महाविष्णु vs. श्री कृष्ण - क्या है अंतर? Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj | Pravachan
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- Опубліковано 12 вер 2024
- राधे राधे! इस प्रवचन में जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज भगवान् श्री कृष्ण के अनेक स्वरूपों - महाविष्णु एवं द्वारका, मथुरा और वृंदावन के श्री कृष्ण के बीच का अंतर समझा रहे हैं।
Radhe Radhe! In this discourse, Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj explains the difference between the many forms of Lord Shri Krishna - Mahavishnu and Shri Krishna of Dwarka, Mathura, and Vrindavan.
महाविष्णु vs. श्री कृष्ण - क्या है अंतर? Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj | Pravachan
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जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज का संक्षिप्त परिचय
जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज को काशी विद्वत् परिषद् द्वारा 14 जनवरी, सन् 1957 में जगद्गुरु की मूल उपाधि से विभूषित किया गया। आपने 'प्रेम रस मदिरा', 'प्रेम रस सिद्धांत' और 'राधा गोविन्द गीत' जैसे अनेक दिव्य ग्रंथों की रचना की है जो संपूर्ण विश्व को भक्ति करने की सही राह दिखा रहे हैं। आपके द्वारा विश्व को दी गई अनमोल धरोहरों में भक्ति धाम मनगढ़ स्थित - भक्ति मंदिर, वृन्दावन धाम स्थित - प्रेम मंदिर और बरसाना धाम स्थित - कीर्ति मंदिर आदि प्रमुख हैं।
A brief introduction of Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj
The original title of Jagadguruttam (‘Greatest Spiritual Teacher of the World' ) was bestowed upon Shri Kripalu Ji Maharaj on January 14, 1957, by 'Kashi Vidvat Parishad' (a council of 500 greatest scholars & saints of India). He composed divine texts like 'Prem Ras Madira', 'Prem Ras Siddhant' and 'Radha Govind Geet' to lead us on the right path of devotion. He also gave priceless monuments as gifts to the world which include - Bhakti Mandir located in Bhakti Dham, Mangarh, Prem Mandir located in Vrindavan Dham, Kirti Mandir located in Barsana Dham..
जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज के दिव्य प्रवचन नीचे👇 दिए गए📺 टीवी चैनलों पर भी सुन सकते हैं।
Timings of Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj lectures on TV:
News18 India 👉 Daily 5.30-5.55 am
News24 👉 Mon-Fri 5.30-5.55 am
Bharat Samachar 👉 Daily 6.50-7.15 am
Sadhana 👉 Daily 8.15-8.40 am
Sanskar 👉 Mon-Fri 8.35-9.00 pm
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।
शुभ प्रभात, मंगलमय दिवस, सादर शाष्टाॅग दण्डवत प्रणाम् स्वीकार करें🌹🌹🙇♀️🌹🌹।
अखिल ब्रह्मांड नायक योगेश्वर भगवान श्रीराधेकृष्ण को कोटि कोटि नमन ❤❤
Jai ho krishn ke creator bhagwan vishnu ki
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हेनाथ नारायण वासुदेवा, श्रीराधा जय राधा राधा राधा श्री राधा
जय श्री राधे राधे राधे कृष्ण जी 🙏🏻🙏🏻🌺🌺
गुरु देव के चरणकमलों में शाष्टांग दंडवत प्रणाम...जै जै जै जै...🙏🙏🌹🌹🙏🙏
जहां प्रेम हैं । वहां कृष्ण हैं। ❤️😊🙏 हरे कृष्ण
Kripalu. Maharaj has led us on the path of. Divinity by way of his divine knowledge He has deeply invested our devotion in Lord Krishna
@@tushar7852Krishna Sampradaya
Pehli baar sun raha hu aisa lag raha h jaisa sunta hi rahu aankh se pani aa raha h jai shree krishna
🙏🙌राधे राधे🙌🙏
हमारे प्यारे-प्यारे श्री महाराज जी🙏🙌🙏
Lord Krishna is the real 🙏 God. Follow him and start loving each other.
