भाई पहाड़ी लड़के हरिद्वार देहरादून ऋषिकेश में बहुत पढे लिखे जैसे आचार्य शास्त्री बीएड हैं तथा पढताई में शानदार कमा रहे हैं उनका सम्मान भी है लेकिन लड़कियां उनसे शादी नहीं कर रही हैं. कारण पण्डित की तरह अनुशासित रहना पड़ेगा. सुबह सन्धा पूजा के लिए पति के साथ उठना बढेगा. पति को सुबह पूजा आदि के लिए तैयार करके भेजना पढेगा. पति की तरह व्रत पूजा पाठ में रूचि लेनी पड़ेगी आदि.
गांव मे घास,लकडी,जानवर, खेत,खलिहान, कपडे धोना,दूर से पानी लाना,चक्की पीसना आदि सब काम महिलाओ के जिम्मे होता है।सुबह से रात तक काम ही काम और अधिकतर लडके व्यसनी है,रेगुलर रोजगार गांव मे नही।यही सब कारण है लडके की शादीनहो हो रही है।
कोई भी वास्तविकता को छूना नहीं चाहता, यह सब नैतिकता और मूल्यों पर निर्भर करता है। मैंने अमेरिका और यूरोप की यात्रा की है और उनके ग्रामीण इलाकों को देखा है, वहां की लड़कियां भी बहुत मेहनती हैं, पूर्वोत्तर भारत में भी ऐसा ही है - नागालैंड, असम, मणिपुर, सिक्किम की लड़कियां भी बहुत मेहनत करती हैं..दक्षिण भारत में भी यही स्थिति है, वैसे वे भी यही काम करते हैं, आप यूट्यूब में वीडियो का नमूना पा सकते हैं और वे प्रतिदिन 10 से 14 घंटे काम भी करते हैं। और सबसे बड़ी बात यह है कि वे सभी अपने प्यारे परिवार के साथ संतुष्ट और खुश हैं और अपने जीवन का आनंद ले रहे हैं...लेकिन मैंने हाल ही में यह प्रवृत्ति केवल उत्तराखंड में देखी है, जहां माता-पिता अपनी बेटी की शादी किसी सरकारी कर्मचारी या निजी कर्मचारी से करना चाहते हैं और दूसरी ओर लड़कियां सड़क पर सामान बेचने वालों या ड्राइवरों के साथ भागने में खुश हैं।
बिल्कुल सही कहा लड़कियां तो अपना घर तो देखी नहीं है दूसरे का घर देखते देखते हैं और खुद की भाई की शादी नहीं हो पाएगी तो तो क्या कर पाएगी वह यह भी सोचना चाहिए उसे लड़की को नहीं खुद को भी रोना आएगा मेरे भी भाव कम हो जाएंगेसोचेगी बोलते हैं जो करनी वहभरने
लड़की के पापा मजदूरी कर रहे हैं उनकी एक बेटा और एक बेटी है, लड़की का रिश्ता आता है तो सबसे पहले पूछते हैं क्या देहरादून में मकान है ।ऐसा ही उनको पूछा जाय तो
नीरज भाई बहुत बढ़िया साक्षात्कार कर रहे हैं आप। दोनो बेटियां , खासकर बेटी वैभवी बहुत बढ़िया विचार रख रही हैं। जिस समस्या पर आपका वीडियो उस समस्या संपूर्ण पहाड़ जूझ रहा है। शुभकामनाएं !❤❤❤❤❤
मेरा सुझाव है जवानो के लिए,काम धाम कुछ करें शादियाँ होती है,आज के जमाने में काम का क्षेत्र बहुत बडा हो चुका है,सबसे पहले घर से बाहर निकलना होगा छोटा बडा कुछ भी काम करने को मिले करना चाहिए बिना शर्म करे,रास्ता खुद बनता है,किसी को देख के नहीं करना, पूछताछ करते हुए आगे बडना चाहिए
बहुत सुंदर राय दी आपने। शराबी, भगंलची, जुवारी, या बहुत ज्यादा ख्वाब रखने वाले, निठले और ड्रग वाले के लिए ही लड़कियों की कमी है लड़कियों की कमी है सिर्फ।
नमस्कार भाई साहब।इस पहल के लिए लिए आपका हार्दिक स्वागत। हो सकता है कि इससे हमारे कुमाऊँनी / गढ़वाली समाज में कुछ जागृति आए। भाई साहब जहाँ तक हमारे समाज में लड़कों की शादी ना होने को लेकर विवीध प्रश्नचिन्ह लगाए जा रहे हैं जैसे- उनका पढ़ा-लिखा ना होना, बेरोजगार होना, नशेड़ी होना, इत्यादि। मैं लड़की वालों से यह पूछना चाहता हूँ कि क्या उन्होंने अपनी लड़कियाँ पूरी तरह से सभ्य, सुसंस्कृत और पूरी शिक्षा प्रदान कर अच्छी सरकारी नौकरी में लग गयी हैं? क्या आप B.A.,M.A.कर डिग्री ले लेने को ही शिक्षा प्राप्त कर लेना कहेंगे? अपनी लड़कियों के लिए तो वे ऊँची अपेक्षा रखते हैं और उन्हें कमतर दृष्टि से नहीं आँकते किंतु अपने लड़कों के विषय में भी तो कुछ बोलें। Migration is an issue, I accept. But bad impacts will no sooner come before us. Our land is being purchased by outsiders and in future we can't come/ stay here, even though we wanted to. We know, big cities are nothing but only the storehouses of fatal diseases which would compel us to come to our hills.We should be a good judge, thinking its distant consequences and try to convince our daughters to be settled in our villages, as it is called " Devbhoomi".
