I have heard a lot about You( Hukum Singh Meena) sir...When u was DM of Jehanabad,the city still remember you always for your developmental works especially my dad talks so much about you... Today,i listened your experiences and it is just incredible.
स्वतंत्र भारत का एक लक्ष्य था जमीदारी प्रथा का उन्मूलन और समाजवादी राज्य की ओर बढ़ते संसाधनों का समान वितरण । इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए भारत मे भूमि सुधार लागू किया गया । इस कानून में नीति निदेशक तत्व में अभिकल्पित संसाधनों के समान वितरण को अमलीजामा पहनाया जा रहा था इसी रूप में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के सम्मुख प्रश्न आया कि क्या नीति निदेशक तत्व मौलिक अधिकार पर प्रभावी हैं। यह वह काल था जब सरकार के अंगों विधायिका और न्यायपालिका के मध्य टकराव की स्थिति चरम पर थी । इसी परिपेक्ष्य में संसद द्वारा सम्पति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटा कर 44th संसोधन द्वारा 300A में संवैधानिक दर्जा दिया गया और फिर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस बात को मान लिया था कि आप संविधान में कहीं भी संसोधन करें बशर्ते मूलभूत ढांचा प्रभावित न हो । इसके पश्चात कार्यपालिका के पास भूमि अधिग्रहण की अप्रत्याशित शक्ति आ गयी और प्रारम्भ में लोककल्याण हेतु स्थापित धारणा अब निर्धन गरीब कमजोर वर्गों के हितों का उल्लंघन करने लगी । इस तरह सरकार का स्वरूप पूंजीवाद की ओर पक्ष लेने लगा था । कुछ समय पश्चात1894 भूमि अधिग्रहण कानून में संसोधन कर इसे प्रभावित पक्ष के हितोनुकूल बनाया गया और आज भूमि अधिग्रहण करना ही चुनौती का सबक बन चुका है । अब बात विद्या देवी के केस की जिसमे आज फैसला आया । माननीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि आप विधि सम्मत और प्रभावित पक्ष के हितों को ध्यान में रखते हुए ही अधिग्रहण करें ।
मोफलर वाले सर जी का नॉलेज अल्टीमेट है। उन्हें judiciary की तगड़ी नॉलेज है। सैल्यूट है सर। जितना बोले आप उतना समझने के लिए कई दिनों पढ़ना पड़ता है law student को।
उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण ना हो ये सही प्रावधान है। अनुपजाऊ भूमि देश में अधिक है उन्हें ही अधिग्रहण में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। और सामाजिक आर्थिक पर्यावरणीय मुद्दों को भी ध्यान में रखा जाय।
सर सभी को एक जैसा मुआवजा देना आपकी नजर में ठीक है मान लीजिए किसी कि भूमि उपजाऊ मिट्टी धान जैसी फसल होती है सब्जियां होती है कहने का मतलब डब्लप है ,, और एक जमीन अन डब्लप है ये सभी बात हमें किलियर कीजिए ,,
हमें सरकार से निवेदन है कि भूमिहीन आदमियों को जमींदार आदमियों से जमीन खरीद कर दी जाए तभी घर से हटाए भूमिहीन को. मदद करें. हम लोग की कितने दिक्कत किस से हम लोग थोड़ी सी जमीन ली थी मोहन से और घर बनाए हम लोगों के पास रहने के लिए अलग कुछ भी नहीं है क्या हमें भी हटा देगी
मै, आदरणीय हुकुम वीर मीणा साहब के सामने एक भूअर्जन raipur-bilaspur हाईवे के संबंध में जैसा आपने कहा सभी जानकारी नेट में डाली जाती है वैसा कुछ भी नहीं किया गया है,आज दस साल हो गए भुअर्जन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई है,और किसानों, भूस्वामियों को मुवावजा भी नहीं दिया गया है,और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी द्वारा घुमाया का रहा है
Tahnku sir ji..Right to property was a fundamental right.but 44 th amendment removed it as a fundamental right and put it as a legal right under Article 300 A.
