Purano mei likh dete h..bhagwat mei bata dete h..but north India mei it was shiv only since ancient times . South india linked Vishnu concept with Krishna and ram
@@himanshumadhan6376 विष्णु मतलब परमेश्वर, और परम ईश्वर नारायण या विष्णु के अलावा सब सिर्फ देव हैं लेकिन मेरे नारायण तो देवो के देव महादेव का भी ईश्वर है। इसीलिए जब समस्त संसार का विनाश होता है तब ब्रह्मा नहीं होता है और न ही महादेव होता है, उस समय केवल परमेश्वर नारायण और उनके उद्गम सदाशिव होते हैं और माता आदि शक्ति महा लक्ष्मी अपने परब्रह्म नारायण रूप में होती हैं। समझे?
परम ब्रम्ह ही भगवान सदा शिव कहलाये तब परम ब्रम्ह रुपी सदा शिव ने शक्ति स्वरुपा जगत जननी माँ अम्बिका को प्रकत किया। तब इसी परम ब्रह्म रुपी सदा शिव और अम्बिका से ब्रह्मा, विष्णु और महेश की उत्पत्ति हुयी। ब्रह्मज्ञान से अधिक महत्वपूर्ण और कोई अन्य ज्ञान नहीं है!
Are ha bhai mai bhi yahi Manta hu lekin vo jaydutta sali bholenath ko madarchod kahti hai uski maa bahan pe utar gaya mai agar bholenath nahi to ye sansar nahi aur to aur vo visnu bhi nahi
My Father is Shiva, My Mother is Devi Parvati, My God is Sri Hari Narayana, My Friend, my soul and my heart is Sri Krishna, My Protector is Ganesha and Hanuman, My Teacher is Ma Saraswati, and my source of material and spiritual happiness is Ma Lakshmi. 🙏🙏
@@harshakkk Lord Vishnu is Everything because he doesn't represent *nothingness* as Shiva... Lord Shiva is Nothing. Vishnu created everyone and everything 😂 Lord Brahma created the world and Lord Narayana created both Lord Bramha and SadaShiva.... Jiska na koi adi hai na anant woh sirf Parmeshwar Narayana hai 🙏
@@harshakkk Almighty God Vishnu is the one who gave us Shri Rama, Krishna, Parshuram, etc. Shiva gave us nothing. Always remember that before commenting.
@@harshakkk Almighty God Vishnu is the one who gave us Shri Rama, Krishna, Parshuram, etc. Shiva gave us nothing. Always remember that before commenting.
@@jaydutta7711 Shiva poison Piya Sansar ke liye Shiva Sansar ke liya Mata Adishakti ku apne se alag kiya aur bhi bahut hai tu gin payega Shiva woh sab kiya hai Sansar ke liye, Vishnu gave us nothing 😂
Dono ek hee h.. Shiv ji ne piya bcoz shree vishnu kurma avatar mein thee... Jb laxmi maata samundra manthn se ayi toh raksh ne kaha ki voh unke manthan se ayi h, un pr unka adhikar h but.. Kyuki bhwan vishnu kurma avatar mein thee toh unka bhi mantahn mein participate krna pada taki laxmi ji unko choose kre.. Ab raksh yeh nhi keh sakte ki vishnu ji ne manthan ke time koi shram nahi kia.. Unka bhi hath tha mantan mein isliye vishnu ji ke alawa shiv ji hee bache jo vish pee sakte h..
❣️ JAGATPITA ❣️ DEVADHIDEV ❣️ MAHADEV ❣️ OR ❣️ JAGAT 🔱 JANANI ❣️ MAA ❣️ PARVATI ❣️ KI ❣️ JAY ❣️ HAR 🔱 HAR ❣️ MAHADEV ❣️ JAI ❣️ MAA ❣️ ADISHAKTI ❣️ MAA 🔱 PARVATI ❣️🔱
@@Rahulzdas63 Almighty God Vishnu is the one who gave us Shri Rama, Krishna, Parshuram, etc. Shiva gave us nothing. Always remember that before commenting.
@@jaydutta7711 Shiva poison Piya Sansar ke liye Shiva Sansar ke liya Mata Adishakti ku apne se alag kiya aur bhi bahut hai tu gin payega Shiva woh sab kiya hai Sansar ke liye, Vishnu gave us nothing 😂
लौकिक बात ये है कि भोलेनाथ संघार के देव हैं और विष संघार का साधन इसलिए विष पर भोलेनाथ का ही अधिकार बनता है। बाकी पारलौकिक रूप से हरि और हर एक ही हैं, दो नहीं।
हरि और हर ही शिव और शक्ति है हरि और हर ही राधा और कृष्ण है 🙏🏻यही वेदांत के प्रकृति और पुरुष हैँ.. और प्रकृति और पुरुष मे भी कोई भी भेद नही इसीलिए कभी शक्ति पुरुष रूप मे होती हैँ तों श्रीकृष्ण, हरि कहलाती हैँ और शिव प्रकृति रूप मे राधा, महालक्ष्मी कहलाते हैँ शिव की अस्ट मूर्तियां ही अस्ट लक्ष्मी हैँ और जब काली कृष्ण अवतार मे आयी तब वही अस्ट मूर्तियां अस्ट पटरानियाँ बन जाति हैँ कृष्ण की.. हरि के दस अवतार ही 10 महाविद्या हैँ दुर्गा की. और जब शिव पुरुष रूप होते हैँ तों हरि ही दुर्गा,पार्वती कहलाते हैँ आजकल कुछ नव शैव नव वैष्णव नव शाक्त हरि हर शक्ति मे भेदभाव करने मे लगे हुए हैँ उनके लिए देवी भागवत पुराण मे स्वयं देवी का यह ज्ञान जानना अतिआवश्यक है अन्यथा स्वयम का ही नाश कर लेंगे ऐसे मुर्ख. सभी पुराणों और आदिशंकराचार्य के सभी भाष्य मे हरि हर भेदी साफ नर्कगामी वर्णित किया गया है देवी भागवत, कालिका पुराण मे देवी दुर्गा स्वयं क्या कहती हैँ ममैव पौरुषम रुपम गोपिकाजन मोहनम गोपियों को मोहने वाला मेरा पुरुष रूप ही गोविन्द है कदाचीद्या ललिता पुँरूपा कृष्णविग्रहा| कदाचीद्या श्री तारा पुँरूपा राम विग्रहा कभी ललिता त्रिपुरसुंदरी श्रीकृष्ण बन जाती हैँ कभी तारा श्रीराम बन जाती हैँ अतः इनमे कोई भी भेद नही 🙏🏻यही सत्य देवताओं का अहंकार दूर करने हेतु आदिमाया दुर्गा ने भी बताया की मैं ही ब्रह्मा विष्णु शिव रूप धारण करती हूं मैं ही उमा लक्ष्मी सरस्वती हूं मेरा ही आदिपुरुष रूप गोविंद हैँ मैं ही गोविन्द स्वरुपनी हूं इसीलिए जो कृष्ण भक्त शिव का अपमान करते हैँ वो स्वयं राधा का अपमान करते हैँ और जो शिव भक्त कृष्ण को अपमान करते हैँ वो स्वयं दुर्गा का अपमान करते हैँ🙏🏻🙏🏻🙏🏻 और हरि ने समुद्र मंथन के लिए मंन्द्राचल को उखाड़ के समुद्र मे स्वयं स्थापित किया और वासुकी के विष से देवताओं और असुरों का बल खत्म होता गया तब उनके अजीत अवतार लेके सबके भीतर प्रवेश करके बल प्रदान किया और मंदारचल डूबने पर पीठ पर धारण किया और मोहिनी धंन्वंतरि अवतार लेके सब कार्य अकेले सम्पन्न किया देव असुर तों मात्र निमित्त थे और सबको अपना योगदान देना था इसीलिए वासुकी का विष जब समुद्र तल पर एकत्रित होके कालकूट बन गया तब शिव ने उसको धारण करके सबकी रक्षा की अपना योगदान दिया. जिस प्रकार शिव ने विष पिया उसी प्रकार हरि ने भी हायग्रीव अवतार के लिए अपना सर काट कर अलग नही कर दिया था? और एक कल्प मे विष धारण करने के बाद शक्ति ने काली रूप धारण करके शिव को बाल रूप मे माता की तरह दुग्ध पान करके विष के प्रभाव को क्षीन कर दिया था और एक कल्प मे हरि ने अपने भीतर शिव को समाहित करके विष प्रभाब को शांत किया और वो मंदिर आज नेपाल मे है यानि हरि, शक्ति और हर एक होके ही विष को क्षीन किये हैँ क्युकी अलग 2 रूप मे यह देवता की लीला करते हैँ एकत्रित रूप मे परब्रह्म हैँ .. हरि और शक्ति एक ही तों हैँ इसीलिए शिव को पार्वती वल्लभ भी कहा गया है और विष्णु वल्ल्भ भी क्या हरि और शक्ति विष को नही पी सकते थे? कालकूट विष से सुरक्षित रहने का वरदान पूतना को था जिसे कृष्ण अवतार मे हरि ने अमृत के समान पूरा पी गए थे और किसी कल्प मे काली ने भी कृष्ण अवतार लेके पूतना का पूरा विष पान कर लिया था शास्त्रों मे वर्णित है सृस्टि और प्रलय निरंतर चलता रहता है इसे कल्प कहते हैँ इसीलिए समुद्र मंथन की लीला हर कल्प मे होती है क्यों होती है क्युकी शिवलोक के जो ब्रह्म शिव हैँ जिनको सदाशिव कहा जाता है वो पंचमुखी नीलकंठ चंद्र मुकुट और गंगाधर कहे गए हैँ उन्होंने ही ब्रह्माण्ड मे शंकर के रूप मे अपना अंश भेजा है और महाभारत के अनुसार शंकर जी उसी पूर्ण स्वरुप को प्राप्त करने के लिए सर्वमेघ यज्ञ हर कल्प मे करते हैँ जिसमे स्वयं के प्राण को आहुति के रूप मे हवन किया जाता है विषपान की लीला अंतिम आहुति के रूप मे होती है इसके बाद शिव अपने सदाशिव रूप मे पूर्णतः प्रकट होते हैँ और बात लक्ष्मी की वो महालक्ष्मी का अंश ही समुद्र कन्या के रूप मे सभी देवो त्रिदेवो मे से विष्णु को अपना पति स्वीकार करती हैँ क्युकी महाविष्णु भी अपना अंश विष्णु के रूप मे इस ब्रह्माण्ड मे भेजते हैँ और लक्ष्मी के साथ ही विष्णु लक्ष्मीनारायण बनते हैँ.. इसीलिए हरि हर शक्ति एक ही तत्व हैँ इनमे भेदभाव करना पाप कहा गया है लिंग पुराण मे वर्णित है हरि हर भेदी को यमराज पहले पकड़ते हैँ इनके सारे पुण्य भस्म हो जाते हैँ. सब लीला है हरि हर शक्ति की. इसका आनंद लें 🙏🏻
Par aur Pakriti Shiv aur Maa Parvati hai ..Vishnu Aur Parvati Bhai Behen hai Isliye Parbati ko Vaishnavi mana jata hai.Maha Vishnu aur Shiv eak hi Brahman ka ansh hai magar different dimension.
