मृत्यु का भय क्यों सताता है? || आचार्य प्रशांत (2024)
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- Опубліковано 9 лис 2024
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वीडियो जानकारी: 21.04.24, अनौपचारिक सत्र , ग्रेटर नोएडा
प्रसंग:
~ क्या मृत्यु के भय से मुक्त हुआ जा सकता है?
~ मृत्यु का भय क्यों सताता है?
~ क्या चेतना भी जड़ ही है?
~ मरने के बाद आत्मा का क्या होता है?
~ दूसरों की मौत देख कर डर क्यों लगता है?
संगीत: मिलिंद दाते
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आचार्य जी कोटि कोटि नमन 🙏🏼
हमारा अंहकार ही सारे भय का कारण है प्रणाम आचार्य जी 🙏🌸🙏
Sahi hai suprabhat
Dhanyawaad guruji
Gratitude Acharya ji
Atm gyan ke Prakash mei Andhe Karm sab Tyag do Nerash ho nermam bano Taap rahit bas yudh ho ❤
जो नहीं जान रहा है वो दुविधा में है और जो जान रहा है वो मुक्त है🤔😓😌✨🙏🏻
सत्य एक अनवरत प्रक्रिया है जानने की।
मुक्ति मतलब लगातार जानते रहना। जो जान रहा है वह मुक्त है।
Pranam Achary ji
आपकी संस्था को धन्यवाद ❤
संस्था हम सब की है
❣️🙏❣️
❤❤❤
व्यक्तिगत अहम मिथ्या है और यही मिथ्यात्व ख़त्म होता है, अहम वृत्ति तो जस की तस रहती है।
❤👍🙏💐👏
आज मृत्यु आए तो मैं आज ही उसका स्वागत करूंगी। मैंने एक महीने के भीतर अपने आसपास मेरे से भी छोटे उम्र के लड़कियों को मरते देखा है,कोई बीमारी नहीं ,सुबह उठाने पर पता चलता है कि मृत्यु हो चुकी हैं, मैने कहा कि अब समय आ चुका है बहुत कम लोग जीवित रहेंगे।
❤❤❤