भूमि अधिग्रहण में अभी भी किसी प्रकार से पारदर्शिता नहीं है भूअर्जन अधिकारी पूरी तरीके से सरकार के दबाव में काम करता है और दवा पति को पूरी तरीके से दरकिनार करते हुए लोगों से जमीन को छीनता है ग्रामीण इलाकों में इसका बहुत ज्यादा दुरुपयोग होता है
वर्तमान में भी जमीन मालिक से डंडे के दम पर जमीन ली जा रही है किसी के लिए कोई नियम नहीं किसी के लिए नियमों की झड़ी लगाई जा रही है गरीबों से उनकी जमीन छीन कर धनाढ्यों को देने की साज़िश मात्र है विकास के लिए जमीन आवश्यक है जानते हैं हम, लेकिन जमीन अधिग्रहण में नियमों के पालन करवाने वाले, अपने को चढ़ाएं जाने वाले चढ़ावे के अनुसार उसको(नियमों) प्रभावित /परिभाषित कर रहे हैं आखिर क्यों??????????
At present the thousand of acres land are lying vacant with SEZ with private players.The purpose for which land has been acquired without rehabilitating the affected is rampant and wide.There are many regions where land has been acqired without social impact assessment and Economi impact assessment.🇮🇳🇮🇳🇮🇳
भू संपादन के ५/१० वर्ष के बाद भी अगर इस संपादीत भूमी क्षेत्र घोषित उदिष्ट के लिये इस्तेमाल नहीं की गयी तो इस स्थिती में किसानोको उनकी सरकारव्दारा संपादीत वह जमीन किस कानुन के अंतर्गत और किस प्रक्रिया व्दारा वापस करना संभव है ?
सर जिनकी जमीन सरकारी है और वह 60 वर्ष से जोत बो रहा है और पटवारी उस जमीन से बीना कोई नोटिस दिए बिना सुचना दिए रोड़ बनवा देता है तो क्या उसको मुआबजा मिलेगा की नहीं उसके लिए क्या नियम है
सर आपसे निवेदन है अभी जमीन बहुत महंगा जो भूमिहीन हैं से जमीन नहीं खरीदी जा सकती क्या उसके लिए आप लोग कोई मदद नहीं कर सकती क्या इस धरती पर गरीब रहना बुराई
श्री मान महोदय मै जानना चाहता हूं कि 1970 से 1985 के बीच एक जमीदार भूमिहीन हो गया और फिर पट्टा दे दिया गया वो भी ग्रामीण क्षेत्रों में क्यो कि हमारे पूर्वजों के साथ ऐसा हुआ और हम भूग्तभोगी क्या इसमें कुछ कानूनी कार्रवाई हो सकती है?
Hi sir namasthe. Recently NHAI to my agricultural land and trees and bore this three assets to compensation original amount to sollacium amount double amount given sir?
Beauty Kumari muawja govt har bar deti hai, phir ye chutiye paise milne ke baad protest karne lagte hai aur govt se aur paisa maangte hai, aur ye drama chalta rehta hai.. baat pata nahi hai toh faltu ki bakwas mat karo.. sarkar har baar market ke daam par zameen ka muawja deti hai.. ye gareeb gareeb ke naam par bahut chutiye loot lete hai sarkar se
Beauty Kumari aur bahut saare log sarkari zameen par kabja kar ke baith jaate hai, phir kuch bolo toh “hum toh gareeb hai” karke rone lagte hai matlab gareeb toh rape, murder, chori sab kuch jayiz hai 😂
सर हमारी भूमि को1983 में 8 बीगा जमीन को अधिग्रहण की थी। जिसका 10% भुगतान अभी तक नहीं हुआ तथा I इसके साथ लगी हुई सरकारी जमीन पर उसी समय से पहले से हमारे बाड़े बने हुए थे और मकान बने हुए हैं। क्या हमारे मकान हमारे नाम हो सकते हैं। नियमन हो सकते हैं?
