- ज्यों जानो त्यों रखो, धनी तुम्हारी मैं । ए केहेने को भि ना कछू, कहा कहुं तुमसे ।।१।। कछु कछु दिलमे उपजत, सो भी तुमहीं उपजावत । दिल बाहेर भीतर अंतर, सब तुम हीं हक जानत।।२।। जानो तो राजी राखो, जानो तो दलगीर । या पाक करो हादीपना, या बैठाओ माहें तकसीर ।।३८।। महामत कहे मैं हक की, खोले मगज मुसाफ कलाम । और हक कलाम कौन खोल सके, जो मिले चौदे तबक तमाम ।।५८।।
कोटि कोटि प्रेम प्रणामजी सुंदरसाथजी 🙏
बहुत सुन्दर विधि जी
अति भाव पूर्ण वाणी गायन ❤
ज्यो जानो त्यो रखो…
बहुत प्यार भरे सुर में धनी के प्रति समर्पण भाव में वाणी गायन किया है ❤🙇🏻💞🫡🌸💞
❤❤❤ ati sundar bhav ❤❤❤
Atti sundar
भाव पूर्ण गायन अति सुन्दर साथ जी 💞💞🙏🏻🙏🏻
अती सुन्दर प्रेम प्रणाम जी🌹🌹🙏🙏🙏🙏🌹🌹💗💕♥️
अति मीठी बाणी गायन❤❤
प्रेम प्रणाम जी❣️🙏❣️
जितनी बार सुनु
हर बार नयी वाइब मिलती है😍😍
Wow❤❤❤
जो जानो त्यो राखो धनि तुम्हारी मे 😌🙏🏻
अति सुंदर भाव प्रेम प्रणाम जी 🙏🏻 🙏🏻
Prnam ji 🙏🙏
Ati aanandmaye gaayan prem pranamji ❤🙏
Supab performance….ग़ज़ब की ताल मिल रही है😍🌸🌻
आनंद, बहुत मीठा भाव❤
Bohot acha ❤🎉
Ati sundar swar mein ati sundar vani gayan.♥️♥️👏👏👏🌹🌹
Soulful singing 🎉🎉🎉
❤ pernam ji sunder sath ji ki charnao me koti koti pranam ji ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Pranamji🙏🙏🙏
પ્રણામ જી 🌹🙏🌹
अति सुंदर प्रेम प्रणाम जी
Pranam ji ❤❤❤❤❤
Pram.prnam.ji.sundar.saat.ji
प्रणाम जी sundarsath जी❤❤
Prem parnam ji
VA kya gayan he
Parnam ji
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ज्यों जानो त्यों रखो, धनी तुम्हारी मैं । ए केहेने को भि ना कछू, कहा कहुं तुमसे ।।१।।
कछु कछु दिलमे उपजत, सो भी तुमहीं उपजावत । दिल बाहेर भीतर अंतर, सब तुम हीं हक जानत।।२।।
जानो तो राजी राखो, जानो तो दलगीर । या पाक करो हादीपना, या बैठाओ माहें तकसीर ।।३८।।
महामत कहे मैं हक की, खोले मगज मुसाफ कलाम । और हक कलाम कौन खोल सके, जो मिले चौदे तबक तमाम ।।५८।।
Prem pranamji 🙏❤️
Bhut Sundar koti koti Prem pranam ji 🙏❤️🙏
Soulful vaani gayan like always.❤️🌹
Prem pranam ji 🙏🏻
પ્રેમ પ્રણામજી ખુબ સુંદર
Pranam sundar sath ji.
❤❤❤❤
Heart touching bani gayan bidhiji. ❤
Prem Pranam ji
Prem pranam ji
Pranamji.....
बहुत सुंदर और मधुर वाणी गायन ।
प्रेम प्रणाम जी 🙏🙏
❤❤❤❤
Pranamji
प्रणाम जी
Bahut bahut sunder vidhi ji 🌺🌺❤️❤️🙏🙏
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤ પ્રણામ જી 🌹🌷🌹💝 ❤❤❤❤❤❤❤❤
Prem pranam ji 🙏♥️
Prem pranam ji🙏🙏