वेद से साबित करो की श्री कृष्ण ईश्वर है
Our hearts 💕 is our real brain and through which we can meet the God and attend MUKTI 🙏.
Jagat guru shri kripalu ji maharajki jai ❤❤❤
Radhe Radhe ❤❤❤
Super hit lecture and full of Devin power jai shri Krishna
जय सियाराम बोलो जय सियाराम
Post.kaginti.kaisekiya.jata.hai.Aka.gotra.mekai.pust.ke.log.hai.kripakar.Batay.
Pust kaise ginati kiya jata hai.
जय_सियाराम🚩
🙏🙏"जय जय श्री राधे गोविन्द जी हरे ।"
श्री महाराज जी राधे राधे राधे राधे राधे 🙏🙏🙏🙏
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
Jai Shri Radhey Krishna 🙏❤️ shrimadha sadhguru sarakara ki Jai 🙏🙏❤️
ଦ୍ଵାରିକା ରେ ରାଜା କୃଷ୍ଣ ଦାସ ବୃନ୍ଦାବନେ । ଐଶ୍ୱର୍ଯ୍ୟ ଦ୍ବାରିକା ପୁରେ ମାଧୂର୍ୟ ବୃନ୍ଦାବନେ । ଜୟ ଶ୍ରୀ ରାଧେ ଗୋବିନ୍ଦ ରାଧେ ଜୟ ଜଗନ୍ନାଥ।
पूज्य जगद्गुरु वास्तव में सच्चे गुरु है मेरे ऐसे गुरु के श्री चरणों में कोटि - कोटि सादर प्रणाम !
हरे राम हरे कृष्ण जय श्री राधे 🙏🌹🙏
💝 Rãdhë Ràdhê 💝
😘Mere NandNandan Mere NandNandan apna Banale mohin mere NandNandan 😘
💝 Rãdhë Ràdhê 💝
श्रीहरि ही सब कुछ हैं
सारे अवतार उन्ही से हैं
your entire efforts of preaching immortal
जय स्वामिनारायण सर्वोपरि जय हो जयजयकार हो। वन्दे महापुरुष! ते चरणारविन्दम् ।
राधे राधे जय श्री कृष्ण🥰🙏🙏
Jay Gurudev Shri Hari Om 🙏🏻🙏🏻 Jay Shree Radhe Krishna 🙏🏻🙏🏻
श्रीकृष्णस्तोत्रं ब्रह्मवैवर्तपुराणे नारायणकृतम् -नैमिषारण्य में आये हुए सौतिजी शौनक जी को ब्रह्म वैवर्त पुराण के ब्रह्म खण्ड अध्याय-३ में श्रीकृष्ण से सृष्टि का आरम्भ की कथा सुनते हैं कि - ब्रह्मन! जगत को इस शून्यावस्था में देख मन-ही-मन सब बातों की आलोचना करके दूसरे किसी सहायक से रहित एकमात्र स्वेच्छामय प्रभु ने स्वेच्छा से ही सृष्टि-रचना आरम्भ की। सबसे पहले उन परम पुरुष श्रीकृष्ण के दक्षिणपार्श्व से जगत के कारण रूप तीन मूर्तिमान गुण प्रकट हुए। उन गुणों से महत्तत्त्व, अहंकार, पाँच तन्मात्राएँ तथा रूप, रस, गन्ध, स्पर्श और शब्द-ये पाँच विषय क्रमशः प्रकट हुए। तदनन्तर श्रीकृष्ण से साक्षात भगवान नारायण का प्रादुर्भाव हुआ, जिनकी अंगकान्ति श्याम थी, वे नित्य-तरुण, पीताम्बरधारी तथा वनमाला से विभूषित थे। उनके चार भुजाएँ थीं। उन्होंने अपने चार हाथों में क्रमशः - शंख, चक्र, गदा और पद्म धारण कर रखे थे। उनके मुखारविन्द पर मन्द मुस्कान की छटा छा रही थी। वे रत्नमय आभूषणों से विभूषित थे, शांर्गधनुष धारण किये हुए थे। कौस्तुभमणि उनके वक्षःस्थल की शोभा बढ़ाती थी। श्रीवत्सभूषित वक्ष में साक्षात लक्ष्मी का निवास था। वे श्रीनिधि अपूर्व शोभा को प्रकट कर रहे थे; शरत्काल की पूर्णिमा के चन्द्रमा की प्रभा से सेवित मुख-चन्द्र के कारण वे बड़े मनोहर जान पड़ते थे। कामदेव की कान्ति से युक्त रूप-लावण्य उनका सौन्दर्य बढ़ा रहा था। वे श्रीकृष्ण के सामने खड़े हो दोनों हाथ जोड़कर उनकी स्तुति करने लगे-
