EP 1550: ‘’ज़िंदा मृत्यु भोज’’ की एक हैरान करने वाली कहानी सुनें शम्स की ज़ुबानी

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  • Опубліковано 22 сер 2024
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    आज वक़्त के जिस दौर में हम जी रहे हैं उसमें आने वाला पल किस शक्ल में हमारे सामने आएगा कोई नहीं जानता। हां....अगर हम कुछ कर सकते हैं तो सिर्फ़ इतना कि आने वाले पल के क़दमों की आहट को ज़रूर भांप सकते हैं। मगर आने वाले वक़्त की नीयत क्या है ये तभी जाना जा सकता है जब हम अपने आंख और कान खुले रखें। और इसमें CRIME TAK आपकी मदद करेगा। क्राइम की दुनिया की हर छोटी-बड़ी ख़बरों से आपको आगाह करके। ताकि आप सुरक्षित रहें।
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КОМЕНТАРІ • 870

  • @CrimeTak
    @CrimeTak  7 місяців тому +34

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    • @AjayKumar-rp1tm
      @AjayKumar-rp1tm 7 місяців тому +5

      .

    • @Syudy-lover-MK
      @Syudy-lover-MK 7 місяців тому

      Sir same story prayagraj up kii h

    • @avanidiwakar8264
      @avanidiwakar8264 7 місяців тому

      Ha shamsbhai... Me gujrat se hu.. Hamare esa bahot Sare 13 karte he... Khas kar jinke bete desh k bahar h.... Or jinko ladka nahi hota vo esa karte he... Kheda. District me jyada hota he. Buddh gaya jate h to apna shraddh b karate h

    • @SpecialTimeForYou
      @SpecialTimeForYou 7 місяців тому +1

      Shams You are Pure Liberal..! So Cute 😍 😍 😍 😍 👌
      Thank you 😊

    • @SpecialTimeForYou
      @SpecialTimeForYou 7 місяців тому +2

      No Propaganda Only Real Story's..!
      All You Agree..?❓

  • @shubhampandey1852
    @shubhampandey1852 7 місяців тому +83

    मृतक व्यक्ती आदरणीय स्वर्गीय हाकिम सिंह जी की आत्मा को शान्ति प्रदान करने के लिए वहां के जिलाधिकारी महोदय या वहां के समाज को चाहिए की उनके हिस्से की कुल ( सम्पति ) जमीन पर एक कालेज/ जूनियर / प्राईमरी विद्यालय या सी एच सी / पी एच सी अस्पताल बनवा देना चाहिए ,
    और उस भवन का नाम स्वर्गीय हाकिम सिंह यादव s/o श्री बांके लाल जी के नाम पर होनी चाहिए , यही उस महान आत्मा को शान्ति प्रदान करेगी ,
    और यह समाज और शासन की जिम्मेदारी भी है ,
    भगवान उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे

  • @ratneshsingh1740
    @ratneshsingh1740 7 місяців тому +19

    सच मे भाई ऐसे ही होते हैं , माँ पिता जी के जाने के बाद । ये मेरा पर्सनल अनुभव है । बड़े भाई बहन तो खूब प्यार और अधिकार पा लेते हैं पर छोटे भाई और बहन वंचित रह जाते हैं ।

  • @kuldeepsinghyadav5466
    @kuldeepsinghyadav5466 7 місяців тому +69

    बहुत सारे लोगों के साथ ऐसा हुआ है
    आज हम भी अपने भविष्य को लेकर बहुत दुखी हूं ये कहानी सुनकर 😢😢

  • @udhamsinghbhati1454
    @udhamsinghbhati1454 7 місяців тому +22

    अब उनकी जो भी संपत्ति बची है, उसके इन रिश्तेदारों को नहीं मिलनी चाहिए

  • @subhashgrover539
    @subhashgrover539 7 місяців тому +89

    Sir ये कहानी आपकी आज तक की सबसे शिक्षाप्रद और लाजवाब कहानी है जो सत्य के बिल्कुल करीब है।

  • @kishorisingh2014
    @kishorisingh2014 7 місяців тому +57

    हे भगवान इस मृत आत्मा को शाँति प्रदान करें ।

  • @rameshpandey831
    @rameshpandey831 7 місяців тому +65

    कितना सुन्दर आप बताते हैं भाई साहब आप की जादुयी आवाज़ को सलाम🎉

  • @devisinghsisodiya3779
    @devisinghsisodiya3779 7 місяців тому +102

    ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे 🌹💐🤲🙏, हमारे राजस्थान में ये रिवाज है, जिसने जीते जी अपना कार्ज खर्च कर दिया, उसके मरने के बाद दोबारा मृत्यु भोज करना जरूरी नहीं है।।