Mri Jameen nahar bargi me ja rhi hai lekin Muje koi suchana nhi mili aur hum arjan adhikari ko abadan Kiya lekin koi Sungai nhi ho rhi hai Kaya kre hme Buchanan de please
Sir meri jamin 15 saal phele hi adhigrahan ki gayi h magar aab jaakr pata chala ki woh jamin mere naam par hai hi nahi kuki patwari ki galti ke karan... Toh aab m kia karu
Hi! I have a question. What happens in the cases where there was litigation since 1986 but award was declared just 15 days before the new act was implemented I.e 14th dec 2013 and land was acquired after the law was passed. The award was declared according to the old law and the landowner were neither present at the time compensation was declared nor they collected it. Hope I get help!
Jai Hind sir, sir mere village me bhi kuchh aise hi ONGC acquired kr Liya hai . Per jis Kisan ka Jamin unke under aaiya h unko behla fusla kr kuchh muwaje me 25 years ke liye agreement kr Liya but usi Jamin se ghar pariwar dependent h per ab unki ghar pariwar kaise chalega rojgar kaha se milega kyu ab to ye Kisan ONGC ke project se to 25 years ke liye to effected ho gaya h plz kuchh bataye kyuki mera village ki condition bahut hi kharab ho gai h like roads Air, water quality ..
compensation shi diya jayey to koi zameen deney ka virodh nhi krega..kisi sey kurbani li ja rhi hai to usey uski bharpoor kimat milni hi chahiyey kyunki kisi ka chhin kr doosrey tarkki krey orr wo bechara bhtkey essa kabhee nhi hona chahiyey..essa develpoment kisi kaam ka nhi..socho kisi ka ghar wo rehta sochta hai ki meri zindgi yanhi kategi orr sudden usey kaha jata hai yey zameen do to usey kesa lgta hoga?? islyey koi agar magar nhi usey immandari sey muawza diya jayey jo nyey lawmein phir koi dikkat nhi hogi..
Kindly give your attention to this issue also as it is highly related to the life of farmers , jamindars and land owners . In the year 2013 , land acquisition act 2013 was implemented on the replacement of old English land acquisition act 1894 . In the act 2013 relief was given to farmers, jamindars and land owners from the high handed ness , unfair deals and forcefully acquisition of their lands . But vide a judgement dtd. 06-03-2020 of Hon'ble Supreme Court 5 judges bench , the said land act 2013 is again silently converted into land act 1894 , now the land act 2013 is also likewise to the black English land act 1894 , totally against the farmers , jamindars and other land owners , But Strange no one is talking about this , sab chup hai🙄 The judgement of 319 pages of the 5 judges constitution bench of Hon'ble Supreme Court dtd.06-03-2020 in land acquisition matters related to Sec. 24(2) etc. Of land act 2013 , should be / must be withdrawn immediately in the public interest. I need to know that , What will be the impact of the judgement dtd. 06-03-2020 of 5 judges bench of Hon'ble Supreme Court (regarding land acquisition cases sec. 24(2)) , on the metters decided on 31-08-2016 by the double bench of Hon'ble supreme Court of the same nature. Will the effect of judgement dtd. 06-03-2020 is retrospective or prospective.