श्रीकृष्णस्तोत्रं ब्रह्मवैवर्तपुराणे नारायणकृतम्
नारायण उवाच ।।
वरं वरेण्यं वरदं वरार्हं वरकारणम् ।।
कारणं कारणानां च कर्म तत्कर्मकारणम् ।। 1.3.१० ।।
नारायण बोले- जो वर (श्रेष्ठ), वरेण्य (सत्पुरुषों द्वारा पूज्य), वरदायक (वर देने वाले) और वर की प्राप्ति के कारण हैं; जो कारणों के भी कारण, कर्मस्वरूप और उस कर्म के भी कारण हैं;
तपस्तत्फलदं शश्वत्तपस्वीशं च तापसम् ।।
वन्दे नवघनश्यामं स्वात्मारामं मनोहरम् ।।११।।
तप जिनका स्वरूप है, जो नित्य-निरन्तर तपस्या का फल प्रदान करते हैं, तपस्वीजनों में सर्वोत्तम तपस्वी हैं, नूतन जलधर के समान श्याम, स्वात्माराम और मनोहर हैं, उन भगवान श्रीकृष्ण मैं वन्दना करता हूँ।
निष्कामं कामरूपं च कामघ्नं कामकारणम्।।
सर्वं सर्वेश्वरं सर्वं बीजरूपमनुत्तमम् ।। १२ ।।
जो निष्काम और कामरूप हैं, कामना के नाशक तथा कामदेव की उत्पत्ति के कारण हैं, जो सर्वरूप, सर्वबीज स्वरूप, सर्वोत्तम एवं सर्वेश्वर हैं,
वेदरूपं वेदभवं वेदोक्तफलदं फलम् ।।
वेदज्ञं तद्विधानं च सर्ववेदविदांवरम् ।। १३ ।।
वेद जिनका स्वरूप है, जो वेदों के बीज, वेदोक्त फल के दाता और फलरूप हैं, वेदों के ज्ञाता, उसे विधान को जानने वाले तथा सम्पूर्ण वेदवेत्ताओं के शिरोमणि हैं, उन भगवान श्रीकृष्ण को मैं प्रणाम करता हूँ।
इत्युक्त्वा भक्तियुक्तश्च स उवास तदाज्ञया ।।
रत्नसिंहासने रम्ये पुरतः परमात्मनः ।। १४ ।।
ऐसा कहकर वे नारायणदेव भक्तिभाव से युक्त हो उनकी आज्ञा से उन परमात्मा के सामने रमणीय रत्नमय सिंहासन पर विराज गये।
नारायणकृतं स्तोत्रं यः पठेत्सुसमाहितः ।।
त्रिसंध्यं यः पठेन्नित्यं पापं तस्य न विद्यते ।। १५ ।।
: जो पुरुष प्रतिदिन एकाग्रचित्त हो तीनों संध्याओं के समय नारायण द्वारा किये गये इस स्तोत्र को सुनता और पढ़ता है, वह निष्पाप हो जाता है।
: पुत्रार्थी लभते पुत्रं भार्य्यार्थी लभते प्रियाम् ।।
भ्रष्टराज्यो लभेद्राज्यं धनं भ्रष्टधनो लभेत् ।।१६।।
उसे यदि पुत्र की इच्छा हो तो पुत्र मिलता है और भार्या की इच्छा हो तो प्यारी भार्या प्राप्त होती है। जो अपने राज्य से भ्रष्ट हो गया है, वह इस स्तोत्र के पाठ से पुनः राज्य प्राप्त कर लेता है तथा धन से वंचित हुए पुरुष को धन की प्राप्ति हो जाती है।
कारागारे विपद्ग्रस्तः स्तोत्रेणानेन मुच्यते ।।
