Dada Ji Thari Sigdi Me । Dada ji Maharaj Bhajan । Dharnidhar & Vandna Dadhich । Akharamji Parsneu
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- Опубліковано 10 лют 2025
- Dada Ji Thari Sigdi Me । Dharnidhar & Vandna Dadhich । Dada ji Maharaj Bhajan । Akharamji parsneu
गायक• धरणीधर दाधीच & वंन्दना दाधीच
इस चैनल का उद्देश्य केवल दादा जी अखाराम जी के भजन भक्तो तक इंटरनेट पर आसान तरीके से पहुचाना है (यह चैनल दादा जी अखाराम जी को समर्पित है)
~Lyrics~
थारो धूप रहो गरणाय, दादोजी थारी सिगड़ी में ।
थारो धूप रहो गरणाय, पलोड़राजा सिगड़ी में ।।
1. कंठोड़ तो बाजा दादा बाजिया,
कोई कंठोड़ में गोरेयां रे निशान,
दादोजी थारी सिगड़ी में
2. परसाण तो बाजा दादा बाजीया,
कोई छापर गोरेयां रे निशान,
दादोजी थारी सिगड़ी में
3. कुण तो चिणायो दादा देवरों,
कोई कुणा ने दिराई गज नींव,
दादोजी थारी सिगड़ी में
4. पोता चिणायो दादा देवरों,
कोई पोता दिराई गज नींव,
दादोजी थारी सिगड़ी में
5. दुरा र देश रा आव जातरी
देव देव गठजोड़ा री जात
दादोजी थारी सिगड़ी में
6. कित लख आवे दादा बांझड़ी,
कोई कित लख बाळुडा की माय,
दादोजी थारी सिगड़ी में
7. नव लख आवे दादा बांझड़ी,
कोई दस लख बाळुडा की माय,
दादोजी थारी सिगड़ी में
8. कांई धन मांगे दादा बांझड़ी,
कोई कांई धन बाळुडा क माय,
दादोजी थारी सिगड़ी में
9. पुत्रज मांगे दादा बांझड़ी,
कोई अन्न धन्न बाळुडा की माय,
दादोजी थारी सिगड़ी में
10. पुत्र जे हिंड दादा पालण,
कोई अन्न धन्न भर्या ह भंडार,
दादोजी थारी सिगड़ी में
11. पुत्र तो दीज्यो दादा बांझड़ी,
कोई अन्न धन्न बाळुडा की माय,
दादोजी थारी सिगड़ी में
12. रूपया चढ़ावे दादा रोकड़ा,
कोई ल्याव ल्याव लाडूड़ा रा थाळ,
दादोजी थारी सिगड़ी में
13. चढ़न चढ़ाव दादा चूरमु,
कोई नारेळां की हुवे रे बोछाड,
दादोजी थारी सिगड़ी में
14. पांच्यु तो अँधेरी दादा धोक्स्यां,
कोई लुळ-लुळ लागां थारे पाँव,
दादोजी थारी सिगड़ी में
15. पेरण न पीताम्बर दादा धोतिया,
कोई माथे रेशम रो रुमाल,
दादोजी थारी सिगडी में
16. गले में जनेऊ दादा रेशमी,
कोई केसर तिलक लिलाड़,
दादोजी थारी सिगड़ी में
17. पगां में खडाऊ दादा काठ की,
कोई चिम्पटो रतन जड़ाव,
दादोजी थारी सिगडी में
18. हरिया हिरा की सोवे राखड़ी,
कोई केसर तिलक लिलाट,
दादोजी थारी सिगड़ी में
19. ऊँचे हिन्ड पर हर का बेषणा,
कोई दुधड़ला पखारू हर पांव,
दादोजी थारी सिगड़ी में
20. पोता की बढ़ज्यो दादा बेलड़ी,
कोई सेवका की इब छल राख,
दादोजी थारी सिगडी में
21. चूल्हा तो चाकी दादा थे फिरो,
कोई बहु रे बेट्याँ की रिछपाल,
दादोजी थारी सिगड़ी में
22. म्हे थारी गांवा दादा छांवली,
कोई सींवर्या हाजर होय,
दादोजी थारी सिगड़ी में
23. थे म्हारी आशा मनसा पूरज्यो,
थे करो म्हारी शक्ति को बढ़ाव,
दादोजी थारी सिगड़ी में
24. थारी तो आंख्या दादा च्यनणो,
कोई म्हारोड़ी घोर अंधेर,
दादोजी थारी सिगड़ी में
25. देशां परदेशा दादा थे फिरो,
कोई पोता की राखो रिछपाल,
दादोजी थारी सिगड़ी में
26. पोता थारा दादा वीनव्
कोई पोता की राखो रीछपाल
दादोजी थारी सिगड़ी में
हरजीरामजी का छावा,