Kindly give your attention to this issue also as it is highly related to the life of farmers , jamindars and land owners . In the year 2013 , land acquisition act 2013 was implemented on the replacement of old English land acquisition act 1894 . In the act 2013 relief was given to farmers, jamindars and land owners from the high handed ness , unfair deals and forcefully acquisition of their lands . But vide a judgement dtd. 06-03-2020 of Hon'ble Supreme Court 5 judges bench , the said land act 2013 is again silently converted into land act 1894 , now the land act 2013 is also likewise to the black English land act 1894 , totally against the farmers , jamindars and other land owners , But Strange no one is talking about this , sab chup hai🙄 What will be the impact of the judgement dtd. 06-03-2020 of 5 judges bench of Hon'ble Supreme Court (regarding land acquisition cases sec. 24(2)) , on the metters decided on 31-08-2016 of the same nature. Will the effect of judgement dtd. 06-03-2020 is retrospective or prospective. The judgement of 319 pages of the 5 judges constitution bench of Hon'ble Supreme Court dtd.06-03-2020 in land acquisition matters related to Sec. 24(2) etc. Of land act 2013 , should be / must be withdrawn immediately in the public interest
Jhansi ki garota mein defence corridor ke liye Jameen adhigrahan ki ja rahi hai lekin Circle rate Itna kam hai ki aaspaas ki jungle mein bhi vah Jameen Nahin Aaegi Keval ₹10000 Ki lagbhag Hai Jo Prati Bigha 2 lakh 25 hajar Prati ekad ke hisab se muaawja de rahe hain jo ki bahut kam hai unt ke Munh Mein Jee raha hai jabki is rate mein Jameen Kahin Nahin mil rahi hai yah sab kisanon ka shoshan kar rahe hain
Modi sarkar ki monopoli ka sikar kisan ho rha ha ydi abhi Kishan jagruk nhi hua to kab hoga kyoki phla vali sarkar kisan ka phla sunti thi isliy ya sarkar na das ka bla kragi or na logo ka
Kya hme bhi kuch pay krna pdta h jb govt hmara land accquire krti h to..kyuki hmara land bhi govt accquire kr rhi h lekin patwari ka khena h ki ap sbhi hisedaro ko phle 50-50 rupee govt ko dene honge tb sarkar apko apke land ki rakam degi...kya aisa hi hota h ya koi fraud h please reply kre 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Thnx for watching Desh deshantar nd ur valuable suggestions and comments
It makes me feel good n connected when u reply sir.... See this is technology 🙂
कविन्द्र सर सत्य प्रकाश सर को ज्यादा मौका दिया करे बात रखने का,सत्य सर डिबेट में चार चाँद लगा देते है। धन्यवाद
Is rjsb TV have Urdu channel.
I m big fan of satya sir & kVindra sir🙏🙏🙏
Very helpful sir thanks
I have heard a lot about You( Hukum Singh Meena) sir...When u was DM of Jehanabad,the city still remember you always for your developmental works especially my dad talks so much about you... Today,i listened your experiences and it is just incredible.
300A के तहत किसी भी व्यक्ति को कानूनी अथॉरिटी के अलावा कोई उसके जमीन से वंचित नहीं कर सकता।
Thanks rstv very useful न्यूज़ 📚🎯🙏
Patanhi logbag itna gayan Kiyou detehe
स्वतंत्र भारत का एक लक्ष्य था जमीदारी प्रथा का उन्मूलन और समाजवादी राज्य की ओर बढ़ते संसाधनों का समान वितरण । इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए भारत मे भूमि सुधार लागू किया गया । इस कानून में नीति निदेशक तत्व में अभिकल्पित संसाधनों के समान वितरण को अमलीजामा पहनाया जा रहा था इसी रूप में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के सम्मुख प्रश्न आया कि क्या नीति निदेशक तत्व मौलिक अधिकार पर प्रभावी हैं। यह वह काल था जब सरकार के अंगों विधायिका और न्यायपालिका के मध्य टकराव की स्थिति चरम पर थी । इसी परिपेक्ष्य में संसद द्वारा सम्पति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटा कर 44th संसोधन द्वारा 300A में संवैधानिक दर्जा दिया गया और फिर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस बात को मान लिया था कि आप संविधान में कहीं भी संसोधन करें बशर्ते मूलभूत ढांचा प्रभावित न हो ।
इसके पश्चात कार्यपालिका के पास भूमि अधिग्रहण की अप्रत्याशित शक्ति आ गयी और प्रारम्भ में लोककल्याण हेतु स्थापित धारणा अब निर्धन गरीब कमजोर वर्गों के हितों का उल्लंघन करने लगी । इस तरह सरकार का स्वरूप पूंजीवाद की ओर पक्ष लेने लगा था । कुछ समय पश्चात1894 भूमि अधिग्रहण कानून में संसोधन कर इसे प्रभावित पक्ष के हितोनुकूल बनाया गया और आज भूमि अधिग्रहण करना ही चुनौती का सबक बन चुका है ।
अब बात विद्या देवी के केस की जिसमे आज फैसला आया । माननीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि आप विधि सम्मत और प्रभावित पक्ष के हितों को ध्यान में रखते हुए ही अधिग्रहण करें ।
Bhai bahut aacha Likha hai
Dhayey isa
Whaooo 👏 👏 👏 👏
THANKS GAURAV JI
The discussion takes valuable n clear phase when Kavindra sir n Satya Prakash sir sits together....
