#कुंडलिनी

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  • Опубліковано 19 вер 2023
  • #कुंडलिनी शक्ति जगाएं |
    पटियाला से लक्ष्मी नारायण जी पूछते हैं कुंडलिनी जागरण कैसे हो कुछ उपाय बताएं,
    कुंडली जागरण का अर्थ
    हमारे भीतर एक अनंत ऊर्जा का स्रोत है हम सब उस #ऊर्जा से ही संचालित हैं
    वह ऊर्जा ज्यादातर हमारे नीचे के चक्रों पर रहती है प्रकृति के द्वारा जो ऊर्जा हमको मिली है वह हमारे मूलाधार चक्र पर सांप की तरह कुंडली मारकर बैठी हुई है जब वहां से उठती है या ऐसा कहें की कुंडली जब खुलती है सांप की, तब उसको कुंडलिनी जागरण बोलते हैं लेकिन
    हकीकत में कुंडली जागरण क्या है जब सारे चक्र को भेदते हुए जब आपकी ऊर्जा सहस्रार पर आती है और कम से कम 7 दिनों तक लगातार वहां पर बनी रहनी चाहिए वहां से एक क्षण के लिए भी हटनी नहीं चाहिए कम से कम 7 दिनों के लिए 3 महीनो के लिए हो सके तो आपकी ऊर्जा वहां ठहर जाए तो बहुत सुंदर स्थिति हो जिस समय सारी ऊर्जा सहस्रार पर आ जाएगी
    सारे संसार को ऐसा लगेगा जैसे आप नशा करते हैं भांग खाते हैं
    #भगवान शिव के बारे में इसीलिए प्रचलित है कि वह भांग खाते हैं धतूरा खाते हैं हकीकत में उनका कुंडली जागरण हुआ है इसलिए वह नशे में चलते होंगे डगमगाते डगमगाते चलते होंगे इसी नशे को गुरु नानक देव जी कहते हैं नाम खुमारी नानका चढ़ी रहे दिन रात कितनी परम आनंद की स्थिति है
    मुझे 5 जून सन 2001 को कुंडलिनी जागरण की घटना घटी
    मैं नेपाल में साधना कर रहा था और फिर मुझको 6 में सन 2002 को परम ज्ञान उपलब्ध हुआ दोनों के बीच में 11 महीने का अंतराल था 11 महीने मैं कुंडलिनी जागरण को जिया इस घटना में इतना आनंद है कि वापस आने की भी इच्छा नहीं होती जापान में इसको मिनी इनलाइटनमेंट कहते हैं
    कुंडलिनी जागरण की सुंदरतम विधि
    जिससे मेरा कुंडलिनी में जागरण हुआ वह है नृत्य वह उत्सव वह है सेलिब्रेशन झूम करके नाचना शुरू करें उदास रहना बंद करें आप जितना उदास रहेंगे आपकी ऊर्जा नीचे के चक्रों पर रहेगी
    सुंदरतम तकनीक है सोने से लेकर जागने तक और जागने से लेकर सोने तक एक उमंग आपके अंदर होनी चाहिए एक थिरकन आपके भीतर एक नृत्य आपके भीतर होना चाहिए देखें पत्ता पत्ता नाच रहा है हम इंसान होकर भी दुखी हैं नाचना शुरू करें किसी भी बहाने रोज सुबह सुबह नाचे दोपहर शाम जी भर के नाचें परिवार के साथ मगन होकर कीर्तन करें और नाचें और उत्सव मनाएं और नाचते वक्त कोशिश करें कि धीरे-धीरे नाचने वाला विलीन होने मिटने लगे तो आपकी सारी ऊर्जा सहस्रार पर आ जाएगी और सहस्रार पर जमा होनी शुरू हो जाएगी जब आपकी ऊर्जा परमानेंट सहस्त्रार पर आएगी तो आपको झलकियां मिलनी शुरू होगी जब कभी-कभी वहां ऊर्जा थोड़ी देर के लिए ठहर जाएगी तो बड़ा मजा आएगा
