शंकराचार्य ने चार पीठ की स्थापना की थी और वहाँ के हेड ही शंकराचार्य कहलाते हैं ।आजकल बहुत लोग अपने को शंकराचार्य कहलवाकर अपने अहंकार की टुस्ती करते हैं । राम भद्राचार्य न तो परमहंस हैं न संत न साधु और नहीं आध्यात्मिक हैं ।वे केवल शास्त्र पडकर मात्र एक किताबी विद्वान पुरुष हैं ।
हम ब्राह्मण है हम सभी ब्राह्मणों का बहुत सम्मान करते हैं कोई भी ब्राह्मण यदि ये कहता है कि वह हमारे से श्रेष्ठ ब्राह्मण है तो हमें कोई दुःख नहीं होता बल्कि उनकी नादानी पर मुस्कराते हैं, हीरे-जवाहरात खुद बोलकर अपनी कीमत नहीं बताते। दूसरी बात ये कुछ भी मायने नहीं रखता की कोई हमें नीचा समझें या ऊंचा महत्वपूर्ण यह है कि ईश्वर हमारे बारे में क्या धारणा रखते हैं।
सप्त म्हारी सीजन 4 उनसे भी पूर्व होने वाले महर्षि सनक आदि जन 11 मा ऋषियों की संतान है ब्राह्मण सब के सब एक समान है भ्रमित मत करो पारस स्वयंभू आदि 14 मनु जिनकी संसार में यह संपूर्ण प्रजा है परमपिता परमेश्वर ने कर्मों के अनुसार ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य और शूद्र यह वर्ण व्यवस्था की है और कर्म प्रधान है विश्व में परमात्मा की दृष्टि में जो उत्तम है वही उत्तम है संसार से किसी मनुष्य का कोई संबंध नहीं है जो परमात्मा की दृष्टि में उत्तम है वही उत्तम है नर लॉक ही नहीं ऐसे करोड़ों करोड़ों लॉक ब्राह्मण हैं तो सब है बाकी कुछ भी नहीं है न मृत्यु लोक गंधर्व लोक असुर लोक देवलोक बैकुंठ आदि आदि सब जगह ब्राह्मण ही संचालन करते हैं यह शाश्वत सत्य है था और सदैव रहेगा जय आदि वैदिक सनातन धर्म की जय परमेश्वर की
आदरणीय जय श्री सीताराम जी । श्री रामभद्राचार्य जी ने दीक्षित ,पाठक ,द्विवेदी ,उपाध्याय ,तिवारी त्रिगुण ब्राह्मण को नीच शब्द से संबोधित किया है उनका कहना था कि इन ब्राह्मणों ने पैसा लेकर शिक्षा प्रदान की है इसलिए यह सभी नीच ब्राह्मण है । मेरा कहना है कि रामभद्राचार्य जी श्री राम कथा कहते हैं तो क्या शुल्क नहीं लेते हैं ।पाठक और तिवारी जितने भी ब्राह्मण हैं यह सभी में सम्मिलित हैं सरयू पारी कान्य कुब्ज श्रीगौड ,भार्गव ,सानढय,मराठी ,मैथली❤
सर आपने लिखित पुस्तकों के आधार पर ब्राह्मणों के भेद बताए, आप को बहुत बहुत धन्यवाद। महोदय ब्राह्मण की उत्पत्ति और जातियों के विषय में समय और काल स्थिति और परिस्थितियों के अनुसार बनती चली गई जिससे इनकी शाखाएं भी बढ़ती चली गई। जो भी ब्राह्मण अपने को सर्वोच्च मानता है उसको भी अपनी लड़कियों की शादी कहां करेंगे ? खामखा अपने से नीचे श्रेणी में आना पड़ेगा, आखिर उसे अपने से उंचा स्थान दोगे? और ब्राह्मण का विभाजन केवल शादी विवाह के कारण होते हैं, हुए हैं, और आज भी हो रहे हैं। पुस्तक को लिखने वाले महापुरुषों को प्रणाम, जिन्होंने इतनी मेहनत करके जैसे-तैसे कम से कम लोगों को जानकारी देने का काम किया।
आदरणीय आपने अच्छी जानकारी दी है। एतदर्थ साधुवाद। आपने भगवान् शिव को अनार्यों के देवता कहा तब भगवान् राम को ब्रह्म हत्या पाप के निवारण के लिए शिव स्थापना क्यों? जो यह सिद्ध करता है कि आर्य- अनार्य का भेद न तो क्षेत्र पूरक है न ही प्रजाति पूरक? बल्कि यह हिंदुओं / भारतीय समाज को बांटने का षड्यंत्र मात्र है। सर्वे हिन्दू सहोदराः नो हिंदू पिता भवेत् आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
जयदेव का भाई बॉब देव जिसने भविष्य पुराण में अमूल चक परिवर्तन करके ब्राह्मणों के बंटवारे का श्री गणेश किया इसका प्रमाण जोधपुर महाराज के संग्रहालय में आज भी है
भाई ये तो बहुत पुरानी बात है जो आज के समय मे प्रसंगिक नही है। लेकिन आज के समय मे जो अफसरशाही वर्ग हुआ है वो बहुत घातक है। और ये बात आज के लोगों को 50 साल बात समझ मे आयेगी।
Hare Krishna ! बहुत अच्छी जानकारी! दरसल सनातन के विकृत रुप में एसी भ्रामक बातें कही गयी हैं! जो सरयू के पार हैं वे सर्युपारीण! यानी यदि मैं सरयू के इस पार हूँ तो आप मेरे लिये सर्युपारीण और आपके लिये मैं सर्युपारीण !! कोई सरयू के इस पार होगा - कोई सरयू के उस पार होगा!