कविंद्र सर के साथ सत्यप्रकाश सर हो तो टॉपिक बहुत अच्छे से समझ आता है।
Koti koti Naman rstv ko Aur sachan Sir ko Aur un sabhi intellectuals ka jo participate karte h charcha me.🙏🏻
Satya prakash sir pratyek charcha me khud ke vicharo se khud ko uttam sidhha kr dete hai. 👍
Sahi hai mam
मोफलर वाले सर जी का नॉलेज अल्टीमेट है। उन्हें judiciary की तगड़ी नॉलेज है। सैल्यूट है सर। जितना बोले आप उतना समझने के लिए कई दिनों पढ़ना पड़ता है law student को।
Namaskar Sir Kavindra Sachan ji... :)
Dhanyavad RSTV..
Stya Prakash sir Ka explanation ultimate hota hai.
उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण ना हो
ये सही प्रावधान है। अनुपजाऊ भूमि देश में अधिक है उन्हें ही अधिग्रहण में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
और सामाजिक आर्थिक पर्यावरणीय मुद्दों को भी ध्यान में रखा जाय।
सर सभी को एक जैसा मुआवजा देना आपकी नजर में ठीक है
मान लीजिए किसी कि भूमि उपजाऊ मिट्टी धान जैसी फसल होती है सब्जियां होती है कहने का मतलब डब्लप है ,,
और एक जमीन अन डब्लप है
ये सभी बात हमें किलियर कीजिए ,,
Satya Prakash Sir Thanks Aa.....👍👍
♨️😅.....Thanks RS TV.....Jay Maharashtra.....😅♨️
Also Kavindra Thanks.....👌👌
इस परिचर्चा के लिए आपको धन्यवाद जी
Editors of economic times, tribune , business standard, hindustan times explain very good.
Please bring them always.
शंकर अग्रवाल जी ने कहा जितनी जमीन की अत्यंत आवश्यकता हो उतना ही अधिग्रहण का कानून हैं पर श्रीमान जी धरातल पर ऐसा हो नहीं रहा है जी ?!
Excellent view on this critical topic by shri Meena sir. He has deep knowledge on land acquisition issues.
हमें सरकार से निवेदन है कि भूमिहीन आदमियों को जमींदार आदमियों से जमीन खरीद कर दी जाए तभी घर से हटाए भूमिहीन को. मदद करें. हम लोग की कितने दिक्कत किस से हम लोग थोड़ी सी जमीन ली थी मोहन से और घर बनाए हम लोगों के पास रहने के लिए अलग कुछ भी नहीं है क्या हमें भी हटा देगी
Bhut Accha program h 🙏🙏
Thank you SiR ....🙏
धन्यवाद rs tv 🙏
Thanks rstv
So excellent thanks to RSTV
मै, आदरणीय हुकुम वीर मीणा साहब के सामने एक भूअर्जन raipur-bilaspur हाईवे के संबंध में जैसा आपने कहा सभी जानकारी नेट में डाली जाती है वैसा कुछ भी नहीं किया गया है,आज दस साल हो गए भुअर्जन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई है,और किसानों, भूस्वामियों को मुवावजा भी नहीं दिया गया है,और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी द्वारा घुमाया का रहा है
Best channel for information
Bahut Badhiya Program h ji.jay hind
Nice information. Very Grateful to all guests.
Tahnku sir ji..Right to property was a fundamental right.but 44 th amendment removed it as a fundamental right and put it as a legal right under Article 300 A.
