आदरणीय मुंशी प्रेमचंद जी आपकी कहानियां हृदय को छू जाती हैं। आप सच में एक महान लेखक थे। आपकी कहानी समाज के असली पहलू को दर्शाती हैं। इस कहानी को देख कर स्वयं को भावुक होने पर विराम न दे सका। मैं बचपन में मुंशी प्रेमचंद जी का ये नाटक दूरशन पर देखता था। आज प्रसार भारती द्वारा पुराने दिन याद आ गए जब हम दूरदर्शन देखा करते थे। आज भी दूरदर्शन जैसा कोई नहीं।🙏
Door darshan apne aap me ek complete chenal tha Jo hame free me milta tha. 2014 k pehle,₹100,₹125 me sare chenal dekh sakte they.2014 k bad mahga hona shuru hua,ham ne TV hi dekhna band kar diya.kaun apne khoon me zahar ghole kaun apna BP badhae voh bhi kharch karke.
श्री मुंशी प्रेमचन्द जी आज भी साहित्य जगत में जीवित है और जीवित रहेंगे अमर रहेंगे वो अपनी कथाओं में ऐसी प्रेरणा देते है कि जो भी सुन या पढ़ ले उसके में में मुंशी जी उसके हृदय में स्थान बना ही लेते है उनको भाव सहित श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं
प्रेमचंद जी की कहानीयां समाज का आईना हैं जिसमे समाज का प्रतिबिंब बिलकुल सटीक हैं. गरिबोंका का शोषण ये सदियोंसे चला आ रहा हैं भले ही काल के साथ उसके तरीके बदल गये हो...
आंखों में आसूं आ गये कहानी देखकर। यथार्थवादी कथा सम्राट प्रेमचंद जी आपको नमन । कितने अच्छे तरीके से आपने छुआ-छूत प्रथा पर प्रहार किया। आप मात्र कहानीकार नहीं अपितु कहानी के माध्यम से समाज में फैली कुरीतियों के उन्मूलन कर्त्ता भी थे।।
बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर ने क्या किया है समाज के लिए, कोई कैसे भूल सकता है आज उनकी वजह से ही समाज में छुआछूत लगभग समाप्ति की ओर है। शत शत नमन बाबा साहब और मुंशी प्रेमचंद जी को 🙏🙏
Kisi ke kehne se छुआ छूत चली जाती तो आर्य समाज अंबेडकर से बहुत पहले 1875 से ही था छुआ छूत समय के साथ खत्म हुआ और होगा क्युकी अंबेडकर की सादी एक पंडित से भी हुआ था अगर वे छुआ छूत करते तो उनसे कभी सादी कभी नहीं होता,जब सारे लोगो ने चाहा तब जाके आर्टिकल 15 आया अकेले तो एक चुनाव भी nhi jit paye ambedkar,aur aaj dalito ka masiha bana fir rhe hai
मसीहा है उनकी वजह से आज sc st obc aage aaye है वरना ब्राह्मण sc st obc ka rape करता ही रहता तुम्हे संविधान पढ़ो तुम जैसे के लिए ही अंबेडकर आए है ,बहुत लोगो ने किया जाती पाती छुआ छूत लेकिन उनके जैसे कोई नही कर पाए तभी उनका नाम है
उच्च वर्ग के इस तरह के अनेकों आमानवीय व्यवहार ने निम्न वर्ग को सदियों तक दर्द और तकलीफ पहुँचाई है । आज भी समाज में इसकी झलक दिखती है । लोगों के बीच गैर बराबरी इसका एक छोटा उदाहरण मात्र है । हमें अपनी सोच बदलने की जरूरत है। सभी मनुष्य एक समान हैं । 💥
बेहद मार्मिक कहानी। यही तो प्रेमचंद की खासियत है। आम जनमानस की पीड़ा को इतना अद्भुत तरीके से शब्द देते हैं कि पढ़ने वाला डूब जाता है। नमन है आपको प्रेमचंद दादा।🙏🙏🙏
Hey bro, mujhe Lagta hai we have kind of thinking, I want to be your friend , we can express our ideas and thoughts to each other, I am kushwaha too, can we chat on any social media
"maa" maa sirf maa nahi hoti...vo ek parivaar ki aatma, rounak ,khusi ,or yodha hoti h...apne parivaar ke liye apna doodh ka bhi souda kar deti h....sabhi maa'o ko koti koti pranam.
बाबा साहब ambedkar जी का योगदान कभी नहीं भुला जा सकता है।उन्होंने ने जो समाज,राज्य,देश मे पनप रही कुप्रथा को समाप्त कर उच- नीच के बिच हो रही खाई को रौंद दिया।और समाज के सभी तबके के लोग के बिच एक समान नीति प्रारम्भ किये..। उनके योगदान तब तक नहीं भुला जा सकता है,,जब तक की सांसे चलती रहे..!! गरीबी और छुआछूत ऐसी कु वेबस्था है जो इंसान को ना जिने देती है और नहीं मरने देती है..!! अब हमलोग के सोच में परिवर्तन करने की जरूरत है,,कि गरीब के घर में जन्म लिए तो दुख की बात नहीं है।लेकिन,,गरीब बनकर मृत्यु हो जाये ये सबसे शर्मनाक की बात है...!! जय भीम,जय भारत भूमि🙏🏼🙏🏼
More than one hundred percent right. But for language limitation, he should have been held in far far higher esteem than what he got. Great miss for society as a whole. Having read Badebhai sahab, eidgaah short stories by this great, I used to enjoy telling these stories to kids and they never got tired--despite several repetitions. World is poorer without knowing his writing.