    जैसे कोई रस वहां से बरस रहा है फिर वहां से खिसक जाएगी फिर थोड़ा देर बाद आप कुछ ध्यान का प्रयोग करेंगे तो वापस वही आ जाएगी फिर किसी कारणवश घर में किसी से झगड़ा या नोक झोक हो जाएगी तो ऊर्जा वापस नीचे आ जाएगी लेकिन अगर आप नाचते ही गए उमंग से भरते ही गए तो एक घड़ी ऐसी आएगी कि आपकी ऊर्जा वहां पर जमा हो जाएगी सहस्रार पर
    ऊर्जा एक सेकंड के लिए नीचे नहीं आनी चाहिए उसको हम कुंडलिनी जागरण बोलते हैं स्थाई रूप से कुछ दिन के लिए वहां ठहर जाएं अब आप आनंदम के हिस्से हैं यह पहले विधि है सुनिए दूसरी विधि है मूलबंध मैंने दोनों विधियों की है। मूलबंध का मतलब है जहां से ऊर्जा नीचे बहती है नीचे के तीनों चक्र इन तीनों पर बंध लगा दे
    #तीनों बंद लगाए के संग सुन अनहद कानघोर
    नानक शून्य समाधि में नहीं सांझ नहीं भोर
    सबसे ज्यादा जो ऊर्जा संसार में बहती है वह मूलाधर चक्र
    सबसे ज्यादा ऊर्जा जहां से बहती है वह है स्वाधिष्ठान चक्र तीसरा जहां से नीचे जाने की संभावना है वह है हारा केंद्र नाभि चक्र इन तीनों पर इकट्ठे आप बंध लगाएं और बंध लगाकर अपनी सारी सूरती को ऊपर सहस्रार की ओर ले जाएं और ऐसा करते रहने से आपकी सारी ऊर्जा सहस्रार पर ईकट्ठी होना शुरू हो जायगी बस इतना करना है मुंह से सांस उनींच दे झटके से (वीडीओ में आप अच्छे से सिख सकते हैं) नाभि पर गढ्ढा बन जायेगा सेक्स ऑर्गन को सिकोड़ कर रखें गुदा द्वार को भी सिकोड़ लें वही मूलबंध का स्विच है कहां से मूल बंध ऑन ऑफ होता है सेक्स ऑर्गन स्वाधिष्ठान चक्र के बटन है जहां से स्वादिष्ठान चक्र ऑन और ऑफ होता है और नाभी हारा केंद्र के बटन है
    अब जो ऊर्जा नीचे बहनी थी वह नीचे नहीं आएगी अगर बारिश होती है तो पानी वहीं भरता है जहां गड्ढा होता है अब जब अपने तीनों चक्र पर गड्ढा कर दिया तो वहां पर ऊर्जा जब पूरी भर जाएगी तो कहां जाएगी ऊपर की तरफ जाएगी ना लेकिन इस प्रयोग को कम से कम 300 बार करना है एक क्षण भी बर्बाद नहीं करना याद रखना मृत्यु नजदीक आ रही है आप कैसे समय पर बर्बाद कर सकते हैं एक एक क्षण को भी साधना में लगा दें तो जब आप मूल बंध लगाएंगे तो मूल बंध लगाते समय अगर आपका ख्याल सहस्रार की तरफ रहेगा तो सारी ऊर्जा सहस्रार की तरफ आ जाएगी आपका ख्याल आपकी सुरती ऊर्जा के लिए भोजन का काम करती है शुरू में झलकियां मिलने शुरू होगी कभी एक-दो मिनट के लिए कभी पल दो पल के लिए फिर कभी घंटे 2 घंटे के लिए फिर एक समय ऐसा आएगा जब स्थाई रूप से ऊर्जा सहस्रार पर ही रहेगी तो फिर आपका कुंडलीनी जागरण हो जाएगा
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КОМЕНТАРІ • 20