Thanks to rstv
भूमि अधिग्रहण में अभी भी किसी प्रकार से पारदर्शिता नहीं है भूअर्जन अधिकारी पूरी तरीके से सरकार के दबाव में काम करता है और दवा पति को पूरी तरीके से दरकिनार करते हुए लोगों से जमीन को छीनता है ग्रामीण इलाकों में इसका बहुत ज्यादा दुरुपयोग होता है
धन्यवाद सर
वर्तमान में भी जमीन मालिक से डंडे के दम पर जमीन ली जा रही है किसी के लिए कोई नियम नहीं किसी के लिए नियमों की झड़ी लगाई जा रही है
गरीबों से उनकी जमीन छीन कर धनाढ्यों को देने की साज़िश मात्र है
विकास के लिए जमीन आवश्यक है जानते हैं हम, लेकिन जमीन अधिग्रहण में नियमों के पालन करवाने वाले, अपने को चढ़ाएं जाने वाले चढ़ावे के अनुसार उसको(नियमों) प्रभावित /परिभाषित कर रहे हैं
आखिर क्यों??????????
At present the thousand of acres land are lying vacant with SEZ with private players.The purpose for which land has been acquired without rehabilitating the affected is rampant and wide.There are many regions where land has been acqired without social impact assessment and Economi impact assessment.🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Thanku rstv and satya sir
Informative
Very detailed information given in this episode about any topic discussed here
Nice discussion,🤗🤗
Thank you sir
Thanks sir
Thanks sir for clearing my dought
भू संपादन के ५/१० वर्ष के बाद भी अगर इस संपादीत भूमी क्षेत्र घोषित उदिष्ट के लिये इस्तेमाल नहीं की गयी तो इस स्थिती में किसानोको उनकी सरकारव्दारा संपादीत वह जमीन किस कानुन के अंतर्गत और किस प्रक्रिया व्दारा वापस करना संभव है ?
सर जिनकी जमीन सरकारी है और वह 60 वर्ष से जोत बो रहा है और पटवारी उस जमीन से बीना कोई नोटिस दिए बिना सुचना दिए रोड़ बनवा देता है तो क्या उसको मुआबजा मिलेगा की नहीं उसके लिए क्या नियम है
RSTV is very good👍
Thanks
🔥🔥
Very useful show
Thank you so much sir
👍
Very nice sir...
Very nice content.... Thanks sir.
thank u sir
Usefull information
Nice video for students
Thx good most
Nyc
Kya govt general ki land acquisition kr skti h without compensation....?
Good explanation
Tq sir
सर आपसे निवेदन है अभी जमीन बहुत महंगा जो भूमिहीन हैं से जमीन नहीं खरीदी जा सकती क्या उसके लिए आप लोग कोई मदद नहीं कर सकती क्या इस धरती पर गरीब रहना बुराई
श्री मान महोदय
मै जानना चाहता हूं कि 1970 से 1985 के बीच एक जमीदार भूमिहीन हो गया और फिर पट्टा दे दिया गया वो भी ग्रामीण क्षेत्रों में क्यो कि हमारे पूर्वजों के साथ ऐसा हुआ और हम भूग्तभोगी क्या इसमें कुछ कानूनी कार्रवाई हो सकती है?
Good work but there should be english description ss well
What is problem in facilitating rental agreement between farmers and government?
Jinhone aaj bhi muafza nhi liya ho vo le sakte h kya DDA se
🙏🙏🙏
Compensation kitne Dino me mil jata h?
Hi sir namasthe. Recently NHAI to my agricultural land and trees and bore this three assets to compensation original amount to sollacium amount double amount given sir?
good
किसी किशान नेता को भी बुला लेते सर
मानवाधिकार की बात समझ सकते है लेकिन विकास के लिए ज़मीन चाहिए ना?
या सबको झोपड़ी में हाई रखने का इरादा है
To jis vyakti ki jamin lenge government to uske badle muwaja to dena hi pdega na . Nhi to wo log fir kha jayenge
Beauty Kumari muawja govt har bar deti hai, phir ye chutiye paise milne ke baad protest karne lagte hai aur govt se aur paisa maangte hai, aur ye drama chalta rehta hai..
baat pata nahi hai toh faltu ki bakwas mat karo.. sarkar har baar market ke daam par zameen ka muawja deti hai..
ye gareeb gareeb ke naam par bahut chutiye loot lete hai sarkar se
Beauty Kumari bhai pehle baat ko samjho baad mein bakwas karo.. tumhare leftist aur vampanthi countries mein toh muawja bhi nahi milta.
