MP में झोलाछाप Doctor भी खोल सकेंगे Clinic; Congress बोली- दिया जा रहा मारने का लाइसेंस

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  • Опубліковано 19 гру 2020
  • #MadhyaPradesh #Bhopal #MPDoctors
    जिन नीम हकीमों को जान के लिए खतरा बताया जाता है और जिन झोलाछाप Doctors से इलाज कराने से लोग कतराते है. अब Bhopal की Atal Bihari Vajpayee हिंदी यूनिवर्सिटी इन झोलाछाप डॉक्टरों और नीम हकीमों के लिए एक डिप्लोमा कोर्स शुरू करने जा रही है
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КОМЕНТАРІ • 2 тис.

  • @arvindvishwakarmaikona342
    @arvindvishwakarmaikona342 3 роки тому +251

    में छोलाछाप डाक्टर का सपोर्ट करता हूँ बो बहुत अच्छा इलाज करते हैं

  • @dilipchandrakar9545
    @dilipchandrakar9545 3 роки тому +297

    एक बात याद रखना झोलाछाप डॉक्टर नहीं रहेंगे तो गांव के गरीब लोग बिक जायेंगे।

  • @mahipalrajpurohit6111
    @mahipalrajpurohit6111 2 роки тому +50

    डिग्री धारी डॉक्टर रात्रि फोन भी नही उठाते है,क्योंकि उनको पता है कि सैलरी नही कटेगी ।। तभी यही झोलासप dr काम आते है

  • @user-kf9sd6if6m
    @user-kf9sd6if6m 5 місяців тому +7

    प्राथमिक चिकित्सा उपचार डिप्लोमा कोर्स विद्यार्थी 👍💉🧑‍⚕️🥰मेरा सपना पूरा हुवा धन्यवाद अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय 🧑‍⚕️🙏

  • @nokhelal7872
    @nokhelal7872 3 роки тому +128

    बडे डाक्टरो के यहा लोग मर जाता है तो इसका जिम्मेदार कौन है पत्रकार जी बताओ

    • @amanshivhare3000
      @amanshivhare3000 2 роки тому +4

      Haaa ,,RMP doctor se jayda mbbs doctors ke paas log mar jaate hai

    • @KuldeepSingh-kr9jg
      @KuldeepSingh-kr9jg 2 роки тому +2

      Right

    • @dr.rajnarayansahu846
      @dr.rajnarayansahu846 2 роки тому +4

      MBBS doctor se bhi jo moutey hoti h uska jimmedar koun hota h
      Mbbs wale apne aage bams,bhms, ko bhi jholachap ki shreni me mantey h
      Sarkar ka sirf ye hi prayas h ki un practioner ko trend kiya jaye jo chikitsha k chetra se jurdh h 8 to 10 years se practice kr rhe h
      Sarkar ka prayas h unko vaidth trike se prachit kr k diploma diya jaye taki ssmaj me wo apni chiktsha sewaye de sake
      Agar ye Aaron lgatey h ki jholachap jaan se khilwar krtey h to aaj k baad agar kise mbbs doctor se mout hue to us doctor ko kya khege
      Jamin aur aasman ka antar h baato me gwan me mbbs doctor jatey nhi 500rs se 1000rs fess bechare garib unko de patey nhi
      Sarkar kuch aham muddo ka hal nikalna cahti h to vipaksh k logo me khalbali mach rhi h

    • @Shankarsahu1986-p8g
      @Shankarsahu1986-p8g 2 роки тому +1

      ये क्या बताएंगे

    • @nirajsinghsinghenterprises871
      @nirajsinghsinghenterprises871 2 роки тому

      इसका जिम्मेदारी ब**** पत्रकार है

  • @d.ksingh4795
    @d.ksingh4795 3 роки тому +272

    ग्रामीण डाक्टरों को, झोलाछाप डॉक्टर कहकर उन्हें अपमानित न करे, अगर ये डॉक्टर नहीं होते तो आज कितने लोग मर गये होते,

  • @Subodh.Asthana
    @Subodh.Asthana 2 роки тому +106

    मैं मध्य प्रदेश सरकार के इस निर्णय से पूरी तरह सहमत हूं देश की नब्बे प्रतिशत स्वास्थ्य सेवाएं इन्ही के भरोसे है इनको कोटि कोटि प्रणाम इनको बदनाम न करें 🙏

    • @SurendraKumar-fk2su
      @SurendraKumar-fk2su 2 роки тому +1

      Ye bahut srahaniye karya hai

    • @rajrajmeena9928
      @rajrajmeena9928 2 роки тому

      @@SurendraKumar-fk2su New 🆕🆕🆕🆕🆕🆕 in the evening 🌆🌆🌆 in one 🕐 in a day is the evening

    • @prahladmarkam2024
      @prahladmarkam2024 2 роки тому

      इस विश्व विद्यालय के विज्ञापन में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति की बात कही गई है लेकिन ये साले सब ऐलोपैथी से इलाज करना शुरू कर देते हैं इनको ऐलोपैथी का A भी नहीं आता ऐसे ही BHMS,BEMS कोर्स करने वाले भी ऐलोपैथी से ही ईलाज करने लग जाते हैं इनको ऐलोपैथी का कुछ भी पता नहीं होता है बस कुछ दवाई और इंजेक्शन की जानकारी ले लेते हैं और ईलाज शुरू कर देते हैं Pharmaceuticals formulation ka A , pharmacology medicinal chemistry even ki human Anotomy ki bhi knowledge nhi hoti hai....ek aise he BHMS BEMS Dr. we poochha ki human body ka sterility test kaise hota hai... there was no Ans, मैने एक सिंपल सा प्रश्न किया कि What is drug.... भगवान कसम वो डॉक्टर ने तो मेरे दिमाग के पुरजे हिला दिया ड्रग क्या होता है मालूम नहीं उसे उसका जवाब सुनकर हैरान हूँ मैं वह कहता है कि उन्हें ड्रग के बारे में नही जानकारी बस दवाइयों के बारे में जानते हैं मैने कहा कि अच्छा Drug and Medicine में क्या differences है अब सुनते हैं जवाब महापुरुष कहते है ड्रग नसा के लिए होता है और दवाई बीमारी के ईलाज के लिए मैंने अपना सिर पकड़ लिया और उसे शासवत प्रणाम किया कि भाई किसी को जान से मत मार देना।।। अब बताईये ग्रामीण क्षेत्रों में कैसे लोग लोगों की जिंदगी केसाथ खेल खेल रहे हैं ।।।