रोगात्प्रमुच्यते रोगी ध्रुवं श्रुत्वा च संयतः ।। १७ ।।
: कारागार के भीतर विपत्ति में पड़ा हुआ मनुष्य यदि इस स्तोत्र का पाठ करे तो निश्चय ही संकट से मुक्त हो जाता है। एक वर्ष तक इसका संयमपूर्वक श्रवण करने से रोगी अपने रोग से छुटकारा पा जाता है।
इति ब्रह्मावैवर्ते नारायणकृतं श्रीकृष्णस्तोत्रम् ।
परम कृष्ण ही परम brahm है.इनसे ही सभी अवतार ब्रह्म विष्णु शिवजी और अनंत ब्रह्माण्ड उत्पन होते रहते है,,गोलोक धाम किसी आयाम में नहीं आता,,बिल्कुल जुदा और सभी ब्रह्मांडो से परे है,,,जय परम कृष्ण🙏🙏🙏🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🚶
यही वाणी होनी चाहिए १०० वर्षीय आयु में 🙏🏻
Hame sirf galti dikhti he.. Kyu ke ham galat raste par he... Najarya badlo to hame sikh milti he. 🙏🙏
Tum kya bolna chahte ho
Inki death ho chuki h
श्रीकृष्णस्तोत्रं ब्रह्मवैवर्तपुराणे नारायणकृतम् -नैमिषारण्य में आये हुए सौतिजी शौनक जी को ब्रह्म वैवर्त पुराण के ब्रह्म खण्ड अध्याय-३ में श्रीकृष्ण से सृष्टि का आरम्भ की कथा सुनते हैं कि - ब्रह्मन! जगत को इस शून्यावस्था में देख मन-ही-मन सब बातों की आलोचना करके दूसरे किसी सहायक से रहित एकमात्र स्वेच्छामय प्रभु ने स्वेच्छा से ही सृष्टि-रचना आरम्भ की। सबसे पहले उन परम पुरुष श्रीकृष्ण के दक्षिणपार्श्व से जगत के कारण रूप तीन मूर्तिमान गुण प्रकट हुए। उन गुणों से महत्तत्त्व, अहंकार, पाँच तन्मात्राएँ तथा रूप, रस, गन्ध, स्पर्श और शब्द-ये पाँच विषय क्रमशः प्रकट हुए। तदनन्तर श्रीकृष्ण से साक्षात भगवान नारायण का प्रादुर्भाव हुआ, जिनकी अंगकान्ति श्याम थी, वे नित्य-तरुण, पीताम्बरधारी तथा वनमाला से विभूषित थे। उनके चार भुजाएँ थीं। उन्होंने अपने चार हाथों में क्रमशः - शंख, चक्र, गदा और पद्म धारण कर रखे थे। उनके मुखारविन्द पर मन्द मुस्कान की छटा छा रही थी। वे रत्नमय आभूषणों से विभूषित थे, शांर्गधनुष धारण किये हुए थे। कौस्तुभमणि उनके वक्षःस्थल की शोभा बढ़ाती थी। श्रीवत्सभूषित वक्ष में साक्षात लक्ष्मी का निवास था। वे श्रीनिधि अपूर्व शोभा को प्रकट कर रहे थे; शरत्काल की पूर्णिमा के चन्द्रमा की प्रभा से सेवित मुख-चन्द्र के कारण वे बड़े मनोहर जान पड़ते थे। कामदेव की कान्ति से युक्त रूप-लावण्य उनका सौन्दर्य बढ़ा रहा था। वे श्रीकृष्ण के सामने खड़े हो दोनों हाथ जोड़कर उनकी स्तुति करने लगे-
श्रीकृष्णस्तोत्रं ब्रह्मवैवर्तपुराणे नारायणकृतम्
नारायण उवाच ।।
वरं वरेण्यं वरदं वरार्हं वरकारणम् ।।
कारणं कारणानां च कर्म तत्कर्मकारणम् ।। 1.3.१० ।।
