यह कथा महाभारत में से है और वही पर फिट है जैसे कि दो क्वांरी दो विवाहता दो विधवा दो बांझ . जे आठों प्यारी लगे ज्यों ज्यों होवे सांझ. यह दो दो शब्द सिर्फ दो ही बहुऐं हैं जो एक तो बिचित्र बीर्य और दूसरी चित्रांगद की पत्नी यह दोनों भाई भीष्म पितामह के हैं दूसरी माँ सत्य वती के दोनों भाई काशी में जाकर मर गए वह दोनों बहुऐं विधवा हो गयीं भीष्म पितामह सिहांसन से बंधे हुए थे अब इन्ही दोनो बहुओं को ही देख रहे थे कि कब वेद व्यास आयेंगे और कब इन्हें आशीर्वाद मिलेगा तो उसी इंतजार में यह पहेली है वह सिर्फ दो ही हैं वह दोनों ही क्वांरी दो ही विवाहिता हैं वही दोनों ही विधवा हो गयी और वह दोनों ही बांझ रह गयी है अब संतान नहीं है इसलिए उन्ही को वेद व्यास जी के आशीर्वाद से प्राप्त करने के लिए लालायित हैं जय श्री कृष्ण राधे राधे
दो क्वारी सोनक्षी सिन्हा, कंगना रनौत, दो बयाहत् ऐश्वर्या राय, प्रियंका चोपरा, दो विधवा डिंपल कपडिया, नीतू सिंह, दो बांझ सायरा बानो, मीना कुमारी। ये आठो देवियाँ मुझे प्यारी लगे, जब जब आवे झान्ज।
जब सृष्टि रची ब्रह्मा ने,तासे पहले जन्म लिया सतयुग में भाई सयानी त्रेता जी बड़े जोर भाई द्वापर में भरपूर जवान ब्रह्मा विष्णु सारद नारद लटके जा के नारे में कलयुग में जब खबर पढ़ी तो खींच के ले गई तारे में
इसमें जो क्वारी कहीं है वह बालक और किशोर अवस्था होती है, दो ब्याहता का तात्पर्य आशा और तरशना से है क्योंकि यह मन की ये हमेशा मन के साथ रहती है पत्नी की तरह बुद्धापे मे भी आशा तरशना नहीं मरती इस लिए यह बुद्धापे मेंभी हमेशा ब्याहता के रूप मे अच्छी लगती है, और दो विधवा के रूप मे मन की दो पत्नियां लालसा और मंशा है जो अहंकार के मरजाने पर विधवा जैसे हो जाती है जो बुद्धापे मे प्रिय लगती है,
जीवन है जहर तो पीना ही पडेगा गरीब को सब सहना ही पडेगा || आपस में लडेंगे तो रिक्त स्थान बनना ही पडेगा | अमीर बनना है तो आपस में साथ देना ही पडेगा || अधिकार और मातृभूमि की रक्षा करनी है तो जान देनी ही पडेगी एक साथ आवाज देनी ही पडेगी || पढे लिखो मिल के कुछ ऐसा कानून बनाओ रे युगो-युगो किसान व गरीब को हक के लिए सडक पर आना ही ना पडे || हर विभाग के सरकारी प्रत्येक कर्मचारी को यह सोचना ही पडेगा || किसान व गरीब को निष्पक्ष सच्चा न्याय युगो-युगो मिलता रहे ऐसी कलम चलानी ही पडेगी || . जिसकी मेहनत का अन्न खुद जीने के लिए खाते हो उस अन्न की कसम खानी ही पडेगी || कानूनों को ऑंखो की पट्टी एक बार खोल के खुली आँखों से किसान व गरीब का रोता मन देखना ही पडेगा || कोई सुनो कोई सुनों कहते-कहते मर जाते है उनके सुखे