  • @MusicLover-dm3zy
    @MusicLover-dm3zy 7 місяців тому +30

    तेरवीं का भोज असल में उन लोगों के लिए होता हैं जो अंतिम यात्रा में शरीक होते हैं, आज हर रस्म रिवाज का स्वरुप बदल रहा है दिखावा,प्रदर्शन,कॉम्पटीशन होने लगा है,अच्छा किया जो अपने जीते जी अपना मृत्युभोज करा दिया, मरने के बाद भी किसी पर बोझ नहीं बना।

    • @himanshusaxena8639
      @himanshusaxena8639 7 місяців тому +1

      Jitne log utni manyataye

    • @MusicLover-dm3zy
      @MusicLover-dm3zy 7 місяців тому +1

      @@himanshusaxena8639 ये तो बिलकुल सही कहा आपने।

  • @sunitaagarwal9557
    @sunitaagarwal9557 7 місяців тому +4

    कहानी का शीर्षक देखकर, सुनने से अपने को ‌ रोक नहीं सकी। कहानी सुनकर आंसू रूक नहीं सके।
    सोचने लगी, श्मशान घाट में जाकर लोगों को भावुक होते हुए देखा है। बाहर आकर फिर वही दुनिया की बातें।
    उपकार पिक्चर का गाना याद आ गया जो जीवन की सच्चाई व्यक्त करता है - कसमें वादे, प्यार वफा सब बातें हैं, बातों का, क्या?
    कोई किसी का, नहीं है साथी, नाते हैं, नातों का क्या।😢😢

  • @Sunilkumar-rn3dc
    @Sunilkumar-rn3dc 7 місяців тому +46

    मेरे दादाजी का भी मृत्यु भोज जिंदा रहते ही हुआ था।। राजस्थान में इसको औसर प्रथा कहतें हैं।
    एक महिने बाद उनका स्वर्गवास हो गया था।

  • @Multicontentwithj
    @Multicontentwithj 7 місяців тому +103

    एक कड़वी सच्चाई - कोई(समाज,रिश्तेदार) तेरहवीं का भोज खुशी- खुशी पेट भर कर खाता है तो कोई तेरहवीं के दिन बिना कुछ खाए रोते रहता है😢😢😢😢😢

    • @rajeswar12
      @rajeswar12 7 місяців тому +8

      Rajasthan me 13 vi nhi 12 va hota h

    • @kishorisingh2014
      @kishorisingh2014 7 місяців тому +10

      आपने सही कहा है यह प्रथा बन्द होनी चाहिए मृत्यु भोज ।

    • @sanjayadhikari2865
      @sanjayadhikari2865 7 місяців тому

      ​@@kishorisingh2014इस नियम किसी को कोई नुकसान नहीं होता है इसीलिए यह कभी भी बंद नहीं होगा

    • @premila1173
      @premila1173 7 місяців тому

      तेरहवीं का खाना सिर्फ रिश्तेदार ही खाते है, बाहेर के लोग नही, बाहेर के लोगों के लिए चौदहवीं का भोज होता है... शास्त्रो मे भी मृत्यु हुए घर मे तेरह दिन कुछ भी खाना पीना मनाई है बाहर के लोगों को... मृत्युभोज देने का कोई रिवाज़ नही है, तेरहवीं याने तेरह ब्राह्मणो को भोजन देना लेकिन आज नही मिलते ब्राह्मण तो गाय को खिलाते है और पितृपूजा करते है। मै महाराष्ट्र से हु

    • @SaileshDehury-wm7zo
      @SaileshDehury-wm7zo 7 місяців тому +1

      Odisha Me 11 mi Hota hai❤

  • @user-Yashar2019
    @user-Yashar2019 7 місяців тому +12

    ऐसा ही एक कहानी आजमगढ़ शहर के खुद के मेयर की भी रही थी, नगर पालिका के सफाई कर्मचारी वेतन न मिलने के वजह से गुस्से में उनकी तेरहवीं उनके जीते जी करवा दी और सिर्फ कुछ दिनों में ही उनकी वास्तव में मृत्यु हो गयी, काफी आश्चर्य हुआ

  • @rajadiwanrunk1502
    @rajadiwanrunk1502 7 місяців тому +21

    अपनी तेहरवी जीते जी करवाने का हक सिर्फ सन्यास लिए हुए या किसी अखाड़े के शरण में गए हुए सन्यासी व्यक्ति को ही होता है.. अन्यथा जब किसी की तेहरवी होती है तो यमदूत उसे लेने आ जाते हैं.. यहां भी ऐसा ही हुआ.. मंत्र उच्चारण के बाद जब उस व्यक्ति का नाम लेकर उसकी तेहरवी कराई गई तो यमलोक से यमदूत उसे लेने आ गए..😊