सादर नमन गुरुजी। आज ब्राम्हणों के बारे में विस्तृत जानकारी आपने दी। इतना डिटेल में हमे भी नही पता था। हा, हमारे बुजुर्गो से ये जरूर सुना था की,,,, सारस्वत ब्राह्मण ही सब से ऊंचे, महान, ईश्वर भक्त होते है😂😂😂 जब ब्राम्हण समाज इतनी उपजातियों में बटा हुआ है, और सबका यही मानना है की, हम किसी से कम नही। तो अन्य जाति समुदायों के साथ उनका मेलजोल संभव ही नही है। वैसे,, अपवाद तो होते ही है। आपके इस ज्ञानवर्धक वीडीओ के लिए धन्यवाद। आज का दिन शुभ हो,, शुक्रिया गुरुजी🎉🎉
जी मैडम , आपने सही कहा अपवाद तो हर जगह होते हैं उसकी जीती जागती मिशाल आप स्वयं है : वैसे हर समाज में सभी लोग एक जैसे नहीं होते : ब्राह्मण जाति में भी बुद्धिवादी, मानवतावादी , आधुनिक प्रगतिशील विचारों के समर्थक ब्राह्मण बन्धु हैं किन्तु उनकी संख्या बहुत कम है : सदैव की भाँति आपके ह्रदय स्पर्शी विश्लेषण हेतु ह्रदय से आपका आभार, नमस्कार , शुभाशीष , शुभरात्रि मैडम VARSHA BHAGAT JI !
यह सत्य है कि ब्राह्मणों में भी भेद होते है। मेरे पिता एक तेलुगु भाषि नन्दवरीक सम्प्रदाय के ब्राह्मण है। यदि किसी व्यक्ति का उपनाम Iyer होता है तो वो तमिल भाषी नन्दवरीक ब्राह्मण होता है।
सरजी नमस्कार आप को जितनी तारीफ की जाय कम होगी क्यों कि ब्राह्मणों ने सिर्फ अपने भलाई केलिए सब लिखते हैं अपनी भलाई केलिए सबकुछ करते हैं अपने आप को भगवान साबित करने केलिए किहमसदासरवश्रेसठबनेरहेइनकीगपोबडकहानियोकोभूलनाहोगाजयसमविधानंमोबुदधायजयसमविधान
Sar aapane jankariTo acchi Di Lekin is Puri vartalap mein neet jaati ka bar bar ullekh kia to main aapko batana chahta hun is Dharti per sabse niche jaati ka prani agar koi hai to vah Brahman Jo Shyam sarvshreshth manta hai
भाई हमारे महाराष्ट्र में ही ब्राह्मणों की चार जातियां है। देशस्थ, कोकनस्थ ,यजुर्वेदी,और किरवंत इसमें किरवंत जात सबसे निचली मानी जाती है। दुसरे ब्राह्मण किरवंत ब्राह्मणों से रोटी बेटी का व्यवहार नहीं करते।
अपनी अपनी पोथिया लिखकर सब श्रेष्ठ ब्राह्मण बन गए...... अब थोड़ा भट्ट ब्राह्मणो के बारे मे बताये..... जिसकी महानता का गुणगान पूरा इतिहास करता है...... आर्यभट्ट, कुमारिल भट्ट, गागा भट्ट
In south India, Brahmin classification is completely different, mainly Advait ,Dwait, Vishishtadwait and second classification based on 4 Vedas only. Very few sub classifications. However very interesting and new to Karnataka. I am Shuklayajurved brahmin from Karnataka.
जो अपने को ऊंचा कहे तो इसमे उसकी चालाकी है मगर कोई दूसरा अपने को नीचे समझे इसमे उस दूसरे इंसान की साफ साफ मूर्खता है, और हमारे देश मे दूसरे प्रकार के मूर्ख इंसानों की संख्या अनगिनत है, अगर पढ़ा लिखा व्यक्ति अपने को नीचे समझे तो वो मुर्ख ही है पढ़ाई लिखाई व्यर्थ है ऐसे इंसान की... जिसमें समता की चाह नहीं वो अच्छा इंसान नहीं...
