*ੴ सतिगुर प्रसादि ॥* ੴ सतिगुर प्रसादि॥ *ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥* हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है, *गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥* हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥ *जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥* जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है। *नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥* मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥ *नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥* उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं। *कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥* रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥ *मारू ॥* मारू॥ *सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥* जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं; *चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥* धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥ *हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥* हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं, *अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥* अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥ *नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥* अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके *बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥* व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥ *सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥* सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है। *कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥* रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥ Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106 Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi ....?
Sat Saheb Bhagat ji 🌺🙏🙏🙇🏻♂️🙏 🙏🙇🏻♂️🙏 *!!सदगुरुदेव जी की जय!!* *!!जय हो बंदीछोड की!!* *!!सत साहेब!!* - *!!जी!!* *🙏* 🙏🌹🌹🙏बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी🙏🌹🌹🙏 🙏🌹🌹 🙇भगवान जी की जय हो🙇 🙏🌹🌹🙏 🙏🌹🌹🙏परमात्मा की प्यारी पुन्यात्माओं🙏🌹🌹🙏 🙏🌹🌹🙏🙇आप सभी को दास का🙇🙏🌹🌹🙏 🙏🌹🌹🙏 🙇बार बार सत साहेब।🙇🙏🌹🌹🙏 🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇
**सत् साहेब गुरूदेवजी, इस दास का बार बार डण्डवत प्रणाम गुरूदेवजी महाराजजी को पहुचे, जयहो बन्दी छोड़ सतगुरूदेवजी रामपालजी महाराजजी की**भक्ती दान गुरूदेवजी दीजिये देवन के देवा हो*"धन्यवाद गुरूदेवजी महाराजजी को पहुचे, इस दास को अपनी पनाह में रखना और पॉचों विकारों से बचाकर रखना मालिक, सतगुरूदेवजी जो चाहे सो करहीं इस दास के साथ मालिक*सत् साहेब**!
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है .....🙏✨️. ... ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं... ... *भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️ सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻 *ੴ सतिगुर प्रसादि ॥* ੴ सतिगुर प्रसादि॥ *ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥* हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है, *गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥* हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥ *जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥* जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है। *नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️ मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️ *नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️ उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️ *कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥* रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥ *मारू ॥* मारू॥ *सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥* जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं; *चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥* धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥ *हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥* हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं, *अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥* अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥ *नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥* अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके *बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥* व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥ *सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥* सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है। *कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥* रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥ Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106 Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi ....?
*कबीर साहिब कहते हैं* *🌸एक पुरूष वह आदि है, निर्गुण सर्गुण बनाय ।🌸* *🌸एक एक आशा नहीं, एको गयो भुलाय ।।🌸* साहिब कह रहे हैं एक चेतन्य आत्मा ही आदि पुरूष है उसी के द्वारा इस जड़ जगत की रचना हुई है । उस चेतन्य आत्मा के द्वारा निर्गुण मन तथा सर्गुण तन बना है । इस तन और मन की आशा में वह चेतन्य आत्मा अपने स्वयं के चेतन्य स्वरूप को पूरी तरह भूल चुकी है । *🙏🏻साहिब बंदगी सतनाम🙏🏻*
नाचने गाने से भगवान की प्राप्ति नहीं हो सकती ना ही मोक्ष मिल सकता है सत्संग में ही कल्याण है सत्संग सुने और अपना जीवन सुधारें अधिक जानकारी के लिए देखें सारथी चैनल पर सत्संग शाम 6:30 बजे