  • @adityavardhan6203
    @adityavardhan6203 7 місяців тому +3

    शम्स जी बहुत सरल तरीके से बताते हैं आप।
    मेरे बाबा जी को १५दिन पहले अपनी मृत्यू का अहसास हो गया था। जो उनकी इच्छा थी खाने की वो सब पूरी की गई।
    मृत्यू से एक दिन पहले अपनी ३साल की नातिनी से बोले अन्नू मैं सीधा स्वर्ग में जाऊंगा। सिर्फ ५मिनट लगेंगे और अगले दिन २६जून २०००में ओ दुनियां के रखवाले भजन गाते हुए दिल के दौरे से उनकी मृत्यू हो गई। बहुत ही भले और नेक दिल इंसान थे मेरे बाबा।

  • @RamRatan-eb4oi
    @RamRatan-eb4oi 7 місяців тому +6

    इस कहानी से काफी शिक्षा मिली।।।आदमी जीते जी भी स्वाद कर लेता है।गायत्री विधि अनुसार।तो सही ही है।तृप्ति हो जाती है। जय सनातन संस्कृति

  • @murlimanoharshrivastava1042
    @murlimanoharshrivastava1042 7 місяців тому +9

    श्रीमान हाकिम सिंह संत थे। जो सत्य को जानते थे। वास्तव में उन्होंने तेहरवीं के एक दिन बाद शरीर इसलिए छोड़ा क्योंकि वे यह भी जानते थे कि यदि वे तेरहवीं के समय ही शरीर छोड़ देंगे, तो उनका परिवार तेरहवीं में हुए कामगारों का भुगतान भी नहीं करेंगे। इसलिए वे सबका लेन देन पूरा कर संसार से गये।

  • @vineetrathore1532
    @vineetrathore1532 7 місяців тому +57

    ओम् शांति ईश्वर मृत आत्मा को अपनी शरण में ले।
    हमारे दादा जी ने भी बर्ष १९७४ के सितम्बर माह में अपनी त्रयोदशी संसकार खुद जीवित रहते कराया परन्तु उनका स्वर्ग वास १९७५ में माह मई में हुआ और इसके बाद हमारे पिता जी और तीन सगे चाचाओं के द्वारा दुवारा त्रयोदशी की जम कर उनकी अस्थि विसर्जन प्रयागराज में किया गया।

    • @user-ik9ym5bk9w
      @user-ik9ym5bk9w 7 місяців тому

      Mtlb tumhare privar wwlo ne bhi bhoj nhi dia murkho

    • @The1979jlg
      @The1979jlg 7 місяців тому +1

      पिता और भाई में बहुत अंतर आ‌ जाता है

  • @DINESHKUMARSHARMA-vn3ri
    @DINESHKUMARSHARMA-vn3ri 7 місяців тому +8

    ऊं नमो भगवते वासुदेवाय ऊं शांति शांति शांति ❤🎉

  • @gauravsaini3023
    @gauravsaini3023 7 місяців тому +18

    बहुत दुख की बात है और हेरान करने वाली ईश्वर उनकी आत्मा को शांति। दे

  • @vasantkumar8141
    @vasantkumar8141 7 місяців тому +12

    "कर जा कुछ ऐसा.. कि दुनिया
    हाथ से नहीं दिल से सलाम करें..!!♥️

  • @dr.farooqvhora6845
    @dr.farooqvhora6845 7 місяців тому +7

    बहुत ही खूबसूरत अदायगी है आपकी कहानी को लेकर, सच में बहुत मज़ा आ गया , कहानी का content और आपका लहेजा।।। शुक्रिया।।।

  • @user-eh9gl8vf5x
    @user-eh9gl8vf5x 7 місяців тому +11

    ईच्छा मृत्यु, मन को शांती प्राप्त हुई. ईसी शांती को पाने के लिए ये कार्य जीवन में किया, इस लिए ये ईच्छा मृत्यू कहलाएगा ? ईश्वर इनकी आत्मा को शांती प्रदान करे.

  • @DkGupta-hp4zu
    @DkGupta-hp4zu 7 місяців тому +19

    ⛳भावपूर्ण श्रद्धांजलि, ॐ शांति 🙏

  • @neetabhandari758
    @neetabhandari758 7 місяців тому +8

    भाई जी आप जो विवरण प्रस्तुत करते हैं वह अप्रतिम है, भगवान ने आपको बहुत सुंदर आवाज दी है। सुनने में बहुत दिल को छूती है।

  • @mayurmks.8195
    @mayurmks.8195 7 місяців тому +61

    He knows about his death 🤔...
    Think about that...महान मानव को शक्ति का एहसास होता है...यह चमत्कार है 🙏🙏🙏भगवान उसकी आत्मा को शांति दे

