हिंदू अंधविश्वास से अंधे क्यों हैं?
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- Опубліковано 2 жов 2024
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Hey guys, आज हम इस रहस्य से पर्दा उठाने जा रहे हैं कि इंडोनेशिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिर को प्रम्बणन क्यों कहा जाता है। 'प्रम्बणन' का क्या अर्थ है? इंडोनेशियाई भाषाओं या संस्कृत में 'प्रम्बणन' शब्द का कोई अर्थ नहीं है। इसे इस नाम से क्यों बुलाया जा रहा है? मैंने इस रहस्य को सुलझा लिया है और इस वीडियो के अंत तक आप इस नाम का कारण समझ जाएंगे। यदि आप इस मंदिर परिसर के मुख्य कक्ष में जाएंगे तो आपको शिव की एक विशाल प्रतिमा दिखाई देगी। सभी mainstream histoeians और Archeologists के अनुसार यह मुख्य मूर्ति है जिसकी 1200 साल पहले सभी लोग पूजा करते थे। हालाँकि, अपने research के दौरान, मुझे एक बहुत ही अजीब चीज़ नज़र आई। यहां आने वाले local हिंदू इस मूर्ति की किसी भी तरह की पूजा-अर्चना नहीं करते थे। यह देखना दिलचस्प है कि इंडोनेशियाई हिंदू अपने जूते पहनकर मुख्य कक्ष में चले गए, लेकिन जैसे ही मैंने कक्ष में प्रवेश किया, मुझे एहसास हुआ कि यहां एक अलग vibration था।
जहां tourists को यह विशाल प्रतिमा बहुत पसंद आई, वहीं अधिकांश स्थानीय हिंदू यहां किसी भी प्रकार का कोई समारोह नहीं करते थे। लेकिन इसके बजाय वे क्या करते हैं? उसी मंदिर के निचले भाग में आप कुछ लोगों को बैठे हुए और मंत्रों का जाप करते हुए देख सकते हैं। कौन हैं वे? ये इंडोनेशियाई हिंदू हैं, ये स्थानीय जावानीस लोग हैं और ये अपने अनुष्ठान कर रहे हैं, लेकिन ध्यान दें कि ये मंदिर के बाहर बैठे हैं, ये अंदर नहीं गए। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि वे सीधे शिव कक्ष के सामने नहीं बैठे हैं, वे प्रवेश द्वार के बाईं ओर तिरछे हैं। प्रवेश द्वार के ठीक सामने शिव का कक्ष है। आम तौर पर हिंदू अपने मुख्य देवता के ठीक सामने बैठकर या खड़े होकर प्रार्थना करते हैं, लेकिन यहां, वे प्रवेश द्वार और शिव प्रतिमा से दूर बैठे हैं। क्यों? वे क्या कर रहे हैं? हो सकता है, आपको लगता हो कि ये लोग सिर्फ courteous हैं और प्रवेश द्वार को नहीं रोक रहे हैं, है ना? नहीं, यह एक बार की बात नहीं है. अगले दिन, जब मैं फिर से उसी क्षेत्र की खोज कर रहा था, तो मुझे यह समूह मिला, यह एक छोटा समूह है, और वे फिर से मुख्य प्रवेश द्वार के बाईं ओर बैठे हैं।
मैंने उनके ख़त्म होने का इंतज़ार किया और अब मैं यह जानने के लिए उनके पास जा रहा हूं कि क्या हो रहा है। भारत में हिंदू पुजारी आमतौर पर भगवा कपड़े पहनते हैं, लेकिन ये सज्जन सफेद कपड़े और सिर पर सफेद टोपी पहने हुए हैं। वह एक स्थानीय हिंदू पुजारी हैं। आप शीर्ष पर त्रिशूल वाली घंटी देख सकते हैं। इस coir bag के अंदर, हम अगरबत्ती, पानी, राख, कमल के फूल आदि देख सकते हैं। आइए मैं आपको उनके साथ अपनी लाईव बातचीत दिखाता हूं। तुम यहाँ प्रतिदिन आते हो? वहाँ? केवल यहां। क्यों? इसलिए, वह इस भाग में अनुष्ठान करता है, मुख्य कक्ष में नहीं। तुम्हारा नाम क्या है? नाम? नाम? प्रयातो। तो, उसका नाम प्रयातो है, लेकिन वह इस हिस्से की पूजा करता है। यह बहुत दिलचस्प है दोस्तों, यह मुख्य मंदिर है, लेकिन वह यहां पूजा करते हैं। तो, आप देख सकते हैं कि यह बहुत अजीब है क्योंकि वह उस विशिष्ट स्थान पर पूजा कर रहा है। और वह जगह बहुत अजीब जगह है. उस स्थान के बारे में एक बहुत ही दिलचस्प कहानी है। अब इस बारे में सोचें कि वह उस छोटे से कक्ष की पूजा क्यों कर रहे हैं, मुख्य मंदिर की नहीं।