आँसुओं की जाँच करनी ही पडेगी || फिर कभी महाभारत सा कुरूक्षेत्र ना सज्जे तो समय से पहले जागना ही पडेगा || कलयुग के कानूनों को खुली आँखो से भगवदगीता वैदो समान ज्ञान की सच्ची कलम चलानी पडेगी || कसम किसान के अन्न व दुःख यारे के दुःख की खाकर हर किसान व गरीब को कलयुग में सचा न्याय दिलाना ही पडेगा || जिन देश के भीतरी गदारो के कारण अन्नदाता के आँख का आँसू आँख में सुखा उनको फाँसी दिलानी ही पडेगी || जीसको सच्चा ज्ञान नहीं उसको भीष्मपिता व शिकंडी के युद्ध को याद करना ही पडेगा | जीसका जमीर जींदा है उसको दुःखी अन्नदाता को सड़क पर देखकर हर हथियार हाथों से गिराना ही पडेगा || जिस अन्न का रस आपके जिस्म की हर नस्स में चलता है उसका रंग व अन्नदाता के रक्त का रंग देखना ही पडेगा || यदि आपने पितामह भीष्म समान कठोर प्रतिज्ञा कर ली तो अपने ही भोजन का विनाश व खुद के दु:खों को बढ़ते देखना पडेगा || कोई ध्यान नहीं देगा तो लाचार किसान व गरीब का बर्बरी के समान सर कटते देखना ही पडेगा | कलयुग में बर्बरी के सिर की पुजा होती रहेगी वैसे ही अन्नदाता की लाशों पर अन्न खाना ही पडेगा || सीता को पाने के चक्कर में पुरा वंश जला भीतरी गदारों को बचाने से खुद के देश को जलता देखना ही पडेगा || समय रहते अन्नदाता का सारथी बन जाये प्रशासन तो जयदर्थ के समान भीतरी गदारो के सर कटते देखना पडेगा || कुंती ने कर्ण छिपाया न होता पाँडवो से तो युद्ध परिणाम अलग होता देश बिकने व समय बितने पर सब विदेश जाते देखना पडेगा || बहुत चलाई पट्टी बंद आँखो से झुठी कलम एक बार आँखो की पट्टी खोलकर सच्ची कलम चलानी पडेगी || किसी युग में किसान व गरीब को खुले में सोना ना पडे ऐसी शिक्षा नीति व पार्टी लानी पडेगी || रावण ने भीक्षा के बहाने सीता से लक्ष्मण रेखा लंगाई थी भीतरी गदारों ने वोट माँग के अंहकारी की हधे लांग दी अब तो आवाज उठानी पडेगी || रावण ने खुद सीता को परेशान किया औरों का सहारा तो नहीं लिया अंहकारीयों ने तो प्रशासन का सहारा लिया इस पुलिस प्रशासन के अधिकारों को कम करना ही पडेगा || ओमप्रकाश मीणा के विचारों का कुछ मुल्य हो तो सब साथ देकर एक ऐतिहासिक फिल्म ऐसी बनाना जिस पर हर इंसानियत वाले को अमल करना ही पडेगा || पुराने कानून की एक प्रति स्कूलों में वितरीत करना चाहिए और उस पर वोट लिया जाए एक वर्ष बाद और अब 19/11/2021 के बाद जो नये कानुन व बजट बनाए अनकी एक प्रति स्कूलो में वितरीत करनी चाहिए व एक वर्ष बाद उस नए कानून पर वोट लिया जाए कि कानून को लागू किया जाए या नहीं व कानुन सही है या नहीं इसके लिए | B.com. M.com. B.ed. M.ed. +918107306542..
