जय श्री राम। मैं जोधपुर राजस्थान से हु और श्री सैनिक क्षत्रिय (माली) समाज से हू। मैं आप सबको बता देना चाहता हु कि सैनिक क्षत्रिय (माली) समाज सैनी समाज और माली समाज तीनो अलग अलग समाज है। हमारा इतिहास और पहचान अलग है। मेरा यदुवंशी सैनियो से यह कहना है कि आपका नाम चुराने में हमारे समाज का कोई हाथ नहीं है। यह सब जो असल माली समाज है उनके द्वारा किया गया हैं l हमारे समाज मे कुछ लोग हैं जिन्हें इस चीज की जानकारी नही हैं वो इन मालियो के बहकावे में आके सैनी लगा रहें है जिसका हमारे समाज के जागरूक लोग पुरजोर विरोध कर रहें है। हम सभी सैनिक क्षत्रिय (माली) आपके साथ है। 🙏🏻🚩
वाह भाई वाह तुम्हने तो माली और सैनी दोनों ही नाम छीन लिए 😂😂😂 हम का अंग्रेज के संग आये ,के मुगलों के संग क्या हम भारत माता की संतान न है क्या हम हिन्दू न है
@praveensaini4470 too kaun hai? Toonay bhi to Gola ho kar Sainiyo ka naam churaya hai. Pehle too Saini likhna band kar. Saharanpur me sirf farzi Saini hain.
Ambala, kurukshetra, Yamunanagar or Panchkula ke saini kashtriya saini h. Enki restedari South ,west or east haryana ke sainiyo se nahi h.or na hogi kyuki vo saini alag hi dikhai dete h. Unse kuch b match nahi Hota.
@@THE_YADUVANSHI_RULERSMali sanskrit shabd mala se diya gaya hai jo loog sirf phool ugane ki kheti karte the unko phool Mali kha jata hai jo baag rakhte the unko baagwani kha jata hai jo kharbuj tarbuj ugane ki kheti karte the unko kambooj jo sabji ugane ka kaam karte the unko Saini kha jata hai
राणा जी के हल्दी घाटी युद्ध केबाद सभि जातियां राजपुताना से निकली थी शे अपनेआप राजपूत कहलाना पसन्द करती है जैसे जीन्द जिले कुम्हार अपने राजपेत बोलते हैःओर कुमहार शब्द ओछा समझते है, फिर भी शादिया कहारों मे करते है।हल्धीघाटी से पहले भी सभि 36 जातियां पहले भी लोकल रह रही थी।अपनेआप सुपर कहलाने के लिये शीफ्टिड जातियां अपनी जाती के आगे राजपूत शब्द जोडतैहैं जैसे हम तो राजपूत कुम्हार हैअं ओर वो वाले दूसरे कम्हार है।क्योंकि मेरे पूर्वज चितोड से निकले हुए है ओर खुद कम्हार जाति से हूः।
असली सैनी यदुवंशी राजपूत हैं । भाई साहब और जिनकी आप बात कर रहे हो वे सब अलग हैं और अगर आपके मन में भी नकली लोगों द्वारा कुछ भ्रम पैदा किया है तो अधिक जनकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहे । धन्यवाद।
और एक बात शूरसैनी शब्द कोई ओछा शब्द नही है ये हमारा शुद्ध वंश है हम खुद को गर्व से शूरसैनी बोलते हैं आखिरकार हम शुद्ध यदुवंशी शाखा से हैं। वो बात अलग है की कुछ लोग हमारे वंश का इस्तेमाल कर के समाज में भ्रांतियां फैला रहे हैं। जय राजपूताना 🚩🚩
@@THE_YADUVANSHI_RULERS acha matlab aap asli shaurshini ho 🤣🤣 pehli baat aap dna test kerwaalo apna aapke poorwaj Saini hi niklenge. Aap jin vanshavaliyo ko claim ker rahe ho usme bhut ghotaala hai or rajvansh sthapit hone ke baad raja khud ko kisee na kisee puranik vansh se jod detaa tha. Aur col tod ne bhati rajputon ki pol khol rakhi hai or aaj dna study ne bhi sab pol khol di hai. Baaki genetic scientists neeraj rai ka interview pada hai youtube per usko sunlo. Rajput but zaada mix origin ke hai. Maharana pratap ke poorwaj brahman the or iska shilalekh bhi tha jisko sach chipaane ke liye khud mewar ke raja ne tudwaa diya tha. 🤣🤣
Sursaini yaduvanshi rAjput Ya Raja sursain ka vansaj hai hamara yaduvanshi sursaini rAjput BhAti jadon jadaja chudasma salaria Rayjada sabhi yaduvanshi chandervansi rAjput hai ya sursaini Rajput bhi kah sakta hai jo BHAHVAN srikrishna ka original rAjput hai
@THE_YADUVANSHI_RULERS sarkari record me ye backward class me aate h BJP ne sab backward classes aur esme Yadav, Gujjar aur kucch jagah se kucch Jat lekar eska choorma ( OBC ) bna diya
Sonepat me ek gaam h jisme Maali jyada h Rohtak side se koi Maali jo 40 saal pehle ess gaam me apne kisi rishtedar ki shaadi ( Baraat ) me aaya tha veh aadmi ab haal hi me ghumta ghumata ess gaam me aaya ,nukkad pe kucch log Taash khel rhe the uss aadmi ne unse puccha ki falaane Maali ka ghar kidhar h Taash khel rhe ek aadmi ne kha saini bol saini toh uss aadmi ne kha 40 saal pehle tumhari Bua ko byaah kar le gye the hum tab tum Maali the hum aaj bhi Maali h aur tum Gande naale ke paani me sabzi ugaa kar 2 paise jyada kmaa liye toh tum saini ban gye ,yeh hakikat h enke bde budde sab maali the Punjab me Sikho ki sena me kucch maali bharti huye jo kisi ladaai me thik thaak lde the Raja ne unko saini ka khitaab diya tha aur unko general caste me maana tha aaj ye sab saini likhne lge Ucchkoti ke kshtriya bta rhe h kya zamaana aa gya h bhai Maali- saini, Lohaar -panchaal, sunaar-soni, Kumhaar- parjapati likh rhe h sabne apni asli jaati ka naam chhupa liya h
North haryana me kurukshetra, ambala, Yamunanagar or Panchkula saini dominate district h. Or eske near punjab ka mohali or patiyala district h unme b saini bhot jyada h. Even mere relative rehte h en district me
Surivenshi saini ashit sagar bhagirath delip sa janma ha jo gola saini bhagirath saini je ek youg phela dharthì par aiea ha lakin shatraughan na he madh vanmathura nagar basaia tha inkia family ma he shoor sain saini ka name sa shoor saini kelia ha shoor saini mathura ka duipar ka time aihhar yadav ma mix ho ghia tha lakin krishna je shoor saini he tha yadav baad ma bolna laga ha abhe tak disputed ha shoor sain saini surivenshi tha or chandervenshi tha lakin 70/-- shoor sain saini surivenshi he tha lord krishna je shoor saini he ha.