नारायण बोले- जो वर (श्रेष्ठ), वरेण्य (सत्पुरुषों द्वारा पूज्य), वरदायक (वर देने वाले) और वर की प्राप्ति के कारण हैं; जो कारणों के भी कारण, कर्मस्वरूप और उस कर्म के भी कारण हैं;
तपस्तत्फलदं शश्वत्तपस्वीशं च तापसम् ।।
वन्दे नवघनश्यामं स्वात्मारामं मनोहरम् ।।११।।
तप जिनका स्वरूप है, जो नित्य-निरन्तर तपस्या का फल प्रदान करते हैं, तपस्वीजनों में सर्वोत्तम तपस्वी हैं, नूतन जलधर के समान श्याम, स्वात्माराम और मनोहर हैं, उन भगवान श्रीकृष्ण मैं वन्दना करता हूँ।
निष्कामं कामरूपं च कामघ्नं कामकारणम्।।
सर्वं सर्वेश्वरं सर्वं बीजरूपमनुत्तमम् ।। १२ ।।
जो निष्काम और कामरूप हैं, कामना के नाशक तथा कामदेव की उत्पत्ति के कारण हैं, जो सर्वरूप, सर्वबीज स्वरूप, सर्वोत्तम एवं सर्वेश्वर हैं,
वेदरूपं वेदभवं वेदोक्तफलदं फलम् ।।
वेदज्ञं तद्विधानं च सर्ववेदविदांवरम् ।। १३ ।।
वेद जिनका स्वरूप है, जो वेदों के बीज, वेदोक्त फल के दाता और फलरूप हैं, वेदों के ज्ञाता, उसे विधान को जानने वाले तथा सम्पूर्ण वेदवेत्ताओं के शिरोमणि हैं, उन भगवान श्रीकृष्ण को मैं प्रणाम करता हूँ।
इत्युक्त्वा भक्तियुक्तश्च स उवास तदाज्ञया ।।
रत्नसिंहासने रम्ये पुरतः परमात्मनः ।। १४ ।।
ऐसा कहकर वे नारायणदेव भक्तिभाव से युक्त हो उनकी आज्ञा से उन परमात्मा के सामने रमणीय रत्नमय सिंहासन पर विराज गये।
नारायणकृतं स्तोत्रं यः पठेत्सुसमाहितः ।।
त्रिसंध्यं यः पठेन्नित्यं पापं तस्य न विद्यते ।। १५ ।।
: जो पुरुष प्रतिदिन एकाग्रचित्त हो तीनों संध्याओं के समय नारायण द्वारा किये गये इस स्तोत्र को सुनता और पढ़ता है, वह निष्पाप हो जाता है।
: पुत्रार्थी लभते पुत्रं भार्य्यार्थी लभते प्रियाम् ।।
भ्रष्टराज्यो लभेद्राज्यं धनं भ्रष्टधनो लभेत् ।।१६।।
उसे यदि पुत्र की इच्छा हो तो पुत्र मिलता है और भार्या की इच्छा हो तो प्यारी भार्या प्राप्त होती है। जो अपने राज्य से भ्रष्ट हो गया है, वह इस स्तोत्र के पाठ से पुनः राज्य प्राप्त कर लेता है तथा धन से वंचित हुए पुरुष को धन की प्राप्ति हो जाती है।
कारागारे विपद्ग्रस्तः स्तोत्रेणानेन मुच्यते ।।
रोगात्प्रमुच्यते रोगी ध्रुवं श्रुत्वा च संयतः ।। १७ ।।
: कारागार के भीतर विपत्ति में पड़ा हुआ मनुष्य यदि इस स्तोत्र का पाठ करे तो निश्चय ही संकट से मुक्त हो जाता है। एक वर्ष तक इसका संयमपूर्वक श्रवण करने से रोगी अपने रोग से छुटकारा पा जाता है।
इति ब्रह्मावैवर्ते नारायणकृतं श्रीकृष्णस्तोत्रम् ।
@@kishorjbhattbhatt3930 💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋🥇🥇💋
राधे राधेश्री महाराज जि❤️❤️🙏🙏🌹🌹
🥀🌹🛕🪴🌷 जय जय श्री राधे राधे राधे राधे राधे संत व्यास भगवान की जय हो श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम नमः 💦🌺☘️🌸🌿🥀📿📿🌹🪴💐💐🪔🪔🪔🪔🪔🔔🪴🌷👣🥀🌹👏👏👏🥀🌹🪴🚩🚩🚩
