Azad- E - Hindustan || Kadwa Sach || Amit Bachi || Women Empowerment || Bharat Makkar || MTC Beatz

Поділитися
Вставка
  • Опубліковано 10 лют 2025
  • The Power of the harasser the abuser the rapist lies between you silence so speak up take your stand because silence is not answer to everything take your stand people will follow you might help someone in Hollow.
    Song : Azad- E - Hindustan
    Artist : Amit Bachi
    Compose & Lyrics : Amit Bachi
    Music : MTC Beatz
    Direction : Bharat Makkar
    Editor : Bharat Makkar
    Male Cast :- Umesh ,Sawan, Roshan, Chanko, Amit, Naseeb ,Kunj , Ashish, Balvinder, Yash, Rahul, Pawan, Himanshu, Hardik
    Female Cast :- Shivani , Kritika , Annu , Prachi
    Special Thanks :- Rajinder Singh , Dj Devil , Dj Sandy, Montu, Randeep Singh , Gurpreet Singh
    Artist :- Amit Bachi
    Instagram :- / amit_bach_e
    Facebook :- / amitbache
    Cinematographer :- Bharat Makkar
    Instagram :- / bharat.makkar
    MTC Beatz :- • [SOLD] Hard Aggressive...
    Lyrics:-
    कड़वा सच हैं कड़वी बाते
    गंदी सोच ग़लत इरादे
    साफ़ जैसे कोरा पन्ना,
    काम जैसे काली रातें
    ज़िस्मी भूखे, जन्मे सूखे
    बनते मर्द जिस्म छूके
    आगे पीछे हाथ खींचे
    प्यासे हैं ये आबरू के
    ना रहा इंसान ना रही इंसानियत
    लोगों से छलकती बस हवस ओर हवानियत
    भीड़ देख आँसु पोंछे
    देख अकेला जिस्म नौचे
    औरों को ये ज्ञान बाँटे
    गंदी नीयत ग़लत सोच हैं
    माँगी भीख मारी चीख़
    क्या होगा ना वो जानती
    स्वभाव से दरिंदे थे
    बस चमड़ी थी इंसान की
    फिर होती हैं क्रांति
    न्यूज़ का चलना
    कैंडलस का जलना
    हैशटैग का निकलना
    फिर दो दिन बाद
    शांति-शांति
    आती न्यूज़ बढ़ते वियुज
    करते न्यूज़ दबके युज
    चार दिन का शोक माने
    केस सारे फिर रीफ़युज
    गंदा दलदल जलती कैंडल
    रूह को दे सलामती
    बीतें दर्द केस दर्ज
    दो दिन मे फिर ज़मानती ।
    पूर्वजों से जैसा सीखा हुआ हैं
    इतिहास भी लिखा हुआ हैं
    की आने वाले कलयुग मे
    सब कुछ
    बिका हुआ हैं
    दाग साफ़ जुर्म माफ़
    खुले मे घुमे करके पाप
    बन गयी राख बुझ गयी आग
    मिले ना उसको फिर इंसाफ़
    ना दिया दंड केस बंद
    जेब मे लेके पैसे चंद
    माँ तड़पती बाप रोता
    पापी साला सुख से सोता
    पापियों का आराम से सोना
    ओर हमारा यहाँ लाचारो की तरह रोना
    स्कूल कॉलेज में सवालों के जवाब देना सिखा जाता हैं ना
    अब जवाब दो ना
    देख पाप उठाओ हाथ
    ये वक़्त हैं जवाब का
    मन करा जो चूम लिया
    फ़ूल नहीं कोई बाग का
    बेचारी नारी अब जो हारी
    चारा बनकर रह गयी
    बचाओ बेटी-पढ़ाओ बेटी
    नारा बनके रह गयी
    हर रोज एक नयी खबर रेप की
    आयी होती हैं
    सिर्फ़ तारीख़ें बदलती हैं
    ना सज़ा मुजरिम को ना केस की
    सुनवायी होती हैं
    काल करे सो आज कर
    आज करे सो अब
    तारीख़ पर तारीख़ देगा
    फाँसी देगा कब
    पापी जुल्म देश से जुर्म
    साफ़ क्या करेगा
    जो क़ानून ही हैं अंधा
    वो इंसाफ़ क्या करेगा
    कहने को तो आज़ाद हैं हम
    पर आज़ादी अब भी बाक़ी हैं
    ऐसा मैं नहीं इस देश की
    बेटी बताती हैं
    दबके जीना डरके जीना
    आज़ादी किस काम की
    कहने को आज़ाद पर
    आज़ादी सिर्फ़ नाम की
    जहाँ नारी का सम्मान होगा
    ना जात-पात का नाम होगा
    उस दिन भारत देश
    आज़ाद-ऐ हिन्दुस्तान होगा ।
    LIKE | SHARE | SUBSCRIBE
    Thank You

КОМЕНТАРІ • 708