Ladke ka sharab peena jaroori hai, fun loving hona chahiye, Romantic hona chahiye, sath me Honda City gadi honi chahiye Weekend party, outing restaurant me khana, ye sab chahiye
भाई नीरज आज हमारे गढवाल में क्या कोई शहरों में रह रहे हैं सबको दामद चाहिए सरकारी नौकरी वाला, या अपना मकान होना चाहिए, हमारी बेटी गाँव में नहीं रहेगी, प्राइवेट नौकरी के साथ वालो के लिए बहुत कठिनाईयां हैं। यही मूल कारण है।बहुत अच्छा बिषय है।
कुछ लड़कियाें के मां बाप शहर में मकान वाले को अपनी लड़की दे रहे हैं. लेकिन वे लड़की पूरे मकान की देखभाल नही करना चाहती वे अपने कमरे का झाड़ू पोछा ही चाहती तथा अलग किचन भी उसी कमरे में चाहती हैं. यह सत्य हैं हम गांव से इकलौते बेटे के लिए बहु लाये है उसको देख लिया.
बिल्कुल सही कहा आपने आज की लड़कियां को पति और पति की कमाई चाहिए और पति के घर वालों से कोई मतलब नहीं रखनाचाहती ऐसे पढ़े लिखे से तो पहले के अनपढ़ ही अच्छेथे
All want government service son for marriage of his daughter. Very much intelligent person selected in government services. I saw many girls and her parents immediately ready for marriage with government service son. Before 10 years many boys went Delhi and telling that he is in big service. After marriage these boys came back to Village and living with wife. Both do labour work. Now all know it. So.
पहाड़ में लोगों के दो दो लड़के नौकरी कर रहे हैं मां बाप भी अच्छे खासे हैं लेकिन राशन कार्ड बनाए हैं अंतोदय, बीपीएल और दामाद चाइए इनको सरकारी नौकरी दिल्ली देहरादून में अपना मकान
आज के डेट में अच्छे लड़कों की शादी होना मुश्किल है बुरे शराबी बंगाली की पहली हो रही है देख लो समझ में मैं गलत बोल रहा हूं तो भाई नीरज भाई बोल देना कमेंट का रिप्लाई भी जरूर करना
Muje sabse last waale aunty uncle ka jaata ab achha laga ...aajkal jo daarroo ,cigreete pee rahe hai unhe hi achhi ladke mil rahe hai ,seedhi ka jamana chala gaya hai ..ab ..
Aaj kal sab ladkio ko achi lifestyle chahie, bade ghar, amir ladka chahie... Govt naukri wala ladka chahie... Aaj kal garib ladki b govt employee, doctor, engr dhundti he... Kyun ki aj to show off ka zamana he, live in ka jamana he... Aaj kal city me jo ladkia career bana ne jati he boyfriend ke sath live in me rehti h
नीरज भाई लड़कियों को चाहिए कम से कम महीने का 70 रुपया कमाने वाला चाहिए और हमारे गांव की तो बहुत साड़ी लड़कियां रूद्रपुर फैक्ट्री में काम करती है जो शादी करने के लिए राजी नहीं है इसलिए जुलाई में अभी गए हुए हैं कुछ लड़कियां जो शादी करना नहीं चाहती है उनके मम्मी पापा भी नहीं करना चाहते हैं वह सोचते हैं मेरी लड़की शहर में जाए और उनको अपना लड़का बहू घर में काम करने वाली गाय चराने वाली चाहिए
यहां शहर का भी बुरा हाल है। लड़कियां 35 साल की हो चुकी हैं। न जाने क्या कारण है कि शादी नहीं करना चाहती है। लड़के तैयार हैं परंतु लड़कियां पता नहीं क्या चाहती हैं।
Govt naukri kya pvt naukri bhi nahi mil Rahi h.Pahle bachche 10/12th karke forces m kuchh delhi ncr chale jate the daily basis hotel pvt co.kahin bhi kam mil jata tha ab har jagah competition h exam pass karo typing test pass karo interview clear karo graduation h iti diploma n certificate courses kiye h computer etc jante ho mangte h test interview pass karo pahad ke bachcho ko dikkat hoti h clear nahi hota h 1-2 yrs taiyari karni hoti h muskil se 10-12 k ki naukri milti h kya gujara hoga.
, जी, दारू और शराब पीने वाले की पहले करवा देना। ताकि उन बेटियों की जिंदगी तबाह हो सके। जो दिल्ली या बाहर से गांव में आ रहे है उन लोगों से दैनिक पगार अधिक ले रहे हैं। घरों में चोरी कर रहे हैं।
Chahe devboomi se log kitna hi palayan kar len lekin bhavishya me unko apni dev bhoomi me apni pitrabhoomi me aana hi padega ye Satya hai ye dev bhoomi hai log bhavishya me apne tute photo gharon ko banane jarur aayenge bhavishya me 😊
नेगी जी आप इन लड़कियों से बार बार पूछ रहे हैं कि क्या कारण है कि हमारे लड़को की सादी नहीं हो पा रही है। नेगी जी सादी पुलिंग और स्त्री लिंग के बीच का संमबन्ध है।तो अगर लड़कों की सादी नहीं हो रही तो लड़कियों की भी नहीं हो रही है लड़की की सादी तो पुरूष से ही होगी।फिर आप क्यो कह रहे हैं कि लड़को की सादी नहीं हो रही है? लड़कियों की भी तो नहीं हो रही है सादी।
Ajkal sarif sanskari ladko ki sadhi hona mukil hai wa lafandar lakibaj wa chalak ladko ki sadhi arram sai ho rahi hai hamri phadhi ladka sarmilai jyda hai