आप मेरे पीछे मुख्य मंदिर देख सकते हैं। वह मुख्य मंदिर के बगल में बने छोटे कक्ष की पूजा क्यों कर रहे हैं। उसे मंदिर में जाकर मुख्य मूर्ति की पूजा करनी चाहिए, है ना? इसमें एक रहस्य छिपा है और यह 1200 साल से चला आ रहा है। योग्यकार्ता के पुजारी, केवल उस छोटे कक्ष में आते हैं और अनुष्ठान करते हैं। मुझे बताओ क्यों। “अब, आप कह सकते हैं कि कौन जानता है कि वे इस छोटे से कक्ष की पूजा क्यों करते हैं? आज की दुनिया में, भगवान की पूजा करने का पूरा विचार ही अंधविश्वासी और अतार्किक माना जाता है, और आप सोच सकते हैं कि प्राचीन लोग बेतरतीब ढंग से कुछ अतार्किक सिद्धांत लेकर आए होंगे कि उन्हें इस छोटे से कक्ष के सामने पूजा क्यों करनी चाहिए। यह main stream की व्याख्या भी है, लेकिन मैं इसके पीछे के तर्क को समझने जा रहा हूं कि आज स्थानीय हिंदू और इंडोनेशिया के प्राचीन हिंदू इस छोटे से कक्ष के सामने पूजा क्यों करते हैं।
यहां प्रम्बणन मुख्य मंदिर परिसर का हवाई दृश्य है, यह ड्रोन से ली गई एक वास्तविक तस्वीर है, कोई चित्र नहीं। मंदिर को एक perfect square के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जिसकी प्रत्येक भुजा 360 फीट लंबी है। तो सभी चार भुजाएँ बिल्कुल 360 फीट लंबी हैं। अब, मैं centre को खोजना चाहता हूं, इस मुख्य मंदिर परिसर का सटीक केंद्र। तो मैं क्या करूँ, मैं इस corner से इस corner तक एक diagonal बनाने जा रहा हूँ, है ना? इससे मुझे एक मोटा अंदाज़ा मिलता है कि केंद्र बिंदु क्या होगा, लेकिन केंद्र को pinpoint करने के लिए, मुझे इस corner से इस corner तक एक और diagonal बनाना होगा। अब, जब मैंने यह कर लिया है, तो आइए ज़ूम इन करें और देखें कि वे कहाँ प्रतिच्छेद करते हैं, यह इस परिसर का सटीक केंद्र बिंदु है, और यह बिंदु क्या है?
#praveenmohanhindi #प्रवीणमोहन #ancienttemples #hinduism #lordshiva
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आप बोहत कुछ समझ लेते हैं अपनी बुद्धिमता से,मानना पड़ेगा क्या कहने ,प्रवीन जी मै आपके वीडियो को देख कर खुश हो जाता हूं और हमेशा अपनी भी एक बात रखता हूं,पर आप हमारी बातों को प्राथमिकता नही देते ,मै समझ सकता हूं मेरे प्रश्नों के लिए आपके पास समय न हो ,या होसकता है वो आपके स्तर (याने आपकी बुद्धिमता से नीचे के हों ।
आपकी सभी विडिओ काफी ज्ञान वर्धक होती है कितना महान है सनातन धर्म कहाँ तक इसकी जड़ें हैँ समस्त विश्व में आपका धन्यवाद ji अद्भुत सामग्री जुटाने के लिए
मोहन जी नमस्कार 🙏,
प्रंबणन शब्द परब्रह्म से नहीं आया है क्योंकि निर्माता संस्कृत भाषा और देवनागरी के विद्वान थे न कि रोमन के।
प्रंबणन शब्द प्रणव का अपभ्रंश है। (ॐ) या ओमकार को प्रणव भी कहते हैं।
निर्माता के बौद्धिक स्तर को समझ पाना बहुत ही कठिन था जिसे आपने आसानी से समझा और हमें भी बताया समझाया इसके लिए आपकी जितनी प्रसंशा की जाए कम है।
हर हर महादेव 🙏
आपका व्हॉटसअप नंबर ?