mltiverse theory is well explained in this video by kripalu ji maharaj
हरे कृष्णा ❤️🌹🙏
Jay shree hari narayan mahaprabhu 🙏🙏❤️
राधे राधे!
जय श्री कृष्ण!
परम पूज्य जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज के श्री चरणों में सादर साष्टांग प्रणाम निवेदन !
वाह गुरुजी वाह किया दिव्य कथा है प्रभु की वाह 🙏❤❤❤❤
राधे कृष्णा 🙏❤🙌
🙏❤️🌹राधे राधे जी🌹❤️🙏
Guruji pranam, Bhagwan Narayan ke he sab roop hain , Shri Ram aur Shri Krishna in mein koi antar nahi , Sab Shriman Narayan hain .
Koti koti bramha vishnu mahesh Ganesh Chandrama taragan kaal mahakal etc Ramji ke sevak hain samjha by tulsidas ramayana
Salient Points Text Version (reading is faster than listening, depends on your preference):
0.20 भगवान में भी कोई भेद होता है - हाँ, रसिकों में होता है
0.40 श्रीकृष्ण के अनंत अवतार हुए
1.24 अनंतकोटी ब्रह्मांड है आप तो एक छोटे से ब्रह्मांड में बैठे हैं, चतुर्मुखी ब्रह्मा के ब्रह्मांड में, जितने ज्यादा मुख ब्रह्मा के होते हैं उतना ही बड़ा ऊन ब्रह्मा का ब्रह्मांड होता है, एक हजार मुख, एक लाख मुख, एक करोर मुख के भी ब्रह्मा होते हैं
2.06 अलग अलग ब्रह्मांडों में अलग अलग अवतार भगवान के होते ही रहते हैं हर क्षण
2.30 श्रीकृष्ण के चार प्रमुख रूप हैं 1. महाविष्णु, चार भुजा वाले नारायण
4.49 जब भगवान के अनंत अवतार हैं तो उनके लोग भी अनंत होंगे, भगवान की कोई भी चीज़ सीमित नहीं है
5.20 भगवान स्वयं कहते हैं कि मेरा जन्म यानी अवतार, मेरे कर्म, नाम आदि अनंत हैं - भगवान खुद कहते हैं कि मैं भी नहीं बता सकता कि कितने हैं
5.55 सब लोकों में सर्वोच्च है वैकुंठ
6.23 बहुत ही अल्पज्ञ लोग तो कहते हैं कि फलाने का स्वर्गवास हो गया, 99.9% लोग मरे हुए को कहते हैं, लिखते हैं "स्वर्गीय" और जिन्होंने सत्संग में भाग लिया है वो मरने वाले को "वैकुंठ वास" कहते हैं
7.07 "yad gatvā na nivartante, tad dhāma paramaṁ mama" *Gita Shloka* 15.6: "That supreme abode of Mine is not illumined by the sun or moon, nor by fire or electricity. Those who reach it never return to this material world." vedabase.io/en/library/bg/15/6/
7.35 बैकुंठ में श्रीकृष्ण का चारभुजा वाला रूप, बहुत ऐश्वर्ग (opulent) है
8.19 जितनो को भगवान ने स्वयं मारा और सब बैकुंठ गए
9.50 वैकुंठ से ज्यादा अधिक सरस (माधुर्य) रूप कृष्ण का है द्वारका में, ऐश्वर्ग वैकुंठ से कम है, जहाँ 16,108 पटरानियां रही थीं, सब का एक अलग महल था और प्रत्येक के 10 बच्चे थे