    • @panditsubhashsharma5713
      @panditsubhashsharma5713 Рік тому

      U r right

    • @panditsubhashsharma5713
      @panditsubhashsharma5713 Рік тому +1

      Mbbs doctor ke इलाज से मरीज मर रहे हैं उसका जिम्मेवार कौन है

  • @sanjaybabavlog
    @sanjaybabavlog 2 роки тому +36

    भाई झोलाछाप कहकर डॉक्टरों को अपमानित ना करें ना जाने कोरोना काल में अपनी जान की बाजी लगाकर कितने लोगों की जान बचाई है

  • @medicaldreammonitsaini512
    @medicaldreammonitsaini512 3 роки тому +238

    झोलाछाप डॉक्टर एमबीबीएस से भी बहुत बढ़िया डॉक्टर है

    • @hangsapatibala9649
      @hangsapatibala9649 3 роки тому +1

      💓💓🙏🙏

    • @kingmastergameing7648
      @kingmastergameing7648 3 роки тому +5

      Bhai app jholachhap se hi elaj karana

    • @kingmastergameing7648
      @kingmastergameing7648 3 роки тому +2

      MD MBBS ke pas mat jana

    • @tarunroy1505
      @tarunroy1505 3 роки тому +7

      @@kingmastergameing7648 maine jholashap se he treatment leta hu. Bohut accha treatment karta he . Aap v leke deko. Village me night ko jholashap doctor he milta he. mbbs nahi milta he. Jholashap doctor ko phone kar do o doctor gharpe aa jata he.

    • @krishnakol3838
      @krishnakol3838 3 роки тому

      Ye to bhai aap neet exam nikaal nahi paa rahe honge tabhi to cholachaap ko sapoort kar rahe ho

  • @medicaldreammonitsaini512
    @medicaldreammonitsaini512 3 роки тому +177

    आपको झोलाछाप डॉक्टरों को डिग्री देनी चाहिए लाइसेंस लेना चाहिए क्योंकि उनके पास पढ़ने के लिए पैसे नहीं होते

    • @ShivKumar-fp3fp
      @ShivKumar-fp3fp 3 роки тому +2

      Right sir

    • @pankajojha9995
      @pankajojha9995 3 роки тому +2

      Corona me Sab MBBS Dr bhag Gaya aadmi ke mar ke paisa leta hai Sab q ki BADA BADA masin rakhata hai log

    • @rekhabhoomi2327
      @rekhabhoomi2327 2 роки тому

      हाँ भाई सही कह रहे हो आप 😢😢😢😢😢😢😢

  • @raghurajpalisunrai2411
    @raghurajpalisunrai2411 Рік тому +6

    प्राथमिक उपचार से ग्रामीण क्षेत्र के विकास में सहायक है
    सही निर्णय ह सरकार का

  • @SanjayKumar-qi2zw
    @SanjayKumar-qi2zw 2 роки тому +9

    बड़े, बड़े हॉस्पिटल में तो गरीब लोगो का किडनी, लीवर,heart सभी निकाल लेते हैं। वेंटीलेटर पर मृत लोगों को oxygen लगा कर 5से 16 लाख बिल थमा दिया जाता है। उनपर भी डिबेट कीजिए।

  • @Manojlive306
    @Manojlive306 3 роки тому +263

    बिलकुल सही कोरोना काल में यही झोला छाप डॉक्टर ही लोगो की जान बचा रही हैं डिग्री धारी तो घर में है।

  • @pushpendraupadhyay3235
    @pushpendraupadhyay3235 3 роки тому +189

    जो भी गाव मे डॉक्टर है ।।उनको हल्के मे ना ले ।। एमबीबीएस को भी पीछे छोड देते हैं ।। वो ही है ।। जो गरीबो का इलाज करते है ।।। क्रपया उनको झोलाछाप ना कहे ।।।

    • @vksvinaykumarsen781
      @vksvinaykumarsen781 3 роки тому

      Lut rahe hai

    • @pushpendraupadhyay3235
      @pushpendraupadhyay3235 3 роки тому +3

      @@vksvinaykumarsen781 abhi goverment me jaao malum pd jayegi
      .. kya hota he

    • @patricktete4229
      @patricktete4229 3 роки тому

      Unco sabhi degrees degrees do,very good,MR CP,,FRCS ek saal mein de do ab Vishwa guru hone se koi rok nanhi sakta!

    • @patricktete4229
      @patricktete4229 3 роки тому

      Uncomfortable suitcase chchap bolo.

    • @shrawansahu7367
      @shrawansahu7367 3 роки тому +2

      @@vksvinaykumarsen781 jo jhola chhap nahi hai wahi to garibo ko lakho rupye lutata hai

  • @kamalkantsaini6890
    @kamalkantsaini6890 3 роки тому +58

    अब तक कितने झोलाछाप डॉक्टरों को रोक पाई है सरकार , इससे अच्छा है उनको प्रशिक्षण देकर मान्यता दी जाए

  • @VishwVaidikBrahman
    @VishwVaidikBrahman 3 роки тому +20

    बिल्कुल सही बात है करोना काल में कोई भी बड़ा डॉक्टर देखने से डरते हैं गांव के ही झोलाछाप डॉक्टर कितने मरीजों को बचाएं हैं नहीं तो गरीब लोग मर गए होते और कितने गरीब लोग बड़े डॉक्टरों के सामने बिक गए होते ।
    करोना काल में झोलाछाप डॉक्टर ही भगवान के रूप में वरदान साबित हुये है ।

  • @mayankkumarjatav7562
    @mayankkumarjatav7562 3 роки тому +193

    क्या एम बी बी एस डा, के द्वारा दिए गए इलाज से मरीज़ नहीं मरेगा इसकी क्या गारंटी है?