सबसे पहले उत्तराखंड के लोगों को यह स्वीकार करना होगा कि यह एक समस्या है। इसके लिए उन्हें लड़कियों की बात भी सुननी होगी, क्योंकि वे हमारी जीवन साथी हैं और उनकी आवाज को भी मान्यता मिलनी चाहिए। यदि दो परिवार एक साथ आ रहे हैं तो उन्हें इन कठिन आर्थिक समय में अपने संसाधनों को एकत्रित करने की आवश्यकता है ताकि नए जोड़े को आगे बढ़ने का अवसर मिल सके। नए जोड़े को अपनी-अपनी भूमिका पर चर्चा करने की आवश्यकता है, जिसमें लड़के को परिवार की देखभाल करने में अग्रणी भूमिका निभानी होगी, जबकि लड़की को घर के मोर्चे पर नेतृत्व संभालना होगा। यदि लड़का और लड़की दोनों ही दुकान या कोई छोटा व्यवसाय खोलना चाहते हैं तो माता-पिता को उनकी अनुपस्थिति में घर की देखभाल करनी होगी, ऐसा नहीं है कि लड़का और लड़की लौटने के बाद खाना पकाएं और घर की सफाई करें, यदि वे नए जोड़े के साथ रह रहे हैं तो माता-पिता को भी इसमें योगदान देना होगा। इसके अलावा अपने गांव या ब्लॉक में सरकारी ऋण योजना के बारे में जानने के लिए सक्रिय रहें, ताकि आप देख सकें कि आप इससे कैसे लाभ उठा सकते हैं। ये कुछ ऐसे कदम हैं जहां लड़का और लड़की दोनों आपसी सम्मान और समझ के साथ एक-दूसरे का समर्थन कर सकते हैं और समय के साथ सब ठीक हो जाएगा... एक दूसरे की आलोचना करने से बेहतर है. एक और बात, यदि गांव एकजुट हो जाएं, विशेष रूप से स्थानीय प्रधानों को युवा जोड़ों को निर्माण, इलेक्ट्रीशियन, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण (आचार, पैक्ड बाजरा, बेबी कॉर्न, मिर्च, लहसुन, अदरक पाउडर आदि) जैसे किसी भी व्यापार को सीखने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है या उन्हें कृषि उपकरण प्रदान करना चाहिए ताकि वे उस क्षेत्र के भीतर किराए पर काम कर सकें और जीवन यापन के लिए एक अच्छी रकम कमा सकें, यह एक अच्छी शुरुआत हो सकती है।
Mujhi merai bhai kai leye gadwali braman ladki cheiye wha company mai fair engner hai dehradun 12 kamro ka makan bhi hai prtu nahi milrahi majboori mai deshi logo mai kreni padaigi 😊
कितने लोग सरकारी नौकरी करते है और अब पेंशन तो है नही फिर भी लड़की अगर पढी लिखी है तो पढा लिखा लडका चाहिए ही पर हकीकत है लोग गांव मै रहना नही चाहता सरकार को सुविधा बढाने चाहिए ताकि पलायन रुके
Hi Naukri karne se kya hua jiske liye aap Rishta dhundh rahe hain vah bhi to Ladka Naukari kar raha hoga na bhai Uttrakhand Mein Kuchh jyada hi Gadar Ho Rakha Aaj
राजपूत लड़की चाहिए। 29या30साल की।लडका सरकारी कालेज सिबिल से बीटेक है।लेकिन अभी बच्चो को पढाता है।कोटद्वार में मकान है 50 हजार महीने कमा लेता है ।सैनिक स्कूल के बच्चो को कोचिंग करता है।दो भाईयो की शादी है।दून मे हैऔर एक विदेश रहता है।भाई लड़की देखना।हमे कुछ नही चाहिए। अगर वह पढ़ाई करेगी।तो पढा भी देगे।
कुछ सही निश्कर्श नहीं निकला से सवाल जवाब में में बहुत उलझ है नयी पीड़ी को समझ दारी से काम कर ना पढ़े गा दोनों कमायेगा तो काम चल सकता है शादी सामाजिक बंधन है लड़की लड़के बिना शादी रहना उचित नहीं धन्यवाद नमस्ते
मेरा बेटा तो पढ़ा लिखा है अपना बिजनेस है देहरादून में मकान है अच्छा खासा कमाता है लेकिन लड़की नहीं मिल रही है मेरे बेटे ने b s c i t कर रखी है m s w कर रखा है तब भी लड़की नहीं मिल रही है ।
@@KiranYadav-cu5py हमें केवल लड़की चाहिए बाकी हमें कुछ नहीं चाहिए हम अपने कपड़ों में लड़की लाने के लिए तैयार है क्योंकि किसी का दिया हुआ कितने दिन चलेगा मेरा ऐसा सोचना है।
युटुब भाई ज्यादातर लड़कियों का इंटरव्यू लेने की कोशिशकरो उनका विचार सामने आनाचाहिए उनसे उत्तराखंड में पलायन के बारे में भी बात करो अगर लड़कियां पहाड़ी लड़कों से शादी नहीं करेंगे तो प्लान कैसे रुकेगा
Negi bahut bahut sundar prastuti bhula bhair ta ladki naukri kani chha par bhair dahej pratha cha aur ladki maa pita maa repayable itga neecha jai karan ladki saadi bada ghair maa hun muskil cha ugh bhi ladkiyon ki saadi Tam par ni huni cha Wai ka baad najboori maa tab jakho parwar bhi ho kai jati ko bhi ho majboori maa by kan pandiyon cha bhula negi
नीरज भाई हमारे गांव में तीन चार गरीब परिवार है जिनके दो तीन चार लड़कियां भी हैं तो वह भी किसी को भी पसंद नहीं कर रही है भले हो अच्छा भी नौकरी करता होगा तो उनके भी भाव काफी आगे बढ़े हुए हैं इसलिए मैं भी थोड़ा सा समय में हूं मेरी भी शादी नहीं हुई है जो की 30 साल हो चुके हैं बड़ी दिक्कत हो रही है यह पहाड़ का क्या होगा अब और लव फ्रॉम पिथौरागढ़ से हूं भाई मुंसियारी गरीब लोगों के ज्यादा भाव बड़े हुए हैं तो इन लोगों को पहाड़ की लड़की छोड़कर शहर की लड़की से शादी करना उचित होगा इन लोगों को अदर कास्ट की लड़कियों से शादी करना पड़ेगा कहीं से भी सही मैं क्यों ना हो और मुझे भी शामिल होनापड़ेगा इस कदम को उठाने पड़ेग अन्यकास्ट में
क्यों नेगी जी क्या आपने उन लड़कों के लिए कहीं आसमान से लड़कियां टपका दी जो आप बोल रहे हैं कि आने वाले वीडियो में उन सब की शादी होगी क्या आपके पास कोई ऐसा तंत्र मंत्र है जो की लड़कियां पैदा हो चुकी हैं