10.41 द्वारका से ज्यादा अधिक सरस (माधुर्य) रूप कृष्ण का है मथुरा में और ऐश्वर्ग बहुत ही कम है
11.01 और सबसे अधिक रस (माधुर्य) वृंदावन का है, ये ही है नंदनंदन का स्वरूप
11.14 फिर लगभग 100 वर्ष पहले एक संत गोवर्धन की तलहेटी में, उन्हें साक्षात नन्द नंदन के दर्शन हुआ करते थे, पूरे किस्से का वर्णन किया है
16.53 वृंदावन में नंदनंदन का केवल है 100% माधुर्य रूप है, ऐश्वर्ग बिल्कुल नहीं
17.15 जब ठाकुरजी के पिटने की बारी आई यशोदा मैया से, तो चोरी छुपे ऐशवर्ग शक्ति आयी चोरी छिपे, यशोदा मैया को विकराल रूप दिखाया, मगर फिर ऐशवर्ग शक्ति भगा दी गयी ठाकुरजी द्वारा
17.52 ऐसे मौके-मौके पर उनकी ऐशवर्ग शक्ति आती रही नंदनंदन के पास, चोरी छिपे - प्रकट रूप से नहीं
18.02 ठाकुरजी सदा अपने को दास मानते रहे - सदा, नाटक (acting) नहीं - मन से, सखाओं, गोपियों, माँ बाप को सुख देना है, जो जिस भाव से प्यार कर रहा है, उसे उसी भाव से सुख देना है - यही है माधुर्य भाव या भक्तों का कान्त भाव, तुम जो भक्ति का सर्वोच्च भाव है
19.20 : श्यामसुन्दर ही हमारे स्वामी हैं, सखा हैं, पुत्र हैं, पति हैं -सब भावनाएँ एक साथ - इसे माधुर्य भाव कहते हैं, संसार में जबकि ऐसा नहीं होता ऐसा करोगे तो पिट जाओगे, mental hospital भेज दिए जाओगे
20.10 तो नन्दनंदन पूर्ण भंडार है माधुर्य भाव के
Shriman Narayan narayan hari hari 🙏❤️🙏
जगद्गगुरु भगवान् के श्री चरणों में साष्टांग दण्डवत् प्रणाम निवेदन
जय गुरुदेव जय श्री कृष्ण
Radha Krishna radhe radhe radhe radhe radhe ❤
Radhe Radhe 🙏🏽
श्री मद सदगुरुदेव सरकार को जय
Hare Krishna 🌺
जय श्री हरि🌺🙏
Atma Rama Ananda Ramana
Achyutha Keshava Hari Narayana
Bhava Bhaya Harana Vanditha Charana
Raghukula Bhooshana Rajeeva Nayana
Namo Narayan 👏🏻
लाडले प्यारे नटखट कृष्ण कन्हैया लाल की जय
Radhey Radhey ! Bhakti Yograsavtar Jagadguruttam Shri Kripalu Maharaj ji ki Jai
Hare Krishna Hare Krishna
Krishna Krishna Hare Hare
Hare Rama Hare Rama
Rama Rama Hare Hare
Hare Krishna 🙏🙏
Aaj asli gyan prapt hua🙏
🙏भायँ कुभायँ अनख आलस हूँ। नाम जपत मंगल दिसि दसहूँ 🙏 सुमिरि सो नाम राम गुन गाथा। करउँ नाइ रघुनाथहि माथा🙏
🙏श्री राम जय राम जय जय राम🙏
🌺 जय श्री राधे कृष्णा 🌺🙏
Jay Shree Radhe Krishna🙏🙏🙏
Jagat Guru KO KOTI KOTI NamanExilent Jankari Thanks
🙏 Radhe Radhe Jay shree shyam 🙏🙏🌹 Jai shree Krishna 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Param dham saket golok h or param aanand hi Ram Krishna ke sath khelna h.