  • @user-cc1hd9jc4d
    @user-cc1hd9jc4d 3 роки тому +19

    झाेलाछाप मत बोले गरीबो के भगवान है ये ।

  • @AnkitRaj-zm1yr
    @AnkitRaj-zm1yr 3 роки тому +10

    बेशर्मी की भी हद होती है ।जिस डाक्टर के सहारे 70% लोग जिते है उनकी इतनी बदनामी ।क्या MBBS से मरीज का मौत नही होते है ।

  • @sukantabiswas9840
    @sukantabiswas9840 Рік тому +5

    कांग्रेस का इस नेता को छह महीना गांव में रहने कहो। भगवान का दर्जा देंगे झोलाछाप डॉक्टर को

  • @rkthakur9484
    @rkthakur9484 3 роки тому +306

    आज देश में इस महामारी के दौरान गांव में झोला छाप डाक्टर ही सेवा दे रहे हैं साहब

    • @gnetworkhealth8590
      @gnetworkhealth8590 3 роки тому +2

      Kuchh seva nhi de rhe h copy krne ko seva nhi khte hgram positive Or gram negative ki jaankari nhi hoti

    • @tauseefraza4754
      @tauseefraza4754 3 роки тому +10

      Jhola chhap doctor to covid me healp karte Mbbs to Ghar par lockdown ke maje let h

    • @anilkumar-lk3bz
      @anilkumar-lk3bz 3 роки тому

      Jai sri ram

    • @chandrasekharrathore3010
      @chandrasekharrathore3010 3 роки тому +22

      पहले ये आंकड़ा निकालना होगा कि झोला छाप डाक्टर से कितने लोग मरे हैं और MBBS डाक्टर और अस्पताल में कितने लोग मरे हैं

    • @musicrj1854
      @musicrj1854 3 роки тому

      Shi h

  • @kunalkumarsingh7094
    @kunalkumarsingh7094 3 роки тому +94

    झोलाछाप डॉक्टर ना रहे तो ग्रामीण में कितने आदमी की मौत हो जाएगी

  • @brijeshchauhan128
    @brijeshchauhan128 3 роки тому +7

    पत्रकार साहब..!! जरा हमें ये बताओ की मरीज केवल झोला छाप के ही पास मरते हैं? क्या डिग्री धारक सरकारी डॉक्टर के पास नहीं मरते? यदि ईमानदारी से आंकलन करोगे तो मरीजों के मरने की सबसे अधिक संख्या डिग्री धारकों के पास ही पाओगे..। यदि पूरे भारत में मरीजों के मरने की संख्या का आकलन किया जाय तो सबसे अधिक डिग्री धारकों के पास ही मिलेगा..!! और दूसरी बात.. कोरोना काल में डिग्री धारक डॉक्टर्स मरीज को नहीं देखते थे और यदि कोई देखता भी था तो 4 मीटर के दूर से ही, उसको टच नहीं करते थे..(अर्थात इलाज ढंग से नहीं हो पाता था) वो इसलिए कि उन्हें अपनी जान से काफी मोहब्बत थी। और तीसरी बात...--
    यदि ग्रमीण डॉक्टर ना हों तो एक गरीब इलाज बिना मर जाएगा.. लोगों के आर्थिक स्थीती पर काफी प्रभाव पड़ जाएगा..!! क्योंकि ग्रमीण डॉक्टर्स मरीज को 10 रु में भी इलाज कर देते हैं..!! यदि वो भी ना हो तो उधार भी कर देते हैं..!! लेकिन इलाज करते हैं..!!
    पर एक डिग्री धारक डॉक्टर के पास कम से कम 1500₹ का बजट हो तभी इलाज संभव है अन्यथा असंभव..! यदि सरकारी हॉस्पिटल की बात करें तो वहाँ भी कम से कम 1000/₹ का बजट हो तभी इलाज संभव है.. क्योंकि वहां के डॉक्टर्स आजकल 98 % दवाइयां बाहरी लिखते हैं.. जिसे मरीज को पैसा देकर स्वयं खरीदकर लाना पड़ता है..!!
    चौथी बात...---
    कोरोना काल में स्वयं को खतरे में डालकर यही ग्रमीण डॉक्टर जिसे आप झोलाछाप कहकर अपमानित करते हैं, ग्रमीण लोगों का इलाज ढंग से करते थे..अर्थात( जरूरत पड़ने पर इंजेक्शन भी लगाते थे..) जिससे मरीज का इलाज ढंग से हो पाता था..!! और आपके डिग्री धारक डॉक्टर्स तो 4 मीटर दूर से ही बात करते थे कि कहीं उनको कोरोना ना हो जाए..!! क्योंकि उनके कर्तव्य से ज्यादा उनकी जान महत्वपूर्ण थी क्योंकि वो डिग्री धारक डॉक्टर हैं..!!
    पांचवी बात...---
    ग्रामीण डॉक्टर्स का इलाज आपके डिग्री धारकों से कम नहीं होता है..! ग्रमीण डॉक्टर्स भी काफी अच्छा इलाज करते हैं..! विश्वास ना हो तो एकबार इलाज करवाकर देख लें जनाब..!!
    छठीं बात...---
    ग्रमीण मरीज अपना प्राथमिक उपचार सर्व प्रथम ग्रमीण डॉक्टर्स के पास ही करवाते हैं.. जिसमें से लगभग 85% यहीं पर ठीक हो जाते हैं...बाकी के बचे 15% ही आपके डिग्री धारकों के पास जाते हैं..!!
    पत्रकार साहब अब आप ये बताइए.. कि क्या ग्रमीण डॉक्टरों को झोलाछाप कहकर अपमानित करना उचित है..??

    • @awadheshsharma2852
      @awadheshsharma2852 2 роки тому

      गांव के गरीबों का इलाज पत्रकार महोदय करवा देंगे बड़े डॉक्टरों से फ्री में

  • @Diwanaraju7549
    @Diwanaraju7549 2 роки тому +5

    डिग्री माईने नहीं रहता है बस जानकारी जरूरी है
    👍🏽👍🏽👍🏽👍🏽👍🏽👍🏽 अगर जानकार हैं तो क्यों नहीं इलाज करवाए गा

  • @priyankarawat4744
    @priyankarawat4744 3 роки тому +91

    12वीं पास बच्चों के लिए जो ट्रेनिंग का फैसला लिया गया है एक साल का बहुत ही अच्छा लिया गया और जिन लोगों ने क्लिनिक अपनी खोली है उनको भी एक सर्टिफिकेट दिया जाए