@@Manoj-gc6go पूरा post एकबार फिर पढ़िए.. देवी दुर्गा ने जो तत्व ज्ञान देवताओं को दिया उसमे साफ वर्णित है की दुर्गा जब पुरुष रूप मे होती हैँ तो कृष्ण, नारायण और हरि कहलाती हैँ इसीलिए हर आयाम मे श्रीकृष्ण हरि और दुर्गा, योगमाया, महामाया भाई बहन हैँ कहे गए हैँ साधारण भाषा मे एक तत्व को समझने के लिए 🙏🏻🙏🏻 इसीलिए शिव को पार्वती वल्लभ भी कहा गया है और विष्णु वल्लभ भी 🙏🏻 आप सत्य निष्कर्ष पर आ चुके हैँ सब कुछ शक्ति ही है शक्ति का ही परिवर्तित रूप पुरुष है और पुरुष का रूपांतर ही काल है - विष्णु पुराण शिव ही ब्रह्माण्ड(मैटर) है संसार है इसीलिए भव नाम है शिव का जिससे भव सागर शब्द बना है जिसको पार करके ही मोक्ष कहा गया है इस भव(ब्रह्माण्ड )की इकाई शक्ति ( energy )है और पुरुष ( हरि ) ही सभी शक्तियों और ब्रह्माडो को संतुलित रखते हैँ इसीलिए पालनकर्ता हैँ ब्रह्माण्ड के. इन्ही पुरुष रूपी हरि ,काल रूपी सदाशिव और प्रकृति रूपी शक्ति से त्रिगुण ( सत्व रज तम ) ( ब्रह्मा विष्णु रूद्र )उत्पन्न होते हैँ त्रिगुणो को संचालित करने ब्रह्माण्ड मे प्रवेश करते हैँ 🙏🏻इन्ही पुरुष को विष्णु पुराण मे महाविष्णु और शिव पुराण मे महेश्वर कहा गया है शिव पुराण और विष्णु पुराण अनुसार इनके दाये अंग से ब्रह्मा, बाएँ अंग से विष्णु और मध्य भाग से रूद्र शंकर उतपन्न हुए जो तीन गुणों का प्रतीक हैँ शिव पुराण अनुसार एक कल्प मे ब्रह्मा और विष्णु के मध्य अग्नि स्तम्भ के रूप मे यही महेश्वर प्रकट हुए थे जिसका आदि और अंत नहीं देख पाए तब इन्होंने आकाशवाणी की आप ब्रह्मा और विष्णु मेरे अंश हो और आपके बाद तीसरा अंश उतपन्न होगा जिससे आप त्रिदेव बनके सृस्टि को धारण करोगे काल रूपी सदाशिव जो हैँ वह विराट पुरुष का अंत: करण है ज्योति रूप कहे गए हैँ इसी को विराट पुरुष का चित्त या चिद ब्रह्म भी कहा है इसीलिए लिंग महेश्वर कहे गए हैँ पंच तत्वों और 10 इन्द्रियों को उतपन्न करने के कारण पंचमुखी और 10 भुजाधारी हैँ 10 महाविद्या ही इनकी दस भुजायें हैँ त्रिगुण को त्रिनेत्र रूप मे धारण करते हैँ और 🙏🏻सदाशिव के पंच रूप ही ब्रह्मा ( पृथ्वी तत्व ), विष्णु ( जल तत्व ), शिव (अग्नि तत्व ), ईश्वर ( वायु तत्त्व ) और सदाशिव (आकाश तत्व ) बनके सृस्टि का निर्माण करते हैँ विज्ञान भी इसी क्रम को कहता है की सर्वप्रथम शून्य (ॐ )से आकाश और फिर आकाश ( सदाशिव )से वायु (ईश्वर ) का निर्माण हुआ और वायु और आकाश के घर्षण से अग्नि ( शिव ) का निर्माण हुआ और अग्नि और वायु के मिलन से विष्णु ( जल ) का निर्माण हुआ और इन सभी तत्वों ने मिलकर ब्रह्मा अर्थात हिरणयगर्भ प्रजापति ( पृथ्वी तत्त्व ) को उतपन्न किया.. कितना विज्ञान है हमारे पुराणों मे 🙌 इसी प्रकार मानव शरीर मे भी विराट पुरुष की कल्पना हुई है मानव शरीर का अंत: करण आज्ञा चक्र मे ज्योति ब्रह्म या सदाशिव के रूप मे वर्णित है इस आज्ञा चक्र के नीचे तत्वों की सृस्टि है जो विसुद्धि चक्र स्थिति आदिशक्ति द्वारा उतपन्न की जाती है और इस आज्ञा चक्र के ऊपर सहसत्रार ही महाविराट है जिसके रोम रोम मे करोड़ो ब्रह्माण्ड(भव )हैँ जिसे आज विज्ञान मल्टीवर्स कह रहा है यह क्राउन चक्र की अनंत पंखुड़ियाँ ही अनंत ब्रह्माण्ड हैँ जो भवसागर मे बुलबुलो की भांति स्थिति हैँ 😳👌👌👌 विराट पुरुष के शरीर मे करोडो अरबो ब्रह्माण्ड समाये हुए हैँ हर ब्रह्माण्ड मे यही क्रम रहता है 🙏🏻 परमात्मा तीन रूपों मे सृस्टि हेतु विभक्त होता है प्रकृति अर्थात दुर्गा आदिशक्ति, आदिपुरुष अर्थात आदिनारायण और महाकाल अर्थात आदिशिव सभी पुराणों मे इन्ही की पृथक महिमा वर्णित है जो अल्पबुद्धि नही समझ पाते इन्ही की सम्मिलित शक्ति से ही हिरणयगर्भ अंड से विराट पुरुष की उतपत्ति होती है और निर्गुण अव्यक्त राम(सर्वव्यापी परमतत्व )ही इन सब रूपों मे व्यक्त होता है इसीलिए मात्र त्रिदेव ही नही उनके भी परे भी हरि, हर और शक्ति के मूल तत्व हैँ योगमाया के आयाम मे अर्थात प्रकृति पुरुष और काल जिनको महाविष्णु, आदिशिव और ललिता त्रिपुर सुंदरी शास्त्रों मे कहा गया है🙏🏻
@@रहस्य369 Sabi Brahman ka hi angsh hai magar Durga kabi hari NAHI hai aur Har kabi hari hai ...they are same parts of Brahman but different rule and dimension ...khichuri mat banao..🙄🙄🙄...apple orange Nahin hai Nahin orange aam ...kinto Sabi darti se hi ugta hai ...wrong translation mat karo ...
@@Manoj-gc6go ममैव पौरुषम रुपम गोपिकाजन मोहनम गोपियों को मोहने वाला मेरा पुरुष रूप ही गोविन्द है कदाचीद्या ललिता पुँरूपा कृष्णविग्रहा| कदाचीद्या श्री तारा पुँरूपा राम विग्रहा कभी ललिता त्रिपुरसुंदरी श्रीकृष्ण बन जाती हैँ कभी तारा श्रीराम बन जाती हैँ अतः इनमे कोई भी भेद नही 🙏🏻यही सत्य देवताओं का अहंकार दूर करने हेतु आदिमाया दुर्गा ने भी बताया की मैं ही ब्रह्मा विष्णु शिव रूप धारण करती हूं मैं ही उमा लक्ष्मी सरस्वती हूं मेरा ही आदिपुरुष रूप गोविंद हैँ मैं ही गोविन्द स्वरुपनी हूं यह श्लोक पढ़िए ध्यान से.. देवी भागवत और कालिका पुराण का श्लोक है 😎 भाई मैंने देवी भागवत और कलिका पुराण से श्लोक भी दिए हैँ टीवी की दुनिया से नही पुराण शास्त्रों को पढ़ो.. ब्रह्म किसी भी रूप मे हो सकता है.. यानि देवी भागवत, तंत्र शास्त्र, शिव पुराण, दुर्गा सपत्शाती और ललिता सहस्त्रनाम ब्रह्माण्ड पुराण यह सब झूठे हो गए फिर तो 😎 और आम अमरुद का उदाहरण ब्रह्म या भगवान पर नही लग सकता ब्रह्म कोई भी रूप मे हो सकता है उसकी शक्ति असीमित है जबकि आम अमरुद यह जड़ पदार्थ हैँ देवी भागवत मे साफ साफ वर्णित है कई स्थानों मे की दुर्गा ही पुरुष रूप मे श्रीकृष्ण हरि हैँ बंगाल मे कृष्ण के रूप मे काली की कई स्थान पर उपसाना होती है कृष्ण और काली दोनों का वर्ण भी श्याम है और बीज मंत्र भी क्लीं ही है और तंत्र शास्त्र का विज्ञान जिसको पता होगा उससे पूछिए क्लीं की महिमा.. शिव पुराण मे भी वर्णित है यह कथा की एक कल्प मे शिव और पार्वती ही राधाकृष्ण रूप मे अवतार लिए थे श्लोक भी भेजू? काली और कृष्ण, तारा और राम मे क्या सम्बन्ध है इसका उत्तर देवी भागवत, ब्रह्माण्ड पुराण और विद्या रामायण मे वर्णित है. सनातन धर्म के अनुसार सृस्टि और प्रलय चक्र निरंतर चलता रहता है इसे ही कल्प कहा गया है श्रीराम और श्रीकृष्ण आदि 10 अवतार हर कल्प मे होते हैँ ऐसे ही देवी भागवत मे वर्णित है सारस्वत कल्प मे एक बार शिव जी ने पार्वती जी से विपरीत भाव प्राप्त करने की इच्छा प्रकट करी तब पार्वती जी ने कहा मेरा महाकाली स्वरुप धरती पर कृष्ण के रूप मे प्रकट होगा तब आप राधा के रूप मे प्रकट होंगे तब उस कल्प मे काली ने कृष्ण अवतार लिया विष्णु बड़े भाई होने के कारण बलराम बने ( भागवत मे 24 अवतार मे बलराम को भी विष्णु अवतार इसीलिए कहा है ) और इंद्र अर्जुन बने पांडव वनवास के समय माता कामाख्या को प्रसन्न किये तब माता कामाख्या ने कहा मेरा काली रूप कृष्ण स्वरुप द्वारा आने वाले युद्ध मे तुम्हे विजय दिलाऊँगी इस कल्प मे कृष्ण अवतार समाप्ति के बाद महाकाली शेरो से बने रथ मे कैलाश को चली गयी. इसी प्रकार एक कल्प मे जब देवताओं ने रावण से आतंकित होके माता दुर्गा की आराधना की तब दुर्गा माता ने कहा मैं मातृ रूप से रावण और उसके असुरो का वध नही कर सकती इसीलिए मैं दशरथ के घर पुरुष रूप मे अवतार लेके इन दुस्टो का नाश करूंगी इसलिए श्रीराम रूप उस कल्प मे देवी तारा ने धारण किया था.. इसीलिए कल्प कल्प मे नारायण और नारायणी ( दुर्गा ) यही 10 अवतारी बनके दुस्टो का दमन करते हैँ इसीलिए इनमे कोई भेद नही जो समझते हैँ वो पापी हैँ लिंग पुराण मे यमराज ऐसे जीवो को पहले नर्क भेजते हैँ जो हरि हर शक्ति मे जरा भी भेदभाव करते हैँ लिंग पुराण मे शिव कह रहे जो हरि और मुझमे भेदभाव करे उस नराधाम के सभी पुण्य तत्काल भस्म हो जायेंगे इतना सब जानने के बाद भी कोई इन शास्त्रों को ना मानके अपनी मनमानी करें तों फिर तों क्या किया जा सकता है जय श्रीहरी हर शक्ति 🙏🏻
I think you try to define water to fire .... Creation to destruction to preservation... Har Tattva alag hota hai shiv tattva mai aap Tulsi Nahin Chara Sakte magar Tulsi Vishnu ka sab se Priyo hai ..Vishnu tattva mai datura Chara Nahin sakte magar datura shiv ka sabse Priyo hai ...pehle basic Gyan lelo ...cut and past mat karo Murkh ... Different gods different dimension....🙄🙄🙄🤣🤣🤣
*@Sameermahapatr* Lord Shiva is nothing, Lord Vishnu is everything. Shiva created nothing, Lord Bramha created everything, and Lord Narayana created lord Bramha... Jiska na koi adi hai na anant woh Parameswar Narayan hai 🙏
@@jaydutta7711 Lord Vishnu is nothing, Lord Shiva is everything, Vishnu create nothing 😂 Lord Brahma create everything and Lord Sadashiv create Bramha and Vishnu.... Jiska na koi adi hai na anant woh Parmeshwar Sadashiv hai 🙏
@@harshakkk Lord Vishnu is Everything because he doesn't represent *nothingness* as Shiva... Lord Shiva is Nothing. Vishnu created everyone and everything 😂 Lord Brahma created the world and Lord Narayana created both Lord Bramha and SadaShiva.... Jiska na koi adi hai na anant woh sirf Parmeshwar Narayana hai 🙏
@@harshakkk Almighty God Vishnu is the one who gave us Shri Rama, Krishna, Parshuram, etc. Shiva gave us nothing. Always remember that before commenting.
