्यालय में समय देते हैं और आज देखने को मिल ही गया सच्चाई छुपती नहीं है और एक ही विधालय में शिक्षक को सरकार 50000 हजार रुपये देती है सरकार और शिक्षा सेवक को 22000 हजार रुपए देती है आखीर क्यों जबकि शिक्षा सेवक सरकार के हर पहलूओ को धरातल पर उताराने का काम करती है जैसे -बचो को पढ़ाना वाल विवाह नशा मुक्ति अभियान चलाना BLO का कार्य कोई भी सर्वे करना जाती आधारित जनगणना इत्यादि
Vidyalay me tola Sevak samayojan kara diya jaaye tola Sevak ko achcha padha rahe hain
हमारे गांव के विद्यालय में यही हाल है हमने कई बार प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को जानकारी दी परंतु कोई सुधार नही मजबूरी में बच्चों को प्राइवेट में शिक्षा दिला रहे हैं नीतीश जी की काल शासन में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बर्बाद हुआ बिहार में
Fine. Mariye. ....2. Lakh. Rupaya. ..sab. Sikhshak..sudhar. Jayega.
Shiksha Sevak Shiksha Sevak tarini markaj shikshak bacchon ko school Lana aur school mein padhaanaa aur coaching dena samayojan school mein kar dena chahie aur baki niyojit teacher ko hata Dena chahie kyunki usko kuchh aata nahin hai Khali ghumta hai aur padhaane ka koi knowledge nahin hai
School mein shikshak teacher log Shiksha Sevak ko utna value nahin karte hain jitna apne aap mein un log rahte hain