  • @benkteshpandey5495
    @benkteshpandey5495 3 роки тому +41

    एमबीबीएस डॉक्टरों से भी अच्छी भूमिका निभा रहे गांव के झोलाछाप डॉक्टर और गांव के मरीजों को पूरा सहयोग मिल रहा है झोलाछाप डॉक्टरों से तथा उपचार से ठीक भी हो रहे हैं इस संकट की घड़ी में झोलाछाप डॉक्टरों का योगदान महत्वपूर्ण है एवं झोलाछाप डॉक्टरों का कार्य ग्रामीण मरीजों के प्रति सराहनीय हैं

    • @narayanbanjare8254
      @narayanbanjare8254 3 роки тому +1

      इसका काल में झोलाछाप डॉक्टर नहीं होते गांव में तो डेड बॉडी रखने की शमशान में भी जgah नहीं होता हॉस्पिटल की बात छोड़ो

    • @anilkumachandra7765
      @anilkumachandra7765 3 роки тому +1

      एमबीबीएस जितने भी डॉक्टर है ना उन लोग बोलते हैं कि कल आ जाना आज हमारे पास टाइम नहीं है मैं कहीं दूसरी जगह जा रहा हूं

  • @BharatRam-ug9iv
    @BharatRam-ug9iv Рік тому +4

    आज किसी भी पार्टी में अंडर कक्षा 8 ,व 10 के लोगों को विधायक सांसद यहाँतक कि मंत्री , प्रधान मंत्री का चुनाव आप जैसे लोग कर देते हैं । जहां ग्रामीण लेवल पर प्रशिक्षित कर डिप्लोमा देकर प्राथमिक इलाज़ की बात हो रही है जिसके अन्दर गरीब अमीर सभी का सस्ते से सस्ते में बिना फीस का भी समय रहते ईलाज हो जाता है । जान बच जाती है अच्छी पहल है ।

  • @-M-xk2iu
    @-M-xk2iu 2 роки тому +6

    बड़ी-बड़ी डिग्री लेकर जो डांक्टर बनें है।
    उनकी क्या गारंटी है कि मरीज नहीं मरेंगे।

  • @riteshjain708
    @riteshjain708 3 роки тому +168

    रात को ग्रामीण क्षेत्र में झोलाछाप ही डॉक्टर काम देते

    • @mintugiri9506
      @mintugiri9506 3 роки тому +1

      True

    • @Nursingcompetitiveexamgroup
      @Nursingcompetitiveexamgroup 3 роки тому +1

      Right bro

    • @alpeshthakor6444
      @alpeshthakor6444 3 роки тому +1

      Sahi baat hai bro

    • @khushbutomar4001
      @khushbutomar4001 3 роки тому +1

      Ryt

    • @zubairrangoonwale4700
      @zubairrangoonwale4700 3 роки тому +4

      Government doing good job, slap mbbs doctors who loves money n go to cities or foreign countries, they dont want to live or stay or work in villages, shame on them, if 12 th pass can become diploma doctor's then definately it benefits local villagers n local peoples, these doctors will be trained for one year after 12th, n they know their limits, as seniors will teach them what to do or not to do, n remember 12 th pass student is not illiterate at all, as we see local doctors without degree will not pass even 10th class, so how these stupid people on news channels talking rubbish, n also I want to say that they are saying who will take responsibility of these doctors, so as everyone knows that every year government catches these doctors n filed case on them, bcoz these doctors dont know even names of medicines, they are not educated at all, while here government says that we give diploma to 12 th pass students who pass 12th in science stream, n then we trained them for one year, so how can you compare these doctors to ghholachap doctors, their is no comparison between them, n also remember that even hospitals n specialists n mbbs doctors doing wrong every day, we hear news about them that they are doing wrong n doing frauds, so many peoples die bcoz of their carelessness n wrong treatments, so who will responsible for that, so these type of things can be happen anywhere, that does not mean that only these 12 th pass student doctors will do wrong, n all other mbbs n specialist doctors are very good n innocent n not doing any frauds, I think those peoples who are creating problems if government doing something good for the society, then please slap all those peoples who are creating problems on something important issues, as previous government had not done this, bcoz they are not interested in this, as everyone knows medical colleges crores scamps on money to benefit rich people's, n all the medical colleges are of politicians n especially congress leaders, so if this will happen for diploma after 12th, these congress leaders will be on backfootn n dont get that crores of rupees as they usually deal with

  • @dr.kaushalkaushal217
    @dr.kaushalkaushal217 3 роки тому +79

    बीस साल मै प्रेकटिस कर रहा हूँ पता कितने डिग्री धारी डाक्टरों से की इलाज का ढ़ंग देखा है डाक्टर हम लोग अपने को कभी नहीं कहा डाक्टर गाँव के लोगों ने झोलाछाप आप लोगो ने नाम दिया है

  • @balwansinghchauhan3836
    @balwansinghchauhan3836 Рік тому +3

    डिग्री वाले गांव में इलाज करने को तैयार नहीं और गांव के प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर इलाज करे तो क्या ग़लत है। जितना डिग्री वाले फीस लेते हैं उससे कम में वो सारा इलाज कर देते है

  • @funda7091
    @funda7091 Рік тому +4

    अगर गाव में यह डॉक्टर नहीं हो तो
    गरीबों को इलाज तक नहीं
    मिल सकती हैं

  • @ajayagrawal9397
    @ajayagrawal9397 3 роки тому +129

    बड़ी बड़ी डिग्री लेकर ये डाक्टर के इलाज मे क्या गारन्टी देते है कि मरीज नही मरेगा ।अगर मर जाता है तो क्या इनके खिलाफ कोई कार्यवाही की जाती है

    • @abdullaabbas718
      @abdullaabbas718 2 роки тому

      Inko bhi jel me daldena chahiye ,
      12 mahune k liye ,

    • @amritsarkar9708
      @amritsarkar9708 2 роки тому

      Right bro..

    • @mahadevtantrum6932
      @mahadevtantrum6932 2 роки тому

      सही कहा 👍

    • @mahadevtantrum6932
      @mahadevtantrum6932 2 роки тому +2

      पहले कौनसी ड्रिग्री होती थी गुरु शिष्य परम्परा से वैद्य बनते थे सब खाने कमाने का अंग्रेजी खेल है

    • @mohiniyadav4769
      @mohiniyadav4769 2 роки тому

      Yh sarkarka srahniy kary hai.