@@jaydutta7711 Shiva poison Piya Sansar ke liye Shiva Sansar ke liya Mata Adishakti ku apne se alag kiya aur bhi bahut hai tu gin payega Shiva woh sab kiya hai Sansar ke liye, Vishnu gave us nothing 😂
@@harshakkk भावुक होकर comment मत कर, वास्तव में तेरे सदाशिव से करोड़ों गुनाह बड़ा है नारायण। महाकाल सिर्फ हम सबसे बड़ा हैं, लेकिन वेद और उपनिषदों के अनुसार परमपिता, परमात्मा परमेश्वर विष्णु सभी देवी-देवताओं में सबसे प्राचीन परम ईश्वर हैं। इस संपूर्ण ब्रह्मांड में भगवान विष्णु से बड़ा न कोई था, न कोई है, और ना ही कोई होगा। उनके मन में उनकी सृष्टि के लिए जो प्रेम है वो किसी भी देवता के अंदर नहीं है। उनके मन में अपने दुश्मन के लिए भी प्यार है, ऐसे मेरे प्रभु नारायण को मेरा शत शत नमन है। जय श्री हरि 🙏♥️
@@harshakkk Almighty God Vishnu is the one who gave us Shri Rama, Krishna, Parshuram, etc. Shiva gave us nothing. Always remember that before commenting.
@@harshakkk Lord Vishnu is Everything because he doesn't represent *nothingness* as Shiva... Lord Shiva is Nothing. Vishnu created everyone and everything 🕉️ Lord Brahma created the world and Lord Narayana created both Lord Bramha and SadaShiva.... Jiska na koi adi hai na anant woh sirf Parmeshwar Narayana hai 🙏
*@Shivajimaharaj344* Except Vishnu. Only almighty God Vishnu Can Beat semi Lord Shiva 🕉🔱 Lord Shiva is nothing, Lord Vishnu is everything. Shiva created nothing, Lord Bramha created everything, and Lord Narayana created lord Bramha... Jiska na koi adi hai na anant woh Parameswar Narayan hai 🙏
@@jaydutta7711 No One , Only almighty God Shiva Can Beat semi Lord Vishnu 😂 Vishnu is nothing, Lord Shiva is everything, Vishnu create nothing 😂 Lord Shiva create Vishnu and Brahma both..... Jiska na koi adi hai na anant woh Parmeshwar Sadashiv hai 🕉️🙏
@@harshakkk It's actually the other way around. Only the almighty God Vishnu can beat the semi-Lord Shiva. 😂 Shiva is nothing; Shiva means nothing. Lord Vishnu is everything. Vishnu created both Lord Brahma and Shiva. 😂 Lord Shiva created nothing. Jiska na koi adi hai na anant, woh Parmeshwar Narayana hai. 🕉️🙏
हरि और हर ही शिव और शक्ति है हरि और हर ही राधा और कृष्ण है 🙏🏻यही वेदांत के प्रकृति और पुरुष हैँ.. और प्रकृति और पुरुष मे भी कोई भी भेद नही इसीलिए कभी शक्ति पुरुष रूप मे होती हैँ तों श्रीकृष्ण, हरि कहलाती हैँ और शिव प्रकृति रूप मे राधा, महालक्ष्मी कहलाते हैँ शिव की अस्ट मूर्तियां ही अस्ट लक्ष्मी हैँ और जब काली कृष्ण अवतार मे आयी तब वही अस्ट मूर्तियां अस्ट पटरानियाँ बन जाति हैँ कृष्ण की.. हरि के दस अवतार ही 10 महाविद्या हैँ दुर्गा की. और जब शिव पुरुष रूप होते हैँ तों हरि ही दुर्गा,पार्वती कहलाते हैँ आजकल कुछ नव शैव नव वैष्णव नव शाक्त हरि हर शक्ति मे भेदभाव करने मे लगे हुए हैँ उनके लिए देवी भागवत पुराण मे स्वयं देवी का यह ज्ञान जानना अतिआवश्यक है अन्यथा स्वयम का ही नाश कर लेंगे ऐसे मुर्ख. सभी पुराणों और आदिशंकराचार्य के सभी भाष्य मे हरि हर भेदी साफ नर्कगामी वर्णित किया गया है देवी भागवत, कालिका पुराण मे देवी दुर्गा स्वयं क्या कहती हैँ ममैव पौरुषम रुपम गोपिकाजन मोहनम गोपियों को मोहने वाला मेरा पुरुष रूप ही गोविन्द है कदाचीद्या ललिता पुँरूपा कृष्णविग्रहा| कदाचीद्या श्री तारा पुँरूपा राम विग्रहा कभी ललिता त्रिपुरसुंदरी श्रीकृष्ण बन जाती हैँ कभी तारा श्रीराम बन जाती हैँ अतः इनमे कोई भी भेद नही 🙏🏻यही सत्य देवताओं का अहंकार दूर करने हेतु आदिमाया दुर्गा ने भी बताया की मैं ही ब्रह्मा विष्णु शिव रूप धारण करती हूं मैं ही उमा लक्ष्मी सरस्वती हूं मेरा ही आदिपुरुष रूप गोविंद हैँ मैं ही गोविन्द स्वरुपनी हूं इसीलिए जो कृष्ण भक्त शिव का अपमान करते हैँ वो स्वयं राधा का अपमान करते हैँ और जो शिव भक्त कृष्ण को अपमान करते हैँ वो स्वयं दुर्गा का अपमान करते हैँ🙏🏻🙏🏻🙏🏻 और हरि ने समुद्र मंथन के लिए मंन्द्राचल को उखाड़ के समुद्र मे स्वयं स्थापित किया और वासुकी के विष से देवताओं और असुरों का बल खत्म होता गया तब उनके अजीत अवतार लेके सबके भीतर प्रवेश करके बल प्रदान किया और मंदारचल डूबने पर पीठ पर धारण किया और मोहिनी धंन्वंतरि अवतार लेके सब कार्य अकेले सम्पन्न किया देव असुर तों मात्र निमित्त थे और सबको अपना योगदान देना था इसीलिए वासुकी का विष जब समुद्र तल पर एकत्रित होके कालकूट बन गया तब शिव ने उसको धारण करके सबकी रक्षा की अपना योगदान दिया. जिस प्रकार शिव ने विष पिया उसी प्रकार हरि ने भी हायग्रीव अवतार के लिए अपना सर काट कर अलग नही कर दिया था? और एक कल्प मे विष धारण करने के बाद शक्ति ने काली रूप धारण करके शिव को बाल रूप मे माता की तरह दुग्ध पान करके विष के प्रभाव को क्षीन कर दिया था और एक कल्प मे हरि ने अपने भीतर शिव को समाहित करके विष प्रभाब को शांत किया और वो मंदिर आज नेपाल मे है यानि हरि, शक्ति और हर एक होके ही विष को क्षीन किये हैँ क्युकी अलग 2 रूप मे यह देवता की लीला करते हैँ एकत्रित रूप मे परब्रह्म हैँ .. हरि और शक्ति एक ही तों हैँ इसीलिए शिव को पार्वती वल्लभ भी कहा गया है और विष्णु वल्ल्भ भी क्या हरि और शक्ति विष को नही पी सकते थे? कालकूट विष से सुरक्षित रहने का वरदान पूतना को था जिसे कृष्ण अवतार मे हरि ने अमृत के समान पूरा पी गए थे और किसी कल्प मे काली ने भी कृष्ण अवतार लेके पूतना का पूरा विष पान कर लिया था शास्त्रों मे वर्णित है सृस्टि और प्रलय निरंतर चलता रहता है इसे कल्प कहते हैँ इसीलिए समुद्र मंथन की लीला हर कल्प मे होती है क्यों होती है क्युकी शिवलोक के जो ब्रह्म शिव हैँ जिनको सदाशिव कहा जाता है वो पंचमुखी नीलकंठ चंद्र मुकुट और गंगाधर कहे गए हैँ उन्होंने ही ब्रह्माण्ड मे शंकर के रूप मे अपना अंश भेजा है और महाभारत के अनुसार शंकर जी उसी पूर्ण स्वरुप को प्राप्त करने के लिए सर्वमेघ यज्ञ हर कल्प मे करते हैँ जिसमे स्वयं के प्राण को आहुति के रूप मे हवन किया जाता है विषपान की लीला अंतिम आहुति के रूप मे होती है इसके बाद शिव अपने सदाशिव रूप मे पूर्णतः प्रकट होते हैँ और बात लक्ष्मी की वो महालक्ष्मी का अंश ही समुद्र कन्या के रूप मे सभी देवो त्रिदेवो मे से विष्णु को अपना पति स्वीकार करती हैँ क्युकी महाविष्णु भी अपना अंश विष्णु के रूप मे इस ब्रह्माण्ड मे भेजते हैँ और लक्ष्मी के साथ ही विष्णु लक्ष्मीनारायण बनते हैँ.. इसीलिए हरि हर शक्ति एक ही तत्व हैँ इनमे भेदभाव करना पाप कहा गया है लिंग पुराण मे वर्णित है हरि हर भेदी को यमराज पहले पकड़ते हैँ इनके सारे पुण्य भस्म हो जाते हैँ. सब लीला है हरि हर शक्ति की. इसका आनंद लें 🙏🏻
@@harshakkk Almighty God Vishnu is the one who gave us Shri Rama, Krishna, Parshuram, etc. Shiva gave us nothing. Always remember that before commenting.
@@jaydutta7711 Shiva poison Piya Sansar ke liye Shiva Sansar ke liya Mata Adishakti ku apne se alag kiya aur bhi bahut hai tu gin payega Shiva woh sab kiya hai Sansar ke liye, Vishnu gave us nothing 😂
वो भगवान विष्णु ही थे जिन्होंने समुद्र मंथन का सुझाव दिया था, वोही थे जब सारे देवता , असुर, नाग आदि मिलकर भी मंद्रांचल पर्वत को हिला तक नहीं सके थे तब उन्होंने ही us पर्वत को उठा कर समुद्र में स्थापित कर दिया था, वो ही थे जिन्होंने वासुकी नाग को रस्सी बनाने का उपाय बताया था, वो ही थे, जिनके ऊपर कूर्म अवतार में पूरे पर्वत का भार रखा था, घर्षण हो रहा था, विष का प्रभाव भी वही से प्रारंभ हुआ था, वो ही मंद्रांचल ऊपर स्थित रहकर उसे स्थिर रखे थे, वो ही थे जिन्होंने माया द्वारा असुरों को अमृत पीने से रोक कर उन्हे अमर नही होने दिया था, वो ही थे जिन्होंने राहु के दो टुकड़े कर दिए थे। ❤
@@JikunMahanty-yt1wo HUM TOO MURKH BUDDHI HAI BUT SHAYAD AAP BHOOL GAYE HO KI PALAN KARTA VISHNU HAI SHIV TOO SANGARAK HAI FIR BHI UNHONE POISON PIYA REASON YEHI THA YEH SHERON WALE KAAM SIRF AUR SIRF MERE MAHADEV 🙏 HI KAR SAKTE HAI OM NAMAH SHIVAY 🙏.
@@STARSFEVERFOREVERap narak me jaoge samje pagal Vishnu shiv he he Paramatma parameswar he samje bass shiv puran padh ker shiv bade he ye mat bolo pahele sare puran padha or Geeta padha😂😂
@@narayanvlog49 MUKHE NARAK MANZOOR HAI LEKIN MAI MAHA DEV KE ALAVA NA KISIKO MAHAN MAANTA HOON NA MANUNGA SUDARSHAN CHAKRA VISHNU KO KISNE DIYA YEH BHI PADH LENA AUR VISHNU KISSE BORN HUA WOH BHI SAB HAI SHIV MAHA PURAN MAI MAI BACHPAN MAI TV SERIAL DEKKHA KARTA THA DD NATIONAL PE AATA THA
@@Rahulzdas63 Almighty God Vishnu is the one who gave us Shri Rama, Krishna, Parshuram, etc. Shiva gave us nothing. Always remember that before commenting.