भाई जी! जिस दुनिया की आप कल्पना कर रहे हैं यथार्थ में संभव नहीं है। भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण के समय भी असमानता थी लेकिन लोग संतोषी थे। आवश्यकता सीमित रखते थे। कभी समय मिले तो शांत चित्त होकर प्रकृति की व्यवस्था पर चिंतन करना। साधन सीमित और अपेक्षाएं अपरिमित। एक पर फोकस करेंगे तो दूसरा छूट जाएगा। मैं किसान विरोध की बात नहीं कर रहा हूँ। मान लीजिए अनाज के दाम दुगुना कर दिया जाय तो क्या होगा?? हर किसान अपनी जरूरत की हर फसल तो उगाता नहीं। अपना महंगा बेचेगा तो दूसरे किसान से महंगा ही खरीदना पड़ेगा। इसी प्रकार अन्य वस्तुओं पर लागू होगा।
सूरज धीरे धीरे निकलता है और दुनिया को प्रकाशित करता है उसी तरह जो बेक्ति सब्र के साथ आगे बढ़ता है वो ही एक दिन इतिहास रचता है by chandradev prajapati Inspire Story 🙏
Mahoday ji Aapka gyaan or aapke vaani Dono hi man ko man ko moh leti hai or man ko Bahut sukun miltaa hai jab bhi man udaas hotaa hai to gopesh gyaan sun lete hai Man halkaa ho jaataa hai 🌹🌹🙏🙏🌹🌹Aapko Bahut Bahut sadhu vaad 🌹🌹🙏🙏🌹🌹 j 🌹🌹🌷🌷jai shree radhe Krishna 🌹🌹🌷🌷
स्वामी जी ने बहुत सुंदर तरीके से सब कुछ समझा दिया लेकिन क्रोध- लोभ- मोह- मद किसी तरह किन्ही भी परिस्थिति में कन्ट्रोल हो जाता है लेकिन यह काम तो बचपन से लेकर बुढ़ापे तक बहुत परेशान करता है, धन्य है वे लोग जिन्होंने कन्ट्रोल किया होगा, यकीन नहीं होता, किसी ना किसी तरह विकार हो ही जाता है, बार-2 हाथ जोड़ने पर भी मरते दम तक परेशान करता है, देवी- देवता भी अपने को नहीं बचा पाये , भगवान ही रक्षक हैं। 🙏🙏🙏
Bahut Achha jankari di gayi hai dhanyawad
aapane bahut achha likha h sajhaya bhi bahut achha h sansar ka sar yahi h kyo ki jivan me manusya inhi parsthiyo se gujarata h
अति सुंदर आपकी प्रस्तुति, बहुत सटीक विश्लेषण है, वाणी की,मधुरता, चार चांद, लगाती हैं,
बहुत सुंदर
×
रहिमन जग में दो बड़े इक पैसा इक राम रामनाम से मुक्ति मिले पैसे से हर काम हर संध्या हर शाम
फट गयो ट्यूब बिखर गयो मांड तीन भए रडुआ एक भई राड।
यह कथा महाभारत में से है और वही पर फिट है जैसे कि दो क्वांरी दो विवाहता दो विधवा दो बांझ .
जे आठों प्यारी लगे ज्यों ज्यों होवे सांझ.
यह दो दो शब्द सिर्फ दो ही बहुऐं हैं जो एक तो बिचित्र बीर्य और दूसरी चित्रांगद की पत्नी यह दोनों भाई भीष्म पितामह के हैं दूसरी माँ सत्य वती के दोनों भाई काशी में जाकर मर गए वह दोनों बहुऐं विधवा हो गयीं भीष्म पितामह सिहांसन से बंधे हुए थे अब इन्ही दोनो बहुओं को ही देख रहे थे कि कब वेद व्यास आयेंगे और कब इन्हें आशीर्वाद मिलेगा तो उसी इंतजार में यह पहेली है वह सिर्फ दो ही हैं वह दोनों ही क्वांरी दो ही विवाहिता हैं वही दोनों ही विधवा हो गयी और वह दोनों ही बांझ रह गयी है अब संतान नहीं है इसलिए उन्ही को वेद व्यास जी के आशीर्वाद से प्राप्त करने के लिए लालायित हैं जय श्री कृष्ण राधे राधे
बहुत सुंदर जवाब आपका सही में ये पुराण की पहली है
यही पहेली का सार्थक अर्थ है ।
यही सत्य है भाई
👌
Very good sahab ji
दो क्वारी दो ब्याहता !
दो विधवा .दो बांझ
ये आठौ प्यारी लगें.