  • @Krishnasharmablog710
    @Krishnasharmablog710 3 роки тому +67

    आपसे एक बात बोल दु की गांव में डॉक्टर ना रहे तो कितना रोगी गांव से बड़े हॉस्पिटल जाते जाते मर जायेगा सबसे बड़ी बात तो यह है कि गरीब परिवार आपके बड़े हॉस्पिटल में जाता है तो वहाँ पे जितना डॉक्टर फी होता है उतना में लोग उसका इलाज हो जाता है आपलोगों से एक बिनती है कि इस कोर्स को लाया जय

  • @mr.geetamsingh4130
    @mr.geetamsingh4130 2 роки тому +4

    बड़े बड़े नगर कोठियां में रहने वाले धनाढ्य क्या जाने गरीब की परेशानी।

  • @kailashmandal7210
    @kailashmandal7210 3 роки тому +4

    एम बी बी एस डाॅक्टर के प्राइवेट क्लिनिक में कितने कम्पाउंडर डिग्रीधारी होते हैं?
    जो भी झोला छाप डाक्टर गाँव घर में सेवा दे रहे हैं
    वे भी तो किसी एम बी बी एस डाक्टर से कइ सालों का एक्सपेरिएन्स लिए हुए हैंं!

  • @ganeshlodhihindulilhare4796
    @ganeshlodhihindulilhare4796 3 роки тому +38

    MBBS MD की फीस को तो देखो साले पुरा लूट लेते हैं,,,, जय जवान-- जय किसान,,, जय हो झोला छाप डाँ़

  • @drmukeshpanwartonk
    @drmukeshpanwartonk 3 роки тому +114

    ओर बडे डाक्टरों को तो मारने का लाईसेंस मिला हुआ है

  • @RaviKumar-gn4fj
    @RaviKumar-gn4fj 2 роки тому +3

    एमबीबीएस कम से कम 500 रुपए फीस लेते हैं। जो लोग भर पेट खाना नहीं खा सकते ऐसे लोग जुकाम खांसी के लिए भी फीस कहा से लाये। दूसरा ये कि किसी भी हस्पताल में येही लोग काम करते हैं।
    क्या आप ये नहीं जानते कि बहुत से लोग हस्पताल के सामने दम तोड़ जाते हैं क्योंकि उनका नम्बर ही नहीं आया उनकी मौत का जिम्मेदार कौन है?

  • @VIP4ufacts
    @VIP4ufacts Рік тому +3

    पूरे भारत में लागू होना चाहिए ताकि ग्रामीणों को इलाज कराने में सुविधा

  • @shankerdev7670
    @shankerdev7670 3 роки тому +53

    इस कोर्स की समय सीमा अधिक होनी चाहिये जिससे कम पैसे में भी उच्च शिक्षा छात्र पढ़ सकें

  • @ashishkumarpandey5231
    @ashishkumarpandey5231 3 роки тому +183

    ये सरकार बहुत अच्छा काम कर रहे है

  • @sankarlalsankarlal2283
    @sankarlalsankarlal2283 2 роки тому +4

    झोलाछाप डाक्टर बनेंगे तो जनता के लिए बहुत फायदा होगा कयोंकि डाक्टरों की लूट से फायदा होगा गरीब जनता भी इलाज करवा सकेगी
    मजदूर वर्ग निहाल हो जायेगा
    बुजुर्गो को पैसे के अभाव में ससता व फरी भी ईलाज होगा ओर बङे डाक्टरों का हंकार शिर चढा हुआ भी ठीक होगा

  • @VIMALKUMAR-zb8xm
    @VIMALKUMAR-zb8xm 2 роки тому +3

    छोटे doctaro को झोला छाप बोल कर इन्हे अपमानित ना करे आज आज छोटे डाक्टर की वजह से करीब लोगो को बहुत मदत मिलती है इलाज कराने मे

  • @samratmedicalknowledge2113
    @samratmedicalknowledge2113 3 роки тому +110

    झोलाछाप डॉक्टर चिकित्सा जगत का रीड है अगर वो नहीं रहे तो गांव में कितने जानें जाएगी समझ से बाहर।
    अच्छे हॉस्पिटल जाते जाते मौत हो जाएगी।
    यही झोला छाप है तो गांव में जीवन है।

  • @faizkhanvlogs317
    @faizkhanvlogs317 3 роки тому +18

    ऐसे तजुर्बे कार झोलाछाप पड़े हैं कि एमबीबीएस को पीछे छोड़ देते हैं

  • @gopalyadav9287
    @gopalyadav9287 7 місяців тому +1

    मध्यप्रदेश सरकार को धन्यवाद करता हूँ ये रोजगार देने के लिए! और पत्रकार महोदय से सवाल है की कियां बड़े हॉस्पिटल में मरीजों की मौतें होती है उसके लिए किया पत्रकार महोदय जिम्मेदार है

  • @Arvindkumar-op6mu
    @Arvindkumar-op6mu 3 роки тому +3

    अच्छा कदम है। MBBS डॉक्टर से भी मौत होता है।जब उसको अच्छी शिक्षा मिले तो कियों न इलाज कर पायेंगे।

  • @ankitdhakad7589
    @ankitdhakad7589 3 роки тому +156

    सरकारी अस्पताल में मौत होती है इसका जिम्मेदार कौन होता है

  • @rajeshkurmi1593
    @rajeshkurmi1593 3 роки тому +59

    नेचुरोपैथी डिग्री और डिप्लोमा कोर्स Terening दे सरकार जिससे मेडिकल इंडस्ट्री की लूट बंद हो और मानव सेवा कर सके

  • @rahulsharma5594
    @rahulsharma5594 11 днів тому +2

    मेरी 1 बात समझ।में नही आरही प्राथमिक चिकित्सा उपचार करना वो भी इमर्जेंसी में ऐसे में इन कांग्रेस के लोगो को क्या दिक्कत है भाई ।रात को 2 बजे 3 बजे एमबीबीएस डॉक्टर की व्यवस्था कर सकते क्या ये लोग
    हमारे लिए तो गांव के डॉक्टर ही एमबीबीएस है

  • @mkmanuofficial123
    @mkmanuofficial123 Рік тому +2

    मै सरकार के निर्णय से सहमत हैं क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टर नहीं होंगे तो आधा मरीज गांव में ही मर जायेंगे

