Agar yaha k naujawan sudhar jaenge to woh din unke liye maut k barabar hoga isliye bechare sudharte nhi h chahe hum pr jitna zulm o sitam kyu na ho chahe Allah k azaab kyu na aa jaye lekin unka ek hi naara hota h Hum Nahi Sudhrenge to Allah farmata h Hum Sudharenge😂
یہ بیان حیدرآباد میں ہوا پر افسوس ہے مجھے اطلاع نہیں ملی اگر آگے کوئی حیدرآباد میں پروگرام ہوتو پلیز پہلے انگورم کارڈ ۔۔ حافظ جاوید ربّانی سب سے ملنے کا بہت دنوں سے ویت کر رہا ہو۔۔۔۔
pahli baat aapne gumrah logo ko musalman hi kiyo samja musalman hone se murad hi ye hai ki vo allah ka farmabardar hai nooh ne bhi yahi galti ki thi khoon ke riste se apne bete ko apne ghar walo me samja or khuda takwa or parhejgari dekhta hai akida dekhta hai ye nahi dekhta ki vo kiski olad hai ibrahim ko dekh lo allah ne ibrahim ko takwa or parhejgari dekhi akida dekha ye nahi dekha ki vo bhooto ki puja karne walo ki olad hai khuda jise gumrah karde use koi hidayat dene wala nahi jise hidayat de use koi gumrah karne wala nahi tumhari olad agar allah ka hukm nahi manti to unko apni olad mat samjo jo khuda ka dost hai vo tumhara dost hai jub khuda se hi dosti nahi to fhir khoon ka rista koi hasiyat nahi rakhta hai
*कयामत के दिन ऐ कास कहने वाले आज इस दुनिया में ही नेक अमल कर लो आप के पास मौका है अभी दुनिया में नेक अमल करने का* 😭😭😭😭😭 *नही तो ये कुरआन का आयात सब पढ़े* 👇👇👇👇👇👇👇 ऐ काश हम को (दुनिया में) फिर (दुबारा) लौटा दिए जाते Surah An-Nisa' -73 يَومَ تُقَلَّبُ وُجوهُهُم فِي النّارِ يَقولونَ يا لَيتَنا أَطَعنَا اللَّهَ وَأَطَعنَا الرَّسولا जिस दिन उनके मुँह जहन्नुम की तरफ फेर दिए जाएँगें तो उस दिन अफ़सोसनाक लहजे में कहेंगे ऐ काश हमने खुदा की इताअत की होती और रसूल का कहना माना होता सुरा 33 आयत 66 وَجاءَ رَبُّكَ وَالمَلَكُ صَفًّا صَفًّا और तुम्हारे परवरदिगार का हुक्म देगा फ़रिश्ते कतार के कतार आ जाएँगे Quran-89:22 وَجِيءَ يَومَئِذٍ بِجَهَنَّمَ ۚ يَومَئِذٍ يَتَذَكَّرُ الإِنسانُ وَأَنّىٰ لَهُ الذِّكرىٰ और उस दिन जहन्नुम सामने कर दी जाएगी उस दिन इन्सान चौंकेगा मगर अब चौंकना कहाँ (फ़ायदा देगा) Quran-89:23 يَقولُ يا لَيتَني قَدَّمتُ لِحَياتي (उस वक्त) क़हेगा कि काश मैने अपनी (इस) ज़िन्दगी के लिए कुछ पहले ही नेक अमल कर लिया होता Quran-89:24 فَيَومَئِذٍ لا يُعَذِّبُ عَذابَهُ أَحَدٌ तो उस दिन ख़ुदा ऐसा अज़ाब देगा कि किसी ने वैसा अज़ाब न दिया होगा Quran-89:25 وَيَومَ يَعَضُّ الظّالِمُ عَلىٰ يَدَيهِ يَقولُ يا لَيتَنِي اتَّخَذتُ مَعَ الرَّسولِ سَبيلًا और जिस दिन जुल्म करने वाला अपने हाथ (मारे