जब जब होवे सांझ
माया व त्रस्णा
😅😅😅
jo jassa soachatta hi wassa hotta nahi Greasaeat asaeram maa pm om santi ka soach❤
पहेली शिक्षा प्रद लगी धन्यवाद
Bahut bahut dhanyawad ji nice Paheli
Bahut hi bahut ACHHI BAAT samajate, ekdam Sarika BAAT , dhanyavad
बहुत सही जानकारी दी गई है
आपके अनमोल वचनों की अनमोदना करता हूँ
दो क्वारी सोनक्षी सिन्हा, कंगना रनौत, दो बयाहत् ऐश्वर्या राय, प्रियंका चोपरा, दो विधवा डिंपल कपडिया, नीतू सिंह, दो बांझ सायरा बानो, मीना कुमारी। ये आठो देवियाँ मुझे प्यारी लगे, जब जब आवे झान्ज।
😂😂😂😂😂
Waah
भाई जी आपको बहुत ही बहुत आठो मुबारक हो आपकी मनोकामना पूरी हो हमारी दुआ आपके साथ है।🌹🌷🥀🌻🌷🙏👌👍💪😄😁🤣
😝 😜
Bhai aap tho bohat gyani ho 😃😃😃
अति सराहनीय
चार पावँ पर चलते हैं दो पुरुष एक नार सहन्सर जिनके नेत्र हैं गुरु जन करो विचार
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शिव जी व पार्वतीजी व शिव जी के गले में नाग सहीत नन्दी पर सवार थे ।
दो पुरूष =शिव जी व नाग
एक नार= पार्वती देवी
चार पांव=नन्दी
आप का उत्तर सही लगता है भैया जी शंकर पार्वती व नाग@@opjoshi5153
रामसेवक पाल उत्तरसही है
अति सुंदर संदेश सुंदर है
बहुत अच्छा
Vidio,,very,very,good,,jai,,siri,,krishan
जब सृष्टि रची ब्रह्मा ने,तासे पहले जन्म लिया सतयुग में भाई सयानी त्रेता जी बड़े जोर भाई द्वापर में भरपूर जवान ब्रह्मा विष्णु सारद नारद लटके जा के नारे में कलयुग में जब खबर पढ़ी तो खींच के ले गई तारे में
Iadai
घर बैठे इतना ज्ञान देने के लिए बहुत बहुत धन्यावाद
Sahi kaha
Bhut achchi bat sunie
Bahut sunder
बहुत ही सराहनीय
धनियां कहेपियाजसे लेहसुन बात हमार सोवा मेथी पालकी गाजर करम हमार
कभी यथार्थ ज्ञान आपने दिया बहुत बहुत धन्यवाद
अंगम् गलितं पलितं मुंडं,
Bahut bhala story dhanya bada saheb
जय श्री राधे
महराज जी आपने तो हृदय
को पिघला ही दिया अति सुन्दर जबाब दिया है
बहुत सुंदर शिक्षा प्रद।
अति सुन्दर व्याख्या
Excellent aap ne jeevan ka poora sach ek paheli me explain kar diya
V, nice Gyan
Bilkul sahi hai
जय हो अति सुंदर
बहुत अच्छा😄😄😄😄😄😄
Jai shree Ram 🙏🙏
Bahut sahi bhaiya
इसमें जो क्वारी कहीं है वह बालक और किशोर अवस्था होती है, दो ब्याहता का तात्पर्य आशा और तरशना से है क्योंकि यह मन की ये हमेशा मन के साथ रहती है पत्नी की तरह बुद्धापे मे भी आशा तरशना नहीं मरती इस लिए यह बुद्धापे मेंभी हमेशा ब्याहता के रूप मे अच्छी लगती है, और दो विधवा के रूप मे मन की दो पत्नियां लालसा और मंशा है जो अहंकार के मरजाने पर विधवा जैसे हो जाती है जो बुद्धापे मे प्रिय लगती है,
Ati uttam
Har har mhadev
Jai shri shyam
बहुत सुंदर हार्दिक शुभकामनाएं
जीवन है जहर तो पीना ही पडेगा गरीब को सब सहना ही पडेगा ||
आपस में लडेंगे तो रिक्त स्थान बनना ही पडेगा |
अमीर बनना है तो आपस में साथ देना ही पडेगा ||
अधिकार और मातृभूमि की रक्षा करनी है तो जान देनी ही पडेगी एक साथ आवाज देनी ही पडेगी ||
पढे लिखो मिल के कुछ ऐसा कानून बनाओ रे युगो-युगो किसान व गरीब को हक के लिए सडक पर आना ही ना पडे ||
हर विभाग के सरकारी प्रत्येक कर्मचारी को यह सोचना ही पडेगा ||
किसान व गरीब को निष्पक्ष सच्चा न्याय युगो-युगो मिलता रहे ऐसी कलम चलानी ही पडेगी || .