Beauty Kumari aur bahut saare log sarkari zameen par kabja kar ke baith jaate hai, phir kuch bolo toh “hum toh gareeb hai” karke rone lagte hai
matlab gareeb toh rape, murder, chori sab kuch jayiz hai 😂
सर हमारी भूमि को1983 में 8 बीगा जमीन को अधिग्रहण की थी। जिसका 10% भुगतान अभी तक नहीं हुआ तथा I इसके साथ लगी हुई सरकारी जमीन पर उसी समय से पहले से हमारे बाड़े बने हुए थे और मकान बने हुए हैं। क्या हमारे मकान हमारे नाम हो सकते हैं। नियमन हो सकते हैं?
में अजमेर राजस्थान से हूं
Section 24(2) क्या प्रभावित होगा????
There a continuous typing of the discussion goes on in the background. How can I get that copy in pdf form?
हुकुम सिंह मीणा जी पूरी तरीके से गलत और झूठ बोल रहे हैं
आदेश कहा मिले गा sir इसका
Sir , can govt. acquire the land from farmers for construction of narrow road for village if one of the farmer is not agreeing .
Mri Jameen nahar bargi me ja rhi hai lekin Muje koi suchana nhi mili aur hum arjan adhikari ko abadan Kiya lekin koi Sungai nhi ho rhi hai Kaya kre hme Buchanan de please
Super sir thanks please sir short notes bhi de handline me
What is authority of law , plz plz tell me..
One village two taloka town one town value diffrent other town Land rate diffrent one village two rates diffrent one village tow town dacument
I understand it
100 साल से सरकार के पास हमारी जमीन है क्या वह वापस मिल सक्ती है
Himachal me to 2 time bhi pura nhi mil rha
Sir meri jamin 15 saal phele hi adhigrahan ki gayi h magar aab jaakr pata chala ki woh jamin mere naam par hai hi nahi kuki patwari ki galti ke karan... Toh aab m kia karu
Hi! I have a question. What happens in the cases where there was litigation since 1986 but award was declared just 15 days before the new act was implemented I.e 14th dec 2013 and land was acquired after the law was passed. The award was declared according to the old law and the landowner were neither present at the time compensation was declared nor they collected it. Hope I get help!
Award will be given according to old law , that is final step from gov.
Jai Hind sir, sir mere village me bhi kuchh aise hi ONGC acquired kr Liya hai . Per jis Kisan ka Jamin unke under aaiya h unko behla fusla kr kuchh muwaje me 25 years ke liye agreement kr Liya but usi Jamin se ghar pariwar dependent h per ab unki ghar pariwar kaise chalega rojgar kaha se milega kyu ab to ye Kisan ONGC ke project se to 25 years ke liye to effected ho gaya h plz kuchh bataye kyuki mera village ki condition bahut hi kharab ho gai h like roads Air, water quality ..
Why these desh dishant is not in English language also...plz provide these in English also....
100 sal se qabza kasht Mari ha khufiya Mari zameen دوسرے کو دے دی کوئی معاوضہ نہیں ہے
9th schedule ka bhi judicial review Ho sakta hi dekhe Case I r choliho Vs uoi 2007
compensation shi diya jayey to koi zameen deney ka virodh nhi krega..kisi sey kurbani li ja rhi hai to usey uski bharpoor kimat milni hi chahiyey kyunki kisi ka chhin kr doosrey tarkki krey orr wo bechara bhtkey essa kabhee nhi hona chahiyey..essa develpoment kisi kaam ka nhi..socho kisi ka ghar wo rehta sochta hai ki meri zindgi yanhi kategi orr sudden usey kaha jata hai yey zameen do to usey kesa lgta hoga?? islyey koi agar magar nhi usey immandari sey muawza diya jayey jo nyey lawmein phir koi dikkat nhi hogi..
Kindly give your attention to this issue also as it is highly related to the life of farmers , jamindars and land owners .