लोगों की मूर्खता है।क्षत्रिय वर्ण है और माली एक जाति। क्षत्रिय वर्ण के अंतर्गत बीसियों जाति आती है जिन्होंने राजा महाराजाओं के सेनाओं में भर्ती होकर युद्ध के मैदान में उतरते थे। वो सभी क्षत्रिय ही कहलाते हैं।इसीलिए तमाम जा तियों में गोत्र मिलते हैं जैसे सोलंकी, भाटी, गहलोत, चौहान आदि गोत्र राजपूत, माली, जाट, यहां तक कोली, और नाई जातियों में भी मिलते हैं।राजपूत शब्द बहुत पुराना नहीं, राजपूताना मुगलों के बाद पैदा हुआ उससे पहले किसी भी क्षत्रिय राजा के सर नेम में आपको राजपूत शब्द नहीं मिलेगा।श्रीकृष्ण, श्री राम, और पूर्व केब जितने भी राजा महाराजा हुए , चाहे वो सेन वंश, (नंद वंश _आज की नाई जाति) पांचाल वंश (पांचाल नरेश _आज की लुहार जाति) , गुप्त वंश (आज की बनिया जाति) , सब क्षत्रिय ही कहलाते थे जहां जिसका राज्य था।आज दूसरे जगह के उसी कम्युनिटी के लोगों द्वारा अपने आपको कनेक्ट कर लिया इसलिए ये सब कन्फ्यूजन है।कोई भी कम्युनिटी हमेशा किसी वर्ण विशेष की थाती नहीं रही है। जाति व्यवस्था के चरम पर जब एक दूसरे को ऊंचा नीचा कहा जाने लगा तब ये विभ्रम पैदा हुए।
✍🏻राजपूत कोई जाति नहीं है एक संगठन है। इसमें कई वंश की जातियाँ शामिल हैं राजा के पुत्रों को राजपूत कहा गया। ✍🏻राजपूत शब्द सर्वप्रथम इतिहास में 6ठी शताब्दी ईसवी आया। उसके पहले राजपूत शब्द कही पर नहीं मिलता। राजपूतों ने 6की शताब्दी ईसवी से 12वी सदी के बीच इतिहास में प्रमुख स्थान मिला। ✍🏻राजपूत शब्द को लेकर विद्वानों के कयी मत है:- कर्नल जेम्स टॉड के अनुसार राजपूतों की उत्पत्ति विदेशी थे उसके अनुसार राजपूत कुषाण, शक, और हुण के वंशज थे। कुछ विद्वानों के अनुसार राजपूत आर्य और विदेशी दोनों के वंशज थे उनके अन्दर दोनों ही जातियों का मिश्रण है ✍🏻प्राचीन सनातन धर्म में वर्ण तीन बताया गया है 1. ब्राह्मण, 2. क्षत्रिय, 3. वैश्य। यह वर्ण व्यवस्था गुण व कर्म पर आधारित बताया गया है। और यज्ञोपवीत तीनों वर्णों का होता था। ✍🏻 प्राचीन सनातन धर्म में तो राज्याभिषेक के लिए भी चुनाव होता था। जो राजपद के लिए योग्य होता था वही राजा होता था। बाद में राजाओं ने इस राजपद को अनुवांशिक कर दिया। ✍🏻राजा और उसकी सेना क्षत्रिय वर्ण का बताया गया है और राजा की फैमिली को वैश्य वर्ण का बताया गया है राजा की फैमिली कृषि का कार्य व शिल्प का कार्य करते थे। ✍🏻चौथा वर्ण शुद्र बाद में जोडा गया। शुद्रो को पढने- लिखने व पूजा- पाठ नहीं करने दिया जाता था और इन्हें यज्ञोपवीत नहीं करने दिया जाता था। शुद्रो का शोषण तीनों वर्ण के लोग करते थे। जो कि यह गलत है बाद में कुछ पाखंडियों ने वर्ण व्यवस्था को जन्म पर आधारित बताना शुरू कर दिए! इसलिए आज सभी लोग वर्ण व्यवस्था को जन्म पर आधारित ही बताते हैं। ✍🏻ठाकुर, अहीर, सिंह, राव साहब, ग्वाला/गोप..... कोई जाति नहीं उपाधि है यह उपाधि पहले यदुवंशी(यादव) लगाते थे अब बहोत कम यदुवंशी है जो ठाकुर उपाधि लिखते हैं। और बाद में रघुवंशी व अन्य वंश के लोग भी ठाकुर उपाधि लिखने लगे। ये सब अभी भी ठाकुर उपाधि लिखते हैं।
Acha mtlb for to brahman, shudra aur vaishya bhi varn huye to unme ek caste kyu hai .. brahman pandit kehlaye, shudra sc and vaishya baniyas to fir kshatriya me mtlb saare aagye tere hisab se ??waah mere bhai Tera gyan..
✍🏻राजपूत कोई जाति नहीं है एक संगठन है। इसमें कई वंश की जातियाँ शामिल हैं राजा के पुत्रों को राजपूत कहा गया। ✍🏻राजपूत शब्द सर्वप्रथम इतिहास में 6ठी शताब्दी ईसवी आया। उसके पहले राजपूत शब्द कही पर नहीं मिलता। राजपूतों ने 6की शताब्दी ईसवी से 12वी सदी के बीच इतिहास में प्रमुख स्थान मिला। ✍🏻राजपूत शब्द को लेकर विद्वानों के कयी मत है:- कर्नल जेम्स टॉड के अनुसार राजपूतों की उत्पत्ति विदेशी थे उसके अनुसार राजपूत कुषाण, शक, और हुण के वंशज थे। कुछ विद्वानों के अनुसार राजपूत आर्य और विदेशी दोनों के वंशज थे उनके अन्दर दोनों ही जातियों का मिश्रण है ✍🏻प्राचीन सनातन धर्म में वर्ण तीन बताया गया है 1. ब्राह्मण, 2. क्षत्रिय, 3. वैश्य। यह वर्ण व्यवस्था गुण व कर्म पर आधारित बताया गया है। और यज्ञोपवीत तीनों वर्णों का होता था। ✍🏻 प्राचीन सनातन धर्म में तो राज्याभिषेक के लिए भी चुनाव होता था। जो राजपद के लिए योग्य होता था वही राजा होता था। बाद में राजाओं ने इस राजपद को अनुवांशिक कर दिया। ✍🏻राजा और उसकी सेना क्षत्रिय वर्ण का बताया गया है और राजा की फैमिली को वैश्य वर्ण का बताया गया है राजा की फैमिली कृषि का कार्य व शिल्प का कार्य करते थे। ✍🏻चौथा वर्ण शुद्र बाद में जोडा गया। शुद्रो को पढने- लिखने व पूजा- पाठ नहीं करने दिया जाता था और इन्हें यज्ञोपवीत नहीं करने दिया जाता था। शुद्रो का शोषण तीनों वर्ण के लोग करते थे। जो कि यह गलत है बाद में कुछ पाखंडियों ने वर्ण व्यवस्था को जन्म पर आधारित बताना शुरू कर दिए! इसलिए आज सभी लोग वर्ण व्यवस्था को जन्म पर आधारित ही बताते हैं। ✍🏻ठाकुर, अहीर, सिंह, राव साहब, ग्वाला/गोप..... कोई जाति नहीं उपाधि है यह उपाधि पहले यदुवंशी(यादव) लगाते थे अब बहोत कम यदुवंशी है जो ठाकुर उपाधि लिखते हैं। और बाद में रघुवंशी व अन्य वंश के लोग भी ठाकुर उपाधि लिखने लगे। ये सब अभी भी ठाकुर उपाधि लिखते हैं।
Saari fraud jaatiya apne aap ko Yaduvanshio se kyo jodti hai pataa nahi ...... Apna itehaas khud banao. Rajput Jat or abb maali. Jaa ke Shri madd bhagwat phado ...... Sirf yaduvanshi Ahir hi asli Yaduvanshi hai. Baaki sabb caste paise or politics ke bharose yaduvanshi mein aana chahti hai chahe wo Jadaun ho jo Raja ban ne ke baad apni ko Yaduvanshio ka bataa rahe hai. Jat raaja ko koi nahi janata tha ye saare apne ko Rajput Yaduvanshio ke raaste yaduvanshi ban na chahte hai. Saare hindustan mein Yaduvanshio faila hua satyug se or kaam Gaye paalna chahe north India ho ya south india mein.
हे श्रीमान आपकी पीड़ा का कारण क्या है ? कृपया स्पष्ट रूप से बताएं। ताकि कन्फ्यूजन दूर करी जा सके। क्योंकि आप के आग्रह पर वीडीओ अपलोड की जाएगी । जो भी आप जानना चाहते हो कृपया स्पष्ट रूप से बताएं। क्या आप असली यदुवंश के बारे में जानना चाहते हैं। और एक विनती करते हैं श्रीमान कृपया maali करके संबोधित न करें। क्योंकि असली यदुवंशी शूरसैनी अलग हैं। धन्यवाद।
@THE_YADUVANSHI_RULERS Peeda bhai mere ye hai ki ye naye naye jo rishte banaa rahe ho iska koi faayda nahi hai .......shoorseni naam ki koi jaat panjab mein nahi haa saini zaroor hai jo maali category mein aate hai. Maali koi demean word nahi hai. Agar aap maharashtra tak bhi jaaoege to aapko 4 parkaar ke log milenge Jo common kaam karte hai north India ke hisaab se. Brahmin Agriculturist.....jat, kurmi etc Pastoralist.....yadav,Ahir,gwal Gardener.....maali Rahi baat kastriya hood ki to maali senapati bhi hue hai Rajput n maratha armies mein. Secondly ye jo bhi jaatiya hai north indian states ki Inka itehaas mein varnan hai n genealogical records hai jaga, bhatt, Brahmins ke paas or puraano mein. Aaj kal ye naya trend chalaa hai ki Yaduvanshio ko apna baap mila lo ....jaise pahle Rajputo ne kiya, phir jat or Gurjar abb akhiri mein maali samaj..... Punjab mein to saini ladke apne aapko Jatt hi bolte hai apni maali identity chupane ke liye. Waise Humey koi farak nahi padta ki koi Yaduvanshio ko apna baap banaye . We are glad people wants to join our history because they don't have theirs.
@@THE_YADUVANSHI_RULERS I am not confused at all ....... Don't put videos show some real literary proof where there is connection between Saini maali caste and yaduvamsh. Any inscription/ copper plates/ any jaga history proof? Sain surname is used by Barber caste of Haryana n Rajasthan tomorrow they will also say that we are descendants of shoorsen.
