🙏🙏सुंदर विद्वतापूर्ण संवाद।।जिस धरातल पर दोनों विद्वान मूर्तियों खड़ी हैं,वहां श्री लक्ष्मण जी इष्ट श्री राम जी हैं,वहीं श्री परशुराम जी महराज के इष्ट श्री श्री शिव जी हैं। यहां संवाद हो रहा है,जानने को तो सब चरित्र एक दूसरे जानते हैं।परशुराम जी के लिए,कहा गया है, पूछत जान, अजान जिमि व्यापेयु कोप शरीर।।दोनों स्वरूप अपने अपने चरित्र का निर्वाह कर रहे हैं। दोनों विद्वान मूर्तियों को प्रणाम 🙏 🙏
चलिए परशुराम का पहले कथन सहस्त्रबाहु सम सो रिपु मोरा पर टीका करिये मेरा विचार है कि यहां सहस्त्रबाहु और राम के चरित्र में विषमता है सामान्य नहीं है यदि समानता है तो सिद्ध करिए
देखिए श्रीमान जी जो मैंने पढ़ा है परशुरामी के बारे में वह सुनिये परशुरामी के मंचन से पहले की स्थिति यह थी कि हमारे यहां शैवऔर वैष्णव संप्रदाय वैचारिक भिन्नता के कारण आपस में बहुत टकराव था समाज के मनुष्यों द्वारा बहुत मंथन के बाद सीता स्वयंवर की लीला मंचन में प्रमुख परशुराम लक्ष्मण संवाद के माध्यम से यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि शैव और वैष्णव दोनों ही दोनों ही सनातन धर्म के पंथ हैं दोनों ही ईश्वर के प्रिय भक्त हैं और इसीलिए शिव भक्त परशुराम और वैष्णव श्री लखन संवाद कराया जाता है फिर शिव भक्त परशुराम वैष्णव भक्त लखन जी और श्री राम जी की परीक्षा लेकर इस बात की क्षमा याचना करते हैं की प्रभु मैं आपको पहचाना नहीं इसका पश्चाताप है अब पहचान गया हूं और राम जी भी लखन के विवाद पर क्षमा मांगते हैं तू मेरे अनुसार यह है परशुरामी का हेतु जिसके लिए परिश्रमी का मंचन पूर्व में कराया जातारहा आज के समय में परशुराम अभिनेता (डॉ सर्वेश द्विवेदी जीको छोड़कर) फिर विवादित विषय को हवा दे रहे हैं सनातन धर्म के लिए यहअच्छा नहीं
भजन न होहि यह तामस देहात। परशुराम इसी धरातल पर खड़ा है इस धरातल पर भजन दुर्लभ है जब तक यह क्रोध में रहेगा ईश्वर को पहचान ही नहीं पाएगा क्रोध जाएगा दर्शन तो होगा लेकिन पूर्वजों द्वारा नारायण के छाती में लात मारने का घमंड फिर भी रहेगा यह ब्राह्मणों में आज भी देखने को मिलता है
Shree baba banwaridas Ramlila kamety khojaphool sikandra aapka hardik swagat karti hai
Jai shree Ram
Ha ravan ram ji ka bhakt hai
खर दूसन मो सम बलवानता उन्हें को मरहि बिन भगवनता
Balvyas ji maharaj achchhe abhineta han
🙏🙏सुंदर विद्वतापूर्ण संवाद।।जिस धरातल पर दोनों विद्वान मूर्तियों खड़ी हैं,वहां श्री लक्ष्मण जी इष्ट श्री राम जी हैं,वहीं श्री परशुराम जी महराज के इष्ट श्री श्री शिव जी हैं। यहां संवाद हो रहा है,जानने को तो सब चरित्र एक दूसरे जानते हैं।परशुराम जी के लिए,कहा गया है, पूछत जान, अजान जिमि व्यापेयु कोप शरीर।।दोनों स्वरूप अपने अपने चरित्र का निर्वाह कर रहे हैं। दोनों विद्वान मूर्तियों को प्रणाम 🙏 🙏
चलिए परशुराम का पहले कथन सहस्त्रबाहु सम सो रिपु मोरा पर टीका करिये
मेरा विचार है कि यहां सहस्त्रबाहु और राम के चरित्र में विषमता है सामान्य नहीं है यदि समानता है तो सिद्ध करिए
देखिए श्रीमान जी जो मैंने पढ़ा है परशुरामी के बारे में वह सुनिये परशुरामी के मंचन से पहले की स्थिति यह थी कि हमारे यहां शैवऔर वैष्णव संप्रदाय वैचारिक भिन्नता के कारण आपस में बहुत टकराव था समाज के मनुष्यों द्वारा बहुत मंथन के बाद सीता स्वयंवर की लीला मंचन में प्रमुख परशुराम लक्ष्मण संवाद के माध्यम से यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि शैव और वैष्णव दोनों ही दोनों ही सनातन धर्म के पंथ हैं दोनों ही ईश्वर के प्रिय भक्त हैं और इसीलिए शिव भक्त परशुराम और वैष्णव श्री लखन संवाद कराया जाता है फिर शिव भक्त परशुराम वैष्णव भक्त लखन जी और श्री राम जी की परीक्षा लेकर इस बात की क्षमा याचना करते हैं की प्रभु मैं आपको पहचाना नहीं इसका पश्चाताप है अब पहचान गया हूं और राम जी भी लखन के विवाद पर क्षमा मांगते हैं तू मेरे अनुसार यह है परशुरामी का हेतु जिसके लिए परिश्रमी का मंचन पूर्व में कराया जातारहा आज के समय में परशुराम अभिनेता (डॉ सर्वेश द्विवेदी जीको छोड़कर) फिर विवादित विषय को हवा दे रहे हैं सनातन धर्म के लिए यहअच्छा नहीं
@@sushilartist4978 b. Vvx
Balvyas parsuram ji bahut sundar samvad karte hai🙏
Mene sampurn Ramayan dekhi he or ram bhakt hu or aap logo ne bhi dekhi hogi lekin parasuramji ka pahnawa kesa tha or kesa hona chahiye
भाग सात अपलोड करें
Lakhani kokha se pkad le aye aye
हा रावण राम जी का भक्त है क्याओ की रावण राम जी को भगवान् माना है
Bhajan ना होहिं यह तामाश् देहा
भजन न होहि यह तामस देहात। परशुराम इसी धरातल पर खड़ा है इस धरातल पर भजन दुर्लभ है जब तक यह क्रोध में रहेगा ईश्वर को पहचान ही नहीं पाएगा क्रोध जाएगा दर्शन तो होगा लेकिन पूर्वजों द्वारा नारायण के छाती में लात मारने का घमंड फिर भी रहेगा यह ब्राह्मणों में आज भी देखने को मिलता है
Jai Ho
Sri Lakhan Lal ji samvaad हटके krte h
Laxman galat bolta hai