  • @k.dyadavdoctorvet.9600
    @k.dyadavdoctorvet.9600 3 роки тому +61

    झोला छाप डॉक्टर गरीबो का डॉक्टर होते है
    हमारे गांवो में झोला छाप डॉक्टर ही इलाज करता है और उसके सामने डिग्रीधारी डॉक्टर भी फेल हो जाते है।

  • @rajbiharimusicalgroup6295
    @rajbiharimusicalgroup6295 3 роки тому +39

    यह समस्त भारत में लागू होने चाहिए।

  • @ravindrakumar-ug6lo
    @ravindrakumar-ug6lo 2 роки тому +2

    पत्रकार साहब प्रत्येक गांव में एमबीबीएस सरकार से सरकारी डॉक्टर के रूप में बहाल करा दो झोलाछाप डॉक्टर की जरूरत नहीं पड़ेगी लगता है आप ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा नहीं किया है सरकार की औकात नहीं है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छे डॉक्टरों की बहाली करें जैसे ग्रामीण जनता को सही इलाज मिल सके

  • @dayanandprasad3088
    @dayanandprasad3088 3 роки тому +3

    करोना काल मे झोला छाप डॉक्टर ही बहुत से लोगों का जान बचाया हैं l

  • @nandankumarsah3859
    @nandankumarsah3859 3 роки тому +35

    झोला छाप नहीं होता तो कितनी की जान भी चले जाते Corona kal me

  • @jafar_7860
    @jafar_7860 3 роки тому +27

    वैसे बड़े बड़े हॉस्पिटल में भी लोग मर रहे है साहब जो लिखा है वो तो होके रहेगा ओर जितनी मालिक ने अपनी जिंदगी लिखी है उतना ही इस दुनिया रहना है। साहब मौत ओर जिंदगी का मालिक ईश्वर अल्लाह है साहब

    • @homeaccount9379
      @homeaccount9379 2 роки тому

      Sahi niranya h sarkar ka yo hona chahiya all india level p modi ji u are great jab tak aap han aap hi pm rahen

  • @Shakeel-Ahmad-Media-Sitapur
    @Shakeel-Ahmad-Media-Sitapur 3 роки тому +3

    Sir mai Uttar Pradesh Lucknow se hun mujhe karna hai mai practice Doctor hun Aur covid-19 mein sabse zyada helps kiya hun

  • @ashokkumarsahu7649
    @ashokkumarsahu7649 2 роки тому +1

    छत्तीसगढ़ मे भी सन् २००१ मे ग्रामीण क्षेत्रो के प्रेक्टिस करने वालो को एक वर्ष वाला पैरामेडिकल कोर्स करवाया गया था अजीत जोगी के कार्य काल मे मै भी ये कोर्स किया हु

  • @rakeshmaran4667
    @rakeshmaran4667 3 роки тому +75

    हमारे गांव में कोरोना से केवल एक व्यक्ति मारा है बड़ी अस्पताल में इलाज कराना चला गया था बाकी सब झोलाछाप डॉक्टर से इलाज करा कर ठीक हो गए

    • @jagtarsingh8877
      @jagtarsingh8877 Рік тому

      Hummare bhi jo bade hospitald mein vo marr kr hi aye Jo Gao me ilaj krate rhe vo Bach Gaye

    • @ravindrabiswas1605
      @ravindrabiswas1605 8 місяців тому

      Right

  • @R.k.medicose
    @R.k.medicose 3 роки тому +102

    Kya
    Mbbs doctors k hath mot nhi hoti kya?

    • @dr.niranjankumarsaha4223
      @dr.niranjankumarsaha4223 2 роки тому

      ভারতের ভুখন্ডে সাধারন চিকিৎসাদেওয়ার ক্ষেএে বিরুদ্ধাচরণ করা,ওরাজনৈতী রংগ লাগানো কি ঠিক? ভারতের নিকট বতী' উপমহাদেশে ঐ রুপ চিকিৎসার প্রচলন বহু পুবে' থেকে চলছে

    • @abdullaabbas718
      @abdullaabbas718 2 роки тому

      Hoti he .

  • @rudrareddy1159
    @rudrareddy1159 2 роки тому +1

    मेरा अनुरोध है कि सही जानकारी TV चेनल पर दिखाए

  • @rakeshmakwana7402
    @rakeshmakwana7402 3 роки тому +1

    हर इंसान के पास इतना पैसा नहीं होता है कि वह बड़े डॉक्टर से इलाज करा सकते हैं और बड़े-बड़े डॉक्टरों की फीस भी इतनी ज्यादा होती है कि वह अपने दैनिक आय्य से अपना ट्रीटमेंट नहीं करवा सकते और गांव में प्राथमिक चिकित्सक 100/150 सो रुपए में इलाज कर देते और बड़े-बड़े हॉस्पिटल में मृत्यु होने के बावजूद भी उनकी फीस से वह माफ़ नहीं की जाती है हॉस्पिटल की और उसके बाद एक गरीब परिवार को जिंदगी भर की आय हॉस्पिटल में जमा कर देता है

  • @panchrammahra5276
    @panchrammahra5276 3 роки тому +64

    राज्य मध्य -प्रदेश शासन से मेरा निवेदन है कि मध्यप्रदेश के जन स्वास्थ्य रक्षक भाइयों को और प्रशिक्षण देकर बहाली कराने की महान् कृपा करें।

  • @medicaldreammonitsaini512
    @medicaldreammonitsaini512 3 роки тому +19

    एमबीबीएस डॉक्टर गरीब आदमियों को बहुत लूटते हैं

  • @sheeldhir2396
    @sheeldhir2396 2 роки тому +4

    When govt has opened the course , it must have consulted the proper authorities and medical experts by showing the syllabus to them and medical deptt of state govt is not fool to allow this course to be implemented, it has become the habit of mbbs doctor to shout if if any diploma course is started any where in India.When Engineerin course can have diploma course, why not diploma course in medical stream?