अफ़सोस के) काटने लगेगा और कहेगा काश रसूल के साथ मैं भी (दीन का सीधा) रास्ता पे चलता Quran-25:27 दुनिया में बुरे दोस्त बनाने वाले 👇 يا وَيلَتىٰ لَيتَني لَم أَتَّخِذ فُلانًا خَليلًا हाए अफसोस काश मै दुनिया में फला शख्स को अपना दोस्त न बनाता Quran-25:28 لَقَد أَضَلَّني عَنِ الذِّكرِ بَعدَ إِذ جاءَني ۗ وَكانَ الشَّيطانُ لِلإِنسانِ خَذولًا बेशक हमारे दोस्त ने हमारे पास नसीहत आने के बाद मुझे बहकाया और शैतान तो आदमी को रुसवा करने वाला ही है Quran-25:29 और जिसका नामए आमाल उनके बाएँ हाथ में दिया जाएगा तो वह कहेगा ऐ काश मुझे मेरा नामए आमाल न दिया जाता 69 (25) और मुझे न मालूल होता कि मेरा हिसाब क्या है 69 (26) ऐ कास मौत ने (हमेशा के लिए मेरा) काम तमाम कर दिया होता 69 (27) (अफ़सोस) मेरा माल मेरे कुछ भी काम न आया 69 (28) (हाए) मेरी सल्तनत ख़ाक में मिल गयी (फिर हुक़्म होगा) 69 (29) इसे गिरफ़्तार करके तौक़ पहना दो 69 (30) फिर इसे जहन्नुम में झोंक दो 69 (31) फिर एक ज़ंजीर में जिसकी लंबाई सत्तर गज़ की है उसे ख़ूब जकड़ दो 69 (32) (क्यों कि) ये न तो अल्लाह पे ईमान लाया था और न मोहताज को खाना खिलाने पर आमादा (लोगों को) करता था 69 (33) तो आज न उसका कोई मदद गार है 69 (34) और न पीप के सिवा (उसके लिए) कुछ खाना है 69 (35) जिसको गुनेहगारों के सिवा कोई नहीं खाएगा पियेगा 69 (36) يا لَيتَني لَم أُشرِك بِرَبّي أَحَدًا काश मै अपने परवरदिगार का किसी को शरीक न बनाता Quran-18:42 وَامتازُوا اليَومَ أَيُّهَا المُجرِمونَ और (एक आवाज़ आएगी कि) ऐ गुनाहगारों तुम लोग (इनसे) अलग हो जाओ Quran-36:59 ۞ أَلَم أَعهَد إِلَيكُم يا بَني آدَمَ أَن لا تَعبُدُوا الشَّيطانَ ۖ إِنَّهُ لَكُم عَدُوٌّ مُبينٌ ऐ आदम की औलाद क्या मैंने तुम्हारे पास ये हुक्म नहीं भेजा था कि (ख़बरदार) शैतान की परसतिश न करना वह यक़ीनी तुम्हारा खुल्लम खुल्ला दुश्मन है Quran-36:60 إِنّا أَنذَرناكُم عَذابًا قَريبًا يَومَ يَنظُرُ المَرءُ ما قَدَّمَت يَداهُ وَيَقولُ الكافِرُ يا لَيتَني كُنتُ تُرابًا हमने तुम लोगों को अनक़रीब आने वाले अज़ाब से डरा दिया जिस दिन आदमी अपने हाथों पहले से भेजे हुए (आमाल) को देखेगा और काफ़िर कहेगा काश मैं ख़ाक बन जाता Quran-78:40 कोई कमी लिखने में हो तो मेरे से इसलाह करे यही नाम से है faecbook id 👇 *MD shafik salafi* और उस का लिंक 👇ये है facebook.com/profile.php?id=100090152167186&mibextid=ZbWKwL
جزاک اللہ خیرا مولانا آپ نے درست فرمایا
Masha allah ❤❤
اسلام علیکم
الله ہمارے نوجوانوں کی حفاظت فرماے
الله ان کو نیک ہدایت دے
دعاء کیجئے جوانوں کے لیے خاص
وعليكم السلام ورحمة الله وبركاته آمين يارب العالمين
Jazakallah khaira shaik saheb
mashallah 👍💯💯💯
Allah har musalman ko hidayat de