जिसकी मेहनत का अन्न खुद जीने के लिए खाते हो उस अन्न की कसम खानी ही पडेगी ||
कानूनों को ऑंखो की पट्टी एक बार खोल के खुली आँखों से किसान व गरीब का रोता मन देखना ही पडेगा ||
कोई सुनो कोई सुनों कहते-कहते मर जाते है उनके सुखे आँसुओं की जाँच करनी ही पडेगी ||
फिर कभी महाभारत सा कुरूक्षेत्र ना सज्जे तो समय से पहले जागना ही पडेगा ||
कलयुग के कानूनों को खुली आँखो से भगवदगीता वैदो समान ज्ञान की सच्ची कलम चलानी पडेगी ||
कसम किसान के अन्न व दुःख यारे के दुःख की खाकर हर किसान व गरीब को कलयुग में सचा न्याय दिलाना ही पडेगा ||
जिन देश के भीतरी गदारो के कारण अन्नदाता के आँख का आँसू आँख में सुखा उनको फाँसी दिलानी ही पडेगी ||
जीसको सच्चा ज्ञान नहीं उसको भीष्मपिता व शिकंडी के युद्ध को याद करना ही पडेगा |
जीसका जमीर जींदा है उसको दुःखी अन्नदाता को सड़क पर देखकर हर हथियार हाथों से गिराना ही पडेगा ||
जिस अन्न का रस आपके जिस्म की हर नस्स में चलता है उसका रंग व अन्नदाता के रक्त का रंग देखना ही पडेगा ||
यदि आपने पितामह भीष्म समान कठोर प्रतिज्ञा कर ली तो अपने ही भोजन का विनाश व खुद के दु:खों को बढ़ते देखना पडेगा ||
कोई ध्यान नहीं देगा तो लाचार किसान व गरीब का बर्बरी के समान सर कटते देखना ही पडेगा |
कलयुग में बर्बरी के सिर की पुजा होती रहेगी वैसे ही अन्नदाता की लाशों पर अन्न खाना ही पडेगा ||
सीता को पाने के चक्कर में पुरा वंश जला भीतरी गदारों को बचाने से खुद के देश को जलता देखना ही पडेगा ||
समय रहते अन्नदाता का सारथी बन जाये प्रशासन तो जयदर्थ के समान भीतरी गदारो के सर कटते देखना पडेगा ||
कुंती ने कर्ण छिपाया न होता पाँडवो से तो युद्ध परिणाम अलग होता देश बिकने व समय बितने पर सब विदेश जाते देखना पडेगा ||
बहुत चलाई पट्टी बंद आँखो से झुठी कलम एक बार आँखो की पट्टी खोलकर सच्ची कलम चलानी पडेगी ||
किसी युग में किसान व गरीब को खुले में सोना ना पडे ऐसी शिक्षा नीति व पार्टी लानी पडेगी ||
रावण ने भीक्षा के बहाने सीता से लक्ष्मण रेखा लंगाई थी भीतरी गदारों ने वोट माँग के अंहकारी की हधे लांग दी अब तो आवाज उठानी पडेगी ||
रावण ने खुद सीता को परेशान किया औरों का सहारा तो नहीं लिया अंहकारीयों ने तो प्रशासन का सहारा लिया इस पुलिस प्रशासन के अधिकारों को कम करना ही पडेगा ||
ओमप्रकाश मीणा के विचारों का कुछ मुल्य हो तो सब साथ देकर एक ऐतिहासिक फिल्म ऐसी बनाना जिस पर हर इंसानियत वाले को अमल करना ही पडेगा ||
पुराने कानून की एक प्रति स्कूलों में वितरीत करना चाहिए और उस पर वोट लिया जाए एक वर्ष बाद और अब 19/11/2021 के बाद जो नये कानुन व बजट बनाए अनकी एक प्रति स्कूलो में वितरीत करनी चाहिए व एक वर्ष बाद उस नए कानून पर वोट लिया जाए कि कानून को लागू किया जाए या नहीं व कानुन सही है या नहीं इसके लिए | B.com. M.com. B.ed. M.ed. +918107306542..