@@jaydutta7711 Shiva poison Piya Sansar ke liye Shiva Sansar ke liya Mata Adishakti ku apne se alag kiya aur bhi bahut hai tu gin payega Shiva woh sab kiya hai Sansar ke liye, Vishnu gave us nothing 😂
Narayan hi parbrambh h Narayan is superm god sab avtar Narayan se suru or Narayan par Khatam h Narayan hi bramma h Narayan hi shiv h Narayan hi shrusti ka ant or arambh h jay shree hari narayan ❤❤❤❤
समुद्र मंथन से जो भी निकला वो सब लेकर चले गए। देवी लक्ष्मी को विष्णु अमृत को देवता। कामधेनु को ऋषि परिजाद को देवता। कौस्तुभ मणि को देवता। अमृत को देवता। और विष महादेव।।।।।।। रोंगटे खड़े हो जाते है। कोई इतना निस्वार्थ कैसे हो सकता है।
bus yahi narayan vahi the jinhone pura parvat apne upper dharan kiya kast saha vo tab bhi vahi the kab vis vikraal hua. to aap bataye kya keval mahadev hi niswarth narayan nahi. es leela ka mahatva aatmamanthan se hai. or parbhrahm shiv ho ya vishnu hame to keval katha ka marm samagna chahiye
Achha ye samudra manthan kya shree ke liye nhi hua tha - to Narayan ka niswarth kesa - Luxmi ko prapt karne ke liye Purushartha karna padta hai aur wo Narayan ne kiya - Par Mahadev ne Jher anant kaal tk kath main roka hai ...😊
@@moonoflife8211 ji ye niswarth hi tha bina maa lakshi ke ye sansaar adhura hai kyuki vo maya roop main jagat ko chalati hai. satya kahe to shiv ji ko chandra aabusan mila kya kahoge fir ki unko kuch nahi mila. aap satya ko apni najar se dekh rahe hai satya ko satya ki najar se dekha jata hai. jagat ka palan keval narayan nahi maa lakshmi karte hai vo purn hi tabhi hote hai. jaise prabhu shiv bina shakti ki adhure hai. or ek baat bhagwan ko kisi ki jarurat nahi na lakshmi ki na shakti ki vo to es sansaar ko hai. hum apni maya grasit bhuddhi se dekhte hai to lagta hai. satya ki nahi.
@@dhruvpachauri8597 🤣 shiv to veetraagi hai unhe tumare chadra se koi lena dena nhi , Chandra shiv ko abhushan ke taur PR nhi mila wo to shiv chadra ki Chandrshekhar bn kar raksh karte hai Daksh ke shraap se.. Aur Laxmi Shakti hai Narayan ki , Bina Shree ke wo shreman Narayan nhi - to kuch bhi Mt bolo Mana tum Vaishnav ho par sach ko sweekar karne ki himmat bhi rakho , Narayan ka ye karm Unke Prem ke liye tha - shree ke liye tha par shiv ne jo kiya wo Niswarth hai isliye Unhe Mahadev bola gya .. Pramaan ke taur par tum apni Vaishnav puran shree mad Bhagwat sarv 4 pad lo - tumare hi vaishnav puran main tumare hi vaishnav bhgwan shree man Narayan ne yehi kaha hai...
Kyunki Bhagwan Vishnu Uss samay Kurma roop mei the. Owr to Owr iss ghatna ke peechhe Narayan ki hi leela thi. Mahadev ko ek owr naam(Neelkanth) jo dilana tha 😀❤️
Bhagwan shiv jo ajanm hai, na adi hai na ant hai, wo Mrityu ki baat kr reh hain,yr kuch v mat banao yr, ye halahal v unse janma hai, bas duniya ko dikhane klye ki ye bis kitna danger hai use apne gale me rakhe na andar liye
क्योंकि भगवान विष्णु उस समय कछुआ के रूप में उनके उपर ही पत्थर रखकर समुन्द्र मंथन हो रहा था। वरना अनंत अजन्मे अविनाशी भगवान विष्णु ही विश को पीते क्योंकि हमेशा नारायण ही देवी देवता मनुष्य और भगवान शिव को भी बचाया है।
भगवान शिव और भगवान विष्णु एक दूसरे के पूरक हैं। इसीलिए दोनो के बीच भेद करना गलत ही नहीं बल्कि पाप भी है😊
नारायण 💫 भगवान् शिव के इष्ट प्रभु है🙏
Purano mei likh dete h..bhagwat mei bata dete h..but north India mei it was shiv only since ancient times . South india linked Vishnu concept with Krishna and ram
@@himanshumadhan6376 विष्णु मतलब परमेश्वर, और परम ईश्वर नारायण या विष्णु के अलावा सब सिर्फ देव हैं लेकिन मेरे नारायण तो देवो के देव महादेव का भी ईश्वर है। इसीलिए जब समस्त संसार का विनाश होता है तब ब्रह्मा नहीं होता है और न ही महादेव होता है, उस समय केवल परमेश्वर नारायण और उनके उद्गम सदाशिव होते हैं और माता आदि शक्ति महा लक्ष्मी अपने परब्रह्म नारायण रूप में होती हैं। समझे?
@@jaydutta7711विष्णु 😂😂😂😂
@@DeepakThakur-ft2uy शिव 😂😂😂😂
विष्णु is the Supreme God ❤️
Sahi kaha 😊
भगवान शिव और विष्णु एक है अलग अलग नहीं उनमे भेद करने वाला पापी है
❤❤❤❤ सेही बात है भाई
Bramha ko kyun chhod diya, bhai? 😅
Sahi kaha
P@@adrego3133
Sahi kaha bhai
परम ब्रम्ह ही भगवान सदा शिव कहलाये तब परम ब्रम्ह रुपी सदा शिव ने शक्ति स्वरुपा जगत जननी माँ अम्बिका को प्रकत किया। तब इसी परम ब्रह्म रुपी सदा शिव और अम्बिका से ब्रह्मा, विष्णु और महेश की उत्पत्ति हुयी। ब्रह्मज्ञान से अधिक महत्वपूर्ण और कोई अन्य ज्ञान नहीं है!
Lord Shiva and lord Vishnu are same don't compare them as different ❣️✨
Same kaise hai pata hai wo ek. Dusre ke andar baste hai isliye ek hai Mahadev ek or Vishnu ek hai🚩
Don’t act like a nerd., they have different qualities and are to be understood as different aspects of reality., not the same in the least
सभी अवतारों की कहानी खत्म होती है नारायण पर
।। जय श्री हरि ।।
bhagwan Vishnu father of infinite 🥰❤️🙏🕉️
@@Shubhamdk99 Shiva and Mahadev M C hai 😂😂
@@Shubhamdk99aalah to mc bc hai tum ki tarah
@@jaydutta7711kya hai?
Imagine abusing Shivji .. You will never ever success in bhakti of Naryan or any devta with that attitude..ego@@jaydutta7711
भगवान शिव हलाहल विष अपने कंट मे धारण कर पाये थे इसलिए भगवान शिव राम नाम की आराधना करते है,भगवान नारायण ही शिव है और शिव ही नारायण है
Aur Shri hari Narayan Bholenath ji ka jap krte he
HariHar Vishnu aur Mahadev Ak dusre ke bhakt hai❤
@@Suraj_Kenwat-doc isliye hi dino ak dusare ka Jap krte he🙏🏻
Hari hara...ek
@@pranali3493 Shri hari Narayan ka naam jap karte hai Bholenath ji.... Shri hari Narayan kisi ka naam jap nahi karte.
भगवान शिव भगवान विष्णु को बहुत प्यार करते है इसीलिए विष्णु जी को कोई कष्ट ना हो
शिव आदि है अंत है शिव के बिना कुछ भी संभव नहीं है दुनिया मे महादेव के लिए लाईक करे
Bina om Vishnu mantra shiv ji vi puja swikar nehi karta
@@rajibpati2607Shiva & Vishnu are same
@@Raj98658 Tell that to the main commenter.
@@Shubhamdk99 Shiv and Allah M C hai 😂😂
Prabhu shree ram ji ke bhakt h bhole baba
शिव और विष्णु भगवान दोनों एक ही है, दोनों मे भेद कर ने वाला महा मुर्ख है ❤❤❤❤❤
Are ha bhai mai bhi yahi Manta hu lekin vo jaydutta sali bholenath ko madarchod kahti hai uski maa bahan pe utar gaya mai agar bholenath nahi to ye sansar nahi aur to aur vo visnu bhi nahi
भगवान विष्णु ❤
दोनो एक है जय श्री हरि हरा ❤नमः =न+नारायण+म+महादेव❤❤
My Father is Shiva, My Mother is Devi Parvati,
My God is Sri Hari Narayana,
My Friend, my soul and my heart is Sri Krishna,
My Protector is Ganesha and Hanuman,
My Teacher is Ma Saraswati,
and my source of material and spiritual happiness is Ma Lakshmi. 🙏🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Or tere khud k maabaap kuch ni h kya andhachutiya h …maabaap ko bhagwan maan bhagwan aise hi mil jayega
😅😅😅😢😮😅😮😮😮😮
That's why you never get god
@@Shubhamdk99 Shiva and Mahadev M C hai 😂😂
Shiv se bda nahi koi dooja har har Mahadev Jai shree mahakal 🙏🙏🙏🙏🙏🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
JAI SHREE NARAYAN 🙏🙏🙏🙏
HAR HAR MAHADEV 🙏🙏🙏🙏
Jai Shree Vishnu ❤️🙏🙏🙏
In universe🌍Brahma, Vishnu, Mahesh, Krishna,Ram ,Adishakti and other gods sab ek hi bhagaban ka ansh hai. It's ultimate true.Sabka Malik ek -Shiv 🔱❤
Jiska Na koi adi hai Na anant, Kalo ka bhi kal Mahakal Shiva 🕉🔱
*@iamajit66* महाकाल से बड़ा तो परब्रम्ह नारायण हैं।
Jiska Na koi adi hai Na anant, Kalo se bhi pehle se jo hain, wohi Narayana hai 🕉☀️
@@jaydutta7711 Vishnu se ta bada Parabrahm Sadashiv hai 🙏
Jiska na koi adi hai na anant, Kalo se bhi pahle se Jo hain , Wahi Sadashiv hai 🕉️
@@harshakkk नहीं, Vishnu Sadashiv se bhi bada Parabrahm hai 🙏
Jiska na koi adi hai na anant, Kalo se bhi pahle se Jo hain , Wahi Nārayāna hai 🕉️
@@harshakkk Lord Vishnu is Everything because he doesn't represent *nothingness* as Shiva... Lord Shiva is Nothing. Vishnu created everyone and everything 😂 Lord Brahma created the world and Lord Narayana created both Lord Bramha and SadaShiva....
Jiska na koi adi hai na anant woh sirf Parmeshwar Narayana hai 🙏
@@harshakkk Almighty God Vishnu is the one who gave us Shri Rama, Krishna, Parshuram, etc. Shiva gave us nothing. Always remember that before commenting.
Lord Shiva is Everything 🕉🔱
*@Sameermahapatr* Lord Shiva means nothing. Lord Vishnu is Everything 🕉️☀️
@@jaydutta7711 Lord Vishnu means nothing, Lord Shiva is Everything 🕉️
@@harshakkk Lord Vishnu means Everything, Lord Shiva is nothing. Lord Vishnu never representrd nothing, he always claim to be Everything 🕉️
@@harshakkk Almighty God Vishnu is the one who gave us Shri Rama, Krishna, Parshuram, etc. Shiva gave us nothing. Always remember that before commenting.
@@jaydutta7711 Shiva poison Piya Sansar ke liye Shiva Sansar ke liya Mata Adishakti ku apne se alag kiya aur bhi bahut hai tu gin payega Shiva woh sab kiya hai Sansar ke liye, Vishnu gave us nothing 😂
क्योंकि सभी विषो की रचना भगवान शिव ने की है संहार के लिए, और विष को पूर्णत नष्ट नहीं किया जा सकता, इसलिए शिव ही उनको अनंत काल के लिए धारण कर सकते थे
Dono ek hee h..
Shiv ji ne piya bcoz shree vishnu kurma avatar mein thee... Jb laxmi maata samundra manthn se ayi toh raksh ne kaha ki voh unke manthan se ayi h, un pr unka adhikar h but.. Kyuki bhwan vishnu kurma avatar mein thee toh unka bhi mantahn mein participate krna pada taki laxmi ji unko choose kre.. Ab raksh yeh nhi keh sakte ki vishnu ji ne manthan ke time koi shram nahi kia.. Unka bhi hath tha mantan mein isliye vishnu ji ke alawa shiv ji hee bache jo vish pee sakte h..