नि:शब्द कहने को कुछ शब्द नहीं सूझ रहे धन्य हैं मां सरस्वती के मुंशी, प्रेमचन्द जी और धन्य हैं यह मानव समाज जिसे प्रेमचंद जी जैसा कलम का सच्चा सिपाही मिला…😢 शत शत नमन 🙏🏻❤
पत्थर की मूर्तियां पूजते पूजते सदिया बीत गयी पर समाज के एक वर्ग का जिंदगी जानवरो से भी बत्तर था। बाबा साहब अम्बेडकर🙏 आये और हज़ारो सालो के कष्ट से छुटकारा दिलाया । एक मानव की तरह जिंदिगी जीने का हक़ दिया। असल मे बाबा साहब ही भगवान थे जो इन जैसे लोगो को उद्धार करने आये थे।नमन🙏🙏🙏
जिसे छोड़ने की लिए कहा बाबा साहब ने आपने तो एक को छोड़कर दूसरे को पकड़ लिया व कोई उद्धार नहीं कर सकता ऐसे पलटू लोगों का । बाबा साहब ने तुम्हें पत्थर की मूर्ति पूजने को मना किया । पर आज तुम उन्हींकी पत्थरकी मूर्ति को भगवान मानकर माथा टेकते हो । और सोचते हो कि वे बड़े ख़ुश होंगे🤔
lekin ye v utna bara hi saty hai adhura gyan mat rkho ambedkar wo kaise title apna rkhe unke guru jo ek brahman tha unhi ke nam par kv socho akhir q us smay wo brahman jo aaj bana ke dikhya jata waisa krta to syad baba sahab itna na padh pate whi to scholar dilwakar bahar bheje the lekin aaj smaj me fake video bana kr dikhya jata taki samaj me aasanti nadhe
आज समाज को मुंशी जी ने कहानी के माध्यम से समाज में ऊंचा नीचा रूढ़ वादिता को करारा उत्तर दिया है आज हम इसी कारण मात्र भारत तक ही सनातन धर्म सीमित रह गया है
प्रेमचंद टॉलस्टाय, दोस्तव्वास्की, शरतचंद्र और गोर्की विश्व के महानतम उपन्यासकार हैं , किंतु हमारे राजनेताओं ने प्रेमचंद और शरतचन्द्र को सम्मान नहीं दिया ।
This story tell about people that helps someone but after her death no one can see her children premchand ji story is all about true in day to day life ❤️☺️💓
मुंशी प्रेमचंद जी को कोटि कोटि नमन करते हैं जिन्होंने हमें अपने अतीत से हो बहू करवाया हम अपने गुरु एवं देवता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी को भी सत सत नमन करते हैं
"कलम का सिपाही " जब कभी भी पुस्तक में पढ़ती तो लगता कि मुंशी जी को ही क्यों कहा जाता है,परंतु जब से इनकी रचनाओं से सामना हुआ है, लगने लगा है कि इनसे अच्छा सिपाही कोई हो ही नहीं सकता। इनकी कहानियां मन को झकझोर के रख देती हैं 😢❤
प्रेमचंद जी ऐसे लेखक है जिन्होंने धर्म को नही बल्कि इंसानियत को देखकर कहानी लिखी है। उनकी कहानी पढ़ते ही उस दौर में चले जाने का एहसास होता था। सारे क्लास की सिलेब्स में इनकी कहानियां अनिवार्य रूप से देना चाहिए। जिससे की हमारा समाज बदलेगा। उसमे अच्छाई के गुण आएंगे। दया की भावना जगेगी।
मैं बहुत छोटी सी थी जब इसे दूरदर्शन पे देखा था उस समय ज्यादा कुछ समझ नहीं पाई और आज जब 2022 में इसे देख रहीं हूं तो जीवन का मर्म समझ में आ रहा है.. समय के साथ लोगों के दिए गए बलिदान भी भुला दिए जाते है
धन्य है मुंशी प्रेमचंद जी आप कलम चलाते हैं लोगों की आंखों में पानी ला देते हैं गजब की लेखनी है आपकी कलम द्वारा जब भी कोई आपकी कहानी पढ़ता हूं तात्कालिक समाज के परिस्थितियों पर आधारित होता है अरे कहानी तो कहानी है पर आप असली अपनी लेखनी से आंखों के सामने साफ दृश्य झलक देते हैं दादा मुंशी प्रेमचंद को बार बार नमन😢😢😢😢👏
Poverty made by Humans not by God because God give RIVERS, AGRUCULTURE LAND, fresh Air, FRUITS VEGETABLES RICE PULSES . But HUMANS NOT DISTRIBUTED THINGS EQUALLY that’s WHY POVERTY EXISTS JAI HIND
@@jyotigautam4504 read geography more and more ,read about interstellar bodies about which even science lacks evidence There is GOD who is controlling everything And we humans made this earth unhealthy bybour deeds Castism is a curse Let's pledge together to hang every casteist
मेरा प्रणाम मुंशी प्रेमचन्द जी को, अशेष प्रेम इसको फिल्मांकन करने वाली पूरी टीम को, और अत्यंत धन्यवाद उनकी कहानियों को हमें प्रस्तुत करने के लिऐ प्रसार भारती का ❤❤❤
मैं ऐसी कहानी देख-देख के ऐसे रो रही कि मेरी आँखे सूज जा रही 😭।एक भी क्षण ऐसा नही हैं जहां आशु रुक जाए।मेरे घर वाले जान जाए तो इसे देखने ही न दे😄।इतना दर्द ,दुःख इसके बाद भी लोगों की आँखे नही खुलती,और गरीबों को सताते रहते हैं।