लड़की अपने मां बाप के घर में सारा काम करती है घास काटना बोझ उठाना जंगल जाना खेती करना और बीपीएल कार्ड का फ्री राशन खाते हैं और लडका शहर में घर सरकारी नौकरी चाहिए
जू मेरू अनूभव च कि लड़का वाला झूठ बोली रिश्ता कर दिन जब हकीकत समणी औंदू तब लड़की पछतांदी च ये कारण घर वाला अपनी लड़की ते पडाणा छन और अपना पैरौं मा खड़ा होणो छन बोना
नीरज भाई बहुत अच्छा ब्लॉगिंग शुरू की है लेकिन भाई लड़की पढ़ी लिखी है तो कुछ भी नौकरी कर सकती है तो दूसरे को क्या निर्भर करती है खुद के दम पर तो है नहीं नौकरी तो दूसरे को क्यों बोलती है सरकारी नौकरी नहीं दिख रही है तो खुद ने भी तो होना चाहिए ना नौकरी जब इतनी पढ़ी लिखी है लड़कियां जब उत्तराखंड में तो खुद क्यों नहीं कर रही थी तो आप लोगों को क्यों बोलती है भाई सरकारी होना चाहिए खुद के दम नहीं है और दूसरों को बोल रहे हैं ना यह लड़कियां इसमें बहुत ज्यादा गुस्सा आता है क्योंकि यह खुद तो कुछ भी नहीं कर सकती है खाली डिग्री खाली दिखावा कर रखा है भाई काम का नहीं है इनका पढ़ाई तू नौकरी करके दिखाओ बड़ी लड़कियों को उत्तराखंड की लड़कियों को क्या हो गया इन लड़कियों को इतना पढ़े लिखे खुद नहीं कर पा रहे हैं तो दूसरे को क्यों बोलती है इन लड़कियों को भी शर्म नहीं आती है खुद इतने पढ़े
Kisi ne likha hai ki gaon main ladke byasani hai esliye ladki nahin ladkiya nahin mil rahi hai. Mera beta to Delhi main achchhi naukri par hai. SAb kuchh ishwar kripa se thik hai fir hamai kyo ladki Bahu nahin mil pa Rahi hai? Bahut afsoch hai. Manral
Ladkia govt officer/ bank officer ya fir software me 2 lakh kamanewala ladka dhund rahi he aur ladka handsome b hona chahie, uska car b hona chahie, acha lifestyle maintain karnewala hona chahie...
मुसलमान व बिहारियों के साथ जो भाग रही हैं तब सरकारी नौकरी कहाँ गई
कई लोग ऐसे भी है भाई जी जिनके पास खाने के लिए नहीं है जमाई चाहिए उनको सरकारी
बिल्कुल सही कहा आपने बिल्कुल यही सच्चाई है
Sacchi baat
भाई पहाड़ी लड़के हरिद्वार देहरादून ऋषिकेश में बहुत पढे लिखे जैसे आचार्य शास्त्री बीएड हैं तथा पढताई में शानदार कमा रहे हैं उनका सम्मान भी है लेकिन लड़कियां उनसे शादी नहीं कर रही हैं. कारण पण्डित की तरह अनुशासित रहना पड़ेगा. सुबह सन्धा पूजा के लिए पति के साथ उठना बढेगा. पति को सुबह पूजा आदि के लिए तैयार करके भेजना पढेगा. पति की तरह व्रत पूजा पाठ में रूचि लेनी पड़ेगी आदि.
पहले की महिलायें बहूत संस्कारी होती थी और वो लड़कियों को भी संस्कार सिखाती थी.. आजकल की खुद ही नचनियाँ बनी रहती हैं..
बहुत अच्छा बात मां नचनिया होगी तो बेटी में संस्कार कहां से आएंगे
आजकल की पहाड़ी लड़किया घर मे नही रहना चाहती दूसरे की नोकरी व दूसरे की गुलामी पसंद है इनको
गांव मे घास,लकडी,जानवर, खेत,खलिहान, कपडे धोना,दूर से पानी लाना,चक्की पीसना आदि सब काम महिलाओ के जिम्मे होता है।सुबह से रात तक काम ही काम और अधिकतर लडके व्यसनी है,रेगुलर रोजगार गांव मे नही।यही सब कारण है लडके की शादीनहो हो रही है।
कोई भी वास्तविकता को छूना नहीं चाहता, यह सब नैतिकता और मूल्यों पर निर्भर करता है। मैंने अमेरिका और यूरोप की यात्रा की है और उनके ग्रामीण इलाकों को देखा है, वहां की लड़कियां भी बहुत मेहनती हैं, पूर्वोत्तर भारत में भी ऐसा ही है - नागालैंड, असम, मणिपुर, सिक्किम की लड़कियां भी बहुत मेहनत करती हैं..दक्षिण भारत में भी यही स्थिति है, वैसे वे भी यही काम करते हैं, आप यूट्यूब में वीडियो का नमूना पा सकते हैं और वे प्रतिदिन 10 से 14 घंटे काम भी करते हैं। और सबसे बड़ी बात यह है कि वे सभी अपने प्यारे परिवार के साथ संतुष्ट और खुश हैं और अपने जीवन का आनंद ले रहे हैं...लेकिन मैंने हाल ही में यह प्रवृत्ति केवल उत्तराखंड में देखी है, जहां माता-पिता अपनी बेटी की शादी किसी सरकारी कर्मचारी या निजी कर्मचारी से करना चाहते हैं और दूसरी ओर लड़कियां सड़क पर सामान बेचने वालों या ड्राइवरों के साथ भागने में खुश हैं।
Yahi toh akarmanyata hai.
@@AlienBabUfoekdm sahi tatthya kaha.
बिल्कुल सही कहा लड़कियां तो अपना घर तो देखी नहीं है दूसरे का घर देखते देखते हैं और खुद की भाई की शादी नहीं हो पाएगी तो तो क्या कर पाएगी वह यह भी सोचना चाहिए उसे लड़की को नहीं खुद को भी रोना आएगा मेरे भी भाव कम हो जाएंगेसोचेगी बोलते हैं जो करनी वहभरने
लड़की के पापा मजदूरी कर रहे हैं उनकी एक बेटा और एक बेटी है, लड़की का रिश्ता आता है तो सबसे पहले पूछते हैं क्या देहरादून में मकान है ।ऐसा ही उनको पूछा जाय तो
नोकरी कर रही कमाती कितना 9 घंटे ड्यूटी करती है रूपया पति है तनका 9000 हजार मात्र लेकिन स्वच्छंद रहना चाहतीं है
नीरज भाई बहुत बढ़िया साक्षात्कार कर रहे हैं आप।
दोनो बेटियां , खासकर बेटी वैभवी बहुत बढ़िया विचार रख रही हैं।
जिस समस्या पर आपका वीडियो उस समस्या संपूर्ण पहाड़ जूझ रहा है।
शुभकामनाएं !❤❤❤❤❤
Betiyon ki achhi soch ke liye badhai. Garhwal me ladkian laayak hain aur ladke aawara aur daarubaaj.