I got this vedio on youtube..please explain
मुझे बहोत पसंद आया और बुरा भी लगा कि इस मंदिर में पुजा बंद हो सकती हैं, ईश्वर करे वो वैसा ही रहे युगों युगों तक मेरा हमारा सनातन युहीं अखंड रहे.. धन्यवाद प्रविण भैया❤❤
बहुत-बहुत धन्यवाद।🙏
बात धर्म की नही है बात पूजा पद्वति की है,पौराणिक काल में, शिव याने( लिंग) और पार्वती, शक्ति, याने ( (यौन) को अलग अलग रूपों मे पूजा जाता था ,आप जब भी किसी शिवालय में जाते हैं तो केवल शिव याने( लिंग) को ही पूजते हैं और शक्ति याने नीचे का प्लेटफार्म को भूल जाते हैं,आप उसे केवल पानी दूध जाने का एक वायस्थित आकर जैसे नाली जैसा समझ लेते हैं, ये ही हमारी गलती है वो शक्ति ही मेन होती है,और दूसरी बात ,अभी प्रवीण जी ने समझाया कि हिंदू एक खास प्वाइंट पर पूजा करते हैं जबकि वहां पर कोई शिव लिंग नही है और कोई शक्ति भी नही है , जबकि वहां पर पानी निकलने का एक प्वाइंट है,गौर से देखने पर दिखता है किनारे मे है, मै कुल मिला कर ये केहना चाह रहा हूं ,शिव लिंग और पार्वती शक्ति की पूजा अलग अलग होती है और एक खास समय में जब वे ऊर्जावान हो जाते हैं तो उन्हें आपस मे एक कर दिया जाता था , और ये पूजा पद्वति केवल थाइलैंड, मलेशिया इंडोनेशिया,मायनमार,कंबोडिया,हजारों साल पुरानी है जो बुधिज्म और इस्लाम के बाद खत्म हो गई है, और हमारे देश भारत मे शिव पूजा आज भी वैसी ही है जैसी पौराणिक कथाओं में थी या है,लेकिन असली विधान वही है जो हम खो चुके हैं, मैंने आपको ये कमेंट इस लिए किया की मुझे लगा की आपको करना चाहिए ,आजके बाद शायद ही मै कभी प्रवीण मोहन के वीडियो देखू ।
@@aruntamta8776🙏🙏hats of. Bhagwan apa per krupa kare. Aap jise dost hone chayie sabi hindu Ko
हम सनातन इतना उदासीन (Neglect) है के वोट देने अधीकार को धककारते हुए वोट देने नही जाते हैं. अगर मोडी नही आये तो हमारा मंदिर और हमारा समाज और हमारा स्तीरीयों सब को खतरा है अलपसंख्या वर्ग से. इस प्रवीण भाई को अनेक प्रकार का खतरा है. फिर भी हिममत से लढ रहा है. लेकिन हमारा हिन्दु समाज मैं लढना का मन नही है
आप के द्वारा की गई खोजों व उनका उल्लेख आश्चर्यजनक रूप से रोचक, ज्ञान से भरपुर साथ ही अविस्मरणीय और अनुकरणीय भी हैं, जय हिन्द, जय भारत।
बहुत सुंदर वर्णन और साथ में ज्ञानवर्धक भी ,आपका बहुत धन्यवाद इस सब के लिए 🙏
आप सदैव ज्ञानवर्धक जानकरी प्रदान करते हैं।धन्यवाद।
आप बहुत अच्छा दिखाते है और समझाते है विश्व के सारे हिंदु मंदिर की जानकारी तथा दर्शन घर बैठे होता है धन्यवाद
लाखों लाखो likes,आपकी वीडियो बहुत दिन मे आई है.. जानकारी हैरान करने वाली है.... आपके पास ज्ञान का अपार भंडार है,इसे आप पुस्तक के रूप मे संग्रेहित् जरूर करे ... आपको धन्यवाद करते है🙏🙏🙏🙏👍👍👍👍👍👍👍
बहुत-बहुत धन्यवाद।🙏
@@PraveenMohanHindiसर मुंबई में बोरीवली नेशनल पार्क में जो मंदिर है वह विष्णु जी का है या शिव जी का है 🙏
अलौकिक ज्ञान ****
आपने इसे सहज भाव से समझा दिया ,
हर हर महादेव!!!