  • @vivekyadav-gc3od
    @vivekyadav-gc3od 2 роки тому +2

    आधी रात के समय मरीज बीमार हो जाए तो यह झोला छाप डॉक्टर उसके घर इलाज करने जाते हैं mbbs डॉक्टर मरीज के घर नहीं जाते हैं कितने भाई यह बहनों बच्चों और जानवरों की जान चली जाती प्राथमिक उपचार तो झोलाछाप ही करते हैं

  • @rajeshprajapati366
    @rajeshprajapati366 3 роки тому +55

    झोला छाप डॉक्टर पढ़े लिखे डॉक्टर से भी अच्छे अच्छे बैठे है भाई गांव में ओके सरकारी लोग बस पैसे के लिए मरीज को सही से नही देखते तो वो फिर झोला छाप के पास ही जाकर सही होता है

  • @dhamasachin
    @dhamasachin 3 роки тому +12

    जिस कोरोना मरीज को यह डिग्री धारक डॉक्टर देखने से भी मना कर रहे थे वहां झोलाछाप डॉक्टरों ने उनके पास में जाकर उनका अच्छे से इलाज किया है और एक बात मैं भी बताऊं डिग्री मायने नहीं रखती है ज्ञान कितना है यह मायने रखता है

  • @RajeshKumar-nk5mr
    @RajeshKumar-nk5mr 2 роки тому +2

    आज की यही सच्चाई है कि ... अगर प्राइवेट डॉक्टर्स ना हो और mbbs के भरोसे रहे .. तो मरने वालों की संख्या हजारों में पहुँच जाएगी ॥

  • @medicaldreammonitsaini512
    @medicaldreammonitsaini512 3 роки тому +37

    12वीं पास करने के बाद गरीब लड़कों पर पढ़ने के लिए भी पैसे नहीं होते तो वह झोलाछाप डॉक्टर ही बन जाते हैं

  • @dhamasachin
    @dhamasachin 3 роки тому +8

    इनसे दिक्कत मोटी रकम वाले डॉक्टरों को आ रही है जिनकी फीस हजार रुपए है उन डॉक्टरों को क्योंकि उनका बिजनेस फीका पड़ जाएगा मैं तो कहता हूं सरकार जो भी कदम उठा रही है बहुत सराहनीय कदम है

  • @ekramurrahaman3519
    @ekramurrahaman3519 Рік тому +1

    Jo doctor barson se practice karta hai use registered karna chahye

  • @Vijay885
    @Vijay885 3 роки тому +1

    जब करवाना काल में बड़े-बड़े डिग्री धारी नाग घर में छुप कर बैठे थे तक इन्ही झोलाछाप होने गांव के गरीब और असहाय व्यक्तियों के लिए अपनी जान को दांव पर लगाकर लोगों का इलाज किया

  • @udayparte2000
    @udayparte2000 3 роки тому +40

    Cms/ed ko prathmikta dena chahiya

  • @DeepakSharma-dc2br
    @DeepakSharma-dc2br 3 роки тому +9

    अगर एम डी डा को गलत इलाज करते दिखा दे तो एम डी कोर्स की मान्यता खतम कर दोगे क्या

  • @drsanjivkumarjoshi9729
    @drsanjivkumarjoshi9729 2 роки тому +4

    Plz see the perception of m.b.b.s. then decide what is happening in this country I respect m.b.b.s. docs but all the docs are not same

  • @dr.mohdsharif1941
    @dr.mohdsharif1941 3 роки тому +2

    Unregistered medical professionals should be regularised by the government because of they are link between the patient and doctors thus they fill the gap between government medical health services they also reduce the burden of hospital

  • @shankerdev7670
    @shankerdev7670 3 роки тому +4

    MBBS या अध्यापक क्या फीस या वेतन नहीं लेते फिर इसे सेवा कैसे कह सकते हैं ।

  • @deepaksh5954
    @deepaksh5954 3 роки тому +7

    विवेक शुक्ला जी सबसे पहले आपको ये पता होना चाहिए कि गांव/शहर के लोग इतना भी ना समझ नहीं है जितना आप सोच रहे हैं। सरकारSarkari Hospital मे MBBS,BAMS etc Dr.के बहली तो कर दे रही है पर वहां लोग जाते कहां हैं।होस्पीटल के एक कर्मचारी के घर भी किसी का तबियत बिगड़ जाये तो वो भी प्राईवेट होस्पीटल ही जाता है और शहर के प्रा.होस्पीटल में 30-35%डां.के डिग्री फर्जी ही है पर उसके पास टाईलेंट और नालेज है दिल से मेहनत करते हैं डां.के साथ ही वहां का स्टाप भी वैसा ही मेंहनत करता हैं और वहीं स्टाप आगे चलकर पैसा हो तो डिग्री ले लेते हैं नहीं तो झोलाछाप कहलाता हैं ऐसा ही एक साल के कागज के डिग्री से कोई झोलाछाप डॉक्टर नहीं बनता है और ना ही इलाज करता है।उसे अच्छाई और बुराई का डर होता है और यह सोच गांव के हर प्रेक्टीसनर में होता हैं। सरकारी अस्पताल में डिलेवरी के पेसेंट के अलावा 5-7%लोग ही जाते हैं और ठीक 1-2%ही होते हैं क्यों?.....
    अगर सरकार नवजात शिशु और उसके मां के नाम कुछ पैसा 1000-15000 जो देती हैं वो बंद कर दे तो छोटे शहरों के सरकारी होस्पीटल मे डां.आ के हाजरी बनायेंगे और चले जायेंगे। मैंने अपने शहर के Hospita में दो-तीन डांस.को देखे हैं
    जो4-4.6साल MBBSका कोर्स कर इंटर्नशिप के लिए यहां आये थे जिन्हें अल्ला सटाने भी नहीं आता दवा लिखते वक्त हाथ कांपने लगते थे और इंजेक्शन लगाने तो आता नहीं था वो भी तो अपना एक्सपेरिमेंट मरीज पर ही करते थे होस्पीटल के साथ दीवार पर थोडे करते थे।

  • @vinodpanwar3078
    @vinodpanwar3078 2 роки тому +1

    मेरा मानना है कि बड़े डॉक्टर का सम्मान किया जाना चाहिए वह भी एक भगवान है परंतु या ना हो कि आरएमपी डॉक्टरों को झोलाछाप कह कर शर्मिंदा करें

  • @drshailendranishad9009
    @drshailendranishad9009 2 роки тому +3

    Diploma milna chahiye

  • @k.dyadavdoctorvet.9600
    @k.dyadavdoctorvet.9600 3 роки тому +27

    मैं सरकार की फैसले से सहमत हूँ
    तत्कालीन समय मे झोरे छाप डॉक्टर ही जान बचाते है मैं सहमत हूँ 1st डॉक्टर से

