लंपट पंडितों की बकवास से इतर , कायस्थ का गोत्र सिर्फ चित्रगुप्त भगवान हैं । भगवान चित्रगुप्त स्वयं ब्रह्म स्वरूप से प्रकट हुए जो ब्रह्म स्वरूप के चित्त: ( हृदय ) में गुप्त रूप से वास करते थे । उनके प्राकट्य से ब्रह्मा भी अचंभित थे । ऐसे चित्रगुप्त जो देवताओं और सर्व मनुष्यों द्वारा पूजित हैं , उनकी संतति का गोत्र किसी ऋषि के नाम से कैसे हो सकता है ! अतः स्वीकार करें कि आज जितने भी चित्रांश हैं सभी का गोत्र चित्रगुप्त से ही होगा ।
जिस गुरु से शिक्षा दीक्षा ली जाती थी, गुरुमंत्र लिया जाता था, उसी गुरु परम्परा के नाम पर गोत्रों के नाम रखे गए। उदाहरण के लिए भारद्वाज ऋषि की शिष्यता में सभी वर्णों के लोग आए। तभी तो क्षत्रियों और ब्राह्मणों में एक ही गोत्र पाए जाते हैं। भारद्वाज ब्राह्मण भी हैँ और क्षत्रिय भी। गोत्र पितृत्व से नहीं, गुरु परम्परा से मिलता है। लोगों को सही ज्ञान दीजिए। अब वाल्मीकि ऋषि के शिष्य जो कायस्थ बने वे वाल्मीकि गोत्र के हुए। जबकि वाल्मीकि के पितृत्व से तो शूद्र वर्ण का आविर्भाव हुआ। वाल्मीकि गोत्र के कायस्थ वाल्मीकि की सन्तान नहीं थे। अन्यथा वाल्मीकि गोत्र के कायस्थ शूद्र होते जो सही नहीं है। कायस्थों में एक जाति नाम वाल्मीकि है जो वाल्मीकि ऋषि के शिष्य थे। लोग कायस्थों में वाल्मीकि सरनेम को देखते हुए यह समझ बैठते हैं कि यह जाति शूद्र है। पढ़े लिखे लोग भी गलतियां करते हैं। हरवंश राय बच्चन ने स्वयं को अनेक स्थानों पर नीच जाति का कहा है। वह अल्पज्ञानी थे। लोकप्रिय कवि होने का अर्थ यह नहीं है कि वह सर्वज्ञ थे। उनकी बुद्धि पर मुझे तरस आती है। दरअसल कायस्थ मूल रूप से ब्राह्मण हैं। रूढ़िगत विचारों से किनारा करने के कारण उन्हें ब्राह्मणत्व से च्युत किया गया।
Bhaguwan chitraguptji ji k ek ladke ne chitra kut m bhayankar tapasya ki thi tab usi beech ek balmeek nam ki Lata se vah dhak gaye they tapasya ke bad logon n unko balmeeki name dedi ok but kayasth sirf har jagah general caitagari m hai ok
यह कुछ नही जानते यह बाते ब्राह्मण ग्रन्थ के अनुसार कि है कोई पुरातत्व प्रमाण नही है इनको मनुस्मृति और व्यास स्मृति पढ़नी चाहिए कायस्थ को शूद्र लिखा है अपनी प्रसंशा स्वम् करते हो बड़े बड़ाई न करे बड़े न बोले बोल
कायस्थ किसी प्रकार से शूद्र नहीं है। यह बात जबरदस्ती कायस्थ बने लोगों पर लागू होती है जो किसी अन्य वर्ण के हैं समाज को बताने के लिए कायस्थ बन गए। कायस्थ विशुद्ध छत्रिय जाती है। 😅 विशुद्ध कायस्थ क्षत्रिय जाति के हैं जिन्हें उत्पन्न करने के लिए ब्रह्मा जी को 10000 साल तक तपस्या करनी पड़ी थी😅 कृपया मूर्ख जैसी बात करना बंद करें
लंपट ब्राह्मणों ने कुछ भी लिख दिया है कायस्थ की उदारता के कारण कई शूद्र वर्ण के व्यक्ति भी अपने को कायस्थ करने लगे हैं यदि कायस्थ शूद्र वर्ण है तो राजा कैसे हो सकता है😅 ऐसा लगता है आप अन्य किसी वर्ण के है😅
ज्ञानवर्धक, भगवान श्री चित्रगुप्त की जय हो।
ऊं यमाय धर्मराजाय श्री चित्रगुप्ताय वै नमः
अति सुन्दर जानकारी,🙏 आपको अनंत अनंत कोटि कोटि प्रणाम 🙏
गौ वैदिक सनातन धर्म आधारित वैदिक समाज की जय !
गोत्र, वर्ण, जाति से ऊपर उठें, हिंदू बनें ताकि म्लेच्छों से मुकाबला कर सकें
Mr attitue क्या बतायेंगे मनुस्मृति व व्यास स्मृति के किस खंड, किस श्लोक में कायस्थों को शूद्र बताया गया ? खाली जलन, वास्तविकता को तथ्यों से बताएं.
Kayastha hi hum Bhatnagar
ATI sunder jhangkare 🎉
Bahut sahi bola aapne baba jee❤❤❤❤❤❤❤
Still Eco Sound is There
Maharashtra ke ckp konse hee?
🙏🏻🙏🏻
Srivastava kashyap gotra
Sound eco ho raha hai
Taiyari kar ke baitha karo.
