भरत और माता कैकेयी का संवाद: सत्ता नहीं, धर्म सर्वोपरि(2024)

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  • Опубліковано 11 жов 2024
  • विवरण:
    भरत के अयोध्या लौटने पर जब उन्हें राजा दशरथ की मृत्यु और श्रीराम के वनवास की जानकारी मिलती है, तो वे अपनी माता कैकेयी से सीधे संवाद करते हैं। भरत, सत्ता के लिए अपनी माता द्वारा रची गई योजना पर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हैं और स्पष्ट करते हैं कि उन्होंने कभी राज्य की कामना नहीं की। राम के प्रति अपनी निष्ठा दिखाते हुए, भरत माता कैकेयी से कहते हैं कि वे केवल राम को ही अयोध्या का राजा मानते हैं। इस संवाद में भरत का त्याग और धर्मनिष्ठा प्रकट होती है, जो उन्हें एक सच्चे आदर्श भाई और धर्मपालक के रूप में स्थापित करती है।
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