  • @pushpendraupadhyay3235
    @pushpendraupadhyay3235 3 роки тому +10

    बहोत से गाव मे नर्सिंग किये ।। हुए ।। भी इलाज कर रहे ।। उनका भी हक है ।। की वो भी कर सके ।।।

  • @surendratiwari2333
    @surendratiwari2333 3 роки тому +1

    जी न्यूज बताए की एमबीबीएस डाक्टर जितने मरीज को इलाज करते है क्या वो सभी मरीज ठीक होते है,

  • @kawalbhanyadav5762
    @kawalbhanyadav5762 2 роки тому +1

    अगर गांवों में ऐसे चिकित्सक नहीं होते तो कोरोना में बहुत नुक्सान होता । विरोध के लिए विरोध उचित नहीं है।

  • @jafar_7860
    @jafar_7860 3 роки тому +4

    भाई जी डिग्री कोई जरूरी नहीं क्योंकि नॉलेज होना जरूरी है में एक झोलाछाप हू पर पेशेंट देखता हूं हाई ब्लड शुगर हाई ब्लड प्रेशर टीबरक्लोसिस कार्डिएक अस्थमा लंग्स अस्थमा फिवर कोल्ड कफ वर्टिगो पर्किसंच हर्पीज चिकेन पॉक्स सब पेशेंट देखता हूं में क्योंकि मैने एमडी फिजिशियन कार्डियोलॉजिस्ट के पास काम किया है दस साल तक आज मुझे खासा नॉलेज है

  • @ArvindKumar-sx7pz
    @ArvindKumar-sx7pz 3 роки тому +28

    कांग्रेस को हमेशा से अच्छे कामों में दिक्कत आती है

  • @rajamandal4112
    @rajamandal4112 3 роки тому +1

    सर, कोरोना टाइम में कोई भी डिग्री धरी क्लीनिक में सेवा नहीं दिए,बल्कि झोला छाप घर घर जाकर सेवा दिए

  • @magvendrapratap6010
    @magvendrapratap6010 2 роки тому +1

    मध्य प्रदेश सरकार ने बहुत सही कदम उठाया है जिससे क्या स्थानीय लोगों को चोट चपेट सर्दी बुखार की दवा तत्काल मिल सकेगी

  • @drabhinavsagarvishwakarma8565
    @drabhinavsagarvishwakarma8565 3 роки тому +9

    जमा खान साहब जी सही कह रहे कोरोना कॉल में अच्छे अच्छे डॉ छुट्टी का बहाना बना कर कोरोना ड्यूटी से भागते रहे लेकिन आप भी एक बाद मत भूलिए जब डॉ की कमी थी तब आयुष चिकित्सको ने प्रदेश सरकार का साथ दिया है ध्यान दे इस बात पर जब कोई आंगे आना नही चाहता था तब आयुष चिकित्सक ही आंगे आये है और वह भी कम सेलरी में बिना अवकाश के 10 -11 माह स्वास्थ्य सेवा दी, सरकार होश में आये आयुष चिकित्सको को पूर्ण सम्मान का हक है इन्हें स्थाई संविदा संविलियन करे

  • @HarpreetSingh-lo2tf
    @HarpreetSingh-lo2tf 3 роки тому +11

    Sir M.B.B.S Doctors ki jitni fees hoti
    Us sy hafe rate main Pacient Theek ho jata hai

  • @chandershyadav4890
    @chandershyadav4890 2 роки тому +1

    Aisa hona chahiye support karta hun gramin doctor ko..🥀🙏

  • @actilo9370
    @actilo9370 2 роки тому +1

    Ese पत्रकारों पर कानूनी सजा होनी चाहिए ।इनको ये दिखाई नही देता की करोड़ों लोगो की जान झोला छाप डॉक्टर ने ही बचाया है ।

  • @manaranjanbrahmamoranbypas7607
    @manaranjanbrahmamoranbypas7607 3 роки тому +9

    WHO has lunched a short term course (1 and 1/2 years) throughout world to treat the rural mass with primary treatment. In India it is known as CMS & ED. All ready Honourable Supreme Court has given direction to Union Govt. to make arrangement to maintain a register for those primary health worker. These so called doctors does not not go to rural area on other hand they also afraid to loss their demand. These are the doctors who protest the Govt, reforms of MNC bill. Govt. should take strong decision to implement it. So as people get at least the primary treatment in the remote area of the country.

  • @niroghealthcenter6198
    @niroghealthcenter6198 3 роки тому +12

    प्राथमिक उपचार मे दोनों पहलू सिखाया जाता है जनाब,1-क्या करना है ,और
    2-क्या नहीं करना है।
    बिना प्रशिक्षण भी तो इलाज कर ही रहा है,
    आपको क्या लगता है प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद इलाज बेहतर होगा कि बदतर होगा?

    • @MaheshKumar-lt3kk
      @MaheshKumar-lt3kk 3 роки тому

      जन स्वास्थ्य रक्षक भाई और जितने भी वर्तमान में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अस्थाई रूप से काम कर रहे हैं उन्हें स्थाई किया जाए न्यू नए एमबीबीएस डॉक्टर की जिन्होंने अभी-अभी पढ़ाई पूरी की है उन्हें प्राथमिकता से अच्छी सेवा के साथ लेना चाहिए साथ ही झोलाछाप आरएमपी है उन्हें भी लाइसेंस होल्डर करके मानिटरिंग के साथ उन्हें भी अधिकार देना चाहिए इससे प्राथमिक इलाज सस्ता हो जाएगा बड़े डॉक्टर भी अपनी फीस बढ़ाने में सोचेंगे हजार ओर 15 सो रुपए कर दिए हैं ग्रामीण लोगों का काम तो यह लोग ही संभाल ते हे

  • @bhargovdnews3878
    @bhargovdnews3878 2 роки тому

    सरकारी उपचार हर जगह पर कभी भी नहीं पहुंचा पाएंगे

  • @drhashimansari9734
    @drhashimansari9734 2 роки тому +1

    Bilkul sahi h ye course up me bhi hona chahiye ye

  • @3127garud_gameing
    @3127garud_gameing 3 роки тому +9

    सरकार का अच्छी पहल है