देश दुर्दशा में है - भारत में रहूँ, या छोड़ दूँ? || आचार्य प्रशांत (2024)
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- Опубліковано 7 кві 2024
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वीडियो जानकारी: 08.03.24, महाशिवरात्रि विशेष सत्र, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
~ भारत के माहौल को देखकर यहाँ से भाग जाने का मन क्यों करता है?
~ भारत में धर्म के नाम पर चल रहे अंधविश्वास को कैसे रोकें?
~ वास्तव में धर्म क्या है?
~ कैसे समझाएँ कि धर्म का अर्थ अँधी ताक़तों के आगे झुकना नहीं जानना, समझना है?
~ भारत की दुर्दशा को देखकर लगता है भारत का भविष्य खतरे में है
~ देश की दुर्दशा की प्रमुख वजह क्या है?
~ क्या कारण है भारत में इतनी भुखमरी बढ़ती जा रही है?
संगीत: मिलिंद दाते
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आत्मज्ञान के अलावा और कोई धर्म नहीं!प्रणाम आचार्य जी 🙏
Acharya ji session ki sankhya ko ar jyada kariye ar logo ko politics ke bare me bhi bataiye.Hamare Desh ki sarkar chunane vale logo ke 80 percent log es Gyan se anjan hai.sayad yhi tarika hai Desh ke vikas.Log jab Tak dharm ar jati se upar uthkar Desh ke vikas ke liye nhi vote karenge tab Tak shayad hm developed nation nahi ban payenge.
Acharya ji ap jaise logo par hi bharosha hai
Pls sir maine comment kiya h mujhe samadhan batayen
M aaj k time m apni halat se bhut preshan hu pls 🙏🙏
❤❤
Jab me acharya Prashant ji ko follow Kiya tha us time 24.5 million subscribers the aaj 43 million hone ja raha h ❤❤❤🎉😊
मैं कोई पंडित नहीं हूं और ना ही मैंने कभी कोई भविष्यवाणी की है लेकिन मैं इतना जानता हूं की इस कलयुग में जहां सब लोग दोनों हाथों से दूसरों को लूटने में लगे हुए थे तब एक व्यक्ति ने प्रकृति के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया इस महान व्यक्तित्व को दिल से प्रणाम आने वाले लाखों सालों तक समाज आपका ऋणी रहेगा🙏🙏🙏♥♥♥
Jahrit hoiye yehi hmra Dharma hai acharya ji yehi chahte hai
Mene suna abhi kalyug nahi koi aur yug chal raha hai?
Ek no. Bhai
🌹♥️👌
🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿❤❤❤❤
मैं डॉक्टर साहब से सहमत हु ऐसे संवेदनहीन समाज को देख कर मन द्रवित हो जाता है।
Aap Acharya ji ko Varanasi se sunte ho bhaiya
Mai bhi 100℅sahmat hu
100%
भारत की दुर्दशा का कारण :
1. अध्यात्म से वंचित
2.विज्ञान से वंचित ।
~आचार्य प्रशांत 🙏🙏🙏🙏🙏
Development ki jagah vote bank politics
Vimal aur Pan parag ka jyada Matra me apurti...📈😢
3. तकनीक से सम्मोहित
Naitikta ka abhav
Jaruratse jyada population Hindustan ko barbad karegahi samjo
मैने एक बात नोटीस कि जब आचार्य बोल रहे the tab मेरा पुरा फोकस उनकी बातो मी अच्छे se तल्लीन हुआ था जब कि आम तौर पर अन्या धार्मिक विडिओ देखणे मी इतनी रुची नाही लागती जितनी अभि लागी थी धन्यवाद...
