पहाड़ों से रिसने वाले पानी को पीने के लिए मजबूर हैं यहां के आदिवासी Water crisis || Tribal || Bastar

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  • Опубліковано 9 вер 2024
  • बस्तर के ये आदिवासी पहाड़ों से रिसकर आने वाले पानी को छानकर पीने के लिए मजबूर हैं. इन्हें पानी लेने के लिए लगभग एक किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. बस्तर के चित्रकोट ब्लॉक के कुछ गाँव में आज भी सैकड़ों की संख्या में ये आदिवासी ये पानी पीने को मजबूर हैं.
    पहाड़ों का पानी एक गड्ढे में रिसकर एकत्रित होता है. आदिवासी महिलाएं यहाँ खुद भी नहाती और बच्चों को नहलाती हैं, बर्तन और कपड़े भी धुलती हैं ताकि इन्हें घर पर सिर्फ पीने का पानी लेकर जाना पड़े. कुछ साल पहले यहाँ सरकारी टंकी लगी और बोरबेल भी लगाया गया लेकिन उसका लाभ यहाँ के ग्रामीणों को कुछ दिन ही मिला. पीने के पानी की जिस क्षेत्र में समस्या है यह एक नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं. नक्सल के नाम पर इन क्षेत्रों के लिए करोड़ो रुपए का बजट आता है . इस बजट से यहाँ के आदिवासियों को कितना लाभ मिल पाता है ये आप इस वीडियो को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं.
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