"अधर्म के विरुद्ध जटायु की अंतिम लड़ाई" |"श्रीराम का शोक: जटायु का मोक्ष" | जटायु की कहानी
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- Опубліковано 9 лют 2025
- "जटायु का अंतिम बलिदान: धर्म और सत्य की विजय"
जटायु की कथा रामायण के सबसे मार्मिक और प्रेरणादायक प्रसंगों में से एक है। जब रावण माता सीता का हरण करके लंका ले जा रहा था, तब जटायु ने अपनी वृद्धावस्था की परवाह किए बिना अधर्म के विरुद्ध युद्ध किया। अपने पंख कटने के बाद भी, उन्होंने श्रीराम को माता सीता की दिशा बताकर अपने अंतिम क्षणों में धर्म का पालन किया।
श्रीराम, जिन्होंने जटायु को पिता तुल्य माना, अत्यंत व्यथित होकर उनके बलिदान को नमन करते हैं और उन्हें अपने करकमलों से जल अर्पित कर मोक्ष प्रदान करते हैं। यह दृश्य न केवल वीरता और त्याग की गाथा है, बल्कि यह दर्शाता है कि सत्य और धर्म की रक्षा के लिए दिया गया बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाता।
जटायु का जीवन हमें सिखाता है कि अन्याय के खिलाफ खड़े रहना ही सच्चा धर्म है, चाहे परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो। उनका बलिदान हमें निस्वार्थ कर्तव्य और साहस का संदेश देता है, जो युगों तक अमर रहेगा। #hindumythologicalstories #ramayanstories #jatayu