  • @richakumari9282
    @richakumari9282 10 місяців тому +2

    Mere satguru ji prnam

  • @kabira4447
    @kabira4447 10 місяців тому +1

    ❤❤❤❤❤

  • @gurjindersingh4709
    @gurjindersingh4709 10 місяців тому +1

    🙏🌷🙏

  • @rajpalsingh7423
    @rajpalsingh7423 10 місяців тому +1

    Bahut Sundar Swami Ji ke charanon mein koti koti pranam

  • @daisykamboj487
    @daisykamboj487 10 місяців тому +1

    Swami ji koti koti Naman 💐🙏🙏😊

  • @poonamverma1261
    @poonamverma1261 10 місяців тому +1

    Prnam swamiji 🙏🙏❤

  • @toshalichaudhari7257
    @toshalichaudhari7257 10 місяців тому +1

    Dhanyawad prabhu ji ❤

  • @chetansharma4396
    @chetansharma4396 6 місяців тому +1

    Pranaamji

  • @SukhmanKaur-y4g
    @SukhmanKaur-y4g 8 днів тому

    कैसे करें कुंडलिनी जागरण गुरु जी ने बहुत ही अच्छा और आसान तरीका बताया Thankyou guru ji❤❤ wow gajab

  • @pushpawadhwa8347
    @pushpawadhwa8347 10 місяців тому +1

    Parnam guru ji 🙏🙏🙏

  • @sangitagolhar6491
    @sangitagolhar6491 10 місяців тому +1

    Thank you so much swamiji pranam ❤❤

  • @manjithsingh7836
    @manjithsingh7836 10 місяців тому +1

    PRNAM GURU JI 🌹🕉️🙏🚩

  • @shubhampachbhai3757
    @shubhampachbhai3757 10 місяців тому +1

    #kundalinijagaran ki bahut saral vidhi btayi swami ji ,, Thank you

  • @taniyaghosh1898
    @taniyaghosh1898 10 місяців тому +1

    Easy method for Kundali Jagran.. Thank-you my Gurudev 🙏😇

  • @neha02818
    @neha02818 10 місяців тому +1

    Explained really in simpler easy and beautiful way, the process of Kundali Jagran😊 thank you Swami ji😇😇😇

  • @manugarg558
    @manugarg558 10 місяців тому +2

    Swami ji kya shunya hi parmatma hai

  • @Savitrichillar-er8xh
    @Savitrichillar-er8xh 10 місяців тому +2

    Pranam swamiji 🙏🙏 Dance karte karte mit jana hi Anandam ko pana h🙏🙏🙏🙏

  • @ramchandrakhandare
    @ramchandrakhandare 8 місяців тому

    प्रणाम सवामिजी

  • @VivekanandShikshanSansthan
    @VivekanandShikshanSansthan 10 місяців тому +1

    Thank you so much Swami ji for telling us so simple and enjoyable method of Kundalini jagran

  • @omkara552
    @omkara552 10 місяців тому

    My Jigyasa is that :---
    Perbhu ney Duniya bnatey huey kiis base pr alug alug shrir diye ...like 84 lack yonis etc. ... whereas whenever duniya bnayi hogi than kisi bhi aatma key koi purv karam to hongey hi nhi means no good or bad karma's in their karmik account so that on that karam base sarvshaktimaan should give differ differ bodies in differ differ yonis like pshu yoni..insaan yoni etc. ....???? Thnx🙏
    Jub Perbhu ney ek sey anek honey ka sankalp kra than alug alug aatmaye kya ek hi yoni ko prapt hui yaa alug alug 84 lack yonis mai jeevatmaye bun gyi ? Agr aisa hua than kya ye Perbhu ka bhed bhaav nhi hai ki kisi ko insaan bna diya kisi ko aur kuchch janvar etc ? Kyoki kuchch bhi bunnney sey phley sbhi aatmao ka kaarmik account to zero hi tha