भाई जी! जिस दुनिया की आप कल्पना कर रहे हैं यथार्थ में संभव नहीं है। भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण के समय भी असमानता थी लेकिन लोग संतोषी थे। आवश्यकता सीमित रखते थे।
कभी समय मिले तो शांत चित्त होकर प्रकृति की व्यवस्था पर चिंतन करना। साधन सीमित और अपेक्षाएं अपरिमित। एक पर फोकस करेंगे तो दूसरा छूट जाएगा।
मैं किसान विरोध की बात नहीं कर रहा हूँ। मान लीजिए अनाज के दाम दुगुना कर दिया जाय तो क्या होगा??
हर किसान अपनी जरूरत की हर फसल तो उगाता नहीं। अपना महंगा बेचेगा तो दूसरे किसान से महंगा ही खरीदना पड़ेगा।
इसी प्रकार अन्य वस्तुओं पर लागू होगा।
गज़ब पहेली
हरहरमहादेव
बहुत अच्छी वीडियो लगी और बिल्कुल सही कहा पूरी सुने सुनकर अच्छी लगी 💯👍🏻
Right baat
सुन्दर है
बहुत ही अच्छी तरह से समझाया और अच्छा लगा बहुत बहुत साधुवाद
Kay bat hai
दंडवत प्रभु
Ja Shri. Krashna.
सूरज धीरे धीरे निकलता है और दुनिया को प्रकाशित करता है उसी तरह जो बेक्ति सब्र के साथ आगे बढ़ता है वो ही एक दिन इतिहास रचता है by chandradev prajapati Inspire Story 🙏
बहुत ही सुंदर समझ आपने बाटी।
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। 🙏
आठों याम है।
जय श्री कृष्ण।
बहुत सुंदर पहेली
ATI Sundar
ये सब नेट के मीठे फल , बात बहुत ही सांच ! ! ,,, नया साल मुबारक हो ! ! !
Very nice video paheli
Radhe krishna
Wah kya baat kahi apane
Mai to apaka fain ho gaya
बहुत ही सुंदर 🙏🙏 जय श्री राम ♥️🕉️🕉️🎉🙏🙏 भैया जी 🌼💐♥️🕉️🕉️🕉️🎉🎉🙏🙏
Very good bhai
मनघड़ंत कहानी बना दी।
Bahut Khoob Guru ji kya baat kya baat kya baat
ਸਮਝ ਦਾਰ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਦੁਨੀਆਂ ਵਿੱਚ ਇਸ ਵਖਿਆਨ ਦਾ ਕੋਈ ਮਤਲਬ ਨਹੀਂ
Mahoday ji Aapka gyaan or aapke vaani Dono hi man ko man ko moh leti hai or man ko Bahut sukun miltaa hai jab bhi man udaas hotaa hai to gopesh gyaan sun lete hai
Man halkaa ho jaataa hai
🌹🌹🙏🙏🌹🌹Aapko Bahut Bahut sadhu vaad 🌹🌹🙏🙏🌹🌹 j
🌹🌹🌷🌷jai shree radhe Krishna 🌹🌹🌷🌷
Dhanywad apke support hi mujhe aur achchi batane ke liye prerit karta hai 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Aap ko bhut bhut dhanyvad bhut Sundar kath sunaye jo srahneey hai
Radhe Radhe
Bahut sundar guru ji
सत्य बात है।
अंगं गलितं पलितं मुण्ढं , दशन विहीनं जाते तुंडं
बृद्धो याति गृहीत्वा दंडं तदपि न मुंचत्याशापिंडम्।
भज गोविंदं भज गोविदं भज गोविदं मूढमते