mokash kya hai patta hai mukti.tu aaj bhi mukat hai mere bhai aoni icha chod de or uske rang me hukam me raji ho ja agla janam nahi hoga krke dekh na dukh na sukh na dard rhega tu moksh palega .shabad guru se judd sunsmaadhi lagga .surti tikka muka hi mukat hai
पूर्ण परमात्मा "सत कबीर" हैं। हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार।। ‘‘राग तिलंग महला 1‘‘ पंजाबी गुरु ग्रन्थ साहेब पृष्ठ नं. 721 नानक देव जी कहते हैं:- हे सर्व सृष्टि रचनहार, दयालु ‘‘सतकबीर‘‘ आप निर्विकार परमात्मा हैं।
सुर नर मुनिजन तेतीस करोड़ी। बंधे सब ज्योति निरंजन डोरी।। भावार्थ:- तेतीस करोड़ देवता, अठासी हजार मुनिजन तथा सर्व जीव काल की डोर यानि कर्म रूपी रस्सी के फांस में बँधे हैं।
श्रीमद्भगवद गीता अध्याय 8 का श्लोक 3 में गीता ज्ञान दाता ब्रह्म भगवान ने कहा है कि वह परम अक्षर ‘ब्रह्म‘ है जो जीवात्मा के साथ सदा रहने वाला है। वह परम अक्षर ब्रह्म गीता ज्ञान दाता से अन्य है, वह कबीर परमात्मा हैं।
सतभक्ति करने वाले की पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है। - ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3
संत रामपाल जी महाराज कबीर परमात्मा के अवतार हैं श्री गुरु नानक जी के गुरु कबीर साहिब हुए और उनको सतलोक दिखाकर पार की और वही अब आए हैं सब आत्माओं को भक्ति देकर सतलोक ले जाने के लिए नाम दीक्षा लेकर कल्याण कराएं देखे प्रतिदिन साधना चैनल रात्रि 7:30 बजे
जवाब गोस दीन इमाम सूरा आखे इमाम गौसदीन पढ़ अहमद दी किताब। करे गुनाह कबीर जो तिस नो बड़े अजाब। जो हालत करे खुदाई दी हानत करे रसूल। फिरें इमान ते मने ना कुरान रसूल।दूजा कबीर गुनाह होर तिसदी सुन तदबीर।धी भैण सकी माउं सो करे गुनाह असीर
कबीर ,न मेरै कोई मात पिता ,न मेरे घर दासी ।जाति जुललहा भेद न पाया जगत करै मेरी हंसी । गरीब ,हम, सुलतानी नानक तारे ,दादू को उपदेश दिया ।जात जुललाहा भेद न पाया ,काशी मै ही कवीर हुआ ।
🎉 Uttar dakshin Purab paschim firta Dane Dane nu sarve Kala satguru Saheb ki Hari aaye Haryanvi nu sant Rampal Ji Maharaj se naam Diksha lekar apna Kalyan karaen sat🎉
सिख धर्म के लोगों को यह नहीं पता कि गुरु नानक जी का गुरु कौन है लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने प्रमाण करके दिखा दिया कि गुरु नानक जी के गुरु थे और वहां कबीर साहिब है जो पूर्ण परमात्मा है
दुनिया के सबसे बड़े संत संत शिरोमणि रविदास महाराज जी हैं और सतगुरु रविदास जी ने को नानक दास को नामदेव कबीर त्रिलोचन मीराबाई कुमाली और सभी को ज्ञान प्राप्त दिया को संत शिरोमणि रविदास महाराज जी ने किसी को भी गुलदार नहीं किया क्योंकि वह शब्द सतगुरु को ही मानते थे वह भी सतलोक से भी ऊपर छत अमरापुर है रामपाल वाले तो आधा ज्ञान देकर चले जाते हैं और बीच में ही 84 में छोड़ जाते हैं
■ पूर्ण परमात्मा कबीर नानक देव जी के गुरु कबीर परमेश्वर ने फिर कहा, मैं आपको सतनाम (सत्यनाम / वास्तविक मंत्र का जाप) दूंगा जिसे काल (ब्रह्म) ने गुप्त रखा है और किसी भी शास्त्र में नहीं है। एहु जीउ बहुते जनम भरमिया, ता सतिगुरु शबद सुणाइआ।(पृष्ठ 465) फाही सुरत मलूकी वेस, उह ठगवाड़ा ठगी देस।। खरा सिआणां बहुता भार, धाणक रूप रहा करतार।।3।। (पृष्ठ 24)
खालक आदम सिरजिआ आलम बड़ा कबीर 😂😂😂 अर्थ... संसार, मनुष्य को बनाने वाले और दिलो को जानने वाला सबसे महान है। 🎉कबीर अरबी कुरान में परमात्मा का 37 वा नाम है जिसका मतलब होता है महान 😂😂😂😂😂😂😂
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है .....🙏✨️. ... ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं... ... *भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️ सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻 *ੴ सतिगुर प्रसादि ॥* ੴ सतिगुर प्रसादि॥ *ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥* हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है, *गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥* हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥ *जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥* जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है। *नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️ मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️ *नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️ उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️ *कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥* रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥ *मारू ॥* मारू॥ *सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥* जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं; *चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥* धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥ *हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥* हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं, *अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥* अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥ *नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥* अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके *बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥* व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥ *सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥* सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है। *कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥* रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥ Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106 Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi ....?