Great finding
In the Right direction
Only. U could do it Dear
Proud of you
Thanks Dear Praveen Mohanji
हिंदू अंधभक्त नहीं है ये सनातनी है
अपने को सनातनी सनातनी कह कर ज्यादा फूलो मत। ये जो भाजपाई और उनकी ट्रोल आर्मी कर रही है गत 10-15 वर्षों से यह सब क्या और कैसा सनातन है ज़रा हमें भी समझाना।
@@mbb1805to bjp ko pasand nahi karta to jaha karana hai waha kar .sanatan mai bjp hosakati hai per bjp mai sanatan kattai nahi hai .
@@gamingtoallff9585 तुम जैसे अंधभक्त भाजपाई से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है। " ....भाजपा को पसंद नहीं करता है, जहां कराना है कर..." ये भी किसी सभ्रांत व्यक्ति की भाषा हो सकती है क्या संस्कारी पार्टी के असभ्रांत फालोअर।।
@@gamingtoallff9585" तू बीजेपी को पसंद नहीं करता तो जहां कराना है कर..." ये है तुम्हारी सनातनी भाषा। और btw सनातन क्या है ज़रा इसकी व्याख्या तो करो।
@@mbb1805 sanatani bhasha 1 nahi hai aur sanatan ek dharm hai .
मान गऐ उस्ताद आपको,,,,,
आप का विश्लेषण का कोई जवाब नहीं।
आपकी हर विडिओ का हमे बेसब्री इंतजार रहेता है।🎉
आप पर गर्व है आप बेहतर ढंग से सार्थक प्रयास करते हैं धन्यवाद
Bhut sunder gankari
Aapko khub lumbi umer dy perbhu
9th century CE Buddhist temple in Central Java built by Buddhist Shailendra dynasty of Mataram Kingdom
आवश्यक नही मंदिर के सामने या मूर्ति के सामने ही बैठे।मंदिर परिसर में तो है।उनकी भाषा में परब्रह्म है परब्रमण अपभ्रंश शब्द है।तुझे इतना ज्ञान अब हुआ है धन्यवाद।
No words for you Sir, I love you. GOD BLESS YOU WITH ALL HIS BLESSINGS.
राम राम प्रविण जी..
बहोत दिनों से आपके वीडियो का इंतजार कर रहा था..
हर हर महादेव..
Praveen ji ne Secret ko Solve kar diya
अहं ब्रह्मास्मि
Praveen Mohan ji, you did a very good job. Thanks for sharing
Thanks a lot!
Excellent
Asankhya dhanyavaad
Excellent… beyond words, as always! ❤
Wahh adbhut....bahut dhanyawad aapka Pravin ji yeh gyan share krne k liye...
बहुंत ही सटीक जानकारी
Bahut Badiya Vishleshan.
प्रवीण जी क्या आपने इंडोनेशिया में जावा द्वीप पर Dieng Plataue पर अर्जुन मंदिर समूह देखा है? उसके बारेमे आपके विचार सुनना चाहते हैं।
Har har Mahadev
बहुत ही उत्तम वर्णन एवम जानकारी
Absulatly right 😊
जवाब नही आपका प्रवीण सर ❤❤
आप की दी हुई जानकारी अद्भुत है जो हमें हमारी संस्कृति ,सभ्यता, इतिहास, व उनके अकल्पनीय ज्ञान का एहसाह करवाती है कि उनका दृष्टिकोण पूर्ण रूप से वैज्ञानिक था वे अतर्किक नहीं थे जय सनातन 🚩🚩🚩🚩
भाई साहब आप बहुत दिनो के बाद दर्शन दिया ! आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Apka Chintan gyan Sahi hai.
😊
Paramatma Shakti ki
deh ke baahar Puja - Anushthan
Aadhidaivic vigyaan - karmakand kahalata hai ,
deh ke andar Parmatma Shakti ki sadhana
Adhyatmic vigyaan kahalata hai , jo mukti - moksha prapti ke liye ki jaati hai .
