🙏"ध्यान कैसे करें"🙏 29 मई🌹 1976🌹मुम्बई*🌹

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  • Опубліковано 17 жов 2024
  • 🙏 परम पूज्य श्री माताजी की दिव्य वाणी🙏
    *सहजयोग में पहले किस प्रकार की समाधि लगती है, तादात्म्य के बाद आदमी को सानिध्य हो सकता है और उसके बाद सालोक्य हो सकता है लेकिन तादात्म्य को प्राप्त करते ही मनुष्य का Interest ही बदल जाता है, तादात्म्य को पाते ही मनुष्य की अनुभूति के कारण वो सालोक्य और सानिध्य की ओर उतरना नहीं चाहता, माने कि ये जब आपके हाथों से चैतन्य की लहरियां बहने लग गई और जब आपको दूसरों की कुण्डलिनी समझने लग गई और जब आप दूसरों की कुण्डलिनी को उठा सकते हैं तब उसका चित्त इसी ओर जाता है कि दूसरे की कुण्डलिनी देखें और अपनी कुण्डलिनी को समझें, अपने चक्रों के प्रति जागरूक रहें और दूसरों के चक्रों को भी समझता रहे, आकाश में भी ग़र आप "निरभ्र आकाश" की ओर देखें या बादल हों तब भी देखें, आपको दिखाई देगा कि "अनेक तरह की कुण्डलिनी आपको दिखाई दें" क्योंकि अब आपका चित्त कुण्डलिनी पे गया है, आपको कुण्डलिनी के बारे में जो कुछ भी जानना है, जो कुछ भी देखना है, जो कुछ भी सामीप्य है, वो जान पड़ेगा, कुण्डलिनी के बारे में interest जो है वो बढ़ जाता है, बाकी के interest अपने आप ही लुप्त हो जाते हैं।
    🌟सवेरे उठकर के सहजयोगी को चाहिए कि वो ध्यान करें, ये आदत लगाने की बात है, सवेरे के टाइम में एक तरह से ग्रहण करने की क्षमता ज्यादा होती है मनुष्य में।
    🌟"सवेरे उठकर के ध्यान कैसे करें।"🌟
    🌟पहले नतमस्तक होके अपने को अपने हृदय में नत करें, "पहली चीज है नत करना", "Humble down yourself," किसी ने ये सोच लिया कि "मैंने बहुत पा लिया या मैं बहुत बड़ा संत महात्मा हूँ तो समझ लीजिये वो गया, सहजयोग से गया", अत्यंत नम्रतापूर्वक अपने हृदय की ओर ध्यान करके नतमस्तक होके फोटो के सामने दोनों हाथ करके शांतिपूर्वक आज्ञा लेकर बैठें, बात बात में क्षमा मांगनी पड़ती है, सो उस वक्त भी क्षमा मांग करके कि हमसे अगर कोई गलती हो गई हो, "उसे माफी करके ध्यान में आज हमें उतारिये", इस तरह की प्रार्थना करके जिन्होंने से हमने वैर किया है, सबको माफ कर देते हैं और हमने किसी से वैर किया है तो तुम हमें माफ कर दो, अत्यंत पवित्र भावना मन में ला करके और आप ध्यान में जायें, आंख बंद करके और थोड़ी देर ध्यान करें।🌟
    🙏"ध्यान कैसे करें"🙏 29 मई🌹 1976🌹मुम्बई*🌹

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