श्री गुरु ग्रन्थ साहिब पृष्ठ 437 ‘‘नानक गुरु समानि तीरथु नहीं कोई साचे गुरु गोपाल।’’ पूरे गुरु की खोज करो। पूरा गुरु परमात्मा समान ही होता है.! प्रार्थना :- वर्तमान में पूर्ण गुरु "बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी" हैं.!
सत साहेब जी बन्दी छोड़ की जय हो चरणों में रखना मेरे दाता 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
Amazing
पूर्ण ब्रहम सतगुरु रामपालजी महाराज जी की जय
Awesome
Anmol satsang
वेरी नाइस वीडियो
Anmol gyan
Nice Gyan Satsang
Nice satsang
संत रामपाल जी महाराज ही सच्चे संत है 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Sat sahib ji
Complete god given spritiual knowledge
Super Gyan 👌
True knowledge
Very nice satsang
सात साहेब जी
अद्भुत ज्ञान है जी। देरी न करो और अपने दुख दुर करो सच्ची भकति अपना कर ।
कोटि कोटि दणडवत् प्रणाम दाता जी।
Sat Saheb ji
ऐसा निर्मल ज्ञान है जो निर्मल करे शरीर और ज्ञान मंडलिक है चकवे ज्ञान कबीर
Ati uttam
Aapka gyan anmol he data 🌹🌹🌹🌹🌹
God given great knowledge..🙏
Sat Sahib Ji Malik 🙏
*Real Spiritual Knowledge*
Nice satsag
कबीर परमात्मा ही सतलोक से चलकर आते हैं और अपनी प्यारी आत्माओं को सतलोक जाने का मार्ग बताते है ।
सत साहेब जी ❤️🙏 प्रभु जी
*ੴ सतिगुर प्रसादि ॥*
ੴ सतिगुर प्रसादि॥
*ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥*
हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है,
*गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥*
हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥
*जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥*
जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है।
*नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*
मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥
*नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*
उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।
*कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥*
रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥
*मारू ॥*
मारू॥
*सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥*
जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं;
*चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥*
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥
*हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥*
हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं,
*अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥*
अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥
*नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥*
अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके
*बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥*
व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥
*सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥*
सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है।
*कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥*
रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥
Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106
Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi ....?
लो भाई देख लो कबीर जी परमेश्वर नहीं है.?......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है
Das kaa koti koti naman aur dandwat parnaam Malik Tatwadarshi Sant Rampal ji Maharaj ke charnkamlon mein.
Best knowledge
अलल पंख अनुराग है सुन मंडल रे धीर दास गरीब उधारीया सतगुरु मिले कबीर
Veri naec
Sat Saheb Bhagat ji 🌺🙏🙏🙇🏻♂️🙏 🙏🙇🏻♂️🙏
*!!सदगुरुदेव जी की जय!!*
*!!जय हो बंदीछोड की!!*
*!!सत साहेब!!*
- *!!जी!!*
*🙏*
🙏🌹🌹🙏बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी🙏🌹🌹🙏
🙏🌹🌹 🙇भगवान जी की जय हो🙇 🙏🌹🌹🙏
🙏🌹🌹🙏परमात्मा की प्यारी पुन्यात्माओं🙏🌹🌹🙏
🙏🌹🌹🙏🙇आप सभी को दास का🙇🙏🌹🌹🙏
🙏🌹🌹🙏 🙇बार बार सत साहेब।🙇🙏🌹🌹🙏
🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇
Nice Video
सत साहेब। कबीर साहेब जी के चरणों में बारम्बार प्रणाम।
सत साहेब कबीर साहेब जी के चरणों में बारमबार प्रणाम
**सत् साहेब गुरूदेवजी, इस दास का बार बार डण्डवत प्रणाम गुरूदेवजी महाराजजी को पहुचे, जयहो बन्दी छोड़ सतगुरूदेवजी रामपालजी महाराजजी की**भक्ती दान गुरूदेवजी दीजिये देवन के देवा हो*"धन्यवाद गुरूदेवजी महाराजजी को पहुचे, इस दास को अपनी पनाह में रखना और पॉचों विकारों से बचाकर रखना मालिक, सतगुरूदेवजी जो चाहे सो करहीं इस दास के साथ मालिक*सत् साहेब**!