प्राप्ते सन्निहिते मरणे नहि नहि रक्षति डुक्रन्करणे।
नमो नमो
Bhut hi jabardast h aapki pheli
स्वामी जी ने बहुत सुंदर तरीके से सब कुछ समझा दिया लेकिन क्रोध- लोभ- मोह- मद किसी तरह किन्ही भी परिस्थिति में कन्ट्रोल हो जाता है लेकिन यह काम तो बचपन से लेकर बुढ़ापे तक बहुत परेशान करता है, धन्य है वे लोग जिन्होंने कन्ट्रोल किया होगा, यकीन नहीं होता, किसी ना किसी तरह विकार हो ही जाता है, बार-2 हाथ जोड़ने पर भी मरते दम तक परेशान करता है, देवी- देवता भी अपने को नहीं बचा पाये , भगवान ही रक्षक हैं। 🙏🙏🙏
Kisi se kuchh control nhi hota. Aise hi sb faltu bolte hain.
😀😀😀
Very Good 🙏🙏
दो बालक निरजीव है, जीव नहीं उनकें , माता उनकी बाझिन हैं पिता नहीं उनके॥ अरथ
स्पष्ट करने की किरपा करें
अर्थ क्या है मुझे जानना है
पहली बात तो यह फहली आप ने अधुरी लिखी है आप कहो तो फहली पूरी लिखें और उसका अर्थ भी बतावै
साँच्चै।बात
आपकी अकाट्य सत्य और समझाने की अत्यंत सरल तरीका लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती है,
निशब्द होकर सिर्फ 👉🙏👈यही कहता है।
Dhanywad apka hirday se 🙏
Sh tw
Raj kapoor , restaurant kaise chal raha hai ?
@@AmrikSingh-co3yr बंद हो गया बुलडोजर से तुड़वा दिया
Bhut badiya ji....
Jay Shri Ram Jay Jay Siyaram Jay Shri Sitaram Jay Shri Hanuman
घर बैठे ज्ञान देने के लिए आपको कोटि कोटि प्रणाम
🙏🙏🙏🙏🙏
मेरे चैनल को सब्सक्राइब करें भैया जी
Very nice ji bhut achi gyanvardhak video aap ki age kya h ji kya aap bujurg h ji
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जयगुरुदेव वंदनीय गुरु माता जी जय माँ गायत्री माता जी के चरणों में कोटि कोटि नमन् वंदन्
Charpai hai
V nice
जीवन से संबंधित आपके विचार बहुत ही सारगर्भित है परंतु इस पहेली से उसका कोई संबंध समझ नहीं आ रहा
Bahut badiya shabd
Dhanyvad
New Subscriber
अटल सत्य है जी
आपने,जो,पहेली,का,अर्थ,बताया,है,वह,बहुत,ही,मार्मिक,तरीके,से,बताया,है।ईसमे,सभी,गुड़रहस्य,समाया,हुआ, है।जय,साहेब,की
In
Best meter sir...
Jay..shree...ram
आपका बहुत बहुत हार्दिक धन्यवाद जी ओम शान्ति जी शुभ दोपहर जी
बहुत सुंदर
Jay ho
Bahut.achhi.aap.ne.anubhaw.karwaya..comment.me.likhene.walo.ne.kuch.sahi.likha.hai.auor.kuch.galt...radhe.radhe
Bahut sundar
Shat shat naman 👏👏👏👏
Jai shree Ram
Right Vachan guruji 🙏🙏
Figment
Kaushambi up
Ati sundr bhai
Jai ho
Bahut-achcha-samzha-gaye-ho
गुरूजो पृणाम
Good paheli
आजकल तो ऐसा होता ही रहता है जी😂🤣🤣