बहुत सुन्दर जबाव दोनों बेटी का❤❤❤
मेरा सुझाव है जवानो के लिए,काम धाम कुछ करें शादियाँ होती है,आज के जमाने में काम का क्षेत्र बहुत बडा हो चुका है,सबसे पहले घर से बाहर निकलना होगा छोटा बडा कुछ भी काम करने को मिले करना चाहिए बिना शर्म करे,रास्ता खुद बनता है,किसी को देख के नहीं करना, पूछताछ करते हुए आगे बडना चाहिए
बहुत सुंदर राय दी आपने।
शराबी, भगंलची, जुवारी, या बहुत ज्यादा ख्वाब रखने वाले, निठले और ड्रग वाले के लिए ही लड़कियों की कमी है लड़कियों की कमी है सिर्फ।
Very best vdo brother, thanks so much
वास्तव में उत्तराखंड सरकार ही जिम्मेदार है जो सरकारी नौकरी नहीं दे रही है और पहाड़ों में और गावों में तो बिलकुल भी नौकरी नहीं है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ।
सबको लड़का ही चाहिए लड़की नही। और ब्वारी सबको अच्छी चाहिए। सोचो जी जरा सोचो। अपने घर में बेटी नही दूसरे के घर में सभी को चाहिए।
बोडी ने एक दम सही बात बोली❤❤
नौकरी करो लड़कियाँ खुद रिश्ता लेकर आयेंगी आवारागिरी करना बन्द करो 😂😂
नमस्कार भाई साहब।इस पहल के लिए लिए आपका हार्दिक स्वागत। हो सकता है कि इससे हमारे कुमाऊँनी / गढ़वाली समाज में कुछ जागृति आए।
भाई साहब जहाँ तक हमारे समाज में लड़कों की शादी ना होने को लेकर विवीध प्रश्नचिन्ह लगाए जा रहे हैं जैसे- उनका पढ़ा-लिखा ना होना, बेरोजगार होना, नशेड़ी होना, इत्यादि। मैं लड़की वालों से यह पूछना चाहता हूँ कि क्या उन्होंने अपनी लड़कियाँ पूरी तरह से सभ्य, सुसंस्कृत और पूरी शिक्षा प्रदान कर अच्छी सरकारी नौकरी में लग गयी हैं? क्या आप B.A.,M.A.कर डिग्री ले लेने को ही शिक्षा प्राप्त कर लेना कहेंगे?
अपनी लड़कियों के लिए तो वे ऊँची अपेक्षा रखते हैं और उन्हें कमतर दृष्टि से नहीं आँकते किंतु अपने लड़कों के विषय में भी तो कुछ बोलें।
Migration is an issue, I accept. But bad impacts will no sooner come before us. Our land is being purchased by outsiders and in future we can't come/ stay here, even though we wanted to. We know, big cities are nothing but only the storehouses of fatal diseases which would compel us to come to our hills.We should be a good judge, thinking its distant consequences and try to convince our daughters to be settled in our villages, as it is called " Devbhoomi".
Ladke ka sharab peena jaroori hai, fun loving hona chahiye,
Romantic hona chahiye, sath me Honda City gadi honi chahiye
Weekend party, outing restaurant me khana, ye sab chahiye
भाई नीरज आज हमारे गढवाल में क्या कोई शहरों में रह रहे हैं सबको दामद चाहिए सरकारी नौकरी वाला, या अपना मकान होना चाहिए, हमारी बेटी गाँव में नहीं रहेगी, प्राइवेट नौकरी के साथ वालो के लिए बहुत कठिनाईयां हैं। यही मूल कारण है।बहुत अच्छा बिषय है।
कुछ लड़कियाें के मां बाप शहर में मकान वाले को अपनी लड़की दे रहे हैं. लेकिन वे लड़की पूरे मकान की देखभाल नही करना चाहती वे अपने कमरे का झाड़ू पोछा ही चाहती तथा अलग किचन भी उसी कमरे में चाहती हैं. यह सत्य हैं हम गांव से इकलौते बेटे के लिए बहु लाये है उसको देख लिया.
बिल्कुल सही कहा आपने आज की लड़कियां को पति और पति की कमाई चाहिए और पति के घर वालों से कोई मतलब नहीं रखनाचाहती ऐसे पढ़े लिखे से तो पहले के अनपढ़ ही अच्छेथे
बहुत सुंदर सोच है दोनों लड़कियों की
बहुत ही सुंदर जवाब दिया हैं सलोनी और वैभवी ने🙏🏻
बहुत बहुत सुंदर
Bahutsundar
👏👏👏
All want government service son for marriage of his daughter.
Very much intelligent person selected in government services.
I saw many girls and her parents immediately ready for marriage with government service son.
Before 10 years many boys went Delhi and telling that he is in big service. After marriage these boys came back to Village and living with wife. Both do labour work. Now all know it. So.
मुझे तो अपने बेटे के लिए 12वीँ पास गरीब संस्कारी लड़की चाहिए नौकरीवाली नहीं..
पहाड़ में लोगों के दो दो लड़के नौकरी कर रहे हैं मां बाप भी अच्छे खासे हैं लेकिन राशन कार्ड बनाए हैं अंतोदय, बीपीएल और दामाद चाइए इनको सरकारी नौकरी दिल्ली देहरादून में अपना मकान
बहुत सुंदर वीडियो है
यह समस्या बहुत ही बड़ी है हमारे उत्तराखंड में
आज के डेट में अच्छे लड़कों की शादी होना मुश्किल है बुरे शराबी बंगाली की पहली हो रही है देख लो समझ में मैं गलत बोल रहा हूं तो भाई नीरज भाई बोल देना कमेंट का रिप्लाई भी जरूर करना
Muje sabse last waale aunty uncle ka jaata ab achha laga ...aajkal jo daarroo ,cigreete pee rahe hai unhe hi achhi ladke mil rahe hai ,seedhi ka jamana chala gaya hai ..ab ..