Jagatguru satguru rampal ji Maharaj ki Jai ho
तीनो लोको में प्रवेश करके सबका धारण पोषण करने वाले परमात्मा कबीर साहेब ही हैं
100% प्रमाणित ज्ञान है जी हमको तो पता नहीं था।
101% फर्जी ज्ञान हैं आपको नहीं पता
तेरा एक नाम तारे संसार मैं ए हा हास ए हो आधार,,,। नानक नीच कहे विचार धानक रूप रहा करतार।। सत साहेब
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो 🙏🙏
Bondi cor SatGuru Sant Rampal Ji Maharaj Ji ki Jai ho 🙏
वीडियो बहुत अच्छा है कृपया आप लोग भी देखें
हम सुल्तानी नानक तारे दादु कुं उपदेश दिया ।
जाती जुल्हा भेद ना पाया काशी माही कबीर हुआ ।।
Allah kabir ka gyan bilkul satya hai
कबीर, दर्शन साधु का, परमात्मा आवै याद।
लेखे में बोहे घड़ी, बाकी के दिन बाद।।
कबीर ही पूर्ण परमात्मा है।
देखिये साधना चैनल पर रात्रि 7.30pm से 8.30pm तक।
सदगुरुदेव की जय।
जय बंदी छोड़ की।
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है .....🙏✨️.
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ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं...
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*भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️
सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻
*ੴ सतिगुर प्रसादि ॥*
ੴ सतिगुर प्रसादि॥
*ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥*
हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है,
*गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥*
हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥
*जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥*
जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है।
*नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️
मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️
*नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️
उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️
*कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥*
रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥
*मारू ॥*
मारू॥
*सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥*
जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं;
*चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥*
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥
*हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥*
हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं,
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*नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥*
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*बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥*
व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥
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सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है।
*कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥*
रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥
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Sat guru dev ki jai banddi chod Sat guru rampal ji Maharaj ki jai Sat saheb 🙏
SATGARUDEV ki jay ho 🌹🌹🌹🌹🌹
Jai ho Kabir parmatma ki
अनन्त कोटि ब्रह्माण्ड मय बंदी छोड़ कहायें
सोतो एक कबीर हैं जननी जने ना माएं
God is kabir
❤❤❤❤
Malika daya rakhana das navaram par 🙏🙏🙏🙏🙏
*कबीर साहिब कहते हैं*
*🌸एक पुरूष वह आदि है, निर्गुण सर्गुण बनाय ।🌸*
*🌸एक एक आशा नहीं, एको गयो भुलाय ।।🌸*
साहिब कह रहे हैं एक चेतन्य आत्मा ही आदि पुरूष है उसी के द्वारा इस जड़ जगत की रचना हुई है । उस चेतन्य आत्मा के द्वारा निर्गुण मन तथा सर्गुण तन बना है । इस तन और मन की आशा में वह चेतन्य आत्मा अपने स्वयं के चेतन्य स्वरूप को पूरी तरह भूल चुकी है ।
*🙏🏻साहिब बंदगी सतनाम🙏🏻*
Sat sabih ji
Must watch everyone
Satymev jehte sada 🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏
KABIR shahab ji Purn parmatama he Vedo me parnaam he 🌹🌹🌹🌹🌹
नाचने गाने से भगवान की प्राप्ति नहीं हो सकती ना ही मोक्ष मिल सकता है सत्संग में ही कल्याण है सत्संग सुने और अपना जीवन सुधारें अधिक जानकारी के लिए देखें सारथी चैनल पर सत्संग शाम 6:30 बजे