"जो जान गया वो भाग नहीं सकता ।
भागा सिर्फ नींद में जा सकता है।"
👍👍👍👍👍
Bilkul sahi
True
सूत्र: जो सवाल नहीं कर सकता वो धार्मिक नहीं हो सकता।
धार्मिकता- मेरी सबसे उच्चतम संभावना है😮
❤
👍♥️🙏🏻
Dharmik viyakti se kisi bhi tarah ke tarak ki umeed nhi ki jaa sakti, voh lambe samay se paani mein pathar fek raha h
नरक में जूझ रहे लोगों को बचाने के लिए, बचाने वाले को घोर नरक से होकर गुजरना पड़ता है।
KYA BAAT HAI SIR EK HI LINE ME ITNA BADA MARGDARSHAN KAR DIYA
Correct
😅
Bilkul sahi Bhai ❤❤❤❤
Right 👍👍👍
आम आदमी झुक इसलिए जाता है हर जगह क्योंकि उसको धर्म का मतलब ही नहीं पता है।
धर्म का मतलब है - जानना।
क्या? जानना।
मनुष्य की पहचान देह से नहीं होता , मनुष्य की पहचान चेतना से होती है 🙏🏻🙏🏻♥️
अब आपकी वीडियो सुनते सुनते चिड़ियों को चावल डालने जा रही हूं
आप खुशकिस्मत हो कि चिड़िया को दाना डाल रही हो, हमारे यहां तो अब चिड़िया दिखाई ही नहीं देती है, जब मैं छोटा था तब मैं भी रोटी खिलाता था
चिड़िया को बाजरा खाने को दें चावल नहीं देना
Mai muslim hu... Per aapko sunta hu to mujhe dharm ka asli matlam samjh aata hai... Or kafi clerity lagti hai
जानना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है
जो जान गया वो भाग नही सकता
🔥युद्धस्व 🔥🙏🙏🙏🙏🙏
जो नींद में है वो ही भाग सकता है
जो जाग गया वो चैतन्य है।
~आचार्य जी 🙏
"जहां संघर्ष है वहीं आपको अपनी काबिलियत दिखाने का मौका मिलता है।" - आचार्य जी।🌿
👍👍👍👍👍
This line is actually pretty damn doable for any normal person with or without any religious beliefs.
This is big line
खड़ा हिमालय बता रहा है, डरो न आँधी-पानी में।
खड़े रहो तुम अविचल होकर सब संकट तूफानी में ।
डिगो ना अपने प्राण से तो तुम, सब कुछ पा सकते हो प्यारे ।। तुम भी ऊँचा उठ सकते हो, छू सकते हो नभ के तारे ।।
आचार्य प्रशांत सर को मेरा कोटि कोटि प्रणाम 🙏
Wow 😮😮 my childhood poem 👍👍
मैंने बचपन मे ये पंक्तियां पढ़ी थी। धन्यवाद आपने तो मेरा बचपन ही स्मरण करवा दिया
Kavita padhkar mazaa aa gaya😊
सच भी हमको झूठ के आवरण में चाहिए | सच बोलने वाले की दुर्दशा होती है और झूठ बोलने वाले की प्रशंसा |
Bilkul sahi
हम माननें के लिए नहीं पैदा हुए हैं,हम समझने के लिए पैदा हुए हैं,
बोधों अहम् शिवोहम
जब तक लोग खुद सजग होके अपने को बेहतर नही होना चाहते तब तक बेईमानी ही होगी
भक्ति का अर्थ होता है कि अहम् को आत्मा से प्रेम हो गया है, प्रेम मार्ग होता है भक्ति मार्ग
हम नहीं सुधारें गे जी , हजारों साल गुलाम रहें लेकिन एक बात है हम अपनो से नही झुकते है।