Bhut gambhir samsya aagayi samya saya ki baat hai
Har pahadi ladkiyon ki shadi desi musalman ladkon se ho rhi unke beton se bhi pahadi ladkiyan shadi na kare 🙏
आजकल लड़की के मां बाप सरकारी जमाई ढूंढ रहे हैं
बहुत से पहाड की औरते शहर मै दूसरो के घर मै काम कर रही है लेकिन अपने गांव मै काम नही करना चाहिए रही सोच गलत है
गढ़वाल अब बौद्ध धर्म से जोड़ दिया गया है, गढ़वाली बच्चों को नेपाली लड़कियों से शादी करना है यह परमपिता परमात्मा का फैसला है ।
kya matlab
Aaj kal sab ladkio ko achi lifestyle chahie, bade ghar, amir ladka chahie... Govt naukri wala ladka chahie... Aaj kal garib ladki b govt employee, doctor, engr dhundti he... Kyun ki aj to show off ka zamana he, live in ka jamana he... Aaj kal city me jo ladkia career bana ne jati he boyfriend ke sath live in me rehti h
😂😂😂😂😂 बेरोजगारी हे तो फिर 15 साल से एक ही सरकार क्यों है।😂😂😂😂😂
Vachu Bhai/pandit ji ko pranam
Faujinder Bhai ki shadi inhone hi karayi thi
दामाद चाहिए उनको सरकारी अपना लड़का बेरोजगार बैठा है
नीरज भाई लड़कियों को चाहिए कम से कम महीने का 70 रुपया कमाने वाला चाहिए और हमारे गांव की तो बहुत साड़ी लड़कियां रूद्रपुर फैक्ट्री में काम करती है जो शादी करने के लिए राजी नहीं है इसलिए जुलाई में अभी गए हुए हैं कुछ लड़कियां जो शादी करना नहीं चाहती है उनके मम्मी पापा भी नहीं करना चाहते हैं वह सोचते हैं मेरी लड़की शहर में जाए और उनको अपना लड़का बहू घर में काम करने वाली गाय चराने वाली चाहिए
यहां शहर का भी बुरा हाल है। लड़कियां 35 साल की हो चुकी हैं। न जाने क्या कारण है कि शादी नहीं करना चाहती है। लड़के तैयार हैं परंतु लड़कियां पता नहीं क्या चाहती हैं।
Bahut sundar
❤❤❤
Govt naukri kya pvt naukri bhi nahi mil Rahi h.Pahle bachche 10/12th karke forces m kuchh delhi ncr chale jate the daily basis hotel pvt co.kahin bhi kam mil jata tha ab har jagah competition h exam pass karo typing test pass karo interview clear karo graduation h iti diploma n certificate courses kiye h computer etc jante ho mangte h test interview pass karo pahad ke bachcho ko dikkat hoti h clear nahi hota h 1-2 yrs taiyari karni hoti h muskil se 10-12 k ki naukri milti h kya gujara hoga.
Yeh ladki samjhdar hai
, जी, दारू और शराब पीने वाले की पहले करवा देना। ताकि उन बेटियों की जिंदगी तबाह हो सके। जो दिल्ली या बाहर से गांव में आ रहे है उन लोगों से दैनिक पगार अधिक ले रहे हैं। घरों में चोरी कर रहे हैं।
वे टिड्डी कोटद्वार भेज दीजिए
Chhoti wali ladki ne Sahi bataya Haridwar mein naukari karne ke liye a rahi hai Garhwal ki ladki
🎉 बहुत ही सुन्दर बिडियो
Very nice bhaiji
Chahe devboomi se log kitna hi palayan kar len lekin bhavishya me unko apni dev bhoomi me apni pitrabhoomi me aana hi padega ye Satya hai ye dev bhoomi hai log bhavishya me apne tute photo gharon ko banane jarur aayenge bhavishya me 😊
Arpita Bhandari898 ji
Aap khud rahti hai goon me🙏
एक दिन ऐसा आएगा कि सारे उत्तराखण्ड आने को तैयार हो जायेंगे अगर वहां कम्पनी नौकरी हो जायेंगी
ठीक है बहन जी बाहर भेज रहे हैं लड़कियों को तो ठीक है वह अच्छी बात है पर अपने भाई के लिए अपने लड़के के लिए क्या करोगे सबको पास होना पड़ेगा या तो
कानून बने.. पहाड़ में रहने वाली लड़कियों की शादी पहाड़ में ही रहने वाले लडके से होगी.. मैदानी इलाकों में रहने वालों से नहीं
Jin ladkiyo se aap baat kar rahe hai, kyaa wo khud SHADI karengi PAHAD me🙏
आप की हार्दिक योग्यताएं क्या है जो सरकार को दोष देते रहते हो, कुछ लोग दूसरे पर ही आश्रित रहते है,
नेगी जी आप इन लड़कियों से बार बार पूछ रहे हैं कि क्या कारण है कि हमारे लड़को की सादी नहीं हो पा रही है। नेगी जी सादी पुलिंग और स्त्री लिंग के बीच का संमबन्ध है।तो अगर लड़कों की सादी नहीं हो रही तो लड़कियों की भी नहीं हो रही है लड़की की सादी तो पुरूष से ही होगी।फिर आप क्यो कह रहे हैं कि लड़को की सादी नहीं हो रही है? लड़कियों की भी तो नहीं हो रही है सादी।
Ajkal sarif sanskari ladko ki sadhi hona mukil hai wa lafandar lakibaj wa chalak ladko ki sadhi arram sai ho rahi hai hamri phadhi ladka sarmilai jyda hai
सबसे पहले उत्तराखंड के लोगों को यह स्वीकार करना होगा कि यह एक समस्या है।
इसके लिए उन्हें लड़कियों की बात भी सुननी होगी, क्योंकि वे हमारी जीवन साथी हैं और उनकी आवाज को भी मान्यता मिलनी चाहिए।
यदि दो परिवार एक साथ आ रहे हैं तो उन्हें इन कठिन आर्थिक समय में अपने संसाधनों को एकत्रित करने की आवश्यकता है ताकि नए जोड़े को आगे बढ़ने का अवसर मिल सके।
नए जोड़े को अपनी-अपनी भूमिका पर चर्चा करने की आवश्यकता है, जिसमें लड़के को परिवार की देखभाल करने में अग्रणी भूमिका निभानी होगी, जबकि लड़की को घर के मोर्चे पर नेतृत्व संभालना होगा।
यदि लड़का और लड़की दोनों ही दुकान या कोई छोटा व्यवसाय खोलना चाहते हैं तो माता-पिता को उनकी अनुपस्थिति में घर की देखभाल करनी होगी, ऐसा नहीं है कि लड़का और लड़की लौटने के बाद खाना पकाएं और घर की सफाई करें, यदि वे नए जोड़े के साथ रह रहे हैं तो माता-पिता को भी इसमें योगदान देना होगा।
इसके अलावा अपने गांव या ब्लॉक में सरकारी ऋण योजना के बारे में जानने के लिए सक्रिय रहें, ताकि आप देख सकें कि आप इससे कैसे लाभ उठा सकते हैं।
ये कुछ ऐसे कदम हैं जहां लड़का और लड़की दोनों आपसी सम्मान और समझ के साथ एक-दूसरे का समर्थन कर सकते हैं और समय के साथ सब ठीक हो जाएगा...