समाज व्यवस्था का कटू सत्य सामने लाकर प्रेमचंद जी ने बहुत बडा काम किया है.समाज में सुधार होनेकी आवश्यकता है.धन्यवाद..प्रेमचंद जी को सादर प्रणाम .धन्यवाद
Munsi Premchand ka namaste isiliye sabse phle aata h kahanikaro m,bhut hi achi khani h ,immotional bhi kr diya hr kisi ko aur us samay ki stithiyo ko bhi bhut ache se samsara diya ,great writer💯✌️🙏
कसम से भाई दिल भरा है यह कहानी देख कर भूत का नाम कोई नहीं चुका सकता है इस कहानी में जैसा बताया गया है लोग एहसान भूल जाते इस कहानी में इस लड़के को भी मालकिन को गोद लेना चाहिए और उसी बच्चे की तरह इसकी प्रवेश करनी चाहिए थी जैसे उसके बच्चे की कर रही तब जाकर दूध का दाम का बराबर होता
Nice story premchand jaise koi bhe writer nhi hua ha na ho payga ...jin ghamber muddo ko apni story ke bal pr unhone chuha ha aise koi bhe nhi kar paya ha
Can't stop my tears , What was the day and this was not a short period in Indian culture it is all about many centuries,,, Religion basis is curse for whole world, it produces the difference between one to another thing... Those people who told why reservation is needed for Dalits and... see the difference which changed the situation of Indian society, the race is all about of equality but unfortunately some creeds got a big start in the race of society where large part of wealth had builded by themselves .... I have more words to say but it's.....??? " Lot's of salute for premchand gg "" He is the greatest writer forever who depicts the reality of society.... 👏👏👏👏👏👏👏👏 It's all about due to upper caste who settled a mean (worst) basis to categories in different cast .... Very sad to say Indian freedom fighters' dream won't be true "" the dream of equal society, balance society """"
प्रेमचंद की सारी कहानी में ग़रीबों की ग़रीबी बहुत उकेर उकेर कर दिखाती जाती है आजकल के जमाने में ग़रीबी पर कोई कुछ बनाता है नहीं जबकी सच्ची है ग़रीबी एक
Really such a heart touching story, jarurt pr sb isemaal krte h pr kaam nikl Jane pr sb bahut jldi bhul jati ,in present past future, premchand so more experience person i think ❤️🙏
मानव जाति में जन्म लेना ईश्वर कृपा ही है परंतु हर मानव की आंसू की कीमत उतनी ही बहुमूल्य होती है जितनी की जिनके निहारने वाले, दुलारने वाले हैं । ये सच मैं टपकती आंसूओं से लिख रहा हूं मानव के रुप में स्वयं से वादा करता हूं मानव को कभी भी आंसूओं निकलने की नौबत नहीं आने दूंगा । सच बात है गरीब जन्म लेकर मर जाना पाप है परंतु बच्चा को मानव होने में समय लगता है। ये निर्दयी लोग वो समय ही नहीं आने देते कि कोई कुछ कर सके यही कारण है गरीब गरीबी के चक्र में फंसा रह जाता है । आप देंखेगें ऐसे लोग दिल के बड़े होते हैं जैसे ये बच्चा एक कुत्ता पाल रखा है मुझे बहुत पसंद है ये व्यवहार 🙏🙏🙏🙏🙏
इन लोगों के ही वंशज आज आरक्षण का विरोध करते हैं पहले के लोगों ने कितना शोषण सहा है अगर वह आज उठकर एक अच्छे इंसान बन रहे हैं तो बाबा साहब की मेहरबानी है 🙏
ज्यादातर इंसांन अपनी मुसीबत के चलते दुसरोसे मिली हुयी मदद के एहसानमंद होते है.मुसीबत हटने के बाद वो उन एहसानो को याद भी नही रखते, ये बहोत बुरी बात है....
मुझे ये कहानी काफी मार्मिक लगी..और आंसू छलक पड़े आंखों से .. भगवान किसी को ऐसा दिन न दिखाए.. और बात रही दूध के दाम की तो जिसने अपने बच्चों को भूखों रख कर किसी अन्य को दूध पिलाया हो उसका ये बलिदान और कीमत , इस संसार का कोई भी प्राणी नहीं चुका सकता और न ही चुका पाएगा ।
आदरणीय मुंशी प्रेमचंद जी आपकी कहानियां हृदय को छू जाती हैं। आप सच में एक महान लेखक थे। आपकी कहानी समाज के असली पहलू को दर्शाती हैं। इस कहानी को देख कर स्वयं को भावुक होने पर विराम न दे सका। मैं बचपन में मुंशी प्रेमचंद जी का ये नाटक दूरशन पर देखता था। आज प्रसार भारती द्वारा पुराने दिन याद आ गए जब हम दूरदर्शन देखा करते थे। आज भी दूरदर्शन जैसा कोई नहीं।🙏
Sack me
जी बिल्कुल ठीक फ़रमाया!....