🙏🙏🙏🙏🙏
लंपट पंडितों की बकवास से इतर , कायस्थ का गोत्र सिर्फ चित्रगुप्त भगवान हैं । भगवान चित्रगुप्त स्वयं ब्रह्म स्वरूप से प्रकट हुए जो ब्रह्म स्वरूप के चित्त: ( हृदय ) में गुप्त रूप से वास करते थे । उनके प्राकट्य से ब्रह्मा भी अचंभित थे ।
ऐसे चित्रगुप्त जो देवताओं और सर्व मनुष्यों द्वारा पूजित हैं , उनकी संतति का गोत्र किसी ऋषि के नाम से कैसे हो सकता है ! अतः स्वीकार करें कि आज जितने भी चित्रांश हैं सभी का गोत्र चित्रगुप्त से ही होगा ।
जी
Right ❤🎉
We are out from varna system
never .
main karna kayastha hu, please explain about my history and gotra (kashyap)
उदय सहाय की पुस्तक कायस्थ एनसाइक्लोपीडिया पढ़ो युटुब पर भी सुन सकते हो
इन्हें कुछ नही पता दोस्त
@kamalomkashyap7943 janta hu, isliye to firki lene k liey prashn pucha he
Eco Sound is coming
कायस्थो का गोत्र highly selfish
हिप्पक्रेसी वाले।
खरे सरनेम कैसे पड़ा
Mera tau sandilya hain
Chitra gupta ji ka prabar bolia..agar chitragupta gotra hai to...
Chitragupt ko gotra manoge to saare sagotriya huye
जिस गुरु से शिक्षा दीक्षा ली जाती थी, गुरुमंत्र लिया जाता था, उसी गुरु परम्परा के नाम पर गोत्रों के नाम रखे गए। उदाहरण के लिए भारद्वाज ऋषि की शिष्यता में सभी वर्णों के लोग आए। तभी तो क्षत्रियों और ब्राह्मणों में एक ही गोत्र पाए जाते हैं। भारद्वाज ब्राह्मण भी हैँ और क्षत्रिय भी। गोत्र पितृत्व से नहीं, गुरु परम्परा से मिलता है। लोगों को सही ज्ञान दीजिए। अब वाल्मीकि ऋषि के शिष्य जो कायस्थ बने वे वाल्मीकि गोत्र के हुए। जबकि वाल्मीकि के पितृत्व से तो शूद्र वर्ण का आविर्भाव हुआ।
वाल्मीकि गोत्र के कायस्थ वाल्मीकि की सन्तान नहीं थे। अन्यथा वाल्मीकि गोत्र के कायस्थ शूद्र होते जो सही नहीं है। कायस्थों में एक जाति नाम वाल्मीकि है जो वाल्मीकि ऋषि के शिष्य थे। लोग कायस्थों में वाल्मीकि सरनेम को देखते हुए यह समझ बैठते हैं कि यह जाति शूद्र है।
पढ़े लिखे लोग भी गलतियां करते हैं। हरवंश राय बच्चन ने स्वयं को अनेक स्थानों पर नीच जाति का कहा है। वह अल्पज्ञानी थे। लोकप्रिय कवि होने का अर्थ यह नहीं है कि वह सर्वज्ञ थे। उनकी बुद्धि पर मुझे तरस आती है।
दरअसल कायस्थ मूल रूप से ब्राह्मण हैं। रूढ़िगत विचारों से किनारा करने के कारण उन्हें ब्राह्मणत्व से च्युत किया गया।
Bhaguwan chitraguptji ji k ek ladke ne chitra kut m bhayankar tapasya ki thi tab usi beech ek balmeek nam ki Lata se vah dhak gaye they tapasya ke bad logon n unko balmeeki name dedi ok but kayasth sirf har jagah general caitagari m hai ok
वर्ण व्यवस्था में कायस्थ किस वर्ण में आते हैं , क्षत्रिय या शूद्र अथवा अन्य कोई
देव वर्ण बलदाऊ जी ने बताया
Kayasth gaud brahman hai but kayasth khudko , na kshatriy na brahman nahi mante hai be only khud ko kayasth hi proud feel karte hai
shudr ka janeu nhi hota dost lekin kayastho ka janeu hota hai isliye shudr kabhi nhi
यह कुछ नही जानते यह बाते ब्राह्मण ग्रन्थ के अनुसार कि है कोई पुरातत्व प्रमाण नही है इनको मनुस्मृति और व्यास स्मृति पढ़नी चाहिए कायस्थ को शूद्र लिखा है अपनी प्रसंशा स्वम् करते हो बड़े बड़ाई न करे बड़े न बोले बोल
Tum ho dharam ke daroga...saale chutiye
कायस्थ किसी प्रकार से शूद्र नहीं है। यह बात जबरदस्ती कायस्थ बने लोगों पर लागू होती है जो किसी अन्य वर्ण के हैं समाज को बताने के लिए कायस्थ बन गए। कायस्थ विशुद्ध छत्रिय जाती है। 😅 विशुद्ध कायस्थ क्षत्रिय जाति के हैं जिन्हें उत्पन्न करने के लिए ब्रह्मा जी को 10000 साल तक तपस्या करनी पड़ी थी😅 कृपया मूर्ख जैसी बात करना बंद करें
लंपट ब्राह्मणों ने कुछ भी लिख दिया है कायस्थ की उदारता के कारण कई शूद्र वर्ण के व्यक्ति भी अपने को कायस्थ करने लगे हैं यदि कायस्थ शूद्र वर्ण है तो राजा कैसे हो सकता है😅 ऐसा लगता है आप अन्य किसी वर्ण के है😅
Inki janakari bahut kharab hai
Ban loday bihari
इन्हें कुछ नही पता 😂😂😂😂
Bkawash se jyda kuchh nhi hai.
🙏🙏
🙏🙏