एक दूसरे की आलोचना करने से बेहतर है.
एक और बात, यदि गांव एकजुट हो जाएं, विशेष रूप से स्थानीय प्रधानों को युवा जोड़ों को निर्माण, इलेक्ट्रीशियन, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण (आचार, पैक्ड बाजरा, बेबी कॉर्न, मिर्च, लहसुन, अदरक पाउडर आदि) जैसे किसी भी व्यापार को सीखने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है या उन्हें कृषि उपकरण प्रदान करना चाहिए ताकि वे उस क्षेत्र के भीतर किराए पर काम कर सकें और जीवन यापन के लिए एक अच्छी रकम कमा सकें, यह एक अच्छी शुरुआत हो सकती है।
लड़की फुर्र होणी छन।
Kam se kam es wazah se garhwali ladke acche se padayi likhai karenge or acchi post mai kam karenge apne aap ladkiyan mil jayengi
नीरज भाई कभी हमारे पास्ता तल्ला गांव की भी वीडियो बनाया करो।
सरकारी नौकरी वाला ही चाहिए नोकरी तो मिल नहीं रही है
Jannu bhai volleyball ke smasher the aur vachu bhai lift karte the
Mujhi merai bhai kai leye gadwali braman ladki cheiye wha company mai fair engner hai dehradun 12 kamro ka makan bhi hai prtu nahi milrahi majboori mai deshi logo mai kreni padaigi 😊
पलायन भी लड़कियां ही करा रही हैं..
भाई जी हमें कुछ नहीं चाहिए लड़की चाहिए अपना मकान देहरादून में है पंडित है
Mohan sing ji sadhi to phadhi ladkiya ker rahi hai per addiktar sarkari ladk
A wa deshi to pvt ladka bhi chalega
बिहारी और मुस्लिम के साथ भाग तो रही हैं, सुख शांति के चक्कर से, सरकारी नौकरी सभी को कैसे मिल सकती है,
उत्तराखंड सरकार गांव में सिंचाई की ब्यवस्था करे तो पलायन रुक सकता हैं..
Dabal singh bhai toli ke bhi unki team mai the
हम देहरादून में रहते हैं एक ही लड़का है लड़की चाहिए
तोली का गुरुजी की राय नी ल्या तुमुल किले😊
Vo bade bade city mai up or delhi Or hariyada volo ke sath feet hai😂
कितने लोग सरकारी नौकरी करते है और अब पेंशन तो है नही फिर भी लड़की अगर पढी लिखी है तो पढा लिखा लडका चाहिए ही पर हकीकत है लोग गांव मै रहना नही चाहता सरकार को सुविधा बढाने चाहिए ताकि पलायन रुके
ताऊ जी आपने सही कहा लेकिन जो लड़कियां इतनी पढ़ी लिखी है तो खुद नौकरी क्यों नहीं कर सकती है जब खुद की नौकरी नहीं है तो दूसरे को क्यों सरकारी बोलती है
Hi Naukri karne se kya hua jiske liye aap Rishta dhundh rahe hain vah bhi to Ladka Naukari kar raha hoga na bhai Uttrakhand Mein Kuchh jyada hi Gadar Ho Rakha Aaj
राजपूत लड़की चाहिए। 29या30साल की।लडका सरकारी कालेज सिबिल से बीटेक है।लेकिन अभी बच्चो को पढाता है।कोटद्वार में मकान है 50 हजार महीने कमा लेता है ।सैनिक स्कूल के बच्चो को कोचिंग करता है।दो भाईयो की शादी है।दून मे हैऔर एक विदेश रहता है।भाई लड़की देखना।हमे कुछ नही चाहिए। अगर वह पढ़ाई करेगी।तो पढा भी देगे।
कुछ सही निश्कर्श नहीं निकला से सवाल जवाब में में बहुत उलझ है नयी पीड़ी को समझ दारी से काम कर ना पढ़े गा दोनों कमायेगा तो काम चल सकता है शादी सामाजिक बंधन है लड़की लड़के बिना शादी रहना उचित नहीं धन्यवाद नमस्ते
Arey bhaiii choro yeah sabb . Khud pe focus karo . Paise kamao .
व्लोग में वो तो बताया ही नही आपने की कैसे होगी शादी ।
Sb. Aalksi. Ho. Gye
Sbse. Acchi. Nokri
Khetibadi. Hai. Khub
Kakhdi. Buwa. Not. Kmawa.