@@tourwithus6189 HARI HARA BOTH ARE 1
❣️ JAGATPITA ❣️ DEVADHIDEV ❣️ MAHADEV ❣️ OR ❣️ JAGAT 🔱 JANANI ❣️ MAA ❣️ PARVATI ❣️ KI ❣️ JAY ❣️ HAR 🔱 HAR ❣️ MAHADEV ❣️ JAI ❣️ MAA ❣️ ADISHAKTI ❣️ MAA 🔱 PARVATI ❣️🔱
SadaShiv is Supreme God 🕉
*@Shivajimaharaj344* SadaShiv is not a supreme God, Parabramh Narayana is the Supreme God of Sanatan Dharma 🕉
@@jaydutta7711 Narayan is not a Supreme God, Parabrahm Sadashiv is the Supreme God of our Sanatan Dharma 🕉️
@@Rahulzdas63 Narayan ALONE is the Supreme God, Parabrahm Narayana is the Supreme God of our Sanatan Dharma 🕉️ Not SadaShiva ❌
@@Rahulzdas63 Almighty God Vishnu is the one who gave us Shri Rama, Krishna, Parshuram, etc. Shiva gave us nothing. Always remember that before commenting.
@@jaydutta7711 Shiva poison Piya Sansar ke liye Shiva Sansar ke liya Mata Adishakti ku apne se alag kiya aur bhi bahut hai tu gin payega Shiva woh sab kiya hai Sansar ke liye, Vishnu gave us nothing 😂
लौकिक बात ये है कि भोलेनाथ संघार के देव हैं और विष संघार का साधन इसलिए विष पर भोलेनाथ का ही अधिकार बनता है।
बाकी पारलौकिक रूप से हरि और हर एक ही हैं, दो नहीं।
Har har Mahadev mere mailk 🙏♥️💐
हरि और हर ही शिव और शक्ति है हरि और हर ही राधा और कृष्ण है 🙏🏻यही वेदांत के प्रकृति और पुरुष हैँ.. और प्रकृति और पुरुष मे भी कोई भी भेद नही इसीलिए कभी शक्ति पुरुष रूप मे होती हैँ तों श्रीकृष्ण, हरि कहलाती हैँ और शिव प्रकृति रूप मे राधा, महालक्ष्मी कहलाते हैँ शिव की अस्ट मूर्तियां ही अस्ट लक्ष्मी हैँ और जब काली कृष्ण अवतार मे आयी तब वही अस्ट मूर्तियां अस्ट पटरानियाँ बन जाति हैँ कृष्ण की.. हरि के दस अवतार ही 10 महाविद्या हैँ दुर्गा की.
और जब शिव पुरुष रूप होते हैँ तों हरि ही दुर्गा,पार्वती कहलाते हैँ आजकल कुछ नव शैव नव वैष्णव नव शाक्त हरि हर शक्ति मे भेदभाव करने मे लगे हुए हैँ उनके लिए देवी भागवत पुराण मे स्वयं देवी का यह ज्ञान जानना अतिआवश्यक है अन्यथा स्वयम का ही नाश कर लेंगे ऐसे मुर्ख. सभी पुराणों और आदिशंकराचार्य के सभी भाष्य मे हरि हर भेदी साफ नर्कगामी वर्णित किया गया है देवी भागवत, कालिका पुराण मे देवी दुर्गा स्वयं क्या कहती हैँ
ममैव पौरुषम रुपम गोपिकाजन मोहनम
गोपियों को मोहने वाला मेरा पुरुष रूप ही गोविन्द है
कदाचीद्या ललिता पुँरूपा कृष्णविग्रहा| कदाचीद्या श्री तारा पुँरूपा राम विग्रहा
कभी ललिता त्रिपुरसुंदरी श्रीकृष्ण बन जाती हैँ
कभी तारा श्रीराम बन जाती हैँ अतः इनमे कोई भी भेद नही 🙏🏻यही सत्य देवताओं का अहंकार दूर करने हेतु आदिमाया दुर्गा ने भी बताया की मैं ही ब्रह्मा विष्णु शिव रूप धारण करती हूं मैं ही उमा लक्ष्मी सरस्वती हूं मेरा ही आदिपुरुष रूप गोविंद हैँ मैं ही गोविन्द स्वरुपनी हूं
इसीलिए जो कृष्ण भक्त शिव का अपमान करते हैँ वो स्वयं राधा का अपमान करते हैँ और जो शिव भक्त कृष्ण को अपमान करते हैँ वो स्वयं दुर्गा का अपमान करते हैँ🙏🏻🙏🏻🙏🏻
और हरि ने समुद्र मंथन के लिए मंन्द्राचल को उखाड़ के समुद्र मे स्वयं स्थापित किया और वासुकी के विष से देवताओं और असुरों का बल खत्म होता गया तब उनके अजीत अवतार लेके सबके भीतर प्रवेश करके बल प्रदान किया और मंदारचल डूबने पर पीठ पर धारण किया
और मोहिनी धंन्वंतरि अवतार लेके सब कार्य अकेले सम्पन्न किया देव असुर तों मात्र निमित्त थे और सबको अपना योगदान देना था इसीलिए वासुकी का विष जब समुद्र तल पर एकत्रित होके कालकूट बन गया तब शिव ने उसको धारण करके सबकी रक्षा की अपना योगदान दिया. जिस प्रकार शिव ने विष पिया उसी प्रकार हरि ने भी हायग्रीव अवतार के लिए अपना सर काट कर अलग नही कर दिया था? और एक कल्प मे विष धारण करने के बाद शक्ति ने काली रूप धारण करके शिव को बाल रूप मे माता की तरह दुग्ध पान करके विष के प्रभाव को क्षीन कर दिया था
और एक कल्प मे हरि ने अपने भीतर शिव को समाहित करके विष प्रभाब को शांत किया और वो मंदिर आज नेपाल मे है यानि हरि, शक्ति और हर एक होके ही विष को क्षीन किये हैँ क्युकी अलग 2 रूप मे यह देवता की लीला करते हैँ एकत्रित रूप मे परब्रह्म हैँ
.. हरि और शक्ति एक ही तों हैँ इसीलिए शिव को पार्वती वल्लभ भी कहा गया है और विष्णु वल्ल्भ भी
क्या हरि और शक्ति विष को नही पी सकते थे? कालकूट विष से सुरक्षित रहने का वरदान पूतना को था जिसे कृष्ण अवतार मे हरि ने अमृत के समान पूरा पी गए थे और किसी कल्प मे काली ने भी कृष्ण अवतार लेके पूतना का पूरा विष पान कर लिया था
शास्त्रों मे वर्णित है सृस्टि और प्रलय निरंतर चलता रहता है इसे कल्प कहते हैँ इसीलिए समुद्र मंथन की लीला हर कल्प मे होती है क्यों होती है क्युकी शिवलोक के जो ब्रह्म शिव हैँ जिनको सदाशिव कहा जाता है वो पंचमुखी नीलकंठ चंद्र मुकुट और गंगाधर कहे गए हैँ उन्होंने ही ब्रह्माण्ड मे शंकर के रूप मे अपना अंश भेजा है और महाभारत के अनुसार शंकर जी उसी पूर्ण स्वरुप को प्राप्त करने के लिए सर्वमेघ यज्ञ हर कल्प मे करते हैँ जिसमे स्वयं के प्राण को आहुति के रूप मे हवन किया जाता है विषपान की लीला अंतिम आहुति के रूप मे होती है इसके बाद शिव अपने सदाशिव रूप मे पूर्णतः प्रकट होते हैँ और बात लक्ष्मी की वो महालक्ष्मी का अंश ही समुद्र कन्या के रूप मे सभी देवो त्रिदेवो मे से विष्णु को अपना पति स्वीकार करती हैँ क्युकी महाविष्णु भी अपना अंश विष्णु के रूप मे इस ब्रह्माण्ड मे भेजते हैँ और लक्ष्मी के साथ ही विष्णु लक्ष्मीनारायण बनते हैँ..
इसीलिए हरि हर शक्ति एक ही तत्व हैँ इनमे भेदभाव करना पाप कहा गया है लिंग पुराण मे वर्णित है हरि हर भेदी को यमराज पहले पकड़ते हैँ इनके सारे पुण्य भस्म हो जाते हैँ. सब लीला है हरि हर शक्ति की. इसका आनंद लें 🙏🏻
Par aur Pakriti Shiv aur Maa Parvati hai ..Vishnu Aur Parvati Bhai Behen hai Isliye Parbati ko Vaishnavi mana jata hai.Maha Vishnu aur Shiv eak hi Brahman ka ansh hai magar different dimension.
@@Manoj-gc6go पूरा post एकबार फिर पढ़िए.. देवी दुर्गा ने जो तत्व ज्ञान देवताओं को दिया उसमे साफ वर्णित है की दुर्गा जब पुरुष रूप मे होती हैँ तो कृष्ण, नारायण और हरि कहलाती हैँ इसीलिए हर आयाम मे श्रीकृष्ण हरि और दुर्गा, योगमाया, महामाया भाई बहन हैँ कहे गए हैँ साधारण भाषा मे एक तत्व को समझने के लिए 🙏🏻🙏🏻 इसीलिए शिव को पार्वती वल्लभ भी कहा गया है और विष्णु वल्लभ भी 🙏🏻
आप सत्य निष्कर्ष पर आ चुके हैँ सब कुछ शक्ति ही है शक्ति का ही परिवर्तित रूप पुरुष है और पुरुष का रूपांतर ही काल है - विष्णु पुराण
शिव ही ब्रह्माण्ड(मैटर) है संसार है इसीलिए भव नाम है शिव का जिससे भव सागर शब्द बना है जिसको पार करके ही मोक्ष कहा गया है इस भव(ब्रह्माण्ड )की इकाई शक्ति ( energy )है और पुरुष ( हरि ) ही सभी शक्तियों और ब्रह्माडो को संतुलित रखते हैँ इसीलिए पालनकर्ता हैँ ब्रह्माण्ड के. इन्ही पुरुष रूपी हरि ,काल रूपी सदाशिव और प्रकृति रूपी शक्ति से त्रिगुण ( सत्व रज तम ) ( ब्रह्मा विष्णु रूद्र )उत्पन्न होते हैँ त्रिगुणो को संचालित करने ब्रह्माण्ड मे प्रवेश करते हैँ 🙏🏻इन्ही पुरुष को विष्णु पुराण मे महाविष्णु और शिव पुराण मे महेश्वर कहा गया है शिव पुराण और विष्णु पुराण अनुसार इनके दाये अंग से ब्रह्मा, बाएँ अंग से विष्णु और मध्य भाग से रूद्र शंकर उतपन्न हुए जो तीन गुणों का प्रतीक हैँ शिव पुराण अनुसार एक कल्प मे ब्रह्मा और विष्णु के मध्य अग्नि स्तम्भ के रूप मे यही महेश्वर प्रकट हुए थे जिसका आदि और अंत नहीं देख पाए तब इन्होंने आकाशवाणी की आप ब्रह्मा और विष्णु मेरे अंश हो और आपके बाद तीसरा अंश उतपन्न होगा जिससे आप त्रिदेव बनके सृस्टि को धारण करोगे काल रूपी सदाशिव जो हैँ वह विराट पुरुष का अंत: करण है ज्योति रूप कहे गए हैँ इसी को विराट पुरुष का चित्त या चिद ब्रह्म भी कहा है इसीलिए लिंग महेश्वर कहे गए हैँ पंच तत्वों और 10 इन्द्रियों को उतपन्न करने के कारण पंचमुखी और 10 भुजाधारी हैँ 10 महाविद्या ही इनकी दस भुजायें हैँ त्रिगुण को त्रिनेत्र रूप मे धारण करते हैँ और 🙏🏻सदाशिव के पंच रूप ही ब्रह्मा ( पृथ्वी तत्व ), विष्णु ( जल तत्व ), शिव (अग्नि तत्व ), ईश्वर ( वायु तत्त्व ) और सदाशिव (आकाश तत्व ) बनके सृस्टि का निर्माण करते हैँ
विज्ञान भी इसी क्रम को कहता है की सर्वप्रथम शून्य (ॐ )से आकाश और फिर आकाश ( सदाशिव )से वायु (ईश्वर ) का निर्माण हुआ और वायु और आकाश के घर्षण से अग्नि ( शिव ) का निर्माण हुआ और अग्नि और वायु के मिलन से विष्णु ( जल ) का निर्माण हुआ और इन सभी तत्वों ने मिलकर ब्रह्मा अर्थात हिरणयगर्भ प्रजापति ( पृथ्वी तत्त्व ) को उतपन्न किया.. कितना विज्ञान है हमारे पुराणों मे 🙌
इसी प्रकार मानव शरीर मे भी विराट पुरुष की कल्पना हुई है मानव शरीर का अंत: करण आज्ञा चक्र मे ज्योति ब्रह्म या सदाशिव के रूप मे वर्णित है इस आज्ञा चक्र के नीचे तत्वों की सृस्टि है जो विसुद्धि चक्र स्थिति आदिशक्ति द्वारा उतपन्न की जाती है और इस आज्ञा चक्र के ऊपर सहसत्रार ही महाविराट है जिसके रोम रोम मे करोड़ो ब्रह्माण्ड(भव )हैँ जिसे आज विज्ञान मल्टीवर्स कह रहा है यह क्राउन चक्र की अनंत पंखुड़ियाँ ही अनंत ब्रह्माण्ड हैँ जो भवसागर मे बुलबुलो की भांति स्थिति हैँ 😳👌👌👌 विराट पुरुष के शरीर मे करोडो अरबो ब्रह्माण्ड समाये हुए हैँ हर ब्रह्माण्ड मे यही क्रम रहता है 🙏🏻
परमात्मा तीन रूपों मे सृस्टि हेतु विभक्त होता है प्रकृति अर्थात दुर्गा आदिशक्ति, आदिपुरुष अर्थात आदिनारायण और महाकाल अर्थात आदिशिव सभी पुराणों मे इन्ही की पृथक महिमा वर्णित है जो अल्पबुद्धि नही समझ पाते
इन्ही की सम्मिलित शक्ति से ही हिरणयगर्भ अंड से विराट पुरुष की उतपत्ति होती है
और निर्गुण अव्यक्त राम(सर्वव्यापी परमतत्व )ही इन सब रूपों मे व्यक्त होता है इसीलिए मात्र त्रिदेव ही नही उनके भी परे भी हरि, हर और शक्ति के मूल तत्व हैँ योगमाया के आयाम मे अर्थात प्रकृति पुरुष और काल जिनको महाविष्णु, आदिशिव और ललिता त्रिपुर सुंदरी शास्त्रों मे कहा गया है🙏🏻
@@रहस्य369 Sabi Brahman ka hi angsh hai magar Durga kabi hari NAHI hai aur Har kabi hari hai ...they are same parts of Brahman but different rule and dimension ...khichuri mat banao..🙄🙄🙄...apple orange Nahin hai Nahin orange aam ...kinto Sabi darti se hi ugta hai ...wrong translation mat karo ...
