Husn aisa ki fislati hain nigaahen sabki | Vishnu Virat | Onstage 2.0 | Poetistic

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  • Опубліковано 2 гру 2023
  • #shayari #status #love
    Prepare to be spellbound by the soul-stirring Shayari performance of the exceptionally talented Vishnu Virat at the "OnStage - A Shayari Event." 🎙️
    In this captivating video, Vishnu Virat takes the stage and weaves magic with his words, leaving the audience in awe. His eloquent expressions, heartfelt verses, and magnetic stage presence will transport you to a world of emotions and poetry.
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    Lyrics:
    तुम्हें अपनी निगाहों में बसा लूँ
    ज़रा सी देर को अपना बना लूँ
    तुम्हारी धड़कनें सुननी हैं मुझको
    कहो तो कान सीने से लगा लूँ
    ******
    किसी ने प्यार जताया जाता के छोड़ दिया
    हवा में मुझको उठाया उठा के छोड़ दिया
    किसे सिखा रहे हो इश्क़ तुम नए लड़के
    ये राग हमने मियाँ गा बजा के छोड़ दिया
    वो उठ के जा रही थी यार बीच महफ़िल से
    सो मैंने शेर भी आधा सुना के छोड़ दिया
    ******
    मोहब्बत में पड़ा है एक जोगी
    वो लड़की अप्सरा जैसी ही होगी
    बनें हम राम होगी रामलीला
    बताओ तुम वहाँ सीता बनोगी
    ******
    चाहत वाला जाल नज़र आता होगा
    पिछला वाला साल नज़र आता होगा
    अब तो बाल कमर तक आ पहुँचे होंगे
    अब वो और कमाल नज़र आता होगा
    ******
    क्या नहीं मेरी हथेली में समा सकता है
    जब तेरा हाथ मेरे हाथ में आ सकता है
    और तो ख़ैर नहीं बात किसी के बस की
    हाँ पिकासो तेरी तस्वीर बन सकता है
    ******
    कोई सवाल न करना फ़क़त समझ लेना
    समझ सको जो सही से तो ख़त समझ लेना
    जो गिर पड़े हैं कहीं जान ख़त के आख़िर में
    उन आँसुओं को मेरा दस्तख़त समझ लेना
    ******
    मैंने जब आधी रात में उसको जगा दिया
    उसने भी मुझको चूम के दीपक बुझा दिया
    वो क्या बने ये सोच के उलझन में थी किरन
    सूरज ने उसको आपकी साड़ी बना दिया
    ******
    उदास रंग के ख़्वाबों में चैन मिलता है
    मुझे तो अपने ही कपड़ों में चैन मिलता है
    अरे पता है मुझे मुँह से क्यों नहीं कहती
    तुझे भी दूसरी बाँहों में चैन मिलता है
    ये फूल शाख पे कितने उदास रहते हैं
    बस इनको आपके बालों में चैन मिलता है
    ******
    हमको सब दीवानों ने समझाया है
    जिस्म नहीं है यार मोहब्बत साया है
    वो इज़हार-ए-इश्क़ पे मुझसे कहती थी
    पागल है क्या गाँजा पी कर आया है
    हम तो दरिया हैं तूने उतना जाना
    तेरे घड़े में जितना पानी आया है
    ******
    किसी के हाथ से पहनी न शिव ने माला भी
    तुम्हारा रास्ता तकता है वो शिवाला भी
    उसे हुई भी मोहब्बत तो मुझसे बे-दिल से
    शरीफ़ लड़की थी इक साल उसको टाला भी
    मैं इश्क़ कर तो रहा हूँ ये दूसरा लेकिन
    गले में अटका है पहले का इक निवाला भी
    ******
    देख ले मुझको तो दीवार से सट जाती है
    वो परी शर्म की चादर से लिपट जाती है
    इश्क़ बिखरा तो जफ़ा अश्क ग़म-ओ-हिज्र बना
    धूप टूटे तो कई रंग में बट जाती है
    तीसरा आया मोहब्बत के गणित में जब भी
    दो की संख्या भी यहाँ तीन से कट जाती है
    हुस्न ऐसा कि फिसलती हैं निगाहें सबकी
    ऐसा रस्ता है कि हर कार पलट जाती है
    दोस्तों ने यही कह कह के पिलाई मुझको
    एक सिगरेट से कहाँ ज़िंदगी घट जाती है
    ******
    दर्द देंगे वो सिसकियाँ देंगे
    हम हैं काग़ज़ वो कैंचियाँ देंगे
    जुगनुओं ने शराब पी ली है
    अब ये सूरज को गालियाँ देंगे
    हाँ सुना है वो फूल जैसी है
    उसको तोहफ़े में तितलियाँ देंगे
    आप जो बैठने नहीं देते
    आप इक रोज़ कुर्सियाँ देंगे
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