In the year 2013 , land acquisition act 2013 was implemented on the replacement of old English land acquisition act 1894 . In the act 2013 relief was given to farmers, jamindars and land owners from the high handed ness , unfair deals and forcefully acquisition of their lands .
But vide a judgement dtd. 06-03-2020 of Hon'ble Supreme Court 5 judges bench , the said land act 2013 is again silently converted into land act 1894 , now the land act 2013 is also likewise to the black English land act 1894 , totally against the farmers , jamindars and other land owners , But Strange no one is talking about this , sab chup hai🙄
The judgement of 319 pages of the 5 judges constitution bench of Hon'ble Supreme Court dtd.06-03-2020 in land acquisition matters related to Sec. 24(2) etc. Of land act 2013 , should be / must be withdrawn immediately in the public interest.
I need to know that , What will be the impact of the judgement dtd. 06-03-2020 of 5 judges bench of Hon'ble Supreme Court (regarding land acquisition cases sec. 24(2)) , on the metters decided on 31-08-2016 by the double bench of Hon'ble supreme Court of the same nature. Will the effect of judgement dtd. 06-03-2020 is retrospective or prospective.
Kindly give your attention to this issue also as it is highly related to the life of farmers , jamindars and land owners .
In the year 2013 , land acquisition act 2013 was implemented on the replacement of old English land acquisition act 1894 . In the act 2013 relief was given to farmers, jamindars and land owners from the high handed ness , unfair deals and forcefully acquisition of their lands .
But vide a judgement dtd. 06-03-2020 of Hon'ble Supreme Court 5 judges bench , the said land act 2013 is again silently converted into land act 1894 , now the land act 2013 is also likewise to the black English land act 1894 , totally against the farmers , jamindars and other land owners , But Strange no one is talking about this , sab chup hai🙄
What will be the impact of the judgement dtd. 06-03-2020 of 5 judges bench of Hon'ble Supreme Court (regarding land acquisition cases sec. 24(2)) , on the metters decided on 31-08-2016 of the same nature. Will the effect of judgement dtd. 06-03-2020 is retrospective or prospective.
The judgement of 319 pages of the 5 judges constitution bench of Hon'ble Supreme Court dtd.06-03-2020 in land acquisition matters related to Sec. 24(2) etc. Of land act 2013 , should be / must be withdrawn immediately in the public interest
Jhansi ki garota mein defence corridor ke liye Jameen adhigrahan ki ja rahi hai lekin Circle rate Itna kam hai ki aaspaas ki jungle mein bhi vah Jameen Nahin Aaegi Keval ₹10000 Ki lagbhag Hai Jo Prati Bigha 2 lakh 25 hajar Prati ekad ke hisab se muaawja de rahe hain jo ki bahut kam hai unt ke Munh Mein Jee raha hai jabki is rate mein Jameen Kahin Nahin mil rahi hai yah sab kisanon ka shoshan kar rahe hain
मोदी सरकार ने किसान को बेवकूफ बनाया है
मोदी सरकार किसान की जमीन स्वयं न छीन सकी
इस लिए सुप्रीम कोर्ट का सहारा लिया है
Modi sarkar ki monopoli ka sikar kisan ho rha ha ydi abhi Kishan jagruk nhi hua to kab hoga kyoki phla vali sarkar kisan ka phla sunti thi isliy ya sarkar na das ka bla kragi or na logo ka
Jamin to hamara bhi gaya 6 len cg raipur se simga ..paise nahi diya 9 sal hoge
Sir make an episode on schedule 9 ..plzz
😎
Sab se pehele 100skoiar feet ko 50 rupees 1 sal keliye kar dijiye
Punarwas me mila jamin ka kisi gair ko malikana hak mil sakta h kiya kiya h kanoo punarwas bhumi ka
Kya hme bhi kuch pay krna pdta h jb govt hmara land accquire krti h to..kyuki hmara land bhi govt accquire kr rhi h lekin patwari ka khena h ki ap sbhi hisedaro ko phle 50-50 rupee govt ko dene honge tb sarkar apko apke land ki rakam degi...kya aisa hi hota h ya koi fraud h please reply kre 🙏🏻🙏🏻🙏🏻