Veer ji gal e hai ki ajkl kuch farji Lok youtube uthe saini nam la ke sareyan farjia nu asali sainia nal mix krn vich lage hoye ne . Is karke assi ini chheti kise nu reply nhi krida hunda . Ki pta koi nakli Banda ithe saini ban k aa jave te sanu kave ki asali aa. Baise tuhadi bahut sari zameen agar panjab vich hagia te oho bahut badiya gal aa.👍🏻👍🏻
Ajit Saini (INA veteran, imprisoned) Sant Ram, s/o Chaudhary Rala Ram of Nangal Shahidan in Hoshiarpur (imprisoned) Amar Singh (imprisoned) Amar Singh s/o Sant Ram of village Orhpur (INA veteran) Arjan Singh of village Sujjon, Banga (Ghadar movement activist) Bachan Singh Saini (Ghadar movement, imprisoned) Banwari Lal s/o Sandokha Ram of Hisar (Quit India Movement, Imprisoned) Basant Singh s/o Prabhu Saini of Mahilpur (imprisoned) Battan Singh of village Haveli (INA veteran, imprisoned) Bhai Bela Singh (martyr of Nankana Sahib) Bhan Singh of village Jalowal (imprisoned) Chaudhary Yograj Saini of Gambhowal (Kuka Movement, 13 years imprisonment) Dal Singh (imprisoned) Dalip Singh Tamber, s/o Mayya Singh of Namolian (Hoshiarpur) and Chak No. 4, Saini Bar, Shiekhupura (INA veteran, imprisoned for 14 months) Dasondha Singh Saini s/o Sobha Singh of village Bisala (Jaito Morcha, martyred- died in jail) Gian Singh of village Bajidpur (imprisoned, INA veteran) Gonda Singh (Babbar Akali, imprisoned and tortured) Gulab Singh Saini (martyred-hanged on January 9, 1858 ) Gurdan Saini (Rajput General- martyred in Ranthambore) Gurdial Singh of village Urapar (imprisoned, INA veteran) Gurqit Singh Saini s/o Hira Singh of Ropar Hari Singh Saini s/o Ujal Singh of village Kot Khurd (Imprisoned) Harnam Singh of village Baghpur (Jaito Morcha, martyred, died in Jail) Harnam Singh Saini (Ghadar movement, martyred - hanged on March 16 , 1917 after Lahore Conspiracy Case trial) Harnam Singh Saini s/o Rajmal of Pandori Ganga Singh (imprisoned for 2 years, INA veteran) Harnam Singh Saini s/o Sunder Singh of Pandori Ganga Singh (National Movement, imprisoned for 1.5 years) Hazara Singh Saini of Pandori Ganga Singh (Civil Disobedience, Babar Akali, imprisoned for 6 years) Inder Singh Saini of Pandori Ganga Singh (Babar Akali, imprisoned for 7 years) Ishar Singh (Babbar Akali, imprisoned and tortured) Jawahir Singh Saini s/o Saini of Mandi State (Life imprisonment & confiscation of property, Mandi Conspiracy Case) Kartar Singh Saini of Pandori Ganga Singh (Babar Akali, sentence not known) Kehar Singh Saini (martyred- killed in police encounter) Labh Singh Saini (Akali leader, martyred) Lakha Singh s/o Bhagwan Singh Saini of village Mehatpur (Imprisoned for 2 years) Mahan Singh Gahunia of Philippines (noted INA civilian organizer-donated his entire wealth to INA) Manohar Singh Saini s/o Lehna Singh of Amritsar - (Sentenced to death for killing a British officer employed by National Bank as a revenge for Jallianwala Bagh massacre . Later death sentence commuted to transportation and life imprisonment, or 'Kalapani'. Spent 18 years and 9 months in prison at Andamans, Lahore and Peshawar) Mata Din Saini s/o Thawaria (Imprisoned) Mayya Singh Saini (imprisoned) Mehnga Singh Saini s/o Chaudhary Amichand of Nainakot, Gurdaspur (Imprisoned, INA veteran) Mohinder Singh Saini of Pandori Ganga Singh (Babbar Akali, martyred, killed in Babeli Police encounter) Munshi Saini (Tried in Chawarian Dacoity Case, sentence unknown) Naik Gurdial Singh Saini (imprisoned, INA veteran) Nama Saini of Fatehgarh (Ghadar movement, martyred - hanged on January 5, 1917 after 3rd Lahore Conspiracy case trial) Narain Saini s/o Sanwal (Imprisoned) Narain Singh s/o Hira Singh of Saini Majra Pritam Saini (Ghadar movement, imprisoned) Puran Chand s/o Bansi Lal , village Ramsaran Majra (Quit India Movement) Ram Lal Saini s/o Palu Ram of village Mohalla Gudsar(Quit India Movement, Imprisoned for 22 months) Rangil Singh s/o Assa Singh Saini of Khadiala (INA veteram) Sadhu Ram Saini (veteran Gandhian, imprisoned) Sant Ram s/o Ralla Ram Saini of Mehatpur Satya Pal Saini s/o Meharchand Saini (originally from Gurdaspur) (Royal Indian Naval Mutiny, tortured and imprisoned) Sham Singh s/o Mangal Saini Warayam Singh s/o Surjan Singh Saini of Chanthu Brahmana (Imprisoned)
भाई, महाराजा shoorsaini k purav shri ram the aur shri ram k purav bhagirath the, aur hum unhe bhagirath k vanshaj hain jo aaj bhagirathi saini kehlaate hain , hum suryavanshi क्षत्रिय हैं, माली अलग जाती हैं ।
@@Rohandev11_ research ka vishay he ki koe Bhagirath Raja yadav me hua he jiske aap log ho. Time period me bhool Gaye ho. Bad me apne aap ko Suryawanshi Raja Bhagirath se jod liya he.
Mali kamboj saini shoor saini kushwia kachva shakia moria reddy yadav aihhar he keshtria hota ha jaat gurjjar rajput keshtria nahi hota ha in three jati ka iteash 12oo year ka he ha rajput word bhaut baad ma aiea tha jiesh ko iesh ke jhankari nahi ha vo use jarta ha agar saini rajput shoor saini rajput likhna ok nahi ha rajput lagna sa old histry finished ho jati ha ieshlia rajput word histry jhana vala nahi use karta ha rayman mahabharat kaling ka youdh ma jaat gurjjar rajput us vakat jati nahi the
भाई साहब आपकी नज़र में सैन समाज के प्रति इज्जत बढ़ी बहुत अच्छी बात है पर कृपा करके शूरसैनी राजपूत वंश को सैन समाज मत समझ लेना। दोनों अलग अलग हैं। यहां बात यदुवंशी शूरसैनी राजपूत वंश की हो रही है न की सैन समाज की। 🙏धन्यवाद
Except that none of you people from Rajasthan and UP are actually Saini. You stole this title by manipulating census records. There is documentation to prove this. Come to us with your real caste names, i.e., Mali and Gola, you will get respect from us but as Sainis you are imposters ( Nakli Saini).
Ramji or krishna ji ka hi koi saboot nahi hai or aap apne aap ko unka vanshaj bata rahe ho agar asli roots janna chahte ho to budhist scriptures padho pata chal jayega kon the aap or ab kya bangaye ho.vaise jankari ke liye batadu gautam buddha ko jis sujata ne kheer khilai thi wo saini thi.isse aage janna hai to budhist scriptures padho or ye farzi jo apne apne aap ko ram ka or krishna ka vanshaj bana rakha hai isse bhar niklo.
हमारे सनातन धर्म ,आराध्य देवी देवताओं पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी न करें। हमारे सनातन धर्म के आराध्य देवी देवताओं के सबूत मांगने वाले अपने गिरेबान में झाकें और र रही बात बौद्ध धर्म के ग्रन्थों की तो उनमें भी शूरसेन जनपद बताया गया है। एक और जरूरी सूचना कृपया फर्जी लोग दूर रहें। धन्यवाद
You are ignorant. You haven't read Buddhist scriptures either. Pali Canon mentions Krishna as a historical figure. He is also mentioned in Jataka. Stop putting Saini in your screen name because no Saini thinks and talks like you.