Sari soch Mahilao ke prati ektarfa ho gaya hy Ladko ke prati kuch nahi
गढवाल की गम्भीर समस्या
मेरा बेटा तो पढ़ा लिखा है अपना बिजनेस है देहरादून में मकान है अच्छा खासा कमाता है लेकिन लड़की नहीं मिल रही है मेरे बेटे ने b s c i t कर रखी है m s w कर रखा है तब भी लड़की नहीं मिल रही है ।
Rajeshwari Kothiyal1224
Aap logo bhi ki bhi koi na koi mag hogi🙏
@@KiranYadav-cu5py हमें केवल लड़की चाहिए बाकी हमें कुछ नहीं चाहिए हम अपने कपड़ों में लड़की लाने के लिए तैयार है क्योंकि किसी का दिया हुआ कितने दिन चलेगा मेरा ऐसा सोचना है।
@@rajeshwarikothiyal1224
Kya Umar hai aapke bete ki
युटुब भाई ज्यादातर लड़कियों का इंटरव्यू लेने की कोशिशकरो उनका विचार सामने आनाचाहिए उनसे उत्तराखंड में पलायन के बारे में भी बात करो अगर लड़कियां पहाड़ी लड़कों से शादी नहीं करेंगे तो प्लान कैसे रुकेगा
ये लड़की जो बोल रही किअपंना पेट नहीं पाल पा रहै तो उनके मां-बाप भीतो साथ में हैं तो उनको कोन पाल रहा है
Negi bahut bahut sundar prastuti bhula bhair ta ladki naukri kani chha par bhair dahej pratha cha aur ladki maa pita maa repayable itga neecha jai karan ladki saadi bada ghair maa hun muskil cha ugh bhi ladkiyon ki saadi Tam par ni huni cha Wai ka baad najboori maa tab jakho parwar bhi ho kai jati ko bhi ho majboori maa by kan pandiyon cha bhula negi
नीरज भाई हमारे गांव में तीन चार गरीब परिवार है जिनके दो तीन चार लड़कियां भी हैं तो वह भी किसी को भी पसंद नहीं कर रही है भले हो अच्छा भी नौकरी करता होगा तो उनके भी भाव काफी आगे बढ़े हुए हैं इसलिए मैं भी थोड़ा सा समय में हूं मेरी भी शादी नहीं हुई है जो की 30 साल हो चुके हैं बड़ी दिक्कत हो रही है यह पहाड़ का क्या होगा अब और लव फ्रॉम पिथौरागढ़ से हूं भाई मुंसियारी गरीब लोगों के ज्यादा भाव बड़े हुए हैं तो इन लोगों को पहाड़ की लड़की छोड़कर शहर की लड़की से शादी करना उचित होगा इन लोगों को अदर कास्ट की लड़कियों से शादी करना पड़ेगा कहीं से भी सही मैं क्यों ना हो और मुझे भी शामिल होनापड़ेगा इस कदम को उठाने पड़ेग अन्यकास्ट में
मेरा लडका लैन्सीडाउन मे पी डबलूडी मे इन्जीनियर है शादी नही हो रही है
कुछ नहीं ये सब लोगों की अपनी अपनी मानसिकता है।
क्यों नेगी जी क्या आपने उन लड़कों के लिए कहीं आसमान से लड़कियां टपका दी जो आप बोल रहे हैं कि आने वाले वीडियो में उन सब की शादी होगी क्या आपके पास कोई ऐसा तंत्र मंत्र है जो की लड़कियां पैदा हो चुकी हैं
नमस्कार जी 🙏 आने वाले vlog मे देखना उसी विडियो पे काम कर रहा हू धन्यवाद
लड़की अपने मां बाप के घर में सारा काम करती है घास काटना बोझ उठाना जंगल जाना खेती करना और बीपीएल कार्ड का फ्री राशन खाते हैं और लडका शहर में घर सरकारी नौकरी चाहिए
Jo ladke bahar h unki to ho hi rhi h lekin jo gawm ladke h unki kyo nhi ho rhi h
जू मेरू अनूभव च कि लड़का वाला झूठ बोली रिश्ता कर दिन जब हकीकत समणी औंदू तब लड़की पछतांदी च ये कारण घर वाला अपनी लड़की ते पडाणा छन और अपना पैरौं मा खड़ा होणो छन बोना
नीरज भाई बहुत अच्छा ब्लॉगिंग शुरू की है लेकिन भाई लड़की पढ़ी लिखी है तो कुछ भी नौकरी कर सकती है तो दूसरे को क्या निर्भर करती है खुद के दम पर तो है नहीं नौकरी तो दूसरे को क्यों बोलती है सरकारी नौकरी नहीं दिख रही है तो खुद ने भी तो होना चाहिए ना नौकरी जब इतनी पढ़ी लिखी है लड़कियां जब उत्तराखंड में तो खुद क्यों नहीं कर रही थी तो आप लोगों को क्यों बोलती है भाई सरकारी होना चाहिए खुद के दम नहीं है और दूसरों को बोल रहे हैं ना यह लड़कियां इसमें बहुत ज्यादा गुस्सा आता है क्योंकि यह खुद तो कुछ भी नहीं कर सकती है खाली डिग्री खाली दिखावा कर रखा है भाई काम का नहीं है इनका पढ़ाई तू नौकरी करके दिखाओ बड़ी लड़कियों को उत्तराखंड की लड़कियों को क्या हो गया इन लड़कियों को इतना पढ़े लिखे खुद नहीं कर पा रहे हैं तो दूसरे को क्यों बोलती है इन लड़कियों को भी शर्म नहीं आती है खुद इतने पढ़े
Kisi ne likha hai ki gaon main ladke byasani hai esliye ladki nahin ladkiya nahin mil rahi hai. Mera beta to Delhi main achchhi naukri par hai. SAb kuchh ishwar kripa se thik hai fir hamai kyo ladki Bahu nahin mil pa Rahi hai? Bahut afsoch hai.
Manral
Ladkia govt officer/ bank officer ya fir software me 2 lakh kamanewala ladka dhund rahi he aur ladka handsome b hona chahie, uska car b hona chahie, acha lifestyle maintain karnewala hona chahie...
Aur ek reason b he ki ladkia ka boyfriend hona... Sab ladkia apne boyfriend ke sath marriage karna chahti he