mokash kya hai patta hai mukti.tu aaj bhi mukat hai mere bhai aoni icha chod de or uske rang me hukam me raji ho ja agla janam nahi hoga krke dekh na dukh na sukh na dard rhega tu moksh palega .shabad guru se judd sunsmaadhi lagga .surti tikka muka hi mukat hai
नानक जी ने कहा है अको नाम तारे संसार वो कोनसा एक नाम है सत साहेब जी
Satnam he
Jhankhi vekh Kabir ki Nanak kitti vah vah sikkho ke gal padi eb kon chhudave tah bandi chhod satguru rampal ji mharaj ji ki jai ho
सतनाम मुझे मालूम है वो प्राप्त कैसे होता है वो आपको मालूम है या नही
@@आध्यत्मज्ञानगंगा tatavdarshi sant RAMPALJI MAHARAJ ko dandwant paranam karane se satnam ka updes dhange
Nevaram ji aapko kya malum he abhi satnam ka arth kya hota he malum he
बन्दी छोड़ दयाल जी तुम तक हमारी दौङ ।
जैसे काग जहाज का सुजत और ना ठौङ ।।
वाह वाह कबीर गुरू पूरा है
पूर्ण परमात्मा "सत कबीर" हैं।
हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार।।
‘‘राग तिलंग महला 1‘‘ पंजाबी गुरु ग्रन्थ साहेब पृष्ठ नं. 721
नानक देव जी कहते हैं:-
हे सर्व सृष्टि रचनहार, दयालु ‘‘सतकबीर‘‘ आप निर्विकार परमात्मा हैं।
KABIR shahab ji Purn parmatama he 🌹🌹🌹🌹🌹
सुर नर मुनिजन तेतीस करोड़ी। बंधे सब ज्योति निरंजन डोरी।।
भावार्थ:- तेतीस करोड़ देवता, अठासी हजार मुनिजन तथा सर्व जीव काल की डोर यानि कर्म रूपी रस्सी के फांस में बँधे हैं।
गुरु ग्रन्थ साहेब में प्रमाण है नानक जी का गुरु कबीर साहेब है।अधिक जानकारी के लिये साधना टीवी शाम 7:30 से देखिये ।
nanak ke guru shabad guru the or nanak usko baba jinda kehte the .kabeer nahi
श्रीमद्भगवद गीता अध्याय 8 का श्लोक 3 में
गीता ज्ञान दाता ब्रह्म भगवान ने कहा है कि वह परम अक्षर ‘ब्रह्म‘ है जो जीवात्मा के साथ सदा रहने वाला है।
वह परम अक्षर ब्रह्म गीता ज्ञान दाता से अन्य है, वह कबीर परमात्मा हैं।
गुरु नानक साहेब को परमेश्वर बेई नदी के किनारे मील थे
नानक नीच कहे विचार, धाणक रूप रहा करतार।
Kabir saheb ji is complete god
🙏👃🙏👃
हम सुल्तानी नानक तारे दादू को उपदेश दिया ,
जाति जुलाहा भेद न पाया काशी में कबीर हुआ।
ha bhai dadu ji ka janam 1544 ko hua jabb nanak is dunia se parda kr gay the.o ye updesh kiss nanak ne dia dadu ko hai.jhooth
@@ruhanpreet1693 ji bilkul sahi kha h apne ye saale Rampal k chele fraud aur dhokebaaj h saale
सतभक्ति करने वाले की पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है।
- ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3
# राम नाम कड़वा लागे मीठे लागे दाम ,,दुविधा में दोनों गए ,माया मिली ना राम
संत रामपाल जी महाराज कबीर परमात्मा के अवतार हैं श्री गुरु नानक जी के गुरु कबीर साहिब हुए और उनको सतलोक दिखाकर पार की और वही अब आए हैं सब आत्माओं को भक्ति देकर सतलोक ले जाने के लिए नाम दीक्षा लेकर कल्याण कराएं देखे प्रतिदिन साधना चैनल रात्रि 7:30 बजे
जवाब गोस दीन इमाम सूरा
आखे इमाम गौसदीन पढ़ अहमद दी किताब।
करे गुनाह कबीर जो तिस नो बड़े अजाब।
जो हालत करे खुदाई दी हानत करे रसूल।
फिरें इमान ते मने ना कुरान रसूल।दूजा कबीर गुनाह होर तिसदी सुन तदबीर।धी भैण सकी माउं सो करे गुनाह असीर
इसके अर्थ करके बता
Hum sultani Nanak tare dadu ko updesh dia jat jula ka bhed na paya vo kashi me kabir hua 🌹🌹🌹🌹🌹 sat sat naman🙏🙏🙏🙏🙏
कबीर ,न मेरै कोई मात पिता ,न मेरे घर दासी ।जाति जुललहा भेद न पाया जगत करै मेरी हंसी ।
गरीब ,हम, सुलतानी नानक तारे ,दादू को उपदेश दिया ।जात जुललाहा भेद न पाया ,काशी मै ही कवीर हुआ ।
सतगुरु पुरुष कबीर हैं ये चारों युग प्रमाण
झूठे गुरुआं मर गए, हो गये भूत मसान।
🎉 Uttar dakshin Purab paschim firta Dane Dane nu sarve Kala satguru Saheb ki Hari aaye Haryanvi nu sant Rampal Ji Maharaj se naam Diksha lekar apna Kalyan karaen sat🎉
सिख धर्म के लोगों को यह नहीं पता कि गुरु नानक जी का गुरु कौन है लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने प्रमाण करके दिखा दिया कि गुरु नानक जी के गुरु थे और वहां कबीर साहिब है जो पूर्ण परमात्मा है
बेवकूफ बना रहा है
कबीर जी भक्त थे प्रमाण गुरु ग्रंथ साहिब
गुरु नानक गुरु हैं तो गुरु ही रहेगा
Guru granth sahib suno pehel Kabir ji kon the tume apne bare main pata hai nhi dusro ko bole ge 😂😂😂.