जानना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, जो जान गया वो भाग नहीं सकता , भागा सिर्फ नींद में जा सकता है ✨️
🙏🏻🙏🏻♥️
आचार्य जी ने एक बात कही हे
जहां गंदगी हे वहा तुम या तो रुक के उसका मजा लेने लगो या गंदगी को साफ करो चाहे कितनी भी तकलीफ मिले ❤❤❤
आज भारत में वही काम आचार्य जी कर रहे ही सफाई का 🎉🎉🎉🎉🎉 ❤❤❤
🌸मनुष्य की पहचान उसकी देह से नहीं, उसकी चेतना से होती है।🌸
भारत को विश्व गुरु बनने में सबसे बडी बाधा यहां की लचर भ्रष्ट न्याय व्यवस्था के अलावा और कुछ नहीं।
भारत के लिए तीसरी आंख हैं आचार्य जी
धर्म का अर्थ होता है जिज्ञासा करना न की झुक जाना।❤
प्रणाम आचार्य श्री।😌
Jab tak januga nahi tabtak manuga nahi ye hi dharam hai❤
हमें जिज्ञासा मूलक संस्कृति चाहिए ।
जहां कोई भी बात समझाकर बोली जाए।
जहां विद्यालयों में बच्चों का मूल्यांकन उनके उत्तरों से नहीं उनके प्रश्नों से किया जाए। ऐसी संस्कृति चाहिए।
🎉
🌴®⛎🌴♓
Behtareen ❤
जब तक जानूँगी नहीं तब तक करूंगी नहीं चाहे वो खुद के शरीर का आदेश हो या किसी बाहर वाले का।
जब तक जानूंगा नही,तब तक करूंगा नही यही धर्म है Ap sir 🙏😇😇
*जो तुम्हें देह समझेगा, वो रोज़ तुम्हें माँस समझ कर नोचेगा।*
आत्मज्ञान के बिना धार्मिकता नही हो सकती। धर्म का अर्थ है जानना, झुकना नही।हमें जिज्ञासामूलक संस्कृति की जरूरत है।🙏❤️
धर्म के केंद्र में जिज्ञासा है। जो सवाल नही कर सकता वो धार्मिक नही हो सकता।
जहा संघर्ष है वही तो काबिलियत का पता चलता है 🙏🙏
👉धर्म का अर्थ है अहम को मुक्ति की ओर ले जाना
👉भक्ति : अहम को आत्मा से प्यार हो गया।
👉और प्रेम तब तक नहीं हो सकता जब तक आप अपने आपको नहीं जानते।
👉भक्ति माने I Love You. पहले आई को तो जान लो, तब प्रेम होगा न।
सभी दर्शक को विनंती है आचार्य प्रशांत जी के विङीयो मे जो सिध्दांतीक वाक्य और सुञ गुढ बाते कमेंट मे लिखा करे धन्यवाद
" जो सवाल नहीं कर सकता , वो धार्मिक नहीं हो सकता "
- आचार्य प्रशांत🪔🪔🪔
स्वयं नहीं जानता कि सामने जो मनुष्य खड़ा हैं चेतना के रूप में वह सर्वप्रथम एक मनुष्य है स्त्री बाद में है, और मनुष्य की पहचान उसकी देह से नहीं होती है उसकी चेतना से है,
We live in a country where our biggest achievement is to leave it.
😢😢😢😢😢😢😢😢
सौ में से निंन्यानबे बेईमान, फिरभी मेरा भारत महान, सूंवर दलदल में रेहता हैं गंदी चीजे खाता है फिरभी वही रेहना पसंद करता है --
डॉक्टर साहब ने बतौर अर्जुन बहुत अच्छा सवाल किया।
जहां संघर्ष है , वहीं तो अपनी काबिलियत दिखाने का मौका है
धन्यवाद आचार्य जी 🙏🙏🙏🔥
धर्म का तो अर्थ है अहं को मुक्ति की ओर ले जाना।
अहं को जानते नहीं तो तुम धार्मिक कैसे हो गए?