@@sainibrothersofpunjab1096Rajput ek title tha raja ke putra ko bolte the fir brahaman ne 4 varn bnaye usi se utpati hue h charo varo ki kam ke according
आप जिस टर्म "क्षत्रिय" की बात कर रहे हो । वो हिंदू धर्म की एक वर्ण व्यवस्था थी । और वर्ण व्यवस्था "कर्म" आधारित थी । जिसका जो कर्म उसका वैसा वर्ण । और जिस अगड़ा पिछड़ा के आधार पर आप पिछवाड़ा पीट रहे हो । वो "आजाद भारत" की एक सामाजिक व्यवस्था है । जिसे आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक आधार पर बनाया गया । शायद 1991 से पहले पिछड़ा वर्ग नाम से कुछ नही था । क्षत्रिय, ब्राह्मण, शुद्र, अगड़ा, पिछड़ा अनुसूचित जाति आदि सब व्यवस्थाएं भारत में भौगोलिक परिस्थिति, जीवनचर्या, भाषा, खान पिन, आदि के आधार पर समय समय पर बनाई गई । और जिन सैनियों का आप जिक्र कर रहे हो । वे सैनी हम है ही नही । क्योंकि आप सैनियों की उत्पत्ति शुरसैनी कृष्ण के दादा चंद्रवंशी के आधार पर बता रहे हो । जिनका पारंपरिक व्यवसाय पशु चराना था । और अगर अगर शूरसेन यदुवंशी से आपका वंश है । तो आप सैनी कैसे हो❓ यादवों के यहां तो यादव पैदा होंगे । सैनी कैसे हो गए । यदुवंशी यादव हो सकते है । हां किसी महिला का संबंध यादव के साथ रहा हो । तो बात अलग है । और हम जिस सैनी कि बात करते है । वो भागीरथ से संबंधित है । जिस सैनी की उत्पत्ति रघुवंशी राम के छोटे भाई शत्रुघ्न के पुत्र "शुरसैन" से हुई है । जो सूर्यवंशी है । आज के भारत में सामान्य सामान्य, अगड़ा पिछड़ा, दलित अनुसूचित जाति नाम की चीजे सामाजिक और शैक्षिक व्यवस्था के आधार पर बनाई गई । जो भाषा और भौगोलिक आधार पर बदलती भी है । जाट कुछ राज्यों में पिछड़े श्रेणी में आते है । कुछ जगह सामान्य में । जहां जाट पिछड़ी श्रेणी में आते है वहां उनकी सामाजिक, शैक्षिक व आर्थिक आधार पर लिया गया है । 👇 और जिस टर्म "क्षत्रिय" की आप टाय टाय कर रहे हो । वो वर्ण व्यव्स्था थी । जो कर्म आधारित थी । क्षत्रिय युद्ध करते थे शासक थे । लेकिन आज एक अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग का व्यक्ति देश चला रहा है । देश का राष्ट्रपति है । सेनाओं में है । सेना उसके अधीन है । और अन्य सवर्ण या सामान्य वर्ग जो क्षत्रिय का ढोल पीटते है । हमने उन्हें चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की नौकरी जैसे चपरासी, सफाईकर्मी, आदि भी देखा है । क्षत्रिय बनने से पहले क्षत्रिय वर्ण की उत्पत्ति पढ़ लो । उसकी क्या परिभाषा है । ये आज का भारत है । अगर किसी का बाप दादा राजा था । तो इसका अर्थ ये नही के वे भी राजा है ।
Your caste's actual name is Gola Mali from UP/Uttrakhand. You are not a Saini. You stole this title. So stop lecturing us. We don't need to learn from you who we are. Go read the history of Jaiselmer, Karauli and Mysore states and see if they agree with you that real Yadavas are "pashu charanay vali zaat".
जो खुद को यदुवंशी अर्थात यादव बताते हो । अर्थात जिनका बाप यादव हो वे हमे असली नकली का पाठ पढ़ा रहे है । 😅 और आप कौन है देश के राष्ट्रपति है, न्यायधीश है, प्रधानमंत्री है । जो असली नकली का सर्टिफिकेट बांटते फिर रहे हो । अपना ज्ञान अपने पास रखे । हमे ऐसे ज्ञान की आवश्यकता नहीं । बाप यदुवंशी अर्थात यादव संताने सैनी ... 😮 चोर कौन है सबको पता है । जब यादवों ने अपना टाइटल नही दिया । तो दूसरो का चोरी कर लिया । 😂
ua-cam.com/video/HJDjrrl4c_E/v-deo.htmlsi=0HX90_US8nuNMwZk लिंक शेयर की है । देख लो । नेता सैनी को किसके वंशज बता रहे है । अगर गूगल पर "शूरसेन सैनी" सर्च करोगे । ना । तो सब जगह राम के छोटे भाई शत्रुघ्न के पुत्र शूरसेन का नाम दिखाई देगा । कही भी सैनी की उत्पत्ति यादवों के साथ दिखाई नहीं देगी । सर्च करो पता चल जाएगा कि किसने टाइटल चोरी की है । तुम्हारा सर नेम सैनी होगा । लेकिन बेटा हमारा टाइटल ही नही हमारी जाति भी सैनी है । जिस हरियाणा पंजाब को तुम अपना क्षेत्र कहते हो । ये उसी क्षेत्र के मुख्यमंत्री की वीडियो है ।
ये आ गये मिक्स ब्रिड जो सैनी,यादव और राजपूतो के मिश्रण से तैयार हुए है ।इसलिए कन्फूस है के खुद को सैनी बोले या यादव बोले या राजपूत बोले ।इसलिए तीनो सरनेम एक साथ लगा रहे है ।
जय श्री राम।
मैं जोधपुर राजस्थान से हु और श्री सैनिक क्षत्रिय (माली) समाज से हू। मैं आप सबको बता देना चाहता हु कि सैनिक क्षत्रिय (माली) समाज सैनी समाज और माली समाज तीनो अलग अलग समाज है। हमारा इतिहास और पहचान अलग है। मेरा यदुवंशी सैनियो से यह कहना है कि आपका नाम चुराने में हमारे समाज का कोई हाथ नहीं है। यह सब जो असल माली समाज है उनके द्वारा किया गया हैं l हमारे समाज मे कुछ लोग हैं जिन्हें इस चीज की जानकारी नही हैं वो इन मालियो के बहकावे में आके सैनी लगा रहें है जिसका हमारे समाज के जागरूक लोग पुरजोर विरोध कर रहें है।
हम सभी सैनिक क्षत्रिय (माली) आपके साथ है। 🙏🏻🚩
वाह भाई वाह तुम्हने तो माली और सैनी दोनों ही नाम छीन लिए 😂😂😂
हम का अंग्रेज के संग आये ,के मुगलों के संग
क्या हम भारत माता की संतान न है क्या हम हिन्दू न है
@praveensaini4470 too kaun hai? Toonay bhi to Gola ho kar Sainiyo ka naam churaya hai.
Pehle too Saini likhna band kar. Saharanpur me sirf farzi Saini hain.
You hv gutts u r very brave person pure blood in your veins
@pushkaltanwar4625
Bhai salute h aap ko sach bola dam h aap me
Me kurukshetra se hu Hindu saini or sikh saini me aapas me shadi hoti h. Me hindu saini hu or mere 60% relative sikh saini h
Punjab may be ese he,,, may sikh hu meri wife hindu he ❤
Jaat sikha saini nahi hote saini Sikh h saini yo m hi sadi karty h
Rawalpindi was named after Bappa Rawal . Old name of Mathura was Soorsena.
@@VikramSingh-pt1ib
Naayi bhi sain samaaj likhta hai kya wo bhi shoorseni hai kya?
Ambala, kurukshetra, Yamunanagar or Panchkula ke saini kashtriya saini h. Enki restedari South ,west or east haryana ke sainiyo se nahi h.or na hogi kyuki vo saini alag hi dikhai dete h. Unse kuch b match nahi Hota.
Mai kurukshetra se hu kya Mai Kshatriya hu ?? 😅
@@vanshu_sanatani_08 भाई साहब जैसे Tata नमक होता है और एक Takta नमक होता है। दोनों का कवर एक जैसा होता है अब पहचानो असली कौन ?