Guru nanak dev ji ka guru shabad guru tha
Kabir is supream God 🙏
दुनिया के सबसे बड़े संत संत शिरोमणि रविदास महाराज जी हैं और सतगुरु रविदास जी ने को नानक दास को नामदेव कबीर त्रिलोचन मीराबाई कुमाली और सभी को ज्ञान प्राप्त दिया को संत शिरोमणि रविदास महाराज जी ने किसी को भी गुलदार नहीं किया क्योंकि वह शब्द सतगुरु को ही मानते थे वह भी सतलोक से भी ऊपर छत अमरापुर है रामपाल वाले तो आधा ज्ञान देकर चले जाते हैं और बीच में ही 84 में छोड़ जाते हैं
App kes data ko manta ho name bty
sant rampal to santo ke kat karte he kise sant ko nii choda ,namdav, guru nanak ko Satguru Ravidas Ji ko
हरि हरि हरि हरि हरि हरि हरे ॥
हरि सिमरत जन गए निसतरि तरे ॥1॥ रहाउ ॥
हरि के नाम कबीर उजागर ॥
जनम जनम के काटे कागर ॥1॥
निमत नामदेउ दूधु पीआइआ ॥
तउ जग जनम संकट नही आइआ ॥2॥
जन रविदास राम रंगि राता ॥
इउ गुर परसादि नरक नही जाता ॥3॥5॥487॥
हरि हरि हरि हरि हरि हरि हरे ॥
हरि सिमरत जन गए निसतरि तरे ॥1॥ रहाउ ॥
हरि के नाम कबीर उजागर ॥
जनम जनम के काटे कागर ॥1॥
निमत नामदेउ दूधु पीआइआ ॥
तउ जग जनम संकट नही आइआ ॥2॥
जन रविदास राम रंगि राता ॥
इउ गुर परसादि नरक नही जाता ॥3॥5॥487॥
प्रमाण वो देते हैं जो जूटी वाणी नवाकर डोग रचाकर दंगे कराते हैं हमें प्रमाण कि आवश्यकता नहीं है हमारे सतगुरु पूर्ण शब्दसतगुरु है
■ पूर्ण परमात्मा कबीर
नानक देव जी के गुरु कबीर परमेश्वर ने फिर कहा, मैं आपको सतनाम (सत्यनाम / वास्तविक मंत्र का जाप) दूंगा जिसे काल (ब्रह्म) ने गुप्त रखा है और किसी भी शास्त्र में नहीं है।
एहु जीउ बहुते जनम भरमिया, ता सतिगुरु शबद सुणाइआ।(पृष्ठ 465)
फाही सुरत मलूकी वेस, उह ठगवाड़ा ठगी देस।।
खरा सिआणां बहुता भार, धाणक रूप रहा करतार।।3।। (पृष्ठ 24)
कबीर साहेब जी को ही गुरुनानक जी ने गुरु बनाया था।
खालक आदम सिरजिआ आलम बड़ा कबीर 😂😂😂 अर्थ...