अहं मरीज़ है, मुक्ति स्वास्थ्य है।
-आचार्य प्रशांत
जब तक जानूंगा नहीं तब तक करूंगा नहीं यही धर्म है ❤ धन्यवाद आचार्य जी
❤
जब जानूंगा नही तब तक मानूंगा नही यही विज्ञान है।
भारत में रोगी ज्यादा हैं , इसलिए आपलोगों जैसे अपने क्षेत्र में योग्य हैं कुछ कर पाने लायक हैं तो अगर दया बस यहां भारत में रुकते हैं तो यह बहुत बहुत आभार रहेगा यह बीमार देश ।
यहां पढ़े लिखे लोग भी आप की बात समझ नहीं पा रहे हैं यह अफसोस की बात है ।
ज्ञानी मार्गी ही धार्मिक हो सकता है मगर लोग ज्ञानी मार्गी से बहुत दूर भागते और डरते है।
संस्कृति हमे चाहिए जो जिज्ञासा पर आधारित हो ✨️
जहां उन प्रश्नों के उत्तर भी दिए जाएं जो प्रश्न पूछे ही नहीं गए ✨️
जहाँ बच्चों का मूल्यांकन उनके उत्तरों से ज्यादा उनके सवालों पर किया जाय ✨️
🙏🏻🙏🏻♥️♥️💐
Nice 💡
I Love You
मैं (अहम) तुम(आत्मा) से प्रेम करता है।
केवल ज्ञानी ही प्रेम कर सकता है बाकी तो केवल प्रेम का स्वांग करता है मूल मे कामना रहता है ।
आचार्य जी सादर प्रणाम, डॉक्टर जी ने बहुत अच्छे मुद्दे को उठाया, आज चाटुकारिता,मिलावट सब जगहों पर है। और जड़ता हावी है। क्या होगा इस देश का?...
Kyuki anpadh jayda hain 😂😂😂..
जिस देश का नागरिक कायर की तरह सुखभोगने की चाहत मे विदेश भागना चाहता हो!थू उसकी सोच पर!देश के लिए कुर्बान होने का जज्बा न हो ऐसे मुर्दो को देश में पैदा होने का हक नही 🤫
भारत देश में आप जैसे लोगो की बहुत जरुरत है 🙏🙏🙏🙏🙏
जब से आचार्य जी के गीता सत्र जुरा हूँ तब से, बहुत सारे समस्याओं का समाधान हो गया, धन्यवाद आचार्य जी ❤🙏
जिंदगी को नई दिशा दे दी सर आपने
Same ❤👍
मेरा तो यही मानना " उजाले (प्रकाश) की आवश्यकता वहीं होता जहां अंधेरा होता है।
Swarthy is duniya me aisi mahan hastiyo ko koti koti 🙏
ऐसा समाज जहाँ पर शिक्षित लोग पंडित के पास जाते हैं... कुंडली लेकर वो बताते हैं कि भविष्य कैसा होगा..वहाँ पर ज्ञान की बात करना मुर्खता ही है
हमें कहानी संघर्ष वाली अच्छी लगती है।
लेकिन, अपना जीवन नहीं।
संघर्ष ही जीवन है।
कितनी प्यारी बात है।
प्रणाम आचार्य जी।
❤❤❤❤
Desh ke har school college me apke jaisa teacher hona chahiye 😊
तर्क में बाते, चेहरे पर तेज, शब्दों का ना दोहराव, ज्ञान के समुंदर, आज के समय के स्वामी विवेकानन्द प्रणाम आचार्य जी🙏🙏🙏
Dr. Sahab ka prashan itna sahi hai ke acharya ji ko bhi koi steek uttar Dena mushkil jo gya. Yeh haal hai ab Bharat ka....log reh rahe hain par nark bhog rahe hain.
❤❤❤
जाना है तो जिऊँगा,
ये होता है ज्ञान !
~आचार्य प्रशांत
Once this happened, during our trip to Hampi with friends, we met an amazing French couple. The woman, who was 50, looked much younger, maybe 35, and her husband, 63, seemed younger too, like he was in his 40s. We were curious about them, so we started talking. We found out she's a teacher in France, and he's a doctor. When we asked about their family, they said they had 7 kids. We were surprised and asked if they were all their own kids. They smiled and told us they chose not to have their own kids, but instead adopted orphaned children to give them love, care, and education. We asked why they didn't have their own kids, especially since they could afford it. They explained that they believe in adoption and giving orphaned kids a good life. Their words made us realize how different our beliefs were. They inspired us with their kindness towards orphaned children, Especially in a country like India, where many people exploit other people's children, harbor jealousy towards others' success, and prioritize only their own children's future, their selflessness made us feel both happy and ashamed of our society's selfishness.