Door darshan apne aap me ek complete chenal tha Jo hame free me milta tha.
2014 k pehle,₹100,₹125 me sare chenal dekh sakte they.2014 k bad mahga hona shuru hua,ham ne TV hi dekhna band kar diya.kaun apne khoon me zahar ghole kaun apna BP badhae voh bhi kharch karke.
श्री मुंशी प्रेमचन्द जी आज भी साहित्य जगत में जीवित है और जीवित रहेंगे
अमर रहेंगे
वो अपनी कथाओं में ऐसी प्रेरणा देते है कि जो भी सुन या पढ़ ले उसके में में मुंशी जी उसके हृदय में स्थान बना ही लेते है
उनको भाव सहित श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं
Loll ml
P
Ò⁹⁰
😢😅
निसंदेह ❤❤❤
100 साल पहले लिखित कहानी आज के संदर्भ मे प्रासंगिक है। यह महान कथाकार की लेखनी है। मुंशी प्रेमचंद को नमन।
कैसे इतने शोषण सहे होंगे वे लोग ! प्रेमचंद जी को कोटि कोटि धन्यवाद हमारे अतीत से हमें रूबरू कराने के लिए। हमारे पास तो शब्द ही नहीं हैं, !🙏
इस कहानी को सुनकर भी यदि मानव जीवन में परिवर्तन न हो तो वह ह्रदय नहीं पत्थर है। 😥😥😭😭
शत शत नमन 🙏🙏उस महान आत्मा को जिसने इतने सरल शब्दों में आंखों को नम कर दिए । ये ऊंच नीच जैसी विडंबना का नाश क्यों न हो रहा है..
हमारे भारत से !
प्रेमचंद जी की कहानीयां समाज का आईना हैं जिसमे समाज का प्रतिबिंब बिलकुल सटीक हैं. गरिबोंका का शोषण ये सदियोंसे चला आ रहा हैं भले ही काल के साथ उसके तरीके बदल गये हो...
आंखों में आसूं आ गये कहानी देखकर। यथार्थवादी कथा सम्राट प्रेमचंद जी आपको नमन । कितने अच्छे तरीके से आपने छुआ-छूत प्रथा पर प्रहार किया। आप मात्र कहानीकार नहीं अपितु कहानी के माध्यम से समाज में फैली कुरीतियों के उन्मूलन कर्त्ता भी थे।।
Us samay me bhi natak k madhyam se sari baat kah di....🙏🙏🙏🙏🙏
Aapki Hindi ko naman bhut acchi Hindi bolte Hain aap
Tune kabhi 1 rupya dan kiya
@@rakhisingh3714 rakhi singh
@@amitkumar-ib4qb l9o
समाज की कुरीतियों का इतने सुंदर तरीके से प्रस्तुतिकरण केवल मुंशी प्रेमचन्द की कहानियों में ही मिलता हैं
बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर ने क्या किया है समाज के लिए, कोई कैसे भूल सकता है आज उनकी वजह से ही समाज में छुआछूत लगभग समाप्ति की ओर है। शत शत नमन बाबा साहब और मुंशी प्रेमचंद जी को 🙏🙏
उनसे पहले ही समाज में सुधार होना शुरू हो गया था तो ऐसे उन समाज सुधारकों को भूल जाना सही नही।
Kisi ke kehne se छुआ छूत चली जाती तो आर्य समाज अंबेडकर से बहुत पहले 1875 से ही था छुआ छूत समय के साथ खत्म हुआ और होगा क्युकी अंबेडकर की सादी एक पंडित से भी हुआ था अगर वे छुआ छूत करते तो उनसे कभी सादी कभी नहीं होता,जब सारे लोगो ने चाहा तब जाके आर्टिकल 15 आया अकेले तो एक चुनाव भी nhi jit paye ambedkar,aur aaj dalito ka masiha bana fir rhe hai
मसीहा है उनकी वजह से आज sc st obc aage aaye है वरना ब्राह्मण sc st obc ka rape करता ही रहता तुम्हे संविधान पढ़ो तुम जैसे के लिए ही अंबेडकर आए है ,बहुत लोगो ने किया जाती पाती छुआ छूत लेकिन उनके जैसे कोई नही कर पाए तभी उनका नाम है
Aisa kuchh bhi nahi abhi bhi gaanv mein 80 percent chhuachut hai
@@himanshumaurya8852 इसीलिए तो संविधान बना है
कितनी यथार्थपरक कहानियां लिखते थे मुंशी प्रेमचंद जी, दूरदर्शन द्वारा सजीव चित्रांकण भी बहुत खूबसूरत बन पड़ा है!
Every story has a massage for the society.