❤
Jai shree krishna Jai shree Ram 🚩🚩🚩🚩
adbhut ,wah kya samjaya hai, thanks bro
Naman. Naman Parbrahma
Great job praveen ji.... keep doing the good work for our ancient culture & share your knowledge so we sanatani can educate others sanatanies also...
Thanks a lot!
चित्तौड़गढ़ राजस्थान कब आ रहे हैं
Jai hindurashtra 🚩🔱⚕️🕉️🚩
Sir science journey channel के बारे में आप क्या सोचते हैं?
बहुत दिनों बाद आपका ये देखने को मिला हे। आप द्वारा दी गई जानकारी व ज्ञान अनमोल है। बहुत साधुवाद, जारी रखे।
Bhai , respect aapke liye
मोहन भाई जी प्रणाम मुझे पहले अपनी सनातन संस्कृति के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं थी और माफ़ कीजिए गा की मुझे सीफ रटी रटाई अंग्रेज़ी आती है आप कुछ विंडीज देखने के बाद आप का चैनल सब्सक्राइब कीया और आपकी विंडोज़ नियम से देखने लगी। SONAM SINGH,gorakhpur , U. P.
बहोत अच्छी जाणकारी दी है आपने
धन्यवाद प्रविणजी 🙏
Har har Mahadev 🙏🙏🙏
Bahut achha kam kare ho sir aap
परब्रम्ह ही अंतिम सत्य है परंतु सामान्य हिंदु यह बात कभी नही समझता। आपके इस शोध के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏
Great.
Kash asiakhand abhi bhi akhand hota. Dhanyvad praveenbhai is madir k bare me avagat karvane aur darshan karvane k liye . Sanatan dharm ki jai ho. Har Har mahadev.
Wow amazing discovery and logical explanation. 🙏
Sir, you missed the SPOUT at left bottom in video time 7:03
Thanks sir abhi to aapki dusri video bahut din bad dekhna shuru he Kiya tha or itne me aapne mere comment ko heart ❤️ Diya thankyou sir 🙏 You are very intelligent man
Praveen Mohan, Anna Bhai,.Gentleman. thank you🌞🌞💎
❤❤❤
जय श्री राम 🙏🏻
प्रणाम सर 🙏🏻
सर यह भी हो सकता है के
प्रबुद्ध को बाद में प्रम्बणन कहा जाने लगा हो।
आप जो प्रतिमा दिखा रहे है वह बुद्ध भगवान की हो
परम ब्रम्ह
😂😂😂
हमेशा की तरह वीडियो बोहत पसंद आया ( उस स्थान मे लिंगम को विशेष समारोह में तो नही रखते थे ?)
सनातन धर्म अद्भुत, अद्वितीय। हर हर महादेव🙏🙏
❤❤❤🙏🚩👌
Har har Mahadev
Har har Mahadev
🇮🇳🙏🌹🚩જય ભારત ❤️ જય શ્રી રામ 🚩🌹🙏🇮🇳
🚩 હર હર મહાદેવ 🚩
आप गजेन्द्र मोक्ष पढ़े , भगवान के निराकार रूप की छोटी सी व्याखान मिल जाएगी
🕉️🙏🏻🙏🏻🙏🏻🕉️🚩🔱🔱🔱🚩
जय श्री हरि विष्णु जी 🙏🕉️🙏
Om Namah Shivay🪔🌹🕉️🙏
Nice video bro
बहुत ही गहन जानकारी...
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻👍🏻
हर हर महादेव 🙏🕉️🙏🕉️🙏
অসাধারণ বিশ্লেষণ।
Great Explaination 🙏
Glad you liked it
❤ज्ञान वर्धक जानकारी। लेकिन यहां का पुजारी सनातनी है तो हिंदी या संस्कृत क्यूं नहीं बोलता न जानता हैं, लिंग पूजा की विधी, उच्चारण भी स्पष्ट नहीं थीं, वहा के पुजारी जब निराकार शक्ती की पूजा करते आ रहे है, तो यहां मूर्ति पूजा पर ज़ोर क्यूं दिया जाता आ रहा है😮 विदेश के इस मंदिर के साथ सनातनी पूजा पाठ🤔 का कोई झोल दिखता है😮😡🤭
जैसा देश,वैसा भेष
कोई फायदा नहीं इस बेमतलब आपरेशन का
❤❤❤❤
hi praveen sir
your work is inspiring
Thanks a lot!