भलाई जीवु बाईसा का बीरा
साँची संकळयी सारे देश म
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Jay dada ki❤❤❤❤❤😊😊👏🏻👏🏻👏🏻
जय दादा की💐
ॐ💐
ॐ गणेशाय नमः🎉❤
Jai shree dadaji ki
ॐ अक्षय नमः🎉
Jay Dada ki
श्री दादाजी अखाराम चालीसा
।।दोहा।।
अक्षय तेरा कोष है,
अक्षय तेरा नाम।
अक्षय पलकें खोल दे,
अक्षय दे वरदान।
।।चौपाई।।
जय अक्षय हरजी सुत देवा।
शीश नवायें, करते सेवा।।1।।
जय मारुति सेवक सुखदायक।
जय जय जय अंजनि सुत पायक।।2।।
जय जय संत शिरोमणि दाता। जय जीवू बाई के भ्राता।।3।।
जय हरजी सुत कीरति पावन। त्रिभुवन यश सब शोक नसावन।।4।।
जय हनुमत चरणों के दासा। पूर्ण करो सब मन की आशा।।5।।
जय तुम कींकर महावीर का।
सरजीवन है किया नीर का।।6।।
जय तुम पौत्रवंश सुखदायक। महावीर सेवक कुलनायक।।7।।
संवत पन्द्रह सौ पचास में। भादव बदी पंचमी प्रात: में ।।8।।
परसाणें से नाम ग्राम में । जन्मे प्रभुजी धरा धाम में।।9।।
कृष्ण पक्ष शुभ घड़ी लग्न में। लियो जन्म हरजी आंगन में ।।10।।
नाम दिया पिता ने अक्षा। सुमिरन से करते हो रक्षा।।11।।
सरल नाम तव अखाराम है। करते सुमिरन सुबह शाम है।।12।
दिव्य ललाट केशर का टीका । कटी पीताम्बर सोहे निका।।13।।
हाथ छड़ी गल माला सोहे। पंचरंग पाग भक्त मन मोहे।।14।।
सुन्दर राजे गले जनेऊ। रेशम जामा, पगां खड़ाऊँ ।।15।।
छड़ी चिमटा है विष हर्ता। दुखित जनों के पालन कर्ता ।।16।।
तांती और भभूति नीकी। दलन रोग भव मुरि अमीसी ।।17।।
डेरी माँई गऊ चराई।
घूणी पर नभ वाणी सुनाई ।।18।।
तपबल से कपि दर्शन पाया।
मूरत ले परसाणे आया ।।19।।
भानु दिशा मुख बजरंग कीन्हा। ध्रुव दिश देवल तुमको दीन्हा ।।20।।
सन्मुख पीपल है बजरंग के।
हरे खेजड़ी अवगुण चित्त के ।।21।।
बेरी तरु की महिमा भारी।
कफ दोषन को टारनहारी ।।22।।
पोल एक पुरब मुख सोहे।
मंदिर छवि भक्तन मन मोहे ।।23।।
अमृत कुण्ड और धर्मशाल है। शुभ सुन्दर मन्दिर विशाल है ।।24।।
पूनम, मंगल, शनिवार है।
मंदिर दर्शन की बहार है ।।25।।
रात्रि जागरण भजन सुनावै। जो सेवक मांगे सोई पावै ।।26।।
पौत्र, प्रपौत्र, बहू सब आते। कर दर्शन सब मंगल गाते ।।27।।
श्री फल लड्डू भोग चढ़वे। मनवाँछित फल सो नर पावै ।।28।।
द्वार पितामह के जो आवे । बिन मांगे सब कुछ पा जावे ।।29।।
कृष्ण पक्ष पंचमी का मेला। कोई युगल भक्त अकेला।।30।।
दादा तेरा अमर नाम है। प्रतिपल मुख पर राम राम है ।।31।।
हुकमचंद सुत रामबगस के। विषधर गया पैर में डसके ।।32।।
रोम रोम विष मूँजा फूटा। व्याकुल भए, धीरज मन छूटा ।।33।।
जब कलवाणी दी तत्काला। जैसे तेल दिये बीच डाला ।।34।।
ऐसे काज अनेकों सारे। ते मम ते नहीं जाये उचारे ।।35।।
बैंडवा में भी आज बिराजे। अगणी गुमटी छापर राजे ।।36।।
प्रात: सांय सिगड़ी के दर्शन। तापर लक्ष्मी होती परसन ।।37।।
कर दे दादा वरद हस्त अब। अभय दान दीजे अक्षय तब ।।38।।
कीड़ कांट प्रभु रक्षा करते । भूत-प्रेत भय व्याधा हरते ।।39।।
देश विदेश जहाँ जो ध्यावे । चम्पा सुखद परम पद पावे ।।40।।
।।दोहा।।
तुम हो दया निधान प्रभु,
मैं मूरख अज्ञान।
भूल चूक सब क्षमा करो,
पौत्र वंश तव जान।।
जय श्री राम , जय हनुमान,
जय अखाराम, राधे राधे💐