India ko jo dusra desha se aaya thay o brahman na Pathan ham kiya malum ? O hi sala logon ko Musliman ( Pathan) soch kinyu ki Job hindu rastra me usi time me Brahman nenhi thaee , tab muslman rastra me brahma kanha se aae ? Gamvira me soch ,
सरस्वती नदी का उल्लेख ऋग्वेद मे मिलता है ये राजस्थान मे बहती थी..... 8th C BC आते आते ये सुख गई... इसलिए सारस्वत ब्राह्मणों को पलायन करना पड़ा.... इनका पलायन जम्मू एंड कश्मीर....पंजाब राजस्थान, गुजरात मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, और कोंकन बेल्ट मे निचे की तरफ हुआ...... और फिर यही आके बस गए
सभी जाति के लोग अपनी ही जाति को श्रेष्ठ मानते है। मैं कोली/कोरी जाति से हूं इसलिए मैं भी अपनी जाति को श्रेष्ठ मानता हूं अत: कोई भी अपनी जाति को श्रेष्ठ मान सकता है। सभी को अपनी अपनी ढफली बजाने का पूर्ण अधिकार है
किसी भी ब्राह्मण से पूछिए_ उसका जाति कौन-सा है? और वर्ण कौन-सा है? दोनों का एक ही उत्तर होगा_ "ब्राह्मण।" ब्राह्मण कोई जाति नहीं है। शास्त्र प्रतिपादित करते हैं कि चार वर्ण में से ब्राह्मण भी एक वर्ण है। ब्राह्मण वर्ण श्रेष्ठ होने से कुछ लोगों ने चालाकी-पूर्वक ब्राह्मण शब्द को अपना जाति बना दिया। ब्राह्मणों को छोड़कर भारतवर्ष में जितने भी जातियां हैं वे शूद्र, वैश्य और क्षत्रीय वर्ण के अंतर्गत आते हैं। ऐसा तथाकथित ब्राह्मण मानते हैं। ब्राह्मण शब्द को अगर जाति मान लिया जाए तो इनका वर्ण क्या है? अगर ब्राह्मण शब्द को वर्ण मान लिया जाए तो इनका जाति क्या है? इस भ्रामिक स्थिति का लाभ उठाते हुए अपने आप को श्रेष्ठ घोषित कर दिया। हम जब तर्क करते हैं तो वे वर्ण व्यवस्था को गुण, कर्म और स्वभाव के सिद्धांत पर आधरित परिभाषा करते हैं। फिर वे अपने जाति कालम में ब्राह्मण क्यों लिखते हैं? बड़ा झोल है भाई !!!!!!🤔 ब्राह्मण जाति या वर्ण ? मेरे समझ से परे है। विनम्र प्रार्थना है ।भारतवर्ष में कोई ऐसा विद्वान है जो मेरे इस शंका का समाधान कर सकता है?🙏
आपका मनताब्य ही मेरा मनताब्य है। मैं भी यही सोचता हूं। पंडितों ने धूर्तता से खुद को ब्राह्मण बना दिया। और बाकी के ब्राह्मण के जातियों को identification पर ही खतरा कर दिया।
इसी पुस्तक से एक और वीडियो है उसमें जिझौतिया का वर्णन हो सकता है : फिर भी कोई प्रमाण मिला तो वीडियो बनाने का प्रयास करेंगे : शुक्रिया शुभप्रभात PANKAJ KUMAR JI !
🙏जय भीम नमो बुद्धाय, बटवारा हर जगह किया है बाहमल ने खुद में भी और बहुजनो में भी गजब की खूबसूरती है इनकी, बाहमल की जातिवाद छुआछूत उपजाति बटवारे इनसे कभी ये ऊपर उठकर समानता के बारे में क्यो नही सोचते।🙏
कमालकी जानकारिया दिया आपने, बोस । Hats off ! इसी तरहसे आगे बढते रहिये ।मै नेपालसे हु । अगर हो सके तो नेपालके ब्राहमणो और जातियो उपर भी शोध किजियेगा - गुजारिश करता हु । एक भिडियो होजाये ।
Very good knowledge about Brahaman Samaj.
शुक्रिया शुभप्रभात !
डाकओत ब्राह्मण कौन होते है
Most valuable information thanks a lot
शुक्रिया शुभप्रभात !
सर्वे ब्राह्मण कान्यकुब्ज स्मृत@@ढोलमेंपोल
Very wonderful 👍
शुक्रिया शुभप्रभात !
आपने अच्छी जानकारी दी है इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद, जय श्रीराम
शुक्रिया शुभरात्रि !
गुरु जी ब्राह्मणों ने जितना दिमाग फालतू की कथा कहानियों मे लगाया उतना देश की उन्नति मे लगाया होता तो आज हमारे देश की कुछ और ही तस्वीर होती
आपने सही कहा , शुक्रिया शुभरात्रि RAM JI !
@@ढोलमेंपोलगुरु जी यदि चुड़े चमार आरछण ना ले तो देश आज बहुत आगे हो ता
Right
Bhai tumne khta khaniyo me bhi nhi lgaya
@@bhardwajji7350 जो खाते पहनते रहते हो वो सब हमारे लोगों की देन है
Bahut achhi jankari
शुक्रिया शुभरात्रि !
शंकराचार्य ने चार पीठ की स्थापना की थी और वहाँ के हेड ही शंकराचार्य कहलाते हैं ।आजकल बहुत लोग अपने को शंकराचार्य कहलवाकर अपने अहंकार की टुस्ती करते हैं ।
राम भद्राचार्य न तो परमहंस हैं न संत न साधु और नहीं आध्यात्मिक हैं ।वे केवल शास्त्र पडकर मात्र एक किताबी विद्वान पुरुष हैं ।
Very Good information Dear Sir Thanks 🙏
शुक्रिया शुभरात्रि नव वर्ष 2025 मंगलमय हो !
बहुत सुन्दर जानकारी दी है।
शुक्रिया शुभरात्रि !