Mashallah
ماشاء اللہ بہت خوب زبردست ❤🎉
Masha Allah sir we need your words of guidelines for a life time
I❤
Jajakumahlla khair
Masaallah
Masallha
Bahut badhiya bayan Kar rahe hain Aap
Masha Allah
Allahu akbar
❤ mashallah
46:00
46:27 ye baat tho hum har din sonchte hai...kaash aap yahan paida hote..😅😅
Agar yaha k naujawan sudhar jaenge to woh din unke liye maut k barabar hoga isliye bechare sudharte nhi h chahe hum pr jitna zulm o sitam kyu na ho chahe Allah k azaab kyu na aa jaye lekin unka ek hi naara hota h Hum Nahi Sudhrenge to Allah farmata h Hum Sudharenge😂
👍
یہ بیان حیدرآباد میں ہوا پر افسوس ہے مجھے اطلاع نہیں ملی اگر آگے کوئی حیدرآباد میں پروگرام ہوتو پلیز پہلے انگورم کارڈ ۔۔ حافظ جاوید ربّانی سب سے ملنے کا بہت دنوں سے ویت کر رہا ہو۔۔۔۔
pahli baat aapne gumrah logo ko musalman hi kiyo samja
musalman hone se murad hi ye hai ki vo allah ka farmabardar hai
nooh ne bhi yahi galti ki thi
khoon ke riste se apne bete ko apne ghar walo me samja
or khuda takwa or parhejgari dekhta hai akida dekhta hai ye nahi dekhta ki vo kiski olad hai
ibrahim ko dekh lo allah ne ibrahim ko takwa or parhejgari dekhi akida dekha ye nahi dekha ki vo bhooto ki puja karne walo ki olad hai
khuda jise gumrah karde use koi hidayat dene wala nahi
jise hidayat de use koi gumrah karne wala nahi
tumhari olad agar allah ka hukm nahi manti to unko apni olad mat samjo
jo khuda ka dost hai vo tumhara dost hai
jub khuda se hi dosti nahi to fhir khoon ka rista koi hasiyat nahi rakhta hai
*कयामत के दिन ऐ कास कहने वाले आज इस दुनिया में ही नेक अमल कर लो आप के पास मौका है अभी दुनिया में नेक अमल करने का*
😭😭😭😭😭
*नही तो ये कुरआन का आयात सब पढ़े* 👇👇👇👇👇👇👇
ऐ काश हम को (दुनिया में) फिर (दुबारा) लौटा दिए जाते
Surah An-Nisa' -73
يَومَ تُقَلَّبُ وُجوهُهُم فِي النّارِ يَقولونَ يا لَيتَنا أَطَعنَا اللَّهَ وَأَطَعنَا الرَّسولا
जिस दिन उनके मुँह जहन्नुम की तरफ फेर दिए जाएँगें तो उस दिन अफ़सोसनाक लहजे में कहेंगे ऐ काश हमने खुदा की इताअत की होती और रसूल का कहना माना होता
सुरा 33 आयत 66
وَجاءَ رَبُّكَ وَالمَلَكُ صَفًّا صَفًّا
और तुम्हारे परवरदिगार का हुक्म देगा फ़रिश्ते कतार के कतार आ जाएँगे
Quran-89:22
وَجِيءَ يَومَئِذٍ بِجَهَنَّمَ ۚ يَومَئِذٍ يَتَذَكَّرُ الإِنسانُ وَأَنّىٰ لَهُ الذِّكرىٰ
और उस दिन जहन्नुम सामने कर दी जाएगी उस दिन इन्सान चौंकेगा मगर अब चौंकना कहाँ (फ़ायदा देगा)
Quran-89:23
يَقولُ يا لَيتَني قَدَّمتُ لِحَياتي
(उस वक्त) क़हेगा कि काश मैने अपनी (इस) ज़िन्दगी के लिए कुछ पहले ही नेक अमल कर लिया होता