जय श्री राम।
❤❤❤❤❤❤
Mai bhi bahut dino se is nam ka arth janna chahti thi... Apka bahut bahut dhanyawad apne bahut achhi jankari di 🙏🚩🕉️
Correct sir I agree as parabrahma🙏
Har har Mahadev
Great work Praveen ji
Shivji ki Murti rup me puja nahi ki jati..
🎉🎉 पब्लिसिटी स्टंट नही है 🎉🎉🎉ए आस्था और प्रार्थना से समाधान समृद्धी सदैव तत्पर रहेती है 🎉🎉हमे आस्था अच्छी और सची लगती है 🎉🎉पर अंधश्रद्धा आच्छा नही लगता है 🎉🎉ना तो पब्लिक संस्ट 🎉🎉
Nice video ❤❤
Thanks 🤗
Nice
Thanks!
आप भगवान की सेवा कर रहे है । भगवान आप का भला करें
🙏🏻When we know nothing consecrated Idols are our source .. when we know something all concecrated places are our source.. when we achieve all knowledge we understand everything has source that should be worshipped 🙏🏻
Para brahma has no roop and he is sarva vyapi as per Rig veda. The name brahma Vishnu and Shiva are only functional names of such gods as per famous Rig veda suktam i.e. Purusha Suktam, Vishnu Suktam and Shree suktam as well as Sri Rudram. These hymns and slokas are composed by great Vedavyas in rig Veda and part of 11th kosh of Rigveda i.e. last. This is the reason that term Tat Purusham is found in Rig veda . i.e. அந்த பிரம்மம் . They have gayatri for Tat Purusham separately for every god . Example : Tat purushaya vidhmahe maha devaya dhimahi tanno rudra prachotayat(God who destroys every thing called rudra) Here Purusham does not mean shadow as intrepretated by veda people but it is brahmam doing creative pursuits. It is called Brahmaneeyam. Today brahmins should not be confused with brahmam or purusham or brahma anymore and they are certified brahmins by birth as per Indian kanoon only for caste based benefits or so
Speak in your own voice please,its doesn’t matter whether people make fun of your voice or not,be proud of yourself and I miss your old voice.
ब्रह्मा निराकार है विष्णु भगवान साकार हैं महेश महादेव आकार है सबकी समय की पालन करते हैं
प्राचीन हिन्दू संस्कृति और पूजा व अनुष्ठान को देखकर लगता है की अब तो सिर्फ दिखावा मात्र ही रह गया है और धर्म के नाम पर किसी भी तरह से सिर्फ पैसा कमाना ही एकमात्र लक्ष्य रह गया है, जय महाकाल।
Amezing research great 👍👍👍👍 satyam Shivam Sundaram
Namaskar Praveen Mohan Ji
Your Work is Inspiring.
आपका शोध, तर्क और समझने की शक्ति विलक्षण है l आप पुरातन हिंदू संस्कृति, सभ्यता पर शोध कर देश के लिए बहुत बड़ा कार्य कर रहे हैं l भारत सरकार से इस महान कार्य के लिए आपको पद्म अवार्ड से नवाजा जाना चाहिए l
Thanks a lot for sharing this knowledgeable video.
🙏
Ram Ram ji ❤❤❤
Great information
I humbly request you to plz don't record video in AI voice plz plz plz plz 🙏 😢
सिर्फ परम ब्रह्म जो हरि है जो ब्रम्हा, विष्णु और महेश सहित इस ब्राम्हण में जो कुछ भी है उन सभी का संचालन करते है। यहां पर स्थानीय लोग root अर्थात् जड़ की पूजा कर रहे है पत्तियों की नही। जड़ को सम्मान देने में सभी पत्तियों का सम्मान अपने आप ही हो जाता है। अर्थात पहला सम्मान जड़ को फिर उसके बाद आपका मन जिसको दे और वैसा ही भोगें और भोगते रहे अनंत अनंत कालो तक।
ये खाली जगह अग्नि वेदी भी तो हो सकती है ??
🙏 यदि यह अग्निवेदी होती तो वहाँ हवन का प्रमाण मिलता परन्तु वह स्थान राख , धुआं , घृत या पूजा सामग्री के किसी अवशेष से मुक्त एवं स्वच्छ है।
Praveen Mohan ji NAMAN 🙏 for Excellent Presentation .
🌺👍🌺