  • @RajenderKumar-qy5rq
    @RajenderKumar-qy5rq 7 місяців тому +6

    सहाब आपकी कहानी सुना ने का अन्दाज बहुत ही अच्छा है❤

  • @8xbabagaming152
    @8xbabagaming152 7 місяців тому +3

    नमस्कार सर ये कहानी जो आप ने आज सुनाई में इस कहानी का हिस्सा रह चुका हु मेरे एक रिश्तेदार के सास ससुर का भी जीते जी तेरवी की थी जिसमे सास अभी जिंदा ह /////////// सर मेरा नाम विनोद कुमार पिलानी राजस्थान
    ❤❤❤❤❤❤

  • @omprakashverma9056
    @omprakashverma9056 7 місяців тому +52

    सर हम आपकी कहानी फिरी में सुनते है तो 49 क्यों दे
    ओर आप यहां की कहानी बंद करके कुकू में सुनाएंगे तब देंगे 49 रुपए 😂😂

    • @akshgupta143
      @akshgupta143 7 місяців тому +6

      Very funny yr..😂😂

    • @user-zd5gk2yi3m
      @user-zd5gk2yi3m 7 місяців тому +5

      😂😂😂😂

    • @Sakinasaba03
      @Sakinasaba03 7 місяців тому +2

      Ekdam sahi

    • @user-hx7pd3ys8f
      @user-hx7pd3ys8f 7 місяців тому +5

      Kuku fm use mat Koro ai voice aati hei. Bahut kharab lagte hei. Meine one month use Kia fir uninstall kar dia 😂😂😂

  • @KarmoKaAaina
    @KarmoKaAaina 7 місяців тому +9

    Sir जी..marne वाले को अपनी मौत का पता था इस लिए उन्होंने अपनी तेरवी खुद ही करवा दी..
    तकरीबन कोई 40 saal पहले England मे भी एक sardar ji ने अपने मरने से एक दिन पहले अखंड पाठ का भोग with lunger करवाया था..
    बहुत कम लोग होते हैं जिन को अपने जीवन का अंत पता होता है.
    🙏🙏🙏

  • @JaibhagwanYadv
    @JaibhagwanYadv 7 місяців тому +10

    ये भी मान्यता ह की जिसका जिंदा मृत्युभोज हो उसकी मृत्यु जल्दी हि हो जाति ह हमारे गांव मे भी हुआ था ओर 2 दिन मे उसकी मोत् हो गयी

  • @mahboobpashaghouse598
    @mahboobpashaghouse598 7 місяців тому +9

    Very painful and tragic story... A L A LESSON FROM THIS STORY... DON'T COUNTY NOBODY. Nobody means no body. Everyone is after your leftover wealth.
    The best remedy to overcome this situation... help the needy/poor alot until death this will give one peace of mind a sort of never-ending happiness

  • @snehapawar4964
    @snehapawar4964 7 місяців тому +6

    ऐसे अपनो को आप अपना नहीं केह सकते शम्सजी, ये बात हमे करोना ने भी बताया हैं....😢😢

  • @sunsetchannel793
    @sunsetchannel793 7 місяців тому +6

    Rishtedar..he sabse khatarnak Dushman hota hai .🙏

  • @s.r.refrigeration5891
    @s.r.refrigeration5891 7 місяців тому +3

    अगर कोई अपने जीते जी अपना मूर्त्त भोज करवाता है तो दूसरी बार करना जरूरी नहीं होता, ये हमारी मान्यता है, मृत्य हर किसीको इशारा जरूर करती हैं

  • @krishansharma9847
    @krishansharma9847 7 місяців тому +1

    ये कहानी अपने आप में किसी चमत्कार से कम नहीं है महोदय इस के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद जय हिन्द

  • @navandita
    @navandita 7 місяців тому +7

    Aaj mene pahli bar live story suni ... Being a mother time nikalna muskil hota hai . Sir ap suchi bahut ache se kahani sunate hein...

  • @ravindranathsinha4580
    @ravindranathsinha4580 7 місяців тому +5

    ये कहानी मुझे सच्चाई के बहुत नजदीक लगी l😢

  • @SachinYadav-fe1ek
    @SachinYadav-fe1ek 7 місяців тому +4

    आज कल के जबाना बहुत बेकार है, किसी की ऊपर भरोसा नहीं है,,,,, अजीब दुनिया माया भोग है ,?🙏🙏🙏🌹🌹

  • @Ashohin-xk2sn
    @Ashohin-xk2sn 7 місяців тому +4

    आज की तारीख में लोगो की दिली इच्छा है कि उन्हें दूसरे का धन मिल जाये 😂और फिर वे इस पर ऐश कर सके।😊 बाकी मैं की भावना भी बलवती है।वो तो कोई मुर्दा खुद अपनी लाश लेकर श्मशान नहीं जा सकता वर्ना लोग वो भी कर लेते ❤❤

  • @Ultimatefitness360
    @Ultimatefitness360 7 місяців тому +12

    मृत्यु भोज सिर्फ वृद्ध व्यक्ति का होता ह जो पोते पोतियों का हो जाता ह या जो 80 plus का होकर मरता ह

  • @guptajii5046
    @guptajii5046 7 місяців тому +2

    Us shaks ko koti koti pranam Jo is duniya me anokha kaam Kiya aur is duniya se alvida ho gaya sams ji very thanks...

  • @faijanfaijan7858
    @faijanfaijan7858 7 місяців тому +4

    सर आप क्राइम को बहुत ही सरल भाषा मे समझाते हो good 👍👍👍👍

  • @drsnehlatadixit3354
    @drsnehlatadixit3354 7 місяців тому +2

    यह सच है कई लोग जीते जी अपना पिंड दान कर वातें है ,इसी तरह यह है ।यह सब विश्वास का उठ जाना है ।

  • @rajeshtrivedi8878
    @rajeshtrivedi8878 7 місяців тому +2

    सुख में सारे साथ चलेंगे, दुख में सब मुख मोडेंगे
    दुनिया वाले तेरे बनकर तेरा ही दिल तोडेंगे।
    देते हैं भगवान को धोखा इंसा को क्या छोडेंगे
    कसमें वादे प्यार वफ़ा सब बातें हैं बातों का क्या
    कोई किसी का नही ये छूठे वादे है वादों का क्या😢😢

  • @questionbaba
    @questionbaba 7 місяців тому +1

    Sir, ऐसा ही कहानी मेरे गाँव मे हुआ था।
    मैं बिहार के बेगूसराय जिले का रहने वाला हूँ। बात 2007 की है। फेकन महतों जो कि बेगूसराय जिले के ही रहने वाले थे उन्होंने भी अपने (देहाती भोज) जिन्दा रहते हुए सभी को खिलाये थे क्योंकि उनके पास कोई संतान नहीं था।

  • @kapildave5361
    @kapildave5361 7 місяців тому +8

    मेरे सामने ऐसे चार किस्से है जिसने अपनी मृत्यु से पहले हि बता दिए था कि उनकी मौत होने वाली है,,जिसमे से एक वाल्मीकी समाज से है जो गाँव मे साफ-सफाई करते थे,,विवाह मे ढोल बजाते थे,,और उन्होने अपने मृत्यु कि आगाही एक दिन पहले ही करदी थी,,और उनकी दुसरे दिन भी मृत्यु हो गई

  • @anjanapanchal131
    @anjanapanchal131 7 місяців тому +2

    Mein Etah se hu ..hospital me nurse hu ...mera block jaithra hai ...sakit etah se laga hua hai bilkul ..sams bhai ..kamal hai hum logo ko nahi pata ..lekin ab mein pata karungi ...hum log har block ke sampark me rahte hai 😊

    • @DJ_A.K_MUSIC111
      @DJ_A.K_MUSIC111 7 місяців тому

      में एटा शहर में ही रहता हूँ नम्बर दो अपना

  • @gurucharansharma2010
    @gurucharansharma2010 7 місяців тому +2

    हाँ जी ऐसा होता है ; शास्त्रों में विधान है, जरुर पण्डित से पिण्ड दान करवा दी होगी! ये बहुत अच्छा है। धन्यवाद🙏💕🙏💕

  • @baateingyankikadweanubhav2051
    @baateingyankikadweanubhav2051 7 місяців тому +5

    मेरे भी भाई बहन ऐसे ही हैं, अगर मैं भी मर गया तो वे मेरे अंतिम संस्कार में शामिल भी नहीं होंगे । 😭😭😭

    • @shishpaalsaharan
      @shishpaalsaharan 7 місяців тому +1

      हमारे गाँव में मे एक जिंदा महिला का मरतुभोज किया था जाती गाड़ियां लोहर थे

  • @chaudharysubhashchander1339
    @chaudharysubhashchander1339 7 місяців тому +11

    राम राम सभी दोस्तों को 🙏🙏🙏🙏
    हिंदू धर्म में नौजवान मुर्तू में ऐसा भी नहीं है बल्कि 70 साल से ऊपर के बुजुर्ग की मौत पर मुर्तु भोजन खिलाया जाता है
    यानी की लड्डू बूंदी जलेबी और रोटी सब्जी यानी की जिस की जैसी ओकात है,,तो इसमें बुरा क्या है 😮😮😮
    आज की स्टोरी मैं वो इंसान जिसने अपने जीते जी अपनी मौत का जश्न मनाया है
    लोगो को खिलाया है 😊😊😊
    इससे बेहतरीन क्या हो सकता है
    अपने जीते जी
    जय श्री राम 🚩📿🙏

  • @SweetHome-qg1vi
    @SweetHome-qg1vi 7 місяців тому +4

    Shams ji bhagwan apko hamesha khush rakhe. Apki kahani sune bina mai nhi soti. Apki kahani ki shuruwat aur ant behad khubsurat hota hai.

  • @shivlalbishnoi3732
    @shivlalbishnoi3732 7 місяців тому +1

    शम्स जी हमारे राजस्थान मै बीकानेर नागौर जोधपुर बाड़मेर मै आज भी जीते जी मा पिताजी का बेटे तेहरवी भौज करते है और मरने पर दुबारा भी करते है इसे पुन्य मानते है और देशी घई मै बहुत अच्छी अच्छी मिठाई और और काजु कतली भी बनाते है और दो तीन हजार लोग गांव के समाज के और रिस्तेदार सब खाना खाते है हमने हमारे पिताजी का भी किया है और मृत्यु के बाद दुबारा भी किया है हमारे बिश्नोई समाज मै ये आम बात है

  • @deepakmondal1976
    @deepakmondal1976 7 місяців тому +5

    दिवंगत आत्मा को शांति मिले। हरि ओम

  • @dayalprasadsuthar6799
    @dayalprasadsuthar6799 7 місяців тому +2

    This used to be a common practice in villages of Rajasthan and the ritual named as “jivta jigdi” which means mrityubhoj while the person is still alive.
    Now a days this practice is getting obsoleted with time

  • @Rajwanti-nc1oz
    @Rajwanti-nc1oz 6 місяців тому +1

    तैहरवी का हवन होता है.. उसके बाद आत्मा मुक्त होती है.. रही बात मृत्यु भोज की तो... शादी का भोज हो या मृत्यु भोज यह हैसियत के अनुसार होता है। कोई जल पान करा देते हैं तो कुछ लोग महा भोज करा देते हैं 🙏

  • @kalindidharamsey7884
    @kalindidharamsey7884 7 місяців тому +2

    May GOD rest his soul in peace.
    Om Shanti
    Sad but Fact of Life

  • @balasahebkadam7204
    @balasahebkadam7204 7 місяців тому +6

    हाकिमसिगजी जरुर स्वर्गलोक जाएगे

  • @TinyMakeupUpdate
    @TinyMakeupUpdate 7 місяців тому +3

    Jivan ki eklauti sachchai 🙏 ... Jai Shree Ram 😊

  • @user-mh8zs6kt6s
    @user-mh8zs6kt6s 7 місяців тому +4

    Aap ne b garma garam hi
    Pross di ek dil machalane
    Ki kahani....

  • @kamalnayan7305
    @kamalnayan7305 7 місяців тому +3

    Sahi socha tha .pata tha koi kuch nhi karega.sab rishte dar ko property chahiye..sahi sach hi aajkal.

  • @PradeepKumarPandaEconomist
    @PradeepKumarPandaEconomist 7 місяців тому +1

    Best show ever. My favorite show. Salute Shams Sir and team for excellent narration. Top class 👏 👌 👍

  • @rajendradhurve7710
    @rajendradhurve7710 7 місяців тому +13

    May Haqim singh soul rest in peace. We all should be alert too against such sudden calamities in our life. What an intellectual person he was

    • @rajendradhurve7710
      @rajendradhurve7710 6 місяців тому

      @@-WhoAMI.. buy an intellectual word. I meant that he was so much aware about his after death, relatives, perception for him. That’s why he has performed his.13vi ritual him self when he was alive. . I just wanted to raise my feelings against his greedy relatives.

  • @urmilanainvlogs537
    @urmilanainvlogs537 7 місяців тому +3

    Ye baat bilkul sahi h mere dada ji ne bhi kiya Tha wo bhi 2 month me hi chal base 😢

  • @NK-pu3vv
    @NK-pu3vv 7 місяців тому +2

    समय के साथ साथ ऐसे ही इंसानियत खत्म होती चली जाएगी...

  • @bhavanathdahal8532
    @bhavanathdahal8532 7 місяців тому +3

    This is extreme rare but not new in Nepal too. Few people not having close relatives perform this rare Barsiki (bhoj after ONE year of death, you are saying Tehrau as practice in India)- Added- His death was incredible as similar to Samadhi.

  • @lokeshdixitofficial
    @lokeshdixitofficial 7 місяців тому +3

    राजस्थान में इसको मौसर (औसर) कहते है
    यह बहुत कॉमन है राजस्थान में
    कब परिवार में किसी बडे बुजुर्ग को मृत्यु हो जाती है तो मृतक के hunsband या wife जो जिन्दा है उसका मौसर भी साथ में कर दिया जाता है क्योंकि एक मौसर में औसत 8-10 लाख का खर्चा आता है

  • @virenderkumargupta4573
    @virenderkumargupta4573 7 місяців тому +2

    Ye program maine aapne bachpan me dhekha tha ak Dada Ji ne aapna Jivan Jag karvaya tha

  • @indiaprasad
    @indiaprasad 7 місяців тому +5

    गाव और छोटे बडे शहर मे समाज मंदिर (धार्मिक ट्रस्ट जीसमे मान्यवर, सच्चे और समाज मे योगदान देने प्रति जो अपना कर्तव्य समझते है ऐसे लोगो का))बनाया जाये और जिन्हे भी ऐसा शक अपने रिश्तेदारोंके बारे मे है वह अपने हाथ से इस रसम केलीये पैसे जमा करे और उसका documentation करके अपने 2 दोस्त या पडोसी को इसकी सूचना भी दे देवे।तो आगे की रसम व्यवस्थित तरिके से पुरी हो जायेगी। मरनेवाला सच मे सुकून से मरेगा, जैसे ये माननीय हकिमसिंग के साथ सच मे घटा।

  • @uditabanerjeeteachingworld5932
    @uditabanerjeeteachingworld5932 6 місяців тому +1

    मैं बनारस से हूं
    4 पी री से
    नाम गोविंद
    जो आप आज कहानी सुनाएं
    उसे पर याद आया कि संन्यास सन्यास जो लेते हैं वह कैसे
    इसके ऊपर आप एक एपिसोड

  • @rameshkumarrameshkumarvish6830
    @rameshkumarrameshkumarvish6830 7 місяців тому +1

    ॐ शांति शांति शांति

  • @shivommisra5700
    @shivommisra5700 7 місяців тому +3

    Touchable story koi kisi ka nahi hota

  • @anoopverma4182
    @anoopverma4182 7 місяців тому +2

    ताहिर भाई यही सच्चाई है। कई बार मृत्यु भोज भी देते हैं लेकिन गमजदा नहीं होते केवल औपचारिकता पूरी करते हैं। आज का आदमी कृत्रिम होता जा रहा है

  • @Sharmag_Ka_Ladka
    @Sharmag_Ka_Ladka 7 місяців тому +2

    लोगो के लिए ये सब आश्चर्य की बात होती होगी....हमारे राजस्थान में ये होता ही है
    बुजुर्ग ज्यादा बीमार रहते है परेशान होते है तो संकल्प लेकर गीता जी के पाठ, गौ सवामनी, अपने नाम से ब्राह्मण भोज करवा कर, मंदिरो में अपने हिस्से का अन्न जल दान कर देते है और करते ही कुछ दिनों में ही उस इंसान की देह छुट जाती है

  • @siyaramprasad1848
    @siyaramprasad1848 7 місяців тому +1

    आपको यकीन नही होगा शम्स जी,
    हमारे पड़ोसी गांव में एक लड़की अपने प्रेमी के साथ भाग गई तो लड़की के पिता ने अपने बेटी का अंतिम संस्कार कर पूरे गांव में 13 वीं का भोज पूरे गांव वालो को खिलाया।
    और उन दोनो कि जाति भी अलग थी।

  • @deepalisrivastava4641
    @deepalisrivastava4641 7 місяців тому

    Yeah story sun k positively mili, ki apko ess chiz ka shak ho uska solution khud hi dhodho. 🎉

  • @rajdeepjjsingh6451
    @rajdeepjjsingh6451 7 місяців тому

    Sir me Etah se hi hu
    Aapne bahut aacha explain Kiya hai or jo bhi kaha sb ek dum Satya hai 🙏

  • @Allu_Arjun_Short
    @Allu_Arjun_Short 7 місяців тому +2

    Rip Hakim ji

  • @rakeshchandrasharma6021
    @rakeshchandrasharma6021 7 місяців тому +1

    इसमें कोई नई बात नहीं है, तेरहवीं तो कई लोग जिन्दा रहते स्वयं कर देते हैं । मैने भी 45/46 वर्ष पूर्व अपने गांव में एक बुजुर्ग को करते हुए देखा है ।😢

  • @rohitbhai8074
    @rohitbhai8074 7 місяців тому +1

    जो भी हुआ वो पहले भी कई बार हो चुका है ,,, पर एक बात सच हे की परिवार का कोई भी व्यक्ति केसा भी हो हिंदू धर्म में उसके मरने के बाद पितृ दोष के डर के मारे उसका क्रिया करम और बाकी की हर रस्म इसके परिवार के द्वारा की जाती है

  • @Only_Education559
    @Only_Education559 7 місяців тому

    Sir,mein sakeet ka hi rehnewala hoon Aaj Dil khush ho gaya Aapne Jo kahani sunai.

  • @uditabanerjeeteachingworld5932
    @uditabanerjeeteachingworld5932 6 місяців тому +1

    मैं आपका फैन हूं आप जब से स्टार्ट किए थे उसके दो तीन महीने बाद से ही मैंने सब्सक्राइब किया

  • @sonagraramesh6037
    @sonagraramesh6037 7 місяців тому +2

    Nice Kahani ❤

  • @madhumuktamohanty8354
    @madhumuktamohanty8354 7 місяців тому +1

    Yahi he hakikat. Koi kisika nehin hota, sach me. Sab kuch mazboori me chalta hai.

  • @parvezkhan7743
    @parvezkhan7743 7 місяців тому +2

    प्लीज सर कुकू एफएम वाला यह जो आप प्रचार मत किया करिए बहुत तकलीफ होती है बर्बरी कीजिए बराबरी की चीज बहुत ज्यादा इसमें इंटरप्शन होता है

  • @inderjitsingh-go6yh
    @inderjitsingh-go6yh 7 місяців тому

    👍👍👍🙏🙏🙏 Ram naam Saty hai Saty Bolo Gat hai. Bhagwan inki Aatma ko apney charno may Sathan denge Aur Sabhi Sakey Sambandhiyo ko aatmik Bal pardaan karengey. Jai Seeya Ram Ji.

  • @surindermuker1173
    @surindermuker1173 7 місяців тому +1

    Mere mama sasur ne bhi kraya tha unke koi aulad nahi thi unki wife ek saal pehle hi expire hui thi.or jo bhi unke bank account me tha bo pinglwada me daan kr gye the.yeLUDHIANA KI BAAT HAI 2006 KI.INKE MAMAJI KA NAAM BHI HAKIM SINGH HI THA.

  • @anjalimishra5280
    @anjalimishra5280 7 місяців тому

    आप ने सही कहा आज की दुनिया में कोई भी किसी के लिए कुछ भी नहीं करता है।

  • @user-re9lv9dw1j
    @user-re9lv9dw1j 7 місяців тому +1

    Garud Puran mein likha hai sar ki jite ji mrutyu bhoj bhi kar sakta jiska apna koi nahin hota hai vah kar sakta

  • @PoojaYadav-fb4be
    @PoojaYadav-fb4be 7 місяців тому +1

    Aaj kal ke jyadatar bachche maa baap ka budhape me khyal nahi rakhate,ye jante hue bhi keval maa-baap apna sab kuchh luta kr bhi apne bachcho pr aanch nahi aane dete. Inki story se ye sikshaa milti hai ki bhai-chacha-bhatija ke bich riste achchhe nahi the (jo ki aaj kal har 2/1 gher me dekhne ko mil jayega

  • @CarryonCarryon-wp8ik
    @CarryonCarryon-wp8ik 7 місяців тому +2

    संभल साहब आपकी आज की कहानी बहुत ही different hai aur sunane mein bhi बहुत अच्छी है

  • @iprabha345
    @iprabha345 7 місяців тому

    साहब आप कहानी लाते है एकदम दिलचस्प जो ना कभी सुनी और देखी

  • @anjanpatel4714
    @anjanpatel4714 7 місяців тому

    Namaste Shamsji🙏, kahani badi dil chhu ne wali or Rishton ki importance samzane wali hai, hamare Gujarat mai kai Gujarati marne se pehle ye sab karte hai , pura kunba hota hai, bete, betiyan hoti hai lekin parents ki khushi ke liye karte hai jis ko “ jivat charya “ kehte hai.

  • @ankitraviyadav5363
    @ankitraviyadav5363 7 місяців тому +2

    Bhai this story belongs to my district this is truly 💯

  • @Shalini98956
    @Shalini98956 7 місяців тому +1

    Shams ji is story ko sunkee Dil bohot bechain hogyaa or sochne pe bohot majboor hogyaa kii humare apne bi ese ho sakte h kya 😐😞

  • @BheruBhambi
    @BheruBhambi 7 місяців тому +1

    🙏🏿🙏🏿 jai shree ram 🙏🏿🙏🏿

  • @shyamaa9259
    @shyamaa9259 7 місяців тому +2

    एक विश्वास है जो अंधविश्वास भी कह सकते हैं--जो अपनी जीवित रहते मृत्युभोज करवा दे तो उसकी जल्दी मृत्यु हो जाती है।

  • @Karmakraft17
    @Karmakraft17 7 місяців тому +3

    Bhagwan unki aatma ko shanti de 🙏🏻🙏🏻

  • @Rajwanti-nc1oz
    @Rajwanti-nc1oz 6 місяців тому

    हरियाणा और दिल्ली देहात में ईस आयोजन को जीवन जग कहते हैं . चाहे कोई खुद करै या उसके बेटे करें 🙏