We are Indian firstly and lastly 🇮🇳
हम ब्राह्मण है हम सभी ब्राह्मणों का बहुत सम्मान करते हैं कोई भी ब्राह्मण यदि ये कहता है कि वह हमारे से श्रेष्ठ ब्राह्मण है तो हमें कोई दुःख नहीं होता बल्कि उनकी नादानी पर मुस्कराते हैं, हीरे-जवाहरात खुद बोलकर अपनी कीमत नहीं बताते। दूसरी बात ये कुछ भी मायने नहीं रखता की कोई हमें नीचा समझें या ऊंचा महत्वपूर्ण यह है कि ईश्वर हमारे बारे में क्या धारणा रखते हैं।
Sarswat barhamna to kanuuzi ko koi value nahi deta hai...
सप्त म्हारी सीजन 4 उनसे भी पूर्व होने वाले महर्षि सनक आदि जन 11 मा ऋषियों की संतान है ब्राह्मण सब के सब एक समान है भ्रमित मत करो पारस स्वयंभू आदि 14 मनु जिनकी संसार में यह संपूर्ण प्रजा है परमपिता परमेश्वर ने कर्मों के अनुसार ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य और शूद्र यह वर्ण व्यवस्था की है और कर्म प्रधान है विश्व में परमात्मा की दृष्टि में जो उत्तम है वही उत्तम है संसार से किसी मनुष्य का कोई संबंध नहीं है जो परमात्मा की दृष्टि में उत्तम है वही उत्तम है नर लॉक ही नहीं ऐसे करोड़ों करोड़ों लॉक ब्राह्मण हैं तो सब है बाकी कुछ भी नहीं है न मृत्यु लोक गंधर्व लोक असुर लोक देवलोक बैकुंठ आदि आदि सब जगह ब्राह्मण ही संचालन करते हैं यह शाश्वत सत्य है था और सदैव रहेगा जय आदि वैदिक सनातन धर्म की जय परमेश्वर की
आदरणीय जय श्री सीताराम जी ।
श्री रामभद्राचार्य जी ने दीक्षित ,पाठक ,द्विवेदी ,उपाध्याय ,तिवारी त्रिगुण ब्राह्मण को नीच शब्द से संबोधित किया है उनका कहना था कि इन ब्राह्मणों ने पैसा लेकर शिक्षा प्रदान की है इसलिए यह सभी नीच ब्राह्मण है । मेरा कहना है कि रामभद्राचार्य जी श्री राम कथा कहते हैं तो क्या शुल्क नहीं लेते हैं ।पाठक और तिवारी जितने भी ब्राह्मण हैं यह सभी में सम्मिलित हैं सरयू पारी कान्य कुब्ज श्रीगौड ,भार्गव ,सानढय,मराठी ,मैथली❤
🎉
Vo bhadracharya to mujh se kayi guna nich hy sala 🤣😬
ब्राह्मण के बारे में आपका ज्ञान प्रशंसनीय है आप बधाई के पात्र हैं
आपका ह्रदय से आभार नमस्कार शुभरात्रि !
सर आपने लिखित पुस्तकों के आधार पर ब्राह्मणों के भेद बताए, आप को बहुत बहुत धन्यवाद।
महोदय ब्राह्मण की उत्पत्ति और जातियों के विषय में समय और काल स्थिति और परिस्थितियों के अनुसार बनती चली गई जिससे इनकी शाखाएं भी बढ़ती चली गई।
जो भी ब्राह्मण अपने को सर्वोच्च मानता है उसको भी अपनी लड़कियों की शादी कहां करेंगे ?
खामखा अपने से नीचे श्रेणी में आना पड़ेगा, आखिर उसे अपने से उंचा स्थान दोगे?
और ब्राह्मण का विभाजन केवल शादी विवाह के कारण होते हैं, हुए हैं, और आज भी हो रहे हैं।
पुस्तक को लिखने वाले महापुरुषों को प्रणाम, जिन्होंने इतनी मेहनत करके जैसे-तैसे कम से कम लोगों को जानकारी देने का काम किया।
आपका ह्रदय से आभार , शुभरात्रि RAM SHIROMANI SHARMA JI !
@@ढोलमेंपोल Thanks
आदरणीय आपने अच्छी जानकारी दी है। एतदर्थ साधुवाद। आपने भगवान् शिव को अनार्यों के देवता कहा तब भगवान् राम को ब्रह्म हत्या पाप के निवारण के लिए शिव स्थापना क्यों? जो यह सिद्ध करता है कि आर्य- अनार्य का भेद न तो क्षेत्र पूरक है न ही प्रजाति पूरक? बल्कि यह हिंदुओं / भारतीय समाज को बांटने का षड्यंत्र मात्र है।
सर्वे हिन्दू सहोदराः
नो हिंदू पिता भवेत्
आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
शुक्रिया शुभरात्रि !
Sir bhumihar (tyagi) jati bhe brahmin hai kya ni aap bataiye plz.. Sir. Reply kariye❤
जी भूमिहार ब्राह्मण वर्ण में ही आते हैं , शुक्रिया !
जयदेव का भाई बॉब देव जिसने भविष्य पुराण में अमूल चक परिवर्तन करके ब्राह्मणों के बंटवारे का श्री गणेश किया इसका प्रमाण जोधपुर महाराज के संग्रहालय में आज भी है
Bhatt bramhan ke bare me prakash daliye
सटीक विश्लेषण !