@@THE_YADUVANSHI_RULERSMali sanskrit shabd mala se diya gaya hai jo loog sirf phool ugane ki kheti karte the unko phool Mali kha jata hai jo baag rakhte the unko baagwani kha jata hai jo kharbuj tarbuj ugane ki kheti karte the unko kambooj jo sabji ugane ka kaam karte the unko Saini kha jata hai
राणा जी के हल्दी घाटी युद्ध केबाद सभि जातियां राजपुताना से निकली थी शे अपनेआप राजपूत कहलाना पसन्द करती है जैसे जीन्द जिले कुम्हार अपने राजपेत बोलते हैःओर कुमहार शब्द ओछा समझते है, फिर भी शादिया कहारों मे करते है।हल्धीघाटी से पहले भी सभि 36 जातियां पहले भी लोकल रह रही थी।अपनेआप सुपर कहलाने के लिये शीफ्टिड जातियां अपनी जाती के आगे राजपूत शब्द जोडतैहैं जैसे हम तो राजपूत कुम्हार हैअं ओर वो वाले दूसरे कम्हार है।क्योंकि मेरे पूर्वज चितोड से निकले हुए है ओर खुद कम्हार जाति से हूः।
असली सैनी यदुवंशी राजपूत हैं । भाई साहब और जिनकी आप बात कर रहे हो वे सब अलग हैं और अगर आपके मन में भी नकली लोगों द्वारा कुछ भ्रम पैदा किया है तो अधिक जनकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहे । धन्यवाद।
और भाई साहब हमारी पूरी वंशाबली और इतिहास है असली वाला।
और एक बात शूरसैनी शब्द कोई ओछा शब्द नही है ये हमारा शुद्ध वंश है हम खुद को गर्व से शूरसैनी बोलते हैं आखिरकार हम शुद्ध यदुवंशी शाखा से हैं। वो बात अलग है की कुछ लोग हमारे वंश का इस्तेमाल कर के समाज में भ्रांतियां फैला रहे हैं। जय राजपूताना 🚩🚩
@@THE_YADUVANSHI_RULERS acha matlab aap asli shaurshini ho 🤣🤣 pehli baat aap dna test kerwaalo apna aapke poorwaj Saini hi niklenge. Aap jin vanshavaliyo ko claim ker rahe ho usme bhut ghotaala hai or rajvansh sthapit hone ke baad raja khud ko kisee na kisee puranik vansh se jod detaa tha. Aur col tod ne bhati rajputon ki pol khol rakhi hai or aaj dna study ne bhi sab pol khol di hai. Baaki genetic scientists neeraj rai ka interview pada hai youtube per usko sunlo. Rajput but zaada mix origin ke hai. Maharana pratap ke poorwaj brahman the or iska shilalekh bhi tha jisko sach chipaane ke liye khud mewar ke raja ne tudwaa diya tha. 🤣🤣
😂😂😂
सैनी नाम का जलवा ही ऐसा है सब सैनी सरनेम लगाने को तैयार है
Bade bete ko sikh bana diya jata tha. From every family from past time. Sikh are from all community.
Sursaini yaduvanshi rAjput Ya Raja sursain ka vansaj hai hamara yaduvanshi sursaini rAjput BhAti jadon jadaja chudasma salaria Rayjada sabhi yaduvanshi chandervansi rAjput hai ya sursaini Rajput bhi kah sakta hai jo BHAHVAN srikrishna ka original rAjput hai
Jai yadukul.....🚩🚩Jai rajputana 🚩🚩
Haryana me Maali the ye toh ek pidhi se saini likhne lge h Punjab kucch Maaliyon ko Saini ka khitaab diya tha jo kisi yudh me thik thak lde the
कृपया हिंदी में लिखे तथा अपनी बात पूरी करें । धन्यवाद
@THE_YADUVANSHI_RULERS sarkari record me ye backward class
me aate h BJP ne sab backward classes aur esme Yadav, Gujjar aur kucch jagah se kucch Jat lekar eska choorma ( OBC ) bna diya
@@THE_YADUVANSHI_RULERS kripya aap English Sikh le
Sonepat me ek gaam h jisme Maali jyada h Rohtak side se koi Maali jo 40 saal pehle ess gaam me apne kisi
rishtedar ki shaadi ( Baraat ) me aaya tha veh aadmi ab haal hi me ghumta ghumata ess gaam me aaya ,nukkad pe kucch log Taash khel rhe the uss aadmi ne unse puccha ki falaane Maali ka ghar kidhar h Taash khel rhe ek aadmi ne kha saini bol saini toh uss aadmi ne kha 40 saal pehle tumhari Bua ko byaah kar le gye the hum tab tum Maali the hum aaj bhi Maali h aur tum Gande naale ke paani me sabzi ugaa kar 2 paise jyada kmaa liye toh tum saini ban gye ,yeh hakikat h enke bde budde sab maali the Punjab me Sikho ki sena me kucch maali bharti huye jo kisi ladaai me thik thaak lde the Raja ne unko saini ka khitaab diya tha aur unko general caste me maana tha aaj ye sab saini likhne lge Ucchkoti ke kshtriya bta rhe h kya zamaana aa gya h bhai Maali- saini, Lohaar -panchaal, sunaar-soni, Kumhaar- parjapati likh rhe h sabne apni asli jaati ka naam chhupa liya h
@@jsrana3629rana bhi teli nai thakur likhte h tum kon se ho
North haryana me kurukshetra, ambala, Yamunanagar or Panchkula saini dominate district h. Or eske near punjab ka mohali or patiyala district h unme b saini bhot jyada h. Even mere relative rehte h en district me
Surivenshi saini ashit sagar bhagirath delip sa janma ha jo gola saini bhagirath saini je ek youg phela dharthì par aiea ha lakin shatraughan na he madh vanmathura nagar basaia tha inkia family ma he shoor sain saini ka name sa shoor saini kelia ha shoor saini mathura ka duipar ka time aihhar yadav ma mix ho ghia tha lakin krishna je shoor saini he tha yadav baad ma bolna laga ha abhe tak disputed ha shoor sain saini surivenshi tha or chandervenshi tha lakin 70/-- shoor sain saini surivenshi he tha lord krishna je shoor saini he ha.
Aapne thik jaankari di hain , aapse baat krna chahta hu....🙏🙏
Famous politician Choudhri Balvir Singh Saini from Hoshiarpur
Panjab key saini mukhtay sabjio ki kheti kartay hai
श्रीमान कहना क्या चाहते हो...?
Jaat Paat nahin ho sirf HINDU. Desh bachao😅
Very nice ❤
Suryavanshi Jay Shri Ram Bhagirath Vansi Sur Saini
लोगों की मूर्खता है।क्षत्रिय वर्ण है और माली एक जाति। क्षत्रिय वर्ण के अंतर्गत बीसियों जाति आती है जिन्होंने राजा महाराजाओं के सेनाओं में भर्ती होकर युद्ध के मैदान में उतरते थे। वो सभी क्षत्रिय ही कहलाते हैं।इसीलिए तमाम जा तियों में गोत्र मिलते हैं जैसे सोलंकी, भाटी, गहलोत, चौहान आदि गोत्र राजपूत, माली, जाट, यहां तक कोली, और नाई जातियों में भी मिलते हैं।राजपूत शब्द बहुत पुराना नहीं, राजपूताना मुगलों के बाद पैदा हुआ उससे पहले किसी भी क्षत्रिय राजा के सर नेम में आपको राजपूत शब्द नहीं मिलेगा।श्रीकृष्ण, श्री राम, और पूर्व केब जितने भी राजा महाराजा हुए , चाहे वो सेन वंश, (नंद वंश _आज की नाई जाति) पांचाल वंश (पांचाल नरेश _आज की लुहार जाति) , गुप्त वंश (आज की बनिया जाति) , सब क्षत्रिय ही कहलाते थे जहां जिसका राज्य था।आज दूसरे जगह के उसी कम्युनिटी के लोगों द्वारा अपने आपको कनेक्ट कर लिया इसलिए ये सब कन्फ्यूजन है।कोई भी कम्युनिटी हमेशा किसी वर्ण विशेष की थाती नहीं रही है। जाति व्यवस्था के चरम पर जब एक दूसरे को ऊंचा नीचा कहा जाने लगा तब ये विभ्रम पैदा हुए।
@opverma1938 वाह वाह क्या ज्ञान है आपका ! अरे भाई साहब अपना ज्ञान आप अपने पास रखो
@opverma1938Tumne toh sab kashatriya hi bna diya 😂,😂😂😂😂😂
✍🏻राजपूत कोई जाति नहीं है एक संगठन है।
इसमें कई वंश की जातियाँ शामिल हैं
राजा के पुत्रों को राजपूत कहा गया।
✍🏻राजपूत शब्द सर्वप्रथम इतिहास में 6ठी शताब्दी ईसवी आया। उसके पहले राजपूत शब्द कही पर नहीं मिलता। राजपूतों ने 6की शताब्दी ईसवी से 12वी सदी के बीच इतिहास में प्रमुख स्थान मिला।
✍🏻राजपूत शब्द को लेकर विद्वानों के कयी मत है:- कर्नल जेम्स टॉड के अनुसार राजपूतों की उत्पत्ति विदेशी थे उसके अनुसार राजपूत कुषाण, शक, और हुण के वंशज थे।
कुछ विद्वानों के अनुसार राजपूत आर्य और विदेशी दोनों के वंशज थे उनके अन्दर दोनों ही जातियों का मिश्रण है
✍🏻प्राचीन सनातन धर्म में वर्ण तीन बताया गया है 1. ब्राह्मण, 2. क्षत्रिय, 3. वैश्य।
यह वर्ण व्यवस्था गुण व कर्म पर आधारित बताया गया है। और यज्ञोपवीत तीनों वर्णों का होता था।
✍🏻 प्राचीन सनातन धर्म में तो राज्याभिषेक के लिए भी चुनाव होता था। जो राजपद के लिए योग्य होता था वही राजा होता था।
बाद में राजाओं ने इस राजपद को अनुवांशिक कर दिया।
✍🏻राजा और उसकी सेना क्षत्रिय वर्ण का बताया गया है और राजा की फैमिली को वैश्य वर्ण का बताया गया है राजा की फैमिली कृषि का कार्य व शिल्प का कार्य करते थे।
✍🏻चौथा वर्ण शुद्र बाद में जोडा गया। शुद्रो को पढने- लिखने व पूजा- पाठ नहीं करने दिया जाता था और इन्हें यज्ञोपवीत नहीं करने दिया जाता था। शुद्रो का शोषण तीनों वर्ण के लोग करते थे। जो कि यह गलत है
बाद में कुछ पाखंडियों ने वर्ण व्यवस्था को जन्म पर आधारित बताना शुरू कर दिए!