Radhe Radhe Govind, govind Radhe
Ram Ram jai sita Ram
Hare krishna hare krishna krishna krishna hare hare here ram hare ram ram ram hare hare
जय श्री राधे 💐🙏
l
Radhe radhe
jai shree maha Vishnu ❤️🙏🏽🚩
Guru ji I have listened you thousand times 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
राधा राधा राधा राधा राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
जय श्री राधे कृष्ण ❤️❤️🌹🌹
Radhe Radhe Maharaj ji.
जय श्री राधे राधे 🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹
Radhe Radhe Shri Maharajji 🙏🙏🙏🙏🌹❤️❤️
Radhe Radhe Shri Maharaj ji ki Jai ho
जय श्री राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे
राधे राधे
Joi sree Krishna 🌷🌷🌷🐚🐚🐚🔱🔱🔱
Jya gurudev aap ko koti koti pranam jya shree krishna radhy radhy jya vind bake bihari lal ki jya ho
Radhey Radhey
अद्भूत ज्ञान।
Radhe radhe Maharaj Ji ke charno me bar bar pranam
हरी अनंत हरी कथा अनंता ♥️🙏
राधे राधे 🙏 ♥️ ❤️ 💖
Pranam Shree jagad Gurudev ji...🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹,,thnku so much.... Radhey radhey....🥳🥳🥳🥳🥳🥳🥳🥳🥳🥳🥳🥳🥳🥳
राधे राधे श्री महाराज जी आपके युगल चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏❤️❤️
श्री राधे राधे
Radhe Radhe Sri Kripalu Maharaj ji!
Apratim Prawachan gurugi.
Jai Shree Krishna🙏🥰
श्री गुरु जी के श्री चरणों में सेवक का कोटि कोटि🙏🙏🙏
Hamaare pyaare pyaare shree Maharajji ki jai Hamaare pyaari pyaari Amma ki jai laadlilaal ki jai ♥️❤❤
राधे राधे गोविन्दा श्री राधे राधे गोविन्दा!
गोविन्दा गोविन्दा गोविन्दा श्री राधे राधे गोविन्दा!!
Waaaah
Hare Krishna ❤️
विष्णु का अर्थ,,,सर्वव्यापक,,, होता है -
विष्णु ही सच्चे भगवान है,, विष्णु न जाने कितने,,,कृष्ण (ब्रह्माण्ड मे) पैदा कर सकते है ।
🙏🙏🙏 बोलो,,,,🌻🌻नारायण नारायण🌻 🌻🙏🙏🙏
Hare krishna 🥰🌺🙏🌸👏👏👏👏👏
राधे राधे जय सदगुरुदेव जय श्री गौरीशंकर जय श्री सीताराम
Jay jay shree radhe radhe..
Beyond description, Hare Krishna
Jay Shree Radhe Krishna Guru Ji Radhe Radhe Radhe Krishna
Jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai shree radhe krishna har har mahadev jai shiv shankar Jai ho jai ho jai ho jai ho jai ho jai ho jai ho jai ho jai ho jai ho jai ho jai ho jai ho jai ho jai ho jai ho jai ho jai ho jai ho jai ho
Radhe Radhe,Jai shree Radhe 🙏
राधे राधे गोविन्द कृष्ण कृष्ण हरे हरे राम राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
Jai sadguru sarkar ki jai shri radhe krishna
Jai Shree Radhekrishna Jai shree Sitaram Har Har Mahadev Jai mata di Hari bol
Jai shree Radhe Krishna 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎂