राजा परीक्षत की कथा और जनमेजय का सर्प यज्ञ कवि रेवंत दान कोडा

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  • Опубліковано 28 гру 2024

КОМЕНТАРІ • 11

  • @sampatsampat6148
    @sampatsampat6148 4 роки тому +2

    वाह बा वाहा धन है आपरी मात पिता जी नो

  • @vikramcharan6735
    @vikramcharan6735 4 роки тому +1

    जुग जुग जियो कविराज... ज्ञान और संवाद की सरिता अनवरत बहती रहे

  • @herajchoudhary258
    @herajchoudhary258 4 роки тому +1

    Vah baji vah.....

  • @KDJHEEBA
    @KDJHEEBA Рік тому +1

    रेवंत दान जी भागवत कथा करनी शुरू की तो भगडो री छूटी हो जासे

  • @RamtaJogi-zd5yi
    @RamtaJogi-zd5yi 4 роки тому

    Jug jug jiyo the

  • @jitendraahampaSir
    @jitendraahampaSir 4 роки тому

    धन्नणामाटण का मतलब क्या होता है????

    • @KDJHEEBA
      @KDJHEEBA Рік тому

      धनि का मांटी सें बना शब्द हैं l मतलब मालिक का भी मालिक

  • @simranfilmstudio
    @simranfilmstudio 4 роки тому

    Wow baji

  • @हनीफखांन-म6ण
    @हनीफखांन-म6ण 4 роки тому +1

    Amar Ho Javo Jug Me Kanto Ni Bhage Pag Me

  • @gsrathorebhajan103
    @gsrathorebhajan103 7 місяців тому

    मैं आपको टोक नही रहा हूं
    पर अपनी समझ अनुसार यह कथा भागवत में हैं महाभारत में नही
    गल्ती हो तो माफ करना
    और दूसरा यह की आस्तिक ऋषी वासुकी जी का भांजा था दोहिता नहीं सा
    जय श्री राम जी
    G S मेड़तिया

  • @simranfilmstudio
    @simranfilmstudio 4 роки тому

    Very nice video