@@Manoj-gc6go ममैव पौरुषम रुपम गोपिकाजन मोहनम
गोपियों को मोहने वाला मेरा पुरुष रूप ही गोविन्द है
कदाचीद्या ललिता पुँरूपा कृष्णविग्रहा| कदाचीद्या श्री तारा पुँरूपा राम विग्रहा
कभी ललिता त्रिपुरसुंदरी श्रीकृष्ण बन जाती हैँ
कभी तारा श्रीराम बन जाती हैँ अतः इनमे कोई भी भेद नही 🙏🏻यही सत्य देवताओं का अहंकार दूर करने हेतु आदिमाया दुर्गा ने भी बताया की मैं ही ब्रह्मा विष्णु शिव रूप धारण करती हूं मैं ही उमा लक्ष्मी सरस्वती हूं मेरा ही आदिपुरुष रूप गोविंद हैँ मैं ही गोविन्द स्वरुपनी हूं
यह श्लोक पढ़िए ध्यान से.. देवी भागवत और कालिका पुराण का श्लोक है 😎
भाई मैंने देवी भागवत और कलिका पुराण से श्लोक भी दिए हैँ टीवी की दुनिया से नही पुराण शास्त्रों को पढ़ो.. ब्रह्म किसी भी रूप मे हो सकता है.. यानि देवी भागवत, तंत्र शास्त्र, शिव पुराण, दुर्गा सपत्शाती और ललिता सहस्त्रनाम ब्रह्माण्ड पुराण यह सब झूठे हो गए फिर तो 😎
और आम अमरुद का उदाहरण ब्रह्म या भगवान पर नही लग सकता ब्रह्म कोई भी रूप मे हो सकता है उसकी शक्ति असीमित है जबकि आम अमरुद यह जड़ पदार्थ हैँ
देवी भागवत मे साफ साफ वर्णित है कई स्थानों मे की दुर्गा ही पुरुष रूप मे श्रीकृष्ण हरि हैँ
बंगाल मे कृष्ण के रूप मे काली की कई स्थान पर उपसाना होती है कृष्ण और काली दोनों का वर्ण भी श्याम है और बीज मंत्र भी क्लीं ही है और तंत्र शास्त्र का विज्ञान जिसको पता होगा उससे पूछिए क्लीं की महिमा..
शिव पुराण मे भी वर्णित है यह कथा की एक कल्प मे शिव और पार्वती ही राधाकृष्ण रूप मे अवतार लिए थे श्लोक भी भेजू?
काली और कृष्ण, तारा और राम मे क्या सम्बन्ध है इसका उत्तर देवी भागवत, ब्रह्माण्ड पुराण और विद्या रामायण मे वर्णित है. सनातन धर्म के अनुसार सृस्टि और प्रलय चक्र निरंतर चलता रहता है इसे ही कल्प कहा गया है श्रीराम और श्रीकृष्ण आदि 10 अवतार हर कल्प मे होते हैँ ऐसे ही देवी भागवत मे वर्णित है सारस्वत कल्प मे एक बार शिव जी ने पार्वती जी से विपरीत भाव प्राप्त करने की इच्छा प्रकट करी तब पार्वती जी ने कहा मेरा महाकाली स्वरुप धरती पर कृष्ण के रूप मे प्रकट होगा तब आप राधा के रूप मे प्रकट होंगे तब उस कल्प मे काली ने कृष्ण अवतार लिया विष्णु बड़े भाई होने के कारण बलराम बने ( भागवत मे 24 अवतार मे बलराम को भी विष्णु अवतार इसीलिए कहा है ) और इंद्र अर्जुन बने पांडव वनवास के समय माता कामाख्या को प्रसन्न किये तब माता कामाख्या ने कहा मेरा काली रूप कृष्ण स्वरुप द्वारा आने वाले युद्ध मे तुम्हे विजय दिलाऊँगी
इस कल्प मे कृष्ण अवतार समाप्ति के बाद महाकाली शेरो से बने रथ मे कैलाश को चली गयी. इसी प्रकार एक कल्प मे जब देवताओं ने रावण से आतंकित होके
माता दुर्गा की आराधना की तब दुर्गा माता ने कहा मैं मातृ रूप से रावण और उसके असुरो का वध नही कर सकती
इसीलिए मैं दशरथ के घर पुरुष रूप मे अवतार लेके इन दुस्टो का नाश करूंगी इसलिए श्रीराम रूप उस कल्प मे देवी तारा ने धारण किया था.. इसीलिए कल्प कल्प मे नारायण और नारायणी ( दुर्गा ) यही 10 अवतारी बनके दुस्टो का दमन करते हैँ इसीलिए इनमे कोई भेद नही जो समझते हैँ वो पापी हैँ लिंग पुराण मे यमराज ऐसे जीवो को पहले नर्क भेजते हैँ जो हरि हर शक्ति मे जरा भी भेदभाव करते हैँ लिंग पुराण मे शिव कह रहे जो हरि और मुझमे भेदभाव करे उस नराधाम के सभी पुण्य तत्काल भस्म हो जायेंगे
इतना सब जानने के बाद भी कोई इन शास्त्रों को ना मानके अपनी मनमानी करें तों फिर तों क्या किया जा सकता है जय श्रीहरी हर शक्ति 🙏🏻
I think you try to define water to fire .... Creation to destruction to preservation... Har Tattva alag hota hai shiv tattva mai aap Tulsi Nahin Chara Sakte magar Tulsi Vishnu ka sab se Priyo hai ..Vishnu tattva mai datura Chara Nahin sakte magar datura shiv ka sabse Priyo hai ...pehle basic Gyan lelo ...cut and past mat karo Murkh ... Different gods different dimension....🙄🙄🙄🤣🤣🤣
Lord Shiva is everything, Shiva Create everything, Jiska na koi adi hai na anant woh Parameswar Shiva hai 🙏
*@Sameermahapatr* Lord Shiva is nothing, Lord Vishnu is everything. Shiva created nothing, Lord Bramha created everything, and Lord Narayana created lord Bramha... Jiska na koi adi hai na anant woh Parameswar Narayan hai 🙏
@@jaydutta7711 Lord Vishnu is nothing, Lord Shiva is everything, Vishnu create nothing 😂 Lord Brahma create everything and Lord Sadashiv create Bramha and Vishnu....
Jiska na koi adi hai na anant woh Parmeshwar Sadashiv hai 🙏
@@harshakkk Lord Vishnu is Everything because he doesn't represent *nothingness* as Shiva... Lord Shiva is Nothing. Vishnu created everyone and everything 😂 Lord Brahma created the world and Lord Narayana created both Lord Bramha and SadaShiva....
Jiska na koi adi hai na anant woh sirf Parmeshwar Narayana hai 🙏
@@harshakkk Almighty God Vishnu is the one who gave us Shri Rama, Krishna, Parshuram, etc. Shiva gave us nothing. Always remember that before commenting.
@@jaydutta7711 Shiva poison Piya Sansar ke liye Shiva Sansar ke liya Mata Adishakti ku apne se alag kiya aur bhi bahut hai tu gin payega Shiva woh sab kiya hai Sansar ke liye, Vishnu gave us nothing 😂
Bhagwan Vishnu Kurm Avtar me Meru parvat ke niche the, isiliye us samay Mahadevji ne Vish Prashan kiya.
🙏Dev K Dev Har Har Shiv 🙏Shankar Nilkant Mahadev🙏
Mahakal se bada koi nahi hai 🔱
Har har Mahadev 🚩
*@iamajit66* Narayana se bada koi nahi hai ☀️
Hari ॐ tat sat, Jai Narayana 🚩
@@jaydutta7711 Sadashiv se bada koi nahi hai 🕉️
Kalo ka bhi kal Jay Mahakal 🚩
@@harshakkk भावुक होकर comment मत कर, वास्तव में तेरे सदाशिव से करोड़ों गुनाह बड़ा है नारायण। महाकाल सिर्फ हम सबसे बड़ा हैं, लेकिन वेद और उपनिषदों के अनुसार परमपिता, परमात्मा परमेश्वर विष्णु सभी देवी-देवताओं में सबसे प्राचीन परम ईश्वर हैं। इस संपूर्ण ब्रह्मांड में भगवान विष्णु से बड़ा न कोई था, न कोई है, और ना ही कोई होगा। उनके मन में उनकी सृष्टि के लिए जो प्रेम है वो किसी भी देवता के अंदर नहीं है। उनके मन में अपने दुश्मन के लिए भी प्यार है, ऐसे मेरे प्रभु नारायण को मेरा शत शत नमन है।
जय श्री हरि 🙏♥️
@@harshakkk Almighty God Vishnu is the one who gave us Shri Rama, Krishna, Parshuram, etc. Shiva gave us nothing. Always remember that before commenting.
@@harshakkk Lord Vishnu is Everything because he doesn't represent *nothingness* as Shiva... Lord Shiva is Nothing. Vishnu created everyone and everything 🕉️ Lord Brahma created the world and Lord Narayana created both Lord Bramha and SadaShiva....
