ऊंची पहाड़िया मा लगी है बजरिया ॰॰॰ बघेली भगत लोकगीत l बहुत-बहुत प्यारा काली और पंडा का नाच l

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  • Опубліковано 14 жов 2024
  • बघेल खंड में चैत्र नवरात्रि में देवी की उपासना में भक्त जो कि पंडा कहलाते है पूरे नौ दिन उपवास रख कर होम-हवन गुड़ और शुद्ध ghee से करते हैं और माता की चौखट में जवा बोये जाते हैं
    नवरात्रि की नवमी तिथि को सभी पंडा एकत्रित हो कर माता (काली, फूल मती, शारदा एवं अन्य) के चरणों में बैठ कर अपने अपने देवता को अपने भीतर आह्वान करते है
    कुछ लोग ढोलक, नगरिया ,aur अन्य वाद्य से बजाते और भगत गीत गाते हैँ
    फिर काली माता के वेश में काली और खप्पर ले कर पंडा नचाते हैं...
    काली का साथ उनके देवता पंडा के भीतर आ कर देते रहते हैँ l
    #rewa
    #bhagatgeet
    #baghelkhand
    चैत्र नवरात्रि के जवारे विसर्जन का कार्यक्रम ।
    चैत्र नवरात्रि में जवारे बाए जाते हैं, जिसमें अष्टमी या नवमी के दिन जवारे घर से निकाल कर मेढूली (जहा मुख्य देवी विराजती है) नाचते गाते हुए पहुंचते है|

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