बेड़ा ग़र्क कर दिया जाति वाद ने 😢😢
True,but in some form or the other caste /race differentiation is prevelant in all religions, every country
कोई नहीं मानवता जिंदा रहना जरूरी है जातिभेद तभी मिटेगा जब लोग बच्चों को पढ़ायेंगे
भाई ये तो बहुत पुरानी बात है जो आज के समय मे प्रसंगिक नही है। लेकिन आज के समय मे जो अफसरशाही वर्ग हुआ है वो बहुत घातक है। और ये बात आज के लोगों को 50 साल बात समझ मे आयेगी।
Beautiful information of Brahaman varieties.
शुक्रिया शुभरात्रि !
@@ढोलमेंपोल Jai Bheem ❤️💐🙏💗.
ये जय भीम कहा से आया भाई ब्राह्मणो के बीच@@kcm4554
महाशय मुझे यह जानना है कि हमारा टाइटल गिरी है हमारा गोत्र सैंडल है किशन कैसे हुआ दया करके मुझे बताइए 🙏
प्रमाण मिलने पर आपको वाँछित जानकारी देने का प्रयास अवश्य करेंगे मैडम : शुक्रिया शुभरात्रि !
सैंडल नहीं शांडिल्य होता है
गिरी भी ब्राह्मण में ही आते हैं क्या...
इस कार्यक्रम को बहुत बहुत समर्थन करते हैं जय भीम जय भारत छ ग,
Very good information
शुक्रिया शुभरात्रि !
आप के द्वारा दी गई जानकारी से बहुत ज्ञान मिलता है मैभीऐक ब्राह्मण हूं
शुक्रिया ,शुभरात्रि ब्राह्मणदेव !
Hare Krishna !
बहुत अच्छी जानकारी! दरसल सनातन के विकृत रुप में एसी भ्रामक बातें कही गयी हैं!
जो सरयू के पार हैं वे सर्युपारीण! यानी यदि मैं सरयू के इस पार हूँ तो आप मेरे लिये सर्युपारीण और आपके लिये मैं सर्युपारीण !!
कोई सरयू के इस पार होगा - कोई सरयू के उस पार होगा!
सादर नमन गुरुजी। आज ब्राम्हणों के बारे में विस्तृत जानकारी आपने दी। इतना डिटेल में हमे भी नही पता था। हा, हमारे बुजुर्गो से ये जरूर सुना था की,,,, सारस्वत ब्राह्मण ही सब से ऊंचे, महान, ईश्वर भक्त होते है😂😂😂
जब ब्राम्हण समाज इतनी उपजातियों में बटा हुआ है, और सबका यही मानना है की, हम किसी से कम नही। तो अन्य जाति समुदायों के साथ उनका मेलजोल संभव ही नही है। वैसे,, अपवाद तो होते ही है।
आपके इस ज्ञानवर्धक वीडीओ के लिए धन्यवाद।
आज का दिन शुभ हो,, शुक्रिया गुरुजी🎉🎉
जी मैडम , आपने सही कहा अपवाद तो हर जगह होते हैं उसकी जीती जागती मिशाल आप स्वयं है : वैसे हर समाज में सभी लोग एक जैसे नहीं होते : ब्राह्मण जाति में भी बुद्धिवादी, मानवतावादी , आधुनिक प्रगतिशील विचारों के समर्थक ब्राह्मण बन्धु हैं किन्तु उनकी संख्या बहुत कम है : सदैव की भाँति आपके ह्रदय स्पर्शी विश्लेषण हेतु ह्रदय से आपका आभार, नमस्कार , शुभाशीष , शुभरात्रि मैडम VARSHA BHAGAT JI !
गोस्वामी ब्राह्मण के बारे में भी कुछ बताए सर@@ढोलमेंपोल
हम तो बिहार से है जनरल में आते हैं।
यह सत्य है कि ब्राह्मणों में भी भेद होते है। मेरे पिता एक तेलुगु भाषि नन्दवरीक सम्प्रदाय के ब्राह्मण है। यदि किसी व्यक्ति का उपनाम Iyer होता है तो वो तमिल भाषी नन्दवरीक ब्राह्मण होता है।
Kya duniya ne guru man liya fir jat guru nahi sir. Jii
जय हो आप ने ब्राह्मणों की अच्छी प्रकार बताई
सरजी नमस्कार आप को
जितनी तारीफ की जाय कम होगी क्यों कि ब्राह्मणों ने सिर्फ अपने भलाई केलिए सब लिखते हैं अपनी भलाई केलिए सबकुछ करते हैं अपने आप को भगवान साबित करने केलिए किहमसदासरवश्रेसठबनेरहेइनकीगपोबडकहानियोकोभूलनाहोगाजयसमविधानंमोबुदधायजयसमविधान
नमस्कार, शुभप्रभात, शुभदिवस MR.ARPIT JI !
बहुत -बहुत धन्यवाद सर जयभीम जय पेरियार जय भारत 🎉😂❤😅
शुक्रिया शुभरात्रि जय भीम जय भारत नमोबुद्धाय RAM DAS JI !
जाति न पूछो साधु की पूंछ ली जिये ज्ञान मोल करो तलवार की पड़े रहने दो म्यान
Sant Kabir ne yahi kaha tha Jab purane Brahmad apne aap ko jaati se sabse uncha bataya karte the....