संसार, मनुष्य को बनाने वाले और दिलो को जानने वाला सबसे महान है।
🎉कबीर अरबी कुरान में परमात्मा का 37 वा नाम है जिसका मतलब होता है महान 😂😂😂😂😂😂😂
All or contrall Kabir shahab ji he 🌹🌹🌹🌹🌹 🙏 🙏🙏🙏🙏
ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਪ੍ਰਮਾਤਮਾ ਦਾ ਰੁਪ ਸੀ ਬਕਵਾਸ ਕਰਨ ਦੀ ਆਦਤ ਹੈ ਸਿੱਖ ਧਰਮ ਬਾਰੇ ਤੇਨੂੰ ਕੱਖ ਨਹੀਂ ਪਤਾ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਗੁਮਰਾਹ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ
Guru Nanak Dev ji ke guru Kabir Saheb Ji hai.
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है .....🙏✨️.
...
ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं...
...
*भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️
सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻
*ੴ सतिगुर प्रसादि ॥*
ੴ सतिगुर प्रसादि॥
*ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥*
हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है,
*गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥*
हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥
*जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥*
जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है।
*नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️
मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️
*नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️
उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️
*कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥*
रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥
*मारू ॥*
मारू॥
*सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥*
जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं;
*चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥*
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥
*हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥*
हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं,
*अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥*
अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥
*नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥*
अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके
*बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥*
व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥
*सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥*
सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है।
*कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥*
रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥
Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106
Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi ....?
जानिए पूर्ण परमात्मा कौन है
जानिए गुरु नानक देव जी के गुरु कौन थे और गुरु नानक देव जी ने किस की भर्ती की
3 D ya 2 d me only kaha mile aur konse nadi aur satlog kese legaye banado video
Kabir is real
😂😂गुरु ग्रंथ सहाब, पेज 1402, रामपाल के अंध भक्तों, vahe गुरु देख लो 😂😂
वाहिगुरू वाहिगुरु वाहिगुरू वाहि जीउ ॥ कवल नैन मधुर बैन कोटि सैन संग सोभ कहत मा जसोद जिसहि दही भातु खाहि जीउ ॥ देखि रूपु अति अनूपु मोह महा मग भई किंकनी सबद झनतकार खेलु पाहि जीउ ॥ काल कलम हुकमु हाथि कहहु कउनु मेटि सकै ईसु बंम्यु ग्यानु ध्यानु धरत हीजै चाहि जीउ ॥ सति साचु स्री निवासु आदि पुरखु सदा तुही वाहिगुरू वाहिगुरू वाहिगुरू वाहि जीउ ॥१॥६॥ राम नाम परम धाम सुध बुध निरीकार बेसुमार सरबर कउ काहि जीउ ॥ सुथर चित भगत हित भेखु धरिओ हरनाखसु हरिओ नख बिदारि जीउ ॥ संख चक्र गदा पदम आपि आपु कीओ छदम अपरंपर पारब्रहम लखे कउनु ताहि जीउ ॥ सति साचु स्री निवासु आदि पुरखु सदा तुही वाहिगुरू वाहिगुरू वाहिगुरू वाहि जीउ ॥२॥७॥ पीत बसन कुंद दसन पृञ्ज सहित कंठ माल मुकटु सीसि मोर पंख चाहि जीउ ॥
बेवजीर बड़े धीर धरम अंग अलख अगम खेलु कीआ आपण उछाहि जीउ ॥ अकथ कथा कथी न जाहि तीनि लोक रहिआ समाडि सुतह सिध रूपु धरिओ साहन कै साहि जीउ ॥ सति साचु सी निवासु आदि पुरखु सदा तुही वाहिगुरू वाहिगुरू वाहिगुरू वाहि जीउ ॥३॥८॥
धाणक(शिकारी) रूप रहा करतार 😂😂😂 👉हे परमात्मा, मैंने शिकारी बनकर जीवन बताया. शिकारी के रूप में रहा हूं 😂😂😂
नानक नीच कहे करतार धानक रुप रहा करतार
श्री गुरु ग्रन्थ साहिब पृष्ठ 437
‘‘नानक गुरु समानि तीरथु नहीं कोई साचे गुरु गोपाल।’’
पूरे गुरु की खोज करो। पूरा गुरु परमात्मा समान ही होता है.!
प्रार्थना :-
वर्तमान में पूर्ण गुरु "बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी" हैं.!