उच्च वर्ग के इस तरह के अनेकों आमानवीय व्यवहार ने निम्न वर्ग को सदियों तक दर्द और तकलीफ पहुँचाई है ।
आज भी समाज में इसकी झलक दिखती है ।
लोगों के बीच गैर बराबरी इसका एक छोटा उदाहरण मात्र है ।
हमें अपनी सोच बदलने की जरूरत है।
सभी मनुष्य एक समान हैं । 💥
बेहद मार्मिक कहानी। यही तो प्रेमचंद की खासियत है। आम जनमानस की पीड़ा को इतना अद्भुत तरीके से शब्द देते हैं कि पढ़ने वाला डूब जाता है। नमन है आपको प्रेमचंद दादा।🙏🙏🙏
Hey bro, mujhe Lagta hai we have kind of thinking, I want to be your friend , we can express our ideas and thoughts to each other, I am kushwaha too, can we chat on any social media
@@anshumaurya6644 Ya sure.
Thnx bro, I didn't expect that, so where can we be familiar, any social media I'd?
@@anshumaurya6644 Send me your's.
"maa" maa sirf maa nahi hoti...vo ek parivaar ki aatma, rounak ,khusi ,or yodha hoti h...apne parivaar ke liye apna doodh ka bhi souda kar deti h....sabhi maa'o ko koti koti pranam.
बाबा साहब ambedkar जी का योगदान कभी नहीं भुला जा सकता है।उन्होंने ने जो समाज,राज्य,देश मे पनप रही कुप्रथा को समाप्त कर उच- नीच के बिच हो रही खाई को रौंद दिया।और समाज के सभी तबके के लोग के बिच एक समान नीति प्रारम्भ किये..। उनके योगदान तब तक नहीं भुला जा सकता है,,जब तक की सांसे चलती रहे..!! गरीबी और छुआछूत ऐसी कु वेबस्था है जो इंसान को ना जिने देती है और नहीं मरने देती है..!!
अब हमलोग के सोच में परिवर्तन करने की जरूरत है,,कि गरीब के घर में जन्म लिए तो दुख की बात नहीं है।लेकिन,,गरीब बनकर मृत्यु हो जाये ये सबसे शर्मनाक की बात है...!! जय भीम,जय भारत भूमि🙏🏼🙏🏼
बेहतरीन कहानी, दिल को छू गया। सच मे इंसान कितने जल्दी अपने कल को भूल जाता है।
One of the greatest writers in history unfortunately because of vernacular limitations world still knows too little about this genius novelist
More than one hundred percent right.
But for language limitation, he should have been held in far far higher esteem than what he got. Great miss for society as a whole.
Having read Badebhai sahab, eidgaah short stories by this great, I used to enjoy telling these stories to kids and they never got tired--despite several repetitions.
World is poorer without knowing his writing.
नि:शब्द कहने को कुछ शब्द नहीं सूझ रहे
धन्य हैं मां सरस्वती के मुंशी, प्रेमचन्द जी और धन्य हैं यह मानव समाज जिसे प्रेमचंद जी जैसा कलम का सच्चा सिपाही मिला…😢
शत शत नमन 🙏🏻❤
पत्थर की मूर्तियां पूजते पूजते सदिया बीत गयी पर समाज के एक वर्ग का जिंदगी जानवरो से भी बत्तर था। बाबा साहब अम्बेडकर🙏 आये और हज़ारो सालो के कष्ट से छुटकारा दिलाया । एक मानव की तरह जिंदिगी जीने का हक़ दिया। असल मे बाबा साहब ही भगवान थे जो इन जैसे लोगो को उद्धार करने आये थे।नमन🙏🙏🙏
Bilkul satya
To konsa pahaad Tut gya abhi bhi ye hi hota hai ...koi dalit koi jaat koi valmiki koi bramhan bs kuch ni hota to sirf koi hindu nahi banta ...
जिसे छोड़ने की लिए कहा बाबा साहब ने आपने तो एक को छोड़कर दूसरे को पकड़ लिया व
कोई उद्धार नहीं कर सकता ऐसे पलटू लोगों का ।
बाबा साहब ने तुम्हें पत्थर की मूर्ति पूजने को मना किया ।
पर आज तुम उन्हींकी पत्थरकी मूर्ति को भगवान मानकर माथा टेकते हो ।
और सोचते हो कि वे बड़े ख़ुश होंगे🤔
बाबा साहब अमर रहे!