Dr sahab aap se poori tarah sahmat hoon lekin sharm aati hai ki aap jaise sensitive aur educated logon ki bhi aisi durdashaa hai iss desh me
धर्म वह नही जो आपको ही आपसे अलग करता हो।
धर्म वह है जो आपको ही आपसे मिला दे।
मैं पंजाब से सम्बंधित हूँ। मैं और मेरा परिवार सिख धर्म से जुड़ा हुआ है। आचार्य जी को पिछले एक दो साल से सुन रहा हूं। इनकी बात कभी किसी भी धर्म, संप्रदाय जा जाती विशेष को कट्टर नहीं बनती न ही कभी किसी धर्म जा समुदाय के ख़िलाफ़ नफ़रत की बयानबाजी करने वाली होती है। आचार्य जी हमेशा practical और logic के साथ बात करते हैं। ऐसे वीर पुरुष देश जा कौम में बहुर कम होते हैं। जो चारों ओर से दबाव को आपने ऊपर झेल कर भी देश के युवाओं को उनके फर्ज, उनके समाज के लिए कुछ करने को प्रेरित करते हैं।
जो समझता है वह कभी अपने शरीर का गुलाम नहीं बनेगा, जो समझता है वह कभी भी अपने मानसिक वृत्तियों का गुलाम नहीं बनेगा, जो नहीं समझता है वह अधिक से अधिक दमन कर पायेगा
धर्म का मतलब ही होता है जानना।किसी भी चीज को मान लेना ही धर्म नहीं होता।जानने में अहंकार को चोट लगती है,पर उसी चोट की वजह से जाना जा सकता है,और मान्यता में कभी कोई संघर्ष नही होता,लेकिन फिर उसमे सिर्फ मान्यताओं की गुलामी करनी पड़ती है,और जीवन सिर्फ ऐसे ही बीत जाता है।
Hamare Bharat Ratna to Shri Acharya Prashant ji he.
गगन दमामा बाजिया, पड़े निसाने घाव। खेत बुहारे सूरमा, मोहे मरण का चाव ॥
☝🏼- संत कबीर
Acharyaji is a blessing to mankind. Acharya ji ko Koti-Koti Naman 🙏🙏🙏
क्षमा किजिए आचार्य जी मेरे भारत से सुंदर अन्य कोई स्थान हो ही नहीं सकता भगवान श्री कृष्ण ने भी अर्जुन को भागने से मना किया था
मेरा आप लोगो से निवेदन है हम लोग आचार्य जी को सुनते है इनको मानते है इसका मतलब है की आचार्य जी जो कुछ कर थे है उसका हिस्सा हम बन सकते है आप लोग भी सबको भी तो lge जिसको आप समझा सकते है आपके घर में भी कोई जो सकता है आपके रिस्तदार हो सकते है कृपया आप लोग जरूर समझाए तभी हम लोगो भारत को एक अच्छा रास्ते पर ला सकते है धन्यवाद।।
PRASHANT JEE, BHARAT MEIN DHARM EK DHANDHA BAN CHUKA HAI !! AB KABIR TO AYEN GE NAHI !! AAP JAISE LOGON SE HEE AASHA HAI !!
Doctor sahab, you have echoed my feelings. Myself MS, PhD from states and 5 years work experience Canada. I too returned to India with intention of serving people but looks like heavy degradation in human values and lack of civic sense. Corruption is pervading every where
Yes brother
The path is tough
I too want to do something but is constantly bogged down by the sheer magnitude of it
The only way out seems to be to let go of any expectation of success and just do the right thing and devote your life to it
नफरत नही प्यार बाटों ❤❤
तन के लिए byayaam मन के लिए अध्यात्म
Wo admi ne sahi kaha . Hamare desh ke logo ka mentality ekdam sa khatam ho chuka hai or😢 ye kabhi v thik na hopaiga this is reality.
नींद, चैन खत्म हो गया है
पता नही मेरे साथ ही है या❤🙏
Acharya ji mere bacho ne apne pita kai abhav mai aaker mera tiyag kar diya ....