इसलिए आज सभी लोग वर्ण व्यवस्था को जन्म पर आधारित ही बताते हैं।
✍🏻ठाकुर, अहीर, सिंह, राव साहब, ग्वाला/गोप..... कोई जाति नहीं उपाधि है यह उपाधि पहले यदुवंशी(यादव) लगाते थे अब बहोत कम यदुवंशी है जो ठाकुर उपाधि लिखते हैं।
और बाद में रघुवंशी व अन्य वंश के लोग भी ठाकुर उपाधि लिखने लगे। ये सब अभी भी ठाकुर उपाधि लिखते हैं।
Acha mtlb for to brahman, shudra aur vaishya bhi varn huye to unme ek caste kyu hai .. brahman pandit kehlaye, shudra sc and vaishya baniyas to fir kshatriya me mtlb saare aagye tere hisab se ??waah mere bhai Tera gyan..
@@opverma1938bahut acha majak tha🤣🤣🤣🤣 are ye bhi bta do ki kon sa nasha krte ho🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣
Kshatriya seni लिखा करे
✍🏻राजपूत कोई जाति नहीं है एक संगठन है।
इसमें कई वंश की जातियाँ शामिल हैं
राजा के पुत्रों को राजपूत कहा गया।
✍🏻राजपूत शब्द सर्वप्रथम इतिहास में 6ठी शताब्दी ईसवी आया। उसके पहले राजपूत शब्द कही पर नहीं मिलता। राजपूतों ने 6की शताब्दी ईसवी से 12वी सदी के बीच इतिहास में प्रमुख स्थान मिला।
✍🏻राजपूत शब्द को लेकर विद्वानों के कयी मत है:- कर्नल जेम्स टॉड के अनुसार राजपूतों की उत्पत्ति विदेशी थे उसके अनुसार राजपूत कुषाण, शक, और हुण के वंशज थे।
कुछ विद्वानों के अनुसार राजपूत आर्य और विदेशी दोनों के वंशज थे उनके अन्दर दोनों ही जातियों का मिश्रण है
✍🏻प्राचीन सनातन धर्म में वर्ण तीन बताया गया है 1. ब्राह्मण, 2. क्षत्रिय, 3. वैश्य।
यह वर्ण व्यवस्था गुण व कर्म पर आधारित बताया गया है। और यज्ञोपवीत तीनों वर्णों का होता था।
✍🏻 प्राचीन सनातन धर्म में तो राज्याभिषेक के लिए भी चुनाव होता था। जो राजपद के लिए योग्य होता था वही राजा होता था।
बाद में राजाओं ने इस राजपद को अनुवांशिक कर दिया।
✍🏻राजा और उसकी सेना क्षत्रिय वर्ण का बताया गया है और राजा की फैमिली को वैश्य वर्ण का बताया गया है राजा की फैमिली कृषि का कार्य व शिल्प का कार्य करते थे।
✍🏻चौथा वर्ण शुद्र बाद में जोडा गया। शुद्रो को पढने- लिखने व पूजा- पाठ नहीं करने दिया जाता था और इन्हें यज्ञोपवीत नहीं करने दिया जाता था। शुद्रो का शोषण तीनों वर्ण के लोग करते थे। जो कि यह गलत है
बाद में कुछ पाखंडियों ने वर्ण व्यवस्था को जन्म पर आधारित बताना शुरू कर दिए!
इसलिए आज सभी लोग वर्ण व्यवस्था को जन्म पर आधारित ही बताते हैं।
✍🏻ठाकुर, अहीर, सिंह, राव साहब, ग्वाला/गोप..... कोई जाति नहीं उपाधि है यह उपाधि पहले यदुवंशी(यादव) लगाते थे अब बहोत कम यदुवंशी है जो ठाकुर उपाधि लिखते हैं।
और बाद में रघुवंशी व अन्य वंश के लोग भी ठाकुर उपाधि लिखने लगे। ये सब अभी भी ठाकुर उपाधि लिखते हैं।
Aaj to baba aapny bhut he bedi jankari di aapko dill s parnam
Haridwar jaate hai ganga mai hasti bhane ke liye meri jankari ke hissab se dharti per ganga raja bhagirathi laaye the sayad mai galat hu 😅
श्री मान कौन बोला कि गंगा मां को भागीरथी नहीं लेके आए थे...?
Saini power of india 🎉🎉
Bkl 😂kuch b mali b rajput bn jao jaj mughalput khna pdega par😂
Saari fraud jaatiya apne aap ko Yaduvanshio se kyo jodti hai pataa nahi ......
Apna itehaas khud banao.
Rajput
Jat
or abb maali.
Jaa ke Shri madd bhagwat phado ......
Sirf yaduvanshi Ahir hi asli Yaduvanshi hai.
Baaki sabb caste paise or politics ke bharose yaduvanshi mein aana chahti hai chahe wo
Jadaun ho jo Raja ban ne ke baad apni ko Yaduvanshio ka bataa rahe hai.
Jat raaja ko koi nahi janata tha ye saare apne ko Rajput Yaduvanshio ke raaste yaduvanshi ban na chahte hai.
Saare hindustan mein Yaduvanshio faila hua satyug se or kaam Gaye paalna chahe north India ho ya south india mein.
हे श्रीमान आपकी पीड़ा का कारण क्या है ? कृपया स्पष्ट रूप से बताएं। ताकि कन्फ्यूजन दूर करी जा सके। क्योंकि आप के आग्रह पर वीडीओ अपलोड की जाएगी । जो भी आप जानना चाहते हो कृपया स्पष्ट रूप से बताएं। क्या आप असली यदुवंश के बारे में जानना चाहते हैं। और एक विनती करते हैं श्रीमान कृपया maali करके संबोधित न करें। क्योंकि असली यदुवंशी शूरसैनी अलग हैं। धन्यवाद।
@THE_YADUVANSHI_RULERS
Peeda bhai mere ye hai ki ye naye naye jo rishte banaa rahe ho iska koi faayda nahi hai .......shoorseni naam ki koi jaat panjab mein nahi haa saini zaroor hai jo maali category mein aate hai.
Maali koi demean word nahi hai.
Agar aap maharashtra tak bhi jaaoege to aapko 4 parkaar ke log milenge Jo common kaam karte hai north India ke hisaab se.
Brahmin
Agriculturist.....jat, kurmi etc
Pastoralist.....yadav,Ahir,gwal
Gardener.....maali
Rahi baat kastriya hood ki to maali senapati bhi hue hai Rajput n maratha armies mein.
Secondly ye jo bhi jaatiya hai north indian states ki Inka itehaas mein varnan hai n genealogical records hai jaga, bhatt, Brahmins ke paas or puraano mein.
Aaj kal ye naya trend chalaa hai ki Yaduvanshio ko apna baap mila lo ....jaise pahle Rajputo ne kiya, phir jat or Gurjar abb akhiri mein maali samaj.....
Punjab mein to saini ladke apne aapko Jatt hi bolte hai apni maali identity chupane ke liye.
Waise Humey koi farak nahi padta ki koi Yaduvanshio ko apna baap banaye .
We are glad people wants to join our history because they don't have theirs.
@sanjeevyadav29 श्रीमान आपके आग्रह पर एक वीडीओ जरूर अपलोड की जाएगी ताकि आपकी कन्फ्यूजन दूर हो सके
@@THE_YADUVANSHI_RULERS I am not confused at all .......
Don't put videos show some real literary proof where there is connection between Saini maali caste and yaduvamsh.
Any inscription/ copper plates/ any jaga history proof?
Sain surname is used by Barber caste of Haryana n Rajasthan tomorrow they will also say that we are descendants of shoorsen.