lekin ye v utna bara hi saty hai adhura gyan mat rkho ambedkar wo kaise title apna rkhe unke guru jo ek brahman tha unhi ke nam par kv socho akhir q us smay wo brahman jo aaj bana ke dikhya jata waisa krta to syad baba sahab itna na padh pate whi to scholar dilwakar bahar bheje the lekin aaj smaj me fake video bana kr dikhya jata taki samaj me aasanti nadhe
कथा सम्राट प्रेमचंद की कहानियाँ अमर हैं। आज भी सामयिक हैं। लगता है प्रेमचंद युगीन सामाजिक समस्याएं आज भी सामयिक हैं। जातीय समस्या ज्यों की त्यों है।
आज समाज को मुंशी जी ने कहानी के माध्यम से समाज में ऊंचा नीचा रूढ़ वादिता को करारा उत्तर दिया है
आज हम इसी कारण मात्र भारत तक ही सनातन धर्म सीमित रह गया है
प्रेमचंद टॉलस्टाय, दोस्तव्वास्की, शरतचंद्र और गोर्की विश्व के महानतम उपन्यासकार हैं , किंतु हमारे राजनेताओं ने प्रेमचंद और शरतचन्द्र को सम्मान नहीं दिया ।
शब्द कम हो पड़े है,,,,इस दस्ता का बखान करते करते,,,,🙏🏼🙏🏼 तभी तो कहा गया है,,,,जो तीर न तलवार कर से,,,,वो कमल,,,कलम बन हतियार कर सके 🙏🏼🙏🏼
महान उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित कथा दुध का दाग यथार्थ लेखन पर आधारित है । कथा दिल को झकझोर कर रख देती है। फिल्मांकन बहुत ही बढ़िया है ।
कथा सम्राट मुंशी प्रेमचन्द जी आप को नमन,🙏
प्रेमचंद्र जी ने सुन ली आपकी बात प्रभु
ईश्वर ऐसे अन्याइयों का कभी भला न करें...... मन दुखी हो गया😥
This story tell about people that helps someone but after her death no one can see her children premchand ji story is all about true in day to day life ❤️☺️💓
मुंशी प्रेमचंद जी को कोटि कोटि नमन करते हैं जिन्होंने हमें अपने अतीत से हो बहू करवाया हम अपने गुरु एवं देवता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी को भी सत सत नमन करते हैं
सर आपको कोटि कोटि नमन आपने जाति धर्म और छूआ छूत से हट कर हमें मानवता के धर्म का पथ दिखाया हैं ।
"कलम का सिपाही " जब कभी भी पुस्तक में पढ़ती तो लगता कि मुंशी जी को ही क्यों कहा जाता है,परंतु जब से इनकी रचनाओं से सामना हुआ है, लगने लगा है कि इनसे अच्छा सिपाही कोई हो ही नहीं सकता। इनकी कहानियां मन को झकझोर के रख देती हैं 😢❤
प्रेमचंद जी ऐसे लेखक है जिन्होंने धर्म को नही बल्कि इंसानियत को देखकर कहानी लिखी है। उनकी कहानी पढ़ते ही उस दौर में चले जाने का एहसास होता था।
सारे क्लास की सिलेब्स में इनकी कहानियां अनिवार्य रूप से देना चाहिए। जिससे की हमारा समाज बदलेगा। उसमे अच्छाई के गुण आएंगे। दया की भावना जगेगी।
Premchand ki zyadatar kahaniya dekhne k bad rona aa jata h😭
Mujhe bhi 😥😥😭😭
छुआछूत को समाप्ति की कगार पर लाने वाले डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी और मुंशीप्रेमचंद् जी ko शत शत नमन 🙏
A genius never celebrated or acknowledged for his extraordinary story telling because of his vernacular approach
Not true
कहानी देख कर , मन विचलित सा हो गया। निशब्द हूं प्रेमचंद जी |
It's masterpiece 😲😲😲😲 Kash hum bhi us jamane me paida hote. Abhi jo serial aate hai iske samne 👎👎👎👎 wo time chah kr bhi Kalpana nhi kr skte hum 😢😢😢😢😢
मैं बहुत छोटी सी थी जब इसे दूरदर्शन पे देखा था उस समय ज्यादा कुछ समझ नहीं पाई और आज जब 2022 में इसे देख रहीं हूं तो जीवन का मर्म समझ में आ रहा है.. समय के साथ लोगों के दिए गए बलिदान भी भुला दिए जाते है
आदरणीय मुंशी प्रेमचंद जी को शत शत 🙏🙏नमन आप अमर है और आपने समाज में फैली हुई ऊंच नीच भेदभाव को अपनी कहानियों और उपन्यास से समाज को आईना दिखाए हैं।🙏🙏🙏🙏
मुंशीजी की कहानी बहुत ही प्रेरणादायक और मर्मस्पर्शी है।
ऐसे लेखक सदी मे 1 बार आते है।
कलम के सिपाही है वो
मुंशी प्रेमचंद आर्य समाज के माननेवाले थे, इसलिए इन्होंने ऐसे ऐसे अनेकों कथाएँ लिखा.
धन्य है मुंशी प्रेमचंद जी आप कलम चलाते हैं लोगों की आंखों में पानी ला देते हैं गजब की लेखनी है आपकी कलम द्वारा जब भी कोई आपकी कहानी पढ़ता हूं तात्कालिक समाज के परिस्थितियों पर आधारित होता है अरे कहानी तो कहानी है पर आप असली अपनी लेखनी से आंखों के सामने साफ दृश्य झलक देते हैं दादा मुंशी प्रेमचंद को बार बार नमन😢😢😢😢👏
Poverty is biggest sin made by God, if he exist...
Poverty made by Humans not by God because God give RIVERS, AGRUCULTURE LAND, fresh Air, FRUITS VEGETABLES RICE PULSES . But HUMANS NOT DISTRIBUTED THINGS EQUALLY that’s WHY POVERTY EXISTS JAI HIND
God does not exist..man made theory aak thuu
@@jyotigautam4504 read geography more and more ,read about interstellar bodies about which even science lacks evidence
There is GOD who is controlling everything
And we humans made this earth unhealthy bybour deeds
Castism is a curse
Let's pledge together to hang every casteist
God never do sin or injustice..it's human who do all this n blame God...
@@jyotigautam4504 are u sure for ur statment??