Very useful information.thamks
शुक्रिया शुभरात्रि !
मानव जाति श्रेष्ठ है , अन्य जातियां तो पशु पक्षी आदि अपनी बनावट से अलग अलग है,मानव में भेद करना नासमझी है मात्र।
An important , informative speech given by you
आप बहुत अच्छी जानकारी देते हैं सर, अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें ताकि हम सब लम्बे समय तक आपसे ज्ञान प्राप्त कर सकें
आपको ह्रदय से प्यार , नमस्कार , शुक्रिया , शुभरात्रि ,ASLAM KHAN JI !
@@ढोलमेंपोलचुड़े चमार के बारे में भी वीडियो बनाओ
@@ढोलमेंपोलतू चुड़ा he किया
⁹😊
Sar aapane jankariTo acchi Di Lekin is Puri vartalap mein neet jaati ka bar bar ullekh kia to main aapko batana chahta hun is Dharti per sabse niche jaati ka prani agar koi hai to vah Brahman Jo Shyam sarvshreshth manta hai
जो व्यक्ति अपने मुख से अपनी बढाई करता है। वह व्यक्ति महा पप्पू महा मूर्ख व्यक्ति है।कबीर दास जी कहते हैं स्वयं अपने मन को खोजें हमारे मन क्या कमी है।
यह महाराज की उम्र के साथ उनकी प्रज्ञा लगता है कि, कुंठित हो गई होगी, ब्राह्मण आखिर ब्राह्मण है, इसलिए ब्राह्मण सब एक ही है।
भाई हमारे महाराष्ट्र में ही ब्राह्मणों की चार जातियां है। देशस्थ, कोकनस्थ ,यजुर्वेदी,और किरवंत इसमें किरवंत जात सबसे निचली मानी जाती है। दुसरे ब्राह्मण किरवंत ब्राह्मणों से रोटी बेटी का व्यवहार नहीं करते।
Esa nhi hona chahiye ye glt h@@AvinashGangurde248
अपनी अपनी पोथिया लिखकर सब श्रेष्ठ ब्राह्मण बन गए...... अब थोड़ा भट्ट ब्राह्मणो के बारे मे बताये..... जिसकी महानता का गुणगान पूरा इतिहास करता है...... आर्यभट्ट, कुमारिल भट्ट, गागा भट्ट
@@AvinashGangurde248 चितपावन, करहड़े.... देशस्थ.... ब्राह्मण
In south India, Brahmin classification is completely different, mainly Advait ,Dwait, Vishishtadwait and second classification based on 4 Vedas only. Very few sub classifications. However very interesting and new to Karnataka. I am Shuklayajurved brahmin from Karnataka.
आपने कर्नाटक की ब्राह्मण विषयक जो जानकारी दी अच्छीलगी , शुक्रिया शुभरात्रि !
जाति व्यवस्था हमारे देश में कोढ़ है। बाबा साहेब ने 14 अक्टूबर 1956 को हिन्दू धर्म को छोड़कर बोधिसत्व बने।
Kitna parivartan kiya apke jati me
Bahut achha laga dhanyavad ji
JAI MAANAVTA JAI VIGYAAN🙏🙏
good work
शुक्रिया शुभरात्रि !
Aap bahut accha se baat bataye sar ji
शुक्रिया शुभरात्रि NAND LAL TIWARI JI !
गुरु जी ज्ञानवर्धक वीडीओ के लिए बहुत -बहुत धन्यवाद
शुक्रिया शुभरात्रि ASHOK ATHAWALE JI !
आपको बहुत बहुत धन्यवाद
जो अपने को ऊंचा कहे तो इसमे उसकी चालाकी है मगर कोई दूसरा अपने को नीचे समझे इसमे उस दूसरे इंसान की साफ साफ मूर्खता है, और हमारे देश मे दूसरे प्रकार के मूर्ख इंसानों की संख्या अनगिनत है, अगर पढ़ा लिखा व्यक्ति अपने को नीचे समझे तो वो मुर्ख ही है पढ़ाई लिखाई व्यर्थ है ऐसे इंसान की...
जिसमें समता की चाह नहीं वो अच्छा इंसान नहीं...
super
Nice thinking about this we like this very much for all Jay Bhim Namo Buddhism
शुक्रिया शुभरात्रि !
Pandit ji , Keya Tannoreya gotter gour Brahman may may aata hai please 🙏 jarur bata dejeye.
Thanks
शुक्रिया शुभरात्रि !
Good gyaan
Beautiful knowledge.
शुक्रिया शुभरात्रि
बहुत रोचक जानकारी नमो बुद्धाय जय भीम
Very nice video jaybheem sir ji
शुक्रिया शुभरात्रि जय भीम जय भारत नमोबुद्धाय SANTOSH KUMAR JI !
Aap bata sakte lala jati kayasth kis varn mien aate hai
जो जाति ब्राह्मण , क्षत्रिय या वैश्य में नहीं आते वे सब शूद्र वर्ण में आते हैं :
Fine knowledge.
शुक्रिया शुभरात्रि !
विडियो को छोटा करने का प्रयास करें
धन्यवाद
कितना छोटा ? बता दीजिये ?
