प्रभाती भजन राम गुण गायलो रे जब तक सुखी है शरीर ॥ तुलछाराम रामस्नेही

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  • Опубліковано 26 сер 2024
  • #मरुधरा संत महात्माओं की तपोभूमि रही है, #संत_महात्माओं ने अपनी #कठोर_तपस्या, #त्याग और #योग_बल से जीवन का जो सार समझा, उसको #लोक_कल्याण के लिए #जागरण_भजनों के रूप में जन मानस को समझाया।
    ऐसे ही संत पुरूषों की लोक कल्याणकारी वाणी को आप भी सुनें और आनंद लें।
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    यहां तक आए हैं तो #राजस्थानी_भक्ति_संगीत चैनल को #सब्सक्राइब ज़रूर करें ताकि आगे भी आपको ऐसे ही सुमधुर भजन कीर्तन, देशी वीणा भजन, मारवाड़ी जागरण भजन और राजस्थानी कथा साहित्य सुनने को मिलते रहें।
    #धन्यवाद...🙏🙂
    Disclaimer :- प्रस्तुत वीडियो लोक गीत - संगीत, भजन - सत्संग, जनश्रुतियों और दंत कथाओं पर आधारित है तथा मनोरंजन मात्र के उद्देश्य से बनाया गया है।

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