किसान जब तक खेती को उद्योग की तरह नहीं लेंगे, खुद मार्केटिंग नहीं करेंगे तबतक हालत नहीं सुधरेंगे. रोज आठ घंटे खेती को देने होंगे. उत्पादन करना आसान है मगर मंडी में भाव नहीं मिलता. सभी किसान मार्केटिंग नहीं कर सकते इसलिए आम किसान की स्थिति सुधरने की संभावना कम है. उद्योग मानकर खेती करने पर खेती की लागत बहुत आती है जो सामान्य किसान नहीं कर पाता. तकनीकी जानकारी अपनाना आसान नहीं है.
Namaste karam pal ji
जी राम राम भाई साहब
गाज़ियाबाद में हरी शिमला मिर्च 40 rs रिटैल मै बिक रही है।लाल पीली महँगी होती है हर कोई लेता भी नही है।
किसान जब तक खेती को उद्योग की तरह नहीं लेंगे, खुद मार्केटिंग नहीं करेंगे तबतक हालत नहीं सुधरेंगे. रोज आठ घंटे खेती को देने होंगे.
उत्पादन करना आसान है मगर मंडी में भाव नहीं मिलता. सभी किसान मार्केटिंग नहीं कर सकते इसलिए आम किसान की स्थिति सुधरने की संभावना कम है.
उद्योग मानकर खेती करने पर खेती की लागत बहुत आती है जो सामान्य किसान नहीं कर पाता. तकनीकी जानकारी अपनाना आसान नहीं है.
Meetha tota h ye net aur polyhouse
Mandi me javga to pata lag ja ga or tara kya jata h be khatmal tu video bana ke v vives le ke nikal le ga 😂😂
कर्म पाल जी किसान का नम्बर मिलेगा क्या
Unko dikha jo free ka lunger kha rhe.