Kya faltu bato may samay gava rahay ho hum sub urop aur american ki nazer may sudra hai
Punjab may bahut jammn he mere paas 40 kile jameen he ❤
Veer ji gal e hai ki ajkl kuch farji Lok youtube uthe saini nam la ke sareyan farjia nu asali sainia nal mix krn vich lage hoye ne . Is karke assi ini chheti kise nu reply nhi krida hunda . Ki pta koi nakli Banda ithe saini ban k aa jave te sanu kave ki asali aa. Baise tuhadi bahut sari zameen agar panjab vich hagia te oho bahut badiya gal aa.👍🏻👍🏻
@THE_YADUVANSHI_RULERS 🙏
हिस्ट्री में कही है कि किसी ने देश के लिए सिर दिया हों
M deta hu apko 100 nam jo shahid huye during independence
Ajit Saini (INA veteran, imprisoned)
Sant Ram, s/o Chaudhary Rala Ram of Nangal Shahidan in Hoshiarpur (imprisoned)
Amar Singh (imprisoned)
Amar Singh s/o Sant Ram of village Orhpur (INA veteran)
Arjan Singh of village Sujjon, Banga (Ghadar movement activist)
Bachan Singh Saini (Ghadar movement, imprisoned)
Banwari Lal s/o Sandokha Ram of Hisar (Quit India Movement, Imprisoned)
Basant Singh s/o Prabhu Saini of Mahilpur (imprisoned)
Battan Singh of village Haveli (INA veteran, imprisoned)
Bhai Bela Singh (martyr of Nankana Sahib)
Bhan Singh of village Jalowal (imprisoned)
Chaudhary Yograj Saini of Gambhowal (Kuka Movement, 13 years imprisonment)
Dal Singh (imprisoned)
Dalip Singh Tamber, s/o Mayya Singh of Namolian (Hoshiarpur) and Chak No. 4, Saini Bar, Shiekhupura (INA veteran, imprisoned for 14 months)
Dasondha Singh Saini s/o Sobha Singh of village Bisala (Jaito Morcha, martyred- died in jail)
Gian Singh of village Bajidpur (imprisoned, INA veteran)
Gonda Singh (Babbar Akali, imprisoned and tortured)
Gulab Singh Saini (martyred-hanged on January 9, 1858 )
Gurdan Saini (Rajput General- martyred in Ranthambore)
Gurdial Singh of village Urapar (imprisoned, INA veteran)
Gurqit Singh Saini s/o Hira Singh of Ropar
Hari Singh Saini s/o Ujal Singh of village Kot Khurd (Imprisoned)
Harnam Singh of village Baghpur (Jaito Morcha, martyred, died in Jail)
Harnam Singh Saini (Ghadar movement, martyred - hanged on March 16 , 1917 after Lahore Conspiracy Case trial)
Harnam Singh Saini s/o Rajmal of Pandori Ganga Singh (imprisoned for 2 years, INA veteran)
Harnam Singh Saini s/o Sunder Singh of Pandori Ganga Singh (National Movement, imprisoned for 1.5 years)
Hazara Singh Saini of Pandori Ganga Singh (Civil Disobedience, Babar Akali, imprisoned for 6 years)
Inder Singh Saini of Pandori Ganga Singh (Babar Akali, imprisoned for 7 years)
Ishar Singh (Babbar Akali, imprisoned and tortured)
Jawahir Singh Saini s/o Saini of Mandi State (Life imprisonment & confiscation of property, Mandi Conspiracy Case)
Kartar Singh Saini of Pandori Ganga Singh (Babar Akali, sentence not known)
Kehar Singh Saini (martyred- killed in police encounter)
Labh Singh Saini (Akali leader, martyred)
Lakha Singh s/o Bhagwan Singh Saini of village Mehatpur (Imprisoned for 2 years)
Mahan Singh Gahunia of Philippines (noted INA civilian organizer-donated his entire wealth to INA)
Manohar Singh Saini s/o Lehna Singh of Amritsar - (Sentenced to death for killing a British officer employed by National Bank as a revenge for Jallianwala Bagh massacre . Later death sentence commuted to transportation and life imprisonment, or 'Kalapani'. Spent 18 years and 9 months in prison at Andamans, Lahore and Peshawar)
Mata Din Saini s/o Thawaria (Imprisoned)
Mayya Singh Saini (imprisoned)
Mehnga Singh Saini s/o Chaudhary Amichand of Nainakot, Gurdaspur (Imprisoned, INA veteran)
Mohinder Singh Saini of Pandori Ganga Singh (Babbar Akali, martyred, killed in Babeli Police encounter)
Munshi Saini (Tried in Chawarian Dacoity Case, sentence unknown)
Naik Gurdial Singh Saini (imprisoned, INA veteran)
Nama Saini of Fatehgarh (Ghadar movement, martyred - hanged on January 5, 1917 after 3rd Lahore Conspiracy case trial)
Narain Saini s/o Sanwal (Imprisoned)
Narain Singh s/o Hira Singh of Saini Majra
Pritam Saini (Ghadar movement, imprisoned)
Puran Chand s/o Bansi Lal , village Ramsaran Majra (Quit India Movement)
Ram Lal Saini s/o Palu Ram of village Mohalla Gudsar(Quit India Movement, Imprisoned for 22 months)
Rangil Singh s/o Assa Singh Saini of Khadiala (INA veteram)
Sadhu Ram Saini (veteran Gandhian, imprisoned)
Sant Ram s/o Ralla Ram Saini of Mehatpur
Satya Pal Saini s/o Meharchand Saini (originally from Gurdaspur) (Royal Indian Naval Mutiny, tortured and imprisoned)
Sham Singh s/o Mangal Saini
Warayam Singh s/o Surjan Singh Saini of Chanthu Brahmana (Imprisoned)
Bhot aacha bhai ❤❤ @@kabirs7148
Saini samaj Bhagirath saini kese ho sakte hen? Kyunki Bhagirath suryawanshi raja the jabki Shoorsen raja yadav raja the.
Bhai sahab saini samaj wale jo log hain bo alag community hai , or jo asali saini / shoorsainis hain bo ek yaduvanshi rajput vansh hai .
भाई, महाराजा shoorsaini k purav shri ram the aur shri ram k purav bhagirath the, aur hum unhe bhagirath k vanshaj hain jo aaj bhagirathi saini kehlaate hain , hum suryavanshi क्षत्रिय हैं, माली अलग जाती हैं ।
@@Rohandev11_ research ka vishay he ki koe Bhagirath Raja yadav me hua he jiske aap log ho.
Time period me bhool Gaye ho. Bad me apne aap ko Suryawanshi Raja Bhagirath se jod liya he.
@@Rohandev11_ right bro mai bhi
Mali kamboj saini shoor saini kushwia kachva shakia moria reddy yadav aihhar he keshtria hota ha jaat gurjjar rajput keshtria nahi hota ha in three jati ka iteash 12oo year ka he ha rajput word bhaut baad ma aiea tha jiesh ko iesh ke jhankari nahi ha vo use jarta ha agar saini rajput shoor saini rajput likhna ok nahi ha rajput lagna sa old histry finished ho jati ha ieshlia rajput word histry jhana vala nahi use karta ha rayman mahabharat kaling ka youdh ma jaat gurjjar rajput us vakat jati nahi the
सैन समाज की इज्जत मेरी नज़रिया मै बहुत बढ़ गई ❤️❤️🚩
भाई साहब आपकी नज़र में सैन समाज के प्रति इज्जत बढ़ी बहुत अच्छी बात है पर कृपा करके शूरसैनी राजपूत वंश को सैन समाज मत समझ लेना। दोनों अलग अलग हैं। यहां बात यदुवंशी शूरसैनी राजपूत वंश की हो रही है न की सैन समाज की। 🙏धन्यवाद
Saini samaj ke bare me jano for bolo aap baap Ashok samrat ko bhul gaye hamre vanshaj h
@Rajusaini_e9g Majak acha hai 😂😂😂 asali saini yaduvanshi rajputo ke bare me pad Jake jai rajputana
Are bhai Kehna kya chahte ho?
सैनी।राजा। सगर।राजा।भगीरथ।के।वंशज। ह
Himachal pradesh me kala aamb, nahan or pontasahib me saini caste dominat krti h. Pontasahib me mere relative rehte h
@@harbindersinghsaini4742 सैनी कोई जाति नहीं है एक वंश है पर दुर्भाग्य की बात यह है कि नकलियों ने जाति बना रखा है।
@@THE_YADUVANSHI_RULERS to hmari jaati kya hogi bro agar hmara vansh Saini hai 😐
@@vanshu_sanatani_08 गोत्र क्या है ?
अगर तुम सैनी हो तो जाति प्रमाण पत्र मे सैनी क्यू नही लिखा आता तुम्हारे
Bhai saini hi likha hua hai caste certificate me. Id btao m bhjta hu mera certificate
Haha sab kshatriya hai aajkl gujjar,jaat,yadav lga rahe hai jo ajkl bs asli kshatriya mtlb rajput hi nhi bolte jyada
सैनी समाज सभी एक ही जाति के है गोत्र अलग अलग होते हैं। असली किसान परिवार में आते हैं सैनी समाज के परिवार
भाई साहब अपनी जानकारी के लिए बता दूं लगभग 10 जातियां हैं जो सैनी टाइटल का इस्तेमाल करती हैं । पर असली सैनी यदुवंशी राजपूत कम्यूनिटी के हैं ।
इसके ऊपर एक वीडीओ जरूर अपलोड करी जायेगी। बैसे आजकल बहुत से फर्जी सैनी सबको मिक्स करने में लगे हुए हैं
Except that none of you people from Rajasthan and UP are actually Saini.
You stole this title by manipulating census records. There is documentation to prove this.
Come to us with your real caste names, i.e., Mali and Gola, you will get respect from us but as Sainis you are imposters ( Nakli Saini).
They are the real yaduvanshi shoorsaini rajputs@ProudAtheist-b3w
@@sainibrothersofpunjab1096Brother I want a debate about this topic, I'll prove Gole Saini Are real,Tell me if you can get into conversation 😪
Ramji or krishna ji ka hi koi saboot nahi hai or aap apne aap ko unka vanshaj bata rahe ho agar asli roots janna chahte ho to budhist scriptures padho pata chal jayega kon the aap or ab kya bangaye ho.vaise jankari ke liye batadu gautam buddha ko jis sujata ne kheer khilai thi wo saini thi.isse aage janna hai to budhist scriptures padho or ye farzi jo apne apne aap ko ram ka or krishna ka vanshaj bana rakha hai isse bhar niklo.
हमारे सनातन धर्म ,आराध्य देवी देवताओं पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी न करें। हमारे सनातन धर्म के आराध्य देवी देवताओं के सबूत मांगने वाले अपने गिरेबान में झाकें और र रही बात बौद्ध धर्म के ग्रन्थों की तो उनमें भी शूरसेन जनपद बताया गया है। एक और जरूरी सूचना कृपया फर्जी लोग दूर रहें। धन्यवाद
You are ignorant. You haven't read Buddhist scriptures either. Pali Canon mentions Krishna as a historical figure. He is also mentioned in Jataka.
Stop putting Saini in your screen name because no Saini thinks and talks like you.
@@sainibrothersofpunjab1096Rajput ek title tha raja ke putra ko bolte the fir brahaman ne 4 varn bnaye usi se utpati hue h charo varo ki kam ke according
@@sainibrothersofpunjab1096Apke gotra btao sare rajasthan ke rajputo se milte h ya nhi tume bta dunga
आप जिस टर्म "क्षत्रिय" की बात कर रहे हो । वो हिंदू धर्म की एक वर्ण व्यवस्था थी । और वर्ण व्यवस्था "कर्म" आधारित थी । जिसका जो कर्म उसका वैसा वर्ण ।
और जिस अगड़ा पिछड़ा के आधार पर आप पिछवाड़ा पीट रहे हो । वो "आजाद भारत" की एक सामाजिक व्यवस्था है । जिसे आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक आधार पर बनाया गया । शायद 1991 से पहले पिछड़ा वर्ग नाम से कुछ नही था ।
क्षत्रिय, ब्राह्मण, शुद्र, अगड़ा, पिछड़ा अनुसूचित जाति आदि सब व्यवस्थाएं भारत में भौगोलिक परिस्थिति, जीवनचर्या, भाषा, खान पिन, आदि के आधार पर समय समय पर बनाई गई ।
और जिन सैनियों का आप जिक्र कर रहे हो । वे सैनी हम है ही नही । क्योंकि आप सैनियों की उत्पत्ति शुरसैनी कृष्ण के दादा चंद्रवंशी के आधार पर बता रहे हो । जिनका पारंपरिक व्यवसाय पशु चराना था । और अगर अगर शूरसेन यदुवंशी से आपका वंश है । तो आप सैनी कैसे हो❓ यादवों के यहां तो यादव पैदा होंगे । सैनी कैसे हो गए । यदुवंशी यादव हो सकते है । हां किसी महिला का संबंध यादव के साथ रहा हो । तो बात अलग है ।
और हम जिस सैनी कि बात करते है । वो भागीरथ से संबंधित है । जिस सैनी की उत्पत्ति रघुवंशी राम के छोटे भाई शत्रुघ्न के पुत्र "शुरसैन" से हुई है । जो सूर्यवंशी है ।
आज के भारत में सामान्य सामान्य, अगड़ा पिछड़ा, दलित अनुसूचित जाति नाम की चीजे सामाजिक और शैक्षिक व्यवस्था के आधार पर बनाई गई । जो भाषा और भौगोलिक आधार पर बदलती भी है ।
जाट कुछ राज्यों में पिछड़े श्रेणी में आते है । कुछ जगह सामान्य में । जहां जाट पिछड़ी श्रेणी में आते है वहां उनकी सामाजिक, शैक्षिक व आर्थिक आधार पर लिया गया है ।
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और जिस टर्म "क्षत्रिय" की आप टाय टाय कर रहे हो । वो वर्ण व्यव्स्था थी । जो कर्म आधारित थी । क्षत्रिय युद्ध करते थे शासक थे । लेकिन आज एक अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग का व्यक्ति देश चला रहा है । देश का राष्ट्रपति है । सेनाओं में है । सेना उसके अधीन है ।
और अन्य सवर्ण या सामान्य वर्ग जो क्षत्रिय का ढोल पीटते है । हमने उन्हें चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की नौकरी जैसे चपरासी, सफाईकर्मी, आदि भी देखा है ।
क्षत्रिय बनने से पहले क्षत्रिय वर्ण की उत्पत्ति पढ़ लो । उसकी क्या परिभाषा है ।
ये आज का भारत है । अगर किसी का बाप दादा राजा था । तो इसका अर्थ ये नही के वे भी राजा है ।
Your caste's actual name is Gola Mali from UP/Uttrakhand. You are not a Saini. You stole this title. So stop lecturing us. We don't need to learn from you who we are.
Go read the history of Jaiselmer, Karauli and Mysore states and see if they agree with you that real Yadavas are "pashu charanay vali zaat".
जो खुद को यदुवंशी अर्थात यादव बताते हो । अर्थात जिनका बाप यादव हो वे हमे असली नकली का पाठ पढ़ा रहे है । 😅
और आप कौन है देश के राष्ट्रपति है, न्यायधीश है, प्रधानमंत्री है । जो असली नकली का सर्टिफिकेट बांटते फिर रहे हो ।
अपना ज्ञान अपने पास रखे । हमे ऐसे ज्ञान की आवश्यकता नहीं ।
बाप यदुवंशी अर्थात यादव
संताने सैनी ...
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चोर कौन है सबको पता है । जब यादवों ने अपना टाइटल नही दिया । तो दूसरो का चोरी कर लिया । 😂
ua-cam.com/video/HJDjrrl4c_E/v-deo.htmlsi=0HX90_US8nuNMwZk
लिंक शेयर की है । देख लो । नेता सैनी को किसके वंशज बता रहे है ।
अगर गूगल पर "शूरसेन सैनी" सर्च करोगे । ना । तो सब जगह राम के छोटे भाई शत्रुघ्न के पुत्र शूरसेन का नाम दिखाई देगा । कही भी सैनी की उत्पत्ति यादवों के साथ दिखाई नहीं देगी ।
सर्च करो पता चल जाएगा कि किसने टाइटल चोरी की है ।
तुम्हारा सर नेम सैनी होगा ।
लेकिन बेटा हमारा टाइटल ही नही हमारी जाति भी सैनी है ।
जिस हरियाणा पंजाब को तुम अपना क्षेत्र कहते हो । ये उसी क्षेत्र के मुख्यमंत्री की वीडियो है ।
ua-cam.com/video/HJDjrrl4c_E/v-deo.htmlsi=0HX90_US8nuNMwZk
😂Bhagirath ko saini bolna Sa phle j soch Chutiye tab SAINI sabd ki utpati hi ni hui thi😂
Har Hindu rajputana h
ये आ गये मिक्स ब्रिड जो सैनी,यादव और राजपूतो के मिश्रण से तैयार हुए है ।इसलिए कन्फूस है के खुद को सैनी बोले या यादव बोले या राजपूत बोले ।इसलिए तीनो सरनेम एक साथ लगा रहे है ।
Yai rajput hai ya yadav ya saini pta hi nhi chal rha
गोले सैनी रियल होते है हमारे पूर्वजों ने गोले identity दी थी ताकि हम मालियो में mix ना हो सके
तुम सब गढन्त इतिहास बता रहे हो😂😂
Too aheer hai? Kewal 10% Aheer Yaduvanshi hain.
Sare hindu mharaje manu ke bete he 4 warn me batta gya
Itna tum kshatriya ho zoh rajput k sath shaddiyan kyu nahi hoti
भाई साहब 🤣🤣🤣🤣🤣 मज़ाक अच्छा था । वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दूं फर्जी सैनी की नहीं होती पर असली यदुवंशी शूरसैनी राजपूतों की होती हैं।