आप ऊंच जाति के हैं लेकिन दूसरे नीच है यह बात ठीक नहीं।
NavgrahWale joshi ki Utpatti Kese Hui
हर जाति में कयी जातियों में बटा है सब कर्म से महान होतें है
Thanks 👍
Very good argument
शुक्रिया शुभरात्रि !
Ati uttam
सरस्वति नदी अफगानिस्तान में है यह लोग वहीं से आये थे
तुम्हारी पाठशाला कौनसे देश में है जहां सिर्फ अज्ञान ही पढ़ाया जाता है।
India ko jo dusra desha se aaya thay o brahman na Pathan ham kiya malum ?
O hi sala logon ko
Musliman ( Pathan) soch kinyu ki
Job hindu rastra me usi time me
Brahman nenhi thaee ,
tab muslman rastra me brahma kanha se aae ?
Gamvira me soch ,
बिल्कुल सही बात है। सरस्वती के नाम हरहवैती नदी है, आज उसे हेमलैंड रीभर बोला जाता है
सरस्वती नदी का उल्लेख ऋग्वेद मे मिलता है ये राजस्थान मे बहती थी..... 8th C BC आते आते ये सुख गई... इसलिए सारस्वत ब्राह्मणों को पलायन करना पड़ा.... इनका पलायन जम्मू एंड कश्मीर....पंजाब राजस्थान, गुजरात मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, और कोंकन बेल्ट मे निचे की तरफ हुआ...... और फिर यही आके बस गए
कश्मीरी पंडित मुख्यतः सारस्वत ब्राह्मण ही है...... भट्ट ब्राह्मण भी सारस्वत मे ही आते है मुख्यता
सभी जाति के लोग अपनी ही जाति को श्रेष्ठ मानते है। मैं कोली/कोरी जाति से हूं इसलिए मैं भी अपनी जाति को श्रेष्ठ मानता हूं अत: कोई भी अपनी जाति को श्रेष्ठ मान सकता है। सभी को अपनी अपनी ढफली बजाने का पूर्ण अधिकार है
सही और सटीक सवाल पर विचार कर रहे हैं
किसी भी ब्राह्मण से पूछिए_ उसका जाति कौन-सा है? और वर्ण कौन-सा है? दोनों का एक ही उत्तर होगा_ "ब्राह्मण।"
ब्राह्मण कोई जाति नहीं है। शास्त्र प्रतिपादित करते हैं कि चार वर्ण में से ब्राह्मण भी एक वर्ण है। ब्राह्मण वर्ण श्रेष्ठ होने से कुछ लोगों ने चालाकी-पूर्वक ब्राह्मण शब्द को अपना जाति बना दिया। ब्राह्मणों को छोड़कर भारतवर्ष में जितने भी जातियां हैं वे शूद्र, वैश्य और क्षत्रीय वर्ण के अंतर्गत आते हैं। ऐसा तथाकथित ब्राह्मण मानते हैं।
ब्राह्मण शब्द को अगर जाति मान लिया जाए तो इनका वर्ण क्या है? अगर ब्राह्मण शब्द को वर्ण मान लिया जाए तो इनका जाति क्या है? इस भ्रामिक स्थिति का लाभ उठाते हुए अपने आप को श्रेष्ठ घोषित कर दिया।
हम जब तर्क करते हैं तो वे वर्ण व्यवस्था को गुण, कर्म और स्वभाव के सिद्धांत पर आधरित परिभाषा करते हैं। फिर वे अपने जाति कालम में ब्राह्मण क्यों लिखते हैं? बड़ा झोल है भाई !!!!!!🤔
ब्राह्मण जाति या वर्ण ? मेरे समझ से परे है। विनम्र प्रार्थना है ।भारतवर्ष में कोई ऐसा विद्वान है जो मेरे इस शंका का समाधान कर सकता है?🙏
विचारणीय!
झोल नहीं ढोल का पोल है
आपका मनताब्य ही मेरा मनताब्य है। मैं भी यही सोचता हूं। पंडितों ने धूर्तता से खुद को ब्राह्मण बना दिया। और बाकी के ब्राह्मण के जातियों को identification पर ही खतरा कर दिया।
बहुत दुःखी हुए, कि हम ब्राह्मण भी इस प्रकार से बटे हुए हैं।
😅😮😮😢
@@baleshwartripathi7431l
हर जाति में ऐसा ही कुछ है
भैया तुम दुखी क्यों
भारत की समस्त जातियां में विभाजन पाया जाता है और एक ही जाति की सभी उप जातियों में उच्च नीच होती है
🙏अविवाहित पुत्रपंडा दे सकते हैं
मुगलों का दरबाड़ी करने वाला और अंग्रेजो का चौकीदारी करने वाला को कौन सा ब्रह्मण कहा जाता हैं,........ एक ब्रह्म संकट ब्राह्मण भी हैं..........❤❤❤❤❤
😮😅
अब प्रश्न है कि राम उनके पूज्य कैसे,राम में उनकी रुचि कैसे। यह तो लोगों को धोखा देने जैसी बात है।
Sir dhiman brahman ke barre me jankari de dejyei please
प्रमाण मिलने पर अवश्य देंगे : शुक्रिया शुभप्रभात !
बहुत बढिया सरजी अच्छा बताया
शुक्रिया शुभरात्रि ,SHARAD NARWADE JI !
