Це відео не доступне.
Перепрошуємо.

Ambaji Temple Gujarat | Gabbar | Koteshwar | Kamakshi Devi| Kailash Tekari| Mangalyvan | Mansarovar

Поділитися
Вставка
  • Опубліковано 10 лип 2024
  • #ambajimandir #ambajigabbar #kartiknimavatvlogs
    #koteshwarmahadev #valmikiashram #kamakshidevi #mangalyan #ambajicitytour
    मां अम्बाजी मंदिर गुजरात-राजस्थान सीमा पर स्थित है। माना जाता है कि यह मंदिर लगभग बारह सौ साल पुराना है। इस मंदिर के जीर्णोद्धार का काम 1975 से शुरू हुआ था और तब से अब तक जारी है। श्वेत संगमरमर से निर्मित यह मंदिर बेहद भव्य है। मंदिर का शिखर एक सौ तीन फुट ऊंचा है। शिखर पर 358 स्वर्ण कलश सुसज्जित हैं।
    मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर गब्बर नामक पहाड़ है। इस पहाड़ पर भी देवी मां का प्राचीन मंदिर स्थापित है। माना जाता है यहां एक पत्थर पर मां के पदचिह्न बने हैं। पदचिह्नों के साथ-साथ मां के रथचिह्न भी बने हैं। अम्बाजी के दर्शन के उपरान्त श्रद्धालु गब्बर जरूर जाते हैं। हर साल भाद्रपदी पूर्णिमा के मौके पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु जमा होते हैं। भाद्रपदी पूर्णिमा को इस मंदिर में एकत्रित होने वाले श्रद्धालु पास में ही स्थित गब्बरगढ़ नामक पर्वत श्रृंखला पर भी जाते हैं, जो इस मंदिर से दो मील दूर पश्चिम की दिशा में स्थित है। प्रत्येक माह पूर्णिमा और अष्टमी तिथि पर यहां मां की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। यहां फोटोग्राफी निषेध है।
    शक्तिस्वरूपा अम्बाजी देश के अत्यंत प्राचीन 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। वस्तुतः हिन्दू धर्म के प्रमुख बारह शक्तिपीठ हैं। इनमें से कुछ शक्तिपीठ हैं- कांचीपुरम का कामाक्षी मंदिर, मलयगिर‍ि का ब्रह्मारंब मंदिर, कन्याकुमारी का कुमारिका मंदिर, अमर्त-गुजरात स्थित अम्बाजी का मंदिर, कोल्हापुर का महालक्ष्मी मंदिर, प्रयाग का देवी ललिता का मंदिर, विंध्या स्थित विंध्यवासिनी माता का मंदिर, वाराणसी की मां विशालाक्षी का मंदिर, गया स्थित मंगलावती और बंगाल की सुंदर भवानी और असम की कामख्या देवी का मंदिर। ज्ञात हो कि सभी शक्तिपीठों में मां के अंग गिरे हैं।
    नवरात्रि में यहां का वातावरण आकर्षक और शक्तिमय रहता है। नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि पर्व में श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहां माता के दर्शन के लिए आते हैं। इस समय मंदिर प्रांगण में गरबा करके शक्ति की आराधना की जाती है। समूचे गुजरात से कृषक अपने परिवार के सदस्यों के साथ मां के दर्शन के लिए एकत्रित होते हैं। व्यापक स्तर पर मनाए जाने वाले इस समारोह में ‘भवई’ और ‘गरबा’ जैसे नृत्यों का प्रबंध किया जाता है। साथ ही यहां पर ‘सप्तशती’ (मां की सात सौ स्तुतियां) का पाठ भी आयोजित किया जाता
    कैसे पहुंचें- गुजरात के बनासकांठा जिले में स्थित विख्यात तीर्थस्थल अम्बाजी मंदिर मां दुर्गा के 51 शक्तिपीठों में से एक है तथा यहां वर्षपर्यंत भक्तों का रेला लगा रहता है।
    Music: Happy Ukulele
    Musician: Marphologiya

КОМЕНТАРІ • 8

  • @amanpaik420
    @amanpaik420 Місяць тому +1

    Jay ambaji

  • @kcknimavat1233
    @kcknimavat1233 Місяць тому +1

    Jay Mataji jay ambe 🙏

  • @mokshadahemendragosavi3514
    @mokshadahemendragosavi3514 27 днів тому +1

    भाई वहा रहने के लिये क्या व्यवस्था है और आसपास कोणसे मंदिर है, जैसे द्वारका सोमनाथ एकत्रित कर सकते है वैसे अंबाजी के साथ बाकी कोनसे मंदिर देख सकते है

    • @kartik_nimavat
      @kartik_nimavat  27 днів тому

      बहुत सारे गेस्ट हाउस होटल और धर्मशाला है
      जी नहीं, आप माउंट आबू जा सकते और आपको सोमनाथ द्वारका जाना है तो आपको आबू रोड रेलवे स्टेशन से डायरेक्ट ट्रेन मिल जाएगी

  • @tejpaulwadhwa8475
    @tejpaulwadhwa8475 Місяць тому +1

    Yahan kaise aaye train se

    • @kartik_nimavat
      @kartik_nimavat  Місяць тому

      Nearest railway station is Abu road approx 20 to 25 km
      And easily Jeep taxi and bus available

  • @tejpaulwadhwa8475
    @tejpaulwadhwa8475 Місяць тому +1

    Ye Amba ji ka mandir girnar wala nahi hai?

    • @kartik_nimavat
      @kartik_nimavat  Місяць тому

      Nahi, ye wo mandir hai jaha mataji ka hriday gira tha
      Aur girnar vala Ambaji ka mandir junagadh me hai, Jo Somnath Jyotirling se approx 100 km rehta hai