आज नवरात्रि का पहला दिन है, रोज की तरह आज भी सुबह तैयार होकर नाश्ता बनाते और करते हुए आचार्य जी को सुना।🙏🏻
09/04/2024 Tuesday 07:15AM
बहुत सुंदर, क्या आप गीता सत्रों से जुड़े हो।
उसे ज़िन्दगी और ज़िन्दगी के बीच
कम से कम फासला
रखते हुए जीना था
यही वजह थी कि वह
एक की निगाह में हीरा आदमी था
तो दूसरी निगाह में
कमीना था- एक बात साफ थी
उसकी हर आदत
दुनिया के व्याकरण के खिलाफ थी- धूमिल😊
❤❤
मेरा जीवन है, वही होगा जो सही है, वो नही जो होता है🙏🙏🙏
शत् शत् नमन आचार्य श्री🙏🙏🙏
बहुत ही दुख की बात है हमीं सभी लोगो ने अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अपने पर्यावरण अपना भोजन अपना जल अपनी वायु सब कुछ नष्ट कर रहे है आने वाले समय में अपनी पीढ़ियों को क्या देकर जाओ ghe सभी लोग भाई ने कहा मैं उससे सहमत नही भागना सलूसन नई यदि हमने बिगड़ा तो हमे ही सुधारना पड़ेगा भागने से कान नही चलेगा
मेरे पापा कहते थे,कार्य कठिन है इसलिए करने योग्य है ,
अरे वह
❤❤
Long Live INDIAN Democracy
बात सही है कही आचार्य जी ने कि अगर आप ज्ञान की बात करो तो लोग गुस्सा हो जाते हैं
माननीय आचार्य जी मेरी उम्र 18 वर्ष है और मैं आपकी हर बात समझ सकता हूँ , मैं आपका बहुत बहुत 🙏🙏🙏🙏 आभार व्यक्त करता हूं
भविष्यद्वक्ताओं ने सभी पीड़ाओं को स्वीकार किया और उस पर भरोसा किया। क्योंकि जल कभी आग से नहीं डरता।”
आचार्य जी को सादर प्रणाम 🙏🏼🕊️
jahan jahan mujhe jarurat hui acharaya prashant sir waha waha sath khade hue. Thanku Sir.
Great Line - You should follow what is right not what is common and accepted.
हम लोग बड़ा दिखने के लिए परेशान है बनने के लिए नहीं ।गाड़ी भी लेते है अपनी आवश्यकतानुसार नही पड़ोसियों की देख कर।
Logo ke sawal sun kar lagta hai ki duniya mein kitna dukh hai
बोध अहम ही धर्म है 🕉️💚🙏
हम जानने समझने और लड़ने के लिए पैदा हुए हैं भोगने के लिए नहीं हुए हैं।
शिक्षा का कार्य व्यक्ति को गहनता से सोचना और आलोचनात्मक ढंग से सोचना - सिखाना है। बुद्धि और चरित्र - यही सच्ची शिक्षा का लक्ष्य है।
भागने से क्या होगा? आप जैसे लोग भाग जाएं तो सुधारेगा कौन?
आचार्य जी इस युग के संत हैं।🙏सभी लोग केवल सुने नहीं,जीवन में भी उतारें,तभी फ़ायदा होगा।
यथा संभव दान💸 करें।🫵कौन-कौन चाहता है आचार्य जी का चैनल 100✓Milion का हो।🥰
Jitni desh m population hoga utna hi struggle aur dukh hoga..
बाबा साहेब आंबेडकर के आगे शीश झकाना मेरे मन का रोम रोम खिल जाता है।
आपके विचार बाबा साहेब आंबेडकर से मिलते जुलते है इसलिए आप भी मेरे आदर्श है।
Jai bheem jai sambhidhan 🙏
Baba saheb ne desh ki azadi ke liye Kiya kya tha yaha hindustan.me bhagat singh chandrashekhar azad kurbani de rahe the aur ambedkar England me angrezo ka case Ladd rahe the.bakwash Matt kiya karo
जिसको जानने में रूचि नहीं होती है सिर्फ जो सुन लिया उसे मान लिया वह व्यक्ति एक चलती फिरती लाश है, जिज्ञासु होना ही हमारे जीने होने का प्रमाण है 🙏🙏🙏🙏