Right
Good
शुक्रिया शुभरात्रि !
Sir thank you for invaluable information. What about 6000 niyogi andhra brahmins(angirasa-barashpatya-bharadwaja gotra). Pranams
शुक्रिया शुभप्रभात
Wah Manab Ek samajik prani
श्रीमान जी,
जिझौतिया ब्राह्मणों के बारे मे जानकारी संबंधी एक वीडियो बनाइये 🙏
इसी पुस्तक से एक और वीडियो है उसमें जिझौतिया का वर्णन हो सकता है : फिर भी कोई प्रमाण मिला तो वीडियो बनाने का प्रयास करेंगे : शुक्रिया शुभप्रभात PANKAJ KUMAR JI !
आप द्वारा दी जा जानकारी के लिए धन्यवाद👍
शुक्रिया शुभरात्रि !
.जय भीम, जय संविधान, नमो बुद्धाय।
😂
अब यहाँ क्यो कुदे तुम
Apne ko shresht btana koi galat nahi agar galat h to dusre ko chhotta kahna v dusre ko gali dena nichta h
🙏जय भीम नमो बुद्धाय, बटवारा हर जगह किया है बाहमल ने खुद में भी और बहुजनो में भी गजब की खूबसूरती है इनकी, बाहमल की जातिवाद छुआछूत उपजाति बटवारे इनसे कभी ये ऊपर उठकर समानता के बारे में क्यो नही सोचते।🙏
Aapne sahi kaha sir.
कमालकी जानकारिया दिया आपने, बोस । Hats off ! इसी तरहसे आगे बढते रहिये ।मै नेपालसे हु । अगर हो सके तो नेपालके ब्राहमणो और जातियो उपर भी शोध किजियेगा - गुजारिश करता हु । एक भिडियो होजाये ।
नेपाल में उनसे सम्बन्धित कोई पुस्तक हो तो आप नाम और प्रकाशन बताएँ वीडियो अवश्य बनायेंगे : शुक्रिया शुभरात्रि CHANGE 2 CHANGE JI !
@@ढोलमेंपोलसर जी नेपाल के चुड़े के बारेमे भी विडिओ बनाओ
सारस्वत बृहमणण सरस्वती नदी के किनारे के है उप जाति मे जोशी अलल है।सबसे ऊँचे माने जाते है सरस्वती नदी हिमाचल मे थी।जयहिन्द
जयहिन्द जय भारत !
Bhai sahab awadh & prayagraj chitrakut tak ke kuon se brahmin hai jisme ki mishra, shukla, dubey; pandey , upadhya, pandey aadi.
ब्राह्मण सम्बन्धी इस तमाम जानकारी के लिये आप ब्रहत्तर ब्राह्मण समाज पुस्तक पढ़िये : शुक्रिया !
दाऊजी मन्दिर के पंडे कौन से ब्राह्मण है
एक बार वह मेरे घर आए, मुझसे गोत्र के बारे में पूछा, मैंने बताया श्रीमुख शांडिल्य, उन्होंने बताया पिडि. लेकिन मुझे उनसे कोई समस्या नहीं है
NAMO BUDDA JAI BHIM JAI SAVIDHAN
Samvidhan to kam chalau hai.
Sidharth, Raja Sudayodan kshatriye putra Bhagwan Mahatma Budha ki Jai Ho.
Sabhi brahman वर्ग ने ये सब भेद mitakar एकसंघ rahna chahiye
GURU JI🙏💙💪 AAP NE BOHOT SUNDAR JAANKARI DI... SUKRIYA GURU JI🙏💙🙏 AAP KA 💙💙DIL SE💙💙
आपको ह्रदय से प्यार , शुभरात्रि S.S.JI !
🎉
Sar yah bataen ki Giri Puri Bharati kis Shreni Mein Aate Hain
गिरि पुरी भारती किसी जाति का नाम नहीं , उपनाम हैं : उपनाम तो कोई कुछ भी लिख सकता है :
लेकिन ये शर्मा, दिवेदी मिश्र पाण्डे पराश्रि दुबे त्रिवेदी शुक्ला अग्निहोत्री चतुर्वेदी इत्यादी कौन होते है।
Sir brahmano me vash gotra bhi hota hai kya
वस तो नहीं वत्स गोत्र तो ब्राह्मणों में होता है ,ANAND SHARMA JI !
Aap sir ji amatya ke bare me boliye.... Amat cast ke bare me bataiye.... Sir jeeee
प्रमाण मिला तो अवश्य बताएँगे शुक्रिया शुभप्रभात ANKIT KUMAR ROY JI !
@@ढोलमेंपोल sir ji parman mila aapko please bataiye sir
Amat cast ke bare me
Yes
महोदय जी भाट और भट्ट जाती कैसे बनी क्या ये अलग अलग है या एक ही है
प्रमाण मिलने पर वीडियो अवश्य बनाएँगे ,शुक्रिया !
धन्यवाद महोदय🙏
भट्ट एक श्रेष्ठ ब्राह्मण की उपाधि है...... भाट अलग होते है
काफी गोरखधंधा है😊😊
जी सर ईसमे शाँकदिपी ब्राह्मण के बारे मे कुछ भी नही लिखा है आप ही जानकारी दिलाने की कृपा करावे