Jiska na koi adi hai na anant woh sirf Parmeshwar Narayana hai 🙏
क्योंकि विष्णु जी पर्वत के नीसे कश्यप अवतार लिए हुए थे 🙏
खुद विष्णु नही था😂
No One Can Beat Supreme Lord Shiva 🕉🔱
*@Shivajimaharaj344* Except Vishnu. Only almighty God Vishnu Can Beat semi Lord Shiva 🕉🔱 Lord Shiva is nothing, Lord Vishnu is everything. Shiva created nothing, Lord Bramha created everything, and Lord Narayana created lord Bramha... Jiska na koi adi hai na anant woh Parameswar Narayan hai 🙏
@@jaydutta7711 No One , Only almighty God Shiva Can Beat semi Lord Vishnu 😂 Vishnu is nothing, Lord Shiva is everything, Vishnu create nothing 😂 Lord Shiva create Vishnu and Brahma both..... Jiska na koi adi hai na anant woh Parmeshwar Sadashiv hai 🕉️🙏
@@jaydutta7711 Aur kitna royega sirf ek comment spam reply de raha hai 😂 Le me bhi tare jase hi reply tujhe de diya tu aur jurse rooo 😂
@@harshakkk It's actually the other way around. Only the almighty God Vishnu can beat the semi-Lord Shiva. 😂 Shiva is nothing; Shiva means nothing. Lord Vishnu is everything. Vishnu created both Lord Brahma and Shiva. 😂 Lord Shiva created nothing. Jiska na koi adi hai na anant, woh Parmeshwar Narayana hai. 🕉️🙏
@@harshakkk Aur kitna bhoukegah sirf ek hi comment spam reply de raha hai 😂 Le me bhi tare jase hi reply tujhe de diya tu aur jorse ro 😂
Mahadev and bhagwan Vishnu donon hi bus,ko pi saktehe mahadev bhagwan Vishnu donohi, saman shaktishali hai
हरि और हर ही शिव और शक्ति है हरि और हर ही राधा और कृष्ण है 🙏🏻यही वेदांत के प्रकृति और पुरुष हैँ.. और प्रकृति और पुरुष मे भी कोई भी भेद नही इसीलिए कभी शक्ति पुरुष रूप मे होती हैँ तों श्रीकृष्ण, हरि कहलाती हैँ और शिव प्रकृति रूप मे राधा, महालक्ष्मी कहलाते हैँ शिव की अस्ट मूर्तियां ही अस्ट लक्ष्मी हैँ और जब काली कृष्ण अवतार मे आयी तब वही अस्ट मूर्तियां अस्ट पटरानियाँ बन जाति हैँ कृष्ण की.. हरि के दस अवतार ही 10 महाविद्या हैँ दुर्गा की.
और जब शिव पुरुष रूप होते हैँ तों हरि ही दुर्गा,पार्वती कहलाते हैँ आजकल कुछ नव शैव नव वैष्णव नव शाक्त हरि हर शक्ति मे भेदभाव करने मे लगे हुए हैँ उनके लिए देवी भागवत पुराण मे स्वयं देवी का यह ज्ञान जानना अतिआवश्यक है अन्यथा स्वयम का ही नाश कर लेंगे ऐसे मुर्ख. सभी पुराणों और आदिशंकराचार्य के सभी भाष्य मे हरि हर भेदी साफ नर्कगामी वर्णित किया गया है देवी भागवत, कालिका पुराण मे देवी दुर्गा स्वयं क्या कहती हैँ
ममैव पौरुषम रुपम गोपिकाजन मोहनम
गोपियों को मोहने वाला मेरा पुरुष रूप ही गोविन्द है
कदाचीद्या ललिता पुँरूपा कृष्णविग्रहा| कदाचीद्या श्री तारा पुँरूपा राम विग्रहा
कभी ललिता त्रिपुरसुंदरी श्रीकृष्ण बन जाती हैँ
कभी तारा श्रीराम बन जाती हैँ अतः इनमे कोई भी भेद नही 🙏🏻यही सत्य देवताओं का अहंकार दूर करने हेतु आदिमाया दुर्गा ने भी बताया की मैं ही ब्रह्मा विष्णु शिव रूप धारण करती हूं मैं ही उमा लक्ष्मी सरस्वती हूं मेरा ही आदिपुरुष रूप गोविंद हैँ मैं ही गोविन्द स्वरुपनी हूं
इसीलिए जो कृष्ण भक्त शिव का अपमान करते हैँ वो स्वयं राधा का अपमान करते हैँ और जो शिव भक्त कृष्ण को अपमान करते हैँ वो स्वयं दुर्गा का अपमान करते हैँ🙏🏻🙏🏻🙏🏻
और हरि ने समुद्र मंथन के लिए मंन्द्राचल को उखाड़ के समुद्र मे स्वयं स्थापित किया और वासुकी के विष से देवताओं और असुरों का बल खत्म होता गया तब उनके अजीत अवतार लेके सबके भीतर प्रवेश करके बल प्रदान किया और मंदारचल डूबने पर पीठ पर धारण किया
और मोहिनी धंन्वंतरि अवतार लेके सब कार्य अकेले सम्पन्न किया देव असुर तों मात्र निमित्त थे और सबको अपना योगदान देना था इसीलिए वासुकी का विष जब समुद्र तल पर एकत्रित होके कालकूट बन गया तब शिव ने उसको धारण करके सबकी रक्षा की अपना योगदान दिया. जिस प्रकार शिव ने विष पिया उसी प्रकार हरि ने भी हायग्रीव अवतार के लिए अपना सर काट कर अलग नही कर दिया था? और एक कल्प मे विष धारण करने के बाद शक्ति ने काली रूप धारण करके शिव को बाल रूप मे माता की तरह दुग्ध पान करके विष के प्रभाव को क्षीन कर दिया था
और एक कल्प मे हरि ने अपने भीतर शिव को समाहित करके विष प्रभाब को शांत किया और वो मंदिर आज नेपाल मे है यानि हरि, शक्ति और हर एक होके ही विष को क्षीन किये हैँ क्युकी अलग 2 रूप मे यह देवता की लीला करते हैँ एकत्रित रूप मे परब्रह्म हैँ
.. हरि और शक्ति एक ही तों हैँ इसीलिए शिव को पार्वती वल्लभ भी कहा गया है और विष्णु वल्ल्भ भी
क्या हरि और शक्ति विष को नही पी सकते थे? कालकूट विष से सुरक्षित रहने का वरदान पूतना को था जिसे कृष्ण अवतार मे हरि ने अमृत के समान पूरा पी गए थे और किसी कल्प मे काली ने भी कृष्ण अवतार लेके पूतना का पूरा विष पान कर लिया था
शास्त्रों मे वर्णित है सृस्टि और प्रलय निरंतर चलता रहता है इसे कल्प कहते हैँ इसीलिए समुद्र मंथन की लीला हर कल्प मे होती है क्यों होती है क्युकी शिवलोक के जो ब्रह्म शिव हैँ जिनको सदाशिव कहा जाता है वो पंचमुखी नीलकंठ चंद्र मुकुट और गंगाधर कहे गए हैँ उन्होंने ही ब्रह्माण्ड मे शंकर के रूप मे अपना अंश भेजा है और महाभारत के अनुसार शंकर जी उसी पूर्ण स्वरुप को प्राप्त करने के लिए सर्वमेघ यज्ञ हर कल्प मे करते हैँ जिसमे स्वयं के प्राण को आहुति के रूप मे हवन किया जाता है विषपान की लीला अंतिम आहुति के रूप मे होती है इसके बाद शिव अपने सदाशिव रूप मे पूर्णतः प्रकट होते हैँ और बात लक्ष्मी की वो महालक्ष्मी का अंश ही समुद्र कन्या के रूप मे सभी देवो त्रिदेवो मे से विष्णु को अपना पति स्वीकार करती हैँ क्युकी महाविष्णु भी अपना अंश विष्णु के रूप मे इस ब्रह्माण्ड मे भेजते हैँ और लक्ष्मी के साथ ही विष्णु लक्ष्मीनारायण बनते हैँ..
इसीलिए हरि हर शक्ति एक ही तत्व हैँ इनमे भेदभाव करना पाप कहा गया है लिंग पुराण मे वर्णित है हरि हर भेदी को यमराज पहले पकड़ते हैँ इनके सारे पुण्य भस्म हो जाते हैँ. सब लीला है हरि हर शक्ति की. इसका आनंद लें 🙏🏻
Barhama Vishnu Mahesh tino ek hi hai yaar
Bus ko kyu piyenge,bhish piyenge
Mahadev sirf pinsakte hai bishnu nahi
@@surajsah1330aur tu loda pe skta hai 😂
Har har Mahadev 🙏❤️🙏🚩🔱
Mere pita mata bholanath maata parbati❤❤❤🙏🙏🙏🚩🚩🚩
Kyoki Mahadev se upar koi nahi 🙏🏻🙏🏻 ..har har mahadev
@@ritikpatel3554iskonite 😂😂😂
@@ritikpatel3554 tri akl trignd mein hai
@@SHRAVAN2000 iskcon is doing good
❤𝐎𝐦 𝐧𝐚𝐦𝐨 𝐍𝐚𝐫𝐚𝐲𝐚𝐧❤
@@Shubhamdk99 Shiv and Mahadev M C hai 😂😂
@@Shubhamdk99 Shiv, Mahadev, Allah and Buddha ye chaaro M C hai 😂😂
@@Shubhamdk99 Shiv, Allah, Budhha, Mahadev ye chaaro M C hai 😂😂
@@Shubhamdk99 Shiv, Allah, Budhha, Mahadev ye chaaro M C hai 😂😂
@@jaydutta7711tumne is sansar me a k galti kar di tumhe nahi ana chahiye sansar me
Most Powerful Hindu God Lord Shiva 🕉🚩
*@sipurout4258* No, Most Powerful Hindu God is Lord Vishnu 🕉🚩 Not Shiva ❌
@@jaydutta7711 Most Powerful Hindu God Lord Sadashiv 🕉️
@@harshakkk No, not at all. The Most Powerful Hindu God Lord Vishnu who saved us all the time 🕉️
@@harshakkk Almighty God Vishnu is the one who gave us Shri Rama, Krishna, Parshuram, etc. Shiva gave us nothing. Always remember that before commenting.
@@jaydutta7711 Shiva poison Piya Sansar ke liye Shiva Sansar ke liya Mata Adishakti ku apne se alag kiya aur bhi bahut hai tu gin payega Shiva woh sab kiya hai Sansar ke liye, Vishnu gave us nothing 😂
❤❤ Har Har Mahadev Om namah shivay Ji ❤❤, ❤❤Jay shree Hari Vishnu Ji ki ❤❤
Jinka janm hi nahi hua unka anth to ashambhav hai 😊mata
Aadi anant shiv😊
@@ritikpatel3554 tuje kisne kaha hua hai shiv adi ananth ajnma hai
@@ritikpatel3554 tu apne dada ke dada ki jnm puch le pehle wahi bhot h 🥵🥵
वो भगवान विष्णु ही थे जिन्होंने समुद्र मंथन का सुझाव दिया था, वोही थे जब सारे देवता , असुर, नाग आदि मिलकर भी मंद्रांचल पर्वत को हिला तक नहीं सके थे तब उन्होंने ही us पर्वत को उठा कर समुद्र में स्थापित कर दिया था, वो ही थे जिन्होंने वासुकी नाग को रस्सी बनाने का उपाय बताया था, वो ही थे, जिनके ऊपर कूर्म अवतार में पूरे पर्वत का भार रखा था, घर्षण हो रहा था, विष का प्रभाव भी वही से प्रारंभ हुआ था, वो ही मंद्रांचल ऊपर स्थित रहकर उसे स्थिर रखे थे, वो ही थे जिन्होंने माया द्वारा असुरों को अमृत पीने से रोक कर उन्हे अमर नही होने दिया था, वो ही थे जिन्होंने राहु के दो टुकड़े कर दिए थे। ❤
You forgot dhanvantari jinhone Amrit kalash pakadkar samudr manthan me utpann hua he is also avatar of Vishnu
Jai bhagwan Hari Narayan ki jai har har mahadev shiv shambhu ki
Bhy ese serials p case krdena chiye!! Jha p narayan ki image ko kam krte h aur gods ki image k lie.
lord Shiva Supreme ❤
Right ❤
Both Vishnu Ji n Mahadev are same... don't compare them...Jay HariHar 🙏❤
No Vishnu Was Not Capable To Do That This Types Of Things Can Only Be Done By The Real God Of God's Har Har Mahadev 🙏.