Quran-89:24
فَيَومَئِذٍ لا يُعَذِّبُ عَذابَهُ أَحَدٌ
तो उस दिन ख़ुदा ऐसा अज़ाब देगा कि किसी ने वैसा अज़ाब न दिया होगा
Quran-89:25
وَيَومَ يَعَضُّ الظّالِمُ عَلىٰ يَدَيهِ يَقولُ يا لَيتَنِي اتَّخَذتُ مَعَ الرَّسولِ سَبيلًا
और जिस दिन जुल्म करने वाला अपने हाथ (मारे अफ़सोस के) काटने लगेगा और कहेगा काश रसूल के साथ मैं भी (दीन का सीधा) रास्ता पे चलता
Quran-25:27
दुनिया में बुरे दोस्त बनाने वाले 👇
يا وَيلَتىٰ لَيتَني لَم أَتَّخِذ فُلانًا خَليلًا
हाए अफसोस काश मै दुनिया में फला शख्स को अपना दोस्त न बनाता
Quran-25:28
لَقَد أَضَلَّني عَنِ الذِّكرِ بَعدَ إِذ جاءَني ۗ وَكانَ الشَّيطانُ لِلإِنسانِ خَذولًا
बेशक हमारे दोस्त ने हमारे पास नसीहत आने के बाद मुझे बहकाया और शैतान तो आदमी को रुसवा करने वाला ही है
Quran-25:29
और जिसका नामए आमाल उनके बाएँ हाथ में दिया जाएगा तो वह कहेगा ऐ काश मुझे मेरा नामए आमाल न दिया जाता
69 (25)
और मुझे न मालूल होता कि मेरा हिसाब क्या है
69 (26)
ऐ कास मौत ने (हमेशा के लिए मेरा) काम तमाम कर दिया होता
69 (27)
(अफ़सोस) मेरा माल मेरे कुछ भी काम न आया
69 (28)
(हाए) मेरी सल्तनत ख़ाक में मिल गयी (फिर हुक़्म होगा)
69 (29)
इसे गिरफ़्तार करके तौक़ पहना दो 69 (30)
फिर इसे जहन्नुम में झोंक दो
69 (31)
फिर एक ज़ंजीर में जिसकी लंबाई सत्तर गज़ की है उसे ख़ूब जकड़ दो 69 (32)
(क्यों कि) ये न तो अल्लाह पे ईमान लाया था और न मोहताज को खाना खिलाने पर आमादा (लोगों को) करता था
69 (33)
तो आज न उसका कोई मदद गार है 69 (34)
और न पीप के सिवा (उसके लिए) कुछ खाना है
69 (35)
जिसको गुनेहगारों के सिवा कोई नहीं खाएगा पियेगा 69 (36)
يا لَيتَني لَم أُشرِك بِرَبّي أَحَدًا
काश मै अपने परवरदिगार का किसी को शरीक न बनाता
Quran-18:42
وَامتازُوا اليَومَ أَيُّهَا المُجرِمونَ
और (एक आवाज़ आएगी कि) ऐ गुनाहगारों तुम लोग (इनसे) अलग हो जाओ
Quran-36:59
۞ أَلَم أَعهَد إِلَيكُم يا بَني آدَمَ أَن لا تَعبُدُوا الشَّيطانَ ۖ إِنَّهُ لَكُم عَدُوٌّ مُبينٌ
ऐ आदम की औलाद क्या मैंने तुम्हारे पास ये हुक्म नहीं भेजा था कि (ख़बरदार) शैतान की परसतिश न करना वह यक़ीनी तुम्हारा खुल्लम खुल्ला दुश्मन है
Quran-36:60
إِنّا أَنذَرناكُم عَذابًا قَريبًا يَومَ يَنظُرُ المَرءُ ما قَدَّمَت يَداهُ وَيَقولُ الكافِرُ يا لَيتَني كُنتُ تُرابًا
हमने तुम लोगों को अनक़रीब आने वाले अज़ाब से डरा दिया जिस दिन आदमी अपने हाथों पहले से भेजे हुए (आमाल) को देखेगा और काफ़िर कहेगा काश मैं ख़ाक बन जाता
Quran-78:40
कोई कमी लिखने में हो तो मेरे से इसलाह करे
यही
नाम से है faecbook id
👇
*MD shafik salafi*
और उस का लिंक
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