मेरा प्रणाम मुंशी प्रेमचन्द जी को, अशेष प्रेम इसको फिल्मांकन करने वाली पूरी टीम को, और अत्यंत धन्यवाद उनकी कहानियों को हमें प्रस्तुत करने के लिऐ प्रसार भारती का ❤❤❤
It's awesome to hear about Jagannath Puri where there is no discrimination between touchable and untouchables..
Jay Jagannath
Jay Jagannath swami......
साउंड दिल को ❤️ टच 😭 रहा है।
साउंड वाले कलाकार को दिल से शुक्रिया 🙏।
यह कहानी हमलोग देख कर अगर खुद में बदलाव लाए तो समाज जरूर बदलेगी।
कितना दर्द है इन सच्ची कहानियो मे 😢😢😢
मैं ऐसी कहानी देख-देख के ऐसे रो रही कि मेरी आँखे सूज जा रही 😭।एक भी क्षण ऐसा नही हैं जहां आशु रुक जाए।मेरे घर वाले जान जाए तो इसे देखने ही न दे😄।इतना दर्द ,दुःख इसके बाद भी लोगों की आँखे नही खुलती,और गरीबों को सताते रहते हैं।
Same here
भाव विभोर कर देने वाला!
श्री मुंशी प्रेमचंद जी को कोटि कोटि नमन🙏
कहानी को देखकर समझ आया हमारे पूर्वजों ने कितना दुख सहा
किसी की गलती नहीं है परी परीस्थिति सब कुछ सिखा देती है
लव यू मुंशी प्रेमचंद जी❤❤
Actually Legend Writer Respected Munshi Prem Chand Ji❤ Our Bharat Ratan❤
मुंशी प्रेमचंद जी हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे मुंशी प्रेमचंद जी का एक उपन्यास पूस की रात प्रस्तुत करने की कृपा करें
UA-cam pe already h bhaiya
Upannyas nahi kahani hai
महान है मुंशी प्रेमचंद जी इनकी जगह कोई नहीं ले सकता
How people can forget legend Munshi premchand ji...
एक अलग ही खूबी है मुंशी प्रेमचंद की कहानियों में कितनी सजीव लगती है इनकी कहानियां 🧡
समाज की कुरीति का आइना ।नमन है आपको
कितनी मर्मिक कहनी है, सच में कोइ "दुध का दाम " नहीं चूका सकता । मेरे तो आंशु ही नहीं रूक रहे 😢😢
समाज व्यवस्था का कटू सत्य सामने लाकर प्रेमचंद जी ने बहुत बडा काम किया है.समाज में सुधार होनेकी आवश्यकता है.धन्यवाद..प्रेमचंद जी को सादर प्रणाम .धन्यवाद
Sawarn jatiyo ka ghor paap tha ye jo samaj ka ek kamjor pahlu ban chuka tha
Thanks to BR Ambedkar ❤
😢😢😢😢😢😢😢 maa to maa hoti hai maa ke Bina bacho ka kuch bhi nahi 😢😢😢😢😢
बहुत सुंदर
हृदय द्रवित हो गया।
So emotional .....salute to munsi premchand Ji & all the actors those who played the role ..
Munsi Premchand ka namaste isiliye sabse phle aata h kahanikaro m,bhut hi achi khani h ,immotional bhi kr diya hr kisi ko aur us samay ki stithiyo ko bhi bhut ache se samsara diya ,great writer💯✌️🙏
This story touched my heart ❤️ and also known what a valu of mother in our life ❤️❤️😣🥲
🙏🙏🙏 मुन्सी प्रेम चंद जी आप हमेशा अमर रहेंगे
Dhanyabad prasar Bharti Apki is pahal se mujhe bahut kucch help mili he ip
कसम से भाई दिल भरा है यह कहानी देख कर भूत का नाम कोई नहीं चुका सकता है इस कहानी में जैसा बताया गया है लोग एहसान भूल जाते इस कहानी में इस लड़के को भी मालकिन को गोद लेना चाहिए और उसी बच्चे की तरह इसकी प्रवेश करनी चाहिए थी जैसे उसके बच्चे की कर रही तब जाकर दूध का दाम का बराबर होता
Kitna dard hai in kahaniyon mein 😢Zaman bahut aage nikal gaya 1936 kay baad.per phir bhi Garib logon ki musibatehy khatm nahi aajtak 😢🤲✌🇮🇳💐🙏
आँखों में आंसू आ गए 😔
बच्चे ने अंतिम लाइन जो बोली दिल छू गई 😥😔😔🙏
Nice story premchand jaise koi bhe writer nhi hua ha na ho payga ...jin ghamber muddo ko apni story ke bal pr unhone chuha ha aise koi bhe nhi kar paya ha
Nice story..
Doodh ka dam to bhagwaan bhi nahi chuka paye to hum tuchh manav kis khet ki muli han 😢😢😢😢
Kalam ke jadugar ko sat sat naman 🌺🌺🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐💐🌷🌷🌷🙏🙏🙏🙏
Is serial ne mere aankho me aasu la diye ❤❤very nice serial ❤❤❤
Dr Babasaheb Ambedkar ji aur Munshi Premchand ji ko sat sat naman💙❤️🙏🙏🙏
Premchand ki samajik kahaniyon ka koi jor ni.