@@STARSFEVERFOREVER अरे मंदबुद्धि मुर्ख पहले तत्व को जान ले हरि और हर में भेद करता है यह महापाप है ।
@@JikunMahanty-yt1wo HUM TOO MURKH BUDDHI HAI BUT SHAYAD AAP BHOOL GAYE HO KI PALAN KARTA VISHNU HAI SHIV TOO SANGARAK HAI FIR BHI UNHONE POISON PIYA REASON YEHI THA YEH SHERON WALE KAAM SIRF AUR SIRF MERE MAHADEV 🙏 HI KAR SAKTE HAI OM NAMAH SHIVAY 🙏.
@@STARSFEVERFOREVERap narak me jaoge samje pagal Vishnu shiv he he Paramatma parameswar he samje bass shiv puran padh ker shiv bade he ye mat bolo pahele sare puran padha or Geeta padha😂😂
@@narayanvlog49 MUKHE NARAK MANZOOR HAI LEKIN MAI MAHA DEV KE ALAVA NA KISIKO MAHAN MAANTA HOON NA MANUNGA SUDARSHAN CHAKRA VISHNU KO KISNE DIYA YEH BHI PADH LENA AUR VISHNU KISSE BORN HUA WOH BHI SAB HAI SHIV MAHA PURAN MAI MAI BACHPAN MAI TV SERIAL DEKKHA KARTA THA DD NATIONAL PE AATA THA
HAR HAR MAHADEV ❤
❤𝐎𝐦 𝐍𝐚𝐦𝐚𝐡 𝐒𝐡𝐢𝐯𝐚𝐲❤
Shiv aur vishnu mai bhed karna paap hai shiv aur vishu bhagwan se he sansar hai
Lord Shiva is Supreme God of our Sanatan Dharm 🕉🚩
*@sipurout4258* Lord Vishnu is the Supreme God of our Sanatan Dharm 🕉🚩
Not Shiva ❌
@@jaydutta7711 Lord Shiva is the Supreme God of our Sanatan Dharm 🕉️🚩
Not Vishnu ❌
@@Rahulzdas63 No, actually Lord Vishnu ALONE is the Supreme God of our Sanatan Dharm 🕉️🚩
Not Shiva ❌
@@Rahulzdas63 Almighty God Vishnu is the one who gave us Shri Rama, Krishna, Parshuram, etc. Shiva gave us nothing. Always remember that before commenting.
@@jaydutta7711 Shiva poison Piya Sansar ke liye Shiva Sansar ke liya Mata Adishakti ku apne se alag kiya aur bhi bahut hai tu gin payega Shiva woh sab kiya hai Sansar ke liye, Vishnu gave us nothing 😂
Jai shree shiv bhagwan jii om namah shivaye ❣️❣️
Jai mata parvati jii ❣️❣️
Jai shree ganpati maharaj ji ❣️❣️
Jai shree kartike bhagwan jii ❣️❣️
Har har Mahadev Mahadev Mahadev.. Jai Mata Parvati..🙏🌺🙏🌹🕉️🔱☘️✨💫🚩♥️🌎😊
Narayan hi parbrambh h Narayan is superm god sab avtar Narayan se suru or Narayan par Khatam h Narayan hi bramma h Narayan hi shiv h Narayan hi shrusti ka ant or arambh h jay shree hari narayan ❤❤❤❤
Jay Brahma🙏❤️🙏vishnu🙏❤️🙏maheswar🙏❤️🙏
Jay shree ram ❤Jay hanuman 😌❤🙏
❤❤ HAR HAR MY SWEET HEART LORD MAHADEV KULESHWAR RAMESHWAR SHIV SHAMBHU SHANKAR MAHESH BHOLENATH RUDRESHWAR JI ❤❤ JAI SHRI HARI ❤❤
Jai bhole nath jai mahadev
Shiv hi Vishnu he Vishnu hi Shiv he❤
जय श्री महाकाल जय शिव भगावन
OM NAMAH SHIVAAY
HAR HAR MAHADEEV
Jai Sri hari 🙏
SAB KUCH KARNA PER APANE BAAP KO MATH BHULNA. HAR HAR MAHADEV ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Dear sanatani's don't fight who is supreme
एकमेव सत्यम् अस्ति
ईश्वरः न पुरुषः न स्त्री न नपुंसकः ईश्वरः प्रज्ञा
Mahadev hi param pita hai
Om namah shivaya ♥️🙏
bole hari bhi jay mahadeva line satya hai hari ke bhi ishwar hai bholenath jai harishwar shiv
Sadashiv is supreme god ♥️😍
समुद्र मंथन से जो भी निकला वो सब लेकर चले गए।
देवी लक्ष्मी को विष्णु
अमृत को देवता।
कामधेनु को ऋषि
परिजाद को देवता।
कौस्तुभ मणि को देवता।
अमृत को देवता।
और विष महादेव।।।।।।। रोंगटे खड़े हो जाते है। कोई इतना निस्वार्थ कैसे हो सकता है।
bus yahi narayan vahi the jinhone pura parvat apne upper dharan kiya kast saha vo tab bhi vahi the kab vis vikraal hua. to aap bataye kya keval mahadev hi niswarth narayan nahi. es leela ka mahatva aatmamanthan se hai. or parbhrahm shiv ho ya vishnu hame to keval katha ka marm samagna chahiye
Achha ye samudra manthan kya shree ke liye nhi hua tha - to Narayan ka niswarth kesa - Luxmi ko prapt karne ke liye
Purushartha karna padta hai aur wo Narayan ne kiya - Par Mahadev ne Jher anant kaal tk kath main roka hai ...😊
@@dhruvpachauri8597 ab bol na MA...... c....
@@moonoflife8211 ji ye niswarth hi tha bina maa lakshi ke ye sansaar adhura hai kyuki vo maya roop main jagat ko chalati hai. satya kahe to shiv ji ko chandra aabusan mila kya kahoge fir ki unko kuch nahi mila. aap satya ko apni najar se dekh rahe hai satya ko satya ki najar se dekha jata hai. jagat ka palan keval narayan nahi maa lakshmi karte hai vo purn hi tabhi hote hai. jaise prabhu shiv bina shakti ki adhure hai. or ek baat bhagwan ko kisi ki jarurat nahi na lakshmi ki na shakti ki vo to es sansaar ko hai. hum apni maya grasit bhuddhi se dekhte hai to lagta hai. satya ki nahi.
@@dhruvpachauri8597 🤣 shiv to veetraagi hai unhe tumare chadra se koi lena dena nhi , Chandra shiv ko abhushan ke taur PR nhi mila wo to shiv chadra ki Chandrshekhar bn kar raksh karte hai Daksh ke shraap se..
Aur Laxmi Shakti hai Narayan ki , Bina Shree ke wo shreman Narayan nhi - to kuch bhi Mt bolo
Mana tum Vaishnav ho par sach ko sweekar karne ki himmat bhi rakho , Narayan ka ye karm Unke Prem ke liye tha - shree ke liye tha par shiv ne jo kiya wo Niswarth hai isliye
Unhe Mahadev bola gya ..
Pramaan ke taur par tum apni Vaishnav puran shree mad Bhagwat sarv 4 pad lo - tumare hi vaishnav puran main tumare hi vaishnav bhgwan shree man Narayan ne yehi kaha hai...
Jai Shri Ram Prabhu🙏🙏
Om Namah Shivaya Prabhu🙏🙏🙏
Habir rakha koris Prabhu. T saara udhaar nei a Srishti ehanat.
Lord Vishnu already engaged as kurma avatar...
@@Shubhamdk99 Shiva and Mahadev M C hai 😂😂
Bramhasaraswati Bhagawan 💛
Om harihara
Har Har Mahadev
Dono log ek hi hai jo enhe alag samghega unka kabhi Kalyan nhi hoga❤❤
🙇♂️🙏🙏🌿🥛
Mahadev is very powerful god
Jay shree krishna jay bholenath ki 🙏🙏🚩
Har Har Mahardava🙏🙏🙏🙏🙏
Bhai iska koi reason nhi h bhai agar wahi bhagwan vishnu ne vish piya hota toh sab bolta bhagwan shiv ne kyu nhi piya
शिवजी और विष्णुजी एक ही तत्व हैं और वो देवताओं और डांवों के साथ भी मनोरंजन करते हैं 🥰 भगवान के लीला भगवान ही जाने 🙂 हर हर महादेव 🙏
सबसे बड़ा वीर जामवंत है समुद्र मंथन नारायण शिवा
This actor in mahadevs character:80%...
But mohit raina in Mahadevs character..1OO %❤❤
Sorry but Not even 10% of mohit raina's acting level.
Jai mahakal Har Har Mahadev,jai shree Hari Vishnu om bhagwatey vasudevay nama
Jai Shri Har Har Mahadev Jai Shri Nilkanth Mahadev
🙏🔱 ॐ नमोः पार्वती पतये हर हर हर महादेव 🙏🔱🔱❤❤❤❤❤
Jaya Maa Jaya
महादेव जैसा ना कोई हुआ है ना कभी होगा
बाकी सारे देव है और वो महादेव
मेरे भोलेनाथ🙏🏻
Jaya Shree Bhole Baba Jaya
Har har mahadav
❤❤ har har mahadev ❤❤
Jay Bajrang Bali 🙏🙏🙏❤️
Kyunki Bhagwan Vishnu Uss samay Kurma roop mei the. Owr to Owr iss ghatna ke peechhe Narayan ki hi leela thi. Mahadev ko ek owr naam(Neelkanth) jo dilana tha 😀❤️
Sab debta ne piya Amrit mahadev ne piya bish🔥💪
अरे वह देवों के देव महादेव ना उनका आदि न अंत है बाकी सब का जन्म हुआ
सब एक ही है लेकिन समय सबका आता है बारी बारी से और अपने समय मे सब ईश्वर बन जाते हैं कुछ समय के लिए।
Om Namah Shibaya Om Gupteswaraya 🙏🌺🌼🦚
Mahdev aadi purush hai is liye vishnu unke ansh hai aur bramha vishnu ke isliye😊 har har shambhu😊🚩🚩🚩
Kanha se पाते हो इतना ज्ञान कुछ भी
Bhai Ek Baat Bolu Bhagwan Shankar (Mahadev) is Adiguru/AdiYogi not Adipurush. Adipurush is another name of Bhagwan Ram/ Bhagwan Vishnu
Mahamurkh ho tum
Jiska na adi hai na ant jinhone sabkuch banaya aur matra vahi sabkuch nast karte hai vo mahadev hai
Bhagwan shiv jo ajanm hai, na adi hai na ant hai, wo Mrityu ki baat kr reh hain,yr kuch v mat banao yr, ye halahal v unse janma hai, bas duniya ko dikhane klye ki ye bis kitna danger hai use apne gale me rakhe na andar liye
Shiv is naryana and naryana is shiv
क्योंकि भगवान विष्णु उस समय कछुआ के रूप में उनके उपर ही पत्थर रखकर समुन्द्र मंथन हो रहा था। वरना अनंत अजन्मे अविनाशी भगवान विष्णु ही विश को पीते क्योंकि हमेशा नारायण ही देवी देवता मनुष्य और भगवान शिव को भी बचाया है।
Rong ho aap Aisha kuch nahi hai
Jab nhi jante ho to galat mat likha karo
@@Raajkumar-xp1xl ja kar bhagwat Geeta padho jisse duniya manti hai. Narayan hi sab kuch hai
@@mohitadhikari8238 Geeta padho jisse duniya manti hai Narayan hi sab kuch hai vahi shiv bhe hai
Narayan aur shiv ek hi h
8'40 to 9'51 that 1'11 seconds are mesmerising
Yes they same
Guys read the granth or related poscasts!! Vishnu is majestic. Can’t be compared to anyone. A proper all rounder perfection✨
Aise ved to mai roj likhkar phaad deta hoon likhne wala insaan tha samjha
❤❤❤❤❤❤
Jo swayam Amrit saman mithe he vahi Jaher ko pi sakte he....Shiva shiva❤❤❤❤