Can't stop my tears ,
What was the day and this was not a short period in Indian culture it is all about many centuries,,,
Religion basis is curse for whole world, it produces the difference between one to another thing...
Those people who told why reservation is needed for Dalits and... see the difference which changed the situation of Indian society, the race is all about of equality but unfortunately some creeds got a big start in the race of society where large part of wealth had builded by themselves ....
I have more words to say but it's.....???
" Lot's of salute for premchand gg ""
He is the greatest writer forever who depicts the reality of society....
👏👏👏👏👏👏👏👏
It's all about due to upper caste who settled a mean (worst) basis to categories in different cast ....
Very sad to say Indian freedom fighters' dream won't be true "" the dream of equal society, balance society """"
प्रेमचंद उस आईने के समान है जो पूरी निडरता से सत्य दिखाता है।
मुंशी जी की रचनाओं को सादर नमन🙏🙏🙏
सत्य हकीकत वास्तविकता से रूबरू करवाते हैं उनकी कहानियां
हमारे समाज में आज भी लाखों मंगल हैं।
ये जिम्मेदारी हम लोगों की है कि जो मंगल को पैदा कर रहें हैं।
मन वयथित है जै हो ऐसे साहित्यकार की बारंबार नमन मानव सेवा सबसे बड़ी सेवा है समाज को addambar se दूर रहना चाहिए
प्रेमचंद की सारी कहानी में ग़रीबों की ग़रीबी बहुत उकेर उकेर कर दिखाती जाती है आजकल के जमाने में ग़रीबी पर कोई कुछ बनाता है नहीं जबकी सच्ची है ग़रीबी एक
Because mother's are so good and kind heart ❤️😭☺️
बहुत ही मार्मिक कहानी है, रुला देने वाली है,दिल को छू लिया है
क्या बोलें यह देख कर रोना आ गया क्या समाज की कुरीतियों को वर्णन किया।
Dil ko chu lene wali hai Munshi premchand ji ki ye kahani, sach baat hai dudh ka karz koi nahi chuka sakta 😢
अमीर लोग अक्सर कृतघ्न ही होते पाऐ गए हैं।
जो मुंशी प्रेमचंद को नमन करना चाहता है वो लाइक करे
Jai shree Krishna 🙏♥️ Jai mata Tulsi 🙏♥️🫀
Really such a heart touching story, jarurt pr sb isemaal krte h pr kaam nikl Jane pr sb bahut jldi bhul jati ,in present past future, premchand so more experience person i think ❤️🙏
मानव जाति में जन्म लेना ईश्वर कृपा ही है परंतु हर मानव की आंसू की कीमत उतनी ही बहुमूल्य होती है जितनी की जिनके निहारने वाले, दुलारने वाले हैं । ये सच मैं टपकती आंसूओं से लिख रहा हूं
मानव के रुप में स्वयं से वादा करता हूं मानव को कभी भी आंसूओं निकलने की नौबत नहीं आने दूंगा ।
सच बात है गरीब जन्म लेकर मर जाना पाप है परंतु बच्चा को मानव होने में समय लगता है। ये निर्दयी लोग वो समय ही नहीं आने देते कि कोई कुछ कर सके यही कारण है गरीब गरीबी के चक्र में फंसा रह जाता है । आप देंखेगें ऐसे लोग दिल के बड़े होते हैं जैसे ये बच्चा एक कुत्ता पाल रखा है मुझे बहुत पसंद है ये व्यवहार 🙏🙏🙏🙏🙏
Sbka alg alg dhrm h... Grib ka alg amir ka alg.. Raja ka alg or prjaa ka alg.... 💐💐💐💐
मुंशी प्रेम चंद जी आज तक के सबसे शानदार लेखक है उन्होंने समझ को आईना दिखाया है
इन लोगों के ही वंशज आज आरक्षण का विरोध करते हैं
पहले के लोगों ने कितना शोषण सहा है
अगर वह आज उठकर एक अच्छे इंसान बन रहे हैं तो बाबा साहब की मेहरबानी है 🙏
Bahut bahut dhanyabad ! India needs such a program to be broadcasted ... So special thanks to baba ambedkar munshi premchand and prasar bharti
Yadi ek brahman baba sahab ko na padhta to baba kaha hote... Jai ho un brahman devta ki ❤
ज्यादातर इंसांन अपनी मुसीबत के चलते दुसरोसे मिली हुयी मदद के एहसानमंद होते है.मुसीबत हटने के बाद वो उन एहसानो को याद भी नही रखते, ये बहोत बुरी बात है....
Yes maine aisa hote hue dekha h ..
Mere saath hua hai
Munshi premchand sada amar rahenge ❤❤
One should never show kindness on such type selfish people.
If all people are same world would be a boring place mate
मुझे ये कहानी काफी मार्मिक लगी..और आंसू छलक पड़े आंखों से .. भगवान किसी को ऐसा दिन न दिखाए.. और बात रही दूध के दाम की तो जिसने अपने बच्चों को भूखों रख कर किसी अन्य को दूध पिलाया हो उसका ये बलिदान और कीमत , इस संसार का कोई भी प्राणी नहीं चुका सकता और न ही चुका पाएगा ।
Vaaha re bhartiye samaaj doodh pi sakte ho per chu nahi sakte dhanye hai munshi Premchand ji 🙏🙏🌹